केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) अब छात्रों, शिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए अपना कम्युनिटी रेडियो स्टेशन शुरू करने की तैयारी में है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) अब छात्रों, शिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए अपना कम्युनिटी रेडियो स्टेशन शुरू करने की तैयारी में है। अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रस्ताव को हाल ही में बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की बैठक में मंजूरी दी गई है और लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले छह महीनों में विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ बैठकें कर विस्तृत आवेदन तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही, रेडियो स्टेशन की वित्तीय रूपरेखा पर भी विचार किया जाएगा।
CBSE पहले से ही ‘शिक्षा वाणी’ नाम का पॉडकास्ट चला रहा है, जो कक्षा 9 से 12 तक के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम आधारित ऑडियो सामग्री उपलब्ध कराता है। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध इस ऐप में अब तक लगभग 400 ऑडियो फाइलें डाली जा चुकी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कम्युनिटी रेडियो की सामग्री का स्वरूप लाइसेंस मिलने के बाद तय होगा। यह रेडियो सार्वजनिक सेवा और वाणिज्यिक रेडियो से अलग होता है और स्थानीय समुदायों द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों, खासकर वंचित समुदाय की आवाज को शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और कृषि जैसे मुद्दों पर मंच देना है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल देश में 540 से अधिक कम्युनिटी रेडियो स्टेशन चल रहे हैं, जिन्हें शैक्षणिक संस्थान, गैर-सरकारी संगठन और अन्य गैर-लाभकारी संस्थाएं संचालित करती हैं। सरकार ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में ऐसे रेडियो स्टेशनों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं भी चला रही है।
RPSG ग्रुप की इकाई सारेगामा इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024–2025 में अपना सबसे अधिक सालाना राजस्व ₹1,171.3 करोड़ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 46% की वृद्धि दर्शाता है।
RPSG ग्रुप की इकाई सारेगामा इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024–2025 में अपना सबसे अधिक सालाना राजस्व (रेवेन्यू) ₹1,171.3 करोड़ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 46% की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि म्यूजिक कंपनी की सबसे बड़ी आय का स्रोत बना रहा, लेकिन विज्ञापन, वीडियो, रिटेल और लाइव इवेंट्स में उल्लेखनीय विस्तार देखा गया, जिससे यह एक बहुआयामी एंटरटेनमेंट पावरहाउस के रूप में उभर रही है।
वित्त वर्ष 2025 में, विज्ञापन से राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 28% बढ़कर ₹190.5 करोड़ पर पहुंच गया, जो कुल राजस्व का लगभग 16% है। ब्रैंड पार्टनरशिप्स, डिजिटल कंटेंट का मुद्रीकरण, और फिल्टरकॉपी व डाइस मीडिया जैसी सहायक कंपनियों के माध्यम से विज्ञापन-समर्थित वीडियो फॉर्मैट्स का उभार इस विस्तार के प्रमुख कारण रहे। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने विज्ञापन और प्रोमोशनल खर्चों में भारी वृद्धि का खुलासा किया, जो FY24 के ₹75.98 करोड़ से लगभग दोगुना होकर FY25 में समेकित आधार पर ₹90.41 करोड़ हो गया।
म्यूजिक प्रीमियरों के लिए बड़े पैमाने पर प्रमोशन, दिलजीत दोसांझ के लाइव परफॉर्मेंस जैसे हाई-प्रोफाइल कॉन्सर्ट्स, और वेब सीरीज व ब्रैंडेड कंटेंट के लिए केंद्रित डिजिटल मार्केटिंग के कारण स्टैंडअलोन प्रोमोशनल खर्च ₹74.16 करोड़ से बढ़कर ₹88.01 करोड़ हो गया। इन खर्चों में और इजाफा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और प्रोडक्शन कंपनियों के साथ रणनीतिक गठजोड़ से हुआ, विशेष रूप से तब जब सारेगामा ने क्षेत्रीय बाजारों, लाइव इवेंट्स और डिजिटल-फर्स्ट प्रोडक्ट्स में प्रवेश किया।
कंपनी ने ₹276.1 करोड़ का PBT, ₹204.3 करोड़ का PAT और ₹356.6 करोड़ का समायोजित EBITDA दर्ज किया। FY25 में कंपनी ने ₹316 करोड़ का निवेश किया, जो उसके इतिहास का सबसे बड़ा सालाना खर्च है, और साथ ही FY 2024–25 से FY 2026–27 तक नए कंटेंट निवेश के लिए ₹1,000 करोड़ की प्रतिबद्धता जताई।
सारेगामा के मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम मेहरा ने कहा, “वित्त वर्ष 2024–25 सारेगामा की यात्रा में एक ऐतिहासिक साल रहा क्योंकि हमने अपनी विरासत की ताक़त को भविष्य के मनोरंजन को आकार देने की चुस्ती के साथ जोड़ा।”
सारेगामा भारत के तेजी से डिजिटल होते मीडिया और एंटरटेनमेंट (M&E) क्षेत्र में नवाचार, कंटेंट-आधारित वृद्धि और रणनीतिक विविधीकरण के जरिए अपनी नेतृत्वकारी स्थिति बनाए हुए है।
उन्होंने आगे कहा, “हम अपने पोर्टफोलियो को भविष्य-उन्मुख बनाने के लिए सटीक पूंजी आवंटन और अनुशासित निष्पादन पर गहन ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।”
उभरते भाषा बाजारों में कंपनी की स्थिति को क्षेत्रीय म्यूजिक लेबल्स की रणनीतिक खरीद और प्रमुख प्रोडक्शन कंपनियों- जैसे धर्मा प्रोडक्शंस, संजय लीला भंसाली फिल्म्स और जियो स्टूडियोज के साथ साझेदारी ने और मजबूत किया है। इसके अलावा, युवाओं को आकर्षित करने के लिए सारेगामा ने हिप-हॉप सीन में प्रवेश किया है, जिसमें MTV Hustle 4 से 130 से अधिक गानों का अधिग्रहण शामिल है।
वीडियो डिविजन, जिसमें यूडली फिल्म्स, डाइस मीडिया और फिल्टरकॉपी शामिल हैं, ने FY25 के कुल राजस्व में 16% का योगदान दिया। डाइस और फिल्टरकॉपी की पेरेंट कंपनी पॉकेट एसेज का साल-दर-साल 18% का इजाफा हुआ है और यह ब्रेक-ईवन की दिशा में बढ़ रही है। कंपनी ने कहा, “हमारे शो विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर लगातार लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।”
ई-कॉमर्स और आधुनिक व्यापार चैनलों ने रिटेल की जगह ले ली, जिसका FY25 में कुल राजस्व में 8% योगदान रहा और इसमें कारवाँन ऑडियो प्लेयर मुख्य रहा। 44 प्रदर्शनों और 6.25 लाख से अधिक दर्शकों के साथ, इवेंट्स से 24% आय हुई। "ये शाम मस्तानी" जैसे IP-आधारित परफॉर्मेंस और बड़े फॉर्मेट वाले कॉन्सर्ट्स ने दर्शकों की भागीदारी और ब्रैंड जागरूकता को बढ़ाया।
रिकॉर्ड-ब्रेकिंग बिक्री, आक्रामक कंटेंट निवेश और विस्तृत एंटरटेनमेंट ऑफरिंग के साथ, सारेगामा भारत के विकसित होते मीडिया परिदृश्य में सबसे आगे अपनी स्थिति बना रहा है।
Sapphire Media Limited के स्वामित्व वाले रेडियो नेटवर्क BIG FM ने सुनील कुमारन को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है
Sapphire Media Limited के स्वामित्व वाले रेडियो नेटवर्क BIG FM ने सुनील कुमारन को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है।
मीडिया और कम्युनिकेशन इंडस्ट्री में 25 वर्षों से भी अधिक अनुभव रखने वाले सुनील पिछले 14 सालों से BIG FM ब्रैंड से जुड़े हैं। वह अब तक कंपनी में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) की भूमिका निभा रहे थे। यह नई जिम्मेदारी उन्हें एब थॉमस (Abe Thomas) के इस्तीफे के बाद सौंपी गई है।
Sapphire Media Limited के चेयरमैन साहिल मंगल ने इस अवसर पर कहा, “हम एब थॉमस के दूरदर्शी नेतृत्व, समर्पण और नेटवर्क के प्रति उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए आभारी हैं। सुनील का ब्रैंड को लेकर गहरा समझ और लंबा जुड़ाव उन्हें BIG FM के अगले अध्याय का नेतृत्व करने के लिए आदर्श विकल्प बनाता है। हमें पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में हम निरंतर विकास करेंगे और नए मुकाम हासिल करेंगे।”
नियुक्ति को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए नए सीईओ सुनील कुमारन ने कहा, “BIG ब्रैंड को उसके अगले चरण की ओर ले जाने को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं, एक ऐसा दौर जहां रेडियो की नई परिकल्पना होगी और हम एक सच्चे मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित होंगे। आज के डिजिटल युग में हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी– दमदार कंटेंट, डेटा की सटीकता और तकनीक से संचालित स्टोरीटेलिंग की पहुंच। हमारा लक्ष्य है एक ऐसा ब्रैंड बनाना जो भविष्य के लिए तैयार हो, आज की दुनिया के लिए प्रासंगिक हो और साझेदारों को ठोस परिणाम देने वाला हो। ऐसा ब्रैंड जो श्रोताओं से गहराई से जुड़े, संस्कृति को प्रभावित करे और प्रभावशाली बदलाव लाए।”
BIG FM ने अपने आउट ऑफ होम (OOH) वर्टिकल को फिर से लॉन्च करने की घोषणा की है, जो अब 'BIG OOH' के नाम से जाना जाएगा (पहले यह ‘BIG Street’ था)।
BIG FM ने अपने आउट ऑफ होम (OOH) वर्टिकल को फिर से लॉन्च करने की घोषणा की है, जो अब 'BIG OOH' के नाम से जाना जाएगा (पहले यह ‘BIG Street’ था)। इस पहल के तहत BIG FM अब टेक-ड्रिवन, प्रोग्रामेटिक डिजिटल OOH और पारंपरिक OOH विज्ञापन को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करेगा। इसका उद्देश्य ब्रैंड्स को प्लेटफॉर्म्स पर समग्र और हाइपरलोकल समाधान देना है।
‘BIG OOH’ को रणनीतिक रूप से इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह हाई-विजिबिलिटी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्लेसमेंट्स के जरिए ब्रैंड की दृश्यता को अधिकतम कर सके। डिजिटल आउट ऑफ होम (DOOH) फॉर्मैट्स के बढ़ते चलन का लाभ उठाते हुए, यह वर्टिकल क्षेत्रीय स्तर पर केंद्रित विज्ञापन की सुविधा देगा, जो BIG FM की मजबूत हाइपरलोकल उपस्थिति से पूरी तरह मेल खाता है।
इस नई पेशकश में एलईडी स्क्रीन, वीडियो वॉल, साइनेज और प्रोडक्ट जोन जैसे प्रीमियम फॉर्मैट शामिल हैं, जो ब्रैंड्स को विजुअली समृद्ध कैंपेन के लिए एक हाई-इम्पैक्ट कैनवस मुहैया कराते हैं। BIG FM की क्षेत्रीय पकड़ का विस्तार करते हुए, ‘BIG OOH’ रोजमर्रा के महत्वपूर्ण टचपॉइंट्स पर ऑडियंस एंगेजमेंट को और गहराई देगा।
BIG FM के COO सुनील कुमारण ने इस मौके पर कहा, “BIG LIVE प्लेटफॉर्म की लॉन्चिंग के बाद अब हम अपने पोर्टफोलियो को ‘BIG OOH’ के रूप में और विस्तार देने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। एक मीडिया पॉवरहाउस के तौर पर हमारा हमेशा यही प्रयास रहा है कि हम ब्रैंड्स और उनके प्रोडक्ट्स के लिए नवोन्मेषी समाधान तैयार करें जो असल दुनिया में असर डालें। इस नए वर्टिकल के साथ हम केवल अपनी पेशकश नहीं बढ़ा रहे, बल्कि हम इम्पैक्टफुल, मीजरेबल और इमर्सिव ब्रैंड एक्सपीरियंस देने की अपनी क्षमता को भी नए स्तर पर ले जा रहे हैं। यह लॉन्च हमें बदलते मार्केटिंग ट्रेंड्स को समझने और 360-डिग्री इंटीग्रेटेड मीडिया सॉल्यूशन देने में सक्षम बनाएगा।”
BIG OOH के नेशनल लीड राहुल त्यागी ने कहा, “BIG OOH, BIG FM की उस विकास यात्रा का अगला चरण है जो 360-डिग्री मार्केटिंग उत्कृष्टता की दिशा में है। इस वर्टिकल के जरिए हमारा लक्ष्य ब्रैंड्स की मार्केटिंग जरूरतों को पूरा करना और ऐसे प्रभावशाली रणनीति देना है जो ब्रैंड की पहचान को आकार दे और यादगार बनाए।”
BIG OOH की लॉन्चिंग के साथ, BIG FM भविष्य की जरूरतों के अनुरूप एक समावेशी मीडिया ईकोसिस्टम की ओर और एक कदम बढ़ा रहा है। ब्रैंड अपने नए वर्टिकल्स के साथ विस्तार कर रहा है, लेकिन उसकी मजबूत विरासत जस की तस बनी हुई है- जो दर्शकों से वास्तविक जुड़ाव, इमर्सिव पेशकश और प्रभावशाली स्टोरीटेलिंग के माध्यम से लगातार बनी हुई है।
'रेडियो सिटी' (Radio City) का संचालन करने वाली Music Broadcast Ltd ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (30 जून 2025 को समाप्त) में ₹2.17 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है
'रेडियो सिटी' (Radio City) का संचालन करने वाली कंपनी Music Broadcast Ltd ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (30 जून 2025 को समाप्त) में ₹2.17 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। यह पिछली तिमाही (मार्च 2025) के ₹2.58 करोड़ के शुद्ध लाभ के मुकाबले 184.11% की गिरावट है, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में दर्ज ₹38.03 करोड़ के नुकसान की तुलना में 94.30% की कमी है।
कंपनी की परिचालन से आय ₹49.32 करोड़ रही, जो मार्च 2025 की तिमाही के ₹59.60 करोड़ की तुलना में 17.25% कम है और पिछले वर्ष की समान तिमाही के ₹54.67 करोड़ की तुलना में 9.78% कम।
कंपनी की अन्य आय ₹7.02 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही से 6.04% अधिक और पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.14% अधिक है। इस तिमाही में कुल आय ₹56.34 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही के ₹66.22 करोड़ की तुलना में 14.94% घट गई और साल-दर-साल आधार पर ₹61.68 करोड़ से 8.66% कम रही।
वहीं कुल खर्च ₹58.52 करोड़ रहा, जो मार्च 2025 तिमाही के ₹61.72 करोड़ की तुलना में 5.18% कम और जून 2024 की तिमाही के ₹111.79 करोड़ से 47.67% कम रहा।
लाइसेंस फीस ₹4.91 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही से 2.00% कम और पिछले साल की समान तिमाही से 0.41% कम है। वहीं, अन्य खर्च ₹25.10 करोड़ पर स्थिर रहा, जिसमें पिछली तिमाही के ₹25.09 करोड़ से 0.04% की मामूली बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले साल की तिमाही के ₹34.93 करोड़ से 28.13% की कमी आई।
वित्तीय लागत ₹3.06 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही से 8.13% अधिक और साल-दर-साल आधार पर 0.99% अधिक रही।
कर पूर्व नुकसान (Loss Before Tax) ₹2.18 करोड़ रहा, जबकि Q4 FY25 में कंपनी ने ₹4.50 करोड़ का लाभ कमाया था। यानी इस मोर्चे पर 148.44% की तिमाही गिरावट दर्ज की गई।
Q1 FY26 में Radio City का मार्केट शेयर 18% रहा। इस दौरान रेडियो प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देने वाले कुल क्लाइंट्स में से 41% ने Radio City को चुना, जबकि नए जुड़ने वाले क्लाइंट्स में से 34% ने पहली पसंद के तौर पर Radio City को प्राथमिकता दी।
कंपनी की कुल विज्ञापन बिक्री में डिजिटल से 10% योगदान रहा। वहीं कुल राजस्व का 35% कंपनी द्वारा विकसित बिजनेस मॉडलों से आया, जिनमें प्रॉपर्टीज, स्पॉन्सरशिप्स, डिजिटल इवेंट्स और स्पेशल डे एक्टिवेशन्स शामिल हैं।
इस तिमाही में कंपनी ने खेल और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर साझेदारी के जरिए ब्रैंड प्रमोशन पर जोर दिया। अल्टिमेट टेबल टेनिस के साथ कंपनी के कैंपेन से ₹0.28 करोड़ का राजस्व आया। साथ ही TNPL के दौरान Lyca Kovai Kings के साथ साझेदारी के माध्यम से कंपनी की ब्रैंड मौजूदगी बनी रही।
इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर अभिनेता आध्या आनंद और कंटेंट क्रिएटर Zoe के साथ डिजिटल साझेदारियों के जरिए पहुंच को और बढ़ाया गया।
रेडियो सिटी ने देशभर में रीजनल मार्केटिंग इवेंट्स भी आयोजित किए, जिनमें गुजरात रेडियंस अवॉर्ड्स, विदर्भा आइकॉन अवॉर्ड, गोरखपुर में सिटी सीक्रेट साउंड, और उदयपुर में सिटी का हैंगआउट जैसे आयोजन शामिल रहे। ये कार्यक्रम कंपनी के समुदाय-केंद्रित जुड़ाव को दर्शाते हैं।
कंपनी के मुताबिक, रेडियो इंडस्ट्री की कुल ऐड वॉल्यूम Q1 FY26 में 1,032 लाख सेकेंड रही, जो पिछले साल की इसी अवधि के 1,053 लाख सेकेंड के मुकाबले 2% सालाना गिरावट दर्शाती है।
हालांकि कंपनी को चालू तिमाही में घाटा हुआ है और राजस्व में भी कमी आई है, लेकिन डिजिटल विस्तार, ब्रैंड साझेदारियों और इनोवेटिव इवेंट्स के जरिए Radio City ने भविष्य की ग्रोथ के लिए मजबूत बुनियाद बनाए रखी है।
भारत में प्रसारण युग की शुरुआत 23 जुलाई 1927 को मानी जाती है, जब इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) ने बॉम्बे स्टेशन से पहला रेडियो प्रसारण किया।
हर साल 23 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न सिर्फ देश में संगठित रेडियो प्रसारण की शुरुआत की याद दिलाता है, बल्कि यह भी रेखांकित करता है कि किस तरह प्रसारण माध्यमों ने भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत में प्रसारण युग की शुरुआत 23 जुलाई 1927 को मानी जाती है, जब इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) ने बॉम्बे स्टेशन से पहला रेडियो प्रसारण किया। यह आयोजन भारतीय प्रसारण की नींव रखने वाला क्षण था, जहां से समाचार, संगीत और जनसंपर्क का नया युग शुरू हुआ। इसी ऐतिहासिक दिन की स्मृति में हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है।
इसके कुछ वर्षों बाद, 1930 में इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (ISBS) की स्थापना हुई, जिसे 1936 में नया नाम मिला- ऑल इंडिया रेडियो (AIR)। AIR के जरिए प्रसारण को एक नई पहचान और राष्ट्रीय दायरा मिला।
रेडियो का महत्व सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा। आज़ादी से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 'आज़ाद हिंद रेडियो' और कांग्रेस द्वारा चलाए गए गुप्त रेडियो स्टेशनों ने अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ जनजागरण में अहम भूमिका निभाई। वहीं स्वतंत्रता के बाद रेडियो, खासकर ऑल इंडिया रेडियो, देश की आवाज़ बना और राष्ट्र निर्माण में एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा।
'विविध भारती', जो 1957 में शुरू हुआ, रेडियो के सबसे प्रसिद्ध कार्यक्रमों में से एक रहा है। इसने नाटक, संगीत, फिल्मी गीतों और जनप्रसारण को घर-घर पहुंचाया, जिससे रेडियो भारतीय जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया।
स्वतंत्र भारत में AIR ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याण से जुड़े कार्यक्रमों के जरिए करोड़ों लोगों तक उपयोगी जानकारी पहुंचाई। रेडियो ने भाषायी विविधता को भी मंच दिया और देशभर में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण ने स्थानीय समुदायों को जोड़ने का काम किया।
21वीं सदी में डिजिटल क्रांति के साथ प्रसारण की परिभाषा ही बदल गई। डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों के चलते आज देश के दूरदराज इलाकों में भी लोग स्मार्टफोन और इंटरनेट की मदद से रेडियो और टेलीविजन कंटेंट से जुड़ पा रहे हैं। ओटीटी, पॉडकास्ट और वेब रेडियो जैसे नए माध्यमों ने प्रसारण को और भी सहभागिता-प्रधान और सुलभ बना दिया है।
रेडियो और टेलीविजन ने न सिर्फ लोगों का मनोरंजन किया है, बल्कि आपदा की घड़ी में सूचना पहुंचाने, साक्षरता बढ़ाने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का काम भी बखूबी निभाया है। यही कारण है कि आज भी प्रसारण माध्यमों की भूमिका समय के साथ और भी प्रासंगिक होती जा रही है।
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस उन तमाम आवाज़ों को सलाम करने का दिन है, जिन्होंने माइक के पीछे रहकर देश से संवाद किया, समाज को दिशा दी और पीढ़ियों को जोड़े रखा।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है। इस नई पहल का मकसद स्थानीय युवाओं को एक ऐसा मंच देना है, जो उन्हें शिक्षा, संस्कृति, उद्यमिता और सामाजिक संवाद जैसे क्षेत्रों से जोड़ सके।
यह सामुदायिक रेडियो न केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम बनेगा, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा, रोजगार और पहचान का जरिया भी सिद्ध हो सकता है। स्टेशन स्थानीय भागीदारी और सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित होगा, जिससे जमीनी स्तर पर लोगों की आवाज और उनकी जरूरतों को मंच मिल सके।
रेडियो जैसे माध्यम की खासियत है कि वह दूर-दराज के इलाकों तक अपनी पहुंच बना सकता है। इस रेडियो स्टेशन के जरिए न केवल सरकारी योजनाओं और जन कल्याण कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुँचेगी, बल्कि स्थानीय मुद्दों, सांस्कृतिक विरासत और प्रतिभाओं को भी उजागर किया जाएगा। यह स्टेशन गांदरबल के अलावा मध्य कश्मीर के आसपास के इलाकों में भी अपनी सेवाएं देगा और उन समुदायों को आवाज देगा जिन्हें अक्सर मुख्यधारा में अनसुना कर दिया जाता है।
अमरनाथ यात्रा के दौरान यह रेडियो स्टेशन समन्वय, सार्वजनिक सुरक्षा और रीयल-टाइम जानकारी का एक प्रमुख साधन बनेगा, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों दोनों को लाभ होगा। इसके साथ ही यह स्टेशन लोकगीत, काव्य, प्रेरक कथाएँ और स्थानीय संगीत के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को भी संजोएगा।
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कंगन कम्युनिटी रेडियो स्टेशन के आरजे मुदस्सिर ने कहा कि यह एक रोजगारोन्मुख पहल है और स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान दिलाने का माध्यम भी। उन्होंने कहा, "यह सामुदायिक रेडियो सरकार और आम लोगों के बीच एक सेतु का काम करता है। यहां ऐसे मुद्दे भी उठते हैं जो राष्ट्रीय या व्यावसायिक रेडियो प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं पाते। साथ ही, यह युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करता है।”
एक अन्य रेडियो जॉकी तरन्नुम ने ANI से बात करते हुए बताया कि इस रेडियो स्टेशन ने उन्हें तकनीकी दक्षता और आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जिसने मेरी प्रतिभा को पहचाना। यहां हम रेडियो के पीछे की तकनीक से लेकर कार्यक्रम निर्माण तक सब कुछ सीखते हैं। इस पहल से न केवल मेरी पहचान बनी, बल्कि सीखने की एक नई दुनिया भी खुली।
उन्होंने भारतीय सेना का धन्यवाद करते हुए कहा कि कई युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इस तरह के रचनात्मक मंच उन्हें बेहतर दिशा देने में मदद कर सकते हैं।
रेडियो कंगन से जुड़े वीडियो कंटेंट एडिटर आदिल रसूल ने इसे युवाओं के लिए सकारात्मक डिजिटल विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि यह सेना और सरकार की एक बेहतरीन पहल है, जिससे मेरे जैसे युवा पर्यटन, शिक्षा और समुदाय जैसे विषयों पर काम कर पा रहे हैं। आज के समय में जब डिजिटल दुनिया की लत बढ़ती जा रही है, यह रेडियो एक नई दिशा दिखा सकता है।
स्थानीय निवासी मंजूर अहमद ने भी ANI से बातचीत में रेडियो की उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अब अधिकतर जानकारी हमें हमारे ही क्षेत्र के रेडियो स्टेशन से मिल जाएगी। हमारी समस्याएं और सुझाव सीधे इस माध्यम से सामने आ सकेंगे।
रेडियो कंगन 88.4 FM न सिर्फ एक प्रसारण केंद्र है, बल्कि यह युवा शक्ति को जोड़ने, सशक्त बनाने और उनकी आवाज को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। भारतीय सेना की इस पहल को स्थानीय स्तर पर सराहना मिल रही है और उम्मीद है कि यह आगे चलकर एक सशक्त सामुदायिक बदलाव का माध्यम बनेगा।
(साभार: ANI)
कुकू टीवी ने भारत सी.एस. को ‘माइक्रो ड्रामा’ के कंटेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है।
कुकू टीवी (Kuku TV) ने भारत सी.एस. को ‘माइक्रो ड्रामा’ के कंटेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब कंपनी डिजिटल कंटेंट और शॉर्ट फॉर्मेट की कहानियों पर अपना फोकस तेज कर रही है। भारत सी.एस. कंटेंट क्रिएशन, डिजिटल प्रोडक्शन और रणनीतिक संचालन में दो दशक से अधिक का अनुभव रखते हैं और मीडिया इंडस्ट्री के अनुभवी पेशेवर माने जाते हैं।
भारत का करियर एमेजॉन, कल्चर मशीन और प्रमुख टेलीविजन नेटवर्क्स जैसे उदय टीवी, जी टीवी, ईटीवी और यूटीवी में निभाई गई अहम भूमिकाओं से सुसज्जित है। उन्होंने कंटेंट और ऑपरेशंस दोनों क्षेत्रों में इनोवेशन और कार्यकुशलता के लिए कई उल्लेखनीय पहल की हैं।
एमेजॉन में भारत ने MPAM ऑटोमेशन टूल के विकास का नेतृत्व किया, जिससे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट डिलीवरी की गति और सटीकता में बड़ा सुधार आया। अपने करियर में भारत अब तक 500 से अधिक टेलीविजन शो (फिक्शन और नॉन-फिक्शन दोनों), 1,000 से अधिक टीवी विज्ञापन और एक लाख से ज्यादा डिजिटल एसेट्स का निर्माण कर चुके हैं।
कल्चर मशीन में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने खासतौर पर तमिल और तेलुगु भाषाओं में रीजनल डिजिटल चैनलों को सफलतापूर्वक लॉन्च और विकसित किया। इन प्रयासों ने दक्षिण भारतीय दर्शकों की सांस्कृतिक रुचियों को ध्यान में रखते हुए बेहतरीन एंगेजमेंट हासिल किया।
भारत सी.एस. की इस नियुक्ति को कुकू टीवी के माइक्रो ड्रामा कंटेंट विस्तार के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जो दर्शकों को विविध, क्षेत्रीय और तीव्र-पक्षीय कहानियों के जरिए जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
जानी-मानी गायिका आशा भोसले के नाम पर स्थापित ‘आशा रेडियो पुरस्कार’ की हुई शुरुआत, यह पुरस्कार रेडियो के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले प्रस्तोताओं को दिया गया।
रेडियो माध्यम को राज्य स्तरीय मान्यता देने और इसे आगे बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहली बार ‘महाराष्ट्र रेडियो फेस्ट 2025’ का आयोजन किया। इस समारोह को न केवल रेडियो की भूमिका के लिए एक सम्मान के रूप में देखा गया, बल्कि इसे ‘ग्राउंड कनेक्ट’ और ‘सार्वजनिक संवाद’ की ताकत को उजागर करने वाला आयोजन भी माना गया।
इस अवसर पर देश भर से कई जाने-माने रेडियो प्रोफेशनल्स को सम्मानित किया गया। करीब एक हफ्ते पहले हुए इस समारोह का मुख्य आकर्षण ‘आशा रेडियो पुरस्कार 2025’ रहा, जो जानी-मानी गायिका और पद्म विभूषण आशा भोसले के नाम पर स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार रेडियो के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले प्रस्तोताओं को दिया गया।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री आशिष शेलार, और स्वयं आशा भोसले उपस्थित रहीं। मंच पर मुख्यमंत्री ने रेडियो को ‘लोकतंत्र की जमीन से जुड़ी सबसे सशक्त आवाज’ बताते हुए कहा कि सरकार इस माध्यम को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। आशिष शेलार, जिन्होंने इस फेस्ट की संकल्पना दी, ने इसे ’रेडियो की असली पहचान को सामने लाने वाला मंच’ बताया और कहा कि आगे भी हर साल इसका आयोजन होगा।
इस कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में देशभर के कई रेडियो जॉकीज, कंटेंट क्रिएटर्स, और तकनीकी प्रोफेशनल्स को पुरस्कारों से नवाजा गया। ‘रेड एफएम’ (Red FM) की लोकप्रिय आरजे मलिष्का मेंडोंसा को इस समारोह में ‘सर्वोत्कृष्ट रेडियो निवेदक 2025’ के खिताब से नवाजा गया। उन्होंने रेडियो की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, ‘रेडियो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बदलाव का माध्यम भी है। यह हमें जोड़ता है, सोचने पर मजबूर करता है, और ज़मीन की सच्चाई को आवाज़ देता है।’
अपनी नई भूमिका पर बात करते हुए उमेश बुदे ने कहा कि Pocket Entertainment के इस रोमांचक दौर में यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिए एक सौभाग्य है।
Pocket FM, Pocket Toons और Pocket Novel जैसे लोकप्रिय कंटेंट प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनी Pocket Entertainment ने उमेश बुदे को अपना नया चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) बनाया है। अब तक सीनियर वाइस प्रेजिडेंट ऑफ इंजीनियरिंग की भूमिका निभा रहे उमेश बुदे अब कंपनी की तकनीकी दिशा और भविष्य के एआई-आधारित कहानी कहने के मॉडल का नेतृत्व करेंगे।
CTO के तौर पर बुदे कंपनी के सभी प्लेटफॉर्म्स पर समग्र टेक्नोलॉजी रणनीति की अगुवाई करेंगे। उनका मुख्य फोकस अगली पीढ़ी के AI समाधानों के जरिए प्रॉडक्ट्स को ग्लोबल स्तर पर स्केलेबल बनाना, यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना और जनरेटिव AI को नए मुकाम तक ले जाना होगा।
अपनी नई भूमिका पर बात करते हुए उमेश बुदे ने कहा, “Pocket Entertainment के इस रोमांचक दौर में यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिए एक सौभाग्य है। अब वक्त आ गया है जब टेक्नोलॉजी और AI सिर्फ सहायक नहीं, बल्कि खुद एक कहानीकार की भूमिका निभा रहे हैं। मैं इस बदलाव की अगुवाई करने को लेकर उत्साहित हूं।”
बुदे सीधे कंपनी के को-फाउंडर प्रतीक दीक्षित को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे, जो इस ट्रांजिशन को कंपनी की क्रिएटिव और टेक्नोलॉजिकल दिशा के संगम का अहम मोड़ मानते हैं।
प्रतीक दीक्षित ने कहा, “हम अपने सफर के उस मोड़ पर हैं जहां टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी पूरी तरह एक-दूसरे में समाहित हो गए हैं। जैसे-जैसे हम कहानी कहने की परंपरा को AI युग के लिए फिर से परिभाषित कर रहे हैं, टेक्नोलॉजी इसकी आधारशिला है। उमेश की पदोन्नति इस बदलाव की कमान अपने हाथ में लेने की हमारी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है। उनका नेतृत्व ऐसी इंटेलिजेंट और इमोशनली अवेयर अनुभवों को गढ़ने में अहम होगा जो कहानी कहने की सीमाओं को आगे बढ़ाए।”
उमेश बुदे को इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और प्लेटफॉर्म सिक्योरिटी के क्षेत्रों में लगभग दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने Pocket Entertainment की टेक्नोलॉजी को जमीनी स्तर से खड़ा करने और उसे लगातार स्केल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब CTO के रूप में वे उस दिशा को आकार देंगे जहां कहानियों को सिर्फ सुनाया नहीं जाएगा, बल्कि टेक्नोलॉजी उन्हें गढ़ेगी, संवारेगी और उन्हें हर स्क्रीन पर जीवंत बना देगी।
Pocket Entertainment की यह रणनीतिक नियुक्ति उस दौर में आई है जब पूरी इंडस्ट्री जनरेटिव AI की संभावनाओं को लेकर बेहद उत्साहित है और मनोरंजन की दुनिया में तकनीक की भूमिका दिन-ब-दिन गहराती जा रही है।
रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता 'बिनाका गीतमाला' के जरिये मिली थी।
रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने अपने पिता की अनमोल विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। बता दें कि अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। वह भारतीय रेडियो ब्रॉडकास्टिंग के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ गए हैं। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता मिली थी 'बिनाका गीतमाला' के जरिये, एक ऐसा शो जिसने भारतीय रेडियो के सुनहरे दौर को परिभाषित किया।
‘बहनों और भाइयों’ जैसी अपनी खास और दिल को छू जाने वाली आवाज के लिए पहचाने जाने वाले अमीन सयानी पीढ़ियों के दिलों तक पहुंचे। उनकी आवाज में अपनापन, साफगोई और भावनात्मक गहराई थी, जिसने उन्हें हर घर का नाम बना दिया। अपने लम्बे करियर में उन्होंने 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम होस्ट किए और 19,000 जिंगल्स बनाए। यह संख्या उनकी लोकप्रियता और भारतीय मीडिया में योगदान को दर्शाती है।
21 दिसंबर 1932 को मुंबई (तब बॉम्बे) में जन्मे अमीन सयानी का परिवार सामाजिक सेवा और सार्वजनिक जीवन से जुड़ा हुआ था। उनकी मां कुलसूम सयानी स्वतंत्रता सेनानी थीं और महात्मा गांधी के निकट थीं, जबकि उनके दादा रहीमतुल्ला एम. सयानी एक समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके थे। इन राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से अलग, अमीन सयानी ने रेडियो की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।
राजिल सयानी अक्सर इंटरव्यू और श्रद्धांजलियों में अपने पिता के समर्पण और उनके काम की गहराई को याद करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे अमीन सयानी एक तरह से संयोगवश कमर्शियल ब्रॉडकास्टर बने, लेकिन उन्होंने अपने कार्यक्रमों में विज्ञापनों को इतना सलीके से शामिल किया कि कभी भी कंटेंट की गुणवत्ता या श्रोता के अनुभव में कोई कमी नहीं आई। राजिल कहते हैं कि उनके पिता हर शब्द, हर ठहराव, हर उतार-चढ़ाव में ईमानदारी और जुनून भर देते थे, जिससे उनकी आवाज लोगों के लिए विश्वसनीय बन गई।
अब राजिल सयानी अपने पिता की आवाज और विरासत को जीवित रखने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। वे पुरालेख प्रोजेक्ट्स, स्टोरीटेलिंग प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तिगत कहानियों के जरिये उस आवाज को सहेज रहे हैं, जिसने करोड़ों भारतीयों के जीवन में संगीत, खुशी और जुड़ाव की भावना भरी। उनका यह समर्पण न केवल अपने पिता को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारतीय प्रसारण इतिहास की एक अमूल्य धरोहर को बचाने का कार्य भी है।
अमीन सयानी भले ही अब रेडियो की दुनिया से विदा हो चुके हैं, लेकिन राजिल की कोशिशों की बदौलत उनकी आवाज और उसका जादू आने वाली पीढ़ियों तक गूंजता रहेगा।