2024 की पहली तीन तिमाहियों में रेडियो विज्ञापनों में लगातार वृद्धि देखी गई।
2024 की पहली तीन तिमाहियों में रेडियो विज्ञापनों में लगातार वृद्धि देखी गई। जनवरी से सितंबर 2024 के दौरान, टॉप 10 सेक्टर्स ने सामूहिक रूप से कुल विज्ञापन का 89% हिस्सा दर्ज किया। इन सेक्टर्स में सर्विसेज (30%), ऑटो (10%), बैंकिंग/फाइनेंस/इन्वेस्टमेंट (9%), रिटेल (9%), फूड व बेवरेजेस (8%), एजुकेशन (8%), पर्सनल ऐसेसीरीज (7%), बिल्डिंग, इंडस्ट्रियल व लैंड मैटेरियल/इक्वीपमेंट्स (3%), पर्सनल हेल्थकेयर (3%) और ड्यूरेबल्स (2%) शामिल हैं।
सर्विसेज और ऑटो अपनी टॉप कैटेगरीज की सूची में अपनी स्थिति बनाए हुए हैं, जबकि BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) जनवरी-सितंबर 2023 में 5वें स्थान से उछलकर 2024 में तीसरे स्थान पर पहुंच गया।
रेडियो विज्ञापन में टॉप 10 कैटेगरीज का 51% विज्ञापन हिस्सेदारी पर कब्जा है। इनमें शामिल हैं: प्रॉपर्टीज/रियल एस्टेट (16%), हॉस्पिटल/क्लीनिक्स (7%), कारें (7%), रीटेल आउटलेट्स- ज्वैलर्स (6%), रीटेल आउटलेट- इलेक्ट्रॉनिक्स/ड्यूरेबल्स (3%), रीटेल आउटलेट - क्लॉथ/टेक्सटाइल/फैशन (3%), लाइफ इंश्योरेंस (3%), मल्टीपल कोर्सेज (3%), स्कूल्स (1%) और कोचिंग/कम्पटैटिव एग्जाम सेंटर (1%), जैसा कि इन सेक्टर्स में देखा गया, टॉप 2 कैटेगरीज ने जनवरी-सितंबर 2023 की तुलना में जनवरी-सितंबर 2024 में अपनी स्थिति बनाए रखी।
जनवरी से सितंबर 2024 के दौरान रेडियो विज्ञापन में टॉप 10 विज्ञापनदाताओं ने कुल ऐड वॉल्यूम का 12% हिस्सा लिया। इन विज्ञापनदाताओं में LIC ऑफ इंडिया ने अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी। गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन, हुंडई मोटर इंडिया, और रेनॉल्ट इंडिया नए नाम थे, जो जनवरी-सितंबर 2023 की सूची में नहीं थे। अन्य प्रमुख विज्ञापनदाताओं में मारुति सुजुकी इंडिया, एसबीएस बायोटेक, LIC हाउसिंग फाइनेंस, टाटा मोटर्स, रिलायंस रिटेल और विष्णु पैकेजिंग शामिल हैं। इस अवधि में रेडियो पर 5000 से अधिक विशेष विज्ञापनदाता भी मौजूद थे, जो 2023 की तुलना में उल्लेखनीय है।
जनवरी-सितंबर 2024 में रेडियो पर टॉप 10 ब्रैंड्स में LIC हाउसिंग फाइनेंस, विमल पान मसाला, LIC जीवन उत्सव, मारुति सुजुकी एरीना, मणप्पुरम लोन अगेंस्ट गोल्ड, Acco जनरल ऑटो इंश्योरेंस, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स, अलीशान, LIC और निसान मैग्नाइट शामिल थे। इन टॉप 10 ब्रैंड्स में से 3 ब्रैंड्स LIC ऑफ इंडिया से संबंधित थे, और 2023 की इसी अवधि की तुलना में 5 ब्रैंड्स इस सूची में नए शामिल हुए।
जनवरी से सितंबर 2024 के दौरान कारों की कैटेगरी में विज्ञापन सेकंडेज (ad secondages) में सबसे अधिक 60% की वृद्धि दर्ज की गई। इसके बाद रिटेल आउटलेट्स - ज्वैलर्स ने 50% की वृद्धि दर्ज की, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में उल्लेखनीय है।
गुजरात और महाराष्ट्र ने अपने पहले और दूसरे स्थान को बनाए रखा, जिनका ऐड वॉल्यूम में हिस्सा क्रमशः 18% और 16% था। टॉप शहरों में जयपुर, नई दिल्ली, नागपुर, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, इंदौर, पुणे, बैंगलोर और वडोदरा शामिल थे। इन शहरों ने मिलकर ऐड वॉल्यूम का 62% हिस्सा जोड़ा। जयपुर ने अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी, जिसमें जनवरी-सितंबर 2024 के दौरान ऐड वॉल्यूम का 8% हिस्सा था।
शाम का समय रेडियो पर विज्ञापन के लिए सबसे अधिक पसंद किया गया समय था, उसके बाद सुबह और दोपहर का समय था। शाम और सुबह के समय ने मिलकर ऐड वॉल्यूम का 69% हिस्सा जोड़ा। 20-40 सेकंड वाले विज्ञापन रेडियो पर जनवरी-सितंबर 2023 और 2024 में सबसे अधिक पसंद किए गए। 20-40 सेकंड और 20 सेकंड से कम अवधि के विज्ञापनों ने मिलकर रेडियो पर कुल ऐड वॉल्यूम का 95% योगदान दिया।
इस नेटवर्क के पास मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 एफएम की फ्रीक्वेंसी के तहत तीन एफएम रेडियो स्टेशन हैं।
‘टीवी टुडे नेटवर्क’ (TV Today Network) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस खबर के अनुसार, टीवी टुडे नेटवर्क अपना रेडियो बिजनेस बंद करने जा रहा है। बता दें कि नौ जनवरी को हुई बोर्ड बैठक में टीवी टुडे नेटवर्क को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से अपना रेडियो बिजनेस बंद करने की मंजूरी मिल गई है।
नेटवर्क के पास मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 एफएम की फ्रीक्वेंसी के तहत तीन एफएम रेडियो स्टेशन हैं। स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया है कि उसका रेडियो बिजनेस अगले एक से छह महीनों के भीतर बंद किया जा सकता है।
इस फैसले के पीछे कारण बताते हुए कंपनी ने कहा, ‘इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति, इसके कामकाज और एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस के विकास को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कंपनी के हित में इसे जारी रखने के बजाय बंद करना उचित समझा है।’
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेडियो बिजनेस का टर्नओवर 16.18 करोड़ रुपये रहा। यह टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड के कुल कारोबार का 1.70 प्रतिशत था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनी के रेडियो बिजनेस ने 19.53 करोड़ रुपये का नुकसान भी दर्ज किया है।
केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) ने एमेजॉन के एलेक्सा स्मार्ट स्पीकर्स पर ऑल इंडिया रेडियो की लाइव स्ट्रीमिंग सर्विस लॉन्च की।
केंद्रीय सूचना-प्रसारण, खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) ने एमेजॉन के एलेक्सा स्मार्ट स्पीकर्स पर ऑल इंडिया रेडियो की लाइव स्ट्रीमिंग सर्विस लॉन्च की।
इस कार्यक्रम में प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्यप्रकाश, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति, एमेजॉन एलेक्सा (एशिया) के प्रिंसिपल टेक बिजनेस डेवलपमेंट राजीव साहनी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर बोलते हुए कर्नल राठौड़ ने कहा कि एमेजॉन एलेक्सा जैसी सेवाओं ने लोगों के जीवन को सरल बना दिया है। एमेजॉन एलेक्सा प्लेटफॉर्म पर ऑल इंडिया रेडियो की स्ट्रीमिंग सेवाओं का लॉन्च पुराने और आधुनिक संचार माध्यमों का एक संगम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल दुनिया भर में भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगी। अब दुनिया के किसी भी कोने से लोग ऑल इंडिया रेडियो के कार्यक्रम सुन सकते हैं।
ए सूर्यप्रकाश ने जानकारी दी कि भविष्य में ऑल इंडिया रेडियो की पुरालेख संपत्तियों (आर्काइवल एसेट्स) की प्लेलिस्ट भी एलेक्सा प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाएगी।
राजीव साहनी ने कहा कि उपकरणों के साथ संचार का भविष्य 'वॉयस' है। वॉयस हर जगह है और पहले से ही दुनिया भर में 39 करोड़ लोग वॉयस आधारित संचार का उपयोग कर रहे हैं। यह संख्या अगले 3 वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़कर 1.83 अरब तक पहुंच जाएगी।
विविध भारती और ऑल इंडिया रेडियो की अन्य 14 क्षेत्रीय भाषाओं की स्ट्रीमिंग सेवाएं एमेजॉन एलेक्सा पर स्ट्रीम की जाएंगी। निकट भविष्य में ऑल इंडिया रेडियो की पुरालेख संपत्तियां भी एमेजॉन एलेक्सा पर उपलब्ध कराई जाएंगी। ऑल इंडिया रेडियो को वैश्विक और घरेलू दर्शकों के लिए एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म मिलेगा और यह क्षेत्रीय, मुख्यालय और मेट्रो शहरों में विशेष रूप से टेरिस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग के सभी छाया क्षेत्रों को कवर करेगा।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने भारत के 13 प्रमुख शहरों में डिजिटल FM रेडियो प्रसारण शुरू करने की योजना बनाई है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने भारत के 13 प्रमुख शहरों में डिजिटल FM रेडियो प्रसारण शुरू करने की योजना बनाई है। यह कदम रेडियो इंडस्ट्री को आधुनिक बनाने और स्पेक्ट्रम दक्षता (spectrum efficiency) को बेहतर करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। डिजिटल प्रसारण की इस पहल से रेडियो प्रसारण की गुणवत्ता बेहतर होगी और रेडियो इंडस्ट्री के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने बताया कि आगामी FM रेडियो स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने के लिए 20 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। ये नीलामी हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत 254 कस्बों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को कवर करेगी। नीलामी अगले महीने से शुरू होने वाली है।
एक इंडस्ट्री कार्यक्रम में, जिसे इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) और एसोसिएशन ऑफ रेडियो ऑपरेटर्स फॉर इंडिया (AROI) ने आयोजित किया था, जाजू ने संभावित बोलीदाताओं से इस अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "अगले महीने हम नीलामी प्रक्रिया शुरू करेंगे और मैं सभी 20 कंपनियों से अनुरोध करता हूं कि वे इन अप्रयुक्त क्षेत्रों में विस्तार करने के इस शानदार अवसर का उपयोग करें।"
सूचना और प्रसारण मंत्रालय डिजिटल रेडियो में बदलाव को आसान बनाने के लिए चार वैश्विक डिजिटल रेडियो तकनीकों पर विचार कर रहा है। इस बदलाव में प्रसारकों की मदद के लिए "सिमुलकास्ट" तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जो एक ही समय पर एनालॉग और डिजिटल दोनों प्रसारण करने की सुविधा देगा। इसका उद्देश्य यह है कि प्रसारणकर्ता डिजिटल फॉर्मेट में बदलाव के दौरान अपनी आय को बनाए रख सकें।
निजी ऑपरेटर्स की फीस को लेकर चिंताओं का समाधान करते हुए मंत्रालय ने नॉन-रिफंडेबल फीस (non-refundable fee) और 2.5% वार्षिक लाइसेंस शुल्क को हटा दिया है। मंत्रालय ने इन शर्तों को वर्तमान नीलामी प्रक्रिया से हटाकर इसे सरल बना दिया है। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से प्रसारकों की टॉप-लाइन आय (revenue) पर निर्भर होगी। सचिव संजय जाजू ने बताया कि सरकार का "लाइट-टच" रेगुलेशन का दृष्टिकोण व्यवसायों को आसान बनाने पर केंद्रित है।
प्रसारकों की राजस्व स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए जाजू ने निजी एफएम स्टेशनों पर विज्ञापनों के बेस रेट (base rates) में 40% की वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय इंडस्ट्री की अन्य चुनौतियों का समाधान करने और नई विकास संभावनाओं को खोलने के लिए काम कर रहा है।
डिजिटल एफएम रेडियो के रोलआउट के लिए महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड और तकनीकी उन्नति की आवश्यकता होगी। फ्रीक्वेंसी प्लानिंग कमेटी ने पहले चरण के डिजिटल लॉन्च के लिए आवश्यक चैनलों की पहचान कर ली है। संजय जाजू ने कहा, "हमारा लक्ष्य अगले कुछ महीनों में इस प्रक्रिया को पूरा करना है और इन शहरों में डिजिटल रेडियो प्रसारण शुरू करना है।"
यह घोषणा सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के बीच निजी ऑपरेटर्स के लिए एक समग्र डिजिटल रेडियो प्रसारण नीति पर जारी बातचीत के बीच हुई है। जाजू ने यह भी कहा कि डिजिटल रेडियो की क्षमता, जो मौजूदा फ्रीक्वेंसी पर कई चैनल्स को समायोजित कर सकती है, यह प्रसारकों और श्रोताओं दोनों के लिए फायदेमंद होगी। उन्होंने बताया, "डिजिटल रेडियो भविष्य की दिशा है। यह मौजूदा स्पेक्ट्रम पर कई चैनल्स को अनुमति देता है, जिससे ऑपरेटर अपनी आय को अनुकूलित कर सकते हैं और श्रोताओं को अधिकतम मूल्य प्रदान कर सकते हैं।"
इसके अतिरिक्त, सरकार का उद्देश्य प्रॉपर्टरी तकनीकों पर निर्भरता को कम करना और खुले मानकों को प्रोत्साहित करना है, ताकि डिजिटल संक्रमण सहज हो सके। जाजू ने प्रसारकों को आश्वस्त करते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि संक्रमण सुचारू रूप से हो और इसे आधुनिक तकनीकी सहायता प्राप्त हो।"
इन रणनीतिक पहलों के साथ, मंत्रालय का उद्देश्य भारत के एफएम रेडियो परिदृश्य को पुनर्जीवित करना और पहले से अनसेवा क्षेत्रों में प्रसारण सेवाओं का विस्तार करना है, जिससे उद्योग में विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में एफएम रेडियो स्टेशनों के विस्तार और मौजूदा स्थिति पर लोकसभा में जानकारी दी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में एफएम रेडियो स्टेशनों के विस्तार और मौजूदा स्थिति पर लोकसभा में जानकारी दी। रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिकी व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
देश में एफएम रेडियो की मौजूदा स्थिति
केंद्रीय मंत्री ने अश्विनी वैष्णव बताया कि भारत में रिले स्टेशनों सहित कुल 625 आकाशवाणी एफएम ट्रांसमीटर और 388 प्राइवेट एफएम स्टेशन संचालित हैं। इसके अलावा, देश में 521 सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) भी कार्यरत हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में सूचना और मनोरंजन का प्रसार कर रहे हैं।
एफएम रेडियो के विस्तार के लिए नई पहल
प्रसार भारती के तहत एफएम नेटवर्क को बढ़ाने के लिए प्रसार भारती की प्रसारण अवसंरचना ऑडियंस रिसर्च और नेटवर्क विकास योजना (BIND) के तहत आकाशवाणी नेटवर्क का आधुनिकीकरण और विस्तार किया जा रहा है। नए एफएम ट्रांसमीटर को स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रीमंडल ने तमिलनाडु के 11 शहरों सहित 234 नए अछूते शहरों में 730 प्राइवेट एफएम चैनलों की ई-नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सूचना-प्रसारण मंत्री ने कहा कि इस कदम से विविध और स्थानीय सामग्री तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे सृजनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय भाषा के साथ-साथ संस्कृतियों का भी संवर्धन होगा।
लोकसभा में चर्चा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि एफएम रेडियो का महत्व न केवल मनोरंजन के लिए, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में सूचना के आदान-प्रदान के लिए भी है। इसके विस्तार से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में संचार को और सशक्त बनाया जा सकेगा।
सरकार एफएम रेडियो नेटवर्क को मजबूत करने और नई तकनीकों के माध्यम से इसे और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस कदम से न केवल शहरी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी एफएम रेडियो की पहुंच में वृद्धि होगी।
एफएम रेडियो स्टेशनों का विस्तार भारत में सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के लिए एक सकारात्मक कदम है। सरकार की नई योजनाओं और तकनीकी नवाचारों से एफएम रेडियो का भविष्य और भी उज्जवल दिखता है।
भारत सरकार ने एफएम नीति (फेज-III) के तहत बैच-III ई-नीलामी में सफल बोलीदाताओं के लिए एक बार की विशेष छूट को मंजूरी दी है।
भारत सरकार ने एफएम नीति (फेज-III) के तहत बैच-III ई-नीलामी में सफल बोलीदाताओं के लिए एक बार की विशेष छूट को मंजूरी दी है। इस फैसले के तहत सफल रेडियो ऑपरेटर्स को उनके रेडियो चैनलों के संचालन की तिथि से स्वचालित अनंतिम पैनल का लाभ मिलेगा। यह पैनल छह महीने तक या तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक वे केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) के साथ अनंतिम पैनल के लिए पात्र नहीं हो जाते।
अनंतिम पैनल की शर्तें
अनंतिम पैनल की अवधि में उन निजी एफएम रेडियो स्टेशनों पर बेस रेट लागू होगा, जिनके पास IRS (Indian Readership Survey) का डेटा उपलब्ध नहीं है।
अनंतिम पैनल मौजूदा ‘निजी एफएम रेडियो स्टेशनों के पैनलमेंट के लिए नीति दिशानिर्देशों’ के तहत स्थायी पैनलमेंट के लिए पात्रता प्राप्त करने तक लागू रहेगा।
रेडियो ऑपरेटर्स को त्वरित राजस्व लाभ
इस कदम से नए शहरों में रेडियो ऑपरेटर्स को तत्काल राजस्व लाभ मिलेगा और उन्हें अपनी सेवाएं शीघ्र शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह निर्णय इन शहरों में निजी एफएम रेडियो सेवाओं के तेजी से विस्तार को बढ़ावा देगा और पूरे देश में रेडियो प्रसारण सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
यह पहल भारत में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बेहतर बनाने और रेडियो ऑपरेटर्स को संचालन में समर्थन प्रदान करने के सरकार के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। इस कदम से प्रसारण सेवा क्षेत्र में सुगम व्यवसाय संचालन और विकास के लिए एक अनुकूल माहौल सुनिश्चित होगा। सरकार का यह निर्णय न केवल एफएम रेडियो ऑपरेटर्स के लिए लाभदायक होगा, बल्कि देश भर में बेहतर रेडियो सेवाएं उपलब्ध कराने में भी सहायक सिद्ध होगा।
रायपुर सेंट्रल जेल में जल्द ही कैदियों के जीवन में एक नई उमंग लाने के लिए 'उमंग-तरंग' रेडियो स्टेशन की शुरुआत की जाएगी, जो पूरी तरह से जेल परिसर तक सीमित होगा।
रायपुर सेंट्रल जेल में जल्द ही कैदियों के जीवन में एक नई उमंग लाने के लिए 'उमंग-तरंग' रेडियो स्टेशन की शुरुआत की जाएगी, जो पूरी तरह से जेल परिसर तक सीमित होगा। पुणे की यरवदा जेल के उदाहरण पर आधारित इस रेडियो स्टेशन का उद्देश्य कैदियों के तनाव को कम करना और उनमें सकारात्मक बदलाव लाना है। रेडियो स्टेशन से हिंदी और छत्तीसगढ़ी गीतों के साथ-साथ शिक्षाप्रद कहानियों और समाचारों का प्रसारण होगा, जिसे कैदी स्वयं संचालित करेंगे।
इस अनोखे रेडियो स्टेशन के लिए कैदियों को माइक, स्पीकर, केबल और समाचार पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रसारण की योजना सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक की गई है। रेडियो की शुरुआत हर सुबह फिल्म 'दो आंखें बारह हाथ' के प्रसिद्ध गीत "ऐ मालिक तेरे बंदे हम" से होगी, जिसके बाद प्रमुख समाचार और अन्य रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
विशेष बात यह है कि इस रेडियो स्टेशन को तारों के जरिए सभी बैरकों से जोड़ा जाएगा ताकि जेल के भीतर हर कैदी इसे सुन सके। जेल प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रमों की निगरानी की जाए, ताकि आपत्तिजनक भाषा या तनाव उत्पन्न करने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई जा सके।
रेडियो की एक और खासियत यह होगी कि कैदी अपनी पसंद के गीतों की फरमाइश भी कर सकेंगे। विभिन्न त्योहारों और आयोजनों के दौरान विशेष कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। इसके लिए जेल के योग्य और प्रशिक्षित कैदियों की एक टीम तैयार की जा रही है, जो अपने हिसाब से कार्यक्रम तैयार करेगी।
यह पहल रायपुर सेंट्रल जेल में पहली बार की जा रही है, जहां कैदी मनोरंजन और शिक्षा के उद्देश्य से स्वयं रेडियो स्टेशन का संचालन करेंगे, जो उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त प्रयास है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 57 नए सामुदायिक रेडियो (Community Radio) स्टेशनों को मंजूरी दी है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 57 नए सामुदायिक रेडियो (Community Radio) स्टेशनों को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 31 मार्च 2024 तक देश में कुल 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन काम कर रहे हैं। इनमें से 283 गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा, 191 शैक्षणिक संस्थानों द्वारा और 20 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकार सामुदायिक रेडियो क्षेत्र को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके तहत "भारत में सामुदायिक रेडियो आंदोलन को समर्थन" (Supporting Community Radio Movement in India) नामक एक केंद्रीय योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत नए और मौजूदा रेडियो स्टेशनों को उपकरण खरीदने या बदलने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा, क्षमतावर्धन, जागरूकता कार्यक्रम, क्षेत्रीय सम्मेलनों और वार्षिक सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों को भी इस योजना के तहत प्रोत्साहित किया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सामुदायिक रेडियो आंदोलन की शुरुआत से अब तक कुल 680 संस्थानों को सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए इच्छापत्र (LoI) जारी किए गए हैं, जिनमें से 603 संस्थाओं ने अनुमति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 31 मार्च 2024 तक 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन सक्रिय हो चुके हैं।
इसके अलावा, रिपोर्ट में निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की जानकारी भी दी गई है। 31 मार्च 2024 तक 113 शहरों में 388 निजी एफएम चैनल सक्रिय हैं, जो 26 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। वर्ष 2000 में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत के बाद से सरकार ने विभिन्न शुल्कों के माध्यम से 6,647.77 करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसमें एक बार की प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क और टॉवर किराया शामिल हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आगामी बैच-II और बैच-III एफएम रेडियो नीलामियों के तहत निजी एफएम रेडियो फेज-III नीति दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आगामी बैच-II और बैच-III एफएम रेडियो नीलामियों के तहत निजी एफएम रेडियो फेज-III नीति दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। ये बदलाव उन प्रसारकों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं जो अब तक बिना कवर किए गए शहरों में काम करेंगे। इसमें नए आरक्षित मूल्य और वार्षिक शुल्क संरचना में बदलाव किए गए हैं, विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के प्रसारकों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
अब बिना कवर किए गए नए शहरों में एफएम चैनलों के लिए आरक्षित मूल्य 2022 में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की सिफारिशों के आधार पर होगा। यह बदलाव एफएम फेज-III नीति दिशानिर्देशों के पैरा 4.6 में संशोधन के रूप में शामिल किया गया है। आधिकारिक आदेश, जो 10 सितंबर 2024 को जारी हुआ, में कहा गया है, "आरक्षित मूल्य वह होगा जो TRAI द्वारा 2022 में सिफारिश की गई थी।"
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैच-III नीलामी के माध्यम से बिना कवर किए गए शहरों में लाइसेंस प्राप्त करने वाले प्रसारकों को अपने सकल राजस्व के आधार पर वार्षिक शुल्क का भुगतान करना होगा। अद्यतन धारा 6.1(aa) के अनुसार, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रसारकों को जीएसटी को छोड़कर उनके सकल राजस्व का 4% वार्षिक शुल्क देना होगा।
इसके अलावा, मंत्रालय ने दूरस्थ क्षेत्रों जैसे पूर्वोत्तर राज्य, जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और लक्षद्वीप के प्रसारकों के लिए विशेष प्रोत्साहन भी पेश किए हैं। इन क्षेत्रों के प्रसारक पहले तीन वर्षों के लिए अपने सकल राजस्व का 2% वार्षिक शुल्क, जीएसटी को छोड़कर, भुगतान करेंगे। यह नया प्रावधान धारा 6.1(ba) के तहत जोड़ा गया है।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि एफएम चैनलों के लिए प्रसारकों को 15 वर्षों की अनुमति अवधि दी जाएगी, जो वार्षिक लाइसेंस शुल्क देय होने की तारीख से शुरू होगी।
28 अगस्त को, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य के साथ बैच-III ई-नीलामी की अनुमति दी थी। इस प्रस्ताव के तहत जीएसटी को छोड़कर सकल राजस्व का 4% वार्षिक लाइसेंस शुल्क भी तय किया गया है, जो 234 नए शहरों में लागू होगा।
देश में एफएम रेडियो के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 स्थानों पर 730 एफएम रेडियो चैनलों के लिए ई-नीलामी आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
देश में एफएम रेडियो के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 स्थानों पर 730 एफएम रेडियो चैनलों के लिए आरोही (बढ़ती हुई बोली) ई-नीलामी आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह मंजूरी निजी एफएम रेडियो के तीसरे चरण की नीति के तहत दी गई है। इस चरण में 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य की अधिकतम ई-नीलामी का संचालन करने का प्रस्ताव है।
? #Cabinet approves the proposal for conduct of 3rd batch of ascending e-auctions for 730 channels in 234 new cities with estimated reserve price of Rs.784.87 crore under Private FM Radio Phase Ill Policy
— PIB India (@PIB_India) August 28, 2024
A lot of problems of the radio industry, including improvement of its… pic.twitter.com/KgkNwP32hY
उन्होंने बताया कि इससे पहले के चरणों में, देश भर में कई शहरों में एफएम रेडियो चैनल स्थापित किए गए थे, लेकिन अब इसका विस्तार और भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा। इस योजना के तहत, छोटे और मध्यम आकार के शहरों में एफएम रेडियो चैनलों की पहुंच को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में सूचना और मनोरंजन का प्रसार और अधिक प्रभावी हो सकेगा। ई-नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित करने के लिए चुना गया है, ताकि योग्य आवेदक आसानी से भाग ले सकें।
मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवा कर को छोड़कर एफएम चैनल के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क को सकल राजस्व के 4 प्रतिशत की वसूली के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। यह 234 नए शहरों और कस्बों में लागू होगा। इससे अलग अलग भाषाओं विशेष रूप से मातृभाषाओं में स्थानीय कार्यक्रमों को बनाने को प्रोत्साहन मिलेगा। इस व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 32 शहरों और इसके बाद आंध्र प्रदेश में 22 शहरों/कस्बों में नए एफएम रेडियो चैनल्स खोले जाएंगे। मध्य प्रदेश में 20, राजस्थान में 19, बिहार में 18 और जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के लिए तीन चैनल आवंटित किए गए हैं।
बताया जा रहा है कि इस योजना से न केवल मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय भाषाओं और संस्कृतियों को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, नए एफएम रेडियो चैनल्स के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
मिजोरम के मुख्यमंत्री व केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी रहे समारोह में उपस्थित। इस दौरान 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की भी घोषणा की गई।
‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के आइजोल परिसर में स्थित भारत के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' का उद्घाटन गुरुवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, अपर सचिप नीरजा शेखर एवं भारतीय जनसंचार संस्थान की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर भी उपस्थित रहे।
समारोह को संबोधित करते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश का 500वां सामुदायिक रेडियो स्टेशन 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' आइजोल के लोगों के जीवन में बदलाव लाने और छात्रों, स्थानीय समुदाय और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्ट ईस्ट' की नीति अपनाई है और इस दिशा में 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, रेलवे की पहुंच और वैचारिक नीतियों को लागू कर उत्तर पूर्व क्षेत्र को अधिक समृद्ध बनाना हमारा लक्ष्य है और हम सभी को मिलकर इसके लिए सबसे बेहतर ईको सिस्टम बनाना होगा। शुभारंभ समारोह के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री द्वारा 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की भी घोषणा की गई। वर्ष 2014 में जहां पूरे देश में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या 140 थी, वहीं पिछले दस वर्षों में यह संख्या बढ़कर अब 500 तक पहुंच गई है।
इस अवसर पर उपस्थित मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि हम आइजोल में शुरू हो रहे 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन को लेकर उत्साहित हैं। यह एक महत्वपूर्ण संख्या है। सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति और स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन किसानों को सरकारी योजनाओं तथा कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने में सहायक होगा। इससे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने और हमारे समुदाय को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता और मजबूत होगी।
वहीं, डॉ. एल मुरुगन ने आईआईएमसी को बधाई देते हुए कहा कि यह एक सुखद अवसर है कि हम आइजोल में 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन की शुरुआत कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो पिछड़े क्षेत्रों के लोगों से संवाद करने में और प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक उद्देश्य के लिए है। यह स्थानीय लोगों और छात्रों को शिक्षित भी करता है। हम 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन तक पहुंच गए हैं। इस नाते हम सभी के लिये आज का दिन ऐतिहासिक है।
समारोह को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि सामाजिक मुद्दों को उठाने में सामुदायिक रेडियो एक अहम भूमिका निभा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सामाजिक विकास और सशक्तिकरण के लिए सामुदायिक रेडियो की बेहतर पहुंच सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिए नीतिगत दिशा-निर्देशों को समय-समय पर अपडेट करते रहते हैं, ताकि उनके कामकाज को बेहतर किया जा सके।
समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने कहा कि 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' का उद्घाटन मिजोरम के इतिहास में एक नया अध्याय है, जो संवाद के माध्यम से समुदायों को एक साथ लाता है, स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देता है और नागरिकों को सशक्त बनाता है।