आशीष सहगल ने ‘ZEEL’ में अपनी दो दशक लंबी पारी को दिया विराम

आशीष सहगल जनवरी 2006 से ‘ZEEL’ से जुड़े हुए थे। वह यहां चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एड सेल्स, ब्रॉडकास्ट और डिजिटल) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

Last Modified:
Tuesday, 26 August, 2025
Ashish Sehgal


‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) में चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एड सेल्स, ब्रॉडकास्ट और डिजिटल) के पद से आशीष सहगल ने इस्तीफ़ा दे दिया है। स्टॉक एक्सचेंज को भेजी गई जानकारी में ‘ZEEL’ ने कहा है कि सहगल ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। वहीं, अपने इस्तीफे में सहगल ने लिखा है कि वे अब नई संभावनाओं की तलाश के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

आशीष सहगल के अनुसार, ‘यह मेरे लिए लगभग 20 सालों का शानदार अनुभव रहा है। इस दौरान मुझे काम की बारीकियों को सीखने, चुनौतियों से गुजरकर आगे बढ़ने और साझा लक्ष्यों में योगदान देने का मौका मिला। मैं इस पूरे सफर में मिले सहयोग, मार्गदर्शन और भरोसे के लिए बेहद आभारी हूं।’

उन्होंने आगे कहा, ‘आपके नेतृत्व में और प्रतिभाशाली सहयोगियों के साथ काम करना मेरे लिए सम्मान और सीख दोनों का अनुभव रहा। यहां की उत्कृष्टता, सहयोग और इनोवेशन की संस्कृति ने मुझे हमेशा के लिए नई दिशा दी है। मैं नए अवसरों की ओर बढ़ रहा हूं, ऐसे में इस संगठन से मिली हर चीज के लिए मेरे मन में गहरा सम्मान और आभार है। मैं सुचारु बदलाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और इस दौरान टीम की मदद के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार हूं।’

बता दें कि आशीष सहगल जनवरी 2006 से ‘ZEEL’ से जुड़े हुए थे। चीफ ग्रोथ ऑफिसर (डिजिटल और ब्रॉडकास्ट रेवेन्यू) के रूप में उन्होंने नेटवर्क की विविध मीडिया इकाइयों (लीनियर और डिजिटल) को स्ट्रैटेजिक रूप से आगे बढ़ाया और रेवेन्यू वृद्धि के साथ संस्थान की वैल्यूज को ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

आशीष सहगल को मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में तीन दशक से अधिक का अनुभव है। उन्होंने कई ऐसी पहल की हैं जो इंडस्ट्री में पहली बार हुईं। ‘ZEEL’ से पहले वह ‘स्टार इंडिया’ (Star India) में नेशनल हेड लेवल पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह ‘बुएना विस्टा टीवी’ (Buena Vista TV) और ‘टाइम्स’ (Times) ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

वरिष्ठ TV पत्रकार पंकज झा और ‘NDTV’ की राहें हुईं अलग

विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पंकज झा जल्द ही 'द लल्लनटॉप' में बतौर पॉलिटिकल एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Last Modified:
Tuesday, 26 August, 2025
Pankaj Jha.

वरिष्ठ टीवी पत्रकार पंकज झा ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया है। पंकज झा ने पिछले साल अक्टूबर में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पंकज झा जल्द ही 'द लल्लनटॉप' में बतौर पॉलिटिकल एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। हालांकि, अभी इस बारे में आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। 

मूल रूप से मधुबनी (बिहार) के रहने वाले पंकज झा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है।

‘एनडीटीवी’ से पहले पंकज झा करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) के साथ जुड़े हुए थे। वह इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में बतौर रोविंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले पंकज झा करीब दो दशक से ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ जुड़े हुए थे। ‘एबीपी न्यूज’ से पहले वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो पंकज झा ने ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

Streambox Media के बंद होने के बाद अब Jio TV जॉइन करेंगे अनुज गांधी

इंडस्ट्री वेटरन अनुज गांधी जल्द ही जियो टीवी और जियो टीवी+ में सीनियर लीडरशिप रोल संभालने वाले हैं। इस बदलाव से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

Last Modified:
Tuesday, 26 August, 2025
AnujGandhi784

इंडस्ट्री वेटरन अनुज गांधी जल्द ही जियो टीवी और जियो टीवी+ में सीनियर लीडरशिप रोल संभालने वाले हैं। इस बदलाव से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। यह कदम उस समय आया है जब गांधी की उद्यमी पहल, स्ट्रीमबॉक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, ने आधिकारिक रूप से संचालन बंद कर दिया, जिससे उसकी सब्सक्रिप्शन-आधारित टेलीविजन सेवा DOR TV का अंत हो गया।

जियो टीवी एक मोबाइल-ओनली ऐप है जो लाइव टीवी की सुविधा देता है, जबकि जियो टीवी+ एक स्मार्ट टीवी और सेट-टॉप बॉक्स (STB) ऐप है, जो लाइव टीवी चैनलों और प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म्स- जैसे प्राइम वीडियो, हॉटस्टार और जी5 के कंटेंट को एक साथ लाता है और जियोफाइबर तथा जियो एयरफाइबर यूजर्स को सिंगल लॉगइन के जरिए यूनिफाइड व्यूइंग एक्सपीरियंस प्रदान करता है।

स्ट्रीमबॉक्स मीडिया ने नवंबर 2024 में DOR TV को भारत के पहले सब्सक्रिप्शन-आधारित टेलीविजन प्रयोग के रूप में पेश किया था। इसे माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा, जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत और स्ट्राइड वेंचर्स का समर्थन प्राप्त था। कंपनी ने 1 दिसंबर 2024 को फ्लिपकार्ट के माध्यम से इस प्रोडक्ट को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया था।

इस ऑफरिंग में एक 4K QLED स्मार्ट टीवी शामिल था, जिसके साथ कई कंटेंट सेवाओं (जैसे- SVOD और AVOD ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, लाइव टीवी चैनल्स, गेमिंग और न्यूज) की सब्सक्रिप्शन एक किफायती मासिक प्लान में दी गई थी। इस मॉडल को भारत के टेलीविजन परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में पेश किया गया था, जिसमें हार्डवेयर और सेवाओं को मिलाकर एक सहज "प्रोडक्ट-एज-ए-सर्विस" इकोसिस्टम तैयार किया गया।

मई 2025 में, स्ट्रीमबॉक्स मीडिया ने अपने बंद होने की घोषणा की, जिसमें DOR TV सेवाओं के बंद होने और उसके ऐप के स्थायी शटडाउन की पुष्टि की गई। अपने सार्वजनिक बयान में कंपनी ने यह भी बताया कि यूजर्स को अब कोई तकनीकी सहायता, अपडेट या वारंटी सेवाएं नहीं मिलेंगी और सभी मौजूदा वारंटीज अमान्य हो जाएंगी।

हालांकि, मौजूदा सब्सक्राइबर्स से कोई और भुगतान नहीं लिया जाएगा, और DOR TV डिवाइस अनलॉक रहेगा, जिससे ग्राहक इसे एक सामान्य स्मार्ट टीवी की तरह उपयोग कर सकेंगे। यह बंद होना एक छोटे लेकिन महत्वाकांक्षी प्रयोग का अंत था, जिसने यह दर्शाया कि सब्सक्रिप्शन-आधारित टेलीविजन को उस बाजार में स्केल करना कितना चुनौतीपूर्ण है, जहां अब भी फ्री-टू-एयर और लो-कॉस्ट केबल/डीटीएच सेवाएं हावी हैं।

मीडिया और ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में अपने सिद्ध अनुभव के साथ, अनुज गांधी का जियो टीवी से जुड़ना रिलायंस जियो की डिजिटल एंटरटेनमेंट रणनीति को और मजबूत करने का संकेत है।

सूत्रों का कहना है कि गांधी जियो टीवी और जियो टीवी+ में सीनियर लीडरशिप की भूमिका निभाएंगे, हालांकि उनका सटीक पद अभी तय नहीं हुआ है। गांधी टेलीविजन इकोसिस्टम में दशकों का अनुभव लाते हैं, जिसमें ब्रॉडकास्ट और मीडिया वेंचर्स में लीडरशिप रोल शामिल हैं। उनका नवीनतम उद्यम भले ही अल्पकालिक रहा हो, लेकिन यह टीवी और ओटीटी कन्वर्जेंस स्पेस में नवाचार की उनकी निरंतर खोज को दर्शाता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

हैप्पी बर्थडे मार्कंड अधिकारी: आप हैं भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री के असली पायनियर

आज मार्कंड अधिकारी का जन्मदिन है, लिहाजा उनके जन्मदिन के मौके पर यह याद करना जरूरी है कि उन्होंने भारतीय प्रसारण के अर्थशास्त्र को कैसे नए सिरे से परिभाषित किया।

Last Modified:
Tuesday, 26 August, 2025
MarkandAdhikari781

एक ऐसे उद्योग में, जो अक्सर ग्लैमर पर फलता-फूलता रहा है, टेलीविजन के व्यवसाय पर जितना गहरा प्रभाव मार्कंड नवनीतलाल अधिकारी ने डाला है, वैसा बहुत कम लोगों ने किया है। आज मार्कंड अधिकारी का जन्मदिन है, लिहाजा उनके जन्मदिन के मौके पर यह याद करना जरूरी है कि उन्होंने भारतीय प्रसारण के अर्थशास्त्र को कैसे नए सिरे से परिभाषित किया। टेलीविजन पर स्पॉन्सरशिप-आधारित प्रोग्रामिंग की शुरुआत का श्रेय उन्हें जाता है। मार्कंड अधिकारी ने 1995 में भारत की पहली सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध टेलीविजन प्रोडक्शन कंपनी बनाई, उस समय जब कंटेंट क्रिएटर्स को गंभीर बोर्डरूम इकाइयों के रूप में नहीं देखा जाता था।

इसके बाद, समय की नब्ज पकड़ने और बदलाव लाने की उनकी क्षमता कभी कमजोर नहीं पड़ी। केबल और सैटेलाइट बूम के बाद अवसर देखते हुए, अधिकारी ने SAB ग्रुप की प्रसारण क्षेत्र में साहसिक एंट्री की अगुवाई की। SAB टीवी, मस्ती, जनमत और मी मराठी जैसे चैनलों ने भारतीय दर्शकों के लिए मनोरंजन का दायरा बढ़ाया, जबकि बाद में दबंग, धमाल और दिल्लगी जैसे लॉन्च ने हिंदी रीजनल मार्केट्स पर उनके भरोसे को मजबूत किया।

सबसे चर्चित अध्याय 2005 में आया, जब SAB टीवी ब्रैंड और उससे जुड़े एसेट्स को लगभग 13 मिलियन अमेरिकी डॉलर में सोनी को बेच दिया गया। इस सौदे ने परिदृश्य को बदलकर SAB को आज का सोनी SAB बना दिया।

यह यात्रा चुनौतियों से खाली नहीं रही, जिसमें कॉरपोरेट पुनर्गठन और नियामकीय जांच भी शामिल रही। फिर भी, मीडिया बिजनेस पर अधिकारी की छाप निर्विवाद बनी रही। उनके नेतृत्व में श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड (SABTNL) प्रमुख हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनलों के लिए पसंदीदा कंटेंट पार्टनर बना। साथ ही, उनके मार्गदर्शन में समूह ने प्रकाशन और फिल्मों में कदम रखकर अपना पोर्टफोलियो विस्तारित किया।

अगस्त 2024 में अधिकारी ने SABTNL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया और जिम्मेदारी अगली पीढ़ी को सौंपी। रवि अधिकारी को चेयरमैन (नॉन-एग्जिक्यूटिव) और कैलाशनाथ अधिकारी को मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया, जबकि उन्होंने चेयरमैन एमेरिटस की भूमिका ग्रहण की।

मार्कंड अधिकारी की कहानी आज भी यह याद दिलाती है कि दूरदर्शिता, जोखिम उठाने की क्षमता और किसी एसेट को उसकी चरम स्थिति में बेचने का साहस न सिर्फ एक कंपनी, बल्कि पूरी इंडस्ट्री को आकार दे सकता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

700 करोड़ की डील: साइनपोस्ट इंडिया और BMRCL में साझेदारी

साइनपोस्ट इंडिया पहले ही मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, पुणे और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में प्रभावशाली ट्रांजिट मीडिया समाधान सफलतापूर्वक लागू कर चुकी है।

Last Modified:
Tuesday, 26 August, 2025
signpost

साइनपोस्ट इंडिया (Signpost India) ने बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के साथ 9 साल का एक्सक्लूसिव कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है, जिसके तहत कंपनी को 67 मेट्रो स्टेशनों पर विज्ञापन अधिकार मिलेंगे। यह साझेदारी 1 लाख वर्गफुट से अधिक प्रीमियम मीडिया स्पेस को कवर करेगी और इससे लगभग 700 करोड़ रुपये तक के राजस्व की संभावना है।

साइनपोस्ट इंडिया पहले ही मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, पुणे और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में प्रभावशाली ट्रांजिट मीडिया समाधान सफलतापूर्वक लागू कर चुकी है, और यह नया सहयोग उनकी उपलब्धियों को और मजबूत करेगा। इस अवसर पर कंपनी के प्रबंध निदेशक श्रीपद अश्तेकर ने कहा कि यह सिर्फ एक मीडिया जीत नहीं है, बल्कि शहर की कहानी कहने का कैनवास है और भारत की डिजिटल प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने बताया कि बेंगलुरु, जिसे भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है, हर जगह इनोवेशन का हकदार है, और बीएमआरसीएल के साथ यह साझेदारी लाखों यात्रियों के लिए डेटा-ड्रिवन व इमर्सिव अनुभव तैयार करने में मदद करेगी। उनका विज़न सिर्फ विज्ञापन तक सीमित नहीं है, बल्कि बेंगलुरु की संस्कृति और पहचान को खूबसूरत विज़ुअल्स व सार्थक सौंदर्यीकरण के माध्यम से सेलिब्रेट करने का भी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा की

इसके बाद चैनल प्रबंधन ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया। दबाव पड़ने के बाद पुलिस ने दोनों पत्रकारों को रास्ते में ही वैन से उतार दिया और छोड़ दिया।

Last Modified:
Tuesday, 26 August, 2025
pci

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने दिल्ली पुलिस की उस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है, जिसमें लोकप्रिय चैनल लल्लनटॉप के रिपोर्टर और कैमरामैन को हिरासत में ले लिया गया और उनका कैमरा, माइक और मोबाइल फोन छीन लिया गया। यह घटना रविवार को रामलीला मैदान में तब हुई, जब छात्र एसएससी भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और पत्रकार वहां कवरेज करने पहुँचे थे।

25 अगस्त 2025 को जारी अपने बयान में प्रेस क्लब ने कहा, रिपोर्टर और कैमरापर्सन को पुलिसकर्मियों ने जबरन पकड़ा और धक्का-मुक्की कर पुलिस वैन में बैठा दिया, जबकि दोनों बार-बार यह कह रहे थे कि वे मीडिया से हैं। पुलिस ने उनके पहचान पत्र तक छीन लिए।

घटना के दौरान, जब लल्लनटॉप दफ़्तर से रिपोर्टर को कॉल किया गया, तो फोन पुलिसकर्मी ने उठाया और खुद बताया कि दोनों पत्रकार हिरासत में लिए गए हैं और उन्हें लॉक-अप ले जाया जा रहा है। इसके बाद चैनल प्रबंधन ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया।

दबाव पड़ने के बाद पुलिस ने दोनों पत्रकारों को रास्ते में ही वैन से उतार दिया और छोड़ दिया। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस घटना को दिल्ली पुलिस की मनमानी और सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण बताते हुए कहा कि इस तरह की हरकतें पत्रकारों को उनका काम करने से रोकने की साज़िश हैं।

बयान में आगे कहा गया, पुलिस द्वारा पत्रकारों के औज़ार छीन लेना और उन्हें हिरासत में लेना न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी खतरनाक है। प्रेस क्लब इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है और सभी पत्रकारों व संगठनों से इसके खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील करता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'ऑपरेशन सिंदूर' पर मीडिया की तीखी आलोचना को लेकर कली पुरी ने कही ये बात

कली पुरी ने कहा, मुझे लगता है कि यह अनुचित है। जिन लोगों ने (सरकारी या अर्ध-सरकारी स्रोतों से) गलत जानकारी मीडिया में प्लांट की, उन्होंने कई पत्रकारों के साथ भरोसे के रिश्ते तोड़ दिए।

Last Modified:
Monday, 25 August, 2025
KalliPurie7845

इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई की एडिटर-इन-चीफ स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे समय में न्यूज चैनल्स को आलोचना झेलनी पड़ी, लेकिन यह सही नहीं है कि कुछ चैनल्स की गलतियों के लिए पूरे जॉनर को दोषी ठहराया जाए। उन्होंने कहा, “न्यूज चैनल्स ने बिना नींद के 24 घंटे काम किया। दफ्तरों में बेड लगे थे ताकि लोग एक घंटे की नींद ले सकें, क्योंकि सायरन अक्सर 3 बजे रात को बज जाते थे।”

कली पुरी ने कहा कि उस समय कई जगह लोग बहक गए, क्योंकि नई पीढ़ी पहली बार न्यूज और सोशल मीडिया को साथ लेकर युद्ध कवर कर रही थी। “SOPs यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (काम को करने के लिए पहले से बनाए गए नियम) थे, लेकिन कई युवा रिपोर्टर्स को उनके बारे में जानकारी नहीं थी। आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप्स से जानकारी आती थी और जब वही सूचना कई ग्रुप्स से मिलती तो लोग मान लेते कि यह सही है। इसी दौरान गलत खबरें भी प्लांट की गईं, जैसे कि कराची पर हमला हुआ, जबकि वास्तव में कराची पर हमला नहीं हुआ था। नौसेना हाई अलर्ट पर थी, यह सच था, लेकिन उस समय कराची पर हमला नहीं हुआ।”

नेवी शिप पर कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो अपने परिचित रिपोर्टर या एडिटर से संपर्क किया होगा और कहा होगा- ‘हम फॉरवर्ड डिप्लॉयड हैं।’ अब वह सैनिक असल में नहीं जानता होगा कि क्या होने वाला है, क्योंकि उसे भी पूरी जानकारी नहीं दी जाती। लेकिन उसे अंदाजा रहता है। इस वजह से पत्रकारों और चैनलों में भी उत्साह और अनुभवहीनता का मिला-जुला असर दिखा। इसीलिए, मैं यह नहीं कहूंगी कि सबने वही बात दोहराई कि कराची पर हमला हुआ और हम लाहौर पहुंच गए। असल में केवल एक-दो चैनलों ने यह कहा था, ज्यादातर ने ऐसा नहीं कहा था। 

मुझे लगता है कि यह अनुचित है। जिन लोगों ने (सरकारी या अर्ध-सरकारी स्रोत) गलत जानकारी मीडिया में प्लांट की, उन्होंने कई पत्रकारों के साथ भरोसे के रिश्ते तोड़ दिए। हां, मीडिया को इसके लिए आलोचना झेलनी पड़ी, लेकिन गलती उन लोगों की भी है। हमेशा मीडिया को ही दोष दिया जाता है। कुछ भी गलत हो तो मीडिया ही सबसे आसान निशाना बनता है। लेकिन कभी-कभी यह कहा जाता है- ‘मैंने ऐसा नहीं कहा।’ जबकि सबके सामने उसका वीडियो बाइट होता है। ऐसे में मिसक्वोटेड (गलत उद्धृत) होने की गुंजाइश ही नहीं रहती। फिर कहा जाता है वीडियो को एडिट कर दिया गया। लेकिन सारा ठीकरा हमेशा मीडिया पर ही फोड़ दिया जाता है। मैं इस बात से सहमत हूं कि मीडिया को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन इससे जुड़ा मुद्दा फेक न्यूज का है। आजकल वीडियो में इतनी एडिटिंग और बदलाव किए जाते हैं कि न्यूजरूम में फैक्ट-चेकिंग का काम बहुत कठिन और समय लेने वाला हो गया है।”

फेक न्यूज पर उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सोशल मीडिया पर फेक वीडियो और न्यूज बहुत तेजी से फैलती है। हमें रियल टाइम फैक्ट-चेक करना पड़ता है, जबकि यह पहले से वायरल हो चुकी होती है। हमारी फैक्ट-चेकिंग टीम 2019 से है और बड़ी टेक कंपनियों ने हमें टूल्स से मदद दी है। लेकिन समस्या यह है कि यदि किसी को वॉट्सऐप पर फेक न्यूज मिलती है, तो भले ही हम फैक्ट-चेक कर दें, वह व्यक्ति इसे सही नहीं करेगा, क्योंकि वह खुद को मूर्ख साबित नहीं करना चाहेगा। इस वजह से फेक न्यूज सच से सात गुना तेज फैलती है।”

उन्होंने कहा कि अब टीवी और डिजिटल पर भी गलती सुधारना मुश्किल है। “पहले प्रिंट में गलती हो जाती थी तो लाखों कॉपियां वापस नहीं मंगाई जा सकती थीं। टीवी और डिजिटल पर लगा था कि तुरंत बदल सकते हैं। लेकिन अब लोग स्क्रीनशॉट ले लेते हैं। एक छोटी सी स्पेलिंग मिस्टेक पर भी राजनीतिक पार्टियों से कॉल आ जाते हैं।”

दबावों पर बोलते हुए कली पुरी ने कहा, “बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया जाता है कि मीडिया पर दबाव डालती है, लेकिन कौन सी सरकार ने दबाव नहीं डाला? मुझे याद है बचपन में जब टीवी नहीं था और इंडिया टुडे मैगजीन छपती थी। एक बार जब सरकार को कुछ पसंद नहीं आया तो हरियाणा में प्रेस बंद कर दी गई। तब ए.पी. और उनकी टीम ने चेन्नई में प्रेस लगाई और वहां से मैगजीन देश और दुनिया में भेजी गई। दबाव नया नहीं है- यह राजनीतिक पार्टियों से भी आता है और बड़े बिजनेस हाउसेस से भी। कई बार हमारे स्टोरीज के कारण हमें बैन भी किया गया।”

उन्होंने कहा कि अब यह संपादकों और पत्रकारों पर निर्भर करता है कि वे दबाव में झुकते हैं या नहीं। “यदि सिर्फ बिजनेस के नजरिये से देखें तो झुकना आसान है क्योंकि वह बेहतर बिजनेस सेंस बनाता है। लेकिन यदि आप मानते हैं कि पत्रकारिता एक ‘नोबल प्रोफेशन’ है जिसमें पब्लिक सर्विस का तत्व है, तो आपको झुकना नहीं चाहिए।” 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

कली पुरी ने बताया- किन तीन चीजों पर आधारित है 'इंडिया टुडे ग्रुप' का 'DNA'

भविष्य के चुनावों पर उन्होंने कहा, "2029 का चुनाव 100% डिजिटल चुनाव होगा। इसमें इन्फ्लुएंसर्स की बड़ी भूमिका होगी, लेकिन कैमरा और माइक होना किसी को पत्रकार नहीं बना देता।"

Last Modified:
Monday, 25 August, 2025
KalliPurie562

इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई की एडिटर-इन-चीफ स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में मीडिया की चुनौतियों, दबाव और बदलते परिदृश्य पर स्पष्ट विचार रखे।

इंटरव्यू की शुरुआत में कली पुरी ने बताया कि न्यूज में कभी बड़े दिन होते हैं तो ककली पुरी ने कहा, "मीडिया पर दबाव की बात हमेशा होती है। कहा जाता है कि बीजेपी सरकार दबाव डालती है, लेकिन कौन सी सरकार ने मीडिया पर दबाव नहीं डाला है?भी बिल्कुल सूखे दिन। पहले सोमवार अक्सर ड्राई डे कहे जाते थे, जिसका मतलब होता था कि खबरें नहीं बन रही हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया को लगातार "गोदी मीडिया" और "मोदी मीडिया" कहा जाता है। इस पर उन्होंने कहा, "हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हमें पीछे धकेला जाता है, लोग हमें गोदी मीडिया कहते हैं। इससे चोट भी लगती है और फिर कहा जाता है कि आपने लड़ा नहीं। यह परेशान करने वाला है। कुछ लोगों के लिए हम गोदी नहीं हैं, कुछ के लिए बहुत ज्यादा हैं, और बहुतों के लिए हम बिल्कुल सही हैं।"

क्या राजनीतिक दलों से फोन आते हैं? इस सवाल पर  मुझे बचपन से याद है कि जब उन्हें कोई चीज पसंद नहीं आती थी तो प्रेस को बंद कर देते थे।"

टीम से जुड़ाव पर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर किसी मुख्य सदस्य के जाने से बड़ा नुकसान होता है, लेकिन प्रोफेशनल तौर पर असली स्टार हमेशा ब्रैंड ही होता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब एनडीटीवी से बरखा दत्त गईं तो सबको लगा चैनल खत्म हो जाएगा, लेकिन चैनल चलता रहा।

दक्षिण भारत की स्थिति पर उन्होंने कहा कि वहां कई चैनल राजनेताओं के पास हैं। साथ ही अब अरबपति कॉरपोरेट्स चैनल चला रहे हैं जिनके व्यावसायिक हित भी जुड़े होते हैं।

विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया अक्सर कहता है कि भारत में लोकतंत्र मर रहा है, लेकिन हाल ही में हुए आम चुनावों में जो नतीजे आए, वे सर्वेक्षणों की अपेक्षा से बिल्कुल अलग थे। कई लोग कहते थे कि बीजेपी तीन-चौथाई बहुमत से जीतेगी, लेकिन नतीजे अलग निकले।

भविष्य के चुनावों पर उन्होंने कहा, "2029 का चुनाव 100% डिजिटल चुनाव होगा। इसमें इन्फ्लुएंसर्स की बड़ी भूमिका होगी, लेकिन कैमरा और माइक होना किसी को पत्रकार नहीं बना देता।"

उन्होंने कहा कि अक्सर जब रेटिंग्स आती हैं तो दर्शक ही कहते हैं कि सब रेटिंग्स के लिए हो रहा है। इस पर उन्होंने कहा, "यदि आपको लगता है कि यह सिर्फ रेटिंग्स के लिए है तो मत देखो। चैनल बदल लो। आपके पास रिमोट है।"

न्यूज रूम चर्चा पर कली पुरी ने बताया कि उनकी न्यूज मीटिंग्स बेहद जोशीली और चर्चा से भरी होती हैं। "कोई नहीं जीतता, कोई नहीं हारता। ये चर्चाएं एक तरह से ऊर्जा निकालने और दोनों पक्षों की बात सुनने का मौका देती हैं।"

उन्होंने कहा कि इंडिया टुडे ग्रुप का डीएनए तीन चीजों पर आधारित है- टेक्नोलॉजी व इनोवेशन के जरिए हमेशा नए प्लेटफॉर्म्स को अपनाना, नई-नई संभावनाओं को अवसर मानकर आगे बढ़ना और तर्क-वितर्क की संस्कृति।

मीडिया की भूमिका पर उन्होंने कहा, "हम उपदेश देने वाला चैनल नहीं बनना चाहते। कभी हम दर्पण होते हैं, कभी तस्वीर। कभी हम वही दिखाते हैं जो लोग देखना चाहते हैं, और कभी वह जो उन्हें देखना चाहिए। यह ब्रॉकली और फ्रेंच फ्राइज जैसा है। यदि सिर्फ ब्रॉकली दी तो लोग नहीं खाएंगे, लेकिन यदि थोड़ा मक्खन लगाकर फ्रेंच फ्राइज के साथ परोसा जाए तो आसानी से खा लेंगे। मीडिया में भी संतुलन होना जरूरी है।"

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

टाटा डिजिटल के नए CEO बने साजिथ शिवानंदन

टाटा डिजिटल ने अपने नए चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के रूप में साजिथ शिवानंदन को नियुक्त किया है।

Last Modified:
Monday, 25 August, 2025
SajithSivanandan

टाटा डिजिटल ने अपने नए चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के रूप में साजिथ शिवानंदन को नियुक्त किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में जियो मोबाइल डिजिटल सर्विसेज में प्रेजिडेंट के पद पर कार्यरत शिवानंदन सितंबर 2025 से यह जिम्मेदारी संभालेंगे।

यह नेतृत्व परिवर्तन इस वर्ष की शुरुआत में पूर्व सीईओ नवीन ताहिलयानी के पद छोड़ने के बाद हो रहा है और टाटा डिजिटल में चल रहे व्यापक संगठनात्मक पुनर्गठन का हिस्सा है।

शिवानंदन अपने साथ लगभग तीन दशकों का अनुभव लेकर आ रहे हैं, जिसमें तकनीक, दूरसंचार, मीडिया, पेमेंट्स और कंसल्टिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जो भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र तक फैले हुए हैं। इससे पहले उन्होंने गूगल में 15 वर्षों तक विभिन्न नेतृत्वकारी पदों पर कार्य किया। उनके नेतृत्व अनुभव में स्टार्टअप्स, वैश्विक तकनीकी कंपनियां और बड़े पैमाने पर मीडिया संगठनों के साथ काम शामिल है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा के खिलाफ असम में एफआईआर दर्ज

अभिसार शर्मा ने असम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को पूरी तरह निराधार करार दिया है। शर्मा ने कहा है कि वे इस मामले का जवाब कानूनी तरीके से देंगे।

Last Modified:
Friday, 22 August, 2025
abhisaar

गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने पत्रकार और यूट्यूबर अभिसार शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। यह कार्रवाई एक स्थानीय निवासी की शिकायत पर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर ऐसा वीडियो अपलोड किया, जिसमें असम और केंद्र सरकार दोनों का उपहास किया गया।

पुलिस के अनुसार, एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 152 (देशद्रोह), 196 और 197 के तहत दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता आलोक बरूआ, जो 23 वर्षीय युवक हैं और नयनपुर, गणेशगुड़ी के निवासी हैं, ने कहा कि अभिसार शर्मा ने जानबूझकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया।

वहीं पत्रकार और यूट्यूबर अभिसार शर्मा ने असम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को पूरी तरह निराधार करार दिया है। शर्मा ने कहा है कि वे इस मामले का जवाब कानूनी तरीके से देंगे। अभिसार शर्मा के अनुसार, अपने शो में उन्होंने असम के एक न्यायाधीश के उस बयान का जिक्र किया था, जिसमें राज्य सरकार द्वारा महाबल सीमेंट कंपनी को 3,000 बीघा जमीन दिए जाने की बात कही गई थी।

इस फैसले की उन्होंने आलोचना भी की थी। शर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सांप्रदायिक राजनीति को तथ्यों के आधार पर उजागर किया, जो खुद मुख्यमंत्री के ही बयानों पर आधारित थे।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अश्मिता सिंह राजपूत : टीवी एंकर से सोशल मीडिया स्टार तक का सफर

इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों के लाइव शो को देश के विभिन्न हिस्सों में होस्ट करके भी वे दर्शकों के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।

Last Modified:
Friday, 22 August, 2025
ashmitasingh

अश्मिता सिंह राजपूत एक जानी-मानी टीवी एंकर और लोकप्रिय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं। पिछले दस वर्षों के अपने पत्रकारिता करियर में उन्होंने महुआ टीवी, न्यूज 24 और भारत एक्सप्रेस जैसे प्रतिष्ठित चैनलों में बतौर एंकर काम किया है। टीवी पत्रकारिता के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी उन्होंने अपनी मजबूत पहचान बनाई है।

फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर उनके 46 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उनके प्रभाव और लोकप्रियता का प्रमाण है। हाल ही में अगस्त महीने में, माउंट आबू स्थित ब्रह्मकुमारीज़ इंटरनेशनल हेडक्वार्टर में आयोजित सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स कॉन्फ्रेंस में अश्मिता को सम्मानित भी किया गया।

करीब एक साल पहले चैनलों की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने स्वतंत्र पत्रकारिता की राह चुनी और कई बड़े ब्रैंड्स के साथ मिलकर उनके लिए एंडोर्समेंट किए। अब वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पूरी तरह प्रोफेशनल रूप देकर स्वतंत्र पत्रकारिता और कंटेंट क्रिएशन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

इसी सिलसिले में हाल के हफ्तों में उन्होंने कई चर्चित हस्तियों के साथ पॉडकास्ट किए हैं। जिनमें जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर उमाकांतानंद जी, बिग बॉस विजेता आशुतोष, भोजपुरी सिनेमा की ‘वायरल गर्ल’ मोनालिसा को ब्रेक देने वाले डायरेक्टर सनोज मिश्रा, चर्चित वैद्य राजेश कपूर और भजन गायक कुमार विशु शामिल हैं।

पॉडकास्टिंग के साथ-साथ अश्मिता मनोरंजन, लाइफस्टाइल और वायरल खबरों से जुड़े कंटेंट भी बना रही हैं। एक दशक लंबे एंकरिंग अनुभव ने उन्हें कंटेंट प्रोडक्शन और प्रेजेंटेशन की गहरी समझ दी है। आने वाले समय में वे राजनेताओं के साथ भी पॉडकास्ट करने की तैयारी में हैं।

दिलचस्प बात यह होगी कि इन पॉडकास्ट्स में राजनीति की बात न्यूनतम होगी और एक राजनेता के जीवन के दूसरे पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की जाएगी। अश्मिता का भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से भी गहरा जुड़ाव रहा है। उन्होंने देशभर में आयोजित लगभग हर बड़े भोजपुरी अवॉर्ड शो की मेजबानी की है। इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों के लाइव शो को देश के विभिन्न हिस्सों में होस्ट करके भी वे दर्शकों के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए