बाल दिवस पर 'Waves OTT' का विशेष तोहफा: फिल्म 'LILY' का हुआ प्रीमियर

प्रसार भारती के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म Waves OTT ने बाल दिवस के मौके पर बच्चों की भावनाओं और साहस को समर्पित फिल्म 'LILY' रिलीज करने की घोषणा की है। यह फिल्म पांच भाषाओं में उपलब्ध है।

Last Modified:
Saturday, 15 November, 2025
telgu film lily


प्रसार भारती के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 'Waves OTT' ने हमेशा भारतीय कहानियों, संवेदनाओं और सांस्कृतिक विविधता को दर्शकों तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। इसी कड़ी में, बाल दिवस के अवसर पर यानी 14 नवंबर को हृदयस्पर्शी फिल्म 'LILY' का प्रीमियर किया गया।

शिवम् द्वारा निर्देशित और कमदारी बाबू रेड्डी निर्मित इस फिल्म में टॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता शिवकृष्ण, बाल कलाकार बेबी नेहा, मास्टर वेदांत वर्मा और राजवीर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 'LILY' एक छोटी बच्ची की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है, जिसकी मासूमियत, साहस और दिल छू लेने वाली कहानी दर्शकों को गहराई तक प्रभावित करती है।

परिवार के साथ देखने योग्य यह फिल्म बाल दिवस पर 'Waves OTT' की ओर से एक उपहार की तरह है। फिल्म को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए इसे हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम पांच भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे देश और दुनिया के दर्शक इसे अपनी पसंदीदा भाषा में देख सकेंगे।

'Waves OTT' भारतीय संस्कृति, भाषा और सिनेमा के मूल्य टटोलने वाला प्रमुख मंच बनकर तेजी से उभर रहा है। 75 से अधिक टीवी चैनल, कई रेडियो स्टेशनों की लाइव स्ट्रीमिंग, डॉक्यूमेंट्री, फीचर फिल्में और एक्सक्लूसिव ओरिजिनल्स के साथ यह प्लेटफ़ॉर्म दर्शकों को एक समग्र डिजिटल अनुभव प्रदान करता है। 'LILY' का प्रीमियर Waves OTT के उस उद्देश्य को और मजबूत करता है, जिसके तहत वह भारत की संवेदनाओं, कहानियों और रचनात्मकता को वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाने में जुटा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

लखनऊ में पत्रकार पर हमला, अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

लखनऊ में एक स्थानीय पत्रकार पर हमले का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में शामिल करीब आधा दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

Last Modified:
Saturday, 15 November, 2025
POLICE8745

लखनऊ में एक स्थानीय पत्रकार पर हमले का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में शामिल करीब आधा दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। घटना गुरुवार शाम की बताई जा रही है।

पत्रकार मुकेश द्विवेदी, जो मोहनलालगंज के रहने वाले हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपने साथी हिमांशु रावत के साथ एक SUV में सर्विस सेंटर से लौट रहे थे। शाम करीब 5:40 बजे दो दूसरी SUVs और एक कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारने की कोशिश की। डर की वजह से मुकेश अपनी गाड़ी सीधे अपने प्लॉट के अंदर ले गए और कुछ लोगों को मदद के लिए बुलाया।

लेकिन उनका कहना है कि वे तीनों गाड़ियाँ भी उनके पीछे वहीं पहुंच गईं। आरोप है कि उन वाहनों में बैठे लोगों ने उनसे बदसलूकी की, गालियां दीं और जान से मारने की धमकी भी दी। मुकेश का दावा है कि जब लोगों ने विरोध किया तो आरोपियों ने फायरिंग भी की। हालांकि पुलिस ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है।

मुकेश की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इनमें हत्या की कोशिश, दंगा, घातक हथियार के साथ हमला, जानबूझकर अपमान करके झगड़ा भड़काना, और धमकी देना जैसी धाराएं शामिल हैं।

मोहनलालगंज के SHO दिलीश कुमार सिंह ने बताया कि जांच चल रही है और अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मुकेश ने फायरिंग का आरोप लगाया है, लेकिन मौके पर गोली चलने के सबूत नहीं मिले हैं। SHO के अनुसार, यह मामला संभवतः किसी व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ा हो सकता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

डॉ. आशीष बजाज की किताब 'The MarTech Playbook' लॉन्च, जानें क्यों है खास

डॉ. आशीष बजाज ने अपनी पहली किताब 'The MarTech Playbook' लॉन्च की है। यह पुस्तक आधुनिक मार्केटिंग सिस्टम को डेटा-ड्रिवन और स्केलेबल बनाने के लिए एक व्यावहारिक गाइड के रूप में पेश की गई है।

Last Modified:
Saturday, 15 November, 2025
drashishbajaj

नारायण हेल्थ के ग्रुप चीफ मार्केटिंग ऑफिसर डॉ. आशीष बजाज ने अपनी पहली पुस्तक 'The MarTech Playbook' की घोषणा की है, जो अब ZebraLearn पर प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध है। यह पुस्तक उनके वर्षों के अनुभव और मार्केटिंग ट्रांसफॉर्मेशन पहलों से प्रेरित है, जिसमें बताया गया है कि कैसे कंपनियाँ बुनियादी डिजिटल टूल्स से आगे बढ़कर एक परिपक्व और स्केलेबल MarTech सिस्टम विकसित कर सकती हैं।

किताब में संगठनों के लिए निवेश की प्राथमिकता तय करने, मजबूत टीम बनाने, आम चुनौतियों से बचने और डेटा, मीडिया और क्रिएटिविटी को एकीकृत करने की रणनीतियाँ साझा की गई हैं। यह पुस्तक न केवल मार्केटिंग प्रोफेशनल्स के लिए बल्कि फाउंडर्स और बिजनेस लीडर्स के लिए भी एक उपयोगी गाइड साबित होगी।

डॉ. बजाज ने कहा, 'एक किताब लिखना आपको गहराई से सोचने के लिए मजबूर करता है। इसमें मैंने अपने अनुभव, सफलताओं और सीख को एक रूपरेखा में ढाला है ताकि पेशेवर इसे अपने मार्केटिंग सिस्टम को प्लान, एक्जीक्यूट और ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल कर सकें।'

उन्होंने यह भी बताया कि यह पुस्तक महीनों की सोच-विचार और उद्योग सहयोग का परिणाम है, जिसमें 'Narayana Health' की टीम और उद्योग विशेषज्ञों के अनुभवों को भी शामिल किया गया है। 'The MarTech Playbook' आधुनिक मार्केटिंग जगत में तेजी से बदलते दौर के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है, जो पेशेवरों को तकनीक, डेटा और रचनात्मकता के संगम से सफलता की नई दिशा दिखाती है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जाने-माने कथाकार और पत्रकार अवधेश प्रीत का निधन, साहित्य जगत में शोक

वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह समेत तमाम दिग्गजों ने अवधेश प्रीत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

Last Modified:
Friday, 14 November, 2025
Avadhesh Preet

हिंदी के जाने-माने कथाकार अवधेश प्रीत का बुधवार को पटना में हृदयाघात से निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से साहित्य और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है।

अवधेश प्रीत मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के तरांव गांव के निवासी थे। उनका जन्म 13 जनवरी 1958 को हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कुमाऊँ विश्वविद्यालय (उत्तराखंड) से पूरी की और साहित्य-लेखन तथा रंगकर्म की शुरुआत उधम सिंह नगर से की थी।

वे हिंदी कथा-साहित्य की प्रमुख आवाज़ों में गिने जाते थे। उनकी चर्चित कृतियों में ‘अशोक राजपथ’, ‘हमजमीन’, ‘हस्तक्षेप’, ‘कोहरे में कंदील’ सहित कई महत्वपूर्ण रचनाएँ शामिल हैं। उनकी लेखनी का केंद्र समाज का यथार्थ और मानवीय संवेदनाएँ रहा।

साहित्य के साथ-साथ अवधेश प्रीत पत्रकारिता से भी जुड़े रहे और नए लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए जाने जाते थे। उनके सहकर्मियों ने उन्हें एक ईमानदार, सरल स्वभाव वाले और मार्गदर्शक व्यक्तित्व के रूप में याद किया है।

वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह समेत तमाम दिग्गजों ने अवधेश प्रीत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने शोक संदेश में हरिवंश नारायण सिंह ने लिखा है, ‘बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और चर्चित कथाकार, अवधेश प्रीत जी के नहीं रहने की दुखद खबर मिली. उनका असमय जाना, साहित्य और पत्रकारिता, दोनों के लिए बड़ी क्षति है. अवधेश जी का मिलनसार व्यक्तित्व, सहज भाषा में संवेदनशील लेखन हमेशा याद रहेगा. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.’

 

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

साहित्य आजतक 2025: दिल्ली में तीन दिन सजेगा साहित्य–संगीत का महाकुंभ

मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित होने वाला साहित्य आजतक 2025 साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति का भव्य महोत्सव है। इस बार दिवंगत सिंगर जुबीन गर्ग को समर्पित विशेष श्रद्धांजलि ‘स्वरांजलि’ भी शामिल है।

Last Modified:
Thursday, 13 November, 2025
sahityaaajtak2025

राजधानी दिल्ली एक बार फिर साहित्य और रंगमंच के विराट उत्सव साहित्य आजतक 2025 की मेजबानी करने जा रही है। 21, 22 और 23 नवंबर को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में होने वाला यह भव्य आयोजन आज तक की ओर से भारतीय भाषा, साहित्य, कला और मनोरंजन जगत का सबसे बड़ा मंच माना जाता है।

तीन दिनों तक तीन अलग-अलग स्टेज पर कविता, संगीत, नाटक, विचार-विमर्श और सांस्कृतिक रंगों की अनूठी झलक देखने को मिलेगी। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी और आम लोगों को भारतीय कला–संस्कृति से जोड़ना है। इस वर्ष के आयोजन में कला जगत के दिग्गजों का जमावड़ा लगेगा।

अल्ताफ राजा का विशेष कार्यक्रम, जसबीर जस्सी की लाइव परफॉर्मेंस, पपॉन का सुरमयी सेशन, इरशाद कामिल से बातचीत, देवेशी सहगल और विशाल मिश्रा की सूफियाना प्रस्तुतियां पहले ही चर्चा में हैं। तीसरे दिन नेहा कक्कड़ का लाइव शो दर्शकों के लिए खास आकर्षण होगा।

पहले दिन कवि डॉ. कुमार विश्वास रामकथा प्रस्तुत करेंगे, जबकि मालिनी अवस्थी अपने लोकगीतों से शाम को रसगंधित करेंगी। साथ ही दास्तानगोई के विशेष सत्र में गुरुदत्त के जीवन से जुड़ी कहानियां सुनने का अवसर मिलेगा। स्टेज तीन पर ‘राहगीर’ अपनी सरल और सूफियाना गायकी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

सबसे खास कार्यक्रम 22 नवंबर की दोपहर 1 बजे होगा ‘स्वरांजलि’, जो दिवंगत संगीतकार और सिंगर जुबीन गर्ग की याद में आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर उनकी पत्नी और फैशन डिज़ाइनर गरिमा सैकिया गर्ग मौजूद रहेंगी, जबकि पपॉन अपनी प्रस्तुति के माध्यम से जुबीन गर्ग को संगीतमय श्रद्धांजलि देंगे।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

Axis My India Exit Poll: RJD बन सकती है सबसे बड़ी पार्टी, NDA फिर सरकार बनाएगी

Axis My India के एग्जिट पोल में बिहार में एनडीए की सत्ता में वापसी के संकेत मिले हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है।

Last Modified:
Thursday, 13 November, 2025
axismyindiaexitpoll

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण की वोटिंग के बाद Axis My India का एग्जिट पोल सामने आया है, जिसने राज्य की राजनीतिक तस्वीर को और रोचक बना दिया है। सर्वे के मुताबिक, भले ही NDA बहुमत की ओर बढ़ रहा हो, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस बार सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की संभावना रखती है।

एग्जिट पोल के अनुसार, RJD को 67 से 76 सीटें, जेडीयू को 56 से 62 सीटें और भाजपा को 50 से 56 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को 17 से 21 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 11 से 16 सीटें, जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 2-4 सीटें मिल सकती हैं।

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) को 0 से 2 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वे ने बताया कि एनडीए को इस बार सभी प्रमुख जातीय समूहों में बढ़त मिली है। आंकड़ों के अनुसार, एससी मतदाताओं से 49%, ईबीसी से 58%, ओबीसी से 63% और सवर्णों से 65% वोट एनडीए के पक्ष में गए हैं। महिला मतदाताओं के रुझान ने भी एनडीए को मजबूती दी है।

Axis My India के मुताबिक, 45% महिलाओं ने एनडीए को वोट दिया, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 41% रहा। पुरुष वोटरों में महागठबंधन को 42% और महिलाओं से 40% वोट मिले हैं। इन अनुमानों से साफ है कि बिहार का चुनावी मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है और असली तस्वीर 14 नवंबर को नतीजों के साथ सामने आएगी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार पर दिनदहाड़े हमला, दो बदमाश गिरफ्तार

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक गंभीर घटना सामने आई है। स्थानीय पत्रकार दीपक अधिकारी पर तब कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर दिया, जब वह अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे थे।

Last Modified:
Wednesday, 12 November, 2025
Deepak

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक गंभीर घटना सामने आई है। स्थानीय पत्रकार दीपक अधिकारी पर तब कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर दिया, जब वह सरकारी सिंचाई नहर पर अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे थे। घटना के बाद शहर में हड़कंप मच गया।

बताया जा रहा है कि मंगलवार देर शाम, मुखानी थाना क्षेत्र में दीपक अधिकारी ऊंचा पुली के पास नहर किनारे अतिक्रमण की खबर बनाने गए थे। जैसे ही उन्होंने रिपोर्टिंग शुरू की, दो अज्ञात बदमाश मौके पर पहुंचे और पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार करने लगे।

दोनों बदमाशों ने पहले पत्रकार को मारपीट की और फिर उसे सड़क से करीब 10 फीट गहरी नहर में धक्का दे दिया। इस घटना में दीपक गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही तुरंत हरकत में आते हुए देर रात दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि मामले की जांच जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कुछ दिन पहले भी हल्द्वानी में एक अन्य पत्रकार के साथ बदमाशों द्वारा मारपीट की गई थी। इस मामले के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाने की चेतावनी दी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

भारतीय पत्रकारों के लिए अपशब्द का प्रयोग करने पर प्रेस क्लब नाराज, उठाई माफी की मांग

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने मंगलवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम द्वारा कुछ पत्रकारों पर की गई विवादित टिप्पणियों की कड़ी निंदा की

Last Modified:
Wednesday, 12 November, 2025
PCI874

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने मंगलवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम द्वारा कुछ पत्रकारों पर की गई विवादित टिप्पणियों की कड़ी निंदा की और उनसे माफी की मांग की। दरअसल, इन पत्रकारों ने हाल ही में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का इंटरव्यू लिया था।

प्रेस क्लब के बयान के अनुसार, शफीकुल आलम ने 11 नवंबर को एक फेसबुक पोस्ट में उन भारतीय और विदेशी पत्रकारों को “पश्चिमी पत्रकार और उनके भारतीय चाटुकार समकक्ष” कहा जिन्होंने शेख हसीना का इंटरव्यू लिया।

PCI ने कहा कि यह टिप्पणी खासतौर पर निंदनीय है क्योंकि आलम स्वयं एक पूर्व पत्रकार हैं। जिम्मेदार मीडिया संस्थानों के प्रोफेशनल पत्रकारों को इस तरह अपमानजनक शब्दों से संबोधित करना किसी जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से उचित नहीं है।

प्रेस क्लब ने शफीकुल आलम से माफी की अपील की और कहा कि ऐसे बयान प्रोफेशनल और जिम्मेदार पद पर बने व्यक्ति से बिल्कुल अपेक्षित नहीं हैं। लिहाजा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ऐसी टिप्पणियों की निंदा करता है और आलम से माफी की मांग करता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

कश्मीरी वरिष्ठ पत्रकार व कवि फ़याज़ दिलबर का निधन

कश्मीरी कवि और वरिष्ठ पत्रकार फ़याज़ दिलबर का रविवार शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता और साहित्य जगत में गहरा दुख छा गया है।

Last Modified:
Monday, 10 November, 2025
FayazDilbar78

कश्मीरी कवि और वरिष्ठ पत्रकार फ़याज़ दिलबर का रविवार शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता और साहित्य जगत में गहरा दुख छा गया है।

कश्मीर प्रेस क्लब ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अपने लेखन और कविताओं से कश्मीर की संस्कृति को एक अलग पहचान दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ़याज़ दिलबर का श्रीनगर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने रविवार शाम अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे और बाद में उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

फ़याज़ दिलबर ने अपने करियर की शुरुआत उर्दू अखबार 'श्रीनगर टाइम्स' से की थी। इसके बाद उन्होंने अपने साथी इमदाद साक़ी के साथ मिलकर अपनी खुद की स्थानीय न्यूज एजेंसी 'KNB' की स्थापना की।

बाद में वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने प्रसिद्ध पत्रकार विनोद दुआ और फ्रंटलाइन मैगजीन के संपादक के साथ काम किया। इसी दौरान उन्होंने शॉर्ट फिल्मों के निर्माण में भी कदम रखा और करीब दो दशक तक दिल्ली में रहे।

मूल रूप से श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके रैज़ा कदल के रहने वाले फ़याज़ दिलबर बाद में हरवन में बस गए थे। उनके हास्य और मिलनसार स्वभाव के सभी कायल थे। प्रेस क्लब ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने याद करते हुए कहा, 'फ़याज़ साहब जब भी मेरे दफ्तर आते, तो अपने मज़ाकिया अंदाज़ से माहौल हल्का कर देते। पिछली हफ्ते ही उनसे फोन पर बात हुई थी, उन्होंने हरवन वाले घर का पता भी बताया था। अफसोस है कि मैं उनसे मिलने नहीं जा पाया।'

उन्होंने कहा, 'मैं अल्लाह तआला से दुआ करता हूं कि फ़याज़ दिलबर को जन्नत नसीब हो और उनके परिवार, खासकर उनकी पत्नी और बेटे को इस दुख को सहने की ताकत दे।”

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

IWPC@31: न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने महिला पत्रकारों की भूमिका को सराहा, दिया ये संदेश

कार्यक्रम की अध्यक्षता IWPC की अध्यक्ष सुजाता राघवन ने की। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक स्मारिका (Souvenir) का विमोचन भी किया गया, जिसमें मीडिया और महिला सशक्तिकरण से जुड़े लेख प्रकाशित किए गए हैं।

Last Modified:
Monday, 10 November, 2025
IWPC 31st Anniversary

महिला पत्रकारों के प्रमुख संगठन ‘इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स’ (IWPC) ने अपने 31वें स्थापना दिवस पर आठ नवंबर को दिल्ली स्थित जवाहर भवन में विशेष समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत के नामित मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India-designate) न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हुए। कार्यक्रम का आकर्षण रहा नियाजी निजामी ब्रदर्स का सूफी संगीत, जिसने शाम को सुरों और रूहानियत से भर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता IWPC की अध्यक्ष सुजाता राघवन ने की। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक स्मारिका (Souvenir) का विमोचन भी किया गया, जिसमें मीडिया और महिला सशक्तिकरण से जुड़े लेख प्रकाशित किए गए हैं।

अपने संबोधन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि ‘मीडिया लोकतंत्र की रीढ़ है और महिला पत्रकार इसमें नई ऊर्जा और संवेदनशीलता लेकर आती हैं।’ उन्होंने कहा कि आज का दौर तकनीक से तेजी से बदल रहा है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग पत्रकारिता के लिए नई चुनौतियां लेकर आया है। उन्होंने चेताया कि डीपफेक और झूठी खबरें (false narratives) समाज में भ्रम फैलाने का बड़ा हथियार बन रही हैं, जिससे सबसे ज़्यादा नुकसान महिला पत्रकारों को झेलना पड़ता है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सुझाव दिया कि मीडिया संगठनों को ऐसी नीतियां और सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार करने चाहिए जो महिला पत्रकारों की निजता, गरिमा और सुरक्षा की रक्षा करें। उन्होंने कहा, ‘सच्ची पत्रकारिता वही है जो सच बोलने का साहस रखती है, नैतिकता पर टिकी रहती है और समाज में भरोसा कायम करती है।’

कार्यक्रम के दौरान IWPC की ओर से यह भी बताया गया कि संस्था वर्षभर विभिन्न सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां आयोजित करती है—जैसे कैंसर और डेंटल चेकअप कैंप, रक्तदान शिविर (रेड क्रॉस के सहयोग से) और स्पोर्ट्स प्रतियोगिताएँ, जिनमें पत्रकारों और उनके परिवारों की सक्रिय भागीदारी रहती है।

समारोह का समापन प्रसिद्ध नियाजी निजामी ब्रदर्स के सूफी संगीत कार्यक्रम से हुआ। उनकी पेशकश ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और शाम को एक अध्यात्मिक स्पर्श दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकार, गणमान्य अतिथि और IWPC की सदस्य उपस्थित रहीं।

मुख्य अतिथि जस्टिस सूर्यकांत का पूरा संबोधन आप यहां सुन सकते हैं

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का भव्य शुभारंभ

गाज़ीपुर की ऐतिहासिक भूमि पर साहित्य, संस्कृति और संवाद का अनोखा संगम देखने को मिला। गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, उपेंद्र राय की मौजूदगी में हुआ।

Last Modified:
Saturday, 08 November, 2025
manojsinha

शनिवार का दिन गाज़ीपुर की सांस्कृतिक पहचान में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। सदियों पुरानी साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समर्पित गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का भव्य आगाज़ पूरे सम्मान और उत्साह के साथ किया गया।

इस तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत, और दक्षिण अफ्रीका के हाई कमिश्नर प्रो. अनिल सोकलाल ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस भव्य आयोजन के लिए उपेंद्र राय का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि यह उत्सव विश्व को संदेश देता है कि भारत केवल विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि एक गहन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का धनी राष्ट्र भी है। उन्होंने कहा कि भारतीयों की निष्ठा, सत्यनिष्ठा और कर्मठता आज दुनिया भर में सम्मान का कारण है।

मनोज सिन्हा ने गाज़ीपुर की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां की मिट्टी में एक अलग आध्यात्मिक चमक है। सदियों से ऋषि-मुनियों, साधुओं और साहित्यकारों ने इस भूमि से ज्ञान का अमृत लेकर दुनिया को समृद्ध किया है। उन्होंने गाज़ीपुर को “अस्तित्व का अलौकिक मंच” बताया, जहां साहित्य, नृत्य, संगीत और विचार एक दिव्य संगम की तरह मिलते हैं।

अपने वक्तव्य में उन्होंने पूर्वांचल के प्रख्यात साहित्यकार विवेकी राय का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ठीक वैसे ही जैसे विवेकी राय की ‘सोनामाटी’ के पात्र प्रकृति में खो जाते हैं, गाज़ीपुर भी मनुष्य को उसकी जड़ों से जोड़ने का माध्यम है। साहित्य की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य मनुष्य के अंतर्मन की चिकित्सा करता है।

समाज इसके बिना जीवित तो रह सकता है, पर उसकी जीवंतता खो जाती है। साहित्य नया चिंतन, नए विचार और नई ऊर्जा देता है। यही समाज की असली शक्ति है। अंत में उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि देश आज दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था है, तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम रखता है और 111 यूनिकॉर्न इसका प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों की सही तस्वीर समाज तक पहुंचाना लेखकों, विचारकों और मीडिया की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए