रायपुर सेंट्रल जेल में जल्द ही कैदियों के जीवन में एक नई उमंग लाने के लिए 'उमंग-तरंग' रेडियो स्टेशन की शुरुआत की जाएगी, जो पूरी तरह से जेल परिसर तक सीमित होगा।
रायपुर सेंट्रल जेल में जल्द ही कैदियों के जीवन में एक नई उमंग लाने के लिए 'उमंग-तरंग' रेडियो स्टेशन की शुरुआत की जाएगी, जो पूरी तरह से जेल परिसर तक सीमित होगा। पुणे की यरवदा जेल के उदाहरण पर आधारित इस रेडियो स्टेशन का उद्देश्य कैदियों के तनाव को कम करना और उनमें सकारात्मक बदलाव लाना है। रेडियो स्टेशन से हिंदी और छत्तीसगढ़ी गीतों के साथ-साथ शिक्षाप्रद कहानियों और समाचारों का प्रसारण होगा, जिसे कैदी स्वयं संचालित करेंगे।
इस अनोखे रेडियो स्टेशन के लिए कैदियों को माइक, स्पीकर, केबल और समाचार पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रसारण की योजना सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक की गई है। रेडियो की शुरुआत हर सुबह फिल्म 'दो आंखें बारह हाथ' के प्रसिद्ध गीत "ऐ मालिक तेरे बंदे हम" से होगी, जिसके बाद प्रमुख समाचार और अन्य रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
विशेष बात यह है कि इस रेडियो स्टेशन को तारों के जरिए सभी बैरकों से जोड़ा जाएगा ताकि जेल के भीतर हर कैदी इसे सुन सके। जेल प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रमों की निगरानी की जाए, ताकि आपत्तिजनक भाषा या तनाव उत्पन्न करने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई जा सके।
रेडियो की एक और खासियत यह होगी कि कैदी अपनी पसंद के गीतों की फरमाइश भी कर सकेंगे। विभिन्न त्योहारों और आयोजनों के दौरान विशेष कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। इसके लिए जेल के योग्य और प्रशिक्षित कैदियों की एक टीम तैयार की जा रही है, जो अपने हिसाब से कार्यक्रम तैयार करेगी।
यह पहल रायपुर सेंट्रल जेल में पहली बार की जा रही है, जहां कैदी मनोरंजन और शिक्षा के उद्देश्य से स्वयं रेडियो स्टेशन का संचालन करेंगे, जो उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त प्रयास है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में एफएम रेडियो स्टेशनों के विस्तार और मौजूदा स्थिति पर लोकसभा में जानकारी दी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में एफएम रेडियो स्टेशनों के विस्तार और मौजूदा स्थिति पर लोकसभा में जानकारी दी। रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिकी व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
देश में एफएम रेडियो की मौजूदा स्थिति
केंद्रीय मंत्री ने अश्विनी वैष्णव बताया कि भारत में रिले स्टेशनों सहित कुल 625 आकाशवाणी एफएम ट्रांसमीटर और 388 प्राइवेट एफएम स्टेशन संचालित हैं। इसके अलावा, देश में 521 सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) भी कार्यरत हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में सूचना और मनोरंजन का प्रसार कर रहे हैं।
एफएम रेडियो के विस्तार के लिए नई पहल
प्रसार भारती के तहत एफएम नेटवर्क को बढ़ाने के लिए प्रसार भारती की प्रसारण अवसंरचना ऑडियंस रिसर्च और नेटवर्क विकास योजना (BIND) के तहत आकाशवाणी नेटवर्क का आधुनिकीकरण और विस्तार किया जा रहा है। नए एफएम ट्रांसमीटर को स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रीमंडल ने तमिलनाडु के 11 शहरों सहित 234 नए अछूते शहरों में 730 प्राइवेट एफएम चैनलों की ई-नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सूचना-प्रसारण मंत्री ने कहा कि इस कदम से विविध और स्थानीय सामग्री तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे सृजनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय भाषा के साथ-साथ संस्कृतियों का भी संवर्धन होगा।
लोकसभा में चर्चा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि एफएम रेडियो का महत्व न केवल मनोरंजन के लिए, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में सूचना के आदान-प्रदान के लिए भी है। इसके विस्तार से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में संचार को और सशक्त बनाया जा सकेगा।
सरकार एफएम रेडियो नेटवर्क को मजबूत करने और नई तकनीकों के माध्यम से इसे और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस कदम से न केवल शहरी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी एफएम रेडियो की पहुंच में वृद्धि होगी।
एफएम रेडियो स्टेशनों का विस्तार भारत में सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के लिए एक सकारात्मक कदम है। सरकार की नई योजनाओं और तकनीकी नवाचारों से एफएम रेडियो का भविष्य और भी उज्जवल दिखता है।
भारत सरकार ने एफएम नीति (फेज-III) के तहत बैच-III ई-नीलामी में सफल बोलीदाताओं के लिए एक बार की विशेष छूट को मंजूरी दी है।
भारत सरकार ने एफएम नीति (फेज-III) के तहत बैच-III ई-नीलामी में सफल बोलीदाताओं के लिए एक बार की विशेष छूट को मंजूरी दी है। इस फैसले के तहत सफल रेडियो ऑपरेटर्स को उनके रेडियो चैनलों के संचालन की तिथि से स्वचालित अनंतिम पैनल का लाभ मिलेगा। यह पैनल छह महीने तक या तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक वे केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) के साथ अनंतिम पैनल के लिए पात्र नहीं हो जाते।
अनंतिम पैनल की शर्तें
अनंतिम पैनल की अवधि में उन निजी एफएम रेडियो स्टेशनों पर बेस रेट लागू होगा, जिनके पास IRS (Indian Readership Survey) का डेटा उपलब्ध नहीं है।
अनंतिम पैनल मौजूदा ‘निजी एफएम रेडियो स्टेशनों के पैनलमेंट के लिए नीति दिशानिर्देशों’ के तहत स्थायी पैनलमेंट के लिए पात्रता प्राप्त करने तक लागू रहेगा।
रेडियो ऑपरेटर्स को त्वरित राजस्व लाभ
इस कदम से नए शहरों में रेडियो ऑपरेटर्स को तत्काल राजस्व लाभ मिलेगा और उन्हें अपनी सेवाएं शीघ्र शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह निर्णय इन शहरों में निजी एफएम रेडियो सेवाओं के तेजी से विस्तार को बढ़ावा देगा और पूरे देश में रेडियो प्रसारण सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
यह पहल भारत में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बेहतर बनाने और रेडियो ऑपरेटर्स को संचालन में समर्थन प्रदान करने के सरकार के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। इस कदम से प्रसारण सेवा क्षेत्र में सुगम व्यवसाय संचालन और विकास के लिए एक अनुकूल माहौल सुनिश्चित होगा। सरकार का यह निर्णय न केवल एफएम रेडियो ऑपरेटर्स के लिए लाभदायक होगा, बल्कि देश भर में बेहतर रेडियो सेवाएं उपलब्ध कराने में भी सहायक सिद्ध होगा।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 57 नए सामुदायिक रेडियो (Community Radio) स्टेशनों को मंजूरी दी है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 57 नए सामुदायिक रेडियो (Community Radio) स्टेशनों को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 31 मार्च 2024 तक देश में कुल 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन काम कर रहे हैं। इनमें से 283 गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा, 191 शैक्षणिक संस्थानों द्वारा और 20 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकार सामुदायिक रेडियो क्षेत्र को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके तहत "भारत में सामुदायिक रेडियो आंदोलन को समर्थन" (Supporting Community Radio Movement in India) नामक एक केंद्रीय योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत नए और मौजूदा रेडियो स्टेशनों को उपकरण खरीदने या बदलने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा, क्षमतावर्धन, जागरूकता कार्यक्रम, क्षेत्रीय सम्मेलनों और वार्षिक सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों को भी इस योजना के तहत प्रोत्साहित किया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सामुदायिक रेडियो आंदोलन की शुरुआत से अब तक कुल 680 संस्थानों को सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए इच्छापत्र (LoI) जारी किए गए हैं, जिनमें से 603 संस्थाओं ने अनुमति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 31 मार्च 2024 तक 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन सक्रिय हो चुके हैं।
इसके अलावा, रिपोर्ट में निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की जानकारी भी दी गई है। 31 मार्च 2024 तक 113 शहरों में 388 निजी एफएम चैनल सक्रिय हैं, जो 26 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। वर्ष 2000 में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत के बाद से सरकार ने विभिन्न शुल्कों के माध्यम से 6,647.77 करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसमें एक बार की प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क और टॉवर किराया शामिल हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आगामी बैच-II और बैच-III एफएम रेडियो नीलामियों के तहत निजी एफएम रेडियो फेज-III नीति दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आगामी बैच-II और बैच-III एफएम रेडियो नीलामियों के तहत निजी एफएम रेडियो फेज-III नीति दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। ये बदलाव उन प्रसारकों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं जो अब तक बिना कवर किए गए शहरों में काम करेंगे। इसमें नए आरक्षित मूल्य और वार्षिक शुल्क संरचना में बदलाव किए गए हैं, विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के प्रसारकों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
अब बिना कवर किए गए नए शहरों में एफएम चैनलों के लिए आरक्षित मूल्य 2022 में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की सिफारिशों के आधार पर होगा। यह बदलाव एफएम फेज-III नीति दिशानिर्देशों के पैरा 4.6 में संशोधन के रूप में शामिल किया गया है। आधिकारिक आदेश, जो 10 सितंबर 2024 को जारी हुआ, में कहा गया है, "आरक्षित मूल्य वह होगा जो TRAI द्वारा 2022 में सिफारिश की गई थी।"
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैच-III नीलामी के माध्यम से बिना कवर किए गए शहरों में लाइसेंस प्राप्त करने वाले प्रसारकों को अपने सकल राजस्व के आधार पर वार्षिक शुल्क का भुगतान करना होगा। अद्यतन धारा 6.1(aa) के अनुसार, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रसारकों को जीएसटी को छोड़कर उनके सकल राजस्व का 4% वार्षिक शुल्क देना होगा।
इसके अलावा, मंत्रालय ने दूरस्थ क्षेत्रों जैसे पूर्वोत्तर राज्य, जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और लक्षद्वीप के प्रसारकों के लिए विशेष प्रोत्साहन भी पेश किए हैं। इन क्षेत्रों के प्रसारक पहले तीन वर्षों के लिए अपने सकल राजस्व का 2% वार्षिक शुल्क, जीएसटी को छोड़कर, भुगतान करेंगे। यह नया प्रावधान धारा 6.1(ba) के तहत जोड़ा गया है।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि एफएम चैनलों के लिए प्रसारकों को 15 वर्षों की अनुमति अवधि दी जाएगी, जो वार्षिक लाइसेंस शुल्क देय होने की तारीख से शुरू होगी।
28 अगस्त को, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य के साथ बैच-III ई-नीलामी की अनुमति दी थी। इस प्रस्ताव के तहत जीएसटी को छोड़कर सकल राजस्व का 4% वार्षिक लाइसेंस शुल्क भी तय किया गया है, जो 234 नए शहरों में लागू होगा।
देश में एफएम रेडियो के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 स्थानों पर 730 एफएम रेडियो चैनलों के लिए ई-नीलामी आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
देश में एफएम रेडियो के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 स्थानों पर 730 एफएम रेडियो चैनलों के लिए आरोही (बढ़ती हुई बोली) ई-नीलामी आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह मंजूरी निजी एफएम रेडियो के तीसरे चरण की नीति के तहत दी गई है। इस चरण में 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य की अधिकतम ई-नीलामी का संचालन करने का प्रस्ताव है।
? #Cabinet approves the proposal for conduct of 3rd batch of ascending e-auctions for 730 channels in 234 new cities with estimated reserve price of Rs.784.87 crore under Private FM Radio Phase Ill Policy
— PIB India (@PIB_India) August 28, 2024
A lot of problems of the radio industry, including improvement of its… pic.twitter.com/KgkNwP32hY
उन्होंने बताया कि इससे पहले के चरणों में, देश भर में कई शहरों में एफएम रेडियो चैनल स्थापित किए गए थे, लेकिन अब इसका विस्तार और भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा। इस योजना के तहत, छोटे और मध्यम आकार के शहरों में एफएम रेडियो चैनलों की पहुंच को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में सूचना और मनोरंजन का प्रसार और अधिक प्रभावी हो सकेगा। ई-नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित करने के लिए चुना गया है, ताकि योग्य आवेदक आसानी से भाग ले सकें।
मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवा कर को छोड़कर एफएम चैनल के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क को सकल राजस्व के 4 प्रतिशत की वसूली के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। यह 234 नए शहरों और कस्बों में लागू होगा। इससे अलग अलग भाषाओं विशेष रूप से मातृभाषाओं में स्थानीय कार्यक्रमों को बनाने को प्रोत्साहन मिलेगा। इस व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 32 शहरों और इसके बाद आंध्र प्रदेश में 22 शहरों/कस्बों में नए एफएम रेडियो चैनल्स खोले जाएंगे। मध्य प्रदेश में 20, राजस्थान में 19, बिहार में 18 और जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के लिए तीन चैनल आवंटित किए गए हैं।
बताया जा रहा है कि इस योजना से न केवल मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय भाषाओं और संस्कृतियों को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, नए एफएम रेडियो चैनल्स के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
मिजोरम के मुख्यमंत्री व केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी रहे समारोह में उपस्थित। इस दौरान 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की भी घोषणा की गई।
‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के आइजोल परिसर में स्थित भारत के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' का उद्घाटन गुरुवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, अपर सचिप नीरजा शेखर एवं भारतीय जनसंचार संस्थान की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर भी उपस्थित रहे।
समारोह को संबोधित करते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश का 500वां सामुदायिक रेडियो स्टेशन 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' आइजोल के लोगों के जीवन में बदलाव लाने और छात्रों, स्थानीय समुदाय और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्ट ईस्ट' की नीति अपनाई है और इस दिशा में 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, रेलवे की पहुंच और वैचारिक नीतियों को लागू कर उत्तर पूर्व क्षेत्र को अधिक समृद्ध बनाना हमारा लक्ष्य है और हम सभी को मिलकर इसके लिए सबसे बेहतर ईको सिस्टम बनाना होगा। शुभारंभ समारोह के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री द्वारा 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की भी घोषणा की गई। वर्ष 2014 में जहां पूरे देश में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या 140 थी, वहीं पिछले दस वर्षों में यह संख्या बढ़कर अब 500 तक पहुंच गई है।
इस अवसर पर उपस्थित मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि हम आइजोल में शुरू हो रहे 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन को लेकर उत्साहित हैं। यह एक महत्वपूर्ण संख्या है। सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति और स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन किसानों को सरकारी योजनाओं तथा कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने में सहायक होगा। इससे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने और हमारे समुदाय को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता और मजबूत होगी।
वहीं, डॉ. एल मुरुगन ने आईआईएमसी को बधाई देते हुए कहा कि यह एक सुखद अवसर है कि हम आइजोल में 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन की शुरुआत कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो पिछड़े क्षेत्रों के लोगों से संवाद करने में और प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक उद्देश्य के लिए है। यह स्थानीय लोगों और छात्रों को शिक्षित भी करता है। हम 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन तक पहुंच गए हैं। इस नाते हम सभी के लिये आज का दिन ऐतिहासिक है।
समारोह को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि सामाजिक मुद्दों को उठाने में सामुदायिक रेडियो एक अहम भूमिका निभा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सामाजिक विकास और सशक्तिकरण के लिए सामुदायिक रेडियो की बेहतर पहुंच सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिए नीतिगत दिशा-निर्देशों को समय-समय पर अपडेट करते रहते हैं, ताकि उनके कामकाज को बेहतर किया जा सके।
समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने कहा कि 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' का उद्घाटन मिजोरम के इतिहास में एक नया अध्याय है, जो संवाद के माध्यम से समुदायों को एक साथ लाता है, स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देता है और नागरिकों को सशक्त बनाता है।
इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह में रेडियो और ऑडियो इंडस्ट्री में असाधारण और अभिनव उत्कृष्टता को मान्यता दी गई और उन्हें सम्मानित किया गया।
एक्सचेंज4मीडिया समूह ने बुधवार, 26 जून को मुंबई में सितारों से सजे एक समारोह में 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स' (e4m Golden Mikes Awards 2024) के 12वें संस्करण का आयोजन किया। इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह में रेडियो और ऑडियो इंडस्ट्री में असाधारण और अभिनव उत्कृष्टता को मान्यता दी गई और उन्हें सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त ब्रैंड्स, एजेंसीज और रेडियो स्टेशंस द्वारा किए गए उत्कृष्ट कैंपेंस को भी सेलिब्रेट किया गया। इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा अवॉर्ड 'रेडियो स्टेशन ऑफ द ईयर' 'रेड एफएम' (Red FM) को दिया गया।
देखें इस कार्यक्रम की झलकियां:
एक्सचेंज4मीडिया समूह ने बुधवार, 26 जून को मुंबई में सितारों से सजे एक समारोह में 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स' के 12वें संस्करण का आयोजन किया
एक्सचेंज4मीडिया समूह ने बुधवार, 26 जून को मुंबई में सितारों से सजे एक समारोह में 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स' (e4m Golden Mikes Awards 2024) के 12वें संस्करण का आयोजन किया।
यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड रेडियो और ऑडियो इंडस्ट्री में असाधारण और अभिनव उत्कृष्टता को सम्मानित करता है और मान्यता देता है। इसके अतिरिक्त ब्रैंड्स, एजेंसीज और रेडियो स्टेशंस द्वारा किए गए उत्कृष्ट कैंपेंस को सेलिब्रेट करता है। इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा अवॉर्ड 'रेडियो स्टेशन ऑफ द ईयर' 'रेड एफएम' (Red FM) को दिया गया।
रेडियो चैनल ने अपनी एक्सिलेंस, इनोवेशन और क्रिएटिविटी के लिए विभिन्न कैटेगरी में 10 गोल्ड, 13 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज सहित कुल 35 अवॉर्ड्स जीते। 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स 2024' के अन्य प्रमुख विजेताओं में 'आजतक रेडियो', 'बिग एफएम', 'फीवर एफएम', 'गल्फ ऑयल', 'बैंक ऑफ बड़ौदा', 'एक्सिस बैंक' और 'एक्सिस बैंक' शामिल हैं।
एक्सिलेंस कैटेगरी में, 'आरजे ऑफ द ईयर' (हिंदी/अंग्रेजी भाषा) का खिताब चार आरजे को दिया गया। 'बिग एफएम' के आरजे व्रजेश हिरजी ने गोल्ड जीता, जबकि 'बिग एफएम' की आरजे अन्नू कपूर, 'रेडियो मिर्ची' के आरजे जीतूराज और 'रेडियो सिटी 91.1' की आरजे गिन्नी महाजन ने अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए सिल्वर जीता।
'आरजे ऑफ द ईयर' (अन्य भाषा) कैटेगरी में 'म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड' की आरजे शोनाली और 'बिग एफएम' की आरजे अयंतिका ने गोल्ड पदक जीता, तो वहीं 'बिग एफएम' के आरजे फिरोज और 'रेडियो मिर्ची 98.3 एफएम' की आरजे अग्नि ने सिल्वर का खिताब अपने नाम किया, जबकि 'रेडियो मिर्ची/ईएनआईएल' के आरजे ऐशपथ अधीश ने ब्रॉन्ज जीता।
'न्यू एस्पायरिंग आरजे ऑफ द ईयर' (New Aspiring RJ of the Year) कैटेगरी में 'रेडियो नशा' की आरजे परी ने सिल्वर अवॉर्ड अपने नाम किया, जबकि' रेडियो मिर्ची' (ईएनआईएल) की आरजे आस्था ने ब्रॉन्ज जीता।
'सेलिब्रिटी आरजे ऑफ द ईयर' कैटेगरी में 'फीवर एफएम' के वीरेंद्र सहवाग, 'रेडियो मिर्ची/ईएनआईएल' के सोनू निगम और 'बिग एफएम' के अन्नू कपूर तीनों ने सिल्वर जीता। 'मिर्ची' के नावेद और 'फीवर एफएम' के आरजे राहुल माकिन को 'इन्फ्लुएंसर आरजे ऑफ द ईयर' से सम्मानित किया गया, जिन्होंने क्रमशः सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक जीता।
'बेस्ट शो प्रोड्यूस्ड' कैटेगरी में 'आजतक रेडियो' के 'एक बखत की बात' (Ek Bakhat Ki Baat) ने अपने बेहतरीन काम के लिए गोल्ड अवॉर्ड जीता, जबकि 'रेडियो मैंगो' की 'सेलिब्रिटी प्लेलिस्ट' और 'जोश जंक्शन' ने क्रमशः सिल्वर और ब्रॉन्ज का खिताब जीता। बेस्ट शो होस्ट (पॉडकास्ट) का अवॉर्ड दो विजेताओं को दिया गया। 'रेडियो सिटी' और 'रेडियो सिटी डिजिटल' के आरजे अखिल ने सिल्वर अवॉर्ड जीता, जबकि 'बिग एफएम' की भावना सोमाया ने ब्रॉन्ज अवॉर्ड अपने नाम किया।
‘बेस्ट पॉडकास्ट ऑफ द ईयर’ का खिताब 'बिग एफएम' के ‘अभिशप्त’ को दिया गया। 'एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया लिमिटेड' के ‘एक था लीजेंड - स्टोरी ऑफ सिद्धू मूसे वाला’ को सिल्वर अवॉर्ड मिला, जबकि 'आजतक रेडियो' के नथिंग बट द ट्रुथ’ को ब्रॉन्ज मिला।
यहां देखें विनर्स की पूरी लिस्ट:
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर रेडियो के माध्यम से अपने 'मन की बात' कहने का मन बना लिया है
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर रेडियो के माध्यम से अपने 'मन की बात' कहने का मन बना लिया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर के इसकी जानकारी दी।
आपको बता दें कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पीएम मोदी का यह पहला मन की बात कार्यक्रम होगा। पीएम मोदी 111वीं बार मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार साझा करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चुनावों के चलते कुछ महीनों के अंतराल के बाद 'मन की बात' वापस आ गया है। इस माह का कार्यक्रम रविवार 30 जून को होगा। मैं आप सभी से इसके लिए अपने विचार और इनपुट साझा करने का आह्वान करता हूं। MyGov ओपन फोरम, NaMo ऐप पर लिखें या 1800117800 पर अपना संदेश रिकॉर्ड करें।"
Delighted to share that after a gap of some months due to the elections, #MannKiBaat is back! This month's programme will take place on Sunday, 30th June. I call upon all of you to share your ideas and inputs for the same. Write on the MyGov Open Forum, NaMo App or record your…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2024
पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के तहत आम लोगों से उनके सुझाव या विचार मांगे हैं। आपको बता दें कि 28 जून तक भेजे गए सुझाव और विचारों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यदि आप 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए अपने सुझाव देना चाहते हैं तो ऊपर पीएम मोदी द्वारा बताए गए तरीके को फॉलो कर सकते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली बार 25 फरवरी 2024 को 'मन की बात' की थी। यह इस कार्यक्रम की 110वीं कड़ी थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया और आचार संहिता भी लग गई। अब केंद्र में सरकार के गठन और लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी 30 जून को एक बार फिर से लोगों से 'मन की बात' करेंगे।
NCLT की मुंबई पीठ ने रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड के स्वामित्व वाले रेडियो नेटवर्क 'बिग 92.7 एफएम' के लिए 'सफायर मीडिया' की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई पीठ ने रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड के स्वामित्व वाले रेडियो नेटवर्क 'बिग 92.7 एफएम' के लिए 'सफायर मीडिया लिमिटेड' की समाधान योजना (Resolution Plan) को मंजूरी दे दी है।
टेक्निकल मेंबर मधु सिन्हा और ज्यूडिशियल मेंबर रीता कोहली की NCLT पीठ ने 6 मई के अपने आदेश में सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अंतर्वर्ती आवेदन की अनुमति है। सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत संकल्प योजना को अप्रूव किया जाता है। यह इस तारीख से प्रभावी होगा और इस आदेश का हिस्सा बनेगा।
रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड के स्वामित्व वाला 'बिग एफएम' फरवरी 2023 से दिवाला प्रक्रिया (insolvency process) से गुजर रहा है। कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) 2016 के दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत शुरू की गई थी और रोहित मेहरा को समाधान पेशेवर (resolution professional) के रूप में नियुक्त किया गया था।
बिग एफएम के लेनदारों की एक समिति भी नियुक्त की गई, जिसने दिवाला और दिवालियापन संहिता के प्रावधानों के अनुसार 88.97% की वोटिंग हिस्सेदारी के साथ 11 नवंबर, 2023 को सफायर मीडिया लिमिटेड की समाधान योजना को मंजूरी दी।
समाधान पेशेवर ने बाद में NCLT मुंबई में एक आवेदन दायर कर सफायर मीडिया लिमिटेड की समाधान योजना की मंजूरी मांगी।
योजना के अनुसार, सफायर मीडिया लिमिटेड 947.5 करोड़.रुपये के कुल क्लेम की तुलना में सुरक्षित और परिचालन लेनदारों को 261 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा।
NCLT ने अपने आदेश में मॉनिटरिंग कमेटी को समाधान योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करने और समय-समय पर इसके कार्यान्वयन की स्थिति पेश करने का भी निर्देश दिया।
सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा अधिग्रहण से बिग एफएम में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। 58 स्टेशंस और 1,200 से अधिक कस्बों व 50,000 से अधिक गांवों तक पहुंच, देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क के तौर पर ब्रैंड सफायर मीडिया लिमिटेड की उपस्थिति को पूरे भारत में मजबूत करेगा।