भारतीय पत्रकारों के लिए अपशब्द का प्रयोग करने पर प्रेस क्लब नाराज, उठाई माफी की मांग

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने मंगलवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम द्वारा कुछ पत्रकारों पर की गई विवादित टिप्पणियों की कड़ी निंदा की

Last Modified:
Wednesday, 12 November, 2025
PCI874


प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने मंगलवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम द्वारा कुछ पत्रकारों पर की गई विवादित टिप्पणियों की कड़ी निंदा की और उनसे माफी की मांग की। दरअसल, इन पत्रकारों ने हाल ही में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का इंटरव्यू लिया था।

प्रेस क्लब के बयान के अनुसार, शफीकुल आलम ने 11 नवंबर को एक फेसबुक पोस्ट में उन भारतीय और विदेशी पत्रकारों को “पश्चिमी पत्रकार और उनके भारतीय चाटुकार समकक्ष” कहा जिन्होंने शेख हसीना का इंटरव्यू लिया।

PCI ने कहा कि यह टिप्पणी खासतौर पर निंदनीय है क्योंकि आलम स्वयं एक पूर्व पत्रकार हैं। जिम्मेदार मीडिया संस्थानों के प्रोफेशनल पत्रकारों को इस तरह अपमानजनक शब्दों से संबोधित करना किसी जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से उचित नहीं है।

प्रेस क्लब ने शफीकुल आलम से माफी की अपील की और कहा कि ऐसे बयान प्रोफेशनल और जिम्मेदार पद पर बने व्यक्ति से बिल्कुल अपेक्षित नहीं हैं। लिहाजा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ऐसी टिप्पणियों की निंदा करता है और आलम से माफी की मांग करता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार पर दिनदहाड़े हमला, दो बदमाश गिरफ्तार

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक गंभीर घटना सामने आई है। स्थानीय पत्रकार दीपक अधिकारी पर तब कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर दिया, जब वह अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे थे।

Last Modified:
Wednesday, 12 November, 2025
Deepak

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक गंभीर घटना सामने आई है। स्थानीय पत्रकार दीपक अधिकारी पर तब कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर दिया, जब वह सरकारी सिंचाई नहर पर अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे थे। घटना के बाद शहर में हड़कंप मच गया।

बताया जा रहा है कि मंगलवार देर शाम, मुखानी थाना क्षेत्र में दीपक अधिकारी ऊंचा पुली के पास नहर किनारे अतिक्रमण की खबर बनाने गए थे। जैसे ही उन्होंने रिपोर्टिंग शुरू की, दो अज्ञात बदमाश मौके पर पहुंचे और पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार करने लगे।

दोनों बदमाशों ने पहले पत्रकार को मारपीट की और फिर उसे सड़क से करीब 10 फीट गहरी नहर में धक्का दे दिया। इस घटना में दीपक गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही तुरंत हरकत में आते हुए देर रात दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि मामले की जांच जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कुछ दिन पहले भी हल्द्वानी में एक अन्य पत्रकार के साथ बदमाशों द्वारा मारपीट की गई थी। इस मामले के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाने की चेतावनी दी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

कश्मीरी वरिष्ठ पत्रकार व कवि फ़याज़ दिलबर का निधन

कश्मीरी कवि और वरिष्ठ पत्रकार फ़याज़ दिलबर का रविवार शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता और साहित्य जगत में गहरा दुख छा गया है।

Last Modified:
Monday, 10 November, 2025
FayazDilbar78

कश्मीरी कवि और वरिष्ठ पत्रकार फ़याज़ दिलबर का रविवार शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता और साहित्य जगत में गहरा दुख छा गया है।

कश्मीर प्रेस क्लब ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अपने लेखन और कविताओं से कश्मीर की संस्कृति को एक अलग पहचान दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ़याज़ दिलबर का श्रीनगर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने रविवार शाम अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे और बाद में उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

फ़याज़ दिलबर ने अपने करियर की शुरुआत उर्दू अखबार 'श्रीनगर टाइम्स' से की थी। इसके बाद उन्होंने अपने साथी इमदाद साक़ी के साथ मिलकर अपनी खुद की स्थानीय न्यूज एजेंसी 'KNB' की स्थापना की।

बाद में वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने प्रसिद्ध पत्रकार विनोद दुआ और फ्रंटलाइन मैगजीन के संपादक के साथ काम किया। इसी दौरान उन्होंने शॉर्ट फिल्मों के निर्माण में भी कदम रखा और करीब दो दशक तक दिल्ली में रहे।

मूल रूप से श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके रैज़ा कदल के रहने वाले फ़याज़ दिलबर बाद में हरवन में बस गए थे। उनके हास्य और मिलनसार स्वभाव के सभी कायल थे। प्रेस क्लब ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने याद करते हुए कहा, 'फ़याज़ साहब जब भी मेरे दफ्तर आते, तो अपने मज़ाकिया अंदाज़ से माहौल हल्का कर देते। पिछली हफ्ते ही उनसे फोन पर बात हुई थी, उन्होंने हरवन वाले घर का पता भी बताया था। अफसोस है कि मैं उनसे मिलने नहीं जा पाया।'

उन्होंने कहा, 'मैं अल्लाह तआला से दुआ करता हूं कि फ़याज़ दिलबर को जन्नत नसीब हो और उनके परिवार, खासकर उनकी पत्नी और बेटे को इस दुख को सहने की ताकत दे।”

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

IWPC@31: न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने महिला पत्रकारों की भूमिका को सराहा, दिया ये संदेश

कार्यक्रम की अध्यक्षता IWPC की अध्यक्ष सुजाता राघवन ने की। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक स्मारिका (Souvenir) का विमोचन भी किया गया, जिसमें मीडिया और महिला सशक्तिकरण से जुड़े लेख प्रकाशित किए गए हैं।

Last Modified:
Monday, 10 November, 2025
IWPC 31st Anniversary

महिला पत्रकारों के प्रमुख संगठन ‘इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स’ (IWPC) ने अपने 31वें स्थापना दिवस पर आठ नवंबर को दिल्ली स्थित जवाहर भवन में विशेष समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत के नामित मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India-designate) न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हुए। कार्यक्रम का आकर्षण रहा नियाजी निजामी ब्रदर्स का सूफी संगीत, जिसने शाम को सुरों और रूहानियत से भर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता IWPC की अध्यक्ष सुजाता राघवन ने की। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक स्मारिका (Souvenir) का विमोचन भी किया गया, जिसमें मीडिया और महिला सशक्तिकरण से जुड़े लेख प्रकाशित किए गए हैं।

अपने संबोधन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि ‘मीडिया लोकतंत्र की रीढ़ है और महिला पत्रकार इसमें नई ऊर्जा और संवेदनशीलता लेकर आती हैं।’ उन्होंने कहा कि आज का दौर तकनीक से तेजी से बदल रहा है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग पत्रकारिता के लिए नई चुनौतियां लेकर आया है। उन्होंने चेताया कि डीपफेक और झूठी खबरें (false narratives) समाज में भ्रम फैलाने का बड़ा हथियार बन रही हैं, जिससे सबसे ज़्यादा नुकसान महिला पत्रकारों को झेलना पड़ता है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सुझाव दिया कि मीडिया संगठनों को ऐसी नीतियां और सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार करने चाहिए जो महिला पत्रकारों की निजता, गरिमा और सुरक्षा की रक्षा करें। उन्होंने कहा, ‘सच्ची पत्रकारिता वही है जो सच बोलने का साहस रखती है, नैतिकता पर टिकी रहती है और समाज में भरोसा कायम करती है।’

कार्यक्रम के दौरान IWPC की ओर से यह भी बताया गया कि संस्था वर्षभर विभिन्न सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां आयोजित करती है—जैसे कैंसर और डेंटल चेकअप कैंप, रक्तदान शिविर (रेड क्रॉस के सहयोग से) और स्पोर्ट्स प्रतियोगिताएँ, जिनमें पत्रकारों और उनके परिवारों की सक्रिय भागीदारी रहती है।

समारोह का समापन प्रसिद्ध नियाजी निजामी ब्रदर्स के सूफी संगीत कार्यक्रम से हुआ। उनकी पेशकश ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और शाम को एक अध्यात्मिक स्पर्श दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकार, गणमान्य अतिथि और IWPC की सदस्य उपस्थित रहीं।

मुख्य अतिथि जस्टिस सूर्यकांत का पूरा संबोधन आप यहां सुन सकते हैं

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का भव्य शुभारंभ

गाज़ीपुर की ऐतिहासिक भूमि पर साहित्य, संस्कृति और संवाद का अनोखा संगम देखने को मिला। गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, उपेंद्र राय की मौजूदगी में हुआ।

Last Modified:
Saturday, 08 November, 2025
manojsinha

शनिवार का दिन गाज़ीपुर की सांस्कृतिक पहचान में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। सदियों पुरानी साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समर्पित गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का भव्य आगाज़ पूरे सम्मान और उत्साह के साथ किया गया।

इस तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत, और दक्षिण अफ्रीका के हाई कमिश्नर प्रो. अनिल सोकलाल ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस भव्य आयोजन के लिए उपेंद्र राय का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि यह उत्सव विश्व को संदेश देता है कि भारत केवल विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि एक गहन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का धनी राष्ट्र भी है। उन्होंने कहा कि भारतीयों की निष्ठा, सत्यनिष्ठा और कर्मठता आज दुनिया भर में सम्मान का कारण है।

मनोज सिन्हा ने गाज़ीपुर की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां की मिट्टी में एक अलग आध्यात्मिक चमक है। सदियों से ऋषि-मुनियों, साधुओं और साहित्यकारों ने इस भूमि से ज्ञान का अमृत लेकर दुनिया को समृद्ध किया है। उन्होंने गाज़ीपुर को “अस्तित्व का अलौकिक मंच” बताया, जहां साहित्य, नृत्य, संगीत और विचार एक दिव्य संगम की तरह मिलते हैं।

अपने वक्तव्य में उन्होंने पूर्वांचल के प्रख्यात साहित्यकार विवेकी राय का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ठीक वैसे ही जैसे विवेकी राय की ‘सोनामाटी’ के पात्र प्रकृति में खो जाते हैं, गाज़ीपुर भी मनुष्य को उसकी जड़ों से जोड़ने का माध्यम है। साहित्य की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य मनुष्य के अंतर्मन की चिकित्सा करता है।

समाज इसके बिना जीवित तो रह सकता है, पर उसकी जीवंतता खो जाती है। साहित्य नया चिंतन, नए विचार और नई ऊर्जा देता है। यही समाज की असली शक्ति है। अंत में उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि देश आज दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था है, तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम रखता है और 111 यूनिकॉर्न इसका प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों की सही तस्वीर समाज तक पहुंचाना लेखकों, विचारकों और मीडिया की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर ‘डीप स्टेट’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने का लगाया गंभीर आरोप

बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'जी न्यूज' को दिए विशेष इंटरव्यू में एनडीए की मजबूत स्थिति का दावा किया है।

Last Modified:
Saturday, 08 November, 2025
JPNadda7845

बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'जी न्यूज' को दिए विशेष इंटरव्यू में एनडीए की मजबूत स्थिति का दावा किया है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड मतदान और जनता की स्पष्ट पसंद एनडीए की सरकार के लिए सकारात्मक संकेत हैं। साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर भी कड़ा हमला बोला और उनके रवैये पर सवाल उठाए।

नड्डा ने कहा कि बिहार का चुनाव अब विकास और राजनीतिक स्थिरता के एजेंडे पर केंद्रित हो गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को एनडीए की संभावित जीत का आधार बताया और बताया कि जनता अपने वोट से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करना चाहती है।

इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखे आरोप लगाए। नड्डा का कहना था कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं और कानून को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा करके देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘डीप स्टेट’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि वह अपने दावों का कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं करते, इसलिए उन्हें गंभीर नहीं लिया जा सकता।

नड्डा की ये टिप्पणियां एनडीए की स्थिति को मजबूत दिखाने और विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठाने के उद्देश्य से हैं, जो बिहार चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी में नया मोड़ जोड़ती हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

न्यूज चैनल के CEO की याचिका पर हाई कोर्ट ने अभिनेता महेश काकानी को जारी किया नोटिस

तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तेलुगु टीवी चैनल के सीईओ डी.एच.वी.एस.एस.एन. मूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलाकार धर्म सत्य साई श्रीनिवास महेश काकानी को नोटिस जारी किया है।

Last Modified:
Saturday, 08 November, 2025
CEO895

तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तेलुगु न्यूज चैनल TV5 के सीईओ डी.एच.वी.एस.एस.एन. मूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए अभिनेता धर्म सत्य साई श्रीनिवास महेश काकानी को नोटिस जारी किया है। मूर्ति ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी।

जस्टिस तिरुमला देवी ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे मामले की जांच के दौरान मूर्ति को भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी करें। यह मामला कुकटपल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है।

एफआईआर में मूर्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(3) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 72 के तहत केस दर्ज किया गया है। यह शिकायत कलाकार महेश काकानी ने दी थी।

काकानी का आरोप है कि मूर्ति ने उनसे पैसे वसूलने की कोशिश की और उनकी निजी पारिवारिक विवाद का फायदा उठाया। उन्होंने दावा किया कि मूर्ति ने उनकी पत्नी चिरुमामिला गौतमी से जुड़े मामले में उनका शोषण करने की कोशिश की। एफआईआर में गौतमी को पहला आरोपी और मूर्ति को दूसरा आरोपी बताया गया है। ककानी अपनी शिकायत में आगे कहा है कि इन दोनों ने उनके फोन कॉल्स को गैरकानूनी तरीके से टैप किया, उनकी निजी बातचीत रिकॉर्ड की और बिना उनकी अनुमति के चैनल पर प्रसारित भी किया।

उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को गौतमी और मूर्ति ने उनकी और उनके पिता काकानी वेंकटेश्वर राव (जो तेलुगु देशम पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं) के बीच हुई निजी बातचीत को चैनल पर दिखाया। महेश ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पास कुछ गुप्त कैमरों और छिपे हुए उपकरणों से रिकॉर्ड किए गए निजी वीडियो और तस्वीरें भी हैं, जो बिना उनकी जानकारी के बनाई गईं। उनका कहना है कि इन दोनों ने उनसे 10 करोड़ रुपये की मांग की ताकि मामला “सुलझाया जा सके” और उनकी निजी बातों का आगे दुरुपयोग न किया जाए। यह एफआईआर 4 नवंबर को दर्ज की गई थी। 

इससे पहले काकानी ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुकटपल्ली पुलिस उनकी शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। इस पर उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि पुलिस को मूर्ति और गौतमी के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया जाए।

जस्टिस एन.वी. श्रीवन कुमार ने दोनों पक्षों और पुलिस की दलीलें सुनने के बाद कहा था कि यदि शिकायतकर्ता अपने आरोपों के समर्थन में सबूत और जरूरी सामग्री पेश करते हैं तो पुलिस को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।

इसके बाद मूर्ति ने हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह एफआईआर “निजी दुश्मनी का नतीजा है और मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के अंदरूनी विवादों का हिस्सा है।”

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

रजत शर्मा को बड़ी राहत: दिल्ली हाई कोर्ट ने गूगल को दिए कड़े निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए गूगल को उनके नाम से प्रसारित हो रहे डीपफेक वीडियो वाले चैनल हटाने का आदेश दिया है।

Last Modified:
Saturday, 08 November, 2025
rajatsharma

दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने गूगल LLC को आदेश दिया है कि यूट्यूब पर उनके नाम से चल रहे डीपफेक वीडियो वाले चैनल्स को तुरंत हटाया जाए।

पिछले कई वर्षों से सोशल मीडिया पर रजत शर्मा के फर्जी, एडिटेड और AI-जनित वीडियो वायरल हो रहे थे, जिनमें उनकी आवाज, चेहरा और असली शो फुटेज को बदलकर गलत संदेश फैलाए जा रहे थे। अदालत ने कहा कि डीपफेक फैलाने वाले दोनों सक्रिय चैनल 36 घंटे के भीतर हटाए जाएं।

इसके साथ ही गूगल को निर्देश दिया गया कि इन चैनलों की BSI जानकारी, कॉन्टैक्ट डिटेल्स और मोनेटाइजेशन डेटा एक सप्ताह के अंदर रजत शर्मा को उपलब्ध कराया जाए। रजत शर्मा की याचिका में कहा गया था कि ये चैनल्स न केवल उनकी छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि जनता को भ्रमित भी कर रहे हैं।

कुछ वीडियोज़ में उन्हें सोने-चांदी की कीमतों पर झूठी सलाह देते हुए दिखाया गया, ताकि लोग नकली निवेश लिंक पर क्लिक करें। रजत शर्मा ने चार चैनलों के खिलाफ शिकायत की थी, जिनमें से दो पहले ही हटाए जा चुके थे, जबकि बाकी दो पर जांच जारी थी।

जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े व्यक्तियों की छवि से खिलवाड़ करना समाज के लिए घातक है। उन्होंने रजत शर्मा को राहत देते हुए यह भी व्यवस्था दी कि भविष्य में यदि वे किसी डीपफेक या डॉक्टर्ड वीडियो की शिकायत सीधे गूगल को देंगे, तो गूगल उसे 48 घंटे के भीतर हटाने के लिए बाध्य होगा।

अदालत ने गूगल को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह ऐसी तकनीक विकसित करे जो डीपफेक सामग्री की स्वतः पहचान कर सके और उसे रोक सके। इस मामले में रजत शर्मा की ओर से एडवोकेट साईकृष्ण राजगोपाल, दिशा शर्मा, दीपिका पोखरिया और मैथिली गिरीश ने पैरवी की।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

MIB ने IFFI 2025 में WaveX स्टार्टअप बूथ्स के लिए बुकिंग खोली

यह बूथ, Waves Bazaar के अंदर एक स्टार्टअप शोकेस जोन है, जो WaveX के जरिए आयोजित किया जा रहा है।

Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
WaveX7845

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 'WaveX बूथ' के लिए बुकिंग शुरू कर दी है। यह बूथ, Waves Bazaar के अंदर एक स्टार्टअप शोकेस जोन है, जो WaveX के जरिए आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ऑफ इंडिया (IFFI) 2025, गोवा में होगा।

यह शोकेस 20 नवंबर से 24 नवंबर, 2025 तक चलेगा और फिल्म बाजार के आसपास आयोजित होगा, जो IFFI का मुख्य नेटवर्किंग हब माना जाता है।

इस पहल का मकसद नए और उभरते स्टार्टअप्स को एक प्लेटफॉर्म देना है। खासकर उन स्टार्टअप्स के लिए जो एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) और एंटरटेनमेंट से जुड़े हैं। यहां उन्हें वैश्विक इंडस्ट्री के लीडर्स, निवेशक और प्रोडक्शन स्टूडियोज से जुड़ने का मौका मिलेगा।

हर स्टॉल की कीमत शेयरिंग बेसिस पर 30,000 रुपये है। इसमें दो डेलीगेट पास, लंच और हाई टी, शाम का नेटवर्किंग मौका और फिल्म, मीडिया और टेक प्रोफेशनल्स के बीच सीधी दिखावट शामिल है।

स्टार्टअप्स अपना रजिस्ट्रेशन wavex.wavesbazaar.com पर कर सकते हैं। कोई सवाल हो तो wavex-mib@gov.in पर मेल किया जा सकता है। मंत्रालय ने बताया कि स्टॉल सीमित हैं और उन्हें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।

IFFI की स्थापना 1952 में हुई थी और यह एशिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल्स में से एक माना जाता है। इस साल इसका 56वां संस्करण 20 से 28 नवंबर, 2025 तक पणजी में होगा।

WaveX, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की राष्ट्रीय स्टार्टअप एक्सेलेरेटर और इनक्यूबेशन पहल है। इसका मकसद AVGC-XR और मीडिया-टेक इकोसिस्टम में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इसके तहत अकादमिक संस्थानों, इंडस्ट्री और इनक्यूबेटर्स के साथ मिलकर काम किया जाता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन' ने PUCL को भेजा कानूनी नोटिस, की ये मांग

मणिपुर के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (AMWJU) ने दिल्ली स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) को कानूनी नोटिस भेजा है।

Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
AMWJU8956

मणिपुर के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (AMWJU) ने दिल्ली स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस उस रिपोर्ट को लेकर भेजा गया है जिसमें मणिपुर के मैतेई-कुकी समुदायों के बीच हुए जातीय संघर्ष से जुड़ी पत्रकारों की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे।

AMWJU ने PUCL से अपनी रिपोर्ट को 'बिना शर्त और तुरंत वापस लेने' और सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि रिपोर्ट में कई बिना आधार और झूठे आरोप लगाए गए हैं, जो पत्रकारों की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।

पत्रकार संघ का आरोप है कि रिपोर्ट में यह कहा गया कि AMWJU की खबरों को चुनने या दबाने में 'पक्षपातपूर्ण भूमिका' रही है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी इशारा किया गया कि यूनियन का 'धमकी और दबाव' से कोई संबंध है। संघ का कहना है कि यह पूरी तरह झूठा और मानहानिकारक आरोप है।

AMWJU ने कहा कि पत्रकार संघ की सदस्यता का निर्धारण उसके संविधान और कानूनों के तहत होता है। इसमें वही पत्रकार शामिल हो सकते हैं जो आरएनआई (Registrar of Newspapers for India) से पंजीकृत मीडिया संस्थानों में कार्यरत हैं। संघ ने यह भी कहा कि रिपोर्ट तैयार करने से पहले PUCL ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया, जो 'प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों' का उल्लंघन है।

संघ की ओर से वकील हिजाम चंद्रकुमार ने बयान में कहा कि बिना जांचे-परखे ऐसे आरोप लगाना AMWJU की दशकों पुरानी साख और पत्रकारिता की नैतिकता को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि अगर PUCL ने 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट वापस नहीं ली, तो यूनियन भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के तहत मानहानि का आपराधिक मामला और हरजाने का दीवानी मुकदमा दायर करेगी।

PUCL की रिपोर्ट में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और सुरक्षा बलों की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि हिंसा 'स्वतः नहीं भड़की' बल्कि इसे 'संगठित तरीके से अंजाम दिया गया', जिसमें कुछ मैतेई समूहों की भूमिका बताई गई।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया जाए जो जातीय हिंसा और नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामलों की जांच करे। PUCL की टीम ने राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात भी की थी। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

संसद टीवी पर प्रसारित होगी राजस्थान की स्वर्ण कारीगरी की अनमोल कहानी 'थेवा'

फिल्ममेकर शिवानी पांडे द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री 'थेवा' का प्रसारण संसद टीवी पर होगा। यह फिल्म राजस्थान की प्राचीन स्वर्ण कला 'थेवा' की परंपरा, शिल्पकारों के संघर्ष को उजागर करती है।

Last Modified:
Thursday, 06 November, 2025
shivanipandey

भारत की समृद्ध हस्तकला परंपरा को समर्पित डॉक्यूमेंट्री ‘थेवा(Thewa)’ का प्रसारण संसद टीवी पर 7 नवंबर, शुक्रवार शाम 6 बजे और पुनः प्रसारण 9 नवंबर, रविवार दोपहर 12 बजे किया जाएगा। यह फिल्म राजस्थान के प्रतापगढ़ की सदियों पुरानी 'थेवा कला’ पर आधारित है, जिसमें शिल्पकार कांच पर 23 कैरेट सोने की महीन परत चढ़ाकर अद्भुत गहने और सजावटी वस्तुएँ तैयार करते हैं।

फिल्म इस दुर्लभ कला की खूबसूरती के साथ-साथ उन कलाकारों के जीवन को भी उजागर करती है, जो परंपरागत तकनीकों को पीढ़ियों से संजोए हुए हैं। बदलते समय और सीमित संसाधनों के बीच उनका संघर्ष और समर्पण इस डॉक्यूमेंट्री का भावनात्मक केंद्र है।

संवेदनशील सिनेमैटोग्राफी और आत्मीय कहानी कहने की शैली के साथ 'थेवा' भारतीय परंपरा और आधुनिकता के बीच चल रहे संवाद को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। निर्देशक शिवानी पांडे, जो एक प्रतिष्ठित फोटो जर्नलिस्ट, लेखिका और फिल्ममेकर हैं, ने इस फिल्म के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की गहराई को एक नए दृष्टिकोण से सामने रखा है।

उन्होंने पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी फिल्मों और तस्वीरों से भारत की लोक परंपराओं, ग्रामीण जीवन और सामाजिक विकास की कहानियाँ साझा की हैं। 'थेवा' का प्रसारण भारतीय हस्तकला की दस्तावेजी परंपरा में एक अहम मील का पत्थर साबित होगा, जो दर्शकों को यह याद दिलाता है कि भारत की असली पहचान उसके शिल्प, संस्कृति और परंपरा में बसती है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए