Amul ने बेहद इमोशनल अंदाज में दी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि

लोकप्रिय डेयरी ब्रैंड ‘अमूल’ (Amul) ने ट्विटर पर एक मोनोक्रोमैटिक पोस्ट के जरिए लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी  है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 07 February, 2022
Last Modified:
Monday, 07 February, 2022
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भारत की स्वरकोकिला लता मंगेशकर लता मंगेशकर ने रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष की थीं। प्रसिद्ध गायिका के निधन के बाद, देश और दुनिया के कोने-कोने में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। इस बीच लोकप्रिय डेयरी ब्रैंड ‘अमूल’ (Amul) ने ट्विटर पर एक मोनोक्रोमैटिक पोस्ट के जरिए लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी  है।

अमूल अपने ऑर्ट वर्क और मोनोक्रोमैटिक डूडल के लिए पॉपुलर है। अब इस ब्रैंड ने उनकी तीन तस्वीरों के अपने आर्टवर्क में दिखाया है। पहली तस्वीर लता मंगेशकर के बचपन की है, दूसरी तस्वीर में वे तानपुरा बजाती हुई नजर आ रही हैं और तीसरी तस्वीर में वे स्टेज पर गाते हुए दिखाया गया है, जिसमें वे माइक स्टैंड के सामने खड़ी होकर गाते हुए नजर आ रही हैं।

भारत की स्वर कोकिला को याद करते हुए, अमूल ने 1966 के 'मेरा साया' के उनके यादगार गीत 'तू जहां जहां चलेगा मेरा साया साथ होगा' का हवाला देते हुए लिखा, 'हम जहां जहां चलेंगे, आपका साया साथ होगा'।

अमूल का यह आर्टवर्क लोगों को काफी पसंद आ रहा है। खासकर सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हो रही है।

लता मंगेशकर ने साल 1942 में 13 साल की उम्र में करियर की शुरुआत की थी। उन्हें उनकी असाधारण प्रतिभा के लिए भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

92 साल की स्वर कोकिला लता मंगेशकर 8 जनवरी को कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं, जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब उन्हें आईसीयू में रखा गया था, जहां डॉ. प्रतीत समदानी और अन्य डॉक्टरों की टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। बाद में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार होने लगा था और फिर उन्हें वेंटिलेटर से हटा लिया गया था। हालांकि, शनिवार को अचानक उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और उन्हें फिर से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखना पड़ा, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया न जा सका और रविवार को सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर स्वर कोकिला ने इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

मुंबई के शिवाजी पार्क में  राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे से लपेटा गया था और सशस्त्र जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। अंतिम संस्कार में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, शाहरुख खान समेत तमाम हस्तियां मौजूद थीं। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी।

  

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ChatGPT में विज्ञापन लाने की तैयारी कर रहा OpenAI

OpenAI अपने लोकप्रिय AI चैटबॉट में विज्ञापन (ads) लाने की तैयारी कर रहा है।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 27 September, 2025
Last Modified:
Saturday, 27 September, 2025
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OpenAI अपने लोकप्रिय AI चैटबॉट ChatGPT में विज्ञापन (ads) लाने की तैयारी कर रहा है। कंपनी ने इसके लिए अपने अंदरूनी विज्ञापन टीम का गठन किया है, जिसका नेतृत्व नए नियुक्त एप्लीकेशंस हेड फिडजी सिमो कर रही हैं। सिमो पिछले महीने जुड़ी हैं और इससे पहले वह Instacart की CEO और Facebook ऐप की हेड रह चुकी हैं।

सिमो पहले ही OpenAI की मुनाफा कमाने की कोशिशों के लिए सीनियर लीडर की भर्ती कर रही हैं, जिसमें विज्ञापन और वर्तमान सब्सक्रिप्शन सेवाएं दोनों शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने इस भूमिका के लिए कई उम्मीदवारों से बातचीत की है।

मौका बहुत बड़ा है। ChatGPT के अनुमानित 700 मिलियन यूज़र हैं, लेकिन केवल करीब 20 मिलियन सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान करते हैं। विज्ञापन नई आय के अरबों डॉलर खोल सकते हैं और कंपनी के उच्च खर्च को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। इस साल OpenAI ने $12.7 बिलियन का राजस्व कमाया, जो 2024 की तुलना में तीन गुना है, फिर भी कंपनी खर्च से ज्यादा कमाई नहीं कर रही है, इसलिए विज्ञापन बढ़ोतरी का एक महत्वपूर्ण जरिया बन सकता है।

कंपनी ने तकनीकी भूमिकाओं के लिए भी भर्ती शुरू कर दी है, जैसे “Growth Paid Marketing Platform Engineer,” जिससे यह संकेत मिलता है कि वह अभियान प्रबंधन उपकरण बनाएगी, बड़े विज्ञापन नेटवर्क्स के साथ इंटीग्रेशन करेगी और रियल-टाइम अट्रिब्यूशन सिस्टम स्थापित करेगी।

फिर भी, OpenAI ने कहा है कि विज्ञापन धीरे-धीरे और सावधानीपूर्वक पेश किए जाएंगे। ChatGPT के हेड निक टर्ले ने The Verge को बताया कि कंपनी को “बहुत सोच-समझकर और स्वादपूर्ण तरीके से” विज्ञापन पेश करने होंगे ताकि यूज़र अनुभव प्रभावित न हो।

सिमो का फेसबुक में विज्ञापन उत्पादों का गहरा अनुभव OpenAI की योजना को स्पष्ट करता है: ChatGPT को सिर्फ सांस्कृतिक घटना से बदलकर राजस्व की शक्ति केंद्र बनाना। यूज़र्स के लिए अब सवाल यह नहीं है कि विज्ञापन आएंगे या नहीं — बल्कि कब आएंगे।

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IAA इंडिया चैप्टर: अभिषेक करनानी फिर बने प्रेजिडेंट

25 सितंबर को हुई संस्था की वार्षिक आम बैठक में जयदीप गांधी को वाइस प्रेजिडेंट, नंदिनी डायस को मानद सचिव और जनक सारदा को मानद कोषाध्यक्ष के पद पर चुना गया।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 26 September, 2025
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Friday, 26 September, 2025
IAA India Chapter

‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ (IAA) के इंडिया चैप्टर ने ‘फ्री प्रेस जर्नल’ (Free Press Journal) समूह के अध्यक्ष अभिषेक करनानी को एक बार फिर संस्था का प्रेजिडेंट चुना है। 25 सितंबर को हुई संस्था की 35वीं वार्षिक आम सभा (AGM) में करनानी को इस पद के लिए चुना गया।

इस चुनाव में Another Idea के फाउंडर जयदीप गांधी को वाइस प्रेजिडेंट, स्वतंत्र सलाहकार (Independent Advisor) नंदिनी डायस को मानद सचिव और BFF Foods Indiaके डायरेक्टर जनक सारदा को मानद कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

इसके अलावा पांच सदस्यों को वोटिंग मेंबर के तौर पर चुना गया। इनमें शामिल हैं–

1: श्रीनिवासन के स्वामी, एग्जिक्यूटिव ग्रुप चेयरमैन (R K SWAMY HANSA)

2: प्रशांत कुमार, सीईओ-साउथ एशिया (WPP Media)

3: एम. वी श्रेयम्स कुमार, मैनेजिंग डायरेक्टर (Mathrubhumi)

4: बबिता बरुआ, सीईओ (VML India)

5: राणा बरुआ, ग्रुप सीईओ (Havas India-South East Asia and North Asia (Japan and South Korea)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेजिडेंट चुने जाने पर अभिषेक करनानी ने कहा, ‘मैं दूसरी बार इंडिया चैप्टर का प्रेजिडेंट चुने जाने पर खुद को बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हमारी मजबूत मैनेजिंग कमेटी के साथ मुझे पूरा भरोसा है कि हम इस चैप्टर को और मजबूत बनाएंगे और इंडस्ट्री के सामूहिक हितों को आगे बढ़ाएंगे।

जैसे ही हम 2025–26 के लिए आगे बढ़ रहे हैं, हम नई ऊर्जा और स्पष्ट उद्देश्य के साथ काम करेंगे। इस साल हमारी प्राथमिकता तकनीकी नवाचार को अपनाने, स्थिरता (Sustainability) के प्रति प्रतिबद्धता को गहरा करने और विविधता व समावेशिता (Diversity & Inclusivity) को बढ़ावा देने पर होगी। मुझे विश्वास है कि मिलकर हम न सिर्फ बिजनेस में इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे, बल्कि समाज पर भी एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ेंगे। मैं एक सार्थक और प्रगतिशील कार्यकाल की उम्मीद करता हूं।’

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‘IOAA’ के नए चेयरमैन चुने गए शेखर नारायणस्वामी

‘इंडियन आउटडोर ऐडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ (IOAA), जो प्रमुख आउट-ऑफ-होम (OOH) मीडिया मालिकों का प्रतिनिधित्व करता है, ने ‘Times OOH Group’ के सीईओ शेखर नारायणस्वामी को अपना नया चेयरमैन चुना है।

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Published - Sunday, 21 September, 2025
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Sunday, 21 September, 2025
Shekhar Narayanaswami

‘इंडियन आउटडोर ऐडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ (IOAA), जो प्रमुख आउट-ऑफ-होम (OOH) मीडिया मालिकों का प्रतिनिधित्व करता है, ने ‘टाइम्स ओओएच ग्रुप’ (Times OOH Group) के सीईओ शेखर नारायणस्वामी को अपना नया चेयरमैन चुना है।

विश्वसनीय सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) से इस खबर की पुष्टि की है। वह इस पद पर ‘जागरण एंगेज’ (Jagran Engage) के सीओओ पवन बंसल की जगह लेंगे। शेखर नारायणस्वामी इससे पहले ‘IOAA’ में वाइस चेयरमैन के पद पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

शेखर नारायणस्वामी के पास तीन दशकों से ज्यादा का अनुभव है, जिसमें उन्होंने मल्टीनेशनल और भारतीय कंपनियों में वित्तीय प्रबंधन और नेतृत्व की भूमिका निभाई है।

वह जून 2024 से ‘Times Innovative Media Limited’ (जिसे Times OOH Group कहते हैं) के CEO के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इससे पहले वह अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 तक कंपनी के प्रेजिडेंट थे।

इससे पहले मई 2008 से अक्टूबर 2021 तक वह ‘Times Innovative Media’ के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर (CFO) रहे। इस दौरान उन्होंने कंपनी के वित्त, कानूनी मामलों, व्यापार विकास, रणनीति और अनुबंध प्राप्तियों (contract acquisitions) को संभाला।

शेखर नारायणस्वामी ने अपने करियर की शुरुआत ‘टाटा मोटर्स’ (Tata Motors) में बतौर असिस्टेंट मैनेजर की। यहां वह दिसंबर 1989 से नवंबर 1991 तक रहे। यहां वह ऑटोमोबाइल लागत विश्लेषण, कच्चे माल के इनपुट-आउटपुट मिलान (reconciliation), और सप्लायर पेमेंट प्रक्रिया संभालते थे।

इसके बाद उन्होंने दिसंबर 1991 से अप्रैल 1993 तक ‘Sundram Fasteners Limited’ में डिप्टी मैनेजर के रूप में काम किया। बाद में वह ‘Timex Watches Limited’ में जुड़ गए और यहां अप्रैल 1993 से मार्च 1998 तक फाइनेंस मैनेजर के रूप में अपनी जिम्मेदारी संबाली। इसके बाद उन्होंने ‘कोका-कोला इंडिया’ और ‘भारत एंटरप्राइजेज’ आदि कंपनियों में भी काम किया है।

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सुधांशु वत्स बने ASCI के नए चेयरमैन, संस्था ने पूरे किए 40 साल

पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधांशु वत्स को ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

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Published - Friday, 19 September, 2025
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Friday, 19 September, 2025
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पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधांशु वत्स को ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह घोषणा संस्था की 39वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में की गई। खास बात यह है कि अक्टूबर में ASCI अपने 40 साल पूरे कर रहा है, ऐसे में यह नियुक्ति एक मील का पत्थर मानी जा रही है।

MullenLowe Global के एस. सुब्रमणेश्वर को वाइस-चेयरमैन और Provocateur Advisory के प्रिंसिपल और इंडस्ट्री वेटरन पारितोष जोशी को ऑनरेरी ट्रेजरर बनाया गया है।

सुधांशु वत्स ने कहा, “ASCI की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा अहम है। जैसे-जैसे विज्ञापन नई तकनीक और नए फॉर्मेट्स के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी जिम्मेदारी है कि इसे ईमानदारी के साथ पेश किया जाए, जिसमें प्रोडक्ट प्रॉमिस केंद्र में हो, समाज के प्रति सम्मान झलके और उपभोक्ताओं का ध्यान रखा जाए। आज जब भरोसा आसानी से डगमगा सकता है, तो सेल्फ-रेगुलेशन इंडस्ट्री को दिशा और जनता को भरोसा देता है। मैं विज्ञापनदाताओं, एजेंसियों, प्लेटफॉर्म्स और उपभोक्ताओं के साथ मिलकर उच्च मानकों को कायम रखने, जिम्मेदार क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने और विज्ञापन पर विश्वास मजबूत करने की दिशा में काम करने को लेकर उत्सुक हूं। इस प्रयास का मूल सिद्धांत बेहद सरल है- हमेशा उपभोक्ता के हित को सबसे आगे रखना।”

वहीं, मौजूदा चेयरमैन पार्थ सिन्हा ने कहा, “मेरा कार्यकाल भले ही खत्म हो रहा है, लेकिन ASCI की यात्रा पूरे उत्साह के साथ जारी है। यह किसी वाक्य में सिर्फ एक कॉमा की तरह है, जहां कहानी आगे बढ़ती रहती है। पिछले वर्षों में हम वॉचडॉग से जिम्मेदार कम्युनिकेशन के साझेदार बनने तक का सफर तय कर चुके हैं- सिर्फ निगरानी नहीं, बल्कि साझेदारी। हमने डिजिटल दुनिया में मजबूती से कदम रखा, क्योंकि जिम्मेदारी तकनीक से पीछे नहीं रह सकती। हमने ASCI का दायरा भी बढ़ाया है, ताकि उपभोक्ता का भरोसा सिर्फ कुछ हिस्सों तक सीमित न रहे, बल्कि पूरे भारत की साझा भाषा बने। मैं यह कुर्सी छोड़ रहा हूं इस सुकून के साथ कि यह कहानी जारी है और अपने सहयोगियों के प्रति गहरी कृतज्ञता के साथ, जिन्होंने इस सफर को साझा मकसद और सामूहिक ताकत से आगे बढ़ाया।”

ASCI के 40 साल पूरे होने पर नई पहलें

ASCI ने इस मौके पर अगले साल के लिए कई बड़े कदमों का ऐलान किया:

  • बच्चों के लिए ऐडवर्टाइजिंग और मीडिया लिटरेसी प्रोग्राम: ‘AdWise’ नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें 10 लाख से ज्यादा स्कूली बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे विज्ञापनों को समझ, परख और सवाल कर सकें और भ्रामक या हानिकारक विज्ञापनों से बच सकें।

  • Gen Alpha पर रिसर्च: नई पीढ़ी के बच्चों, जो तकनीक और स्क्रीन के साथ बड़े हो रहे हैं, के लिए जिम्मेदार विज्ञापन का ढांचा बनाने को एथ्नोग्राफिक रिसर्च।

  • बेंगलुरु और दिल्ली में विस्तार।

  • विज्ञापन कोड्स और कानूनों पर व्यापक संसाधन लॉन्च, खैतान एंड कंपनी जैसे प्रमुख लॉ फर्म के साथ साझेदारी में।

  • पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत, द लॉजिकल इंडियन और मार्केटिंग माइंड्स के सहयोग से।

  • विजुअल एसेट लॉन्च: ASCI के मेंबर्स के लिए एक विजुअल एसेट उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे वे अपनी वेबसाइट्स और कम्युनिकेशन में इस्तेमाल कर सकेंगे ताकि जिम्मेदार विज्ञापन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा सकें।

ASCI की यात्रा और उपलब्धियां

1985 में स्थापित ASCI, विज्ञापन इंडस्ट्री की एक स्वैच्छिक पहल के रूप में शुरू हुआ था ताकि जिम्मेदारी और उपभोक्ता सुरक्षा की संस्कृति बनाई जा सके। शुरुआत में बनाए गए कोड ऑफ कंडक्ट को बाद में पॉलिसी मेकर्स और रेगुलेटर्स ने मान्यता दी। इसे केबल टीवी एक्ट, दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो और कई रेगुलेटर्स ने अपनाया। समय के साथ ASCI ने स्वास्थ्य, उपभोक्ता मामले, शिक्षा और आयुष मंत्रालय समेत कई सरकारी निकायों के साथ काम किया।

ASCI की कंज्यूमर कंप्लेंट्स कमेटी की सिफारिशों पर पालन का स्तर बेहद ऊंचा रहा है। 2024-25 में प्रिंट और टीवी पर यह अनुपालन दर क्रमशः 98% और 97% रही, जबकि डिजिटल में यह 81% रही। सुप्रीम कोर्ट के कई मामलों में भी ASCI की भूमिका का जिक्र हुआ है, जो उपभोक्ता संरक्षण में इसकी अहमियत को दर्शाता है।

हाल के वर्षों में ASCI अकादमी की शुरुआत हुई है, जिसने संस्था की भूमिका को अनुपालन से आगे बढ़ाकर शिक्षा, रिसर्च और इनोवेशन तक फैला दिया है। इसके श्वेतपत्र और रिसर्च रिपोर्ट्स ने इंडस्ट्री को नए मुद्दों पर दिशा दी है, जैसे — डार्क पैटर्न्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल, विज्ञापन में मर्दानगी की छवि, डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स पर भरोसा। इसके लिए ASCI को दो अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड्स भी मिले।

ASCI ने इन्फ्लुएंसर आचार संहिता, डार्क पैटर्न्स, क्रिप्टोकरेंसी, ग्रीन क्लेम्स और जेंडर स्टीरियोटाइपिंग पर भी दिशा-निर्देश बनाए।

आज ASCI की भूमिका सिर्फ शिकायतों का निपटारा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि जिम्मेदार और नैतिक विज्ञापन का भविष्य गढ़ने में भी है। इसके मास्टर क्लासेस और फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम्स देश के प्रमुख मीडिया और विज्ञापन कॉलेजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही, एडवाइजरी सर्विस से विज्ञापनदाता प्रोडक्शन से पहले ही यह जांच सकते हैं कि उनका विज्ञापन कोड के अनुरूप है या नहीं।

आगे चलकर ASCI वैश्विक साझेदारी और ज्ञान-साझाकरण को और मजबूत करने, साथ ही डिजिटल-फर्स्ट विज्ञापन की चुनौतियों के लिए रिसर्च, इनोवेशन और फ्रेमवर्क पर निवेश करने की योजना बना रहा है। 

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ASCI के नए चेयरमैन बन सकते हैं सुधांशु वत्स`

पिडलाइट इंडस्ट्रीज (Pidilite Industries) के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधांशु वत्स भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के अगले चेयरमैन बन सकते हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 18 September, 2025
Last Modified:
Thursday, 18 September, 2025
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पिडलाइट इंडस्ट्रीज (Pidilite Industries) के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधांशु वत्स भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के अगले चेयरमैन बन सकते हैं। एक्सचेंज4मीडिया को सूत्रों से यह जानकारी मिली है।

मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, यह नियुक्ति आज प्रस्तावित ASCI की वार्षिक आम बैठक में होने की संभावना है।

सुधांशु वत्स, जिन्होंने पिछले कार्यकाल 2024-25 में ASCI के वाइस चेयरमैन के रूप में कार्य किया था, परंपरा के अनुसार इस भूमिका के लिए सबसे आगे हैं। यदि उनकी नियुक्ति होती है, तो वत्स मौजूदा चेयरमैन पार्थ सिन्हा का स्थान लेंगे।

एक्सचेंज4मीडिया ने इसे लेकर सुधांशु वत्स और ASCI से संपर्क किया, लेकिन इस खबर को लिखे जाने तक फिलहाल दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

सुधांशु वत्स की यह पदोन्नति ऐसे समय में हो रही है जब यह स्व-नियामक संस्था डिजिटल विज्ञापन, उपभोक्ता संरक्षण और उद्योग-व्यापी जवाबदेही पर अपना फोकस तेज कर रही है।

IIM अहमदाबाद और NIT कुरुक्षेत्र के पूर्व छात्र सुधांशु वत्स के पास तीन दशकों से अधिक का बहु-क्षेत्रीय लीडरशिप का अनुभव हैं। Pidilite से पहले वे EPL Limited (पूर्व में Essel Propack) के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO रहे हैं और उससे पहले Viacom18 Media Pvt Ltd के ग्रुप CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर थे।

सुधांशु वत्स ने अपने करियर की शुरुआत 1991 में हिन्दुस्तान लीवर (अब HUL) से की थी और दो दशकों तक सेल्स, मार्केटिंग और जनरल मैनेजमेंट में काम करते हुए भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित घरेलू ब्रैंड्स को आकार दिया। 

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दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब ने घोषित की 2025–2026 की मैनेजिंग कमेटी, धीरज सिन्हा बने अध्यक्ष

दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब ने सोमवार को मुंबई में आयोजित अपनी 71वीं वार्षिक आम बैठक में वित्तीय वर्ष 2025–2026 के लिए अपनी मैनेजिंग कमेटी की घोषणा की।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 16 September, 2025
Last Modified:
Tuesday, 16 September, 2025
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दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब ने सोमवार को मुंबई में आयोजित अपनी 71वीं वार्षिक आम बैठक में वित्तीय वर्ष 2025–2026 के लिए अपनी मैनेजिंग कमेटी की घोषणा की।

एफसीबी इंडिया और साउथ एशिया के सीईओ धीरज सिन्हा को दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब का अध्यक्ष चुना गया है। नई निर्वाचित कमेटी इंडस्ट्री के विविध और बदलते स्वरूप को दर्शाती है, जिसमें क्रिएटिव एजेंसियों, मीडिया नेटवर्क्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और नए दौर के मार्केटिंग लीडर्स शामिल हैं। अनुभव और नए दृष्टिकोण का यह मेल ऐड क्लब के समावेशिता, सहयोग और भविष्य की तैयारी पर केंद्रित एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

धीरज सिन्हा, अध्यक्ष, दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब ने कहा, “ऐडवर्टाइजिंग क्लब का नेतृत्व करना सम्मान की बात है, यह एक ऐसी संस्थान है, जो हमारी इंडस्ट्री की सामूहिक महत्वाकांक्षा का प्रतिनिधित्व करती है। इस क्षण को खास बनाता है हमारी बनाई हुई कमेटी की समावेशिता और विविधता- एजेंसी के अनुभवी लीडर्स से लेकर नए दौर के मार्केटर्स और मीडिया प्लेटफॉर्म लीडर्स तक। मिलकर, हम संवाद को प्रोत्साहित करेंगे, क्षमता निर्माण करेंगे और ऐसे अवसर पैदा करेंगे, जो हमारी इंडस्ट्री को मजबूत बनाएंगी और भविष्य के लिए तैयार करेंगी।”

दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब के 2025–2026 के लिए चुने गए पदाधिकारी इस प्रकार हैं:

  • धीरज सिन्हा – अध्यक्ष

  • अमितेश राव – उपाध्यक्ष

  • पुनिता अरुमुगम – सचिव

  • सोनिया हुरिया – संयुक्त सचिव

  • प्रदीप द्विवेदी – कोषाध्यक्ष

मैनेजिंग कमेटी में इंडस्ट्री जगत के अन्य लीडर्स शामिल हैं, जो तालमेल को आगे बढ़ाने और ऐडवर्टाइजिंग क्लब की सभी पहलों की सफलता सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे:

  • सत्य राघवन

  • जितेन्दर दाबस

  • दर्शन शाह

  • अजय कक्कड़

  • मित्रजीत भट्टाचार्य

  • अपर्णा भावल

  • अविनाश कौल

सह-नामांकित इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की सूची इस प्रकार है:

  • नेहा मरकंडा

  • सग्निक घोष

  • मंशा टंडन

निम्न लीडर्स विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे और अपने अनुभव और संबंधित इंडस्ट्री सेगमेंट की गहरी समझ के माध्यम से दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब को महत्वपूर्ण योगदान देंगे:

  • अनुरिता चोपड़ा

  • अजय चंदवानी

  • लूलू राघवन

  • राजेश शर्मा

  • अमरदीप सिंह

  • सुब्रमण्येश्वर एस.

  • साकेत झा सौरभ

  • गौतम रघुनाथ

  • अमोघ दुसाद

  • अशित कुकियान

राणा बरुआ आगामी वर्ष के लिए तत्काल पूर्व अध्यक्ष के रूप में मैनेजिंग कमेटी के सदस्य बने रहेंगे।

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ICC विमंस क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025: विज्ञापन दरों में उछाल, टीवी स्लॉट्स पर 15% तक बढ़ोतरी

आईसीसी विमंस क्रिकेट वर्ल्ड कप नजदीक आने के साथ ही आगामी टूर्नामेंट के लिए टेलीविजन और ओटीटी दोनों पर विज्ञापन दरें बढ़ा दी गई हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 16 September, 2025
Last Modified:
Tuesday, 16 September, 2025
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अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंंज4मीडिया ।।

आईसीसी विमंस क्रिकेट वर्ल्ड कप नजदीक आने के साथ ही आगामी टूर्नामेंट के लिए टेलीविजन और ओटीटी दोनों पर विज्ञापन दरें बढ़ा दी गई हैं।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने पुष्टि की है कि टूर्नामेंट के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर और स्ट्रीमिंग पार्टनर जियोस्टार ने 2022 में आयोजित पिछले संस्करण की तुलना में विज्ञापन दरों में 10–15% की वृद्धि की है। यह बढ़ोतरी दर्शकों की अधिक अपेक्षाओं और इस प्रॉपर्टी में विज्ञापनदाताओं की बढ़ती रुचि को दर्शाती है।

ब्रॉडकास्टर के रेट कार्ड से परिचित सूत्रों के अनुसार, जियोस्टार टेलीविजन पर 10 सेकंड के स्लॉट के लिए 1.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक मांग रहा है, जबकि उसकी ओटीटी ऐप जियोहॉटस्टार पर विज्ञापन प्लेसमेंट की कीमत 500–600 रुपये प्रति सीपीएम (cost per mille) रखी गई है।

कार्यक्रम से जुड़े स्पॉन्सर्स की सूची अभी औपचारिक रूप से घोषित नहीं हुई है, लेकिन कई कैटेगरीज के ब्रैंड्स से बातचीत चल रही है। मीडिया खरीदारों के अनुसार FMCG, ई-कॉमर्स, कंज्यूमर टेक और वित्तीय सेवा क्षेत्र से जुड़े खिलाड़ी इस सूची में हावी रहेंगे।

एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने समझाया कि दरों में किया गया संशोधन इस बात का संकेत है कि विमंस क्रिकेट कितनी तेजी से एक मूल्यवान व्यावसायिक अवसर के रूप में विकसित हुआ है। उन्होंने कहा, “इस साल कीमतें लगभग 10–15% बढ़ी हैं। कारण है विमंस क्रिकेट में बढ़ती दिलचस्पी। विमेंस प्रीमियर लीग ने पहले ही दिखा दिया है कि प्रशंसक इसे देखने को उत्सुक हैं और ब्रैंड इसमें भाग लेने के इच्छुक हैं। वर्ल्ड कप इस गति को और बढ़ाएगा।”

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने कहा कि जियोस्टार का डुअल-डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल, यानी लीनियर टेलीविजन और डिजिटल स्ट्रीमिंग का संयोजन, विज्ञापनदाताओं के लिए एक और आकर्षण जोड़ता है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे दर्शकों की मीडिया देखने की आदतें (कुछ टीवी देखते हैं, कुछ मोबाइल/लैपटॉप पर ओटीटी) अलग-अलग हो रही हैं, वैसे में यह हाइब्रिड मॉडल (टीवी + डिजिटल) ब्रैंड्स को सभी तरह के दर्शकों तक पहुंचने का मौका देता है।

एक सीनियर मीडिया प्लानर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ब्रॉडकास्टर की मूल्य निर्धारण रणनीति टूर्नामेंट की खींच को लेकर बढ़ते भरोसे को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “विमंस क्रिकेट एक अनूठा मूल्य प्रस्ताव प्रदान करता है। यह पुरुषों और विमंसओं दोनों को आकर्षित करता है, इसका एक मजबूत आकांक्षी नैरेटिव है और पुरुषों के क्रिकेट की तुलना में अभी भी कम व्यावसायीकृत है। इससे यह विज्ञापनदाताओं के लिए एक कुशल विकल्प बनता है जो अलग दिखना चाहते हैं। दरों में बढ़ोतरी मूल रूप से इस प्रोडक्ट के दीर्घकालिक मूल्य पर दांव है।”

हालांकि ऑफिशियल स्पॉन्सर्स का इंतजार है, एक्सपर्ट्स का कहना है कि वास्तविक विज्ञापन दरें बातचीत पर निर्भर कर सकती हैं। इंडस्ट्री जगत की राय है कि प्रीमियम मूल्य निर्धारण इस बात का संकेत है कि जियोस्टार विमंस क्रिकेट की बढ़ती प्रतिष्ठा को कम करके नहीं आंकना चाहता।

विमंस क्रिकेट ने न केवल भारत में बल्कि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे बाजारों में भी लोकप्रियता हासिल की है। यह अंतरराष्ट्रीय आयाम इस प्रॉपर्टी को और वजन देता है और वैश्विक ब्रैंड्स के लिए प्रगतिशील खेल नैरेटिव से जुड़ने के अतिरिक्त अवसर पैदा करता है।

काउंटडाउन शुरू होने के साथ, जियोस्टार विमंस वर्ल्ड कप को स्पोर्ट और स्पॉन्सर दोनों के लिए एक शोकेस इवेंट के रूप में पेश कर रहा है। यदि बढ़ती रुचि पर उसका दांव सही साबित होता है, तो 2025 का संस्करण न केवल ब्रॉडकास्टर के लिए बल्कि भारत में विमंस क्रिकेट को एक व्यावसायिक प्रॉपर्टी के रूप में एक अहम मोड़ साबित कर सकता है।

30 सितंबर से शुरू होने वाला यह टूर्नामेंट विमंस क्रिकेट वर्ल्ड कप का 13वां संस्करण होगा। इसे संयुक्त रूप से श्रीलंका और भारत द्वारा आयोजित किया जाएगा। भारत के लिए यह चौथी बार होगा जब वह विमंस वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा, इससे पहले 1978, 1997 और 2013 में भारत इसकी मेजबानी कर चुका है। वहीं श्रीलंका पहली बार इस आयोजन की मेजबानी करेगा। 

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एशिया कप में भारत-पाक मैचों से जुड़ी विज्ञापन की अनोखी परंपरा, इस बार रही फीकी

टी20 अंतरराष्ट्रीय (T20I) फॉर्मेट में खेले जा रहे एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का 17वां संस्करण इस समय संयुक्त अरब अमीरात में चल रहा है, जो 9 सितंबर से 28 सितंबर तक आयोजित हो रहा है।

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Published - Monday, 15 September, 2025
Last Modified:
Monday, 15 September, 2025
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सौम्या गौरी, कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

टी20 अंतरराष्ट्रीय (T20I) फॉर्मेट में खेले जा रहे एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का 17वां संस्करण इस समय संयुक्त अरब अमीरात में चल रहा है, जो 9 सितंबर से 28 सितंबर तक आयोजित हो रहा है। जब भी भारत और पाकिस्तान क्रिकेट में आमने-सामने होते हैं, रोमांच केवल मैदान तक सीमित नहीं रहता। वर्षों से ये मैच कुछ सबसे यादगार विज्ञापनों को भी जन्म देते आए हैं।

यह सब 2011 वर्ल्ड कप से शुरू हुआ, जब स्टार स्पोर्ट्स ने अपना “आने दो” कैंपेन लॉन्च किया। इसमें क्रिकेट को एक नाट्य मंच के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसमें चतुराई, उत्सुकता और दोनों तरफ के प्रशंसकों का जोशीला उत्साह मिलाकर दिखाया गया।

लेकिन असली बदलाव चार साल बाद आया। साल 2015 में “मौका मौका” कैंपेन ने भारत में खेल विज्ञापन को नई दिशा दी। जो एक साधारण टीवी विज्ञापन के तौर पर शुरू हुआ था, वह अचानक ही पॉप कल्चर का हिस्सा बन गया। इससे सीक्वल बने, मीम्स बने और लोगों ने खुद अपने संस्करण तैयार किए।

इस विज्ञापन ने भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता को हास्य और मजाकिया अंदाज में पेश किया और एक ऐसा माहौल बनाया जिसमें एक-दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ तो थी, लेकिन वह उत्सव जैसा लगा, शत्रुता जैसा नहीं।

आने वाले वर्षों में, कोला वॉर, टेलीकॉम कंपनियों की नोकझोंक और सिनेमा जैसे ब्रॉडकास्टर फिल्मों ने इस प्रतिद्वंद्विता को जिंदा रखा, जिसमें हास्य और देशभक्ति के बीच संतुलन बनाया गया। 2017 में, स्टार स्पोर्ट्स के “सबसे बड़ा मोह” विज्ञापन ने भारत-पाक मैचों के अटूट खिंचाव को दिखाया, जिसमें क्रिकेट को ऐसी दीवानगी के रूप में चित्रित किया गया, जो महत्वाकांक्षा, ताने या प्रतिद्वंद्विता से भी कहीं ज्यादा ताकतवर है, सिर्फ एक शुद्ध सांस्कृतिक आकर्षण।

समय के साथ, ये विज्ञापन खुद में एक आयोजन बन गए, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबले को भारतीय विज्ञापन का “सुपर बाउल” बना दिया।

हालांकि इस साल माहौल स्पष्ट रूप से शांत रहा। कुछ सुरक्षित और रणनीतिक विज्ञापन तो सामने आए, लेकिन न तो कोई हाई-कॉन्सेप्ट फिल्म बनी, न मजाकिया नोकझोंक वाली कहानियां और न ही ब्रैंड्स के विस्तारित नैरेटिव।

यह अस्थायी ठहराव है या स्थायी बदलाव, यह अभी देखा जाना बाकी है। लेकिन एक बात साफ है: भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता से जन्मे विज्ञापनों ने अपनी गहरी छाप छोड़ी है, यह साबित करते हुए कि जब खेल और कहानी एक साथ आते हैं तो नतीजा आइकॉनिक हो सकता है। 

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पतंजलि बनाम डाबर: च्यवनप्राश विज्ञापन विवाद अब दिल्ली हाई कोर्ट डिवीजन बेंच पहुंचा

पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved Ltd.) ने दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ के उस पहले आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच का दरवाजा खटखटाया है

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 12 September, 2025
Last Modified:
Friday, 12 September, 2025
Patanjali7845

पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved Ltd.) ने दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ के उस पहले आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें कंपनी को अपने पतंजलि स्पेशल च्वनप्राश (Patanjali Special Chyawanpras) विज्ञापनों के कुछ हिस्से प्रसारित करने से रोका गया था।

3 जुलाई को, दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने Dabur India Ltd. (Dabur Chyawanprash की निर्माता कंपनी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए विज्ञापनों में prima facie (प्रथम दृष्टया) उत्पाद की निंदा का मामला पाया। कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव द्वारा सुनाए गए इन विज्ञापनों से यह प्रभाव बनता है कि केवल पतंजलि ही च्यवनप्राश बनाने के लिए आवश्यक आयुर्वेदिक या वैदिक ज्ञान रखता है।

न्यायाधीश ने रेखांकित किया कि च्यवनप्राश बनाने के लिए निर्माताओं के पास ऐसा ज्ञान होना कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है। आदेश में पतंजलि को निर्देश दिया गया कि विज्ञापन प्रसारित करने से पहले कुछ पंक्तियों को हटाए या संशोधित करे, जिनमें शामिल थीं:

जब केवल 40 जड़ी-बूटियों से बना साधारण च्यवनप्राश मिलता है, तो उससे क्यों संतुष्ट हों? 

जिन्हें आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान ही नहीं है … वे असली च्यवनप्राश कैसे बना पाएंगे?

तो फिर साधारण च्यवनप्राश क्यों?

इन संशोधनों के बाद कोर्ट ने कंपनी को अपना कैंपेन जारी रखने की अनुमति दे दी।

मामले का इतिहास

विवाद तब शुरू हुआ जब Dabur ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक वाणिज्यिक वाद (CS(COMM)1195/2024) दायर किया, यह आरोप लगाते हुए कि पतंजलि के च्यवनप्राश विज्ञापन उसके प्रमुख उत्पाद और पूरी श्रेणी की निंदा करते हैं। Dabur ने तर्क दिया कि इस अभियान से यह संकेत मिलता है कि अन्य निर्माता पारंपरिक तरीके से च्यवनप्राश बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान या प्रामाणिकता नहीं रखते।

याचिका पर कार्यवाही करते हुए, जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने 3 जुलाई का अंतरिम आदेश पारित किया और पतंजलि को आपत्तिजनक पंक्तियां हटाने के निर्देश दिए।

हालांकि, पतंजलि का कहना था कि उसके विज्ञापनों में कहीं भी Dabur का नाम नहीं लिया गया है और अब कंपनी इसी तर्क पर अपील में जोर दे रही है। यह मामला डिवीजन बेंच- जस्टिस सी. हरि शंकर और ओम प्रकाश शुक्ला के समक्ष सुना जा रहा है।

मामले के केंद्र में प्रतिस्पर्धी विज्ञापन और निंदा के बीच संतुलन है। जहां एकल पीठ के आदेश ने इस संभावना को रेखांकित किया कि विज्ञापनों में प्रतिद्वंद्वियों को “ordinary” या “inauthentic” बताकर उपभोक्ताओं को गुमराह किया जा सकता है, वहीं अब अपील यह परखेगी कि ये प्रतिबंध कितने मजबूत हैं।

इस मामले के नतीजे पर FMCG कंपनियां और विज्ञापनदाता बारीकी से नजर रख रहे हैं, क्योंकि यह तय कर सकता है कि तुलनात्मक विज्ञापन में ब्रांड कितनी दूर तक जा सकते हैं, खासकर जब प्रामाणिकता और परंपरा को बिक्री के बिंदु के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 

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डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग काउंसिल के चेयरपर्सन बने शांतनु सिरोही

टाइम्स इंटरनेट के चेयरमैन सत्यन गजवानी और गूगल में बिजनेस सॉल्यूशंस एंड इनसाइट्स की डायरेक्टर प्रिया चौधरी को नए को-चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है।

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Published - Thursday, 11 September, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 September, 2025
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डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग काउंसिल ने इंटरएक्टिव एवेन्यूज के सीईओ शांतनु सिरोही को नया चेयरपर्सन नियुक्त किया है।

टाइम्स इंटरनेट के चेयरमैन सत्यन गजवानी और गूगल में बिजनेस सॉल्यूशंस एंड इनसाइट्स की डायरेक्टर प्रिया चौधरी को नए को-चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा।

अपनी नियुक्ति पर शांतनु सिरोही ने कहा, “IAMI डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग काउंसिल के चेयरमैन के रूप में सेवा करना मेरे लिए सम्मान और एक रोमांचक अवसर है। एजेंसियों, पब्लिशर्स, ऐड-टेक प्रोवाइडर्स और ब्रांड्स के बीच सहयोग एक ऐसे डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग भविष्य को विकसित करने में मदद कर सकता है जो नवाचार, प्रभावशीलता, पारदर्शिता और सकारात्मक ग्राहक अनुभव पर जोर देता हो। फोकस जिम्मेदार इंडस्ट्री ग्रोथ को बढ़ावा देने, यह सुनिश्चित करने पर होगा कि डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियां प्रभावी बनी रहें और सभी हितधारकों के लिए मूल्य प्रदान करें।”

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