अगर रूस, युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे रक्तपात बहुत जल्दी रुक जाएगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का लगातार दावा करते रहे ट्रंप ने अब संयुक्त राष्ट्र के मंच से यह दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में अपने इस कार्यकाल के सात महीनों के भीतर उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत सात युद्धों को खत्म कराया है।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने वह कर दिखाया है जिसे कई लोग असंभव मानते थे। कहा कि उन्होंने ऐसे युद्ध रुकवाए जिनके खत्म होने की कोई संभावना नहीं थी। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी अजीबोगरीब बातों से सबको चौंका दिया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 7 न खत्म होने वाले युद्ध ख़त्म कर दिए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान का मुद्दा भी शामिल है। ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इसमें कोई मदद नहीं की। उनके अनुसार, यूएन से मुझे सिर्फ़ एक खराब एस्केलेटर और खराब टेलीप्रॉम्प्टर ही मिला।
ट्रंप ने यहाँ तक कह दिया कि सब लोग कहते हैं कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। सवाल यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ज़मीन पर लाने और सच्चाई दिखाने वाला कौन होगा? आपको बता दें, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर रूस, युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे रक्तपात बहुत जल्दी रुक जाएगा।
Breaking now: ‘I HAVE ENDED WARS!’ So Donald Trump does it again this time at United Nations General Assembly. Claims that he has ended 7 unending wars INCLUDING India-Pakistan. Says United Nations did nothing to help. ‘All I got from UN was a ‘bad escalator’ and a ‘bad…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 23, 2025
जेल में बिताए कठिन दिनों का बदला लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बदला तो दुश्मनों से लिया जाता है। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी अच्छा व्यवहार किया।
सपा नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। आजम ने जेल से निकलने के बाद बसपा में जाने के सवाल पर कहा, यह अटकलें लगाने वाले ही बता सकते हैं। मैं जेल में किसी से नहीं मिला। फोन करने तक की इजाजत नहीं थी। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, अखिलेश यादव के लिए जेल में बंद आजम खान ज़्यादा मुफ़ीद थे या जेल से बाहर आकर, यह देखना बाक़ी है। जेल में बंद आज़म ने तय किया होगा कि जेल से बाहर आकर उनकी राजनीति सपा के साथ होगी या फिर कोई नया ठिकाना तलाशेंगे। आजम अखिलेश को कमजोर करेंगे तो बाहर रहेंगे, यदि अखिलेश के हाथ मजबूत करेंगे तो फिर अंदर कर दिए जाएंगे।
यूपी का चुनाव ज़्यादा दूर नहीं है। जिस दिन पाकिस्तान के जन्म को एक साल हुआ था, ठीक उसी दिन भारत में आज़म ख़ान का जन्म हुआ था। 14 अगस्त 1948 को। 77 साल के हो चुके आज़म खान के पास राजनीति करने का ज़्यादा वक़्त नहीं है। सपा में रहेंगे, बसपा में जाएँगे या अपना दल बनाएगे, देखना बाक़ी है।
आज़म खान के लिए अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने से ज़्यादा ज़रूरी अपनी सम्पत्ति बचाना और बेटों की राजनीति सुरक्षित रखना है। जेल में इंसान को आत्मचिंतन करने का पूरा समय मिलता है।आजम खान के जेल के अंदर आत्मचिंतन से क्या निकल कर आता है, वह आज़म के जेल से बाहर आने पर ही मालूम चलेगा।
फिलहाल आज़म की आजादी अखिलेश के लिए क्या लेकर आती है, यह आज़म के आजाद आदमी बनने के बाद पता चलेगा। आपको बता दें, जेल में बिताए कठिन दिनों का बदला लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बदला तो दुश्मनों से लिया जाता है। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी अच्छा व्यवहार किया।
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान आखिरकार 23 महीनों से सलाखों के पीछे रहने के बाद यूपी की सीतापुर जेल से बाहर आ रहे हैं।
— sameer chougaonkar (@semeerc) September 23, 2025
अखिलेश यादव के लिए जेल में बंद आजम खान ज़्यादा मुफ़ीद थे या जेल से बाहर आकर।यह देखना बाक़ी है।
जेल में बंद आज़म ने तय किया होगा कि जेल से बाहर आकर उनकी…
मैं 50 रन बनाने के बाद बहुत ज्यादा सेलिब्रेशन नहीं करता। लेकिन अचानक मेरे मन में आया कि चलो आज सेलिब्रेशन करते हैं। मैंने किया। मुझे नहीं पता कि लोग उसे कैसे लेंगे।
भारत के खिलाफ सुपर 4 मैच में पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज साहिबजादा फरहान ने 45 गेंदों में 58 रन की पारी खेली थी। अर्धशतक जड़ने के बाद फरहान ने बैट को एके-47 के अंदाज में थामकर जश्न मनाया। पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने सैलानियों का धर्म पूछकर चुन-चुनकर पुरुषों को उनकी पत्नी और यहां तक कि बच्चों के सामने गोली मारी थी।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने भी अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने कहा, पाकिस्तान में कोई 'सिविल सोसाइटी' नाम की चीज़ नहीं है। अगर होती, तो आम पाकिस्तानी लोग आतंकवाद और युद्ध भड़काने की इस हिमायत की निंदा करते। भारत में जो लोग पाकिस्तानी राज्य और वहाँ के दबे-कुचले नागरिकों के बीच फ़र्क करने की कोशिश करते हैं, उन्हें अब अपनी ग़लतफ़हमी दूर कर लेनी चाहिए।
आपको बता दें, पाकिस्तानी क्रिकेटर साहिबजादा फरहान ने निर्लज्जता दिखाई है। पहले क्रिकेट के मैदान में बल्ले को AK-47 के अंदाज में थामकर 'आतंकी सोच' का प्रदर्शन किया, फिर बेशर्मी में उसका बचाव भी किया। पाकिस्तानी खिलाड़ी ने कहा, मैं 50 रन बनाने के बाद बहुत ज्यादा सेलिब्रेशन नहीं करता। लेकिन अचानक मेरे मन में आया कि चलो आज सेलिब्रेशन करते हैं। मैंने किया। मुझे नहीं पता कि लोग उसे कैसे लेंगे।
THERE IS NO "CIVIL" SOCIETY IN PAK.
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) September 22, 2025
If there was many ordinary Pakistanis would have condemned this endorsement of terrorism & war-mongering. Those in India who like to draw a distinction between the Pak state and its oppressed civilians need to wipe the egg off their faces. pic.twitter.com/XqZbvW1e9D
यह पाकिस्तान की फितरत है। जब मुनीर जंग हार कर फील्ड मार्शल बन सकता है तो फरहान और हारिस को क्रिकेट के मैदान में पिट कर नायक बनने की कोशिश करने से कौन रोक सकता है।
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में कहा है कि हमें अब भारत बनाम पाकिस्तान मैचों को राइवलरी कहना बंद कर देना चाहिए।अगर दो टीमों ने 15 मैच खेले हैं और स्कोर 8-7 है, तो वह एक राइवलरी है। यहां यह 12-3 है। कोई मुकाबला ही नहीं है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने भी अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने कहा, सूर्यकुमार यादव की यह बात बिल्कुल सही है कि पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में अब पहले जैसा दम नहीं है। खेल के मैदान में हार-जीत होती रहती है, लेकिन पाकिस्तान ने क्रिकेट के मैदान को युद्धभूमि में बदलने की कोशिश की। कभी बंदूक चलाने का संकेत किया तो कभी लड़ाकू विमानों को गिराने का इशारा किया।
यह केवल झुंझलाहट है और कुछ नहीं। यह पाकिस्तान की फितरत है। जब मुनीर जंग हार कर फील्ड मार्शल बन सकता है तो फरहान और हारिस को क्रिकेट के मैदान में पिट कर नायक बनने की कोशिश करने से कौन रोक सकता है। पहले दस ओवर में जब पाकिस्तान की टीम ठीक-ठाक बल्लेबाज़ी कर रही थी, तब पाकिस्तानी टिप्पणीकार अपनी टीम को आक्रामक और अत्यंत प्रतिभाशाली बता रहे थे।
अगले दस ओवर में जब वे रन नहीं बना पाए और जब पहले ही ओवर में अभिषेक शर्मा ने पाकिस्तान के प्रमुख गेंदबाज़ शाहीन अफरीदी की धुनाई की, तब यही टिप्पणीकार पाकिस्तानी टीम के अनुभवहीन होने का रोना रोने लगे।
जब अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल ने पाकिस्तान के गेंदबाज़ों पर शानदार क्रिकेटीय प्रहार करते हुए तेज़ी से रन बनाए तो पाकिस्तानी टिप्पणीकारों के पास उनकी प्रशंसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। हालांकि मेरी राय शुरू से यही रही कि पाकिस्तान की टीम के साथ मैच खेलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
लेकिन जिस प्रकार भारतीय टीम ने दो मुकाबलों में पाकिस्तान को रुलाया, उसे देखकर यह शिकायत समाप्त हो गई। ऐसा प्रतीत हुआ कि अधिक उछलने वाले पाकिस्तान को क्रिकेट के मैदान में बुरी तरह हराकर एक सशक्त संदेश दिया गया।
सूर्यकुमार यादव की ये बात सही है कि पाकिस्तान की cricket team में अब पहले जैसा दम नहीं है. खेल के मैदान में हार-जीत होती रहती है लेकिन पाकिस्तानियों ने cricket field को battlefield में बदलने की कोशिश की. कभी बंदूक का इशारा किया तो कभी fighter planes गिराने का इशारा किया. ये… pic.twitter.com/TIUcnlt3cL
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) September 22, 2025
4 अगस्त से 4 सितंबर 2025 तक पहले उनसे 12 करोड़ 84 लाख रुपये लिए गए। फिर 9 करोड़ 90 लाख। ऐसे करते करते उनसे टोटल 22 करोड़ 92 लाख रुपये ठग लिए गए।
दिल्ली के गुलमोहर पार्क निवासी 78 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी नरेश मल्होत्रा डिजिटल फ्रॉड का शिकार हो गए। धोखेबाज़ों ने खुद को पुलिस, CBI और ED अधिकारी बताकर उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी दी और 4 अगस्त से 4 सितंबर के बीच उनसे लगभग ₹22.92 करोड़ की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाई।
ठगों ने नकली दस्तावेज़, वीडियो कॉल्स और गिरफ्तारी के फर्जी आदेश दिखाकर उन्हें डराया। दिल्ली पुलिस की IFSO शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है। दरअसल, पूर्व बैंकर नरेश मल्होत्रा को 1 अगस्त की शाम 4 बजे खुद को एयरटेल हेडक्वाटर से बताने वाली एक महिला का कॉल आया।
बोली कि आपका लैंडलाइन नंबर कोंप्रोमाइज हो गया है। उससे मुंबई में एक-एक नंबर खुल गया है और बाइक्ला में आपके आधार से बैंक एकाउंट खोले गए हैं और उसी से पुलवामा केस में 1300 करोड़ की टेरर फंडिंग हुई है। 4 अगस्त से 4 सितंबर 2025 तक पहले उनसे 12 करोड़ 84 लाख रुपये लिए गए। फिर 9 करोड़ 90 लाख। ऐसे करते करते उनसे टोटल 22 करोड़ 92 लाख रुपये ठग लिए गए।
इसका कुल अंकगणित यह है कि 45813 करोड साल भर में केवल कर्ज और सूद में ही चले जाएगे। जब तक 'नोट दो और वोट लो' की राजनीति है, यह हालात राज्यों के होना ही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधासभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सरकार हर विकास मित्र को टैबलेट खरीदने के लिए 25,000 रुपये की एकमुश्त मदद देगी, जिससे उनका काम और आसान हो जाएगा। इसके अलावा, अब विकास मित्रों को हर महीने मिलने वाला भत्ता भी बढ़ा दिया गया है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, राजनीति में रेवड़ी कल्चर का जनक भले ही अरविंद केजरीवाल को माना जाता हो, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रेवड़ी कल्चर के भीष्म पितामह बनने जा रहे है। रोज़ एक घोषणा कर रहे है।
अब तक 35 से ज़्यादा घोषणा कर चुके है। उधार लेकर घी पीना और राज्य को कर्ज में डूबाना नीतीश का प्रिय शग़ल बन गया है। नोट दिखाकर बस वोट मिलने चाहिए भले ही राज्य कर्ज में दम तोड़ दें। नीतीश सरकार ने पिछले दिनों ही 16 हजार करोड़ कर्ज रिजर्व बैक से लिया है।
राज्य की यह मांग पिछले साल से चार हजार करोड़ ज्यादा है। 2024 के जुलाई सिंतंबर में बिहार ने 12 हजार करोड़ रूपये लोन के तौर पर लिए थे। चुनाव से पहले लोक लुभावन योजनाओं के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त पैसो की जरूरत है। 2024-25 तक बिहार सरकार 3 लाख 62 हजार 36 करोड का लोन ले चुकी है।
2025-26 के बीच लगभग 44 हजार करोड लेने की योजना है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक बिहार सरकार पर कर्ज 4 लाख 06 हजार 470 करोड का है। बिहार सरकार को हर दिन 63 करोड रूपये सूद के रूप में चुकाने पडेगे।
इसी तरह कर्ज के मूलधन का 22820 करोड रूपये भी इस वित्तीय वर्ष में बिहार सरकार को चुकाना है। इसका कुल अंकगणित यह है कि 45813 करोड साल भर में केवल कर्ज और सूद में ही चले जाएगे। जब तक 'नोट दो और वोट लो' की राजनीति है, यह हालात राज्यों के होना ही है।
राजनीति में रेवड़ी कल्चर का जनक भले ही अरविंद केजरीवाल को माना जाता हो, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रेवड़ी कल्चर के भीष्म पितामह बनने जा रहे है। रोज़ एक घोषणा कर रहे है। अब तक 35 से ज़्यादा घोषणा कर चुके है।
— sameer chougaonkar (@semeerc) September 20, 2025
उधार लेकर घी पीना और राज्य को कर्ज में डूबाना नीतीश का प्रिय…
यह क्षति अपूरणीय है। उनकी कला और यादें हमें हमेशा याद दिलाती रहेंगी कि सच्चा कलाकार कभी जाता नहीं, उसकी धुनें अमर रहती हैं। जुबिन दा को भावभीनी श्रद्धांजलि।
असम के मशहूर गायक जुबिन गर्ग की शुक्रवार को सिंगापुर में ‘स्कूबा डाइविंग’ के दौरान मौत हो गई। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट करते हुए शोक प्रकट किया। उन्होंने लिखा, जुबिन गर्ग के निधन की खबर संगीत जगत के लिए गहरा आघात है।
उनकी आवाज़ ने असमिया और हिंदी संगीत को एक नई पहचान दी। उन्होंने न सिर्फ गायक के रूप में, बल्कि संगीतकार और अभिनेता के रूप में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उनके गीत हमेशा दिलों में गूंजते रहेंगे और नई पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे। यह क्षति अपूरणीय है। उनकी कला और यादें हमें हमेशा याद दिलाती रहेंगी कि सच्चा कलाकार कभी जाता नहीं, उसकी धुनें अमर रहती हैं।
जुबिन दा को भावभीनी श्रद्धांजलि। आपको बता दें, जुबिन गर्ग सिंगापुर में 20 और 21 सितंबर को होने वाले चौथे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने पहुंचे थे। हादसे से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर प्रशंसकों को कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। इस दौरान उन्होंने नॉर्थ ईस्ट की सांस्कृतिक धरोहर, कृषि उत्पाद, हस्तशिल्प, चाय, नृत्य और संगीत कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी थी।
जुबिन गर्ग के निधन की खबर संगीत जगत के लिए गहरा आघात है। उनकी आवाज़ ने असमिया और हिंदी संगीत को एक नई पहचान दी। उन्होंने न सिर्फ गायक के रूप में, बल्कि संगीतकार और अभिनेता के रूप में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उनके गीत हमेशा दिलों में गूंजते रहेंगे और नई पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे।… pic.twitter.com/DVEvPE394Z
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) September 19, 2025
मामला तूल पकड़ने के बाद चीफ जस्टिस गवई ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने दोहराया कि वह सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में खजुराहो के जवारी मंदिर से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई ने याचिकाकर्ता से कहा, अगर आप भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हैं तो प्रार्थना कीजिए, ध्यान कीजिए। आप कहते हैं कि वो सर्वशक्तिमान हैं, तो उनसे ही मदद माँगिए।
कोर्ट की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई और इसे कई लोगों ने धार्मिक भावनाओं की अनदेखी बताया। इस बीच पत्रकार और एंकर मीनाक्षी जोशी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपने मन की बात कही।
उन्होंने लिखा, क्या है न! देश की बहुसंख्यक आबादी का कोर्ट पर बहुत विश्वास है। सिर्फ भगवान से ही प्रार्थना करनी होती तो कोर्ट में कोई केस जाता ही नहीं । कोई कितना भी शिक्षित क्यों ना हो व्यक्ति को अहंकारी नहीं होना चाहिए। आपको बता दें, मामला तूल पकड़ने के बाद चीफ जस्टिस गवई ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने दोहराया कि वह सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं।
क्या है न!, देश की बहुसंख्यक आबादी का कोर्ट पर बहुत विश्वास है। सिर्फ़ भगवान से ही प्रार्थना करनी होती तो कोर्ट में कोई केस जाता ही नहीं । कोई कितना भी शिक्षित क्यों ना हो व्यक्ति को अहंकारी नहीं होना चाहिए ।
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) September 18, 2025
भारतीय चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा के राहुल गांधी के नए आरोपों को खारिज करने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से बहाने बनाना बंद करने का आग्रह किया।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ अपने अभियान को लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बताते हुए उम्मीद जताई है कि देश के युवा, छात्र तथा जेनरेशन-जेड वोट चोरी को रोकेगा। 'एक्स' (X) पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि देश के युवा, देश के छात्र, देश की जेन-जेड संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं।
उनकी इस पोस्ट पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने लिखा, 'राहुल गांधी जी की यह पोस्ट बता रही है कि वह भारत में भी नेपाल और बांग्लादेश करवाना चाहते हैं। उन्होंने जेन जी, युवा, स्टूडेंट इसीलिए लिखा है। हालांकि भारत जैसे देश में यह संभव नहीं लेकिन इस तरह की बात करके राहुल गांधी साबित कर रहे हैं कि वह क्या चाहते हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और देश की सबसे दूसरी सबसे बड़ी पार्टी की ऐसी सोच खतरनाक है। वे भूल रहे हैं कि नेपाल में जेन जी और युवाओं ने सभी दलों के राजनीतिक नेताओं को बेइज्जत किया और नकार दिया।' आपको बता दें, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा के राहुल गांधी के नए आरोपों को खारिज करने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से बहाने बनाना बंद करने का आग्रह किया।
राहुल गांधी जी की यह पोस्ट बता रही है कि वह भारत में भी नेपाल और बांग्लादेश करवाना चाहते हैं। उन्होंने जेन जी, युवा, स्टूडेंट इसीलिए लिखा है। हालांकि भारत जैसे देश में यह संभव नहीं लेकिन इस तरह की बात करके राहुल गांधी साबित कर रहे हैं कि वह क्या चाहते हैं। लोकसभा में विपक्ष के… https://t.co/23KAQWzL22
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) September 18, 2025
भारत को अगर खिताबी मुकाबले में जगह बनानी है तो कम से कम दो मैच जीतने होंगे, हालांकि इसके बाद भी पेंच नेट रन रेट पर फंस सकता है। ऐसे में टीम इंडिया की नजरें क्लीन स्वीप पर होगी।
श्रीलंका और अफगानिस्तान के बीच एशिया कप 2025 ग्रुप बी का आखिरी मुकाबला खेला गया। इस मैच में अफगानिस्तान को करारी हार मिली और टीम के सुपर 4 में जाने का सपना टूट गया। श्रीलंका की टीम ने ग्रुप बी के आखिरी लीग मैच में अफगानिस्तान को 6 विकेट से हरा दिया।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, इंडिया बनाम श्रीलंका एशिया कप फाइनल अगले वीकेंड? भारत अपनी ही लीग में है, वहीं श्रीलंका के पास कुछ बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं, खासकर दोनों मेंडिस बल्लेबाज़, साथ ही अच्छे स्पिनर भी हैं।
पाकिस्तान उतना मज़बूत नहीं दिख रहा और बांग्लादेश भी स्तर पर खरा नहीं उतर पा रहा है। आपको बता दें, टीम इंडिया को सुपर-4 में पाकिस्तान के अलावा अब श्रीलंका और बांग्लादेश से भिड़ना है। यह तीन मैच फाइनल की राह तय करेंगे। भारत को अगर खिताबी मुकाबले में जगह बनानी है तो कम से कम दो मैच जीतने होंगे, हालांकि इसके बाद भी पेंच नेट रन रेट पर फंस सकता है। ऐसे में टीम इंडिया की नजरें क्लीन स्वीप पर होगी।
Cricket gyaan: India vs Sri Lanka Asia Cup final next weekend? India in a league of its own, Sri Lanka have some quality batsman esp the 2 Mendis batters plus decent spinners . Pakistan not good enough and Bangladesh not quite upto it either . ????
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 18, 2025
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्र सरकार पर सिख धर्मावलंबियों की आस्था की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसे एक 'अनुचित और निराशाजनक कदम' बताया है।
केंद्र सरकार ने सुरक्षा स्थिति को लेकर सिख श्रद्धालुओं के पाकिस्तान स्थित पवित्र स्थलों, खासकर ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब की यात्रा पर रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय ने पंजाब सहित सीमा वाले अन्य राज्यों को 12 सितंबर को बताया कि इस वर्ष गुरु नानक देव जी की प्रकाश जयंती पर 'सिख जत्था' भेजना संभव नहीं होगा।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपने मन की बात कही। उन्होंने लिखा, श्रद्धालुओं को तो रोका जा सकता है, लेकिन क्रिकेट मैच आराम से चलते रहेंगे।
हाँ, क्रिकेट मैच यूएई में हो रहे हैं, लेकिन ननकाना साहिब जाने वाला जत्था एक प्राचीन और पूजनीय परंपरा है, जिसे ज़रूर बचाया जाना चाहिए। कुछ परंपराएँ ऐसी होती हैं, जिन्हें आपसी दुश्मनी से ऊपर उठकर निभाया जाना चाहिए। श्रद्धालु और उनका विश्वास देशों के बीच के खींचतान में कुर्बान नहीं होना चाहिए।
आपको बता दें, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्र सरकार पर सिख धर्मावलंबियों की आस्था की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसे एक 'अनुचित और निराशाजनक कदम' बताया है।
Story that caught the eye: Centre says it will not be possible to send Sikh pilgrims to Nankana Sahib in Pakistan this year for Guru Nanak Jayanti because of ‘security situation’. So pilgrims can be stopped but cricket matches will happily carry on! Yes, matches are in UAE but…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 16, 2025