Radio City का संचालन करने वाली Music Broadcast को ₹2 करोड़ का घाटा

'रेडियो सिटी' (Radio City) का संचालन करने वाली Music Broadcast Ltd ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (30 जून 2025 को समाप्त) में ₹2.17 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है

Last Modified:
Friday, 25 July, 2025
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'रेडियो सिटी' (Radio City) का संचालन करने वाली कंपनी Music Broadcast Ltd ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (30 जून 2025 को समाप्त) में ₹2.17 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। यह पिछली तिमाही (मार्च 2025) के ₹2.58 करोड़ के शुद्ध लाभ के मुकाबले 184.11% की गिरावट है, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में दर्ज ₹38.03 करोड़ के नुकसान की तुलना में 94.30% की कमी है।

आय में गिरावट, खर्चों में भी राहत

कंपनी की परिचालन से आय ₹49.32 करोड़ रही, जो मार्च 2025 की तिमाही के ₹59.60 करोड़ की तुलना में 17.25% कम है और पिछले वर्ष की समान तिमाही के ₹54.67 करोड़ की तुलना में 9.78% कम।

कंपनी की अन्य आय ₹7.02 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही से 6.04% अधिक और पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.14% अधिक है। इस तिमाही में कुल आय ₹56.34 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही के ₹66.22 करोड़ की तुलना में 14.94% घट गई और साल-दर-साल आधार पर ₹61.68 करोड़ से 8.66% कम रही।

वहीं कुल खर्च ₹58.52 करोड़ रहा, जो मार्च 2025 तिमाही के ₹61.72 करोड़ की तुलना में 5.18% कम और जून 2024 की तिमाही के ₹111.79 करोड़ से 47.67% कम रहा।

लाइसेंस फीस और अन्य खर्च लगभग स्थिर

लाइसेंस फीस ₹4.91 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही से 2.00% कम और पिछले साल की समान तिमाही से 0.41% कम है। वहीं, अन्य खर्च ₹25.10 करोड़ पर स्थिर रहा, जिसमें पिछली तिमाही के ₹25.09 करोड़ से 0.04% की मामूली बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले साल की तिमाही के ₹34.93 करोड़ से 28.13% की कमी आई।

वित्तीय लागत ₹3.06 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही से 8.13% अधिक और साल-दर-साल आधार पर 0.99% अधिक रही।

कर पूर्व नुकसान (Loss Before Tax) ₹2.18 करोड़ रहा, जबकि Q4 FY25 में कंपनी ने ₹4.50 करोड़ का लाभ कमाया था। यानी इस मोर्चे पर 148.44% की तिमाही गिरावट दर्ज की गई।

मार्केट शेयर और डिजिटल पर फोकस

Q1 FY26 में Radio City का मार्केट शेयर 18% रहा। इस दौरान रेडियो प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देने वाले कुल क्लाइंट्स में से 41% ने Radio City को चुना, जबकि नए जुड़ने वाले क्लाइंट्स में से 34% ने पहली पसंद के तौर पर Radio City को प्राथमिकता दी।

कंपनी की कुल विज्ञापन बिक्री में डिजिटल से 10% योगदान रहा। वहीं कुल राजस्व का 35% कंपनी द्वारा विकसित बिजनेस मॉडलों से आया, जिनमें प्रॉपर्टीज, स्पॉन्सरशिप्स, डिजिटल इवेंट्स और स्पेशल डे एक्टिवेशन्स शामिल हैं।

खेल और इन्फ्लुएंसर के जरिए ब्रैंड एक्टिविटी

इस तिमाही में कंपनी ने खेल और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर साझेदारी के जरिए ब्रैंड प्रमोशन पर जोर दिया। अल्टिमेट टेबल टेनिस के साथ कंपनी के कैंपेन से ₹0.28 करोड़ का राजस्व आया। साथ ही TNPL के दौरान Lyca Kovai Kings के साथ साझेदारी के माध्यम से कंपनी की ब्रैंड मौजूदगी बनी रही।

इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर अभिनेता आध्या आनंद और कंटेंट क्रिएटर Zoe के साथ डिजिटल साझेदारियों के जरिए पहुंच को और बढ़ाया गया।

रीजनल इवेंट्स और कम्युनिटी एंगेजमेंट

रेडियो सिटी ने देशभर में रीजनल मार्केटिंग इवेंट्स भी आयोजित किए, जिनमें गुजरात रेडियंस अवॉर्ड्स, विदर्भा आइकॉन अवॉर्ड, गोरखपुर में सिटी सीक्रेट साउंड, और उदयपुर में सिटी का हैंगआउट जैसे आयोजन शामिल रहे। ये कार्यक्रम कंपनी के समुदाय-केंद्रित जुड़ाव को दर्शाते हैं।

रेडियो इंडस्ट्री में भी मामूली गिरावट

कंपनी के मुताबिक, रेडियो इंडस्ट्री की कुल ऐड वॉल्यूम Q1 FY26 में 1,032 लाख सेकेंड रही, जो पिछले साल की इसी अवधि के 1,053 लाख सेकेंड के मुकाबले 2% सालाना गिरावट दर्शाती है।

हालांकि कंपनी को चालू तिमाही में घाटा हुआ है और राजस्व में भी कमी आई है, लेकिन डिजिटल विस्तार, ब्रैंड साझेदारियों और इनोवेटिव इवेंट्स के जरिए Radio City ने भविष्य की ग्रोथ के लिए मजबूत बुनियाद बनाए रखी है।

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BIG FM ने अपने OOH वर्टिकल को नए रूप में किया लॉन्च

BIG FM ने अपने आउट ऑफ होम (OOH) वर्टिकल को फिर से लॉन्च करने की घोषणा की है, जो अब 'BIG OOH' के नाम से जाना जाएगा (पहले यह ‘BIG Street’ था)।

Last Modified:
Tuesday, 29 July, 2025
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BIG FM ने अपने आउट ऑफ होम (OOH) वर्टिकल को फिर से लॉन्च करने की घोषणा की है, जो अब 'BIG OOH' के नाम से जाना जाएगा (पहले यह ‘BIG Street’ था)। इस पहल के तहत BIG FM अब टेक-ड्रिवन, प्रोग्रामेटिक डिजिटल OOH और पारंपरिक OOH विज्ञापन को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करेगा। इसका उद्देश्य ब्रैंड्स को प्लेटफॉर्म्स पर समग्र और हाइपरलोकल समाधान देना है।

‘BIG OOH’ को रणनीतिक रूप से इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह हाई-विजिबिलिटी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्लेसमेंट्स के जरिए ब्रैंड की दृश्यता को अधिकतम कर सके। डिजिटल आउट ऑफ होम (DOOH) फॉर्मैट्स के बढ़ते चलन का लाभ उठाते हुए, यह वर्टिकल क्षेत्रीय स्तर पर केंद्रित विज्ञापन की सुविधा देगा, जो BIG FM की मजबूत हाइपरलोकल उपस्थिति से पूरी तरह मेल खाता है।

इस नई पेशकश में एलईडी स्क्रीन, वीडियो वॉल, साइनेज और प्रोडक्ट जोन जैसे प्रीमियम फॉर्मैट शामिल हैं, जो ब्रैंड्स को विजुअली समृद्ध कैंपेन के लिए एक हाई-इम्पैक्ट कैनवस मुहैया कराते हैं। BIG FM की क्षेत्रीय पकड़ का विस्तार करते हुए, ‘BIG OOH’ रोजमर्रा के महत्वपूर्ण टचपॉइंट्स पर ऑडियंस एंगेजमेंट को और गहराई देगा।

BIG FM के COO सुनील कुमारण ने इस मौके पर कहा, “BIG LIVE प्लेटफॉर्म की लॉन्चिंग के बाद अब हम अपने पोर्टफोलियो को ‘BIG OOH’ के रूप में और विस्तार देने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। एक मीडिया पॉवरहाउस के तौर पर हमारा हमेशा यही प्रयास रहा है कि हम ब्रैंड्स और उनके प्रोडक्ट्स के लिए नवोन्मेषी समाधान तैयार करें जो असल दुनिया में असर डालें। इस नए वर्टिकल के साथ हम केवल अपनी पेशकश नहीं बढ़ा रहे, बल्कि हम इम्पैक्टफुल, मीजरेबल और इमर्सिव ब्रैंड एक्सपीरियंस देने की अपनी क्षमता को भी नए स्तर पर ले जा रहे हैं। यह लॉन्च हमें बदलते मार्केटिंग ट्रेंड्स को समझने और 360-डिग्री इंटीग्रेटेड मीडिया सॉल्यूशन देने में सक्षम बनाएगा।”

BIG OOH के नेशनल लीड राहुल त्यागी ने कहा, “BIG OOH, BIG FM की उस विकास यात्रा का अगला चरण है जो 360-डिग्री मार्केटिंग उत्कृष्टता की दिशा में है। इस वर्टिकल के जरिए हमारा लक्ष्य ब्रैंड्स की मार्केटिंग जरूरतों को पूरा करना और ऐसे प्रभावशाली रणनीति देना है जो ब्रैंड की पहचान को आकार दे और यादगार बनाए।”

BIG OOH की लॉन्चिंग के साथ, BIG FM भविष्य की जरूरतों के अनुरूप एक समावेशी मीडिया ईकोसिस्टम की ओर और एक कदम बढ़ा रहा है। ब्रैंड अपने नए वर्टिकल्स के साथ विस्तार कर रहा है, लेकिन उसकी मजबूत विरासत जस की तस बनी हुई है- जो दर्शकों से वास्तविक जुड़ाव, इमर्सिव पेशकश और प्रभावशाली स्टोरीटेलिंग के माध्यम से लगातार बनी हुई है।

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आज के दिन ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रसारण दिवस, जानिए वजह

भारत में प्रसारण युग की शुरुआत 23 जुलाई 1927 को मानी जाती है, जब इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) ने बॉम्बे स्टेशन से पहला रेडियो प्रसारण किया।

Last Modified:
Wednesday, 23 July, 2025
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हर साल 23 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न सिर्फ देश में संगठित रेडियो प्रसारण की शुरुआत की याद दिलाता है, बल्कि यह भी रेखांकित करता है कि किस तरह प्रसारण माध्यमों ने भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जब भारत में गूंजा पहला रेडियो सिग्नल

भारत में प्रसारण युग की शुरुआत 23 जुलाई 1927 को मानी जाती है, जब इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) ने बॉम्बे स्टेशन से पहला रेडियो प्रसारण किया। यह आयोजन भारतीय प्रसारण की नींव रखने वाला क्षण था, जहां से समाचार, संगीत और जनसंपर्क का नया युग शुरू हुआ। इसी ऐतिहासिक दिन की स्मृति में हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है।

इसके कुछ वर्षों बाद, 1930 में इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (ISBS) की स्थापना हुई, जिसे 1936 में नया नाम मिला- ऑल इंडिया रेडियो (AIR)। AIR के जरिए प्रसारण को एक नई पहचान और राष्ट्रीय दायरा मिला।

आज़ादी की लड़ाई से लेकर राष्ट्र निर्माण तक रेडियो की भूमिका

रेडियो का महत्व सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा। आज़ादी से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 'आज़ाद हिंद रेडियो' और कांग्रेस द्वारा चलाए गए गुप्त रेडियो स्टेशनों ने अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ जनजागरण में अहम भूमिका निभाई। वहीं स्वतंत्रता के बाद रेडियो, खासकर ऑल इंडिया रेडियो, देश की आवाज़ बना और राष्ट्र निर्माण में एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा।

'विविध भारती', जो 1957 में शुरू हुआ, रेडियो के सबसे प्रसिद्ध कार्यक्रमों में से एक रहा है। इसने नाटक, संगीत, फिल्मी गीतों और जनप्रसारण को घर-घर पहुंचाया, जिससे रेडियो भारतीय जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया।

रेडियो की सामाजिक पहुंच

स्वतंत्र भारत में AIR ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याण से जुड़े कार्यक्रमों के जरिए करोड़ों लोगों तक उपयोगी जानकारी पहुंचाई। रेडियो ने भाषायी विविधता को भी मंच दिया और देशभर में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण ने स्थानीय समुदायों को जोड़ने का काम किया।

डिजिटल दौर में रेडियो का कायाकल्प

21वीं सदी में डिजिटल क्रांति के साथ प्रसारण की परिभाषा ही बदल गई। डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों के चलते आज देश के दूरदराज इलाकों में भी लोग स्मार्टफोन और इंटरनेट की मदद से रेडियो और टेलीविजन कंटेंट से जुड़ पा रहे हैं। ओटीटी, पॉडकास्ट और वेब रेडियो जैसे नए माध्यमों ने प्रसारण को और भी सहभागिता-प्रधान और सुलभ बना दिया है।

प्रसारण: मनोरंजन से कहीं आगे

रेडियो और टेलीविजन ने न सिर्फ लोगों का मनोरंजन किया है, बल्कि आपदा की घड़ी में सूचना पहुंचाने, साक्षरता बढ़ाने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का काम भी बखूबी निभाया है। यही कारण है कि आज भी प्रसारण माध्यमों की भूमिका समय के साथ और भी प्रासंगिक होती जा रही है।

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस उन तमाम आवाज़ों को सलाम करने का दिन है, जिन्होंने माइक के पीछे रहकर देश से संवाद किया, समाज को दिशा दी और पीढ़ियों को जोड़े रखा।

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भारतीय सेना ने गांदरबल में शुरू किया ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’, युवाओं को मिलेगा नया मंच

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है।

Last Modified:
Saturday, 12 July, 2025
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भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है। इस नई पहल का मकसद स्थानीय युवाओं को एक ऐसा मंच देना है, जो उन्हें शिक्षा, संस्कृति, उद्यमिता और सामाजिक संवाद जैसे क्षेत्रों से जोड़ सके।

यह सामुदायिक रेडियो न केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम बनेगा, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा, रोजगार और पहचान का जरिया भी सिद्ध हो सकता है। स्टेशन स्थानीय भागीदारी और सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित होगा, जिससे जमीनी स्तर पर लोगों की आवाज और उनकी जरूरतों को मंच मिल सके।

रेडियो जैसे माध्यम की खासियत है कि वह दूर-दराज के इलाकों तक अपनी पहुंच बना सकता है। इस रेडियो स्टेशन के जरिए न केवल सरकारी योजनाओं और जन कल्याण कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुँचेगी, बल्कि स्थानीय मुद्दों, सांस्कृतिक विरासत और प्रतिभाओं को भी उजागर किया जाएगा। यह स्टेशन गांदरबल के अलावा मध्य कश्मीर के आसपास के इलाकों में भी अपनी सेवाएं देगा और उन समुदायों को आवाज देगा जिन्हें अक्सर मुख्यधारा में अनसुना कर दिया जाता है।

अमरनाथ यात्रा के दौरान यह रेडियो स्टेशन समन्वय, सार्वजनिक सुरक्षा और रीयल-टाइम जानकारी का एक प्रमुख साधन बनेगा, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों दोनों को लाभ होगा। इसके साथ ही यह स्टेशन लोकगीत, काव्य, प्रेरक कथाएँ और स्थानीय संगीत के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को भी संजोएगा।

 न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कंगन कम्युनिटी रेडियो स्टेशन के आरजे मुदस्सिर ने कहा कि यह एक रोजगारोन्मुख पहल है और स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान दिलाने का माध्यम भी। उन्होंने कहा, "यह सामुदायिक रेडियो सरकार और आम लोगों के बीच एक सेतु का काम करता है। यहां ऐसे मुद्दे भी उठते हैं जो राष्ट्रीय या व्यावसायिक रेडियो प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं पाते। साथ ही, यह युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करता है।”

एक अन्य रेडियो जॉकी तरन्नुम ने ANI से बात करते हुए बताया कि इस रेडियो स्टेशन ने उन्हें तकनीकी दक्षता और आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जिसने मेरी प्रतिभा को पहचाना। यहां हम रेडियो के पीछे की तकनीक से लेकर कार्यक्रम निर्माण तक सब कुछ सीखते हैं। इस पहल से न केवल मेरी पहचान बनी, बल्कि सीखने की एक नई दुनिया भी खुली। 

उन्होंने भारतीय सेना का धन्यवाद करते हुए कहा कि कई युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इस तरह के रचनात्मक मंच उन्हें बेहतर दिशा देने में मदद कर सकते हैं। 

रेडियो कंगन से जुड़े वीडियो कंटेंट एडिटर आदिल रसूल ने इसे युवाओं के लिए सकारात्मक डिजिटल विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि यह सेना और सरकार की एक बेहतरीन पहल है, जिससे मेरे जैसे युवा पर्यटन, शिक्षा और समुदाय जैसे विषयों पर काम कर पा रहे हैं। आज के समय में जब डिजिटल दुनिया की लत बढ़ती जा रही है, यह रेडियो एक नई दिशा दिखा सकता है। 

स्थानीय निवासी मंजूर अहमद ने भी ANI से बातचीत में रेडियो की उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अब अधिकतर जानकारी हमें हमारे ही क्षेत्र के रेडियो स्टेशन से मिल जाएगी। हमारी समस्याएं और सुझाव सीधे इस माध्यम से सामने आ सकेंगे। 

रेडियो कंगन 88.4 FM न सिर्फ एक प्रसारण केंद्र है, बल्कि यह युवा शक्ति को जोड़ने, सशक्त बनाने और उनकी आवाज को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। भारतीय सेना की इस पहल को स्थानीय स्तर पर सराहना मिल रही है और उम्मीद है कि यह आगे चलकर एक सशक्त सामुदायिक बदलाव का माध्यम बनेगा।

(साभार: ANI)

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Kuku TV ने भारत सी.एस. को माइक्रो ड्रामा का कंटेंट डायरेक्टर किया नियुक्त

कुकू टीवी ने भारत सी.एस. को ‘माइक्रो ड्रामा’ के कंटेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है।

Last Modified:
Wednesday, 09 July, 2025
Bharat985

कुकू टीवी (Kuku TV) ने भारत सी.एस. को ‘माइक्रो ड्रामा’ के कंटेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब कंपनी डिजिटल कंटेंट और शॉर्ट फॉर्मेट की कहानियों पर अपना फोकस तेज कर रही है। भारत सी.एस. कंटेंट क्रिएशन, डिजिटल प्रोडक्शन और रणनीतिक संचालन में दो दशक से अधिक का अनुभव रखते हैं और मीडिया इंडस्ट्री के अनुभवी पेशेवर माने जाते हैं।

भारत का करियर एमेजॉन, कल्चर मशीन और प्रमुख टेलीविजन नेटवर्क्स जैसे उदय टीवी, जी टीवी, ईटीवी और यूटीवी में निभाई गई अहम भूमिकाओं से सुसज्जित है। उन्होंने कंटेंट और ऑपरेशंस दोनों क्षेत्रों में इनोवेशन और कार्यकुशलता के लिए कई उल्लेखनीय पहल की हैं।

एमेजॉन में भारत ने MPAM ऑटोमेशन टूल के विकास का नेतृत्व किया, जिससे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट डिलीवरी की गति और सटीकता में बड़ा सुधार आया। अपने करियर में भारत अब तक 500 से अधिक टेलीविजन शो (फिक्शन और नॉन-फिक्शन दोनों), 1,000 से अधिक टीवी विज्ञापन और एक लाख से ज्यादा डिजिटल एसेट्स का निर्माण कर चुके हैं।

कल्चर मशीन में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने खासतौर पर तमिल और तेलुगु भाषाओं में रीजनल डिजिटल चैनलों को सफलतापूर्वक लॉन्च और विकसित किया। इन प्रयासों ने दक्षिण भारतीय दर्शकों की सांस्कृतिक रुचियों को ध्यान में रखते हुए बेहतरीन एंगेजमेंट हासिल किया।

भारत सी.एस. की इस नियुक्ति को कुकू टीवी के माइक्रो ड्रामा कंटेंट विस्तार के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जो दर्शकों को विविध, क्षेत्रीय और तीव्र-पक्षीय कहानियों के जरिए जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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रेडियो की आवाजों को मिला मंच, 'महाराष्ट्र रेडियो फेस्ट 2025' में दिए गए 'आशा पुरस्कार'

जानी-मानी गायिका आशा भोसले के नाम पर स्थापित ‘आशा रेडियो पुरस्कार’ की हुई शुरुआत, यह पुरस्कार रेडियो के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले प्रस्तोताओं को दिया गया।

Last Modified:
Sunday, 29 June, 2025
Radio Award

रेडियो माध्यम को राज्य स्तरीय मान्यता देने और इसे आगे बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहली बार ‘महाराष्ट्र रेडियो फेस्ट 2025’ का आयोजन किया। इस समारोह को न केवल रेडियो की भूमिका के लिए एक सम्मान के रूप में देखा गया, बल्कि इसे ‘ग्राउंड कनेक्ट’ और ‘सार्वजनिक संवाद’ की ताकत को उजागर करने वाला आयोजन भी माना गया।

इस अवसर पर देश भर से कई जाने-माने रेडियो प्रोफेशनल्स को सम्मानित किया गया। करीब एक हफ्ते पहले हुए इस समारोह का मुख्य आकर्षण ‘आशा रेडियो पुरस्कार 2025’ रहा, जो जानी-मानी गायिका और पद्म विभूषण आशा भोसले के नाम पर स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार रेडियो के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले प्रस्तोताओं को दिया गया।

कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री आशिष शेलार, और स्वयं आशा भोसले उपस्थित रहीं। मंच पर मुख्यमंत्री ने रेडियो को ‘लोकतंत्र की जमीन से जुड़ी सबसे सशक्त आवाज’ बताते हुए कहा कि सरकार इस माध्यम को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।  आशिष शेलार, जिन्होंने इस फेस्ट की संकल्पना दी, ने इसे ’रेडियो की असली पहचान को सामने लाने वाला मंच’ बताया और कहा कि आगे भी हर साल इसका आयोजन होगा।

इस कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में देशभर के कई रेडियो जॉकीज, कंटेंट क्रिएटर्स, और तकनीकी प्रोफेशनल्स को पुरस्कारों से नवाजा गया। ‘रेड एफएम’ (Red FM) की लोकप्रिय आरजे मलिष्का मेंडोंसा को इस समारोह में ‘सर्वोत्कृष्ट रेडियो निवेदक 2025’ के खिताब से नवाजा गया। उन्होंने रेडियो की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, ‘रेडियो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बदलाव का माध्यम भी है। यह हमें जोड़ता है, सोचने पर मजबूर करता है, और ज़मीन की सच्चाई को आवाज़ देता है।’

 

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Pocket Entertainment ने उमेश बुदे का किया प्रमोशन, सौंपी अब ये अहम जिम्मेदारी

अपनी नई भूमिका पर बात करते हुए उमेश बुदे ने कहा कि Pocket Entertainment के इस रोमांचक दौर में यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिए एक सौभाग्य है।

Last Modified:
Tuesday, 17 June, 2025
UmeshBude781

Pocket FM, Pocket Toons और Pocket Novel जैसे लोकप्रिय कंटेंट प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनी Pocket Entertainment ने उमेश बुदे को अपना नया चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) बनाया है। अब तक सीनियर वाइस प्रेजिडेंट ऑफ इंजीनियरिंग की भूमिका निभा रहे उमेश बुदे अब कंपनी की तकनीकी दिशा और भविष्य के एआई-आधारित कहानी कहने के मॉडल का नेतृत्व करेंगे।

CTO के तौर पर बुदे कंपनी के सभी प्लेटफॉर्म्स पर समग्र टेक्नोलॉजी रणनीति की अगुवाई करेंगे। उनका मुख्य फोकस अगली पीढ़ी के AI समाधानों के जरिए प्रॉडक्ट्स को ग्लोबल स्तर पर स्केलेबल बनाना, यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना और जनरेटिव AI को नए मुकाम तक ले जाना होगा।

अपनी नई भूमिका पर बात करते हुए उमेश बुदे ने कहा, “Pocket Entertainment के इस रोमांचक दौर में यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिए एक सौभाग्य है। अब वक्त आ गया है जब टेक्नोलॉजी और AI सिर्फ सहायक नहीं, बल्कि खुद एक कहानीकार की भूमिका निभा रहे हैं। मैं इस बदलाव की अगुवाई करने को लेकर उत्साहित हूं।”

बुदे सीधे कंपनी के को-फाउंडर प्रतीक दीक्षित को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे, जो इस ट्रांजिशन को कंपनी की क्रिएटिव और टेक्नोलॉजिकल दिशा के संगम का अहम मोड़ मानते हैं।

प्रतीक दीक्षित ने कहा, “हम अपने सफर के उस मोड़ पर हैं जहां टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी पूरी तरह एक-दूसरे में समाहित हो गए हैं। जैसे-जैसे हम कहानी कहने की परंपरा को AI युग के लिए फिर से परिभाषित कर रहे हैं, टेक्नोलॉजी इसकी आधारशिला है। उमेश की पदोन्नति इस बदलाव की कमान अपने हाथ में लेने की हमारी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है। उनका नेतृत्व ऐसी इंटेलिजेंट और इमोशनली अवेयर अनुभवों को गढ़ने में अहम होगा जो कहानी कहने की सीमाओं को आगे बढ़ाए।”

उमेश बुदे को इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और प्लेटफॉर्म सिक्योरिटी के क्षेत्रों में लगभग दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने Pocket Entertainment की टेक्नोलॉजी को जमीनी स्तर से खड़ा करने और उसे लगातार स्केल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब CTO के रूप में वे उस दिशा को आकार देंगे जहां कहानियों को सिर्फ सुनाया नहीं जाएगा, बल्कि टेक्नोलॉजी उन्हें गढ़ेगी, संवारेगी और उन्हें हर स्क्रीन पर जीवंत बना देगी।

Pocket Entertainment की यह रणनीतिक नियुक्ति उस दौर में आई है जब पूरी इंडस्ट्री जनरेटिव AI की संभावनाओं को लेकर बेहद उत्साहित है और मनोरंजन की दुनिया में तकनीक की भूमिका दिन-ब-दिन गहराती जा रही है।

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'रेडियो के जादूगर' अमीन सयानी की अनमोल विरासत को सहेजने में जुटे राजिल सयानी

रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता 'बिनाका गीतमाला' के जरिये मिली थी।

Last Modified:
Friday, 06 June, 2025
Sayani

रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने अपने पिता की अनमोल विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। बता दें कि अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। वह भारतीय रेडियो ब्रॉडकास्टिंग के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ गए हैं। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता मिली थी 'बिनाका गीतमाला' के जरिये, एक ऐसा शो जिसने भारतीय रेडियो के सुनहरे दौर को परिभाषित किया।

‘बहनों और भाइयों’ जैसी अपनी खास और दिल को छू जाने वाली आवाज के लिए पहचाने जाने वाले अमीन सयानी पीढ़ियों के दिलों तक पहुंचे। उनकी आवाज में अपनापन, साफगोई और भावनात्मक गहराई थी, जिसने उन्हें हर घर का नाम बना दिया। अपने लम्बे करियर में उन्होंने 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम होस्ट किए और 19,000 जिंगल्स बनाए। यह संख्या उनकी लोकप्रियता और भारतीय मीडिया में योगदान को दर्शाती है।

21 दिसंबर 1932 को मुंबई (तब बॉम्बे) में जन्मे अमीन सयानी का परिवार सामाजिक सेवा और सार्वजनिक जीवन से जुड़ा हुआ था। उनकी मां कुलसूम सयानी स्वतंत्रता सेनानी थीं और महात्मा गांधी के निकट थीं, जबकि उनके दादा रहीमतुल्ला एम. सयानी एक समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके थे। इन राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से अलग, अमीन सयानी ने रेडियो की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।

राजिल सयानी अक्सर इंटरव्यू और श्रद्धांजलियों में अपने पिता के समर्पण और उनके काम की गहराई को याद करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे अमीन सयानी एक तरह से संयोगवश कमर्शियल ब्रॉडकास्टर बने, लेकिन उन्होंने अपने कार्यक्रमों में विज्ञापनों को इतना सलीके से शामिल किया कि कभी भी कंटेंट की गुणवत्ता या श्रोता के अनुभव में कोई कमी नहीं आई। राजिल कहते हैं कि उनके पिता हर शब्द, हर ठहराव, हर उतार-चढ़ाव में ईमानदारी और जुनून भर देते थे, जिससे उनकी आवाज लोगों के लिए विश्वसनीय बन गई।

अब राजिल सयानी अपने पिता की आवाज और विरासत को जीवित रखने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। वे पुरालेख प्रोजेक्ट्स, स्टोरीटेलिंग प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तिगत कहानियों के जरिये उस आवाज को सहेज रहे हैं, जिसने करोड़ों भारतीयों के जीवन में संगीत, खुशी और जुड़ाव की भावना भरी। उनका यह समर्पण न केवल अपने पिता को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारतीय प्रसारण इतिहास की एक अमूल्य धरोहर को बचाने का कार्य भी है।

अमीन सयानी भले ही अब रेडियो की दुनिया से विदा हो चुके हैं, लेकिन राजिल की कोशिशों की बदौलत उनकी आवाज और उसका जादू आने वाली पीढ़ियों तक गूंजता रहेगा।

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NDTV ने लॉन्च किया पहला डिफेंस पॉडकास्ट 'CTRL + ALT DEFENCE'

NDTV ने अपना पहला समर्पित डिफेंस पॉडकास्ट 'CTRL + ALT DEFENCE' लॉन्च कर दिया है, जिसकी मेजबानी कर रहे हैं देश के दो वरिष्ठतम डिफेंस जर्नलिस्ट- विष्णु सोम और शिव अरूर।

Last Modified:
Thursday, 22 May, 2025
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भारत की सैन्य शक्ति, रणनीति और रक्षा प्रौद्योगिकी को समझने के लिए अब एक नया और प्रभावशाली माध्यम सामने आया है। NDTV ने अपना पहला डिफेंस पॉडकास्ट 'CTRL + ALT DEFENCE' लॉन्च कर दिया है, जिसकी मेजबानी कर रहे हैं देश के दो वरिष्ठतम डिफेंस जर्नलिस्ट- विष्णु सोम और शिव अरूर।

हर हफ्ते शनिवार शाम 6 बजे प्रसारित होने वाला यह पॉडकास्ट Apple Podcasts, Spotify, YouTube और ndtv.com/podcast पर सुना जा सकता है।

इस सीरीज की पहली कड़ी 17 मई को प्रसारित हुई, जिसका शीर्षक था- ‘Drones, Airstrikes, Media Narratives: Weapons of Operation Sindoor’। इस एपिसोड में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया को गहराई से समझाया गया है। ड्रोन, सटीक एयरस्ट्राइक और अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के जरिये कैसे देश की सीमाओं और आकाश की सुरक्षा सुनिश्चित की गई, इन पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही यह भी बताया गया कि संकट की घड़ी में मीडिया नैरेटिव किस तरह जनमत को प्रभावित करते हैं।

यह पॉडकास्ट सिर्फ तकनीकी जानकारी नहीं देता, बल्कि जमीन पर काम करने वाले पत्रकारों की वास्तविक अनुभवों से बुनी हुई गंभीर और संतुलित समझ पेश करता है।

विष्णु सोम, जिन्होंने सियाचिन, इराक और यूक्रेन जैसे संघर्ष क्षेत्रों से तीन दशक से ज्यादा समय तक रिपोर्टिंग की है, सैन्य तकनीक और सैटेलाइट-आधारित विश्लेषण के विशेषज्ञ माने जाते हैं। वहीं, शिव अरूर ने भी लिबिया और श्रीलंका जैसे युद्धक्षेत्रों से रिपोर्टिंग करते हुए 21 वर्षों का व्यापक अनुभव अर्जित किया है।

'CTRL + ALT DEFENCE' केवल हथियारों की बात नहीं करता, बल्कि उसमें रणनीतिक फैसलों, स्वायत्त ड्रोन से लेकर हाई-प्रिसीजन मिसाइलों तक की पूरी श्रृंखला को पत्रकारिता की सटीकता और जमीनी अनुभवों के साथ पेश किया जाता है। कारगिल से लेकर कांगो और पहलगाम से यूक्रेन तक, विष्णु और शिव की ग्राउंड रिपोर्टिंग दर्शकों को युद्ध के मैदान की जमीनी हकीकत से जोड़ती है वो भी एक सहज, संवादात्मक शैली में जो आम श्रोताओं तक भी पहुंच सके।

यह पॉडकास्ट सिर्फ रक्षा विशेषज्ञों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो जानना चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करता है। चाहे वह सैन्य रणनीति हो, जियोपॉलिटिक्स हो या वर्दी के पीछे छिपी मानवीय कहानियां — 'CTRL + ALT DEFENCE' हर पहलू को समेटता है।

NDTV की यह पहल उस समय बेहद प्रासंगिक है जब वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं और भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।

यहां सुनें ये पॉडकास्ट: ndtv.com/podcast/ctrl-alt-defence-1018 

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BIG FM ने लॉन्च किया 'BIG Live', इन मायनों में होगा खास

कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'Fuel Your Life' टैगलाइन के साथ यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को ऐसा कंटेंट देगा जो उनके जीवन को दिशा दे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।

Last Modified:
Tuesday, 20 May, 2025
Big FM..

देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क्स में शामिल ‘बिग एफएम’ (BIG FM) ने ‘बिग लाइव’ (BIG Live) नाम से एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो एक ही जगह पर विभिन्न जॉनर का चयनित और विश्वसनीय कंटेंट उपलब्ध कराएगा। बताया जाता है कि यह प्लेटफॉर्म खास तौर पर प्रीमियम यूजर्स को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जहां कंटेंट, बेहतरीन यूजर अनुभव और टारगेटेड विज्ञापन एक साथ मिलते हैं। 'BIG Live' का उद्देश्य ऐसा कंटेंट देना है जो न सिर्फ जानकारी दे, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर भी बनाए।

कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, हेल्थ व वेलनेस, एंटरटेनमेंट, ट्रैवल, फूड, फैशन, फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और ज्वेलरी जैसे तमाम क्षेत्रों में जानकारीपूर्ण कंटेंट प्रदान करेगा। 'Fuel Your Life' टैगलाइन के साथ यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को ऐसा कंटेंट देगा जो उनके जीवन को दिशा दे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।

इस बारे में ‘बिग एफएम’ के सीईओ अब्राहम थॉमस का कहना है,‘ BIG Live हमारे कंटेंट लीडरशिप और ऑडियंस की गहरी समझ का स्वाभाविक विस्तार है। इसके जरिये हम केवल ऑडियो तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि विविध और उच्च गुणवत्ता वाला डिजिटल कंटेंट देना चाहते हैं जो यूजर्स को जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें जोड़े भी रखे। आज का ऑडियंस सिर्फ जानकारी नहीं चाहता, वह ऐसा कंटेंट चाहता है जो उसकी महत्वाकांक्षाओं को ऊर्जा दे  और BIG Live इसी उद्देश्य से बनाया गया है। विज्ञापनदाताओं के लिए यह एक नया और असरदार प्लेटफॉर्म होगा, जहां वे टारगेट ऑडियंस तक सटीक और प्रभावशाली कैंपेन के जरिये पहुंच सकते हैं।’

वहीं, ‘बिग एफएम’ के सीओओ सुनील कुमारन का कहना है,‘ हम BIG Live को लॉन्च कर बेहद उत्साहित हैं। यह एक जीवंत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे उन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है जो हमेशा कुछ नया सीखना और आगे बढ़ना चाहते हैं। इस प्लेटफॉर्म के जरिए हम रेडियो और डिजिटल को जोड़ते हुए एक ऐसा मीडिया ब्रैंड बना रहे हैं जो लोगों को प्रेरणा दे और उनकी सोच को दिशा दे। यह ऐसा केंद्र होगा जहां सूचनाओं को एक रोचक अंदाज में पेश किया जाएगा ताकि लोग न सिर्फ जानकारी लें, बल्कि उस पर अमल भी कर सकें।’

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सफायर मीडिया लिमिटेड ने पूरा किया 92.7 BIG FM रेडियो का अधिग्रहण

‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) से ‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ को 92.7 BIG FM रेडियो के बोर्ड और प्रबंधन का नियंत्रण लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं।

Last Modified:
Saturday, 17 May, 2025
Sapphire Media

‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ (Sapphire Media limited) ने अब आधिकारिक रूप से रेडियो नेटवर्क 92.7 बिग एफएम का अधिग्रहण कर लिया है। यह रेडियो स्टेशन पहले रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स लिमिटेड के स्वामित्व में था और फरवरी 2023 से कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में था। इस प्रक्रिया के लिए रोहित मेहरा को रेजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया था।

बताया जा रहा है कि ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) से ‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ को 92.7 BIG FM रेडियो के बोर्ड और प्रबंधन का नियंत्रण लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं। कंपनी ने समाधान योजना (Resolution Plan) के तहत तय समय-सीमा में रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स लिमिटेड के कर्जदाताओं की बकाया राशि का भुगतान भी कर दिया है।

इससे पहले, ‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT) की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ और NCLT मुंबई बेंच ने क्रमशः 23 दिसंबर 2024 और 6 मई 2025 को सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी। इस दौरान रेडियो ऑरेंज और अन्य प्रतिस्पर्धियों की आपत्तियों को खारिज कर दिया गया।

बता दें कि 92.7 BIG FM रेडियो देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क्स में से एक है, जिसके पास 58 स्टेशन हैं और यह 1,200 से ज्यादा कस्बों व 50,000 से अधिक गांवों तक अपनी पहुंच रखता है। इस नेटवर्क के साथ सफायर मीडिया अपने तकनीक-आधारित डिजिटल कंटेंट क्रिएशन और ब्रॉडकास्टिंग के विस्तार को और मजबूती देगा।

यह अधिग्रहण सफायर मीडिया के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली 24X7’ की सफल लॉन्चिंग के बाद हुआ है। इसके अलावा, सफायर मीडिया देश के सबसे बड़े आउटडोर विज्ञापन नेटवर्क्स में से एक का संचालन भी करता है, जिससे टीवी, रेडियो, प्रिंट, डिजिटल और आउटडोर मीडिया के बीच एक बेहतरीन तालमेल बनता है।

‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ की स्थापना कैथल के उद्यमी साहिल मंगला और मीडिया प्रोफेशनल से एंटरप्रेन्योर बने आदित्य वशिष्ठ ने की थी। इस अधिग्रहण के साथ कंपनी कंटेंट और मीडिया के क्षेत्र में एक मजबूत समूह बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

 

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