प्रभात खबर के जमशेदपुर संस्करण ने पूरे किए 30 साल

झारखंड के लोकप्रिय हिंदी दैनिक प्रभात खबर ने अपने जमशेदपुर संस्करण के 30 वर्ष पूरे कर लिए हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 September, 2025
PrabhatKhabar845


झारखंड के लोकप्रिय हिंदी दैनिक प्रभात खबर ने अपने जमशेदपुर संस्करण के 30 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह संस्करण 8 सितंबर 1995 को शुरू हुआ था और तब से अब तक यह अखबार क्षेत्र की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक यात्रा का अहम हिस्सा बना हुआ है।

इस संस्करण ने लगातार विभिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियों को उजागर किया है और जनता की आवाज बनकर जमशेदपुर की तीन दशकों की प्रगति को दर्ज किया है। शहरी विकास, औद्योगिक वृद्धि और महिला सशक्तिकरण से लेकर खेल, साहित्य और मनोरंजन में शहर की सांस्कृतिक छाप तक प्रभात खबर ने हर उपलब्धि को प्रतिबिंबित किया है।

इस मौके पर प्रकाशन ने अपने पाठकों के प्रति आभार व्यक्त किया और माना कि उन्हीं के भरोसे और समर्थन से यह 30 वर्षों की यात्रा संभव हो पाई।

अखबार के संपादकीय में लिखा गया, “हमारे पाठकों के स्नेह और विश्वास के बिना यह उपलब्धि संभव नहीं होती। हम सभी के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट करते हैं।”

इस उपलब्धि (30 साल पूरे होने) को चिह्नित करते हुए जमशेदपुर संस्करण ने एक बार फिर यह वादा किया कि वह विश्वसनीय पत्रकारिता के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और अपने पाठकों के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोत बना रहेगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘अमर उजाला’ की टीम में फिर शामिल हुए युवा पत्रकार केशव मिश्रा

केशव मिश्रा इससे पहले करीब छह साल से अधिक नवभारत टाइम्स‘’ (Navbharat Times) में बतौर सीनियर सब एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

Last Modified:
Thursday, 06 November, 2025
Keshaw Mishra

युवा पत्रकार केशव मिश्रा एक बार फिर ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) की टीम में शामिल हो गए हैं। उन्होंने नोएडा में चीफ सब एडिटर के पद पर जॉइन किया है। बता दें कि ‘अमर उजाला’ समूह के साथ केशव मिश्रा की यह दूसरी पारी है।

केशव मिश्रा इससे पहले करीब छह साल से अधिक नवभारत टाइम्स‘’ (Navbharat Times) में बतौर सीनियर सब एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने 'दैनिक जागरण', नोएडा में सब एडिटर के तौर पर डेस्क पर करीब दो साल तक अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद ‘नवभारत टाइम्स’ जॉइन किया था।

केशव मिश्रा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से बतौर रिपोर्टर की थी। इसके बाद उन्होंने आगरा में ‘द सी एक्सप्रेस अखबार’ का दामन थाम लिया। यहां सब एडिटर के तौर पर उन्होंने करीब दो साल (नवंबर 2011-अगस्त 2013) तक अपनी सेवाएं दीं।

इसके बाद यहां से अपनी पारी को विराम देकर केशव मिश्रा 'दैनिक भास्कर' बठिंडा से जुड़ गए। इस अखबार से वह करीब दो साल (सितंबर 2013-मार्च 2015) तक जुड़े रहे और फिर 'अमर उजाला', रोहतक के साथ नई पारी शुरू कर दी।

जुलाई 2017 तक 'अमर उजाला' में काम करने के बाद केशव मिश्रा ने अगस्त 2017 में 'दैनिक जागरण' नोएडा में अपनी नई पारी का आगाज किया था और फिर यहां से वर्ष 2019 को बाय बोलकर वह ‘नवभारत टाइम्स’ आ गए थे, जहां से अपनी पारी को विराम देकर अब वह फिर से ‘अमर उजाला’ की टीम में शामिल हो गए हैं।

मूलरूप से प्रयागराज के रहने वाले केशव मिश्रा ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से केशव मिश्रा को नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘दैनिक भास्कर’ ने धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया पर जताया और भरोसा, अब सौंपी यह जिम्मेदारी

धर्मेन्द्र सिंह वर्ष 2011 से लगातार इस अखबार के साथ जुड़े हुए हैं। वह करीब ढाई साल से बतौर एडिटर, हरियाणा के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

Last Modified:
Tuesday, 04 November, 2025
DharmendraSingh78451

‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह ने वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया पर और अधिक भरोसा जताते हुए उन्हें अब और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत उन्हें नेशनल पॉलिटिकल एडिटर के पद पर प्रमोट किया गया है। साथ ही वह नेशनल ब्यूरो हेड के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। वह दिल्ली से अपना कामकाज संभालेंगे।

बता दें कि ‘दैनिक भास्कर’ समूह ने करीब ढाई साल पहले भी धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया को प्रमोट कर एडिटर, हरियाणा के पद पर नियुक्त किया था। उससे पहले धर्मेन्द्र सिंह वर्ष 2021 से ग्वालियर में बतौर रेजिडेंट एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह दिल्ली में दैनिक भास्कर के नेशनल ब्यूरो में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वह वर्ष 2011 से लगातार इस अखबार के साथ जुड़े हुए हैं।

मूल रूप से भिंड (मध्य प्रदेश) के रहने वाले धर्मेन्द्र सिंह को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2005 में ‘अमर उजाला’ मेरठ से की थी। इसके बाद वह इसी अखबार में नोएडा आ गए और बिजनेस पेज ‘कारोबार’ की कमान संभालने लगे। वर्ष 2008 में वह दैनिक भास्कर आ गए और इस समूह के बिजनेस अखबार ‘बिजनेस भास्कर’ में कॉरपोरेट इंचार्ज के तौर पर दिल्ली में अपनी पारी शुरू कर दी। यहां से उन्हें बिजनेस भास्कर का मध्य प्रदेश/छत्तीसगढ़ का प्रिंसिपल करेसपॉन्डेंट/ब्यूरो हेड बनाकर भोपाल भेज दिया गया।

इसके बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर ‘राजस्थान पत्रिका’ के समाचार पत्र ‘पत्रिका’ ग्वालियर में सिटी चीफ के रूप में अपनी नई पारी शुरू कर दी। हालांकि, यहां वह करीब एक साल तक ही कार्यरत रहे और वर्ष 2011 में फिर से ‘बिजनेस भास्कर’ लौट आए। करीब दो साल बाद इसी अखबार में इंदौर चले गए और फिर वर्ष 2014 में नेशनल आइडिएशन न्यूज रूम में ‘आ गए और वर्ष 2020 तक राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खबरों पर काम किया। इसके बाद वह दिल्ली में दैनिक भास्कर के नेशनल ब्यूरो में आ गए और फिर कुछ समय बाद वर्ष 2021 में उन्होंने रेजिडेंट एडिटर के तौर पर ग्वालियर की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद अप्रैल 2023 में समूह ने उन्हें एडिटर (हरियाणा) की जिम्मेदारी सौंपी थी और अब उन्हें नेशनल पॉलिटिकल एडिटर के पद पर प्रमोट किया गया है।

वर्ष 2014 से अप्रैल तक सात वर्ष में उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेश यात्राएं भी कीं। इसमें वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले की ‘महाभारत-2019 भारत यात्रा’ के अलावा कोरोना काल के दौरान जून 2020 से अगस्त 2020 तक ‘कोरोना काल, देश का आंखों देखा हाल’ (उत्तर प्रदेश-बिहार की यात्रा) प्रमुख रहीं।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया ने भोपाल स्थित ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय‘ से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

पुलिस जांच के चलते पंजाब में अखबार वितरण प्रभावित, विपक्ष ने प्रेस सेंसरशिप का आरोप लगाया

चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने भी इस कार्रवाई की निंदा की और इसे “सूचना के मुक्त प्रवाह में बाधा डालने की कोशिश” बताया।

Last Modified:
Monday, 03 November, 2025
Newspapers7845

रविवार सुबह पंजाब के कई हिस्सों में अखबार समय पर नहीं पहुंच पाए। इसका कारण पुलिस द्वारा किए गए वाहन जांच अभियान को बताया जा रहा है, जिसमें खासकर वाणिज्यिक वाहन निशाने पर थे। होशियारपुर और जालंधर जिलों में डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर तक वाहन लगभग सुबह 7:30 बजे पहुंचे, जिससे पाठकों तक अखबार देर से पहुंचे। कई डिलीवरी ड्राइवरों ने बताया कि उन्हें अखबार के बंडल उतरवाकर जांच के लिए देना पड़ा।

लुधियाना के सिविल लाइंस, मॉडल टाउन, दुगरी और सराभा नगर इलाकों में अखबार 8:30 बजे तक पहुंचे। एक डिस्ट्रीब्यूटर ने कहा, “रविवार को पहले ही डिलीवरी का बोझ ज्यादा होता है, आज की जांच ने और देरी कर दी।”
अमृतसर में भी डिस्ट्रीब्यूटर्स ने देरी की शिकायत की। एक निवासी, लक्षविंदर सिंह ने बताया कि उनके तीन अखबारों में से केवल एक ही देर से पहुंचा, क्योंकि सप्लाई वाहन पुलिस जांच के लिए रोके गए थे।

इस घटना पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रताप सिंह बाजवा ने इसे “पत्रकारिता पर हमला” करार दिया। उन्होंने कहा, “जिस मीडिया ने AAP को बनाया, वही अब इसे परेशान कर रही है।”

पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि कई जगह अखबार वाहन रोके गए और केवल पुलिस जांच के बाद ही आगे बढ़ने दिए गए। उन्होंने कहा, “इमरजेंसी के बाद पहली बार मीडिया को डराने और दबाने की कोशिश की गई है।”

कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वल्लिंग ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और इसे “पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए गंभीर मामला” बताया। कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा कि यह अभियान अरविंद केजरीवाल के चंडीगढ़ सरकारी बंगले में ठहरने की खबरों को दबाने के लिए किया गया।

शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सरकार अखबारों पर इसलिए निशाना साध रही है क्योंकि कोई उनके खिलाफ रिपोर्ट न लिखे।

पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि यह वाहन जांच सुरक्षा उपायों के तहत की गई थी। उन्होंने बताया कि पंजाब एक संवेदनशील सीमा राज्य है और पाकिस्तान की ISI ड्रोन और अन्य वाहनों के जरिए अवैध सामान, हथियार और विस्फोटक भेजने की कोशिश करती है। ऐसे में सुरक्षा बढ़ाने के लिए जांच जरूरी है। पुलिस ने कहा कि जनता को कम से कम परेशानी हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा, लेकिन सख्त सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने भी इस कार्रवाई की निंदा की और इसे “सूचना के मुक्त प्रवाह में बाधा डालने की कोशिश” बताया। क्लब ने पंजाब सरकार से कहा कि अखबार वितरण में कोई रुकावट न हो और प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड में थिरू मैथ्यू थॉमस बन सकते हैं स्वतंत्र निदेशक

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड (TNPL) ने हाल ही में हुई अपनी बोर्ड मीटिंग में दूसरी तिमाही और छमाही के वित्तीय नतीजों की समीक्षा के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

Last Modified:
Friday, 31 October, 2025
TNPL4751

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड (TNPL) ने हाल ही में हुई अपनी बोर्ड मीटिंग में दूसरी तिमाही और छमाही के वित्तीय नतीजों की समीक्षा के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

कंपनी ने बताया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की इस बैठक में थिरू मैथ्यू थॉमस को स्वतंत्र निदेशक (Independent Director) के रूप में नियुक्त की घोषणा की गई है। उनका कार्यकाल 27 अक्टूबर 2025 से 26 अक्टूबर 2028 तक रहेगा। यह नियुक्ति कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन होगी।

कंपनी ने कहा कि थिरू मैथ्यू थॉमस के पास कॉर्पोरेट गवर्नेंस और प्रबंधन का लंबा अनुभव है और उनके जुड़ने से बोर्ड की विशेषज्ञता और निर्णय क्षमता और मजबूत होगी।

TNPL ने यह भी स्पष्ट किया कि थिरू मैथ्यू थॉमस किसी भी नियामक संस्था जैसे सेबी (SEBI) या अन्य किसी प्राधिकरण द्वारा निदेशक पद संभालने से प्रतिबंधित नहीं हैं। साथ ही, वे कंपनी के किसी अन्य निदेशक से पारिवारिक या व्यावसायिक रूप से जुड़े नहीं हैं और उनके पास TNPL के कोई शेयर नहीं हैं।

शेयरधारकों से उनकी नियुक्ति के लिए सहमति प्राप्त करने के उद्देश्य से कंपनी ने पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला भी किया है। जिन लोगों के पास 24 अक्टूबर 2025 तक कंपनी के शेयर दर्ज होंगे, सिर्फ वही लोग इस प्रस्ताव (resolution) पर मतदान कर सकेंगे।

पोस्टल बैलेट प्रक्रिया की निगरानी के लिए आर. श्रीधरन एंड एसोसिएट्स के कंपनी सेक्रेटरी आर. श्रीधरन को स्क्रूटिनाइजर नियुक्त किया गया है। मतदान प्रक्रिया सीडीएसएल (Central Depository Services Limited) के ई-वोटिंग प्लेटफॉर्म के जरिए पूरी की जाएगी।

कंपनी ने बताया कि परिणामों की घोषणा के बाद उन्हें नियमानुसार अखबारों में प्रकाशित किया जाएगा।  

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उठा स्थानीय अखबारों को सरकारी विज्ञापन न मिलने का मुद्दा

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में स्थानीय अखबारों और अन्य मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न दिए जाने का मुद्दा उठाया।

Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
Tanvir757

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में स्थानीय अखबारों और अन्य मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर कई सालों से इन प्रकाशनों को विज्ञापन क्यों नहीं मिल रहे हैं।

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान बोलते हुए सादिक ने कहा, “अब तक मीडिया संस्थानों को राज्य सरकार की तरफ से कोई विज्ञापन नहीं दिया गया है। क्या सरकार इन्हें ‘देशविरोधी’ मानती है, या फिर इसके पीछे कोई और वजह है?”

उन्होंने आगे कहा, “यदि ये देशविरोधी हैं तो इन्हें बंद कर दीजिए, लेकिन यदि नहीं हैं तो फिर इन्हें भी बाकी अखबारों की तरह विज्ञापन मिलने चाहिए।”

सादिक ने कहा कि निष्पक्षता का तकाजा है कि हर अखबार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए। उन्होंने कहा, “कलम को इतनी आजादी तो मिलनी ही चाहिए कि उसे रोका न जाए।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक ने सरकार से अपील की कि वह सदन को बताए कि पिछले पांच, छह या सात सालों से कुछ अखबारों को विज्ञापन क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र मीडिया के लिए जरूरी है कि उसे अपना काम जारी रखने के लिए पर्याप्त समर्थन मिले।

सादिक ने कहा, “जब उनकी कलम मजबूत होगी, तभी वे हमारे खिलाफ या किसी और के खिलाफ लिख पाएंगे, लेकिन लिखने में रुकावट नहीं होनी चाहिए।”

उनका यह बयान विधानसभा में मौजूद सदस्यों का ध्यान इस ओर खींचने में कामयाब रहा कि स्थानीय मीडिया संस्थान कई वर्षों से सरकारी विज्ञापनों से वंचित हैं, जिससे उनके अस्तित्व पर असर पड़ रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उठा स्थानीय अखबारों को सरकारी विज्ञापन न मिलने का मुद्दा

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में स्थानीय अखबारों और अन्य मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न दिए जाने का मुद्दा उठाया।

Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
Tanvir78597

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में स्थानीय अखबारों और अन्य मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर कई सालों से इन प्रकाशनों को विज्ञापन क्यों नहीं मिल रहे हैं।

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान बोलते हुए सादिक ने कहा, “अब तक मीडिया संस्थानों को राज्य सरकार की तरफ से कोई विज्ञापन नहीं दिया गया है। क्या सरकार इन्हें ‘देशविरोधी’ मानती है, या फिर इसके पीछे कोई और वजह है?”

उन्होंने आगे कहा, “यदि ये देशविरोधी हैं तो इन्हें बंद कर दीजिए, लेकिन यदि नहीं हैं तो फिर इन्हें भी बाकी अखबारों की तरह विज्ञापन मिलने चाहिए।”

सादिक ने कहा कि निष्पक्षता का तकाजा है कि हर अखबार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए। उन्होंने कहा, “कलम को इतनी आजादी तो मिलनी ही चाहिए कि उसे रोका न जाए।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक ने सरकार से अपील की कि वह सदन को बताए कि पिछले पांच, छह या सात सालों से कुछ अखबारों को विज्ञापन क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र मीडिया के लिए जरूरी है कि उसे अपना काम जारी रखने के लिए पर्याप्त समर्थन मिले।

सादिक ने कहा, “जब उनकी कलम मजबूत होगी, तभी वे हमारे खिलाफ या किसी और के खिलाफ लिख पाएंगे, लेकिन लिखने में रुकावट नहीं होनी चाहिए।”

उनका यह बयान विधानसभा में मौजूद सदस्यों का ध्यान इस ओर खींचने में कामयाब रहा कि स्थानीय मीडिया संस्थान कई वर्षों से सरकारी विज्ञापनों से वंचित हैं, जिससे उनके अस्तित्व पर असर पड़ रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

सरकार प्रिंट में 26% बढ़ा सकती हैं विज्ञापन दरें

सरकार पारंपरिक यानी अखबार, रेडियो और टीवी जैसे मीडिया माध्यमों को नई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से हो रहे असर से बचाने के लिए कई कदम उठाने की तैयारी कर रही है।

Last Modified:
Monday, 27 October, 2025
PrintIndustry84512

सरकार पारंपरिक यानी अखबार, रेडियो और टीवी जैसे मीडिया माध्यमों को नई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से हो रहे असर से बचाने के लिए कई कदम उठाने की तैयारी कर रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) के मुताबिक, सरकार इस दिशा में बड़े सुधारों पर काम कर रही है ताकि पारंपरिक मीडिया का संतुलन बना रहे।

प्रिंट मीडिया के लिए बढ़ेंगी विज्ञापन दरें

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार प्रिंट मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में 26 फीसदी की बढ़ोतरी करने जा रही है। इस बढ़ोतरी का आधिकारिक नोटिफिकेशन 15 नवंबर के बाद जारी किया जाएगा। इससे अखबारों और पत्रिकाओं को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से इनकी आमदनी पर असर पड़ा है।

डिजिटल शिफ्ट से प्रभावित हो रही आजीविका

न्यूजल एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पारंपरिक मीडिया का तेजी से डिजिटल फॉर्मेट में बदलना कई लोगों की आजीविका पर असर डाल रहा है, खासकर उन कर्मचारियों पर जो लंबे समय से प्रिंट सेक्टर में काम कर रहे हैं।

रेडियो के लिए हटेंगे नियमों के बंधन

रेडियो क्षेत्र में भी सरकार विकास की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए मौजूदा नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है। फिलहाल कई तरह की रेगुलेटरी पाबंदियों के कारण यह सेक्टर अपनी पूरी क्षमता से नहीं बढ़ पा रहा है।

टीवी रेटिंग सिस्टम में सुधार की तैयारी

टीवी चैनलों के लिए सरकार रेटिंग सिस्टम में आ रही गड़बड़ियों को दूर करने पर भी काम कर रही है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ऐसा सिस्टम बनाना चाहती है जो सभी चैनलों को बराबरी का मौका दे।

डीटीएच सेक्टर में भी सुधार की योजना

इसके साथ ही डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) सेक्टर में भी सुधार की तैयारी चल रही है ताकि ‘फ्री डिश’ सेवाओं की पहुंच बढ़ाई जा सके और उनकी लागत कम की जा सके।

रेटिंग सुधार पर परामर्श पत्र तैयार

सूत्रों ने पुष्टि की है कि रेटिंग सुधारों को लेकर एक परामर्श पत्र (consultation paper) पहले ही तैयार किया जा चुका है। यह कदम सरकार के उस बड़े उद्देश्य का हिस्सा है, जिसके तहत वह पारंपरिक मीडिया को स्थिर करने और उसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों पर लगाई पाबंदी

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

Last Modified:
Wednesday, 22 October, 2025
ECI8745

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में विज्ञापन नहीं छाप सकता, जब तक उसकी सामग्री राज्य या जिला स्तर की मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (MCMC) से पहले प्रमाणित न हो।

बिहार के चुनावों के लिए यह नियम चरण-I में 5 और 6 नवंबर, 2025 और चरण-II में 10 और 11 नवंबर, 2025 को लागू रहेगा। चुनाव आयोग ने बिहार विधान सभा के आम चुनाव और आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए मतदान की तारीखें 6 और 11 नवंबर, 2025 तय की हैं।

जो लोग प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करना चाहते हैं, उन्हें दो दिन पहले MCMC में आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर MCMC सक्रिय कर दी गई है, ताकि विज्ञापनों की समीक्षा और प्रमाणन शीघ्रता से किया जा सके।

चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को समान अवसर देने और मतदान से ठीक पहले मतदाताओं पर अनियंत्रित प्रभाव डालने से बचाने के लिए उठाया गया है।

इसके अलावा, बिहार विधानसभा चुनाव की निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने पहले ही सेंट्रल पर्यवेक्षक, सामान्य और पुलिस पर्यवेक्षक तैनात कर दिए हैं। पहले चरण के लिए 121 सामान्य और 18 पुलिस पर्यवेक्षक, दूसरे चरण के लिए 122 सामान्य और 20 पुलिस पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। आठ उपचुनाव क्षेत्रों के लिए भी 8 सामान्य और 8 पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।

चुनाव आयोग के अनुसार, पर्यवेक्षकों को पूरी चुनाव प्रक्रिया की निगरानी, पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं की शिकायतों का समाधान समय पर हो और मतदान केंद्रों पर सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध हों।

इस तरह चुनाव आयोग बिहार में चुनाव प्रक्रिया को स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए हर स्तर पर सक्रिय है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘डी.बी. कॉर्प’ ने घोषित किए Q2 FY26 के वित्तीय नतीजे, रेवेन्यू में इजाफा

‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की पब्लिशिंग कंपनी डी.बी. कॉर्प लिमिटेड (D.B. Corp Limited) ने 30 सितंबर 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इ

Last Modified:
Thursday, 16 October, 2025
DB Corp

‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की पब्लिशिंग कंपनी डी.बी. कॉर्प लिमिटेड (D.B. Corp Limited) ने 30 सितंबर 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इन नतीजों के अनुसार, कंपनी ने इस तिमाही में 13% सालाना बढ़त के साथ 93.5 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया है।

पिछले साल इसी अवधि में कंपनी का मुनाफा 82.6 करोड़ रुपये था। यह वृद्धि मजबूत विज्ञापन आय और बेहतर संचालन के चलते दर्ज की गई है। हालांकि लागत में दबाव और विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) नुकसान का असर भी रहा। तिमाही-दर-तिमाही तुलना में कंपनी का मुनाफा 15.6 प्रतिशत बढ़ा है।

इन नतीजों के अनुसार, कंपनी की विज्ञापन आय सालाना आधार पर करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 447.8 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही में 401.4 करोड़ रुपये थी। त्योहारों के प्रारंभिक प्रभाव को छोड़ दें तो विज्ञापन रेवेन्यू में ‘हाई सिंगल डिजिट’ ग्रोथ रही।

पिछली तिमाही की तुलना में भी विज्ञापन आय करीब 13 प्रतिशत बढ़ी, जो विज्ञापनदाताओं के सकारात्मक रुख को दर्शाती है। इस दौरान कुल राजस्व में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 582.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 634.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, सर्कुलेशन (अखबार बिक्री) रेवेन्यू 3 प्रतिशत बढ़कर 120.8 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 117.5 करोड़ रुपये था।

कंपनी का EBIDTA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation and Amortization) 10 प्रतिशत बढ़कर 158.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल 144.2 करोड़ रुपये था। इसमें 0.9 करोड़ रुपये के फॉरेक्स नुकसान का समायोजन किया गया है। कंपनी ने बेहतर लागत प्रबंधन के जरिये अच्छे मार्जिन बनाए रखे। फॉरेक्स नुकसान 1.5 करोड़ रुपये घटाने के बाद शुद्ध लाभ 93.5 करोड़ रुपये रहा, जो लगातार लाभप्रदता को दर्शाता है।

रेडियो सेगमेंट में कंपनी की विज्ञापन आय 4 प्रतिशत बढ़कर 43 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 41.4 करोड़ रुपये थी। हालांकि, इस सेगमेंट का EBIDTA मामूली गिरावट के साथ 13 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह 13.2 करोड़ रुपये था।

वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (H1 FY26) में डी.बी. कॉर्प का कुल रेवेन्यू 1,221.9 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,198.8 करोड़ रुपये से 2 प्रतिशत अधिक है।

विज्ञापन रेवेन्यू 845.5 करोड़ रुपये रहा, जो 2 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है, जबकि सर्कुलेशन आय 241.1 करोड़ रुपये रही, इसमें भी 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इस दौरान कंपनी का EBIDTA 296.8 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 335.1 करोड़ रुपये था। यानी लागत दबाव का असर दिखा।

फॉरेक्स नुकसान 1.75 करोड़ रुपये घटाने के बाद कंपनी का शुद्ध लाभ 174.3 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 200.4 करोड़ रुपये से कम है।

रेडियो कारोबार में, पहली छमाही में विज्ञापन आय 2.5 प्रतिशत बढ़कर 82.2 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 80.2 करोड़ रुपये थी। हालांकि, EBIDTA 24.5 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 26.4 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है।

डी.बी. कॉर्प ने कहा कि उसका प्रदर्शन विज्ञापन और सर्कुलेशन रेवेन्यू में स्थिर सुधार को दर्शाता है, जिसे त्योहारी मांग और क्षेत्रीय बाजारों में उपभोग में मजबूती से समर्थन मिला है। हालांकि कंपनी ने यह भी माना कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का बढ़ता उपयोग और लागत में बढ़ोतरी अभी भी प्रिंट मीडिया सेक्टर को प्रभावित कर रहे हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

वरिष्ठ पत्रकार अमरेंद्र कुमार की पुस्तक ‘नीले आकाश का सच’ का लोकार्पण आज

दिल्ली स्थित कॉन्सीट्यूशन क्लब के स्पीकर हॉल में इस पुस्तक का विमोचन देश के वरिष्ठ विचारक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अध्यक्ष रामबहादुर राय करेंगे।

Last Modified:
Wednesday, 15 October, 2025
Book Launching...

वरिष्ठ पत्रकार अमरेन्द्र कुमार की नवप्रकाशित पुस्तक ‘नीले आकाश का सच (बिहार और झारखंड के अनसुने किस्से)’ का लोकार्पण बुधवार 15 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा। यह कार्यक्रम दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कॉन्सीट्यूशन क्लब के स्पीकर हॉल में शाम 4 बजे आयोजित होगा।

इस पुस्तक का विमोचन देश के वरिष्ठ विचारक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अध्यक्ष रामबहादुर राय करेंगे।

कार्यक्रम में प्रसिद्ध पत्रकार व ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ के डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश तथा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं लेखक विराग गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

इस अवसर पर बिहार और झारखंड के सामाजिक, सांस्कृतिक और पत्रकारिता से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक ने दोनों राज्यों के जीवन, संघर्ष और समाज की असल झलक पाठकों के सामने रखी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए