जब मामला विदेश नीति, अमेरिका और चीन से मुकाबले का हो तो सबको देशहित में एकजुट रहना चाहिए। प्रधानमंत्री कोई भी हो, राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
चीन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट के दूसरे दिन भारत को बड़ी सफलता मिली। यहां पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ भी मौजूदगी में पहलगाम हमले की निंदा की गई। घोषणा पत्र में कहा गया कि इस हमले के अपराधियों, आयोजकों और उन्हें समर्थन देने वालों को सजा दिलाना जरूरी है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने भी इस मामले पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिप्लोमैसी ने एक ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है। जिन लोगों ने यह कहा था कि भारत की विदेश नीति असफल हो गई है, उन्हें मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की दोस्ती देखकर बड़ा झटका लगा होगा।
जो लोग यह कहते थे कि मोदी चीन से डरते हैं, उन्होंने देखा कि मोदी ने सीधे आंखों में आंख डालकर पाकिस्तान के आतंकवाद की निंदा की। वहीं आलोचकों ने यह भी देखा कि राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी कार में बैठकर मोदी का इंतज़ार किया और दोनों नेताओं ने कार में 50 मिनट तक बातचीत की।
पुतिन के राजनयिक संबंधों में ऐसा दूसरा उदाहरण दुर्लभ है। कुछ समय पहले जो लोग 'नरेंद्र सरेंडर' कहकर उपहास कर रहे थे, आज अमेरिकी दूतावास का बयान पढ़कर हैरान रह गए होंगे। अमेरिका ने साफ कहा कि भारत-अमेरिका के रिश्ते गहरे हैं और दोनों देश नई ऊँचाइयाँ छू रहे हैं।
वहीं जो लोग ट्रंप के टैरिफ़ के चलते मोदी की मुश्किलें गिना रहे थे, उन्हें यह देखकर ताज्जुब होगा कि मोदी ने पुतिन और शी जिनपिंग के साथ मिलकर वर्ल्ड ऑर्डर का संतुलन बनाकर अमेरिका को चौंका दिया। दरअसल, मोदी की विदेश नीति की आलोचना करने वाले लोग असल में भारत को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे थे।
जबकि सच्चाई यह है कि जब मामला विदेश नीति, अमेरिका और चीन से मुकाबले का हो तो सबको देशहित में एकजुट रहना चाहिए। प्रधानमंत्री कोई भी हो, सरकार किसी भी पार्टी की क्यों न हो, राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
इस दौरान ‘इंडिया टीवी’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा अपने तीखे और सीधे सवालों से मुख्यमंत्री से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास जैसे मुद्दों पर जवाब मांगेंगे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
देश के सबसे चर्चित और लोकप्रिय टीवी शो ‘आपकी अदालत’ में आज ‘इंडिया टीवी’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के मेहमान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे। शनिवार रात 10 बजे प्रसारित होने वाले इस विशेष एपिसोड का देशभर में दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है।
कार्यक्रम में जज की भूमिका निभाएंगे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के पूर्व कुलपति और इंडिया हैबिटैट सेंटर के निदेशक प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश। गौरतलब है कि डॉ. सुरेश, मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में एमसीयू भोपाल के कुलपति रह चुके हैं।
इस दौरान रजत शर्मा अपने तीखे और सीधे सवालों से मुख्यमंत्री से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास जैसे मुद्दों पर जवाब मांगेंगे। मुख्यमंत्री जहां विपक्ष के आरोपों का मुस्कराते हुए जवाब देंगे, वहीं प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश जज की भूमिका निभाते हुए अपने अंदाज में निर्णय सुनाएंगे। ऐसे में ‘आपकी अदालत’ का यह एपिसोड दर्शकों के लिए और भी खास होने वाला है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पेशी रजत शर्मा की अदालत में
— India TV (@indiatvnews) August 30, 2025
देखिए, डॉ. मोहन यादव को 'आप की अदालत' में आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर@DrMohanYadav51 @CMMadhyaPradesh @IndiaTVHindi @RajatSharmaLive#MohanYadavInAapKiAdalat #AapKiAdalat #MohanYadav pic.twitter.com/KczjQunmq4
विश्व गौरव उन गिने-चुने पत्रकारों में से हैं, जिन्होंने डिजिटल मीडिया के शुरुआती दौर में जमीनी स्तर की पत्रकारिता को मजबूती दी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
युवा पत्रकार विश्व गौरव ने इनशॉर्ट्स मीडिया ग्रुप के पब्लिक ऐप में हिंदी डेस्क मैनेजर के रूप में अपने तीन साल के कार्यकाल को समाप्त कर लिया है। उन्होंने स्टेट मैनेजर की जिम्मेदारी छोड़ दी है। इससे पहले विश्व गौरव ने टाइम्स ग्रुप के नवभारत टाइम्स डिजिटल में लगभग सात वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं और फिर हिंदुस्तान टाइम्स डिजिटल से जुड़े, जहां उन्होंने केवल 10 महीनों में लाइव हिंदुस्तान को अलविदा कह दिया था।
पब्लिक ऐप में विश्व गौरव हिंदी भाषी राज्यों के स्ट्रिंगर्स के साथ काम कर रहे थे। लाइव हिंदुस्तान में वह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के स्ट्रिंगर्स की खबरों के साथ-साथ वीडियो कॉर्डिनेशन का काम देख रहे थे। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने ग्राउंड जीरो से कई विशेष स्टोरीज प्रस्तुत की थीं।
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में उनकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की स्ट्रिंगर्स टीम को संभालने की थी। इस दौरान उन्होंने कई ऐसी सीरीज चलाईं, जिन पर सरकार ने त्वरित संज्ञान लिया और कार्रवाई भी की। अब विश्व गौरव ने पब्लिक ऐप को भी छोड़ दिया है।
सूत्रों का कहना है कि वह जल्द ही किसी बड़े ब्रैंड के साथ मुख्यधारा के मीडिया में वापसी कर सकते हैं। विश्व गौरव उन गिने-चुने पत्रकारों में से हैं, जिन्होंने डिजिटल मीडिया के शुरुआती दौर में जमीनी स्तर की पत्रकारिता को मजबूती दी। इसके साथ ही वह एक कुशल लेखक भी हैं।
उनकी हालिया किताब ‘हलाहल’, जो मीडिया की कड़वी सच्चाइयों को उजागर करती है, पत्रकारिता के छात्रों के बीच खासी लोकप्रिय रही। इसके अलावा, उनकी एक अलग शैली में लिखी गई उपन्यास ‘क्वीन’ को भी पाठकों ने खूब पसंद किया।
हैवल्स ने आउटडोर और डिजिटल, दोनों माध्यमों का मेल कर यह दिखाया है कि वह त्योहारों में सिर्फ तकनीक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव के लिए भी प्रतिबद्ध है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
इलेक्ट्रिकल ब्रांड हैवल्स ने गणेश चतुर्थी के मौके पर एक अनोखा 360-डिग्री फेस्टिव कैंपेन लॉन्च किया है, जिसमें परंपरा, क्रिएटिविटी और टेक्नॉलॉजी का अनोखा मेल देखने को मिल रहा है। कैंपेन का मुख्य आकर्षण एक अनोखी गणेश प्रतिमा है, जिसे पूरी तरह हैवल्स के स्विच और अप्लायंसेज़ से तैयार किया गया है।
इस प्रतिमा को मुंबई के प्रमुख स्थानों जैसे प्रभादेवी सिद्धिविनायक मंदिर, वर्ली नाका जंक्शन और ठाणे माजीवाड़ा फ्लाईओवर जंक्शन पर स्थापित किया गया है। यह न सिर्फ ब्रांड की इनोवेटिव सोच को दर्शाता है बल्कि त्योहार की सांस्कृतिक अहमियत को भी सलाम करता है।
आउटडोर इंस्टॉलेशन के साथ-साथ हैवल्स ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी कई पहल की हैं। इसमें शामिल है एक 'AI-पावर्ड फेस्टिव फिल्म' जो गणेश चतुर्थी की भावनाओं को आधुनिक तकनीक के जरिए नए अंदाज में पेश करती है। इसके अलावा, इन्फ्लुएंसर-लीड वीडियो सीरीज़ भी लॉन्च की गई है, जो हैवल्स के स्टाइल में त्योहार की झलक दिखाती है।
इस कैंपेन को और मज़बूती देने के लिए कंपनी ने सोशल मीडिया एक्टिवेशन और टार्गेटेड डिजिटल प्रमोशन भी शुरू किए हैं। कुल मिलाकर, हैवल्स ने आउटडोर और डिजिटल, दोनों माध्यमों का मेल कर यह दिखाया है कि वह त्योहारों में सिर्फ तकनीक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव और रचनात्मकता के लिए भी प्रतिबद्ध है।
विद्यार्थियों को अपने अतीत के बारे में भी जानना चाहिए। ब्रिटिशों ने भारत पर अपनी शिक्षा प्रणाली थोप दी है और इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली लुप्त हो गई।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
'संघ की 100 वर्ष की यात्रा: नए क्षितिज' विषय पर आयोजित कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम दिन अपने संबोधन में सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारत की शिक्षा प्रणाली का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ सभी जानकारियों को रटना नहीं है, विद्यार्थियों को अपने अतीत के बारे में भी जानना चाहिए।
ब्रिटिशों ने भारत पर अपनी शिक्षा प्रणाली थोप दी है और इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली लुप्त हो गई। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, आरएसएस प्रमुख से शिक्षा पर कई सवाल किए गए-शायद इसलिए कि आम धारणा है कि शिक्षा के मामलों को संघ देखता है।
सच जो भी हो, पिछले 11 वर्षों में शिक्षा के मोर्चे पर अपेक्षा से कहीं कम काम हुआ है। पाठ्यक्रम परिवर्तन अभी प्रारंभिक अवस्था में है, स्कूली इतिहास में मामूली तब्दीली हुई है और अनेक कुलपतियों की नियुक्तियां विवाद का विषय बनी हैं।
आपको बता दें, संघ प्रमुख ने अपने अतीत को याद करते हुए कहा कि जब मैं आठवीं क्लास में था, तो मेरे पिता ने मुझे ओलिवर ट्विस्ट को पढ़ने के लिए कहा था। लेकिन ओलिवर ट्विस्ट को पढ़ना और प्रेमचंद को पीछे छोड़ देना भी सही नहीं है।
आरएसएस प्रमुख से शिक्षा पर कई सवाल किए गए-शायद इसलिए कि आम धारणा है कि शिक्षा के मामलों को संघ देखता है। सच जो भी हो, पिछले 11 वर्षों में शिक्षा के मोर्चे पर अपेक्षा से कहीं कम काम हुआ है। पाठ्यक्रम परिवर्तन अभी प्रारंभिक अवस्था में है, स्कूली इतिहास में मामूली तब्दीली हुई है और…
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) August 28, 2025
इंडिया टुडे ने सी-वोटर के साथ 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया है। देश के सभी राज्यों और लोकसभा क्षेत्रों में 1 जुलाई से 14 अगस्त 2025 के बीच ये सर्वे किया गया।
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देश में अगर आज आम चुनाव हो जाएं तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की सीटें बढ़कर 324 हो जाएंगी। यही नहीं, बीजेपी की सीटें भी 240 से बढ़कर 260 हो जाएंगी। हालांकि पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से नीचे ही रहेगी। इंडिया टुडे और सी-वोटर के 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में ये नतीजे निकलकर आए हैं।
ये सर्वे देश के सभी राज्यों और लोकसभा क्षेत्रों में 1 जुलाई से 14 अगस्त 2025 के बीच हुआ। हर आयु वर्ग जाति, धर्म, लिंग वाले 54 हजार 788 लोग इसमें शामिल हुए। इसके अलावा पिछले 24 हफ्तों में 1 लाख 52 हजार 38 लोगों से भी राय ली गई थी। उसका विश्लेषण भी इसमें शामिल किया गया।
इस तरह कुल 2 लाख 6 हजार 826 लोगों की राय से तैयार हुए मूड ऑफ द नेशन के नतीजे। हालांकि इन आंकड़ों में भी मोटे तौर पर 3 प्रतिशत और बारीक स्तर पर 5 प्रतिशत का मार्जिन एरर हो सकता है। सर्वे में सामने आया कि NDA को 324 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि INDIA ब्लॉक को 208 सीटें मिल सकती हैं, जबकि अन्य के खाते में 11 सीटें जा सकती हैं।
ऋचा अनिरुद्ध की छवि एक गंभीर और जनोन्मुखी पत्रकार व एंकर की है। पूर्व में ऋचा लंबे समय तक ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया) के साथ जुड़ी रहीं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने मीडिया में अपनी नई पारी की शुरूआत कर दी हैं। ऋचा अनिरुद्ध अब ‘नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड’ (Network18 Media & Investments Limited) की टीम में शामिल हो गई है और इस नेटवर्क के तेजी से उभरते डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘कड़क’ में बतौर कंसल्टेंट जॉइन कर चुकी है।
अब यहां उनके नए शो 'अनकही' के नाम का ऐलान भी हो गया है। इस शो का प्रसारण सोमवार से शनिवार रात्रि 9 बजे किया जाएगा। आपको बता दें, ऋचा अनिरुद्ध, भारतीय मीडिया का एक प्रतिष्ठित और जाना-पहचाना नाम है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है और अपनी प्रतिभा के दम पर बहुत ही कम समय में खास मुकाम हासिल किया है।
ऋचा अनिरुद्ध की छवि एक गंभीर और जनोन्मुखी पत्रकार व एंकर की है। पूर्व में ऋचा लंबे समय तक ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया) के साथ जुड़ी रहीं, जहां वे चैनल के मशहूर शो 'जिंदगी लाइव' को होस्ट करती थीं।
हर बड़ी खबर का अनकहा सच बताने आ रहीं हैं आपकी Richa Anirudh#ankahi #comingsoon #kadak@richaanirudh @ShamsherSLive pic.twitter.com/ylHHJNtZk0
— Kadak (@itskadak) August 29, 2025
अमेरिकी सरकार ने भारत पर लगाए गए 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्कों को लागू ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने नए शुल्कों की एक अधिसूचना अपलोड की।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
अमेरिकी सरकार ने भारत पर लगाए गए 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्कों को लागू ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने नए शुल्कों की एक अधिसूचना अपलोड की। वहीं, भारत सरकार अर्थव्यवस्था की निर्यात पर निर्भरता कम करने के लिए 'स्वदेशी' मंत्र पर जोर दे रही है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, कूटनीति , विदेश नीति , ग्लोबल वर्ल्ड ऑर्डर, इन सब को छोड़िये। 150 करोड़ जनों का यह देश अगर अपने दैनिक जीवन में विदेश में बनी चीजों के प्रयोग को निषिद्ध कर दे तो देश का स्वाभिमान और देश की आर्थिक स्थिति दोनों पर्वताकार हो जायेगे। तब सारे टैरिफ-वैरिफ स्वयं निरर्थक हो जाएंगे और तमाम बड़े देशों का सत्य से साक्षात्कार हो जाएगा।
आपको बता दें, अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय निर्यातक अमेरिका के साथ अपने व्यापार में भारी गिरावट के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, 47 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य के उत्पादों पर 50% टैरिफ दर लागू होगी। इसमें 7 अगस्त से भारतीय आयातों पर लगाया गया 25% टैरिफ और रूस से भारत द्वारा तेल आयात पर दंड के रूप में लगाया गया 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है।
कूटनीति , विदेश नीति , ग्लोबल वर्ल्ड ऑर्डर---इन सब को छोड़िये -- 150 करोड़ जनों का यह देश अगर अपने दैनिक जीवन में विदेश में बनी चीजों के प्रयोग को निषिद्ध करदे तो देश का स्वाभिमान और देश की आर्थिक स्थिति दोनों पर्वताकार हो जायेगे --- तब सारे टैरिफ -वैरिफ स्वयं निरर्थक हो जाएंगे…
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) August 26, 2025
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा आज जिनके खिलाफ पूरा वातावरण नफरती बनाने का प्रयास किया जा रहा है, अगर उस दौर में देखें तो भारत की अर्थव्यवस्था डूब गई होती।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
रिपब्लिक भारत के कार्यक्रम नए भारत का शंखनाद 'संवाद' के मंच पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने अपने विचार प्रकट किये। उन्होंने कहा, दुनिया में टैरिफ को लेकर संघर्ष का दौर चल रहा है और भविष्य को लेकर अनिश्चितता है। समस्याएं क्या हैं और उनसे बाहर कैसे निकला जाए, इसे लेकर चिंताएं हैं। भारत में भी बदलाव का दौर है और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है।
मई 1998 का पोखरण परीक्षण, जिसके बाद भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगे। उस समय जितने भी सो-कॉल्ड इंटेलेक्चुअल थे, उन्होंने कहा कि इस सरकार ने भारत को बर्बादी की कगार पर ला दिया है।क्यों? क्योंकि उस जमाने में न हमारे पास फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर था, न हमारे पास फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर था और न ही कोई भारत में एक डॉलर निवेश करने को तैयार था।
दो साल से भी कम समय में, मार्च 2000 में अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन 5 दिन की भारत यात्रा पर आए, आखिर ऐसा क्या बदला था उस दो साल के समय में?जब उस दौर में हम उस स्थिति से निकलकर यह स्थान स्थापित कर सके, तो आज तो हमारी स्थिति में बहुत बड़ा अंतर है।
क्योंकि हर चुनौती एक छुपी हुई नई संभावना भी लेकर आती है, और आपदा को अवसर में बदलने की कला तो हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी को आती है, और मैंने प्रमाण सहित बताया कि पहले भी हम यह दिखा चुके हैं। अब आज के विश्व के परिदृश्य और उसमें भारत की संभावनाओं को जरा ध्यान से देखिए।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा आज जिनके खिलाफ पूरा वातावरण नफरती बनाने का प्रयास किया जा रहा है, अगर उस दौर में देखें तो भारत की अर्थव्यवस्था डूब गई होती मगर सभी ने मिलकर काम किया। उसके बाद सरकार ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर काम किया क्योंकि अब पैसे आ रहे थे।
दुनिया में टैरिफ को लेकर संघर्ष का दौर चल रहा है और भविष्य को लेकर अनिश्चितता है। समस्याएं क्या हैं और उनसे बाहर कैसे निकला जाए, इसे लेकर चिंताएं हैं। भारत में भी बदलाव का दौर है और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। मई 1998 का पोखरण परीक्षण, जिसके बाद भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगे। उस… pic.twitter.com/7WTLYDDFy6
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) August 22, 2025
इस कदम से भारत को उच्च तकनीक तक सीधी पहुंच मिलेगी, जिससे भविष्य में लड़ाकू विमानों का डिज़ाइन, उत्पादन और रखरखाव देश में ही संभव होगा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारत अपने स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि अब भारत इन विमानों के इंजन भी देश में ही बनाएगा। इसके लिए भारत ने फ्रांस की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी सफरान के साथ साझेदारी की है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ रक्षा पत्रकार गौरव सावंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और सरकार के इस निर्णय की तारीफ़ की।
उन्होंने लिखा, 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए सफ़रान इंजन का चयन करना एक बेहद सराहनीय निर्णय है, क्योंकि यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बड़ी मजबूती देगा। फ्रांस ऐतिहासिक रूप से भारत का विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार रहा है। यहां तक कि 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों के बाद भी जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगाए, तब फ्रांस ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया।
यही नहीं, मिराज लड़ाकू विमानों ने भारतीय वायुसेना की क्षमता को लंबे समय तक मजबूती प्रदान की। इसके विपरीत, उस दौर में प्रतिबंधों के चलते भारतीय नौसेना के सी हैरियर फाइटर जेट और सी किंग हेलीकॉप्टर पूरी तरह ग्राउंड हो गए थे, जबकि एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के लिए जीई-404 इंजन की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई थी।
आज भी जीई-404 इंजन की सप्लाई उतनी सुचारु नहीं है, ऐसे में फ्रांस के साथ सफ़रान इंजन पर सहयोग भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। आपको बता दें, इस कदम से भारत को उच्च तकनीक तक सीधी पहुंच मिलेगी, जिससे भविष्य में लड़ाकू विमानों का डिज़ाइन, उत्पादन और रखरखाव देश में ही संभव होगा। साथ ही, यह साझेदारी भारत और फ्रांस के बीच लंबे समय से चले आ रहे रणनीतिक और रक्षा सहयोग को और मज़बूती देगी।
Good decision to go with Safaran engine for 5th Generation Fighter Jets.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) August 22, 2025
* Big push for Atmanirbhar Bharat in Defence.
* France has historically been a reliable strategic partner.
* Even after Pokhran nuclear tests, France imposed no `sanctions' on India
* Mirages served IAF well https://t.co/TaLr42jvRz
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल ऑनलाइन जुए पर लगाम लगाएगा बल्कि युवाओं को प्रतिस्पर्धात्मक ई-स्पोर्ट्स और सांस्कृतिक खेलों की ओर भी आकर्षित करेगा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 अब कानून बन गया है। इस नए कानून के तहत देश में ऑनलाइन मनी गेमिंग (Real Money Games) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार का उद्देश्य इस कानून के जरिए ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है, ताकि ऑनलाइन गेमिंग का स्वरूप मनोरंजन और खेल तक ही सीमित रहे, न कि जुए या सट्टेबाजी तक।
कानून लागू होने से पहले ही प्रमुख ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने अपनी मनी गेमिंग सेवाएं बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश में करीब 25 करोड़ से अधिक यूजर्स वाली कंपनी विन्जो (WinZO) ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए 22 अगस्त से अपनी मनी गेमिंग सेवाएं बंद करने की घोषणा की है।
वहीं, ड्रीम-11, रमी सर्कस जैसी बड़ी कंपनियां भी अपने प्लेटफॉर्म से मनी गेम्स हटाने में जुट गई हैं। भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार एशिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। ऐसे में कंपनियां पूरी तरह से पीछे हटने के बजाय नए कानून के अनुरूप खुद को ढालने की तैयारी कर रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले समय में गेमिंग कंपनियां भारतीय पारंपरिक खेलों और सोशल इंटरएक्टिव गेम्स को प्लेटफॉर्म पर शामिल करने पर जोर देंगी। नए कानून के तहत ई-स्पोर्ट्स को औपचारिक मान्यता और प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, जिससे भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को एक नया और स्वस्थ स्वरूप मिल सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल ऑनलाइन जुए पर लगाम लगाएगा बल्कि युवाओं को प्रतिस्पर्धात्मक ई-स्पोर्ट्स और सांस्कृतिक खेलों की ओर भी आकर्षित करेगा।