भारतीय सेना ने गांदरबल में शुरू किया ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’, युवाओं को मिलेगा नया मंच

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है।

Last Modified:
Saturday, 12 July, 2025
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भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है। इस नई पहल का मकसद स्थानीय युवाओं को एक ऐसा मंच देना है, जो उन्हें शिक्षा, संस्कृति, उद्यमिता और सामाजिक संवाद जैसे क्षेत्रों से जोड़ सके।

यह सामुदायिक रेडियो न केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम बनेगा, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा, रोजगार और पहचान का जरिया भी सिद्ध हो सकता है। स्टेशन स्थानीय भागीदारी और सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित होगा, जिससे जमीनी स्तर पर लोगों की आवाज और उनकी जरूरतों को मंच मिल सके।

रेडियो जैसे माध्यम की खासियत है कि वह दूर-दराज के इलाकों तक अपनी पहुंच बना सकता है। इस रेडियो स्टेशन के जरिए न केवल सरकारी योजनाओं और जन कल्याण कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुँचेगी, बल्कि स्थानीय मुद्दों, सांस्कृतिक विरासत और प्रतिभाओं को भी उजागर किया जाएगा। यह स्टेशन गांदरबल के अलावा मध्य कश्मीर के आसपास के इलाकों में भी अपनी सेवाएं देगा और उन समुदायों को आवाज देगा जिन्हें अक्सर मुख्यधारा में अनसुना कर दिया जाता है।

अमरनाथ यात्रा के दौरान यह रेडियो स्टेशन समन्वय, सार्वजनिक सुरक्षा और रीयल-टाइम जानकारी का एक प्रमुख साधन बनेगा, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों दोनों को लाभ होगा। इसके साथ ही यह स्टेशन लोकगीत, काव्य, प्रेरक कथाएँ और स्थानीय संगीत के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को भी संजोएगा।

 न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कंगन कम्युनिटी रेडियो स्टेशन के आरजे मुदस्सिर ने कहा कि यह एक रोजगारोन्मुख पहल है और स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान दिलाने का माध्यम भी। उन्होंने कहा, "यह सामुदायिक रेडियो सरकार और आम लोगों के बीच एक सेतु का काम करता है। यहां ऐसे मुद्दे भी उठते हैं जो राष्ट्रीय या व्यावसायिक रेडियो प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं पाते। साथ ही, यह युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करता है।”

एक अन्य रेडियो जॉकी तरन्नुम ने ANI से बात करते हुए बताया कि इस रेडियो स्टेशन ने उन्हें तकनीकी दक्षता और आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जिसने मेरी प्रतिभा को पहचाना। यहां हम रेडियो के पीछे की तकनीक से लेकर कार्यक्रम निर्माण तक सब कुछ सीखते हैं। इस पहल से न केवल मेरी पहचान बनी, बल्कि सीखने की एक नई दुनिया भी खुली। 

उन्होंने भारतीय सेना का धन्यवाद करते हुए कहा कि कई युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इस तरह के रचनात्मक मंच उन्हें बेहतर दिशा देने में मदद कर सकते हैं। 

रेडियो कंगन से जुड़े वीडियो कंटेंट एडिटर आदिल रसूल ने इसे युवाओं के लिए सकारात्मक डिजिटल विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि यह सेना और सरकार की एक बेहतरीन पहल है, जिससे मेरे जैसे युवा पर्यटन, शिक्षा और समुदाय जैसे विषयों पर काम कर पा रहे हैं। आज के समय में जब डिजिटल दुनिया की लत बढ़ती जा रही है, यह रेडियो एक नई दिशा दिखा सकता है। 

स्थानीय निवासी मंजूर अहमद ने भी ANI से बातचीत में रेडियो की उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अब अधिकतर जानकारी हमें हमारे ही क्षेत्र के रेडियो स्टेशन से मिल जाएगी। हमारी समस्याएं और सुझाव सीधे इस माध्यम से सामने आ सकेंगे। 

रेडियो कंगन 88.4 FM न सिर्फ एक प्रसारण केंद्र है, बल्कि यह युवा शक्ति को जोड़ने, सशक्त बनाने और उनकी आवाज को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। भारतीय सेना की इस पहल को स्थानीय स्तर पर सराहना मिल रही है और उम्मीद है कि यह आगे चलकर एक सशक्त सामुदायिक बदलाव का माध्यम बनेगा।

(साभार: ANI)

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रेडियो मिर्ची की मूल कंपनी ENIL को मजबूत बढ़त, डिजिटल कारोबार बना कमाई का नया इंजन

ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म 'गाना' (Gaana) का संचालन करने वाली कंपनी एंटरटेनमेंट नेटवर्क (इंडिया) लिमिटेड (ENIL) ने सितंबर 2025 में खत्म हुई दूसरी तिमाही और पहली छमाही के वित्तीय नतीजे जारी किए हैं।

Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
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एफएम रेडियो चैनल 'रेडियो मिर्ची' और ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म 'गाना' (Gaana) का संचालन करने वाली कंपनी एंटरटेनमेंट नेटवर्क (इंडिया) लिमिटेड (ENIL) ने सितंबर 2025 में खत्म हुई दूसरी तिमाही और पहली छमाही के वित्तीय नतीजे जारी किए हैं।

कंपनी ने दूसरी तिमाही (Q2FY26) में कुल 141 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 24.3% की बढ़त दर्शाता है। घरेलू कारोबार से कंपनी को 135.4 करोड़ रुपये की आय हुई, जो पिछले साल की समान अवधि से 23.7% अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से इवेंट्स, सॉल्यूशंस और डिजिटल कारोबार में शानदार प्रदर्शन की वजह से हुई।

कंपनी का घरेलू EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और अमॉर्टाइजेशन से पहले का लाभ) 5% बढ़ा, जो यह दिखाता है कि कंपनी की अलग-अलग तरह की रणनीतिक का असर मजबूती से दिख रहा है। यदि डिजिटल कारोबार को छोड़ दिया जाए, तो EBITDA 20 करोड़ रुपये रहा और EBITDA मार्जिन 19.3% पर स्थिर रहा।

ENIL का डिजिटल कारोबार इस तिमाही में बेहद तेजी से बढ़ा। डिजिटल से कंपनी को 31.5 करोड़ रुपये की आय हुई, जो अब कंपनी के कोर रेडियो विज्ञापन राजस्व का 52.5% हिस्सा बन गया है, जबकि पिछले साल यही हिस्सा सिर्फ 21.4% था। यह उछाल मुख्य रूप से Gaana प्लेटफॉर्म पर बढ़ते यूजर बेस और मजबूत एंगेजमेंट की वजह से आया। खास बात यह रही कि यह वृद्धि कम निवेश के साथ हासिल हुई। डिजिटल बिजनेस में निवेश घटकर 12.9 करोड़ से 9.8 करोड़ रुपये रह गया।

हालांकि रेडियो विज्ञापन कारोबार पर अब भी कमजोर मांग और विज्ञापनदाताओं की सतर्कता का असर दिखा, लेकिन ENIL के डिजिटल, इवेंट्स और ब्रैंडेड सॉल्यूशंस से हुई तेज वृद्धि ने इस कमी को पूरा कर दिया। कंपनी की इंटरनेशनल यूनिट ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और 5.9 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया, जो पिछले साल की तुलना में 35% अधिक है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है। 30 सितंबर 2025 तक ENIL के पास 344.7 करोड़ रुपये की नकद राशि (cash balance) थी, जो उसकी स्थिरता और मजबूत प्रबंधन को दर्शाता है।

कंपनी के सीईओ यतीश महर्षि ने कहा, “इस तिमाही के नतीजे हमारे ट्रांसफॉर्मेशन जर्नी की सफलता और विविध कारोबारी मॉडल की ताकत को दिखाते हैं। डिजिटल, इवेंट्स और सॉल्यूशंस से मिली मजबूत ग्रोथ बताती है कि हम एक फुल-स्पेक्ट्रम ऑडियो एंटरटेनमेंट कंपनी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि पारंपरिक मीडिया में विज्ञापन मांग धीमी रहने के बावजूद, हमारी विविधता और नए राजस्व स्रोतों ने हमें संतुलित बनाए रखा है। आने वाले समय में कंपनी अपने ट्रांसफॉर्मेशन को और तेज करेगी, ताकि उसका बिजनेस पोर्टफोलियो भविष्य के लिए तैयार और संतुलित बन सके।

बता दें कि ENIL की स्थापना जून 1999 में हुई थी और यह BSE व NSE में सूचीबद्ध कंपनी है। इसका मुख्यालय मुंबई में है और यह देश के 63 शहरों में एफएम रेडियो स्टेशन संचालित करती है। कंपनी की प्रमोटर है बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL), जो टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की प्रमुख कंपनी है और भारत के सबसे पुराने और बड़े मीडिया समूहों में से एक है। 

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म्यूजिक ब्रॉडकास्ट ने हर तिमाही 7 करोड़ रुपये की बचत का रखा लक्ष्य, उठा रही ये कदम

कंपनी के सीईओ अब्राहम थॉमस ने बताया कि इस तिमाही में कंपनी ने अपनी कार्यप्रणाली को और मजबूत व लाभदायक बनाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं।

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Wednesday, 05 November, 2025
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रेडियो सिटी की मूल कंपनी म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड ने सितंबर 2025 में समाप्त दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों पर हाल ही में चर्चा की। इस दौरान कंपनी के सीईओ अब्राहम थॉमस ने बताया कि इस तिमाही में कंपनी ने अपनी कार्यप्रणाली को और मजबूत व लाभदायक बनाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी ने कुल कर्मचारियों की संख्या में 10 से 15 फीसदी तक की कमी की गई है और अब 13 लाइव स्टेशनों व 26 वर्चुअल स्टेशनों के साथ “एसेट-लाइट” मॉडल की ओर बढ़ी है। इससे श्रोताओं या विज्ञापनदाताओं के अनुभव पर कोई असर नहीं पड़ा है।

कंपनी ने अपने कुछ डिजिटल प्रोजेक्ट्स में भी बदलाव किए हैं। ‘RC स्टूडियो’ को बंद कर दिया गया है, जबकि ‘RC Swapper’ (पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म) को radiocityindia.in के साथ जोड़ दिया गया है। वहीं, ‘Muzartdisco’ प्लेटफॉर्म को जीरो कैश इनवेस्टमेंट मॉडल में बदल दिया गया है और ‘SMINCO’ को अब अन्य प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी के मॉडल में ले जाया गया है।

अब्राहम थॉमस ने बताया कि कंपनी ने अपने रेडियो प्रोग्रामिंग को भी ऑप्टिमाइज किया है। टॉप नौ मार्केट्स को छोड़कर बाकी सभी शहरों में अब चार की बजाय तीन शो होंगे। “हब एंड स्पोक” मॉडल अपनाया गया है, जिसके तहत मुख्य स्टेशन आसपास के शहरों के लिए कंटेंट तैयार करेगा। प्रसारण का समय अब रोजाना 16 से 18 घंटे तक सीमित किया गया है और नया कंटेंट प्लान भी शुरू किया गया है। इन सभी कदमों से कंपनी को हर तिमाही लगभग 6 से 7 करोड़ रुपये की बचत होगी।

दूसरी तिमाही में कंपनी की कुल आय 37.8 करोड़ रुपये रही, जबकि ऑपरेटिंग ईबीआईटीडीए 1.4 करोड़ रुपये रहा। हालांकि मांग कमजोर रहने के कारण प्रदर्शन थोड़ा सीमित रहा, क्योंकि जीएसटी लाभों की घोषणा से पहले कई विज्ञापनदाताओं ने अपने कैंपेन स्थगित कर दिए थे। सितंबर में जीएसटी ट्रांजिशन डेट के बाद विज्ञापन गतिविधियों में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिला।

थॉमस ने आगे बताया कि इस तिमाही में कंपनी का मार्केट शेयर 18 फीसदी रहा। रेडियो सिटी विज्ञापनदाताओं की पहली पसंद बनी रही और रेडियो सेक्टर में 42 फीसदी क्लाइंट बेस के साथ अपनी लीडरशिप बरकरार रखी। रेडियो में आने वाले नए विज्ञापनदाताओं में से 34 फीसदी ने रेडियो सिटी को चुना, जो इसकी मजबूत ब्रैंड पोजिशन और डेटा-ड्रिवन मार्केटिंग की सफलता को दर्शाता है।

कंपनी ने इस तिमाही में अपने राजस्व स्रोतों को विविध बनाने पर भी जोर दिया। कुल आय का लगभग 34 फीसदी हिस्सा ब्रैंडेड प्रॉपर्टीज, डिजिटल वेंचर्स, स्पॉन्सरशिप्स और खास इवेंट्स जैसे वैकल्पिक राजस्व स्रोतों से आया। इससे कंपनी का बिजनेस पोर्टफोलियो और अधिक संतुलित व स्थिर हुआ है।

कंपनी के सीईओ ने बताया कि दूसरी तिमाही की आय 37.8 करोड़ रुपये और पहली छमाही की कुल आय 87.2 करोड़ रुपये रही। तिमाही का EBITDA 1.4 करोड़ रुपये और आधे साल का EBITDA 9.3 करोड़ रुपये रहा। ब्याज घटाने के बाद तिमाही में कंपनी को 4.6 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। 30 सितंबर 2025 तक कंपनी के पास 362 करोड़ रुपये की नकद राशि उपलब्ध रही।

अब्राहम थॉमस ने कहा कि कंपनी द्वारा किए गए इन रणनीतिक बदलावों से हर तिमाही में 6 से 7 करोड़ रुपये की लागत घटेगी और इससे दीर्घकालिक स्थिरता और लाभप्रदता दोनों में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञापन बाजार में सुधार और सकारात्मक माहौल को देखते हुए आने वाले महीनों में कंपनी को और मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। 

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म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड ने नेहा कदम को बनाया HR हेड

'रेडियो सिटी' (Radio City) का संचालन करने वाली कंपनी म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड ने अपने सीनियर मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव किया है।

Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
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'रेडियो सिटी' (Radio City) का संचालन करने वाली कंपनी म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड ने अपने सीनियर मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने नेहा कदम को ह्यूमन रिसोर्सेस (HR) का हेड और सीनियर मैनेजमेंट पर्सनल के तौर पर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 24 नवंबर 2025 से प्रभावी होगी।

कंपनी ने बताया कि यह फैसला 29 अक्टूबर 2025 को हुई बोर्ड मीटिंग में लिया गया, जिसमें नॉमिनेशन और रेम्यूनरेशन कमेटी की सिफारिश पर नेहा कदम की नियुक्ति को मंजूरी दी गई। 

बता दें कि नेहा कदम के पास 14 साल से भी ज्यादा का अनुभव है और उन्होंने कई क्रिएटिव, डिजिटल और बिजनेस सेक्टर में काम किया है। उनका अनुभव लर्निंग एंड डेवलपमेंट, इंटरनल कम्युनिकेशन, HR बिजनेस पार्टनरिंग, और कल्चर इनिशिएटिव्स से जुड़ा रहा है।

नेहा कदम ने ह्यूमन रिसोर्सेस में MBA किया है। वह मैनेजमेंट स्टडीज में ग्रेजुएट हैं। इसके अलावा उन्होंने पब्लिक रिलेशंस व ऐडवर्टाइजिंग में डिप्लोमा किया है।

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प्रसार भारती करेगा टीवी और रेडियो आर्काइव से कमाई

पॉलिसी का उद्देश्य दूरदर्शन और आकाशवाणी के विशाल टीवी और रेडियो आर्काइव से कंटेंट को मोनेटाइज करना और इसे ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है

Last Modified:
Wednesday, 22 October, 2025
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प्रसार भारती अपनी नई कंटेंट सिंडिकेशन पॉलिसी 2025 को मध्य नवंबर तक फाइनल करने वाला है। यह कदम प्रमुख इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ हुई सलाह-मशविरों के बाद उठाया जा रहा है।

'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने बताया कि अगले 10–12 दिनों में हम इंडस्ट्री कंसल्टेशन आयोजित करेंगे। मुझे लगता है कि मध्य नवंबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। 

पॉलिसी का उद्देश्य दूरदर्शन और आकाशवाणी के विशाल टीवी और रेडियो आर्काइव से कंटेंट को मोनेटाइज करना और इसे ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। साथ ही, यह देश और विदेश के प्लेटफॉर्म्स के साथ स्ट्रैटेजिक कोलैबोरेशन की राह भी खोलेगी।

पॉलिसी के ड्राफ्ट और कंसल्टेशन नोट पिछले महीने OTT प्लेटफॉर्म्स, टीवी चैनल्स, रेडियो नेटवर्क्स, टेलीकॉम ऑपरेटर्स और कंटेंट एग्रीगेटर्स को भेजे गए थे। इसमें मोनेटाइजेशन मॉडल और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर फीडबैक मांगा गया।

पॉलिसी के अनुसार कंटेंट सिंडिकेशन को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा- फ्री या पब्लिक, कमर्शियल और इंटरनेशनल।

  • फ्री या पब्लिक कैटेगरी: इसमें सरकारी विभाग, शैक्षणिक संस्थान और कम्युनिटी मीडिया गैर-व्यावसायिक, शैक्षणिक और जागरूकता उद्देश्यों के लिए कंटेंट इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, कंटेंट में कोई बदलाव करने के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

  • कमर्शियल कैटेगरी: OTT प्लेटफॉर्म्स, टीवी चैनल्स, एग्रीगेटर्स, टेलीकॉम कंपनियां और इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट प्रोवाइडर्स कंटेंट का इस्तेमाल पेड लाइसेंसिंग, रिवेन्यू-शेयर एग्रीमेंट्स या बंडल्ड ऑफर के जरिए कर सकेंगे। एक्सक्लूसिव राइट्स मामले के हिसाब से दी जा सकती हैं।

  • इंटरनेशनल कैटेगरी: इसमें विदेशी ब्रॉडकास्टर्स, डायस्पोरा प्लेटफॉर्म्स और कल्चरल ऑर्गनाइजेशन शामिल होंगे। ये राइट्स ग्लोबल या टेरिटरी-स्पेसिफिक, एक्सक्लूसिव या नॉन-एक्सक्लूसिव आधार पर जारी की जा सकती हैं।

प्रसार भारती फ्लैट-फी लाइसेंसिंग, हाइब्रिड मिनिमम गारंटी + रिवेन्यू-शेयर और बार्टर-बेस्ड कंटेंट एक्सचेंज जैसे लचीले मोनेटाइजेशन मॉडल भी अपनाने पर विचार कर रहा है।

पॉलिसी में AI-संचालित ऐडवर्टाइजिंग, ब्लॉकचेन-एनबल्ड रॉयल्टी ट्रैकिंग और एड्रेसेबल टीवी जैसे नए टूल्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात भी कही गई है।

ड्राफ्ट के अनुसार, एक सिंडिकेशन रिव्यू कमिटी (SRC) बनाई जाएगी, जो सभी सिंडिकेशन अप्लिकेशन की समीक्षा करेगी ताकि संपादकीय, कानूनी और वित्तीय मानकों का पालन हो।

इसके अलावा, पॉलिसी में रेट कार्ड, ब्रांडिंग गाइडलाइन्स, मेटाडेटा टेम्प्लेट्स और प्रतिबंधित उपयोग के मामलों (जैसे राजनीतिक विज्ञापन और AI ट्रेनिंग के लिए बिना अनुमति कंटेंट इस्तेमाल) की भी जानकारी शामिल है।

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प्रसार भारती ने CDN सेवाओं के लिए इंडस्ट्री से मांगा फीडबैक

प्रसार भारती ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, खासकर रेडियो और संबंधित सेवाओं पर स्ट्रीमिंग क्षमता बढ़ाने के लिए कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क सेवाओं पर फीडबैक आमंत्रित किया है।

Last Modified:
Saturday, 18 October, 2025
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देश के सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, खासकर रेडियो और संबंधित सेवाओं पर स्ट्रीमिंग क्षमता बढ़ाने के लिए कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) सेवाओं पर फीडबैक आमंत्रित किया है। यह कदम प्रसार भारती की डिजिटल विस्तार रणनीति का हिस्सा है।

15 अक्टूबर 2025 को जारी एक ऑफिस मेमो में प्रसार भारती ने बताया कि वह GeM (Government e-Marketplace) पोर्टल पर CDN सेवाओं और डेटा डिलीवरी सॉल्यूशंस के लिए नई टेंडर प्रक्रिया शुरू करने वाला है। इन सेवाओं का उद्देश्य रेडियो चैनलों और अन्य डिजिटल ब्रॉडकास्ट की लाइव स्ट्रीमिंग को सुचारू बनाना है।

ड्राफ्ट तकनीकी विशिष्टताओं को संभावित बोलीदाताओं, ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) और उनके अधिकृत डीलर्स या विक्रेताओं से इनपुट लेने के लिए प्रकाशित किया गया है। प्रसार भारती ने जोर दिया है कि सभी फीडबैक के साथ बजट का अनुमान भी भेजा जाए, ताकि टेंडर फाइनल करने से पहले संभावित लागत का वास्तविक आकलन किया जा सके।

उद्योग के विशेषज्ञों को 3 नवंबर 2025 तक अपने सुझाव और बजट को ade-it@prasarbharati.gov.in पर ईमेल करने के लिए कहा गया है।

यह पहल प्रसार भारती की IT और कंटेंट डिलीवरी इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने की दिशा में एक और कदम है। इसका उद्देश्य अकाशवाणी की लाइव स्ट्रीमिंग सेवाओं और प्रसार भारती न्यूज सर्विसेज (PBNS) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर एक्सेसिबिलिटी और यूजर अनुभव को बेहतर बनाना है।

फीडबैक आमंत्रण प्रसार भारती के असिस्टेंट डायरेक्टर (IT) सिम्मी मित्तल द्वारा जारी किया गया है, और इस ड्राफ्ट नोटिस को PBNS निदेशालय द्वारा प्रसार भारती की कॉर्पोरेट वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।

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बिहार चुनाव: सभी राजनीतिक दलों को दूरदर्शन व आकाशवाणी पर मुफ्त प्रसारण के लिए समय आवंटित

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर मुफ्त प्रसारण और टेलीकास्ट समय देने की घोषणा की है।

Last Modified:
Friday, 17 October, 2025
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चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर मुफ्त प्रसारण व टेलीकास्ट के लिए समय देने की घोषणा की है। इसके तहत अब पार्टियों को डिजिटल टाइम वाउचर आवंटित किए जाएंगे।

यह पहल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 39ए के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य चुनाव अवधि के दौरान सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सरकारी मीडिया पर समान अवसर प्रदान करना है। चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार यह व्यवस्था पूरी तरह आईटी आधारित डिजिटल सिस्टम पर होगी, जिससे पहले की मैनुअल वाउचर प्रक्रिया को खत्म किया जा रहा है।

प्रसारण और टेलीकास्ट का समय उम्मीदवारों की सूची जारी होने से लेकर मतदान की तारीख से दो दिन पहले तक उपलब्ध रहेगा। इस दौरान विभिन्न चरणों के लिए समय-सारणी लॉटरी के माध्यम से तय की जाएगी, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

प्रत्येक योग्य राजनीतिक दल को दूरदर्शन और आकाशवाणी दोनों पर 45 मिनट का मुफ्त प्रसारण समय दिया जाएगा। इसके अलावा, पिछले बिहार विधानसभा चुनावों में दलों के प्रदर्शन के आधार पर अतिरिक्त समय भी दिया जा सकता है। ये प्रसारण राज्य के क्षेत्रीय नेटवर्क्स पर प्रसारित किए जाएंगे, ताकि सभी इलाकों में बराबर पहुंच बनाई जा सके।

राजनीतिक दलों को अपने भाषणों की स्क्रिप्ट और रिकॉर्डिंग पहले से जमा करनी होगी और यह पूरी तरह चुनाव आयोग और प्रसार भारती के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होनी चाहिए। रिकॉर्डिंग का काम दूरदर्शन/आकाशवाणी केंद्रों पर या ऐसे स्टूडियो में किया जा सकेगा जो प्रसार भारती के तकनीकी मानकों को पूरा करते हों।

इसके अलावा, प्रसार भारती दोनों प्लेटफॉर्म्स पर अधिकतम दो पैनल चर्चाओं या डिबेट्स का आयोजन भी करेगी, जिनमें प्रत्येक योग्य दल का एक प्रतिनिधि भाग ले सकेगा। इन चर्चाओं का संचालन एक मान्यताप्राप्त समन्वयक (मॉडरेटर) द्वारा किया जाएगा ताकि दर्शकों को संतुलित और जानकारीपूर्ण चर्चा देखने को मिले।

चुनाव आयोग ने कहा कि यह पहल चुनावी संवाद प्रक्रिया में पारदर्शिता, समान अवसर और डिजिटल कुशलता लाने के लिए की गई है, ताकि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की आवाज विश्वसनीय राष्ट्रीय मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता तक पहुंच सके।

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डिजिटल रेडियो के लिए TRAI का रोडमैप, 13 शहरों में स्पेक्ट्रम की कीमतें तय

ट्राई (TRAI) ने प्राइवेट रेडियो ब्रॉडकास्टर्स के लिए डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग पॉलिसी तैयार करने के अपने सुझाव जारी किए हैं।

Last Modified:
Friday, 03 October, 2025
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ट्राई (TRAI) ने प्राइवेट रेडियो ब्रॉडकास्टर्स के लिए डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग पॉलिसी तैयार करने के अपने सुझाव जारी किए हैं। इस प्रस्ताव में भारत में एनालॉग FM से डिजिटल रेडियो पर संक्रमण, लाइसेंसिंग शर्तें, ऑक्शन नियम और प्रमुख शहरों में स्पेक्ट्रम के रिजर्व प्राइस का रोडमैप तय किया गया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने अप्रैल 2024 में TRAI से यह सुझाव मांगे थे कि निजी क्षेत्र के लिए डिजिटल रेडियो पॉलिसी कैसे बनाई जाए। सितंबर 2024 में जारी परामर्श पत्र और जनवरी 2025 में ओपन हाउस चर्चा के बाद, TRAI ने अब अपनी अंतिम सिफारिशें पेश कर दी हैं।

सिमुलकास्ट प्रणाली से संक्रमण:

TRAI ने सिफारिश की है कि डिजिटल रेडियो सेवाएं सिमुलकास्ट मोड में शुरू की जाएं। इसके तहत एक Broadcaster एक ही आवृत्ति पर एक एनालॉग FM चैनल, तीन डिजिटल चैनल और एक डेटा चैनल प्रसारित कर सकेगा। यह प्रणाली श्रोताओं और ब्रॉडकास्टर्स दोनों के लिए संक्रमण को आसान बनाएगी।

मौजूदा FM ब्रॉडकास्टर्स को स्वैच्छिक आधार पर सिमुलकास्ट पर जाने का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें शहर में स्पेक्ट्रम के ऑक्शन द्वारा निर्धारित मूल्य और वर्तमान लाइसेंस अवधि के लिए पहले से भरी गई एंट्री फीस के बीच का अंतर भरना होगा। ऑक्शन पूरा होने के छह महीने के भीतर इस विकल्प का उपयोग करना होगा। डिजिटल सेवाओं के लिए चुने जाने के बाद ब्रॉडकास्टर्स को दो साल के भीतर संचालन शुरू करना होगा। TRAI ने कहा है कि एनालॉग FM बंद करने की अंतिम तारीख बाद में तय की जाएगी।

प्रौद्योगिकी और इन्फ्रास्ट्रक्चर:

नियामक ने जोर दिया कि भारत को VHF Band II फ्रीक्वेंसी रेंज में एक ही डिजिटल रेडियो तकनीक अपनानी चाहिए। सरकार इस तकनीक को ब्रॉडकास्टर्स और रिसीवर निर्माताओं से परामर्श के जरिए, ऑक्शन प्रक्रिया के माध्यम से या किसी अन्य उपयुक्त तरीके से तय कर सकती है।

TRAI ने डिजिटल सेवाओं के तेजी से रोलआउट के लिए ‘रेडियो ब्रॉडकास्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर’ नामक नई श्रेणी बनाने का सुझाव दिया है। ये संस्थाएं ब्रॉडकास्टर्स को सक्रिय और निष्क्रिय इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर के दे सकती हैं, हालांकि यह डिजिटल सेवाएं शुरू करने के लिए अनिवार्य नहीं होगा। इसके अलावा, प्रसार भारती को निजी ब्रॉडकास्टर्स को अपनी भूमि, टॉवर और साझा ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।

मूल्य निर्धारण और अधिकृत अवधि:

डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग के लिए अधिकृत अवधि 15 साल तय की गई है। ब्रॉडकास्टर्स को अपनी समायोजित सकल आय (AGR) का 4 प्रतिशत वार्षिक शुल्क देना होगा। सीमा, पर्वतीय और द्वीपीय क्षेत्रों में पहले तीन साल के लिए यह 2 प्रतिशत होगा और उसके बाद 4 प्रतिशत। ऑनलाइन स्ट्रीमिंग से होने वाली आय भी कुल राजस्व में गिनी जाएगी।

बाजार और प्रतिस्पर्धा:

TRAI ने कहा है कि किसी एक संस्था को किसी शहर में कुल फ्रीक्वेंसी का 40 प्रतिशत से अधिक रखने की अनुमति नहीं होगी। प्रत्येक शहर में कम से कम तीन अलग-अलग ऑपरेटर होंगे ताकि प्रतिस्पर्धा बनी रहे।

A+ और A श्रेणी शहरों में रिजर्व प्राइस:

TRAI ने चार ‘A+’ और नौ ‘A’ श्रेणी के शहरों में डिजिटल रेडियो सेवाओं के रोलआउट के लिए ऑक्शन कराने की सिफारिश की है। मेट्रो में रिजर्व प्राइस: मुंबई – 194.08 करोड़, दिल्ली – 177.63 करोड़, चेन्नई – 146.68 करोड़, कोलकाता – 79.96 करोड़। A श्रेणी शहरों में बेंगलुरु – 87.22 करोड़, हैदराबाद – 65.85 करोड़, पुणे – 41.26 करोड़, अहमदाबाद – 40.44 करोड़, नागपुर – 29.48 करोड़, जयपुर – 26.89 करोड़, सूरत – 25.89 करोड़, लखनऊ – 24.59 करोड़ और कानपुर – 20.52 करोड़।

श्रोताओं और ब्रॉडकास्टर्स को लाभ:

TRAI के अनुसार, डिजिटल रेडियो एनालॉग FM की तुलना में बेहतर ऑडियो अनुभव देगा। एक फ्रीक्वेंसी पर कई चैनल प्रसारित करने से श्रोताओं को विविध प्रोग्रामिंग मिलेगी और ब्रॉडकास्टर्स के लिए नई आय के अवसर खुलेंगे। डेटा चैनल के माध्यम से टेक्स्ट और सूचना सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। ब्रॉडकास्टर्स अपने डिजिटल चैनलों की शैली चुन सकेंगे। सरकार को सलाह दी गई है कि डिजिटल रेडियो रिसीवर मोबाइल और कार इंफोटेनमेंट सिस्टम में उपलब्ध कराए जाएं।

TRAI ने कहा है कि डिजिटल रेडियो से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, उपभोक्ताओं को विकल्प मिलेंगे और ब्रॉडकास्टर्स अपने कंटेंट में विविधता ला सकेंगे। सिमुलकास्ट मॉडल मौजूदा FM सेवाओं को सुरक्षित रखते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास का संतुलित मार्ग प्रदान करेगा।

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Spotify में बदलाव: Daniel Ek बने Executive Chairman, दो नए Co-CEOs संभालेंगे जिम्मेदारी

स्पॉटिफाई (Spotify) ने घोषणा की है कि इसके संस्थापक व CEO डेनियल एक (Daniel Ek) 1 जनवरी 2026 से एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के पद पर काम करेंगे।

Last Modified:
Wednesday, 01 October, 2025
Daniel Ek

स्पॉटिफाई (Spotify) ने घोषणा की है कि इसके संस्थापक व CEO डेनियल एक (Daniel Ek) 1 जनवरी 2026 से एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के पद पर काम करेंगे। कंपनी ने साथ ही Gustav Söderström, जो को-प्रेजिडेंट और चीफ प्रॉडक्ट व टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं और Alex Norström, जो को-प्रेजिडेंट और चीफ बिजनेस ऑफिसर हैं, को को-चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया है।

ये दोनों नए co-CEOs डेनियल एक को रिपोर्ट करेंगे और शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिलने पर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का हिस्सा भी होंगे।

एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के रूप में, डेनियल का काम यूरोपीय चेयरमैन मॉडल के अनुसार होगा। वे कंपनी के पूंजी आवंटन, लंबी अवधि की योजना और वरिष्ठ टीम को मार्गदर्शन देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

डेनियल एक ने कहा, “मैं हमेशा मानता था कि Spotify दुनिया भर में संगीत सुनने के तरीके में बदलाव ला सकता है। 700 मिलियन से ज्यादा यूजर्स के साथ हमने वास्तव में एक नई दिशा तय की है। पिछले कुछ सालों में मैंने दिन-प्रतिदिन के प्रबंधन और रणनीति का बड़ा हिस्सा Alex और Gustav को सौंप दिया है। यह बदलाव सिर्फ उनके पदों को हमारे काम करने के तरीके से मेल खाने के लिए है। एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के रूप में मैं कंपनी की लंबी अवधि की योजना पर ध्यान दूंगा और Board व co-CEOs को जुड़े रखूंगा।”

Spotify के Lead Independent Director Woody Marshall ने कहा, “Board पिछले कई सालों से Daniel के साथ कंपनी की नेतृत्व संरचना पर काम कर रहा है। हमें Alex और Gustav पर पूरा भरोसा है। दोनों ने कंपनी में 15 साल से ज्यादा समय बिताया है और हमारी सफलता में अहम भूमिका निभाई है। यह भी बहुत खुशी की बात है कि Daniel सक्रिय रूप से शामिल रहेंगे और co-CEOs को मार्गदर्शन देंगे।”

नए co-CEOs ने संयुक्त बयान में कहा, “हम लंबे समय से साथ काम कर रहे हैं और Spotify को कई अलग-अलग चरणों से गुजरते देखा है। लगभग तीन साल पहले जब हम Co-Presidents बने थे, हमने अपनी टीम को सबसे अच्छा और मूल्यवान अनुभव बनाने पर लगातार ध्यान देने का काम सौंपा था। हमारे CEO के रूप में अलग अनुभव और दृष्टिकोण होंगे, लेकिन हम दोनों तेज़ी से काम करने में विश्वास रखते हैं और Daniel के पूरे सहयोग और मार्गदर्शन के साथ नई जिम्मेदारी शुरू करने के लिए उत्साहित हैं।”

ये सभी बदलाव 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे।

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TRAI ने जारी किए FM चैनलों के रिजर्व प्राइस, ब्रॉडकास्टर्स ने जतायी ये चिंता

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एफएम रेडियो चैनलों की नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस को लेकर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।

Last Modified:
Friday, 26 September, 2025
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चहनीत कौर, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एफएम रेडियो चैनलों की नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस को लेकर अपनी सिफारिशें जारी की हैं। यह कदम सूचना-प्रसारण मंत्रालय की उस मांग के बाद उठाया गया है, जिसमें कई शहरों में निजी एफएम सेवाओं के विस्तार की बात कही गई थी।

यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब यह सेक्टर विज्ञापनदाताओं की कमजोर दिलचस्पी और हाल ही की नीलामी में खराब प्रतिक्रिया से जूझ रहा है।

ट्राई के अनुसार, मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 18 कैटेगरी-ई शहरों में एफएम चैनलों की कीमत तय करने के लिए मार्गदर्शन मांगा था। इसमें छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, ओडिशा के राउरकेला और उत्तराखंड के रुद्रपुर को भी शामिल किया गया था।

सार्वजनिक परामर्श और ओपन हाउस चर्चा के बाद नियामक ने अपनी सिफारिशें अंतिम रूप दीं। रिजर्व प्राइस बिलासपुर के लिए 0.83 करोड़ रुपये, राउरकेला के लिए 1.20 करोड़ रुपये, रुद्रपुर के लिए 0.97 करोड़ रुपये और कैटेगरी-ई शहरों के लिए 3.75 लाख रुपये तय किए गए हैं।

कैटेगरी-ई मार्केट्स के लिए न्यूनतम नेट वर्थ की शर्त 30 लाख रुपये तय की गई है, जबकि अन्य शहरों के लिए थ्रेशोल्ड्स पहले की तरह ही फेज-III गाइडलाइंस के तहत रहेंगे। कैटेगरी-ई शहरों में सालाना ऑथराइजेशन फीस पहले तीन साल तक समायोजित सकल राजस्व (AGR) का 2% होगी, और उसके बाद 4% कर दी जाएगी।

नीलामियों में कमजोर मांग

नई प्राइसिंग व्यवस्था एक निराशाजनक नीलामी चक्र के बाद आई है। इंडस्ट्री से जुड़े एक एग्जिक्यूटिव ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, '235 लोकेशन्स पर 750 से ज्यादा स्टेशन ऑफर किए गए थे, लेकिन सिर्फ 43 शहरों में 55 स्टेशनों को खरीदार मिले। कई बड़े प्लेयर्स, जैसे रेडियो मिर्ची और रेडियो सिटी, दूर रहे। सच कहूँ तो मुझे नहीं पता कि इन लाइसेंसों के लिए कितने खरीदार मिलेंगे।' 

उन्होंने आगे कहा, 'हाल की नीलामियां बहुत सफल नहीं रहीं क्योंकि इस सेक्टर की मुख्य परेशानियों का अभी तक हल नहीं हुआ है। इसी वजह से सिर्फ कुछ ही प्लेयर्स, जिन्हें अब भी संभावना दिखी, उन्होंने हिस्सा लिया।'

कम्युनिटी और प्राइवेट रेडियो की चिंताएं

ट्राई ने कुछ बड़े सुधार भी सुझाए हैं, जैसे निजी ब्रॉडकास्टर्स को प्रति घंटे 10 मिनट तक समाचार प्रसारित करने की अनुमति देना, लाइसेंस फीस को वन-टाइम एंट्री फीस से अलग करना और रेडियो कार्यक्रमों की स्ट्रीमिंग की सुविधा देना।

लेकिन ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि सिर्फ इरादा काफी नहीं होगा, असली समस्या अर्थशास्त्र (economics) की है। बड़े नेटवर्क्स ने छोटे प्लेयर्स की उन चिंताओं को भी दोहराया है जो धीमी नीतिगत क्रियान्वयन से जुड़ी हैं।

'रेड एफएम' और 'मैजिक एफएम' की डायरेक्टर और सीओओ निशा नारायणन ने कहा, 'हम एफएम रेडियो सेक्टर के लिए ट्राई के प्रस्तावित सुधारों का स्वागत करते हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि इतनी व्यापक सिफारिशें की गई हैं, जो इंडस्ट्री की जरूरतों की गहरी समझ को दर्शाती हैं।

'लेकिन असली महत्व समय पर क्रियान्वयन का है। सालों से रेडियो के लिए कई अच्छे नीतिगत सुझाव आए हैं, लेकिन वे लागू नहीं हुए। अगर इस बार भी तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो यह बिजनेस पर असर डालेगा और लंबे समय में इंडस्ट्री की वृद्धि को रोक सकता है। हम ईमानदारी से उम्मीद करते हैं कि इस बार सुधार जल्दी लागू किए जाएंगे ताकि इंडस्ट्री अपनी पूरी क्षमता हासिल कर सके और दर्शकों की बेहतर सेवा कर सके।'

'रेडियो मेवात' की संस्थापक अर्चना कपूर ने कहा कि नई गाइडलाइंस छोटे शहरों में व्यवहार्यता संकट (viability crisis) को हल नहीं करतीं। उन्होंने कहा, 'हाल की नीलामियों ने दिखा दिया कि छोटे शहरों का बाजार ऊंचे रिजर्व प्राइस और नगण्य विज्ञापन मांग की वजह से कितना गैर-आकर्षक है। जब तक रिजर्व प्राइस को बड़े पैमाने पर तर्कसंगत नहीं किया जाता और सरकारी विज्ञापन की गारंटी नहीं दी जाती, स्टेशनों के लिए टिके रहना मुश्किल होगा।

'कम्युनिटी रेडियो पहले से ही यही झेल रहे हैं। सामाजिक मूल्य होने के बावजूद वे वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं हैं क्योंकि छोटे शहरों के बाजारों में राजस्व मॉडल मौजूद ही नहीं हैं। जब तक इस संरचनात्मक समस्या को नहीं सुधारा जाता, एफएम और कम्युनिटी रेडियो दोनों ही खस्ताहाल रहेंगे।'

आगे की राह

फिलहाल, ट्राई की नई रिजर्व प्राइसिंग व्यवस्था ऑपरेटर्स के लिए खासकर छोटे (कैटेगरी-ई) शहरों में सेवाएं शुरू करना आसान बना सकती है। लेकिन जब तक लाइसेंस फीस, जीएसटी और समाचार प्रसारण जैसी पुरानी मांगों को नहीं माना जाता, इंडस्ट्री के प्लेयर्स को डर है कि एफएम रेडियो डिजिटल और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के सामने और जमीन खोता जाएगा।

सभी स्टेकहोल्डर्स की राय साफ है: सुधार जरूरी हैं, लेकिन अब अमल में लाना और भी जरूरी है, वरना भारत के मीडिया परिदृश्य में एफएम रेडियो की प्रासंगिकता और घट जाएगी। 

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TRAI ने जारी किए FM रेडियो नीलामी के दिशानिर्देश

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एफएम रेडियो चैनलों की नीलामी के रिजर्व प्राइस पर अपनी सिफारिशें जारी कर दी हैं

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 24 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 24 September, 2025
TRAI7845

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एफएम रेडियो चैनलों की नीलामी के रिजर्व प्राइस पर अपनी सिफारिशें जारी कर दी हैं। यह कदम सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) के उस अनुरोध के बाद आया है, जिसमें कई शहरों में निजी एफएम रेडियो का विस्तार करने की बात कही गई थी।

TRAI की विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 18 श्रेणी ‘E’ शहरों के साथ-साथ बिलासपुर (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओडिशा) और रुद्रपुर (उत्तराखंड) के लिए एफएम चैनलों की नीलामी के रिजर्व प्राइस पर मार्गदर्शन मांगा था।

स्टेकहोल्डर परामर्श प्रक्रिया, जिसमें सार्वजनिक टिप्पणियां और ओपन हाउस चर्चा शामिल थी, के बाद TRAI ने अपनी अंतिम सिफारिशें तय कीं। प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  • एफएम चैनल नीलामी के रिजर्व प्राइस बिलासपुर के लिए 0.83 करोड़ रुपये, राउरकेला के लिए 1.20 करोड़ रुपये, रुद्रपुर के लिए 0.97 करोड़ रुपये और श्रेणी ‘E’ शहरों के लिए 3.75 लाख रुपये तय किए गए हैं।

  • श्रेणी ‘E’ शहरों के लिए न्यूनतम निवल मूल्य की आवश्यकता 30 लाख रुपये होगी, जबकि अन्य शहरों के लिए आवश्यकताएं मौजूदा एफएम फेज-III पॉलिसी गाइडलाइंस के अनुसार रहेंगी।

  • श्रेणी ‘E’ शहरों में पहले तीन वर्षों तक वार्षिक प्राधिकरण शुल्क समायोजित सकल राजस्व (AGR) का 2% होगा, जिसके बाद यह 4% हो जाएगा। AGR की गणना में GST शामिल नहीं होगा।

  • श्रेणी ‘E’ शहरों में निजी प्रसारकों को अधिकतम तीन एफएम चैनल आवंटित किए जा सकेंगे, जबकि अन्य शहर श्रेणियों के लिए मौजूदा सीमा बरकरार रहेगी।

  • TRAI ने एफएम ऑपरेटरों को वित्तीय सहूलियत देने के लिए कुछ उपाय भी सुझाए हैं। इनमें निजी प्रसारकों को प्रति घंटे 10 मिनट तक समाचार प्रसारित करने की अनुमति, वार्षिक लाइसेंस शुल्क को एकमुश्त गैर-वापसी योग्य एंट्री शुल्क से अलग करना और रेडियो कार्यक्रमों की स्ट्रीमिंग की अनुमति शामिल है, जिसमें उपयोगकर्ता का नियंत्रण नहीं होगा।

  • प्राधिकरण ने प्रसार भारती की जमीन, टावर और ट्रांसमिशन ढांचे को रियायती दरों पर उपलब्ध कराने और सफल बोलीदाताओं को लचीले भुगतान विकल्प देने की भी सिफारिश की है।

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