वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राजदीप सरदेसाई ‘2024: द इलेक्शन दैट सरप्राइज्ड इंडिया’ नाम से एक नई किताब लेकर वापस आए हैं
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राजदीप सरदेसाई ‘2024: द इलेक्शन दैट सरप्राइज्ड इंडिया’ नाम से एक नई किताब लेकर वापस आए हैं। यह किताब हार्पर कॉलिन्स द्वारा प्रकाशित की गई है।
2014 और 2019 चुनावों पर आधारित उनकी बेस्टसेलर किताबों की सफलता के बाद, सरदेसाई की यह नई किताब भारत के अब तक के सबसे अप्रत्याशित और विभाजनकारी चुनावों पर प्रकाश डालती है। प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध यह किताब भारत के 2024 के आम चुनाव की जटिल राजनीतिक तस्वीर को समझने के इच्छुक पाठकों के लिए एक जरूरी किताब है।
पर्दे के पीछे की राजनीति और महत्वपूर्ण घटनाओं का विश्लेषण
‘द इलेक्शन दैट सरप्राइज्ड इंडिया’ में राजदीप सरदेसाई ने इस ऐतिहासिक चुनाव को आकार देने वाली ताकतों पर विस्तार से चर्चा की है। इस किताब में पर्दे के पीछे की राजनीति, हर मोड़ और घटनाक्रम का गहराई से विश्लेषण किया गया है। कोविड लॉकडाउन से लेकर अनुच्छेद 370 पर विवाद तक। हिंदुत्व के उदय से लेकर किसान आंदोलनों तक। सरदेसाई ने इस किताब में ऐसी ही कई घटनाओं का विश्लेषण किया है, जिन्होंने हाल के इतिहास में भारत के सबसे विवादास्पद चुनावों में से एक को प्रभावित किया।
बड़े सवालों का सामना
इस किताब में सरदेसाई ने कई बड़े सवालों का जवाब देने की कोशिश की है, जैसे-
- बीजेपी का आत्मविश्वास भरा नारा “चार सौ पार” आखिर क्यों वोटों में नहीं बदल सका?
- राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने उम्मीदों को धता बताते हुए वापसी कैसे की?
- प्रवर्तन एजेंसियों और गौतम अडानी जैसे शक्तिशाली व्यक्तित्वों की इस राजनीतिक नाटक में क्या भूमिका रही?
मोदी-शाह की जोड़ी और मीडिया की भूमिका पर चर्चा
किताब में मोदी-शाह की जोड़ी, जिसे अब "जोडी नंबर वन" कहा जाता है, के राजनीतिक प्रभाव पर गहराई से चर्चा की गई है। साथ ही, मुख्यधारा मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं, जिसमें चुनाव चक्र के दौरान उभरे एकतरफा नैरेटिव की समीक्षा की गई है।
राजनीति और लोकतंत्र की गहरी पड़ताल
यह किताब महज राजनीतिक विश्लेषण से आगे बढ़ते हुए उन महत्वपूर्ण राज्यों को भी कवर करती है जहां अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिले। साथ ही, यह सवाल भी उठाती है कि क्या चुनावी प्रक्रिया उतनी स्वतंत्र और निष्पक्ष थी जितनी होनी चाहिए?
राजदीप सरदेसाई की बेजोड़ रिपोर्टिंग
सरदेसाई की ‘2024: द इलेक्शन दैट सरप्राइज्ड इंडिया’ भारत की इस राजनीतिक यात्रा को बारीकी से समझाती है। पहले दो बेस्टसेलर की तरह, यह किताब भी अंदरूनी कहानियों और चौंकाने वाले किस्सों से भरी हुई है। यह भारतीय लोकतंत्र की राजनीति और ताकत के समीकरण का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
बता दें कि यह किताब अब एमेजॉन और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध है।
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने The Hindu अखबार की तीखी आलोचना की है, जिसने 13 मई 2025 के संस्करण में ऐसा भारत का नक्शा प्रकाशित किया जिसमें सिक्किम को दिखाया ही नहीं गया था।
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने The Hindu अखबार की तीखी आलोचना की है, जिसने 13 मई 2025 के संस्करण में ऐसा भारत का नक्शा प्रकाशित किया जिसमें सिक्किम को दिखाया ही नहीं गया था। मुख्यमंत्री ने इस चूक को “गंभीर और अस्वीकार्य” बताया और कहा कि इससे भारत की संप्रभुता और राज्य के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “13 मई के संस्करण में The Hindu ने जो भारत का नक्शा छापा, उसमें सिक्किम को पूरी तरह से गायब कर दिया गया। यह कोई सामान्य भूल नहीं है, बल्कि एक गंभीर और निंदनीय गलती है, जो हमारे राष्ट्र की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाती है।”
यह मामला उस समय सामने आया है जब सिक्किम अपनी राज्य स्थापना की 50वीं वर्षगांठ (16 मई) मनाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे मौके पर इस तरह की गलती ने राज्य के नागरिकों और नेताओं के बीच नाराजगी बढ़ा दी है।
सीएम तमांग ने इसे “बेहद दुखद” और “हमारे गणराज्य की एकता पर चोट” बताया। उन्होंने यह भी कहा कि सिक्किम की संवैधानिक स्थिति को अनुच्छेद 371F के तहत विशेष संरक्षण प्राप्त है।
It has come to my attention that The Hindu, in its edition dated 13th May 2025, published a map of India omitting the state of Sikkim. This is not a mere oversight, it is a serious and unacceptable error that undermines the sovereignty and territorial integrity of our nation.
— Prem Singh Tamang (Golay) (@PSTamangGolay) May 14, 2025
At… pic.twitter.com/1OB5Ccwiuv
बीजेपी की सिक्किम इकाई ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इस गलती को “गंभीर चूक” और “गणराज्य के सम्मान पर सीधा हमला” करार देते हुए संपादकीय बोर्ड से माफ़ी मांगने, नक्शे को सही करने और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “सिक्किम के लोग अपने अस्तित्व या सम्मान के साथ किसी तरह की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
विवाद के बाद The Hindu ने आधिकारिक तौर पर माफ़ी मांगते हुए बयान जारी किया। अखबार ने संपादक ने कहा, “13 मई 2025 के संस्करण में ‘With a new Pope, an understanding of Catholicism in India’ शीर्षक लेख के साथ प्रकाशित भारत के नक्शे में, डेटा इनपुट की गलती के कारण सिक्किम राज्य का हिस्सा सही ढंग से नहीं दिखाया गया था। हम इस त्रुटि के लिए क्षमा चाहते हैं। संबंधित नक्शा और संदर्भ को ऑनलाइन लेख से हटा दिया गया है और हमारे ई-पेपर संस्करणों में इसे सही किया गया है।”
Due to a data input error, the India map in the article, “With a new Pope, an understanding of Catholicism in India”, which appeared in the Data Point section on May 13, 2025, was incorrectly presented with the contours of Sikkim State being shaded out. We apologise for the…
— The Hindu (@the_hindu) May 14, 2025
एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने गुजरात के मशहूर गुजराती अखबार 'गुजरात समाचार' के को-ऑनर बाहुबली शाह को गिरफ्तार किया है।
एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने गुजरात के मशहूर गुजराती अखबार 'गुजरात समाचार' के को-ऑनर बाहुबली शाह को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई अखबार के दफ्तरों और उनसे जुड़े स्थानों पर छापेमारी के बाद हुई है। गिरफ्तारी वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत हुई है।
गुरुवार को ED टीम ने अहमदाबाद के खानपुर में 'गुजरात समाचार' के मुख्यालय और बाहुबली शाह व उनके भाई श्रेयांश शाह के घरों पर छापा मारा। इसके साथ ही शाह परिवार से जुड़े टीवी चैनल GSTV के कार्यालयों पर भी जांच की गई। इससे पहले इनकम टैक्स विभाग ने अहमदाबाद और आसपास के इलाकों में करीब 30 जगहों पर अलग-अलग जांच की थी, जिनमें बिल्डर, निवेशक और शेयर बाजार के दलाल शामिल थे।
गिरफ्तारी के बाद बाहुबली शाह को पहले VS अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका मेडिकल टेस्ट हुआ, लेकिन उनकी मांग पर उन्हें बाद में SG हाईवे पर स्थित जायडस अस्पताल में और जांच के लिए शिफ्ट कर दिया गया।
'गुजरात समाचार', जो 1932 में शुरू हुआ था, गुजरात का एक प्रमुख गुजराती अखबार है और इसका बड़ा पाठक वर्ग है। शाह परिवार के बाहुबली और श्रेयांश दशकों से इस अखबार के संचालन में शामिल हैं।
ED ने अभी तक छापों के बाद किसी आधिकारिक बयान में जांच के परिणाम या आरोपों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह मामला अखबार और उससे जुड़े व्यवसायों में कथित वित्तीय गड़बड़ी से जुड़ा है।
जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल में 25 मई को एक खास किताब ‘Zeba’ की लॉन्च ब्रंच पार्टी का आयोजन किया जाएगा।
जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल में 25 मई को एक खास किताब ‘Zeba’ की लॉन्च ब्रंच पार्टी का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम विशाल माथुर कंसल्टेंट्स एलएलपी द्वारा आयोजित किया जाएगा।
इस मौके पर मशहूर पत्रकार और लेखक तबीना अंजुम कुरैशी मॉडरेटर के रूप में मंच का संचालन करेंगी। तो वहीं BW बिजनेसवर्ल्ड के एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे, जबकि सोशल एंटरप्रेन्योर विन्नी कक्कड़ गेस्ट ऑफ ऑनर होंगी।
कार्यक्रम में लॉन्च हो रही किताब ‘Zeba’ लेखिका अभिनेत्री हुमा एस. कुरैशी की नई पेशकश है, जिसमें एक अनोखी और नायाब सुपरहीरो की कहानी बयां की गई है। यह कोई आम सुपरहीरो नहीं, बल्कि न्यूयॉर्क की एक बिगड़ी, रईस और निठल्ली लड़की है, जो अपनी छत पर बैठकर अपने पसंदीदा वीड के कश लेकर जिंदगी को बेजारी से देखती है। लेकिन Zeba की आरामदायक जिंदगी तब अचानक बदल जाती है जब वह 'ख़ुदिर' नाम की एक दूर की जगह जाती है और वहां उसे अपनी सुपरपावर का राज पता चलता है। अब, अपनी मर्जी के खिलाफ होते हुए भी, उसी पर ये जिम्मेदारी आ जाती है कि वह उस दुनिया को बचाए जिसे वह प्यार करती है और वह भी एक क्रूर शासक ‘The Great Khan’ से, जिसके इरादे बेहद शैतानी हैं।
अब उसके सामने है एक क्रूर तानाशाह The Great Khan, जिसके शैतानी इरादों से उसे न सिर्फ अपने परिवार को, बल्कि पूरी दुनिया को भी बचाना है। क्या Zeba अपने अंदर की उलझनों से लड़ पाएगी? क्या वह अपनी पूरी ताकत और हिम्मत समेटकर दुनिया को बचा पाएगी?
Zeba सिर्फ एक सुपरहीरो की कहानी नहीं, बल्कि आज की उस स्त्री की प्रतीक बनती है, जो आजादी, हौसले और आत्मबल के साथ अपनी राह खुद तय करती है। यह किताब जादू से भरपूर है, लेकिन इसकी जड़ें बहुत मानवीय और असल भावनाओं में हैं। यह एक ऐसी कहानी है, जो अंततः बताती है कि मुश्किलों के बीच भी इंसानी जज्बा कैसे जीत हासिल करता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप एक बार फिर 'मुंबई मिरर' को दैनिक अखबार के रूप में लॉन्च करने की तैयारी में है।
कंचन श्रीवास्तव।।
टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप एक बार फिर 'मुंबई मिरर' को दैनिक अखबार के रूप में लॉन्च करने की तैयारी में है। यह कदम न केवल प्रिंट पोर्टफोलियो को नई ऊर्जा देने की रणनीति का हिस्सा है, बल्कि इस बात का संकेत भी है कि ग्रुप को अब भी अपने मजबूत पाठक आधार और शहरी ब्रैंड की गहराई पर पूरा भरोसा है।
कंपनी के अधिकारियों ने एक्सचेंज4मीडिया से इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि ग्रुप 'मुंबई मिरर' को फिर से दैनिक अखबार के रूप में ला रहा है। यह पांच साल पहले एक बेहद पसंद किया जाने वाला प्रोडक्ट था और यह हमारी व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत हम अपने पूरे पोर्टफोलियो में नई गति लाने की कोशिश कर रहे हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि एक महीने के भीतर पूर्ण पैमाने पर इसके पुनः लॉन्च होने की उम्मीद है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि नए संस्करण की एडिटोरियल जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी। जब 'मुंबई मिरर' को 2020 में बंद किया गया था, उस समय मीनल बघेल इसकी एडिटर थीं। वर्तमान में वे मुंबई में टहिन्दुस्तान टाइम्सट की रेजिडेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं।
2020 के बाद से इसका संडे एडिशन लगातार जारी रहा, लेकिन दैनिक संस्करण की वापसी सिर्फ पुरानी यादों तक सीमित नहीं है। यह टाइम्स ग्रुप की एक बड़ी और बहुआयामी विकास योजना का हिस्सा है, जिसमें डिजिटल, इवेंट्स और कंटेंट-बेस्ड वर्टिकल्स में नए सिरे से निवेश की योजना भी शामिल है। सूत्रों का मानना है कि ग्रुप कुछ पहले बंद की गई पहलों को भी फिर से शुरू कर सकता है।
e4m ने टाइम्स ग्रुप के प्रेसिडेंट एंड हेड ऑफ रिस्पॉन्स सुरिंदर चावला से भी संपर्क किया है। उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर इस खबर को अपडेट किया जाएगा।
29 मई 2005 को गेटवे ऑफ इंडिया पर भव्य अंदाज में लॉन्च हुआ था 'मुंबई मिरर'। आतिशबाजी, लेजर शो और तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख व अभिनेता अभिषेक बच्चन की उपस्थिति ने इसे खास बना दिया।
उस समय मुंबई के प्रिंट मीडिया क्षेत्र में बड़ा बदलाव हो रहा था। हिन्दुस्तान टाइम्स अपनी मुंबई एंट्री की तैयारी कर रहा था, जबकि दैनिक भास्कर और जी ग्रुप मिलकर DNA अखबार लाने की योजना में थे। ऐसे माहौल में टाइम्स ग्रुप ने TOI को प्रतिस्पर्धा से सुरक्षित रखने के लिए एक धारदार, शहरी टैब्लॉयड उतारने का फैसला किया।
लेकिन 'मुंबई मिरर' जल्द ही अपनी अलग पहचान और ताकतवर उपस्थिति के लिए जाना जाने लगा। सिर्फ छह साल में 200 करोड़ रुपये का ब्रैंड बन गया था, जैसा कि 2012 में उस समय के एक्जीक्यूटिव प्रेसिडेंट (रेस्पॉन्स) भास्कर दास ने कहा था।
लॉन्च के दिन ही 'मुंबई मिरर' मुंबई में दूसरा सबसे ज्यादा छपने वाला अखबार बन गया था, जिसकी प्रिंट रन दो लाख कॉपियों की थी। इसकी तेज हेडलाइंस, नागरिक केंद्रित पत्रकारिता और आसान फॉर्मेट ने इसे मुंबई के पाठकों में बेहद लोकप्रिय बना दिया।
विनीत जैन ने उस समय कहा था, “यह प्रिंट मार्केट के कुल विस्तार की ओर ले जाएगा—और अगर आंतरिक प्रतिस्पर्धा होती भी है, तो वह स्वस्थ है।”
TOI के साथ फ्री में बंटना शुरू हुआ यह टैब्लॉयड बाद में पुणे, बेंगलुरु और अहमदाबाद जैसे शहरों तक पहुंचा। हालांकि, दिसंबर 2020 में महामारी के आर्थिक दबाव के बीच, ग्रुप ने दैनिक संस्करण को स्थगित करने का ऐलान किया। स्टाफ को सूचित किया गया कि अखबार दो हफ्तों में बंद कर दिया जाएगा।
यह वही समय था जब टाइम्स ग्रुप को वित्त वर्ष 2020 में ₹451 करोड़ का घाटा हुआ था, जबकि पिछले साल उसने ₹484 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया था।
'मुंबई मिरर' की यह वापसी सिर्फ एक अखबार की नहीं, बल्कि एक ऐसे दौर की है जिसने मुंबई की पत्रकारिता को नजदीक से देखा, छुआ और बदला भी। अब देखना होगा कि यह नई शुरुआत पुराने तेवर और नई सोच के साथ कैसा असर छोड़ती है।
यह आर्टिकल ‘द हिंदू’ की वेबसाइट पर पब्लिश किया गया था जो भारतीय वायु सेना के जेट विमानों के कश्मीर क्षेत्र में क्रैश होने से संबंधित एक अप्रमाणित रिपोर्ट पर आधारित था।
‘द हिंदू’ (The Hindu) ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म से उस आर्टिकल को हटा दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि कश्मीर में तीन भारतीय फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे।
दरअसल, यह आर्टिकल ‘द हिंदू’ की वेबसाइट पर पब्लिश किया गया था जो भारतीय वायु सेना के जेट विमानों के कश्मीर क्षेत्र में क्रैश होने से संबंधित एक अप्रमाणित रिपोर्ट पर आधारित था। हालांकि, कुछ ही समय बाद यह आर्टिकल हटा लिया गया। अब उस लिंक को एक्सेस करने की कोशिश करने पर एक सामान्य एरर संदेश दिखाई देता है, जो बताता है कि वह पेज अब मौजूद नहीं है।
गौरतलब है कि जब यह आर्टिकल पब्लिश किया गया था, तब कई यूजर्स ने ऑनलाइन इसे देखा और कुछ ने उन दावों के स्रोत व सत्यापन पर सवाल उठाए थे। हालांकि, कुछ समय बाद ही इसे प्लेटफॉर्म से डिलीट कर दिया गया।
इस बारे में ‘द हिंदू’ की ओर से एक ट्वीट भी किया गया है। इस ट्वीट में कहा गया है, ‘हमने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल भारतीय विमानों के बारे में एक पुरानी पोस्ट हटा दी है। भारत की ओर से ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी रिकॉर्ड में नहीं है। इसलिए हमने अपने प्लेटफॉर्म से उस पोस्ट को हटाने का फैसला किया। हमें खेद है कि इसने हमारे पाठकों के बीच भ्रम पैदा किया।’
We have deleted an earlier post about Indian aircraft involved in Operation Sindoor. There is no such on-record official information from India. We therefore decided to remove the post from our platforms. We regret that it created confusion among our readers.
— The Hindu (@the_hindu) May 7, 2025
आहूजा को प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 15 वर्षों का गहन अनुभव है। फैशन, ब्यूटी और पॉप कल्चर को लेकर उनकी समझ बेहद समृद्ध मानी जाती है।
‘इंडिया टुडे’ समूह की प्रतिष्ठित लाइफस्टाइल मैगजीन ‘Cosmopolitan India’ ने स्निग्धा आहूजा को अपना नया एडिटर नियुक्त किया है। आहूजा को प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 15 वर्षों का गहन अनुभव है। फैशन, ब्यूटी और पॉप कल्चर को लेकर उनकी समझ बेहद समृद्ध मानी जाती है।
अपनी नई भूमिका में वह ग्रुप के लग्जरी और लाइफस्टाइल बिजनेस की सीओओ साक्षी कोहली को रिपोर्ट करेंगी और ITG मीडियाप्लेक्स, नोएडा स्थित दफ्तर से कामकाज संभालेंगी।
इससे पहले वह रिलायंस ब्रैंड्स लिमिटेड की फैशन वेबसाइट ‘The Voice of Fashion’ में मैनेजिंग एडिटर थीं। साथ ही, उन्होंने AJIO के लग्जरी ई-कॉमर्स कंटेंट प्लेटफॉर्म ‘Ajio Luxe’ के लिए संपादकीय दिशा का नेतृत्व भी किया है।
स्निग्धा की नियुक्ति के बारे में इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने कहा, 'Cosmopolitan India की तरह ही स्निग्धा की आवाज बोल्ड, फ्रेश और ऊर्जा से भरपूर है। मुझे भरोसा है कि उनके नेतृत्व में यह ब्रैंड आज के दौर की जिज्ञासु और अभिव्यक्तिपूर्ण युवा ऑडियंस से और भी गहराई से जुड़ पाएगा।'
इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज झा, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और राजनीतिक विश्लेषक प्रो. जोया हसन जैसी जानी-मानी हस्तियां पैनलिस्ट के रूप में शामिल होंगी।
वरिष्ठ पत्रकार और ‘सत्य हिंदी’ न्यूज पोर्टल के को-फाउंडर आशुतोष अपनी नई किताब Reclaiming Bharat: What Changed in 2024 And What Lies Ahead लेकर आए हैं। इस किताब की लॉन्चिंग 9 मई, शुक्रवार को शाम 6:30 बजे दिल्ली के जवाहर भवन में की जाएगी।
इस अवसर पर 'The Future of Constitutional Democracy' विषय पर एक पैनल डिस्कशन भी होगा। इसमें राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज झा, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और राजनीतिक विश्लेषक प्रो. जोया हसन जैसी जानी-मानी हस्तियां पैनलिस्ट के रूप में शामिल होंगी। इस चर्चा का संचालन प्रख्यात लेखक और आलोचक अपूर्वानंद करेंगे।
Reclaiming Bharat वर्ष 2024 के आम चुनावों की गहराई से पड़ताल करती है। यह किताब इस बात की विवेचना करती है कि कैसे राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक कारकों ने भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत हासिल करने से रोका। आशुतोष ने चुनावी राजनीति के सूक्ष्म संकेतों को जोड़ते हुए यह समझाने की कोशिश की है कि भारत इस वक्त किस मोड़ पर खड़ा है और आगे क्या संभावनाएं बन सकती हैं।
बता दें कि आशुतोष इससे पहले Hindu Rashtra; The Crown Prince: The Gladiator and the Hope–Battle for Change; Anna: 13 Days That Awakened India और Mukhaute ka Rajdharma जैसी चर्चित किताबें लिख चुके हैं।
दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन (Delhi Press Patra Prakashan) द्वारा प्रकाशित इस दशकों पुरानी मैगजीन ने BCCI के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला दिल्ली हाई कोर्ट में दायर किया है।
बच्चों की लोकप्रिय मैगजीन ‘चंपक’ और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के बीच एक अनोखा कानूनी विवाद सामने आया है। दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन (Delhi Press Patra Prakashan) द्वारा प्रकाशित इस दशकों पुरानी मैगजीन ने BCCI के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला दिल्ली हाई कोर्ट में दायर किया है। मामला IPL 2025 सीजन के दौरान लॉन्च किए गए रोबोटिक डॉग 'चंपक' से जुड़ा है, जिसका नाम मैगजीन के नाम से मेल खाता है।
इस रोबोट को 23 अप्रैल को एक सार्वजनिक वोटिंग के बाद पेश किया गया था। प्रकाशक का आरोप है कि BCCI ने बिना अनुमति ‘चंपक’ नाम का इस्तेमाल कर उनकी ब्रैंड पहचान और ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया है, जो बच्चों के लिए बनाए गए जानवरों पर केंद्रित चरित्रों से जुड़ा रहा है।
प्रकाशक की ओर से पेश वकील अमित गुप्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि भले ही रोबोटिक डॉग एक अलग प्रॉडक्ट हो, लेकिन इसका नाम मैगजीन की विशिष्टता को कमजोर कर सकता है।
हाईकोर्ट के जस्टिस सौरभ बनर्जी ने इस पर सवाल उठाया, “सीधा नुकसान कहां है? इस रोबोटिक डॉग से आपके ब्रैंड के व्यवसाय या प्रतिष्ठा पर वास्तव में क्या असर पड़ा है?”
कोर्ट ने यह भी कहा कि नाम की समानता मात्र से किसी ब्रैंड के व्यावसायिक लाभ उठाने की बात साबित नहीं होती, जब तक कोई स्पष्ट व्यावसायिक लाभ सामने न आए।
कोर्ट ने 'चीकू' का उदाहरण भी दिया, जो 'चंपक' मैगजीन का एक चरित्र है और साथ ही क्रिकेटर विराट कोहली का उपनाम भी रहा है। कोर्ट ने पूछा कि उस स्थिति में कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
इस पर गुप्ता ने जवाब दिया कि अनौपचारिक उपनाम और किसी प्रॉडक्ट को आधिकारिक रूप से ट्रेडमार्क नाम से लॉन्च करना दो अलग बातें हैं।
BCCI की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जे साई दीपक ने दलील दी कि ‘चंपक’ एक आम इस्तेमाल होने वाला शब्द है, जो एक फूल का नाम भी है। उन्होंने बताया कि रोबोटिक डॉग का विचार 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' यूनिवर्स से प्रेरित है और इसका उद्देश्य किसी ब्रैंड की प्रसिद्धि से लाभ उठाना नहीं था।
कोर्ट ने तत्काल रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि अभी तक इसके पक्ष में पर्याप्त सबूत नहीं हैं, लेकिन नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख 9 जुलाई तय की है।
यह मामला तय करेगा कि IPL में ‘चंपक’ नाम का उपयोग वास्तव में ट्रेडमार्क का उल्लंघन है या केवल एक संयोग।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा कि यह गलती उत्तर प्रदेश के कुछ शुरुआती संस्करणों में हुई थी और यह चूक एक विदेशी न्यूज एजेंसी द्वारा भेजे गए फोटो कैप्शन के कारण हुई।
प्रमुख अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से एक गंभीर चूक हो गई, जब उसके एक स्थानीय संस्करण में श्रीनगर स्थित डल झील की तस्वीर के नीचे कश्मीर को 'Indian controlled Kashmir' बताया गया। इस शब्दावली को लेकर जनता में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। सोशल मीडिया पर अखबार की आलोचना शुरू होने के बाद 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने तत्काल माफी मांगते हुए स्पष्टीकरण जारी किया।
अपने आधिकारिक बयान में अखबार ने कहा कि यह गलती उत्तर प्रदेश के शुरुआती संस्करणों के सीमित हिस्से में हुई थी और इसका कारण एक विदेशी न्यूज एजेंसी द्वारा भेजे गए फोटो कैप्शन का प्रयोग करना था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह त्रुटि अखबार के मुख्य राष्ट्रीय संस्करणों, ऑनलाइन वेबसाइट या ई-पेपर में नहीं हुई थी और जैसे ही इस गलती का पता चला, इसे तुरंत ठीक कर दिया गया।
'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने अपने बयान में दो टूक कहा, "हम पूरे देश की तरह स्पष्ट रूप से और मजबूती से यह दोहराते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। यह हमारी निरंतर संपादकीय नीति रही है, जो पूरी तरह भारत के संविधान और भारतीय जनभावना के अनुरूप है।"
अखबार ने कहा कि वह इस चूक को बहुत गंभीरता से लेता है और देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करता है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने भरोसा दिलाया कि वह उच्चतम पत्रकारिता मूल्यों और भारत की एकता एवं अखंडता के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा, "हम इस चूक के लिए गहरा खेद प्रकट करते हैं और भविष्य में इस तरह की त्रुटियों से पूरी सावधानी बरतने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
Statement from The Times of India
— The Times Of India (@timesofindia) April 25, 2025
We sincerely apologise for an incorrect caption that appeared in a limited number of our early Uttar Pradesh editions today, in reference to Jammu & Kashmir. The error was due to a photo caption used by a foreign news agency and appeared in…
इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने लाइफस्टाइल पोर्टफोलियो में एक और नया नाम जोड़ते हुए HELLO! इंडिया के लॉन्च की घोषणा की है।
इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने लाइफस्टाइल पोर्टफोलियो में एक और नया नाम जोड़ते हुए HELLO! इंडिया के लॉन्च की घोषणा की है। यह मैगजीन प्रिंट संस्करण के साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म- वेबसाइट व सोशल मीडिया पर भी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराएगी। इसके अलावा इसके प्रमुख कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
मैगजीन की संपादकीय टीम का नेतृत्व रुचिका मेहता करेंगी, जो बतौर एडिटर जिम्मेदारी संभालेंगी। लाइफस्टाइल मीडिया में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली रुचिका इससे पहले HELLO! इंडिया की लॉन्चिंग एडिटर रह चुकी हैं और करीब 17 वर्षों तक इसका संचालन कर चुकी हैं।
वहीं, बिजनेस टीम का नेतृत्व इंडिया टुडे ग्रुप की लाइफस्टाइल व लग्जरी बिजनेस COO साक्षी कोहली करेंगी। साक्षी पिछले 17 वर्षों से ग्रुप से जुड़ी हुईं हैं और Harper’s Bazaar, Cosmopolitan और Brides Today जैसी मैगजींस के बिजनेस को लीड करती हैं। उनके पास मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ब्रैंड बिल्डिंग, इवेंट्स और कम्युनिकेशन का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है।
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने मैगजीन की लॉन्चिंग पर कहा, “HELLO! को अपने लाइफस्टाइल ब्रैंड्स में शामिल करना हमारे लिए बेहद उत्साहजनक है। भारत में सेलिब्रिटी और लग्जरी कल्चर तेजी से बढ़ रहा है और यह लॉन्चिंग का सबसे उपयुक्त समय है। मुझे पूरा यकीन है कि हम HELLO! को भारत में एक अग्रणी ब्रैंड बनाएंगे।”
HELLO! और HOLA S.L. ग्रुप के चेयरमैन एडुआर्डो सांचेज पेरेज ने कहा, “जैसे HOLA! अपनी 80वीं सालगिरह मना रहा है, वैसे ही HELLO! इंडिया का इस कहानी का हिस्सा बने रहना हमारे लिए गर्व और खुशी की बात है। हमें विश्वास है कि इसके पाठकों को इसमें हर बार कुछ नया और जश्न मनाने लायक मिलेगा।”