शेयरचैट ने नितिन जैन को चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर किया नियुक्त

शेयरचैट (ShareChat) ने नितिन जैन को अपना नया चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (Chief Technology Officer) नियुक्त किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 10 December, 2024
Last Modified:
Tuesday, 10 December, 2024
NitinJain7845


शेयरचैट (ShareChat) ने नितिन जैन को अपना नया चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (Chief Technology Officer) नियुक्त किया है। इस भूमिका में नितिन, शेयरचैट और इसके शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म 'मोज' (Moj) पर तकनीक के विकास और अनुप्रयोग की जिम्मेदारी संभालेंगे।

नितिन जैन एक अनुभवी तकनीकी विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने विज्ञापन, ई-कॉमर्स, फिनटेक और उन्नत डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में कई बदलावकारी परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। उन्होंने शुरुआती विचारों को विकसित कर प्रभावशाली वैश्विक मंचों में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अपने करियर में नितिन ने Tokopedia, Gojek और हाल ही में TikTok जैसे प्रतिष्ठित संगठनों में काम किया है। उन्होंने शून्य से तकनीकी व्यवसायों को खड़ा करने और उन्हें तेजी से बढ़ाने का अनुभव हासिल किया है। उनकी विशेषज्ञता कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन और आधुनिक देवऑप्स प्रथाओं जैसे अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में है।

नितिन के स्वागत में शेयरचैट और मोज के सीईओ व को-फाउंडर अंकुश सचदेवा ने कहा, “नितिन एक वैश्विक तकनीकी लीडर हैं, जिनके पास विभिन्न क्षेत्रों और भौगोलिक क्षेत्रों में काम करने का दो दशकों से अधिक का अनुभव है। शेयरचैट और मोज में विकास के अगले अध्याय की शुरुआत के लिए नितिन का अनुभव और तकनीकी व्यवसायों को स्केल करने की उनकी सिद्ध क्षमता गेम-चेंजर साबित होगी। उनके टीम में शामिल होने और हमारे तकनीकी संगठन का नेतृत्व करने को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं।”

अपनी नियुक्ति पर नितिन जैन ने कहा, “मैं ग्राहक-केंद्रित उत्पादों को विकसित करने के लिए अत्यधिक जुनूनी हूं, जो नवाचार और तकनीकी अनुप्रयोगों के माध्यम से वास्तविक मूल्य प्रदान करते हैं। शेयरचैट के साथ काम करने और इतने प्रतिभाशाली टीम से सीखने का अवसर मेरे लिए बेहद रोमांचक है। मैं अपने अनुभव का उपयोग करके हमारे बढ़ते उपयोगकर्ताओं और क्रिएटर्स समुदाय को एक अत्यधिक व्यक्तिगत सामाजिक अनुभव प्रदान करने के लिए तत्पर हूं।”

यह नियुक्ति शेयरचैट और मोज के लिए तकनीकी क्षेत्र में नवाचार और विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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WhatsApp ला रहा नया Chat Clearing फीचर: स्टोरेज मैनेजमेंट होगा आसान

WhatsApp अपने नए बीटा वर्जन में एक उन्नत चैट क्लियरिंग फीचर टेस्ट कर रहा है, जिसके बाद यूजर्स फोटो, वीडियो, डॉक्यूमेंट और मैसेज को अलग-अलग चुनकर डिलीट कर सकेंगे।

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Published - Friday, 14 November, 2025
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Friday, 14 November, 2025
WhatsApp

WhatsApp ने यूजर्स के चैट और स्टोरेज मैनेजमेंट को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। WabetaInfo की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी एंड्रॉइड 2.25.34.5 बीटा वर्जन में एक नया Chat Clearing फीचर टेस्ट कर रही है।

यह फीचर यूजर्स को किसी विशेष चैट में मौजूद फोटो, वीडियो, टेक्स्ट मैसेज और डॉक्यूमेंट को अलग-अलग कैटेगरी में चुनकर हटाने की सुविधा देगा, जिससे चैट क्लीनअप पहले से कहीं आसान हो जाएगा। नए फीचर में एक बॉटम-शीट इंटरफेस शामिल किया गया है।

इसमें मैसेज हटाने से पहले यूजर देख पाएगा कि वह वास्तव में क्या डिलीट करने जा रहा है। इससे पूरी चैट मिटाने के बजाय सिर्फ ज़रूरी फाइलें या मैसेज हटाना संभव होगा। खास बात यह है कि इसमें रियल-टाइम स्टोरेज डिस्प्ले भी दिखाई देगा, जो बताएगा कि डिलीट करने के बाद कितनी मेमोरी खाली होगी।

यह सुविधा ग्रुप चैट्स के लिए बेहद उपयोगी होगी, जहां बड़े वीडियो और ऑडियो फाइलें जल्दी स्पेस घेर लेती हैं। नए अपडेट में स्टार वाले मैसेज को मैनेज करना भी सरल हो गया है। यदि कोई यूजर पूरी चैट क्लियर करना चाहता है लेकिन स्टार किए गए खास मैसेज या फाइलों को बचाना चाहता है, तो व्हाट्सऐप एक अतिरिक्त प्रॉम्प्ट दिखाएगा जिससे यूजर चुन सकेगा कि स्टार्ड आइटम्स को रखना है या हटाना।

इसके अलावा 'Clear Chat' विकल्प को भी आसान लोकेशन देकर चैट इंफो स्क्रीन के नीचे शिफ्ट किया गया है, जैसा कि iOS पर लंबे समय से मौजूद है।

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'Meta' ने पेश किया 'Omnilingual ASR', दुनिया का पहला AI स्पीच मॉडल

मेटा ने नया Omnilingual ASR मॉडल लॉन्च किया है, जो 1600 से अधिक भाषाओं और बोलियों को पहचानने में सक्षम है। यह AI स्पीच तकनीक को उन लोगों तक भी पहुंचाएगा, जो सिर्फ अपनी स्थानीय भाषाएं बोलते हैं।

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Published - Thursday, 13 November, 2025
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Thursday, 13 November, 2025
metaaimodel

मार्क जुकरबर्ग की कंपनी Meta ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए Omnilingual ASR (ऑम्नीलिंगुअल ऑटोमैटिक स्पीच रिकग्निशन) मॉडल लॉन्च किया है। यह मॉडल भाषा और एआई के संयोजन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला माना जा रहा है क्योंकि यह उन उपयोगकर्ताओं को भी आवाज़ आधारित AI सुविधाओं से जोड़ देगा, जो अंग्रेजी जैसी प्रमुख भाषाएं नहीं बोलते।

मेटा का दावा है कि यह दुनिया का पहला AI स्पीच मॉडल है जो 1600 से अधिक भाषाओं और बोलियों को समझने और पहचानने में सक्षम है। विशेष बात यह है कि इनमें 500 से अधिक दुर्लभ और कम संसाधन वाली भाषाएं शामिल हैं। ऐसी भाषाएं जिनके डिजिटल रिकॉर्ड भी बहुत कम उपलब्ध हैं।

अब उपयोगकर्ता अब अपनी स्थानीय भाषा या बोली में AI से बात कर सकेंगे। ग्रामीण और क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले भी तकनीक का समान रूप से लाभ उठा पाएंगे। AI उनके सवालों के जवाब उनकी ही भाषा में देगा। यह मॉडल छत्तीसगढ़ी, अवधी, तमिल, बंगला और कई प्राचीन बोलियों को भी पहचानता है।

AI स्पीच तकनीक की पहुंच कई गुना बढ़ जाएगी। Meta का यह नया मॉडल एक मल्टीलिंगुअल ढांचे पर आधारित है। पारंपरिक AI मॉडल किसी एक भाषा के बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित किए जाते हैं, जबकि दुर्लभ भाषाओं के लिए डेटा उपलब्ध नहीं होता। लेकिन Meta ने ऐसे एल्गोरिदम का उपयोग किया है जो भाषाओं के बीच समान पैटर्न ढूंढकर बेहद कम डेटा में भी सीख सके।

यह सिस्टम एक ही मॉडल में सभी भाषाओं को प्रोसेस करता है और विभिन्न भाषाई इनपुट पर तुरंत प्रतिक्रिया देता है। इससे यह उन उपयोगकर्ताओं के लिए भी उपयोगी बनता है जो अपनी मातृभाषा में ही AI का उपयोग करना पसंद करते हैं।

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YouTube ने लॉन्च किया नया ‘Ask’ बटन : AI से पूछ सकेंगे वीडियो से जुड़े सवाल

YouTube ने दर्शकों के लिए एक नया ‘Ask’ बटन फीचर शुरू किया है, जो Google Gemini AI द्वारा संचालित है। इस फीचर से यूजर्स वीडियो से संबंधित सवाल पूछ सकते हैं, उसका सारांश ले सकते हैं।

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Published - Wednesday, 12 November, 2025
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Wednesday, 12 November, 2025
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वीडियो प्लेटफॉर्म YouTube लगातार अपने यूजर्स के अनुभव को और बेहतर बनाने में जुटा हुआ है। अब कंपनी ने एक नया AI-आधारित फीचर ‘Ask’ बटन लॉन्च किया है, जो Google Gemini AI की मदद से काम करेगा। यह फीचर दर्शकों को किसी भी वीडियो के कंटेंट के साथ सीधे इंटरैक्ट करने का मौका देता है।

‘Ask’ बटन की मदद से यूजर्स वीडियो के बारे में सवाल पूछ सकते हैं, उसका सारांश (Summary) जान सकते हैं, मुख्य बिंदुओं पर चर्चा कर सकते हैं, और यहां तक कि वीडियो पर आधारित क्विज़ में भी हिस्सा ले सकते हैं। यह बटन फिलहाल वीडियो प्लेयर के नीचे, “Share” और “Download” ऑप्शन के बीच देखा जा सकता है।

फीचर फिलहाल iPhone, Android और Windows पर उपलब्ध है। जैसे ही यूजर ‘Ask’ बटन पर क्लिक करते हैं, एक पॉप-अप चैट विंडो खुलती है। इसमें यूजर अपने सवाल टाइप कर सकते हैं या फिर सुझाए गए प्रॉम्प्ट जैसे “Summarise this video” या “Show related topics” को चुन सकते हैं।

AI इसके जवाब Large Language Models (LLMs) की मदद से देता है, जो बिल्कुल इंसान जैसी प्राकृतिक भाषा में उत्तर तैयार करता है। YouTube ने पुष्टि की है कि यह फीचर 18 वर्ष से अधिक उम्र के यूजर्स के लिए अंग्रेज़ी भाषा में उपलब्ध है। वर्तमान में यह फीचर अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड और भारत के दर्शकों के लिए रोलआउट किया जा चुका है और इसे प्रीमियम व नॉन-प्रीमियम दोनों यूजर्स एक्सेस कर सकते हैं।

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Apple 2026 में लॉन्च करेगा अपना पहला OLED MacBook Pro: होंगे ये बड़े बदलाव

एप्पल 2026 के अंत तक अपना पहला OLED पैनल वाला MacBook Pro पेश करने की तैयारी में है। नए मॉडल्स में M6 Pro और M6 Max चिप, पतले बेज़ल और बदला हुआ डिजाइन मिलेगा।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 11 November, 2025
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Tuesday, 11 November, 2025
applemakbook

टेक दिग्गज Apple अपने MacBook Pro लाइनअप में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी 2026 के आखिरी महीनों में अपना पहला OLED डिस्प्ले वाला MacBook Pro लॉन्च कर सकती है। यह बदलाव MacBook लाइन में वर्षों बाद सबसे बड़ी तकनीकी शिफ्ट माना जा रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाला OLED MacBook Pro एप्पल के अगले-जनरेशन चिपसेट M6 Pro और M6 Max के साथ पेश किया जाएगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि Apple इन मॉडल्स में पतले बेज़ल, हल्का चेचिस और संभवतः इंबिल्ट 5G सपोर्ट भी जोड़ सकता है। यह बदलाव 2021 के बाद MacBook Pro में आने वाला सबसे बड़ा डिजाइन अपडेट होगा।

डायनामिक आइलैंड नॉच की जगह कोई नया डिजाइन एलीमेंट आ सकता है। हालांकि, MacBook Pro के बेस मॉडल में बदलाव की उम्मीद नहीं है। इस समय Apple 14-इंच M5 चिप वाले बेस मॉडल के अलावा 14-इंच और 16-इंच मॉडल बेचता है, जो M4 Pro और M4 Max चिपसेट से लैस हैं।

कंपनी MacBook Air, Mac Mini और Mac Studio को भी रिडिज़ाइन कर सकती है, और इन्हें भी OLED पैनल के साथ पेश किया जा सकता है। OLED पैनल मिनी-LED के मुकाबले बेहतर कॉन्ट्रास्ट, ज्यादा ब्राइटनेस और ऊर्जा की बचत जैसे फायदे प्रदान करते हैं।

इसके अलावा ये रंगों को अधिक सटीकता से प्रदर्शित करते हैं और बैटरी लाइफ में सुधार लाते हैं। इसी वजह से Apple अपनी पूरी प्रोडक्ट लाइन को धीरे-धीरे OLED पर ट्रांज़िशन कर रहा है।

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WhatsApp अब Arattai यूजर्स को भी भेज सकेगा मैसेज, जानें पूरा मामला

भारत के लोकल मैसेजिंग ऐप Arattai की बढ़ती लोकप्रियता के बीच WhatsApp अब क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म मैसेजिंग टेस्ट कर रहा है। अब WhatsApp से ही Arattai यूज़र्स को मैसेज भेजा जाएगा।

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Published - Saturday, 08 November, 2025
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Saturday, 08 November, 2025
WhatsAppArattai

भारतीय मैसेजिंग ऐप Arattai, जिसे चेन्नई स्थित Zoho ने विकसित किया है, अब WhatsApp के लिए एक गंभीर प्रतियोगी बनता जा रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में अचानक बढ़ी डाउनलोड्स ने ऐप को सुर्खियों में ला दिया है। Zoho के संस्थापक श्रीधर वेंबू लंबे समय से मैसेजिंग ऐप्स में इंटरऑपरेबिलिटी यानी क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म संवाद का समर्थन करते आए हैं। ठीक वैसे ही जैसे UPI हर ऐप पर सहजता से चलता है।

अब लग रहा है कि WhatsApp भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। WaBetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp एक नया फीचर टेस्ट कर रहा है, जिससे यूज़र्स अन्य मैसेजिंग ऐप्स जिनमें Arattai भी शामिल है के यूज़र्स को सीधे WhatsApp से मैसेज भेज सकेंगे।

यह फीचर फिलहाल यूरोप के बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध है, लेकिन इसके विस्तार की संभावना बनी हुई है। सितंबर में, श्रीधर वेंबू ने मैसेजिंग प्रोटोकॉल को मानकीकृत करने की मांग की थी। वर्तमान में WhatsApp केवल BirdyChat नामक एक थर्ड-पार्टी ऐप को सपोर्ट कर रहा है।

साथ ही डेवलपर्स को WhatsApp की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के बराबर सुरक्षा मानकों को पूरा करना पड़ता है। Arattai में अभी E2E एन्क्रिप्शन नहीं है, लेकिन कंपनी जल्द ही यह फीचर जोड़ने की तैयारी कर रही है। फिलहाल यह फीचर यूरोप तक ही सीमित है, और इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि इसे भारत में कब लागू किया जाएगा।

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Apple और Google के बीच $1 बिलियन की बड़ी डील तय: जानें पूरा मामला

Apple reportedly Google की पैरेंट कंपनी Alphabet को हर साल $1 बिलियन देगा ताकि वह Gemini AI मॉडल का इस्तेमाल कर सके। यह डील Siri के अब तक के सबसे बड़े अपग्रेड का आधार बनेगी।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 07 November, 2025
Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
googleappledeal

टेक जगत की दो दिग्गज कंपनियों Apple और Google के बीच एक ऐतिहासिक एआई साझेदारी लगभग तय मानी जा रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, Apple करीब $1 बिलियन प्रति वर्ष Google को भुगतान करने पर सहमत है ताकि कंपनी अपने उन्नत 1.2 ट्रिलियन पैरामीटर वाले Gemini AI मॉडल तक पहुंच प्राप्त कर सके।

यह साझेदारी Apple के वॉयस असिस्टेंट Siri के बड़े ओवरहॉल का हिस्सा है, जो कई वर्षों से आलोचना झेल रहा है। Apple का लक्ष्य Siri को एक अधिक समझदार, संदर्भ-आधारित और जटिल कार्य पूरा करने में सक्षम एआई असिस्टेंट में बदलना है। रिपोर्ट के मुताबिक, Apple ने Gemini पर निर्णय लेने से पहले OpenAI के ChatGPT और Anthropic के Claude जैसे कई थर्ड-पार्टी एआई मॉडल का परीक्षण किया था।

हालांकि, यह कदम अस्थायी है क्योंकि Apple 2026 के अंत तक अपना खुद का 1 ट्रिलियन पैरामीटर वाला क्लाउड-आधारित मॉडल तैयार करने पर काम कर रहा है। Gemini का उपयोग Siri के summarizer और planner जैसे फ़ंक्शन को संभालने के लिए किया जाएगा, जबकि बाकी फीचर्स Apple के इन-हाउस एआई सिस्टम पर चलेंगे।

खास बात यह है कि यह मॉडल Apple के Private Cloud Compute सर्वर पर चलेगा, जिससे यूज़र डेटा Google की सिस्टम से पूरी तरह अलग रहेगा। एप्पल का यह कदम उसकी बड़ी रणनीति Apple Intelligence का हिस्सा है, जिसके तहत एआई को उसके पूरे इकोसिस्टम में गहराई से जोड़ा जाएगा। कंपनी जल्द ही Siri की नई क्षमताओं को दिखाने के लिए एक स्मार्ट डिस्प्ले और अन्य नई डिवाइसेज़ भी पेश कर सकती है।

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अब Google Maps बनेगा और स्मार्ट: Gemini AI से मिलेगा रीयल-टाइम नेविगेशन अपडेट

Google ने अपने Maps ऐप में बड़ा एआई अपग्रेड किया है। Gemini AI से ड्राइविंग के दौरान सवाल पूछ सकेंगे, ट्रैफिक रिपोर्ट कर पाएंगे और आस-पास के स्थानों की जानकारी रीयल-टाइम में प्राप्त करेंगे।

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Published - Thursday, 06 November, 2025
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Thursday, 06 November, 2025
googlemap

टेक दिग्गज Google ने अपने लोकप्रिय नेविगेशन ऐप Google Maps को और स्मार्ट बना दिया है। कंपनी ने अब इसमें Gemini AI को इंटीग्रेट किया है, जिससे उपयोगकर्ता ड्राइविंग के दौरान वॉयस कमांड के ज़रिए न केवल रास्ते की जानकारी ले सकेंगे, बल्कि रास्ते में आने वाले रेस्तरां, पेट्रोल पंप या पर्यटन स्थलों के बारे में भी सवाल पूछ पाएंगे।

Google के अनुसार, अब ड्राइवर Gemini से बातचीत के रूप में कई सवाल पूछ सकते हैं, जैसे, 'मेरे रास्ते में कोई सस्ता रेस्तरां है जहाँ वेगन ऑप्शन मिले?' या 'वहाँ पार्किंग की सुविधा कैसी है?' इसके अलावा, यूज़र्स अपने कैलेंडर में इवेंट जोड़ने या ट्रैफिक जाम की रिपोर्ट करने जैसे कार्य भी Gemini की मदद से कर पाएंगे।

कंपनी ने बताया कि Maps में अब Gemini को Street View डेटा के साथ जोड़ा गया है ताकि नेविगेशन निर्देश और सटीक बन सकें। अब ऐप यह नहीं कहेगा कि '500 फीट बाद दाएं मुड़ें,' बल्कि वह आस-पास के लैंडमार्क्स जैसे पेट्रोल पंप, कैफ़े या प्रसिद्ध इमारतों का नाम लेकर दिशा बताएगा।

Google का दावा है कि Gemini ने 250 मिलियन स्थानों की जानकारी को Street View छवियों के साथ क्रॉस-रेफरेंस किया है, जिससे यह फीचर और सटीक बन गया है। साथ ही, Google Lens को भी Maps में जोड़ा गया है। अब यूज़र कैमरा से किसी स्थान को स्कैन कर पूछ सकते हैं कि यह जगह क्या है और क्यों प्रसिद्ध है?

कंपनी ने कहा कि ये नए फीचर्स जल्द ही iOS और Android यूज़र्स के लिए जारी किए जाएंगे, जबकि Android Auto के लिए सपोर्ट आने वाले हफ्तों में जोड़ा जाएगा। फिलहाल ट्रैफिक अलर्ट्स और लैंडमार्क नेविगेशन फीचर्स सबसे पहले अमेरिका में रोलआउट होंगे।

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ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए Reddit और Kick भी बैन

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लागू करने का फैसला किया है। इस बैन में अब Reddit और Kick जैसे प्लेटफॉर्म भी जोड़े गए हैं।

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Published - Wednesday, 05 November, 2025
Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
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ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया में पहली बार ऐसा कदम उठाया है, जिसके तहत 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यह नया कानून 10 दिसंबर 2025 से लागू होगा। इस बैन में अब Reddit और Kick जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म भी शामिल किए गए हैं, जिससे प्रतिबंधित साइटों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है।

इनमें Facebook, X (Twitter), Instagram, Snapchat, TikTok, YouTube और Threads भी शामिल हैं। सरकार के अनुसार, यदि कोई टेक कंपनी इस नियम का पालन नहीं करती, तो उसे 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग ₹270 करोड़) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

कंपनियों को नाबालिग यूज़र्स के मौजूदा अकाउंट डिएक्टिवेट करने और नए अकाउंट रोकने के 'उचित कदम' उठाने होंगे। ऑस्ट्रेलिया की eSafety कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने कहा, बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखकर हम उन्हें ऐसे डिजिटल जाल से बचाना चाहते हैं, जिनके एल्गोरिदम और डिजाइन बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

हालांकि, आलोचकों का कहना है कि यह कदम डेटा प्राइवेसी और फेसियल रिकग्निशन जैसी तकनीकों के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल उठाता है। कुछ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह प्रतिबंध बच्चों को कम सुरक्षित और अनियंत्रित प्लेटफॉर्म की ओर धकेल सकता है।फिलहाल, Discord, WhatsApp, Roblox, Lego Play, YouTube Kids और Google Classroom जैसे प्लेटफॉर्म इस नियम से बाहर रहेंगे।

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OpenAI व Amazon की 38 अरब डॉलर की साझेदारी, जानें क्या है डील

दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा कि यह साझेदारी 2027 तक जारी रहेगी और इसके तहत ओपनएआई को Amazon EC2 UltraServers और सैकड़ों हजारों NVIDIA GPUs तक पहुंच मिलेगी।

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Published - Tuesday, 04 November, 2025
Last Modified:
Tuesday, 04 November, 2025
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाते हुए OpenAI ने Amazon Web Services (AWS) के साथ 38 अरब डॉलर की बहुवर्षीय रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। इस समझौते के तहत OpenAI अपने AI मॉडल्स और एप्लिकेशंस, जैसे कि ChatGPT को AWS की क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर चलाएगा और स्केल करेगा।

दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा कि यह साझेदारी 2027 तक जारी रहेगी और इसके तहत OpenAI को Amazon EC2 UltraServers और सैकड़ों हजारों NVIDIA GPUs तक पहुंच मिलेगी। OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा, फ्रंटियर एआई को स्केल करने के लिए विशाल और भरोसेमंद कंप्यूट की जरूरत होती है।

AWS के साथ यह साझेदारी हमें इस नए AI युग की नींव मजबूत करने में मदद करेगी। वहीं AWS के सीईओ मैट गार्मन ने कहा, OpenAI की बढ़ती एआई महत्वाकांक्षाओं के लिए AWS का बेस्ट-इन-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर रीढ़ की हड्डी साबित होगा। यह समझौता उस समय आया है जब क्लाउड कंपनियों के बीच AI फर्म्स को होस्ट करने की वैश्विक दौड़ तेज हो चुकी है।

इस घोषणा के बाद Amazon के शेयरों में लगभग 5% की बढ़त दर्ज की गई, जिससे कंपनी का बाजार मूल्य करीब 140 अरब डॉलर बढ़ गया। ओपनएआई के कई मॉडल पहले से ही Amazon Bedrock पर उपलब्ध हैं, जहां Thomson Reuters, Peloton और Comscore जैसी कंपनियां उनका उपयोग कर रही हैं।

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यूट्यूब और एडोबी की नई साझेदारी: क्रिएटर्स को मिलेंगे प्रो-लेवल एडिटिंग टूल्स

एडोबी और यूट्यूब ने ‘क्रिएट फॉर यूट्यूब शॉर्ट्स’ की घोषणा की है, जिसके तहत क्रिएटर्स अब एडोबी प्रीमियर मोबाइल ऐप से सीधे प्रोफेशनल वीडियो एडिटिंग कर सकेंगे और शॉर्ट्स पब्लिश कर पाएंगे।

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Published - Saturday, 01 November, 2025
Last Modified:
Saturday, 01 November, 2025
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टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाते हुए, एडोबी (Adobe) और यूट्यूब (YouTube) ने Adobe MAX 2025 इवेंट में एक नई साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी के तहत जल्द ही 'Create for YouTube Shorts' नामक एक समर्पित कंटेंट क्रिएशन स्पेस एडोबी प्रीमियर मोबाइल ऐप में जोड़ा जाएगा। इसका मकसद है ,दुनियाभर के क्रिएटर्स को प्रोफेशनल-ग्रेड एडिटिंग टूल्स तक आसान पहुंच देना।

एडोबी प्रीमियर मोबाइल के जरिए अब क्रिएटर्स को 'YouTube Shorts' के लिए तैयार किए गए एक्सक्लूसिव टेम्पलेट्स, ट्रांजिशन, इफेक्ट्स और टाइटल प्रीसेट्स मिलेंगे। यूजर्स 'Edit in Adobe Premiere' आइकन पर टैप करके सीधे यूट्यूब से एडिटिंग शुरू कर सकेंगे और एक क्लिक में शॉर्ट्स पब्लिश भी कर पाएंगे।

एडोबी के सीटीओ एली ग्रीनफील्ड ने कहा, हम यूट्यूब के साथ साझेदारी कर क्रिएटर्स को वो ताकत देना चाहते हैं, जिससे वे अपने कंटेंट को अगले स्तर पर ले जा सकें। वहीं यूट्यूब के वाइस प्रेसिडेंट स्कॉट सिल्वर ने कहा, हमारा उद्देश्य है क्रिएटर्स को वहीं टूल्स देना, जहां वे हैं, ताकि उनका स्टोरीटेलिंग अनुभव आसान और प्रभावी बने।

इस नई सुविधा के साथ क्रिएटर्स जनरेटिव साउंड इफेक्ट्स, Firefly AI टूल्स, और उन्नत ऑडियो-वीडियो एडिटिंग फीचर्स का भी उपयोग कर सकेंगे। एडोबी का कहना है कि यह फीचर जल्द ही ग्लोबली Premiere Mobile यूजर्स के लिए रोलआउट किया जाएगा।

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