Meta को 479 मिलियन यूरो डिजिटल मीडिया कंपनियों को देने का आदेश

इस बीच, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने भी संसद की एक कमेटी को मेटा की जांच करने के आदेश दिए हैं, ताकि पता चल सके कि कंपनी ने यूज़र्स की प्राइवेसी का उल्लंघन किया है या नहीं।

Last Modified:
Friday, 21 November, 2025
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स्पेन की एक अदालत ने फेसबुक व इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) को 479 मिलियन यूरो (551.76 मिलियन डॉलर) यानी करीब 4,500 करोड़ रुपये स्पेन के डिजिटल मीडिया कंपनियों को भुगतान करने का आदेश दिया है।

अदालत ने कहा कि मेटा ने यूजर्स का डेटा गलत तरीके से इस्तेमाल किया और इसी वजह से उसे ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में “अनुचित फायदा” मिला। यह मुआवजा 87 डिजिटल न्यूज वेबसाइट्स और एजेंसीज को दिया जाएगा।

मामला फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यूजर्स के निजी डेटा का इस्तेमाल करके टारगेटेड ऐड चलाने से जुड़ा है। अदालत का कहना है कि यह EU के डेटा प्रोटेक्शन नियमों का उल्लंघन है।

मेटा की तरफ से इस फैसले पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

इस बीच, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने भी संसद की एक कमेटी को मेटा की जांच करने के आदेश दिए हैं, ताकि पता चल सके कि कंपनी ने यूज़र्स की प्राइवेसी का उल्लंघन किया है या नहीं।

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ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के Instagram अकाउंट 4 दिसंबर से होंगे बंद

ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेट रेगुलेटर का अनुमान है कि करीब 3.5 लाख Instagram और 1.5 लाख Facebook यूजर्स 13–15 साल की उम्र के हैं।

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Friday, 21 November, 2025
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ऑस्ट्रेलिया में अब 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है। इसी के तहत इंस्ट्राग्राम (Instagram) ने 13–15 साल के यूजर्स के अकाउंट 4 दिसंबर से बंद करना शुरू कर देगा। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक Meta (इंस्ट्राग्राम, फेसबुक, थ्रेड्स की पैरेंट कंपनी) ऐसे बच्चों को नोटिफिकेशन भेज रही है कि उनका अकाउंट जल्द ही डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा।

नई ऑस्ट्रेलियाई कानून के मुताबिक, यह नियम TikTok, YouTube, X, Reddit और कई दूसरे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू होगा।

Meta बच्चों को मैसेज, ईमेल और ऐप के अंदर अलर्ट भेजकर बता रही है कि वे उम्र की शर्त पूरी नहीं करते। 4 दिसंबर से 16 साल से कम उम्र के बच्चे नए अकाउंट भी नहीं बना पाएंगे। कंपनी ने कहा कि बच्चे चाहें तो अकाउंट बंद होने से पहले अपने फोटो, वीडियो और मैसेज डाउनलोड कर सकते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेट रेगुलेटर का अनुमान है कि करीब 3.5 लाख Instagram और 1.5 लाख Facebook यूजर्स 13–15 साल की उम्र के हैं।

यदि किसी बच्चे की उम्र सही है, तो वह कैसे करे अपील 

Meta ने कहा कि जो बच्चे खुद को 16 साल से ऊपर बताते हैं, वे उम्र साबित करने के लिए या तो ‘वीडियो सेल्फी’ अपलोड कर सकते हैं या फिर सरकार द्वारा जारी कोई पहचान पत्र- जैसे ड्राइविंग लाइसेंस दे सकते हैं।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट कहती है कि कोई भी तरीका पूरी तरह सही साबित नहीं हुआ है।

नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना

अगर कोई सोशल मीडिया कंपनी 16 साल से कम उम्र के बच्चों को प्लेटफॉर्म से दूर रखने में नाकाम रही, तो उस पर 5 करोड़ ऑस्ट्रेलियन डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है। Meta का कहना है कि यह प्रक्रिया लगातार चलने वाली है और इसे कई स्तरों पर लागू किया जाएगा।

Meta चाहती है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति जरूरी हो। कंपनी का कहना है कि बच्चे काफी होशियार होते हैं और नियमों को चकमा देने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन फिर भी वे कानून का पालन करेंगे।

जानिए, सरकार ने क्यों लगाया यह बैन 

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इसे “दुनिया में सबसे आगे बढ़कर उठाया गया कदम” बताया। सरकार का कहना है कि इसका मकसद बच्चों को सोशल मीडिया पर मौजूद दबावों और खतरों से बचाना है।

इसी बीच, गेमिंग प्लेटफॉर्म Roblox ने भी घोषणा की है कि वह 16 साल से कम उम्र के बच्चों को वयस्क यूजर्स के साथ चैट करने नहीं देगा। दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और नीदरलैंड में सख्ती शुरू होगी और जनवरी से यह नियम दुनिया भर में लागू होगा।

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महिला पत्रकारों पर भड़के ट्रंप, व्हाइट हाउस ने किया बचाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीते दिनों दो महिला पत्रकारों पर भड़क गए थे, जिसके बाद इस मामले पर व्हाइट हाउस उनका बचाव करता नजर आया।

Last Modified:
Thursday, 20 November, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीते दिनों दो महिला पत्रकारों पर भड़क गए थे, जिसके बाद इस मामले पर व्हाइट हाउस उनका बचाव करता नजर आया। व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप बस उन चैनलों और पत्रकारों को जवाब दे रहे थे जो पिछले 8 साल से उनके खिलाफ “झूठ फैलाने की कोशिश” कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप हाल ही में ABC News की पत्रकार मैरी ब्रूस और Bloomberg की रिपोर्टर कैथरीन लूसी से सवालों पर नाराज हो गए थे।

ABC News को तो व्हाइट हाउस ने “डेमोक्रेट्स का प्रचार चलाने वाला नेटवर्क” तक कह दिया। तो वहीं, Bloomberg की रिपोर्टर को ट्रंप ने एयर फोर्स वन में “Quiet, Piggy” कहकर टोका। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि रिपोर्टर अपने साथी पत्रकारों के साथ “नॉन-प्रोफेशनल तरीके” से पेश आ रही थीं।

बुधवार को व्हाइट हाउस ने अपने बचाव को और मजबूत करते हुए एक फैक्ट शीट जारी की। इसमें पिछले 8 साल के कई उदाहरण दिए गए हैं, जिनके बारे में उनका दावा है कि मीडिया ने जानबूझकर ट्रंप के खिलाफ गलत जानकारी फैलाई और उन करोड़ों अमेरिकियों को निशाना बनाया जिन्होंने उन्हें कई बार राष्ट्रपति चुना।

यह विवाद उस वक्त तेज हुआ जब ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान ABC की मैरी ब्रूस से कहा कि वह “मेहमान को शर्मिंदा न करें।” ब्रूस ने सऊदी पत्रकार की 2018 में हत्या और ट्रंप परिवार के बिजनेस डील से जुड़े सवाल पूछे थे। ट्रंप ने उन्हें “terrible reporter” कहकर ABC की लाइसेंसिंग तक रद्द करने की धमकी दे दी।

Bloomberg की रिपोर्टर लूसी से जुड़े एक और वीडियो में दिखा कि विमान में कई रिपोर्टर एक साथ सवाल पूछने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान ट्रंप ने उन्हें “Quiet, Piggy” कह दिया।

व्हाइट हाउस का कहना है कि अगर पत्रकार “तीखे सवाल” पूछ सकते हैं, तो उन्हें “कठोर जवाब” सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

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Meta को बड़ी जीत, Instagram व WhatsApp डील पर एंटीट्रस्ट केस खारिज

अमेरिका की अदालत ने उस हाई-प्रोफाइल केस को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें सरकार चाहती थी कि Meta Instagram और WhatsApp को अलग कर दे।

Last Modified:
Wednesday, 19 November, 2025
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Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। अमेरिका की अदालत ने उस हाई-प्रोफाइल केस को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें सरकार चाहती थी कि Meta Instagram और WhatsApp को अलग कर दे। कोर्ट ने साफ कहा कि Meta ने एक दशक पहले जो खरीदारी की थी, वह सोशल मीडिया बाजार में गलत तरीके से एकाधिकार बनाने जैसा नहीं है। इसका मतलब यह है कि Instagram और WhatsApp अब पूरी तरह Meta के साथ ही रहेंगे।

यह फैसला अमेरिका में बिग टेक कंपनियों पर चल रही कड़ी जांच में Meta के लिए पहली बड़ी जीत है। फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) चाहता था कि Meta इन कंपनियों को बेच दे या अलग करे ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धा बनी रहे। FTC का कहना था कि Meta ने इन्हें खरीदकर नए और छोटे प्रतियोगियों को खत्म कर दिया।

Meta के शेयरों पर यह खबर हल्का असर ही दिखा और वे $599.95 पर बंद हुए। Meta के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे प्रोडक्ट लोगों और व्यवसायों के लिए फायदेमंद हैं और अमेरिकी नवाचार और आर्थिक विकास का उदाहरण हैं। हम आगे भी अमेरिका में निवेश जारी रखेंगे।"

FTC ने फैसले पर निराशा जताई और कहा कि अब वे सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

फेसबुक ने 2012 में Instagram और 2014 में WhatsApp खरीदा था। उस समय FTC ने इन डील्स को नहीं रोका, लेकिन 2020 में FTC ने दावा किया कि Meta के पास अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में मोनोपोली है।

Meta ने जवाब दिया कि TikTok, YouTube और Apple जैसी कंपनियों से उसे बहुत प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। जज जेम्स बोसबर्ग ने Meta की बात मानी और कहा कि सोशल मीडिया का परिदृश्य अब पहले जैसा नहीं है। लोग YouTube और TikTok का भी इस्तेमाल करते हैं और आउटेज के समय इन्हें अधिक पसंद करते हैं। जज ने यह भी कहा कि TikTok जैसी कंपनियों के कारण Meta को अपने शॉर्ट वीडियो फीचर Reels में 4 बिलियन डॉलर खर्च करने पड़े।

यह केस अमेरिका में बिग टेक कंपनियों पर बढ़ते कड़े कानून और जांच का हिस्सा है। इसी तरह Google और Apple के खिलाफ भी अलग-अलग केस चल रहे हैं। 

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बांग्लादेश में मीडिया को चेतावनी, शेख हसीना के बयान न दिखाएं, नहीं तो होगी कार्रवाई

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को चेतावनी दी है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान प्रकाशित या प्रसारित न करें।

Last Modified:
Tuesday, 18 November, 2025
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को चेतावनी दी है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान प्रकाशित या प्रसारित न करें। सरकार ने यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के हवाले से उठाया है।

नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी (NCSA) ने सोमवार को जारी प्रेस रिलीज में कहा कि हसीना के बयान हिंसा, अव्यवस्था और अपराध को भड़काने वाले निर्देश या आह्वान हो सकते हैं, जो समाज में शांति बिगाड़ सकते हैं।

रिलीज में मीडिया से कहा गया, 'हम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में मीडिया से जिम्मेदारी से काम करने की अपील करते हैं।'

एजेंसी ने बताया कि कुछ मीडिया संगठन 'दोषी और भगोड़े' हसीना के कथित बयान प्रसारित कर रहे हैं। ऐसे बयान साइबर सिक्योरिटी आदेश के तहत अवैध माने जाते हैं और सरकार को अधिकार है कि ऐसा कंटेंट हटाया या ब्लॉक किया जाए, जो राष्ट्रीय अखंडता, सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या जातीय/धार्मिक नफरत को बढ़ावा देता हो या सीधे हिंसा भड़का सकता हो।

NCSA ने यह भी कहा कि गलत पहचान का उपयोग या सिस्टम में गैरकानूनी तरीके से घुसकर नफरत फैलाना या हिंसा के लिए बुलावा देना सजा योग्य अपराध है। इसके लिए अधिकतम दो साल की जेल और/या 10 लाख टका का जुर्माना हो सकता है।

एजेंसी ने यह भी जोर दिया कि प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है, लेकिन मीडिया को दोषी व्यक्तियों के हिंसक या उत्तेजक बयान प्रसारित करने से बचना चाहिए और अपने कानूनी दायित्वों का ध्यान रखना चाहिए।

सोमवार को बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। यह सजा उनके द्वारा पिछले साल छात्र-प्रदर्शनों पर की गई कठोर कार्रवाई के 'मानवता के खिलाफ अपराध' के लिए दी गई।

इसी फैसले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को भी समान आरोपों पर मौत की सजा दी गई। हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब बड़े विरोध प्रदर्शनों के बीच उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। उन्हें पहले अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह साबित करता है कि 'कोई भी, चाहे कितना भी शक्तिशाली हो, कानून से ऊपर नहीं है'।

इस फैसले पर हसीना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरोप 'पक्षपाती और राजनीतिक रूप से प्रेरित' हैं और यह निर्णय 'निराधारित सरकार द्वारा स्थापित, धोखाधड़ीपूर्ण ट्रिब्यूनल' ने दिया है।

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YouTube TV और Disney के बीच दो हफ्ते से चल रहा विवाद थमा

गूगल की YouTube TV और Disney के बीच दो हफ्ते से चल रहा विवाद आखिर खत्म हो गया है और अब दोनों कंपनियों ने समझौता कर लिया है।

Last Modified:
Saturday, 15 November, 2025
Disney894

गूगल की YouTube TV और Disney के बीच दो हफ्ते से चल रहा विवाद आखिर खत्म हो गया है। दोनों कंपनियों ने समझौता कर लिया है, जिसके बाद ABC, ESPN और अन्य Disney चैनल दोबारा YouTube TV पर लौट आए हैं। यह विवाद 31 अक्टूबर से जारी था, जिसके कारण कई लाइव स्पोर्ट्स इवेंट्स, जैसे कॉलेज फुटबॉल और दो Monday Night Football मैच प्लेटफॉर्म पर नहीं दिख पाए।

YouTube ने एक बयान में कहा, 'हमें खुशी है कि हम Disney के साथ एक नया समझौता करने में सफल रहे हैं। इससे हमारी सर्विस का वैल्यू सब्सक्राइबर्स के लिए बना रहेगा। यूजर्स को आज के दौरान ABC, ESPN और FX जैसे चैनल वापस दिखाई देने लगेंगे, साथ ही उनकी पुरानी रिकॉर्डिंग भी फिर से उपलब्ध होगी। हुई असुविधा के लिए हम माफी चाहते हैं।'

Disney Entertainment के को-चेयर्स एलन बर्गमैन और डैना वाल्डेन और ESPN के चेयरमैन जिमी पिटारो ने भी कहा कि यह समझौता दर्शकों की देखने की बदलती आदतों को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने कहा कि चैनल्स समय पर वापस आ गए हैं, जिससे दर्शक इस वीकेंड का शानदार कंटेंट, खासकर कॉलेज फुटबॉल, देख सकेंगे।

विवाद के दौरान YouTube TV ने अपनी सर्विस से 20 से ज्यादा Disney चैनलों को हटा दिया था। इसमें ABC और ESPN के साथ FX, NatGeo, Disney Channel और Freeform जैसे चैनल भी शामिल थे। स्टैंडऑफ की वजह Disney की तरफ से चैनलों के लिए वसूला जाने वाला ऊँचा शुल्क बताया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ESPN टीवी इंडस्ट्री का सबसे महंगा चैनल है, जो प्रति सब्सक्राइबर $10 से ज्यादा चार्ज करता है।

इस साल YouTube TV का यह पहला विवाद नहीं है। इससे पहले अक्टूबर में NBCUniversal के साथ और अगस्त में Fox के साथ भी ऐसे ही टकराव हो चुके हैं। दोनों मामलों में आखिरी समय पर समझौता हुआ और चैनल बंद होने से बच गए।

YouTube ने कहा कि वे भविष्य में Disney और अन्य पार्टनर्स के साथ नए प्रोग्राम पैकेज लाने की भी प्लानिंग कर रहे हैं। वहीं Disney ने बताया कि ESPN Unlimited का कुछ लाइव और ऑन-डिमांड कंटेंट 2026 के आखिर तक YouTube TV के बेस प्लान पर बिना अतिरिक्त लागत के उपलब्ध कराया जाएगा।

Disney ने अपने एम्प्लॉयीज को एक मेमो भी भेजा, जिसमें कहा गया कि यह मुश्किल समय था, लेकिन अंत में नतीजा कंपनी और दर्शकों दोनों के लिए फायदेमंद रहा। मेमो में कहा गया कि यह समझौता Disney की प्रोग्रामिंग की वैल्यू और दर्शकों के लिए बेहतर अनुभव देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मेमो में Disney के टॉप लीडर्स ने टीम को इस प्रक्रिया में धैर्य और मेहनत के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मीडिया इंडस्ट्री तेजी से बदल रही है, इसलिए ऐसे समझौते जटिल होते हैं, लेकिन कंपनी हमेशा दर्शकों के बेहतर अनुभव को प्राथमिकता देगी।


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Warner Bros. Discovery पर इन कंपनियों की नजर, खरीदने की कर रहीं तैयारी

खबर है कि ये तीनों कंपनियां Warner Bros. Discovery को खरीदने के लिए अपनी बोली लगाने की तैयारी कर रही हैं।

Last Modified:
Friday, 14 November, 2025
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Paramount, Comcast और Netflix की नजर अब वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (Warner Bros. Discovery) पर है। खबर है कि ये तीनों कंपनियां Warner Bros. Discovery को खरीदने के लिए अपनी बोली लगाने की तैयारी कर रही हैं।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट की मानें तो मीडिया दिग्गज वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी अब अपनी कंपनी बेचने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। शुरुआती राउंड की गैर-बाध्यकारी (non-binding first-round offers) बोली जमा करने की आखिरी तारीख 20 नवंबर तय की गई है और कंपनी 2025 के अंत तक सौदा पूरा करना चाहती है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, Ellison परिवार के नियंत्रण वाली Paramount ने पहले भी कई ऑफर दिए थे। अब कंपनी ने औपचारिक नीलामी में भाग लेने का इरादा जताया है। कंपनी की इच्छा Warner Bros. Discovery को पूरी तरह अपने हाथ में लेने की है।

इसके विपरीत, Comcast और Netflix का प्लान थोड़ा अलग है। Comcast और Netflix ये दोनों कंपनियां मुख्य रूप से Warner Bros. के फिल्म और टीवी स्टूडियो और HBO Max स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म में ही दिलचस्पी रखती हैं, जबकि CNN, TNT और Discovery Channel जैसे केबल नेटवर्क उनकी पसंद में नहीं हैं। 

वैसे बता दें कि Warner Bros. Discovery अपनी कंपनी को दो हिस्सों में बांटने की योजना भी बना रहा है। एक हिस्से में स्टूडियो और स्ट्रीमिंग सर्विस आएगी, जबकि दूसरे में पारंपरिक केबल चैनल और उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर को रखा जाएगा। ऐसा करने से संभावित खरीदार केवल वही संपत्ति चुन सकेंगे जो उनकी रणनीति के अनुकूल हो। 

Paramount और Comcast के लिए यह एक बड़ी डील होगी। इन कंपनियों की मौजूदा स्ट्रीमिंग सर्विसेज Paramount+ और Peacock को Netflix और Amazon Prime Video की तुलना में ज्यादा सब्सक्राइबर नहीं मिल रहे। Warner Bros. Discovery के साथ गठजोड़ से उन्हें कंटेंट क्रिएशन, आईपी और अंतरराष्ट्रीय डिस्ट्रीब्यूशन में तुरंत मजबूती मिलेगी।

Netflix का नजरिया थोड़ा अलग है। Netflix Warner Bros. Discovery के फिल्म और सीरीज कैटलॉग को एक रणनीतिक अवसर के रूप में देखता है। इससे उसके सब्सक्राइबर बने रहेंगे और तीसरे पक्ष के लाइसेंस पर निर्भरता कम होगी, जो बढ़ती कंटेंट लागत के समय में महत्वपूर्ण है।

टेक्नोलॉजी दिग्गजों से बढ़ते दबाव के बीच, परंपरागत स्टूडियोज का एकजुट होना अब प्रमुख रणनीति बन गया है। लेकिन बड़े सौदे करने में एंटिट्रस्ट नियम और बढ़ता कर्ज चुनौती बन सकते हैं। Warner Bros. Discovery का वित्तीय भार 2022 में WarnerMedia और Discovery के विलय के बाद बढ़ा है, इसलिए कंपनी को अलग करना खरीदारों के लिए आकर्षक है।  

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डिज्नी ने CFO ह्यू जॉनस्टन का कॉन्ट्रैक्ट चार साल के लिए बढ़ाया

डिज्नी ने अपने चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) ह्यू जॉनस्टन के साथ किया कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा दिया है।

Last Modified:
Thursday, 13 November, 2025
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डिज्नी ने अपने चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) ह्यू जॉनस्टन के साथ किया कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा दिया है। नया कॉन्ट्रैक्ट अब उन्हें 31 जनवरी 2029 तक डिज्नी में बने रहने की अनुमति देता है। जॉनस्टन ने नवंबर 2023 में PepsiCo से डिज्नी में शामिल होकर क्रिस्टिन मैककार्थी की जगह ली थी, जो कंपनी में लंबे समय तक CFO रहीं थीं।

डिज्नी में जॉनस्टन को अक्सर कंपनी का सार्वजनिक चेहरा माना जाता है। वे सिर्फ CEO बॉब आइगर के साथ अर्निंग कॉल्स में सवालों के जवाब नहीं देते, बल्कि CNBC और इनवेस्टर्स इवेंट में भी कंपनी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

हाल के हफ्तों में जॉनस्टन तीसरे वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिनका कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया है। इससे पहले कम्युनिकेशन हेड क्रिस्टिना शेके और चीफ लीगल एंड ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर होरेसियो गुटिएरेज, साथ ही चीफ पीपल ऑफिसर सोनिया कोलमैन का करार बढ़ाया गया था।

ये विस्तार उस समय आया है जब डिज्नी बोर्ड CEO बॉब आइगर का उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया के नजदीक है, जिसमें प्रारंभिक समय सीमा 2026 की शुरुआत बताई गई है। वरिष्ठ अधिकारियों का करार बढ़ाने से कंपनी में इस महत्वपूर्ण निर्णय के बीच कुछ स्थिरता बनी रहेगी।

वॉल स्ट्रीट में जॉनस्टन को काफी पसंद किया जाता है। भले ही उन्हें एंटरटेनमेंट सेक्टर का अनुभव नहीं है, लेकिन PepsiCo में नॉर्थ अमेरिका डिवीजन के प्रेजिडेंट और सीनियर वीपी ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन के रूप में काम करने से उन्हें विश्लेषकों और निवेशकों के साथ काम करने का पर्याप्त अनुभव मिल चुका है। 

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Paramount-Skydance के 600 एम्प्लॉयीज को नहीं रास आया कंपनी का यह फरमान, छोड़ी नौकरी

हॉलीवुड की बड़ी मीडिया कंपनियों Paramount और Skydance के सैकड़ों एम्प्लॉयीज ने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया

Last Modified:
Wednesday, 12 November, 2025
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हॉलीवुड की बड़ी मीडिया कंपनियों Paramount और Skydance के सैकड़ों एम्प्लॉयीज ने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि वे हफ्ते में पांच दिन ऑफिस लौटने के आदेश से सहमत नहीं थे। सितंबर में हुई 8 अरब डॉलर की मर्जर डील के बाद कंपनी के सीईओ डेविड एलिसन ने एम्प्लॉयीज को ईमेल के जरिए बताया कि अब उन्हें हफ्ते में पांच दिन दफ्तर से काम करना होगा, या फिर कंपनी की 'बायआउट स्कीम' के तहत स्वेच्छा से इस्तीफा दे सकते हैं।

एलिसन ने ईमेल में लिखा, 'मेरी जिंदगी के कुछ सबसे अहम पल उन कमरों में बीते हैं जहां मैं दूसरों को सुनकर सीख रहा था। मैंने ऐसा कभी Zoom मीटिंग्स में होते नहीं देखा।' इस संदेश में उन्होंने कहा कि यह कदम कंपनी की पूरी क्षमता को 'अनलॉक' करने के लिए उठाया जा रहा है।

कंपनी के दस्तावेजों के मुताबिक, लॉस एंजिलिस और न्यूयॉर्क ऑफिस में करीब 600 एम्प्लॉयीज ने बायआउट ऑफर स्वीकार किया, जिनका पद वाइस-प्रेजिडेंट स्तर या उससे नीचे था। इन एम्प्लॉयीज को दी गई सेवरेंस पैकेज (सेवा समाप्ति मुआवजा) की वजह से कंपनी को 185 मिलियन डॉलर  का खर्च उठाना पड़ा।

कंपनी के शेयरहोल्डर्स को भेजे गए पत्र में बताया गया कि Paramount को अपने बिजनेस को 'रणनीतिक प्राथमिकताओं' के अनुरूप लाने के लिए लगभग 1.7 अरब डॉलर के री-स्ट्रक्चरिंग खर्च उठाने पड़ेंगे। अगस्त में हुई Skydance-Paramount मर्जर के बाद कंपनी पहले ही 2 अरब डॉलर बचाने की योजना बना चुकी थी।

कहा जा रहा है कि महामारी के बाद से Paramount लगातार अस्थिरता और गलत प्रबंधन के दौर से गुजर रही थी। इसे संभालने के लिए कंपनी ने तीन सह-सीईओ नियुक्त किए थे। अब Skydance के सीईओ डेविड एलिसन (जो Oracle के सीईओ लैरी एलिसन के बेटे हैं) कंपनी की कमान संभाल चुके हैं। उन्होंने वादा किया है कि वह Paramount को फिर से मनोरंजन जगत में उसकी पुरानी ताकत दिलाएंगे।

एलिसन के नेतृत्व में कंपनी अब खर्चों में कटौती कर रही है। Paramount करीब 1 अरब डॉलर की अतिरिक्त बचत करना चाहती है। इसके लिए कंपनी कुछ अंतरराष्ट्रीय कारोबार बेचने और 1,600 और एम्प्लॉयीज की छंटनी की तैयारी में है। पिछले महीने ही कंपनी ने 1,000 एम्प्लॉयीज को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।  

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अमेरिका में भारतीय मूल की CEO को निशाना बनाने वाले पत्रकार की गई नौकरी

अमेरिका के एक पत्रकार मैट फॉर्नी को उनकी नस्लवादी और भारत विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट्स के कारण न्यूज ऑर्गनाइजेशन ‘द ब्लेज’ ने एक हफ्ते के अंदर ही नौकरी से निकाल दिया।

Last Modified:
Tuesday, 11 November, 2025
MattForney7845

अमेरिका के एक पत्रकार मैट फॉर्नी को उनकी नस्लवादी और भारत विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट्स के कारण न्यूज ऑर्गनाइजेशन ‘द ब्लेज’ ने एक हफ्ते के अंदर ही नौकरी से निकाल दिया। कंपनी ने यह कदम फॉर्नी की सोशल मीडिया पोस्ट्स 'चिंताजनक' थीं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन-सी पोस्ट्स की वजह से यह फैसला लिया गया।

मैट फॉर्नी ने कहा कि “द ब्लेज़ ने मुझे निकाल दिया है। उन्होंने मेरी कुछ ट्वीट्स को ‘चिंताजनक’ (concerning) बताया, लेकिन मुझे यह नहीं बताया कि कौन-सी ट्वीट्स की वजह से वे चिंतित थे। दरअसल, द ब्लेज़ ने मुझे पहले भी मेरी ट्वीट्स की वजह से संपर्क किया था।”

मैट फॉर्नी ने भारतीय मूल की सीईओ कृती पटेल गोयल को निशाना बनाते हुए नस्लीय टिप्पणियां की थीं। उन्होंने नवंबर 4 को ट्विटर पर लिखा कि अमेरिका को 'हर भारतीय को Deport कर देना चाहिए' और Etsy की नई सीईओ कृती पटेल गोयल को 'अयोग्य' बताया। फॉर्नी ने लिखा, 'एक और अयोग्य भारतीय एक अमेरिकी कंपनी संभाल रही है और मैं गारंटी देता हूं कि उनका पहला काम हर अमेरिकी को निकालना और उनकी जगह अन्य भारतीयों को रखना होगा। DEI: Deport Every Indian।'

मैट फॉर्नी के सोशल मीडिया पर भारत और भारतीयों के खिलाफ कई आलोचनात्मक पोस्ट्स की लंबी इतिहास है। उन्होंने #OperationChimpOut जैसे हैशटैग का इस्तेमाल किया, जो काफी विवादों में रहा है।

इस मामले में कई लोगों ने फॉर्नी की पोस्ट्स की आलोचना की। मैनहैटन इंस्टिट्यूट की फेलो रेनु मुखर्जी ने कहा कि फॉर्नी की आदत है कि वह भारतीयों का मजाक उड़ाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे रिपब्लिकन पार्टी को नुकसान हो सकता है, क्योंकि 2024 में भारतीय वोटर्स के बीच पार्टी ने काफी जीत हासिल की थी।

रेनु मुखर्जी ने कहा, 'द ब्लेज ने एक रिपोर्टर को हायर किया है, जिसका काम सिर्फ अमेरिकी भारतीय समुदाय को नीचा दिखाना लगता है। फॉर्नी इसे ‘DEI’ या ‘Deport Every Indian’ कहते हैं। यह रिपब्लिकन पार्टी के लिए बुरा साबित होगा।'

इस विवाद से पहले मैट फॉर्नी ने ट्विटर पर खुद को द ब्लेज के रिपोर्टर के रूप में पेश किया था। उन्होंने कहा कि वह ह-1B वीजा और भारतीय मामलों पर रिपोर्टिंग करेंगे और DEI (Diversity, Equality, Inclusion) नीतियों पर ध्यान देंगे।

मैट फॉर्नी सिराक्यूज के रहने वाले लेखक और संपादक हैं, जो अब न्यूयॉर्क में रहते हैं। उन्होंने 2018 से 2024 तक स्वतंत्र प्रकाशक Terror House Press के मुख्य संपादक के रूप में काम किया। इसके अलावा उन्होंने कानूनी फर्म, ट्रैवल एजेंसियों और हेल्थ वेबसाइट्स के लिए दस साल से अधिक समय तक कंटेंट बनाया है। 

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विवादो में BBC: चलाई थी ट्रंप की एडिटेड स्पीच, डायरेक्टर जनरल व न्यूज CEO ने दिया इस्तीफा

ब्रिटेन के प्रतिष्ठित सार्वजनिक प्रसारक बीबीसी में एक बड़ा झटका तब लगा जब रविवार को इसके दो शीर्ष अधिकारियों- डायरेक्टर जनरल टिम डेवी और न्यूज सीईओ डेबोरा टर्नेस ने अचानक अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।

Last Modified:
Monday, 10 November, 2025
Tim Davie, and Deborah Turness

ब्रिटेन के प्रतिष्ठित सार्वजनिक प्रसारक बीबीसी में एक बड़ा झटका तब लगा जब रविवार को इसके दो शीर्ष अधिकारियों- डायरेक्टर जनरल टिम डेवी और न्यूज सीईओ डेबोरा टर्नेस ने अचानक अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। दोनों के इस्तीफे उस विवाद के बीच आए हैं जिसमें बीबीसी पर आरोप लगाया गया कि उसकी पैनोरमा डॉक्युमेंट्री में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 6 जनवरी 2021 के भाषण को इस तरह एडिट किया गया कि ऐसा लगे मानो ट्रंप ने सीधे तौर पर कैपिटल हिल पर हुए दंगे को भड़काया हो।

ब्रिटिश अखबार द डेली टेलीग्राफ ने हाल ही में एक लीक हुए आंतरिक मेमो के हवाले से बताया था कि डॉक्युमेंट्री 'Trump: A Second Chance?' में ट्रंप के भाषण के दो हिस्सों को लगभग 50 मिनट के अंतराल के बावजूद जोड़कर दिखाया गया। इस तरह की एडिटिंग से यह आभास हुआ कि ट्रंप ने भीड़ को हिंसा के लिए प्रेरित किया। इसी रिपोर्ट के बाद बीबीसी के शीर्ष प्रबंधन पर दबाव बढ़ने लगा, जिसके चलते दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने पद छोड़ने का निर्णय लिया।

अपने इस्तीफे के बयान में टिम डेवी ने कहा, 'हर सार्वजनिक संस्था की तरह बीबीसी भी परफेक्ट नहीं है। हमें हमेशा पारदर्शी और जवाबदेह रहना चाहिए। कुछ गलतियां हुई हैं और डायरेक्टर जनरल होने के नाते इसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी है।' उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बीबीसी ने कई क्षेत्रों में अच्छा काम किया, लेकिन हालिया विवाद ने स्थिति को अस्थिर कर दिया है।

वहीं, डेबोरा टर्नेस ने अपने बयान में कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप पर बनी पैनोरमा डॉक्युमेंट्री को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसने बीबीसी जैसी संस्था को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है, जिसे मैं बेहद प्यार करती हूं।' उन्होंने माना कि गलतियां हुईं, लेकिन यह भी कहा कि बीबीसी न्यूज पर संस्थागत पक्षपात के आरोप सही नहीं हैं।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बीबीसी पर 'जानबूझकर भ्रामक संपादन' करने का आरोप लगाया था और इसे 'फेक न्यूज' बताया था। वहीं ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर दोनों इस्तीफों का स्वागत करते हुए बीबीसी की आलोचना की।

टिम डेवी पिछले पांच साल से बीबीसी के डायरेक्टर जनरल थे और उन्होंने कई संकटों का सामना किया था, जिसके चलते उन्हें 'टैफ्लॉन टिम' कहा जाने लगा था। इससे पहले भी बीबीसी को कई विवादों का सामना करना पड़ा, जिनमें गाज़ा पर बनी डॉक्युमेंट्री में पक्षपात के आरोप और लाइव कवरेज के दौरान राजनीतिक नारों पर नियंत्रण न कर पाना शामिल है।

लीक मेमो के लेखक माइकल प्रेस्कॉट, जो बीबीसी के एडिटोरियल स्टैंडर्ड्स कमेटी के स्वतंत्र सलाहकार थे, ने रिपोर्ट में यह भी कहा था कि चैनल ने कई संवेदनशील मुद्दों, जैसे ट्रांसजेंडर अधिकारों और यहूदी-विरोधी टिप्पणियों, पर भी संतुलित कवरेज नहीं दी।

बीबीसी की ओर से सोमवार को संसद की कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट कमेटी के सामने औपचारिक माफी की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन डेवी और टर्नेस के अचानक इस्तीफे ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

ब्रिटेन की कल्चर सेक्रेटरी लिसा नैंडी ने दोनों अधिकारियों के इस्तीफों के बाद बीबीसी को 'एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्था' बताते हुए उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चैनल के संपादकीय निर्णय और भाषा चयन 'हमेशा सोच-समझकर नहीं किए जाते।'

वहीं विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी की नेता केमी बैडेनोक ने कहा कि 'दो इस्तीफे काफी नहीं हैं। प्रेस्कॉट की रिपोर्ट ने जिस संस्थागत पक्षपात को उजागर किया है, उस पर ठोस कार्रवाई जरूरी है।'

बीबीसी, जिसके करीब 21,000 कर्मचारी हैं, खुद को दुनिया का प्रमुख सार्वजनिक प्रसारक बताता है। लेकिन हालिया विवाद और शीर्ष नेतृत्व के इस्तीफों ने उसकी निष्पक्षता और भरोसे को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

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