‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ के ‘हिंदू कॉलेज’ से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक मिली ऐश्वर्या ने जब पब्लिशिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके साथ जुनून, अनुशासन और जिज्ञासा भी थी, जो आगे चलकर उनकी पहचान बनी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
‘Penguin Random House India’ में ‘Adult Publishing Group’ की पब्लिशर मिली ऐश्वर्या (Milee Ashwarya) का आज जन्मदिन है। यह मौका भारतीय पब्लिशिंग जगत में उनके शानदार सफर को याद करने का भी है, एक ऐसा सफर जिसने अनगिनत आवाजों को परवाज दी और भारतीय कहानियों को कहने और समझने का तरीका बदल दिया।
‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ के ‘हिंदू कॉलेज’ से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक मिली ऐश्वर्या ने जब पब्लिशिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके साथ जुनून, अनुशासन और जिज्ञासा भी थी, जो आगे चलकर उनकी पहचान बनी। वर्षों की मेहनत और उपलब्धियों के बाद वे आज इस खास मुकाम पर पहुंची हैं, जहां वे Ebury, Vintage, Penguin Business समेत कई इम्प्रिंट्स की जिम्मेदारी संभालती हैं। उनके संपादकीय अनुभव ने फिक्शन, नॉन-फिक्शन, बिजनेस, संस्मरण और लाइफस्टाइल जैसी शैलियों में बेहतरीन किताबें पाठकों तक पहुंचाई हैं, जिससे वे भारतीय पब्लिशिंग जगत की सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल हो चुकी हैं।
मिली ऐश्वर्या ने वैश्विक और भारतीय साहित्य की कई बड़ी हस्तियों के साथ काम किया है, जिनमें ऑरहान पामुक, सलमान रुश्दी, सुधा मूर्ति और देवदत्त पटनायक जैसे नाम शामिल हैं। साथ ही उन्होंने नए और कम सुने गए लेखकों को भी मंच दिया है। उनकी बनाई सूचियां विविधता और समावेशन की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर किताबों के जरिये सामने आती है।
उनके करियर की खासियत यह भी रही है कि वे समय के साथ बदलती सांस्कृतिक धारणाओं को पहचानकर उन्हें प्रकाशन के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाती रहती हैं। चाहे वह आत्मकथाएं हों जो संघर्ष और हौसले की कहानियां सुनाती हैं, नारीवादी लेखन जो परंपराओं को चुनौती देता है, या फिर Penguin Veer जैसी पहल जो भारतीय सशस्त्र बलों की कहानियों को सम्मान देती है। मिली ऐश्वर्या ने हमेशा भारतीय पाठकों के सामने नए क्षितिज खोले हैं।
तेजी से बदलते दौर में उन्होंने डिजिटल फॉर्मेट्स, पाठकों के बदलते व्यवहार और अधिक समावेशी कहानी कहने की जरूरत को स्वीकार किया है। उनका नेतृत्व इस विश्वास को और मज़बूत करता है कि किताबें सिर्फ उत्पाद नहीं होतीं, बल्कि वे विचार, पहचान और खोज का ताकतवर माध्यम होती हैं।
मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित होने वाला साहित्य आजतक 2025 साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति का भव्य महोत्सव है। इस बार दिवंगत सिंगर जुबीन गर्ग को समर्पित विशेष श्रद्धांजलि ‘स्वरांजलि’ भी शामिल है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राजधानी दिल्ली एक बार फिर साहित्य और रंगमंच के विराट उत्सव साहित्य आजतक 2025 की मेजबानी करने जा रही है। 21, 22 और 23 नवंबर को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में होने वाला यह भव्य आयोजन आज तक की ओर से भारतीय भाषा, साहित्य, कला और मनोरंजन जगत का सबसे बड़ा मंच माना जाता है।
तीन दिनों तक तीन अलग-अलग स्टेज पर कविता, संगीत, नाटक, विचार-विमर्श और सांस्कृतिक रंगों की अनूठी झलक देखने को मिलेगी। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी और आम लोगों को भारतीय कला–संस्कृति से जोड़ना है। इस वर्ष के आयोजन में कला जगत के दिग्गजों का जमावड़ा लगेगा।
अल्ताफ राजा का विशेष कार्यक्रम, जसबीर जस्सी की लाइव परफॉर्मेंस, पपॉन का सुरमयी सेशन, इरशाद कामिल से बातचीत, देवेशी सहगल और विशाल मिश्रा की सूफियाना प्रस्तुतियां पहले ही चर्चा में हैं। तीसरे दिन नेहा कक्कड़ का लाइव शो दर्शकों के लिए खास आकर्षण होगा।
पहले दिन कवि डॉ. कुमार विश्वास रामकथा प्रस्तुत करेंगे, जबकि मालिनी अवस्थी अपने लोकगीतों से शाम को रसगंधित करेंगी। साथ ही दास्तानगोई के विशेष सत्र में गुरुदत्त के जीवन से जुड़ी कहानियां सुनने का अवसर मिलेगा। स्टेज तीन पर ‘राहगीर’ अपनी सरल और सूफियाना गायकी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
सबसे खास कार्यक्रम 22 नवंबर की दोपहर 1 बजे होगा ‘स्वरांजलि’, जो दिवंगत संगीतकार और सिंगर जुबीन गर्ग की याद में आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर उनकी पत्नी और फैशन डिज़ाइनर गरिमा सैकिया गर्ग मौजूद रहेंगी, जबकि पपॉन अपनी प्रस्तुति के माध्यम से जुबीन गर्ग को संगीतमय श्रद्धांजलि देंगे।
Axis My India के एग्जिट पोल में बिहार में एनडीए की सत्ता में वापसी के संकेत मिले हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण की वोटिंग के बाद Axis My India का एग्जिट पोल सामने आया है, जिसने राज्य की राजनीतिक तस्वीर को और रोचक बना दिया है। सर्वे के मुताबिक, भले ही NDA बहुमत की ओर बढ़ रहा हो, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस बार सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की संभावना रखती है।
एग्जिट पोल के अनुसार, RJD को 67 से 76 सीटें, जेडीयू को 56 से 62 सीटें और भाजपा को 50 से 56 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को 17 से 21 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 11 से 16 सीटें, जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 2-4 सीटें मिल सकती हैं।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) को 0 से 2 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वे ने बताया कि एनडीए को इस बार सभी प्रमुख जातीय समूहों में बढ़त मिली है। आंकड़ों के अनुसार, एससी मतदाताओं से 49%, ईबीसी से 58%, ओबीसी से 63% और सवर्णों से 65% वोट एनडीए के पक्ष में गए हैं। महिला मतदाताओं के रुझान ने भी एनडीए को मजबूती दी है।
Axis My India के मुताबिक, 45% महिलाओं ने एनडीए को वोट दिया, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 41% रहा। पुरुष वोटरों में महागठबंधन को 42% और महिलाओं से 40% वोट मिले हैं। इन अनुमानों से साफ है कि बिहार का चुनावी मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है और असली तस्वीर 14 नवंबर को नतीजों के साथ सामने आएगी।
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक गंभीर घटना सामने आई है। स्थानीय पत्रकार दीपक अधिकारी पर तब कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर दिया, जब वह अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे थे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक गंभीर घटना सामने आई है। स्थानीय पत्रकार दीपक अधिकारी पर तब कुछ बदमाशों ने दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर दिया, जब वह सरकारी सिंचाई नहर पर अतिक्रमण की रिपोर्टिंग कर रहे थे। घटना के बाद शहर में हड़कंप मच गया।
बताया जा रहा है कि मंगलवार देर शाम, मुखानी थाना क्षेत्र में दीपक अधिकारी ऊंचा पुली के पास नहर किनारे अतिक्रमण की खबर बनाने गए थे। जैसे ही उन्होंने रिपोर्टिंग शुरू की, दो अज्ञात बदमाश मौके पर पहुंचे और पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार करने लगे।
दोनों बदमाशों ने पहले पत्रकार को मारपीट की और फिर उसे सड़क से करीब 10 फीट गहरी नहर में धक्का दे दिया। इस घटना में दीपक गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही तुरंत हरकत में आते हुए देर रात दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि मामले की जांच जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कुछ दिन पहले भी हल्द्वानी में एक अन्य पत्रकार के साथ बदमाशों द्वारा मारपीट की गई थी। इस मामले के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाने की चेतावनी दी है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने मंगलवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम द्वारा कुछ पत्रकारों पर की गई विवादित टिप्पणियों की कड़ी निंदा की
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने मंगलवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम द्वारा कुछ पत्रकारों पर की गई विवादित टिप्पणियों की कड़ी निंदा की और उनसे माफी की मांग की। दरअसल, इन पत्रकारों ने हाल ही में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का इंटरव्यू लिया था।
प्रेस क्लब के बयान के अनुसार, शफीकुल आलम ने 11 नवंबर को एक फेसबुक पोस्ट में उन भारतीय और विदेशी पत्रकारों को “पश्चिमी पत्रकार और उनके भारतीय चाटुकार समकक्ष” कहा जिन्होंने शेख हसीना का इंटरव्यू लिया।
PCI ने कहा कि यह टिप्पणी खासतौर पर निंदनीय है क्योंकि आलम स्वयं एक पूर्व पत्रकार हैं। जिम्मेदार मीडिया संस्थानों के प्रोफेशनल पत्रकारों को इस तरह अपमानजनक शब्दों से संबोधित करना किसी जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से उचित नहीं है।
प्रेस क्लब ने शफीकुल आलम से माफी की अपील की और कहा कि ऐसे बयान प्रोफेशनल और जिम्मेदार पद पर बने व्यक्ति से बिल्कुल अपेक्षित नहीं हैं। लिहाजा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ऐसी टिप्पणियों की निंदा करता है और आलम से माफी की मांग करता है।
कश्मीरी कवि और वरिष्ठ पत्रकार फ़याज़ दिलबर का रविवार शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता और साहित्य जगत में गहरा दुख छा गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
कश्मीरी कवि और वरिष्ठ पत्रकार फ़याज़ दिलबर का रविवार शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता और साहित्य जगत में गहरा दुख छा गया है।
कश्मीर प्रेस क्लब ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अपने लेखन और कविताओं से कश्मीर की संस्कृति को एक अलग पहचान दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ़याज़ दिलबर का श्रीनगर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने रविवार शाम अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे और बाद में उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
फ़याज़ दिलबर ने अपने करियर की शुरुआत उर्दू अखबार 'श्रीनगर टाइम्स' से की थी। इसके बाद उन्होंने अपने साथी इमदाद साक़ी के साथ मिलकर अपनी खुद की स्थानीय न्यूज एजेंसी 'KNB' की स्थापना की।
बाद में वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने प्रसिद्ध पत्रकार विनोद दुआ और फ्रंटलाइन मैगजीन के संपादक के साथ काम किया। इसी दौरान उन्होंने शॉर्ट फिल्मों के निर्माण में भी कदम रखा और करीब दो दशक तक दिल्ली में रहे।
मूल रूप से श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके रैज़ा कदल के रहने वाले फ़याज़ दिलबर बाद में हरवन में बस गए थे। उनके हास्य और मिलनसार स्वभाव के सभी कायल थे। प्रेस क्लब ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने याद करते हुए कहा, 'फ़याज़ साहब जब भी मेरे दफ्तर आते, तो अपने मज़ाकिया अंदाज़ से माहौल हल्का कर देते। पिछली हफ्ते ही उनसे फोन पर बात हुई थी, उन्होंने हरवन वाले घर का पता भी बताया था। अफसोस है कि मैं उनसे मिलने नहीं जा पाया।'
उन्होंने कहा, 'मैं अल्लाह तआला से दुआ करता हूं कि फ़याज़ दिलबर को जन्नत नसीब हो और उनके परिवार, खासकर उनकी पत्नी और बेटे को इस दुख को सहने की ताकत दे।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता IWPC की अध्यक्ष सुजाता राघवन ने की। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक स्मारिका (Souvenir) का विमोचन भी किया गया, जिसमें मीडिया और महिला सशक्तिकरण से जुड़े लेख प्रकाशित किए गए हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
महिला पत्रकारों के प्रमुख संगठन ‘इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स’ (IWPC) ने अपने 31वें स्थापना दिवस पर आठ नवंबर को दिल्ली स्थित जवाहर भवन में विशेष समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत के नामित मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India-designate) न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हुए। कार्यक्रम का आकर्षण रहा नियाजी निजामी ब्रदर्स का सूफी संगीत, जिसने शाम को सुरों और रूहानियत से भर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता IWPC की अध्यक्ष सुजाता राघवन ने की। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक स्मारिका (Souvenir) का विमोचन भी किया गया, जिसमें मीडिया और महिला सशक्तिकरण से जुड़े लेख प्रकाशित किए गए हैं।

अपने संबोधन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि ‘मीडिया लोकतंत्र की रीढ़ है और महिला पत्रकार इसमें नई ऊर्जा और संवेदनशीलता लेकर आती हैं।’ उन्होंने कहा कि आज का दौर तकनीक से तेजी से बदल रहा है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग पत्रकारिता के लिए नई चुनौतियां लेकर आया है। उन्होंने चेताया कि डीपफेक और झूठी खबरें (false narratives) समाज में भ्रम फैलाने का बड़ा हथियार बन रही हैं, जिससे सबसे ज़्यादा नुकसान महिला पत्रकारों को झेलना पड़ता है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सुझाव दिया कि मीडिया संगठनों को ऐसी नीतियां और सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार करने चाहिए जो महिला पत्रकारों की निजता, गरिमा और सुरक्षा की रक्षा करें। उन्होंने कहा, ‘सच्ची पत्रकारिता वही है जो सच बोलने का साहस रखती है, नैतिकता पर टिकी रहती है और समाज में भरोसा कायम करती है।’
कार्यक्रम के दौरान IWPC की ओर से यह भी बताया गया कि संस्था वर्षभर विभिन्न सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां आयोजित करती है—जैसे कैंसर और डेंटल चेकअप कैंप, रक्तदान शिविर (रेड क्रॉस के सहयोग से) और स्पोर्ट्स प्रतियोगिताएँ, जिनमें पत्रकारों और उनके परिवारों की सक्रिय भागीदारी रहती है।
समारोह का समापन प्रसिद्ध नियाजी निजामी ब्रदर्स के सूफी संगीत कार्यक्रम से हुआ। उनकी पेशकश ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और शाम को एक अध्यात्मिक स्पर्श दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकार, गणमान्य अतिथि और IWPC की सदस्य उपस्थित रहीं।
मुख्य अतिथि जस्टिस सूर्यकांत का पूरा संबोधन आप यहां सुन सकते हैं
गाज़ीपुर की ऐतिहासिक भूमि पर साहित्य, संस्कृति और संवाद का अनोखा संगम देखने को मिला। गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, उपेंद्र राय की मौजूदगी में हुआ।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
शनिवार का दिन गाज़ीपुर की सांस्कृतिक पहचान में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। सदियों पुरानी साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समर्पित गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का भव्य आगाज़ पूरे सम्मान और उत्साह के साथ किया गया।
इस तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत, और दक्षिण अफ्रीका के हाई कमिश्नर प्रो. अनिल सोकलाल ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस भव्य आयोजन के लिए उपेंद्र राय का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह उत्सव विश्व को संदेश देता है कि भारत केवल विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि एक गहन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का धनी राष्ट्र भी है। उन्होंने कहा कि भारतीयों की निष्ठा, सत्यनिष्ठा और कर्मठता आज दुनिया भर में सम्मान का कारण है।
मनोज सिन्हा ने गाज़ीपुर की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां की मिट्टी में एक अलग आध्यात्मिक चमक है। सदियों से ऋषि-मुनियों, साधुओं और साहित्यकारों ने इस भूमि से ज्ञान का अमृत लेकर दुनिया को समृद्ध किया है। उन्होंने गाज़ीपुर को “अस्तित्व का अलौकिक मंच” बताया, जहां साहित्य, नृत्य, संगीत और विचार एक दिव्य संगम की तरह मिलते हैं।
अपने वक्तव्य में उन्होंने पूर्वांचल के प्रख्यात साहित्यकार विवेकी राय का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ठीक वैसे ही जैसे विवेकी राय की ‘सोनामाटी’ के पात्र प्रकृति में खो जाते हैं, गाज़ीपुर भी मनुष्य को उसकी जड़ों से जोड़ने का माध्यम है। साहित्य की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य मनुष्य के अंतर्मन की चिकित्सा करता है।
समाज इसके बिना जीवित तो रह सकता है, पर उसकी जीवंतता खो जाती है। साहित्य नया चिंतन, नए विचार और नई ऊर्जा देता है। यही समाज की असली शक्ति है। अंत में उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि देश आज दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था है, तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम रखता है और 111 यूनिकॉर्न इसका प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों की सही तस्वीर समाज तक पहुंचाना लेखकों, विचारकों और मीडिया की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'जी न्यूज' को दिए विशेष इंटरव्यू में एनडीए की मजबूत स्थिति का दावा किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'जी न्यूज' को दिए विशेष इंटरव्यू में एनडीए की मजबूत स्थिति का दावा किया है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड मतदान और जनता की स्पष्ट पसंद एनडीए की सरकार के लिए सकारात्मक संकेत हैं। साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर भी कड़ा हमला बोला और उनके रवैये पर सवाल उठाए।
नड्डा ने कहा कि बिहार का चुनाव अब विकास और राजनीतिक स्थिरता के एजेंडे पर केंद्रित हो गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को एनडीए की संभावित जीत का आधार बताया और बताया कि जनता अपने वोट से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करना चाहती है।
इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखे आरोप लगाए। नड्डा का कहना था कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं और कानून को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा करके देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘डीप स्टेट’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि वह अपने दावों का कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं करते, इसलिए उन्हें गंभीर नहीं लिया जा सकता।
नड्डा की ये टिप्पणियां एनडीए की स्थिति को मजबूत दिखाने और विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठाने के उद्देश्य से हैं, जो बिहार चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी में नया मोड़ जोड़ती हैं।
तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तेलुगु टीवी चैनल के सीईओ डी.एच.वी.एस.एस.एन. मूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलाकार धर्म सत्य साई श्रीनिवास महेश काकानी को नोटिस जारी किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तेलुगु न्यूज चैनल TV5 के सीईओ डी.एच.वी.एस.एस.एन. मूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए अभिनेता धर्म सत्य साई श्रीनिवास महेश काकानी को नोटिस जारी किया है। मूर्ति ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी।
जस्टिस तिरुमला देवी ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे मामले की जांच के दौरान मूर्ति को भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी करें। यह मामला कुकटपल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है।
एफआईआर में मूर्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(3) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 72 के तहत केस दर्ज किया गया है। यह शिकायत कलाकार महेश काकानी ने दी थी।
काकानी का आरोप है कि मूर्ति ने उनसे पैसे वसूलने की कोशिश की और उनकी निजी पारिवारिक विवाद का फायदा उठाया। उन्होंने दावा किया कि मूर्ति ने उनकी पत्नी चिरुमामिला गौतमी से जुड़े मामले में उनका शोषण करने की कोशिश की। एफआईआर में गौतमी को पहला आरोपी और मूर्ति को दूसरा आरोपी बताया गया है। ककानी अपनी शिकायत में आगे कहा है कि इन दोनों ने उनके फोन कॉल्स को गैरकानूनी तरीके से टैप किया, उनकी निजी बातचीत रिकॉर्ड की और बिना उनकी अनुमति के चैनल पर प्रसारित भी किया।
उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को गौतमी और मूर्ति ने उनकी और उनके पिता काकानी वेंकटेश्वर राव (जो तेलुगु देशम पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं) के बीच हुई निजी बातचीत को चैनल पर दिखाया। महेश ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पास कुछ गुप्त कैमरों और छिपे हुए उपकरणों से रिकॉर्ड किए गए निजी वीडियो और तस्वीरें भी हैं, जो बिना उनकी जानकारी के बनाई गईं। उनका कहना है कि इन दोनों ने उनसे 10 करोड़ रुपये की मांग की ताकि मामला “सुलझाया जा सके” और उनकी निजी बातों का आगे दुरुपयोग न किया जाए। यह एफआईआर 4 नवंबर को दर्ज की गई थी।
इससे पहले काकानी ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुकटपल्ली पुलिस उनकी शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। इस पर उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि पुलिस को मूर्ति और गौतमी के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया जाए।
जस्टिस एन.वी. श्रीवन कुमार ने दोनों पक्षों और पुलिस की दलीलें सुनने के बाद कहा था कि यदि शिकायतकर्ता अपने आरोपों के समर्थन में सबूत और जरूरी सामग्री पेश करते हैं तो पुलिस को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।
इसके बाद मूर्ति ने हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह एफआईआर “निजी दुश्मनी का नतीजा है और मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के अंदरूनी विवादों का हिस्सा है।”
दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए गूगल को उनके नाम से प्रसारित हो रहे डीपफेक वीडियो वाले चैनल हटाने का आदेश दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने गूगल LLC को आदेश दिया है कि यूट्यूब पर उनके नाम से चल रहे डीपफेक वीडियो वाले चैनल्स को तुरंत हटाया जाए।
पिछले कई वर्षों से सोशल मीडिया पर रजत शर्मा के फर्जी, एडिटेड और AI-जनित वीडियो वायरल हो रहे थे, जिनमें उनकी आवाज, चेहरा और असली शो फुटेज को बदलकर गलत संदेश फैलाए जा रहे थे। अदालत ने कहा कि डीपफेक फैलाने वाले दोनों सक्रिय चैनल 36 घंटे के भीतर हटाए जाएं।
इसके साथ ही गूगल को निर्देश दिया गया कि इन चैनलों की BSI जानकारी, कॉन्टैक्ट डिटेल्स और मोनेटाइजेशन डेटा एक सप्ताह के अंदर रजत शर्मा को उपलब्ध कराया जाए। रजत शर्मा की याचिका में कहा गया था कि ये चैनल्स न केवल उनकी छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि जनता को भ्रमित भी कर रहे हैं।
कुछ वीडियोज़ में उन्हें सोने-चांदी की कीमतों पर झूठी सलाह देते हुए दिखाया गया, ताकि लोग नकली निवेश लिंक पर क्लिक करें। रजत शर्मा ने चार चैनलों के खिलाफ शिकायत की थी, जिनमें से दो पहले ही हटाए जा चुके थे, जबकि बाकी दो पर जांच जारी थी।
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े व्यक्तियों की छवि से खिलवाड़ करना समाज के लिए घातक है। उन्होंने रजत शर्मा को राहत देते हुए यह भी व्यवस्था दी कि भविष्य में यदि वे किसी डीपफेक या डॉक्टर्ड वीडियो की शिकायत सीधे गूगल को देंगे, तो गूगल उसे 48 घंटे के भीतर हटाने के लिए बाध्य होगा।
अदालत ने गूगल को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह ऐसी तकनीक विकसित करे जो डीपफेक सामग्री की स्वतः पहचान कर सके और उसे रोक सके। इस मामले में रजत शर्मा की ओर से एडवोकेट साईकृष्ण राजगोपाल, दिशा शर्मा, दीपिका पोखरिया और मैथिली गिरीश ने पैरवी की।