सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में एफएम रेडियो स्टेशनों के विस्तार और मौजूदा स्थिति पर लोकसभा में जानकारी दी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में एफएम रेडियो स्टेशनों के विस्तार और मौजूदा स्थिति पर लोकसभा में जानकारी दी। रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिकी व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
देश में एफएम रेडियो की मौजूदा स्थिति
केंद्रीय मंत्री ने अश्विनी वैष्णव बताया कि भारत में रिले स्टेशनों सहित कुल 625 आकाशवाणी एफएम ट्रांसमीटर और 388 प्राइवेट एफएम स्टेशन संचालित हैं। इसके अलावा, देश में 521 सामुदायिक रेडियो स्टेशन (सीआरएस) भी कार्यरत हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में सूचना और मनोरंजन का प्रसार कर रहे हैं।
एफएम रेडियो के विस्तार के लिए नई पहल
प्रसार भारती के तहत एफएम नेटवर्क को बढ़ाने के लिए प्रसार भारती की प्रसारण अवसंरचना ऑडियंस रिसर्च और नेटवर्क विकास योजना (BIND) के तहत आकाशवाणी नेटवर्क का आधुनिकीकरण और विस्तार किया जा रहा है। नए एफएम ट्रांसमीटर को स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रीमंडल ने तमिलनाडु के 11 शहरों सहित 234 नए अछूते शहरों में 730 प्राइवेट एफएम चैनलों की ई-नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सूचना-प्रसारण मंत्री ने कहा कि इस कदम से विविध और स्थानीय सामग्री तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे सृजनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय भाषा के साथ-साथ संस्कृतियों का भी संवर्धन होगा।
लोकसभा में चर्चा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि एफएम रेडियो का महत्व न केवल मनोरंजन के लिए, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में सूचना के आदान-प्रदान के लिए भी है। इसके विस्तार से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में संचार को और सशक्त बनाया जा सकेगा।
सरकार एफएम रेडियो नेटवर्क को मजबूत करने और नई तकनीकों के माध्यम से इसे और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस कदम से न केवल शहरी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी एफएम रेडियो की पहुंच में वृद्धि होगी।
एफएम रेडियो स्टेशनों का विस्तार भारत में सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के लिए एक सकारात्मक कदम है। सरकार की नई योजनाओं और तकनीकी नवाचारों से एफएम रेडियो का भविष्य और भी उज्जवल दिखता है।
रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता 'बिनाका गीतमाला' के जरिये मिली थी।
रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने अपने पिता की अनमोल विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। बता दें कि अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। वह भारतीय रेडियो ब्रॉडकास्टिंग के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ गए हैं। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता मिली थी 'बिनाका गीतमाला' के जरिये, एक ऐसा शो जिसने भारतीय रेडियो के सुनहरे दौर को परिभाषित किया।
‘बहनों और भाइयों’ जैसी अपनी खास और दिल को छू जाने वाली आवाज के लिए पहचाने जाने वाले अमीन सयानी पीढ़ियों के दिलों तक पहुंचे। उनकी आवाज में अपनापन, साफगोई और भावनात्मक गहराई थी, जिसने उन्हें हर घर का नाम बना दिया। अपने लम्बे करियर में उन्होंने 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम होस्ट किए और 19,000 जिंगल्स बनाए। यह संख्या उनकी लोकप्रियता और भारतीय मीडिया में योगदान को दर्शाती है।
21 दिसंबर 1932 को मुंबई (तब बॉम्बे) में जन्मे अमीन सयानी का परिवार सामाजिक सेवा और सार्वजनिक जीवन से जुड़ा हुआ था। उनकी मां कुलसूम सयानी स्वतंत्रता सेनानी थीं और महात्मा गांधी के निकट थीं, जबकि उनके दादा रहीमतुल्ला एम. सयानी एक समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके थे। इन राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से अलग, अमीन सयानी ने रेडियो की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।
राजिल सयानी अक्सर इंटरव्यू और श्रद्धांजलियों में अपने पिता के समर्पण और उनके काम की गहराई को याद करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे अमीन सयानी एक तरह से संयोगवश कमर्शियल ब्रॉडकास्टर बने, लेकिन उन्होंने अपने कार्यक्रमों में विज्ञापनों को इतना सलीके से शामिल किया कि कभी भी कंटेंट की गुणवत्ता या श्रोता के अनुभव में कोई कमी नहीं आई। राजिल कहते हैं कि उनके पिता हर शब्द, हर ठहराव, हर उतार-चढ़ाव में ईमानदारी और जुनून भर देते थे, जिससे उनकी आवाज लोगों के लिए विश्वसनीय बन गई।
अब राजिल सयानी अपने पिता की आवाज और विरासत को जीवित रखने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। वे पुरालेख प्रोजेक्ट्स, स्टोरीटेलिंग प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तिगत कहानियों के जरिये उस आवाज को सहेज रहे हैं, जिसने करोड़ों भारतीयों के जीवन में संगीत, खुशी और जुड़ाव की भावना भरी। उनका यह समर्पण न केवल अपने पिता को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारतीय प्रसारण इतिहास की एक अमूल्य धरोहर को बचाने का कार्य भी है।
अमीन सयानी भले ही अब रेडियो की दुनिया से विदा हो चुके हैं, लेकिन राजिल की कोशिशों की बदौलत उनकी आवाज और उसका जादू आने वाली पीढ़ियों तक गूंजता रहेगा।
NDTV ने अपना पहला समर्पित डिफेंस पॉडकास्ट 'CTRL + ALT DEFENCE' लॉन्च कर दिया है, जिसकी मेजबानी कर रहे हैं देश के दो वरिष्ठतम डिफेंस जर्नलिस्ट- विष्णु सोम और शिव अरूर।
भारत की सैन्य शक्ति, रणनीति और रक्षा प्रौद्योगिकी को समझने के लिए अब एक नया और प्रभावशाली माध्यम सामने आया है। NDTV ने अपना पहला डिफेंस पॉडकास्ट 'CTRL + ALT DEFENCE' लॉन्च कर दिया है, जिसकी मेजबानी कर रहे हैं देश के दो वरिष्ठतम डिफेंस जर्नलिस्ट- विष्णु सोम और शिव अरूर।
हर हफ्ते शनिवार शाम 6 बजे प्रसारित होने वाला यह पॉडकास्ट Apple Podcasts, Spotify, YouTube और ndtv.com/podcast पर सुना जा सकता है।
इस सीरीज की पहली कड़ी 17 मई को प्रसारित हुई, जिसका शीर्षक था- ‘Drones, Airstrikes, Media Narratives: Weapons of Operation Sindoor’। इस एपिसोड में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया को गहराई से समझाया गया है। ड्रोन, सटीक एयरस्ट्राइक और अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के जरिये कैसे देश की सीमाओं और आकाश की सुरक्षा सुनिश्चित की गई, इन पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही यह भी बताया गया कि संकट की घड़ी में मीडिया नैरेटिव किस तरह जनमत को प्रभावित करते हैं।
यह पॉडकास्ट सिर्फ तकनीकी जानकारी नहीं देता, बल्कि जमीन पर काम करने वाले पत्रकारों की वास्तविक अनुभवों से बुनी हुई गंभीर और संतुलित समझ पेश करता है।
विष्णु सोम, जिन्होंने सियाचिन, इराक और यूक्रेन जैसे संघर्ष क्षेत्रों से तीन दशक से ज्यादा समय तक रिपोर्टिंग की है, सैन्य तकनीक और सैटेलाइट-आधारित विश्लेषण के विशेषज्ञ माने जाते हैं। वहीं, शिव अरूर ने भी लिबिया और श्रीलंका जैसे युद्धक्षेत्रों से रिपोर्टिंग करते हुए 21 वर्षों का व्यापक अनुभव अर्जित किया है।
'CTRL + ALT DEFENCE' केवल हथियारों की बात नहीं करता, बल्कि उसमें रणनीतिक फैसलों, स्वायत्त ड्रोन से लेकर हाई-प्रिसीजन मिसाइलों तक की पूरी श्रृंखला को पत्रकारिता की सटीकता और जमीनी अनुभवों के साथ पेश किया जाता है। कारगिल से लेकर कांगो और पहलगाम से यूक्रेन तक, विष्णु और शिव की ग्राउंड रिपोर्टिंग दर्शकों को युद्ध के मैदान की जमीनी हकीकत से जोड़ती है वो भी एक सहज, संवादात्मक शैली में जो आम श्रोताओं तक भी पहुंच सके।
यह पॉडकास्ट सिर्फ रक्षा विशेषज्ञों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो जानना चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करता है। चाहे वह सैन्य रणनीति हो, जियोपॉलिटिक्स हो या वर्दी के पीछे छिपी मानवीय कहानियां — 'CTRL + ALT DEFENCE' हर पहलू को समेटता है।
NDTV की यह पहल उस समय बेहद प्रासंगिक है जब वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं और भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।
यहां सुनें ये पॉडकास्ट: ndtv.com/podcast/ctrl-alt-defence-1018
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'Fuel Your Life' टैगलाइन के साथ यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को ऐसा कंटेंट देगा जो उनके जीवन को दिशा दे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।
देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क्स में शामिल ‘बिग एफएम’ (BIG FM) ने ‘बिग लाइव’ (BIG Live) नाम से एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो एक ही जगह पर विभिन्न जॉनर का चयनित और विश्वसनीय कंटेंट उपलब्ध कराएगा। बताया जाता है कि यह प्लेटफॉर्म खास तौर पर प्रीमियम यूजर्स को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जहां कंटेंट, बेहतरीन यूजर अनुभव और टारगेटेड विज्ञापन एक साथ मिलते हैं। 'BIG Live' का उद्देश्य ऐसा कंटेंट देना है जो न सिर्फ जानकारी दे, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर भी बनाए।
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, हेल्थ व वेलनेस, एंटरटेनमेंट, ट्रैवल, फूड, फैशन, फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और ज्वेलरी जैसे तमाम क्षेत्रों में जानकारीपूर्ण कंटेंट प्रदान करेगा। 'Fuel Your Life' टैगलाइन के साथ यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को ऐसा कंटेंट देगा जो उनके जीवन को दिशा दे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।
इस बारे में ‘बिग एफएम’ के सीईओ अब्राहम थॉमस का कहना है,‘ BIG Live हमारे कंटेंट लीडरशिप और ऑडियंस की गहरी समझ का स्वाभाविक विस्तार है। इसके जरिये हम केवल ऑडियो तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि विविध और उच्च गुणवत्ता वाला डिजिटल कंटेंट देना चाहते हैं जो यूजर्स को जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें जोड़े भी रखे। आज का ऑडियंस सिर्फ जानकारी नहीं चाहता, वह ऐसा कंटेंट चाहता है जो उसकी महत्वाकांक्षाओं को ऊर्जा दे और BIG Live इसी उद्देश्य से बनाया गया है। विज्ञापनदाताओं के लिए यह एक नया और असरदार प्लेटफॉर्म होगा, जहां वे टारगेट ऑडियंस तक सटीक और प्रभावशाली कैंपेन के जरिये पहुंच सकते हैं।’
वहीं, ‘बिग एफएम’ के सीओओ सुनील कुमारन का कहना है,‘ हम BIG Live को लॉन्च कर बेहद उत्साहित हैं। यह एक जीवंत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे उन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है जो हमेशा कुछ नया सीखना और आगे बढ़ना चाहते हैं। इस प्लेटफॉर्म के जरिए हम रेडियो और डिजिटल को जोड़ते हुए एक ऐसा मीडिया ब्रैंड बना रहे हैं जो लोगों को प्रेरणा दे और उनकी सोच को दिशा दे। यह ऐसा केंद्र होगा जहां सूचनाओं को एक रोचक अंदाज में पेश किया जाएगा ताकि लोग न सिर्फ जानकारी लें, बल्कि उस पर अमल भी कर सकें।’
‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) से ‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ को 92.7 BIG FM रेडियो के बोर्ड और प्रबंधन का नियंत्रण लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं।
‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ (Sapphire Media limited) ने अब आधिकारिक रूप से रेडियो नेटवर्क 92.7 बिग एफएम का अधिग्रहण कर लिया है। यह रेडियो स्टेशन पहले रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स लिमिटेड के स्वामित्व में था और फरवरी 2023 से कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में था। इस प्रक्रिया के लिए रोहित मेहरा को रेजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया था।
बताया जा रहा है कि ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) से ‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ को 92.7 BIG FM रेडियो के बोर्ड और प्रबंधन का नियंत्रण लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं। कंपनी ने समाधान योजना (Resolution Plan) के तहत तय समय-सीमा में रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स लिमिटेड के कर्जदाताओं की बकाया राशि का भुगतान भी कर दिया है।
इससे पहले, ‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT) की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ और NCLT मुंबई बेंच ने क्रमशः 23 दिसंबर 2024 और 6 मई 2025 को सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी। इस दौरान रेडियो ऑरेंज और अन्य प्रतिस्पर्धियों की आपत्तियों को खारिज कर दिया गया।
बता दें कि 92.7 BIG FM रेडियो देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क्स में से एक है, जिसके पास 58 स्टेशन हैं और यह 1,200 से ज्यादा कस्बों व 50,000 से अधिक गांवों तक अपनी पहुंच रखता है। इस नेटवर्क के साथ सफायर मीडिया अपने तकनीक-आधारित डिजिटल कंटेंट क्रिएशन और ब्रॉडकास्टिंग के विस्तार को और मजबूती देगा।
यह अधिग्रहण सफायर मीडिया के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली 24X7’ की सफल लॉन्चिंग के बाद हुआ है। इसके अलावा, सफायर मीडिया देश के सबसे बड़े आउटडोर विज्ञापन नेटवर्क्स में से एक का संचालन भी करता है, जिससे टीवी, रेडियो, प्रिंट, डिजिटल और आउटडोर मीडिया के बीच एक बेहतरीन तालमेल बनता है।
‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ की स्थापना कैथल के उद्यमी साहिल मंगला और मीडिया प्रोफेशनल से एंटरप्रेन्योर बने आदित्य वशिष्ठ ने की थी। इस अधिग्रहण के साथ कंपनी कंटेंट और मीडिया के क्षेत्र में एक मजबूत समूह बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
आलोक सक्सेना को मीडिया ऐडवर्टाइजिंग सेल्स में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है।
हाल ही में ‘मनोरंजन मीडिया ग्रुप’ (Manoranjan Media) के स्वामित्व में आए ‘इश्क एफएम’ (Ishq FM) ने आलोक सक्सेना को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया है। यह नेतृत्व परिवर्तन ‘इंडिया टुडे’ (India Today) ग्रुप से ‘इश्क एफएम’ के अधिग्रहण के बाद हुआ है और इसे चैनल के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।
आलोक सक्सेना को मीडिया ऐडवर्टाइजिंग सेल्स में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने ‘रेड एफएम’ (Red FM) जैसी प्रमुख मीडिया कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जहां उन्होंने रेवेन्यू बढ़ाने और मार्केट में मौजूदगी मजबूत करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया। माना जा रहा है कि उनका यह अनुभव ‘इश्क एफएम’ के संचालन और कार्यक्रमों को नई दिशा देने में मददगार साबित होगा।
आलोक सक्सेना की नियुक्ति के बारे में ‘मनोरंजन टीवी’ ग्रुप के डायरेक्टर साहिब चोपड़ा ने कहा, ‘इश्क एफएम के ज़रिए हमारा उद्देश्य बेहतरीन रेडियो अनुभव देना है। इस विजन को और मजबूत करने के लिए हमने आलोक सक्सेना को जोड़ा है, जिन्हें रेडियो इंडस्ट्री में करीब 30 वर्षों का अनुभव है। उनका आना इस बात का संकेत है कि हम इस क्षेत्र में वाकई कुछ नया और बड़ा करने के इरादे से आए हैं। अब तो बस यही कहना है—डू द इश्क, बेबी!’
वहीं, आलोक सक्सेना का इस बारे में कहना है, ’हम शानदार म्यूजिक और बेहतरीन रेडियो कंटेंट के जरिये कुछ नया देने की कोशिश करेंगे। मेरा मानना है कि भारत में रेडियो माध्यम की काफी संभावनाएं हैं, खासतौर पर तब जब इसे रचनात्मक रूप से श्रोताओं की पसंद और जरूरतों से जोड़ा जाए।’
बता दें कि ‘इश्क एफएम’ का अधिग्रहण ’मनोरंजन मीडिया’ ग्रुप द्वारा इसी साल की शुरुआत में पूरा किया गया था। इस डील में मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 मेगाहर्ट्ज पर प्रसारित होने वाले तीन एफएम स्टेशन शामिल थे।
स्पॉटिफाई इंडिया (Spotify India) में एडिटोरियल हेड के पद पर कार्यरत Aoneha Tagore ने ढाई साल की अपनी पारी के बाद कंपनी को अलविदा कह दिया है।
स्पॉटिफाई इंडिया (Spotify India) में एडिटोरियल हेड के पद पर कार्यरत Aoneha Tagore ने ढाई साल की अपनी पारी के बाद कंपनी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने इस फैसले की जानकारी एक लिंक्डइन पोस्ट के जरिए दी।
स्पॉटिफाई में Aoneha की जिम्मेदारी भारत में म्यूजिक एडिटोरियल स्ट्रैटेजी को दिशा देने की थी। उन्होंने डेटा, संस्कृति और क्रिएटिव दृष्टिकोण के मेल से प्लेलिस्ट और ऑडियो कंटेंट को आकार देने का काम किया।
इससे पहले Aoneha वायाकॉम18 के चैनल्स- MTV, MTV Beats, VH1 में अहम नेतृत्व भूमिकाएं निभा चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने 9XM और कई रेडियो नेटवर्क्स में भी लंबे समय तक काम किया है।
मुंबई में वेव्स 2025 में आयोजित किया गया 8वां राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री ने प्रदान किए 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार
‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’, भारत सरकार द्वारा ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के सहयोग से तीन मई को 8वां राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। यह सम्मेलन मंत्रालय की प्रमुख पहल WAVES 2025 के अंतर्गत आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य भारत में सामुदायिक मीडिया परिदृश्य को नवाचार, समावेशिता और प्रभाव के माध्यम से सशक्त करना है।
सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि कम्युनिटी रेडियो सिर्फ मीडिया नहीं, यह शासन की सक्रियता है, यह व्यवहारिक सशक्तिकरण है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह सम्मेलन केवल एक विचार-विमर्श मंच नहीं, बल्कि "जनता की आवाज़ों का उत्सव है—वास्तविक, प्रामाणिक और जमीनी आवाजें, जो उन स्थानों से उठती हैं, जहाँ मुख्यधारा की मीडिया अक्सर नहीं पहुंचती।
डॉ. मुरुगन ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में सामुदायिक रेडियो की भूमिका की सराहना की और इसे हाशिए पर रह रहे समुदायों के लिए एक "जीवनरेखा" और "लोकतंत्र की सच्ची भावना" बताया। उन्होंने भारत को डिजिटल संचार में वैश्विक लीडर बताते हुए, देश भर में 531 से अधिक कार्यरत सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की भूमिका को रेखांकित किया और सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस सम्मेलन की प्रमुख विशेषता 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों का वितरण भी रहा, जिसमें 12 उत्कृष्ट रेडियो स्टेशनों को सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक प्रभाव में उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. एल. मुरुगन ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार, समावेशिता और प्रभाव के माध्यम से भारत में सामुदायिक मीडिया को मजबूत करना है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि सामुदायिक रेडियो देश के सभी कोनों में नागरिकों तक पहुँचने का एक साधन है। उन्होंने कहा कि देश भर के सामुदायिक रेडियो किसी न किसी कल्याणकारी उद्देश्य में लगे हुए हैं और भारतीय परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने सहित अच्छे उद्देश्यों का समर्थन कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो स्टेशन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना और केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण विकास पहलों को देश के सभी हिस्सों में ले जा रहे हैं। ये स्टेशन महिलाओं और आदिवासी समुदाय जैसे विभिन्न समुदायों और समूहों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों का एक नया आयाम दे रहे हैं।
इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, संयुक्त सचिव (प्रसारण) एवं एनएफडीसी के एमडी पृथुल कुमार तथा आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव पृथुल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि 531 से अधिक कार्यरत स्टेशनों के साथ, कम्युनिटी रेडियो अब जमीनी संचार की जीवनरेखा बन चुका है। यह लोगों को उनकी अपनी भाषा और बोली में जोड़ता है, स्थानीय मुद्दों को संबोधित करता है और परिवर्तन लाता है। उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और डॉ. मुरुगन का सामुदायिक रेडियो आंदोलन के प्रति समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने बताया कि अब तक 176 स्टेशनों को वित्तीय सहायता दी जा चुकी है और 50 से अधिक प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी भारत में तीन क्षेत्रीय सम्मेलनों की घोषणा की तथा सौर ऊर्जा अनुदानों के माध्यम से स्टेशनों की टिकाऊ संचालन प्रणाली को बढ़ावा देने की योजनाएं साझा कीं।
इस सम्मेलन में देश भर के 400 से अधिक सामुदायिक रेडियो (सीआर) स्टेशनों के प्रतिनिधि एक मंच पर एकत्रित हुए, ताकि संवाद और सहयोग का अवसर प्रदान किया जा सके। वर्तमान में, देश भर में 531 सामुदायिक रेडियो स्टेशन हैं। सम्मेलन में जन संचार और जागरूकता उत्पन्न करने में सामुदायिक रेडियो की महत्वपूर्ण भूमिका और सामाजिक विकास में उनकी क्षमता पर जोर दिया गया।
10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार विजेता
श्रेणी: विषयगत पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार: रेडियो मयूर, जिला सारण, बिहार, कार्यक्रम: टेक सखी के लिए
द्वितीय पुरस्कार: रेडियो कोच्चि, केरल, कार्यक्रम: निरंगल के लिए
तृतीय पुरस्कार: हैलो दून, देहरादून, उत्तराखंड, कार्यक्रम : मेरी बात के लिए
श्रेणी: सर्वाधिक नवीन सामुदायिक सहभागिता पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार: यरलावानी सांगली, महाराष्ट्र, कार्यक्रम: कहानी सुनंदाची
द्वितीय पुरस्कार: वायलागा वनोली, मदुरै, तमिलनाडु, कार्यक्रम: आइए एक नया मानदंड बनाएं के लिए
तृतीय पुरस्कार: सलाम नमस्ते नोएडा, उत्तर प्रदेश, कार्यक्रम: मेड दीदी
श्रेणी: स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार: रेडियो ब्रह्मपुत्र, डिब्रूगढ़, असम, कार्यक्रम: इगारेकुन के लिए
दूसरा पुरस्कार: रेडियो कोटागिरी, नीलगिरी, तमिलनाडु, कार्यक्रम: एन मक्कलुडन ओरु पायनम
तृतीय पुरस्कार: रेडियो एक्टिव, भागलपुर, बिहार, कार्यक्रम: अंग प्रदेश की अद्भुत धरोहर
श्रेणी: स्थिरता मॉडल पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार: बिशप बेंज़िगर हॉस्पिटल सोसाइटी, कोल्लम, केरल द्वारा संचालित रेडियो बेंज़िगर
द्वितीय पुरस्कार: यंग इंडिया द्वारा संचालित रेडियो नमस्कार, कोणार्क, ओडिशा
तृतीय पुरस्कार: शरणबस्बेस्वरा विद्या वर्धक संघ द्वारा संचालित रेडियो अंतरवाणी, गुलबर्गा, कर्नाटक
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के मद्देनजर पाकिस्तान ने अपने एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय संगीत के प्रसारण पर रोक लगा दी है
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के मद्देनजर पाकिस्तान ने अपने एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय संगीत के प्रसारण पर रोक लगा दी है। गुरुवार से देशभर के एफएम स्टेशनों ने भारतीय गाने बजाने बंद कर दिए हैं।
पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA) के महासचिव शकील मसूद ने पुष्टि की है कि यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और मुकेश जैसे भारतीय दिग्गज गायकों के गाने पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय रहे हैं और रेडियो पर नियमित रूप से बजते थे।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अता तरार ने इस कदम को एकजुटता का संकेत बताया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव होंगे मुख्य अतिथि। 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों का होगा वितरण, 12 रेडियो स्टेशन होंगे सम्मानित
‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) और ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) द्वारा मुंबई में तीन मई को 8वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन जैस्मिन हॉल 2, जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर, मुंबई में आयोजित होगा। यह कार्यक्रम WAVES 2025 पहल के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत में सामुदायिक मीडिया परिदृश्य को नवाचार, समावेशिता और प्रभाव के माध्यम से सुदृढ़ करना है।
इस सम्मेलन की मुख्य विशेषता 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों का वितरण होगा, जिसमें 12 उत्कृष्ट कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों को उनकी सेवा और समुदाय में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण, रेलवे तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा राज्य मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, डॉ. एल. मुरुगन द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू तथा संयुक्त सचिव सी. सेंथिल राजन भी उपस्थित रहेंगे और सामुदायिक रेडियो की बदलती भूमिका पर अपने विचार साझा करेंगे। इसके अतिरिक्त, आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, कुलसचिव डॉ. निमिष रुस्तगी तथा सम्मेलन की संयोजक प्रो. (डॉ.) संगीता प्रणवेन्द्र भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।
यह सम्मेलन देशभर के 530 से अधिक कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर संवाद और सहयोग का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा यह सामुदायिक रेडियो की विविधता और स्थानीय कहानियों को सशक्त करने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करेगा।
8वां राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन, WAVES 2025 की परिकल्पना के अनुरूप, सामाजिक परिवर्तन और स्थानीय सशक्तिकरण के एक प्रभावशाली माध्यम के रूप में सामुदायिक रेडियो की पहुंच और प्रभावशीलता को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के रेडियो संचार ब्यूरो में निदेशक पद के लिए एम. रेवती को अपना आधिकारिक प्रत्याशी नामित किया है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के रेडियो संचार ब्यूरो में निदेशक पद के लिए एम. रेवती को अपना आधिकारिक प्रत्याशी नामित किया है। यह कदम दूरसंचार मंत्रालय की ओर से वैश्विक स्पेक्ट्रम प्रशासन में देश की मजबूत भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत पहल माना जा रहा है। दशकों बाद भारत की ओर से यह सबसे बड़ा प्रयास है, जिससे वैश्विक रेडियो संचार नीति निर्धारण में देश की भूमिका और अधिक प्रभावशाली हो सकती है।
एम. रेवती वर्तमान में दूरसंचार विभाग में संयुक्त बेतार सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं और ITU के रेडियो रेगुलेशन बोर्ड की सदस्य भी हैं। उन्हें स्पेक्ट्रम और उपग्रह संसाधनों के नियमन व प्रबंधन में लगभग तीन दशक का अनुभव है। इस क्षेत्र में उनके इनोवेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है।
पिछले साल नई दिल्ली में आयोजित विश्व दूरसंचार मानकीकरण सम्मेलन (WTSA) 2024 की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारत की वैश्विक दूरसंचार मंच पर भूमिका उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुई है। इस सम्मेलन में 150 से अधिक देशों के 3,700 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था और आठ प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए थे, जो भारत के नेतृत्व में डिजिटल भविष्य की दिशा तय करने की क्षमता को दर्शाते हैं।
ITU, जो संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, दुनियाभर में संचार प्रणालियों के सुचारू और न्यायसंगत संचालन की जिम्मेदारी निभाती है। रेडियो संचार ब्यूरो का दायित्व विश्व भर में रेडियो फ्रीक्वेंसी और सैटेलाइट ऑर्बिट्स का प्रबंधन करना है — जो कि 5G, 6G, स्पेस ब्रॉडबैंड और आपदा संचार जैसे अहम क्षेत्रों के लिए अनिवार्य संसाधन हैं।
यदि एम. रेवती का चयन होता है, तो वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला होंगी और पहली बार ऐसा होगा जब ITU के क्षेत्र ई (एशिया/ऑस्ट्रेलिया) और क्षेत्र डी (अफ्रीका) — जिनमें दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी रहती है — को एक साथ प्रतिनिधित्व मिलेगा।
रेवती की उम्मीदवारी भारत के "वसुधैव कुटुम्बकम" के विचार और समावेशी डिजिटल विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि उनके नेतृत्व में यह ब्यूरो वैश्विक स्तर पर समावेशिता, सहयोग और समान अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाएगा — खासकर विकासशील देशों के लिए यह एक बड़ी उम्मीद लेकर आएगा।