रेडियो फेस्टिवल 2024 में, इंडस्ट्री के दिग्गजों ने रेडियो इंडस्ट्री में लीडरशिप रोल में महिलाओं के बदलते प्रतिनिधित्व पर चर्चा की
महिलाएं शुरुआती दिनों से ही रेडियो के सफर का हिस्सा रहीं हैं, फिर चाहे वह इंजीनियर्स हो, प्रड्यूसर्स, प्रजेंटर्स या फिर लीडर्स हों, लेकिन उन्होंने ट्रांसमिशन के रास्ते तैयार करने और विश्व स्तर पर रेडियो ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री को ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रेडियो फेस्टिवल 2024 में, मॉडरेटर स्मिता शर्मा (इंडिपेंडेंट मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट), डॉ. अनुराग बत्रा (चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ बिजनेसवर्ल्ड मीडिया ग्रुप और फाउंडर -एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप), निशा नारायणन (डायरेक्टर व सीओओ, रेड एफएम और मैजिक एफएम) के साथ ), गुंजन प्रिया (आकाशवाणी) और ओल्या बोयार (हेड ऑफ रेडियो -एशिया-पैसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन) ने चर्चा की कि रेडियो इंडस्ट्री की नेतृत्वकारी भूमिकाओं में महिला प्रतिनिधित्व कैसा रहा है।
ब्रॉडकास्टिंग और रेडियो में महिलाओं के पास कितना नेतृत्व है, इस पर डॉ. अनुराग बत्रा ने चर्चा को शुरू करते हुए कहा, “आप गिलास को आधा भरा या आधा खाली देख सकते हैं। लीडरशिप जेंडर (लैंगिक) नहीं देखती और हमें किसी भी लीडरशिप की भूमिका को जेंडर के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।''
उन्होंने कहा, आज टॉप 10 रेडियो स्टेशनों में से तीन का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं और इसे भारत में रेडियो पर जेंडर इक्वैलिटी की काफी प्रगतिशील स्थिति कहा जा सकता है।
रेड एफम की डायरेक्टर निशा नारायणन डॉ. बत्रा के इस कथन से सहमत दिखीं, लेकिन उनका मानना है कि यदि एक ही पद के लिए दो समान रूप से प्रतिभाशाली पुरुष और महिला उम्मीदवार हैं, तो उनका झुकाव एक महिला की ओर होगा क्योंकि उनकी प्रतिभा, उनकी क्षमताओं को सामान्य रूप से समाज द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है। महिलाएं यह साबित करने के लिए हर संभव कोशिश करती हैं कि वे हर किसी से बेहतर हैं, क्योंकि उन पर लगातार दबाव रहता है।
आकाशवाणी की गुंजन प्रिया के पास ऐसे अनुभव हैं जहां महिलाओं की लीडरशिप महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर अधिक आक्रामक रूप से चिंतित है। जब उन्हें अपने जेंडर के उत्थान या समर्थन के लिए अपनी स्थिति या शक्ति दिखाने का मौका मिलता है, तो वे पूरी कोशिश करती हैं और छोटी-छोटी चीजों पर भी अपना ध्यान केंद्रित करती हैं।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य की दृष्टि से बात करते हुए ABU की प्रवक्ता बोयार की राय अलग थी। उन्होंने बताया कि विशाल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इंडस्ट्री में महिलाओं की अनुपस्थिति है। उन्हें पहचानना आसान है क्योंकि उनकी संख्या बहुत कम है और उन्हें याद रखना भी आसान है। उन्होंने आगे कहा, “सरकारी और संगठनात्मक स्तर पर जेंडर पॉलिसी बनाने की जरूरत है, क्योंकि जब हम उन टॉप-5 लीडर्स की गिनती करना या उन्हें इंगित करना बंद कर देंगे, जिनमें एक विशिष्ट पेशे में महिलाएं हों, तभी समानता आएगी। विशेषकर जब पब्लिक सर्विस प्रोफेशन की बात आती हो, तो वहां बहुत कम महिलाएं हैं।
यह सिर्फ तीन-चार टॉप रेडियो जॉकीज के बारे में नहीं है, बल्कि ऐसी अधिकांश महिलाएं हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान या अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए अपना करियर छोड़ना पड़ता है। एक बार जब वे इन कारणों से कार्यबल से गायब हो जाती हैं, तो वे फिर से प्रवेश नहीं कर पाती और कुछ कर भी लेती हैं तो उन्हें लोअर डेजिगनेशन ऑफर किया जाता है और इस तरह से उन्हें फिर से अपना करियर स्थापित करना होता है। तो हम इससे कैसे पार पाएं?
इस पर निशा नारायणन ने कहा कि ऑर्गनाइजेशन पॉलिसी को अपने पक्ष में रखना एक सचेत निर्णय है। जैसे ही वे मातृत्व अवकाश पर जाती हैं, हम उस पोजिशन को होल्ड पर रख देते हैं और केवल उस अवधि के लिए लोगों को काम पर रखते हैं, जब तक वह अवकाश पर होती हैं। रेड एफएम में सेल्स और मार्केटिंग जैसे कई विभागों का नेतृत्व महिलाएं करती हैं। लेकिन इसका यह मतलब कहीं नहीं है कि हम जेंडर इक्वैलिटी के मामले में अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर पहुंच गए हैं, लिहाजा और अधिक लीडरशिप पोजिशन के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है।
आकाशवाणी के लिए काम करने वाली गुंजन प्रिया ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में भी जेंडर इक्वैलिटी में सुधार हो रहा है लेकिन यह एक क्रमिक प्रक्रिया है। हालात पहले से बेहतर हैं।
लेकिन जब जेंडर इक्वैलिटी की बात आती है तो क्या इससे रेडियो जैसे माध्यम पर वास्तविक लोगों से बात करने में मदद मिलती है?
बोयार ने कहा, “आप सक्षम हैं, यह महसूस करने के लिए आपको खुद को देखना और सुनना चाहिए। यदि कोई आपके जैसा नहीं दिखता है, आपकी तरह चीजें नहीं देखता है, तो आप कारण पर कैसे विश्वास करेंगे? जेंडर इक्वैलिटी पर बहुत सारे पैनल और डिबेट्स हैं, जो ईमानदारी से इस मुद्दे को लड़ते रहे हैं। इतने सालों तक प्रसार भारती के पास केवल एक ही महिला थीं और वह भी चली गईं।''
उन्होंने कहा कि चूंकि रेड एफएम की टैगलाइन 'बजाते रहो' है, इसलिए उनके अधिकांश दर्शक पुरुष प्रधान हैं, लेकिन उनके पास बहुत सारे महिला-विशिष्ट शो और कैंपेंस हैं। हो सकता है कि अन्य रेडियो स्टेशनों को उनकी ब्रैंडिंग के आधार पर अधिक फीमेल ऑडियंस मिलें। इसलिए ऐडवर्टाइजर्स या लिसनर्स केवल जेंडर विशिष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में अधिकांश ऐडवर्टाइजर्स जेंडर विशिष्ट के होने बजाय बहुत ज्यादा युवा-केंद्रित हैं। ऐसा कहने के बाद, जब तक हमें ऐडवर्टाइजर्स या लिसनर्स का समर्थन नहीं मिलता, तब तक किसी विशिष्ट मामले को लेकर चिंता व्यक्त करना सही नहीं है।
अंत में डॉ. बत्रा ने कहा, “लोग कहते हैं कि रेडियो का अंत आ गया है, लेकिन मेरा मानना है कि आज रेडियो डिजिटल ऑडियो ब्रॉडकास्ट और यहां तक कि पॉडकास्ट बन रहा है। बहुत से कम्युनिटी रेडियो भी हैं। तो निश्चित रूप से रेडियो एक विशेष कट्टर पंथ को टार्गेट कर सकता है और आगे ऐसे ऐडवर्टाइजर्स को भी प्राप्त कर सकता है जो उस सेगमेंट को भी टार्गेट करते हैं।
चेन्नई में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की एक पीठ ने उदय एफएम प्राइवेट लिमिटेड और सन टीवी नेटवर्क की सहायक कंपनी काल रेडियो लिमिटेड के विलय को मंजूरी दे दी है।
चेन्नई में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की एक पीठ ने उदय एफएम प्राइवेट लिमिटेड (Udaya FM Private Limited) और सन टीवी नेटवर्क की सहायक कंपनी काल रेडियो लिमिटेड (Kal Radio Limited) के विलय को मंजूरी दे दी है। इस विलय के बाद अंतिम रूप से अस्तित्व में रहने वाली इकाई काल रेडियो लिमिटेड होगी, जो पहले की तरह सन टीवी नेटवर्क की सहायक कंपनी बनी रहेगी।
कंपनी ने इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है, जो इसके कॉरपोरेट पुनर्गठन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सन टीवी नेटवर्क ने 4 जनवरी 2024 को एक पत्र के माध्यम से उदय एफएम को काल रेडियो में मिलाने के अपने इरादे को सार्वजनिक किया था। इसके बाद, NCLT ने 21 मार्च को कंपनियों अधिनियम, 2013 की धारा 230 और 232 के तहत इस विलय को मंजूरी दी, जिसकी आधिकारिक सूचना कंपनी को 1 अप्रैल को प्राप्त हुई।
NCLT ने अपने आदेश में कहा कि यह योजना कंपनी और उसके हितधारकों के लिए फायदेमंद है और इससे शेयरधारकों या लेनदारों के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा।
न्यायाधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि विलय की मंजूरी का मतलब यह नहीं है कि कंपनी किसी भी स्टांप ड्यूटी, करों (Taxes) या अन्य कानूनी देनदारियों से मुक्त हो जाएगी। यदि भविष्य में कोई अनियमितता या कानूनी उल्लंघन पाया जाता है, तो इस मंजूरी से संबंधित निदेशकों या अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर कोई रोक नहीं होगी।
टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड ने अपने 104.8 एफएम रेडियो बिजनेस को बेचने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अपनी सहायक कंपनी Vibgyor Broadcasting Pvt. Ltd. में 9.40 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है।
टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड (TV Today Network) ने अपने एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस की प्रस्तावित बिक्री को लेकर एक अहम फैसला लिया है। कंपनी ने मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 एफएम फ्रिक्वेंसी पर संचालित अपने तीन रेडियो स्टेशनों को क्रिएटिव चैनल ऐडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड (Creative Channel) को बेचने के लिए एक समझौता (MoU) किया है। इस सौदे की कुल राशि 20 करोड़ रुपये (प्लस टैक्स) तय की गई थी, लेकिन अब इसमें एक संशोधन किया गया है, जिसके तहत Vibgyor Broadcasting Pvt. Ltd. की नेटवर्थ के बराबर अतिरिक्त राशि जोड़ी जाएगी।
इसके अलावा, टीवी टुडे नेटवर्क ने अपने 104.8 एफएम रेडियो बिजनेस को बेचने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अपनी सहायक कंपनी Vibgyor Broadcasting Pvt. Ltd. में 9.40 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। कंपनी ने पहले ही क्रिएटिव चैनल ऐडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में चल रहे अपने एफएम रेडियो स्टेशनों को बेचने के लिए एक समझौता (MoU) किया था। यह सौदा 20 करोड़ रुपये (प्लस टैक्स) में होने जा रहा था।
हालांकि, इस बिक्री को अंतिम रूप देने से पहले, Vibgyor Broadcasting Pvt. Ltd. को आवश्यक नेटवर्थ बनाए रखने की जरूरत है, ताकि वह इस अधिग्रहण प्रक्रिया में योग्य बन सके।
संभवत: इसी उद्देश्य से, कंपनी के निदेशक मंडल ने 26 मार्च 2025 को हुई बैठक में विभग्योर ब्रॉडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (Vibgyor) में 9.40 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है। यानी टीवी टुडे नेटवर्क अब Vibgyor में 94 लाख इक्विटी शेयर (प्रति शेयर 10 रुपये के अंकित मूल्य पर) खरीदेगा। यह निवेश राइट्स इश्यू के माध्यम से किया जाएगा, जिससे Vibgyor की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) की आवश्यक शर्तों को पूरा कर सकेगा।
Vibgyor की मौजूदा स्थिति
वर्तमान में, Vibgyor Broadcasting Pvt. Ltd. पूरी तरह से टीवी टुडे की सहायक कंपनी है और इसका मुख्य उद्देश्य रेडियो ब्रॉडकास्टिंग ऑपरेशंस को संचालित करना है। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में इसकी कोई व्यावसायिक आमदनी नहीं रही है। FY 2023-24 के अनुसार Vibgyor का टर्नओवर शून्य और नेटवर्थ 44,956 रुपये थी।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह निवेश पूरी तरह कैश में किया जाएगा, और इसके लिए किसी सरकारी या नियामकीय मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। राइट्स इश्यू की प्रक्रिया 60 दिनों में पूरी की जाएगी और निवेश के बाद भी Vibgyor की 100% हिस्सेदारी टीवी टुडे के पास ही बनी रहेगी।
बिक्री की रणनीति और भविष्य की दिशा
टीवी टुडे नेटवर्क का यह कदम रेडियो बिजनेस से बाहर निकलने और अपने कोर बिजनेस पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में Vibgyor की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि रेडियो बिजनेस की बिक्री को अंतिम रूप देने के लिए इसकी नेटवर्थ का मजबूत होना आवश्यक है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले कुछ महीनों में यह सौदा कैसे आगे बढ़ता है और Vibgyor किस तरह इस ट्रांजेक्शन को पूरा करने में भूमिका निभाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2025 को प्रसारित होने वाले 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2025 को प्रसारित होने वाले 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा भेजे गए विचार इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में इस महीने के 'मन की बात' के लिए व्यापक सुझाव मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "इस महीने के #मन की बात कार्यक्रम के लिए व्यापक सुझाव मिलने पर प्रसन्नता हो रही है, जो 30 तारीख को होगा। ये सुझाव सामाजिक भलाई के लिए सामूहिक प्रयासों की शक्ति को उजागर करते हैं। मैं और अधिक लोगों को इस एपिसोड के लिए विचार साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूं।"
Happy to be getting a wide range of inputs for this month's #MannKiBaat, which will take place on the 30th. These inputs highlight the power of collective efforts for social good. I invite more people to share their ideas for the episode. https://t.co/anPo1hmZ5k
— Narendra Modi (@narendramodi) March 24, 2025
प्रधानमंत्री मोदी के इस आह्वान के बाद, बड़ी संख्या में लोग अपने सुझाव साझा कर रहे हैं। 'मन की बात' कार्यक्रम वर्षों से जनता और सरकार के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है, जिसमें नागरिकों की राय और सकारात्मक पहल पर चर्चा की जाती है।
कंपनी के एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टिंग ऑपरेशंस की प्रस्तावित बिक्री में मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 एफएम की फ्रीक्वेंसी के तहत तीन एफएम रेडियो स्टेशन हैं।
‘टीवी टुडे नेटवर्क’ (TV Today Network) ने घोषणा की है कि उसकी निदेशक समिति ने क्रिएटिव चैनल एडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) को मंजूरी दे दी है। यह समझौता कंपनी के एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टिंग ऑपरेशंस (मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 FM फ्रीक्वेंसी पर संचालित तीन एफएम रेडियो स्टेशनों) की बिक्री से संबंधित है।
हालांकि, यह सौदा तभी पूरा होगा जब सभी अनुबंधीय दायित्वों की पूर्ति हो जाएगी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) समेत सभी आवश्यक नियामक स्वीकृतियां मिल जाएंगी। इसके अलावा, अन्य सभी कानूनी अनुपालनों को भी पूरा किया जाना जरूरी होगा।
गौरतलब है कि कंपनी ने पिछले महीने स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया था कि उसका रेडियो बिजनेस अगले एक से छह महीनों के भीतर बंद किया जा सकता है।
इस फैसले के पीछे कारण बताते हुए कंपनी का कहना था, ‘इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति, इसके कामकाज और एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस के विकास को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कंपनी के हित में इसे जारी रखने के बजाय बंद करना उचित समझा है।’
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेडियो बिजनेस का टर्नओवर 16.18 करोड़ रुपये रहा। यह टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड के कुल कारोबार का 1.70 प्रतिशत था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनी के रेडियो बिजनेस ने 19.53 करोड़ रुपये का नुकसान भी दर्ज किया है।
ENIL के CEO, यतीश महर्षि ने कहा कि Q3FY25 रेडियो इंडस्ट्री के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जिससे रेडियो विज्ञापन से होने वाली आय प्रभावित हुई।
एफएम चैनल 'रेडियो मिर्ची' (Radio Mirchi) की संचालन कंपनी एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया लिमिटेड (ENIL) ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 158.89 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व (consolidated revenue) दर्ज किया है। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 160.60 करोड़ रुपये के मुकाबले 4.7% कम है।
कंपनी के शुद्ध लाभ में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो सालाना आधार पर 61% घटकर 9.26 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में यह आंकड़ा 23.94 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी ने पिछली तिमाही (Q2) में 4 करोड़ रुपये के नुकसान के बाद इस तिमाही (Q3) में मुनाफा कमाने में सफलता हासिल की है।
ENIL के अनुसार, "कंपनी का डिजिटल बिजनेस, जिसमें Gaana भी शामिल है, मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। Q3FY25 में डिजिटल से 15.4 करोड़ रुपये की आय हुई, जो रेडियो से होने वाले कुल राजस्व का 26% है। यह Q3FY24 में 13.4% था, जो दर्शाता है कि नए Gaana प्रोडक्ट की मांग तेजी से बढ़ रही है।"
ENIL के CEO, यतीश महर्षि ने कहा, "Q3FY25 रेडियो इंडस्ट्री के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जिससे रेडियो विज्ञापन से होने वाली आय प्रभावित हुई। हालांकि, हमें Gaana के नए वर्जन की शानदार प्रतिक्रिया मिली, जिससे डिजिटल राजस्व में तेजी से वृद्धि हुई। इसके अलावा, हमारी एक्सपीरियंस आधारित सेवाओं की लोकप्रियता और ब्रैंड पार्टनर्स के साथ बेहतरीन सॉल्यूशंस ने हमारे एक्सपीरिएंशियल बिजनेस में 21% की वृद्धि की है।"
उन्होंने आगे कहा, "Gaana के उन्नत प्रोडक्ट एक्सपीरियंस और रणनीतिक प्राइसिंग की बदौलत ग्राहक तेजी से इसे अपना रहे हैं। इससे हमें डिजिटल स्पेस में अपनी मजबूती बढ़ाने का भरोसा मिला है। हम इनोवेशन, विस्तार और स्थायी वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं और रेडियो, डिजिटल और नॉन-एफसीटी सेगमेंट में अपने अनुभव का लाभ उठाकर दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करेंगे।"
यह ग्रुप मुख्य रूप से घरेलू बाजार में काम करता है, लेकिन इसकी मौजूदगी अमेरिका, कतर और बहरीन में भी है।
भारतीय शास्त्रीय संगीत के विविध स्वरूपों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई रेडियो कार्यक्रम श्रृंखला ‘हर कंठ में भारत’ का लोकार्पण किया गया।
वसंत पंचमी के पावन अवसर पर आकाशवाणी के ब्रॉडकास्टिंग हाउस स्थित पंडित रविशंकर संगीत स्टूडियो में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में भारतीय शास्त्रीय संगीत के विविध स्वरूपों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई रेडियो कार्यक्रम श्रृंखला ‘हर कंठ में भारत’ का लोकार्पण किया गया।
संस्कृति मंत्रालय और आकाशवाणी की संयुक्त प्रस्तुति
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और लोक सेवा प्रसारक आकाशवाणी द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत इस श्रृंखला का प्रसारण 16 फरवरी, 2025 तक प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे देशभर के 21 स्टेशनों से किया जाएगा, जिससे यह पूरे देश को कवर करेगा।
कार्यक्रम की भव्य शुरुआत
समारोह का औपचारिक शुभारंभ सुबह 10:30 बजे देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ हुआ। इस अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुणेश चावला, प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी, आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़, संयुक्त सचिव संस्कृति अमिता प्रसाद सरभाई और दूरदर्शन की महानिदेशक कंचन प्रसाद उपस्थित रहे।
आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने स्वागत भाषण में वसंत पंचमी के खगोलीय महत्व पर प्रकाश डाला और ‘हर कंठ में भारत’ की अवधारणा पर चर्चा की। उन्होंने इस सहयोग को सकारात्मक दिशा में बढ़ाने की आशा व्यक्त की।
प्रसारण का डिजिटल उद्घाटन
इस विशेष श्रृंखला का डिजिटल रूप से उद्घाटन अरुणेश चावला और गौरव द्विवेदी ने खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर प्रसार भारती के सीईओ ने आकाशवाणी की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित किया और इस तरह की रचनात्मक साझेदारियों को भविष्य में नए अवसरों का द्वार खोलने वाला बताया।
AI युग में कला का संरक्षण
संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुणेश चावला ने अपने मुख्य भाषण में इस सहयोग की दृष्टि को स्पष्ट किया। उन्होंने वर्तमान एआई युग में प्रदर्शन कला के विभिन्न स्वरूपों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस तरह की पहल को अगली पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने का प्रभावी समाधान बताया।
संगीत प्रस्तुतियों से सजा समारोह
समारोह के दौरान मंच पर लाइव संगीत प्रस्तुतियां भी हुईं। सरस्वती वंदना और राग बसंत में गायन ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया, वहीं सरोद पर राग देस की प्रस्तुति ने उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
‘हर कंठ में भारत’ श्रृंखला भारतीय शास्त्रीय संगीत को नए आयाम देने के साथ ही देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
यह हाल के महीनों में कंपनी में नौकरियों में कटौती का दूसरा राउंड है। इससे पहले, अक्टूबर 2024 में कंपनी ने 50 एम्प्लॉयीज को बाहर किया था।
ऑडियो सीरीज प्लेटफॉर्म 'पॉकेट एफएम' (Pocket FM) ने एक बार फिर छंटनी की है। व्यापक पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत कंपनी ने 75 एम्प्लॉयीज को नौकरी से निकाल दिया है।
यह हाल के महीनों में कंपनी में नौकरियों में कटौती का दूसरा राउंड है। इससे पहले, अक्टूबर 2024 में कंपनी ने 50 एम्प्लॉयीज को बाहर किया था। वहीं, जुलाई 2024 में कंपनी ने 200 अनुबंधित लेखकों (कॉन्ट्रैक्चुअल राइटर्स) को भी नौकरी से निकाल दिया था।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रभावित एम्प्लॉयीज की अंतिम संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि यह प्रक्रिया अभी जारी है। इस बार नौकरी कटौती में टेक्नोलॉजी वर्टिकल पर विशेष रूप से असर पड़ा है।
2018 में रोहन नायक, प्रतीक दीक्षित और निशांत श्रीनिवास द्वारा स्थापित Pocket FM प्लेटफॉर्म पर रोमांस, ड्रामा, थ्रिलर, फैंटेसी और साइंस फिक्शन जैसे विभिन्न जॉनर की 75,000 से अधिक ऑडियो सीरीज उपलब्ध हैं। यह प्लेटफॉर्म एक विविध दर्शक वर्ग को ध्यान में रखते हुए कंटेंट प्रदान करती है, जो अंग्रेजी और हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, कन्नड़ और मराठी सहित कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
नौकरियों में ये कटौती Pocket FM के सामने आने वाली परिचालन चुनौतियों को उजागर करती है, क्योंकि कंपनी एक प्रतिस्पर्धी मार्केट में अपनी स्थिति बनाए रखने का प्रयास कर रही है।
इस नेटवर्क के पास मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 एफएम की फ्रीक्वेंसी के तहत तीन एफएम रेडियो स्टेशन हैं।
‘टीवी टुडे नेटवर्क’ (TV Today Network) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस खबर के अनुसार, टीवी टुडे नेटवर्क अपना रेडियो बिजनेस बंद करने जा रहा है। बता दें कि नौ जनवरी को हुई बोर्ड बैठक में टीवी टुडे नेटवर्क को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से अपना रेडियो बिजनेस बंद करने की मंजूरी मिल गई है।
नेटवर्क के पास मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 एफएम की फ्रीक्वेंसी के तहत तीन एफएम रेडियो स्टेशन हैं। स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया है कि उसका रेडियो बिजनेस अगले एक से छह महीनों के भीतर बंद किया जा सकता है।
इस फैसले के पीछे कारण बताते हुए कंपनी ने कहा, ‘इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति, इसके कामकाज और एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस के विकास को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कंपनी के हित में इसे जारी रखने के बजाय बंद करना उचित समझा है।’
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेडियो बिजनेस का टर्नओवर 16.18 करोड़ रुपये रहा। यह टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड के कुल कारोबार का 1.70 प्रतिशत था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनी के रेडियो बिजनेस ने 19.53 करोड़ रुपये का नुकसान भी दर्ज किया है।
2024 की पहली तीन तिमाहियों में रेडियो विज्ञापनों में लगातार वृद्धि देखी गई।
2024 की पहली तीन तिमाहियों में रेडियो विज्ञापनों में लगातार वृद्धि देखी गई। जनवरी से सितंबर 2024 के दौरान, टॉप 10 सेक्टर्स ने सामूहिक रूप से कुल विज्ञापन का 89% हिस्सा दर्ज किया। इन सेक्टर्स में सर्विसेज (30%), ऑटो (10%), बैंकिंग/फाइनेंस/इन्वेस्टमेंट (9%), रिटेल (9%), फूड व बेवरेजेस (8%), एजुकेशन (8%), पर्सनल ऐसेसीरीज (7%), बिल्डिंग, इंडस्ट्रियल व लैंड मैटेरियल/इक्वीपमेंट्स (3%), पर्सनल हेल्थकेयर (3%) और ड्यूरेबल्स (2%) शामिल हैं।
सर्विसेज और ऑटो अपनी टॉप कैटेगरीज की सूची में अपनी स्थिति बनाए हुए हैं, जबकि BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) जनवरी-सितंबर 2023 में 5वें स्थान से उछलकर 2024 में तीसरे स्थान पर पहुंच गया।
रेडियो विज्ञापन में टॉप 10 कैटेगरीज का 51% विज्ञापन हिस्सेदारी पर कब्जा है। इनमें शामिल हैं: प्रॉपर्टीज/रियल एस्टेट (16%), हॉस्पिटल/क्लीनिक्स (7%), कारें (7%), रीटेल आउटलेट्स- ज्वैलर्स (6%), रीटेल आउटलेट- इलेक्ट्रॉनिक्स/ड्यूरेबल्स (3%), रीटेल आउटलेट - क्लॉथ/टेक्सटाइल/फैशन (3%), लाइफ इंश्योरेंस (3%), मल्टीपल कोर्सेज (3%), स्कूल्स (1%) और कोचिंग/कम्पटैटिव एग्जाम सेंटर (1%), जैसा कि इन सेक्टर्स में देखा गया, टॉप 2 कैटेगरीज ने जनवरी-सितंबर 2023 की तुलना में जनवरी-सितंबर 2024 में अपनी स्थिति बनाए रखी।
जनवरी से सितंबर 2024 के दौरान रेडियो विज्ञापन में टॉप 10 विज्ञापनदाताओं ने कुल ऐड वॉल्यूम का 12% हिस्सा लिया। इन विज्ञापनदाताओं में LIC ऑफ इंडिया ने अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी। गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन, हुंडई मोटर इंडिया, और रेनॉल्ट इंडिया नए नाम थे, जो जनवरी-सितंबर 2023 की सूची में नहीं थे। अन्य प्रमुख विज्ञापनदाताओं में मारुति सुजुकी इंडिया, एसबीएस बायोटेक, LIC हाउसिंग फाइनेंस, टाटा मोटर्स, रिलायंस रिटेल और विष्णु पैकेजिंग शामिल हैं। इस अवधि में रेडियो पर 5000 से अधिक विशेष विज्ञापनदाता भी मौजूद थे, जो 2023 की तुलना में उल्लेखनीय है।
जनवरी-सितंबर 2024 में रेडियो पर टॉप 10 ब्रैंड्स में LIC हाउसिंग फाइनेंस, विमल पान मसाला, LIC जीवन उत्सव, मारुति सुजुकी एरीना, मणप्पुरम लोन अगेंस्ट गोल्ड, Acco जनरल ऑटो इंश्योरेंस, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स, अलीशान, LIC और निसान मैग्नाइट शामिल थे। इन टॉप 10 ब्रैंड्स में से 3 ब्रैंड्स LIC ऑफ इंडिया से संबंधित थे, और 2023 की इसी अवधि की तुलना में 5 ब्रैंड्स इस सूची में नए शामिल हुए।
जनवरी से सितंबर 2024 के दौरान कारों की कैटेगरी में विज्ञापन सेकंडेज (ad secondages) में सबसे अधिक 60% की वृद्धि दर्ज की गई। इसके बाद रिटेल आउटलेट्स - ज्वैलर्स ने 50% की वृद्धि दर्ज की, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में उल्लेखनीय है।
गुजरात और महाराष्ट्र ने अपने पहले और दूसरे स्थान को बनाए रखा, जिनका ऐड वॉल्यूम में हिस्सा क्रमशः 18% और 16% था। टॉप शहरों में जयपुर, नई दिल्ली, नागपुर, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, इंदौर, पुणे, बैंगलोर और वडोदरा शामिल थे। इन शहरों ने मिलकर ऐड वॉल्यूम का 62% हिस्सा जोड़ा। जयपुर ने अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी, जिसमें जनवरी-सितंबर 2024 के दौरान ऐड वॉल्यूम का 8% हिस्सा था।
शाम का समय रेडियो पर विज्ञापन के लिए सबसे अधिक पसंद किया गया समय था, उसके बाद सुबह और दोपहर का समय था। शाम और सुबह के समय ने मिलकर ऐड वॉल्यूम का 69% हिस्सा जोड़ा। 20-40 सेकंड वाले विज्ञापन रेडियो पर जनवरी-सितंबर 2023 और 2024 में सबसे अधिक पसंद किए गए। 20-40 सेकंड और 20 सेकंड से कम अवधि के विज्ञापनों ने मिलकर रेडियो पर कुल ऐड वॉल्यूम का 95% योगदान दिया।
केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) ने एमेजॉन के एलेक्सा स्मार्ट स्पीकर्स पर ऑल इंडिया रेडियो की लाइव स्ट्रीमिंग सर्विस लॉन्च की।
केंद्रीय सूचना-प्रसारण, खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (सेवानिवृत्त) ने एमेजॉन के एलेक्सा स्मार्ट स्पीकर्स पर ऑल इंडिया रेडियो की लाइव स्ट्रीमिंग सर्विस लॉन्च की।
इस कार्यक्रम में प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्यप्रकाश, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति, एमेजॉन एलेक्सा (एशिया) के प्रिंसिपल टेक बिजनेस डेवलपमेंट राजीव साहनी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर बोलते हुए कर्नल राठौड़ ने कहा कि एमेजॉन एलेक्सा जैसी सेवाओं ने लोगों के जीवन को सरल बना दिया है। एमेजॉन एलेक्सा प्लेटफॉर्म पर ऑल इंडिया रेडियो की स्ट्रीमिंग सेवाओं का लॉन्च पुराने और आधुनिक संचार माध्यमों का एक संगम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल दुनिया भर में भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगी। अब दुनिया के किसी भी कोने से लोग ऑल इंडिया रेडियो के कार्यक्रम सुन सकते हैं।
ए सूर्यप्रकाश ने जानकारी दी कि भविष्य में ऑल इंडिया रेडियो की पुरालेख संपत्तियों (आर्काइवल एसेट्स) की प्लेलिस्ट भी एलेक्सा प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाएगी।
राजीव साहनी ने कहा कि उपकरणों के साथ संचार का भविष्य 'वॉयस' है। वॉयस हर जगह है और पहले से ही दुनिया भर में 39 करोड़ लोग वॉयस आधारित संचार का उपयोग कर रहे हैं। यह संख्या अगले 3 वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़कर 1.83 अरब तक पहुंच जाएगी।
विविध भारती और ऑल इंडिया रेडियो की अन्य 14 क्षेत्रीय भाषाओं की स्ट्रीमिंग सेवाएं एमेजॉन एलेक्सा पर स्ट्रीम की जाएंगी। निकट भविष्य में ऑल इंडिया रेडियो की पुरालेख संपत्तियां भी एमेजॉन एलेक्सा पर उपलब्ध कराई जाएंगी। ऑल इंडिया रेडियो को वैश्विक और घरेलू दर्शकों के लिए एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म मिलेगा और यह क्षेत्रीय, मुख्यालय और मेट्रो शहरों में विशेष रूप से टेरिस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग के सभी छाया क्षेत्रों को कवर करेगा।