दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए गूगल को उनके नाम से प्रसारित हो रहे डीपफेक वीडियो वाले चैनल हटाने का आदेश दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने गूगल LLC को आदेश दिया है कि यूट्यूब पर उनके नाम से चल रहे डीपफेक वीडियो वाले चैनल्स को तुरंत हटाया जाए।
पिछले कई वर्षों से सोशल मीडिया पर रजत शर्मा के फर्जी, एडिटेड और AI-जनित वीडियो वायरल हो रहे थे, जिनमें उनकी आवाज, चेहरा और असली शो फुटेज को बदलकर गलत संदेश फैलाए जा रहे थे। अदालत ने कहा कि डीपफेक फैलाने वाले दोनों सक्रिय चैनल 36 घंटे के भीतर हटाए जाएं।
इसके साथ ही गूगल को निर्देश दिया गया कि इन चैनलों की BSI जानकारी, कॉन्टैक्ट डिटेल्स और मोनेटाइजेशन डेटा एक सप्ताह के अंदर रजत शर्मा को उपलब्ध कराया जाए। रजत शर्मा की याचिका में कहा गया था कि ये चैनल्स न केवल उनकी छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि जनता को भ्रमित भी कर रहे हैं।
कुछ वीडियोज़ में उन्हें सोने-चांदी की कीमतों पर झूठी सलाह देते हुए दिखाया गया, ताकि लोग नकली निवेश लिंक पर क्लिक करें। रजत शर्मा ने चार चैनलों के खिलाफ शिकायत की थी, जिनमें से दो पहले ही हटाए जा चुके थे, जबकि बाकी दो पर जांच जारी थी।
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े व्यक्तियों की छवि से खिलवाड़ करना समाज के लिए घातक है। उन्होंने रजत शर्मा को राहत देते हुए यह भी व्यवस्था दी कि भविष्य में यदि वे किसी डीपफेक या डॉक्टर्ड वीडियो की शिकायत सीधे गूगल को देंगे, तो गूगल उसे 48 घंटे के भीतर हटाने के लिए बाध्य होगा।
अदालत ने गूगल को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह ऐसी तकनीक विकसित करे जो डीपफेक सामग्री की स्वतः पहचान कर सके और उसे रोक सके। इस मामले में रजत शर्मा की ओर से एडवोकेट साईकृष्ण राजगोपाल, दिशा शर्मा, दीपिका पोखरिया और मैथिली गिरीश ने पैरवी की।
बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'जी न्यूज' को दिए विशेष इंटरव्यू में एनडीए की मजबूत स्थिति का दावा किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'जी न्यूज' को दिए विशेष इंटरव्यू में एनडीए की मजबूत स्थिति का दावा किया है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड मतदान और जनता की स्पष्ट पसंद एनडीए की सरकार के लिए सकारात्मक संकेत हैं। साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर भी कड़ा हमला बोला और उनके रवैये पर सवाल उठाए।
नड्डा ने कहा कि बिहार का चुनाव अब विकास और राजनीतिक स्थिरता के एजेंडे पर केंद्रित हो गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को एनडीए की संभावित जीत का आधार बताया और बताया कि जनता अपने वोट से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करना चाहती है।
इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखे आरोप लगाए। नड्डा का कहना था कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं और कानून को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा करके देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘डीप स्टेट’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि वह अपने दावों का कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं करते, इसलिए उन्हें गंभीर नहीं लिया जा सकता।
नड्डा की ये टिप्पणियां एनडीए की स्थिति को मजबूत दिखाने और विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठाने के उद्देश्य से हैं, जो बिहार चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी में नया मोड़ जोड़ती हैं।
तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तेलुगु टीवी चैनल के सीईओ डी.एच.वी.एस.एस.एन. मूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलाकार धर्म सत्य साई श्रीनिवास महेश काकानी को नोटिस जारी किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तेलुगु न्यूज चैनल TV5 के सीईओ डी.एच.वी.एस.एस.एन. मूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए अभिनेता धर्म सत्य साई श्रीनिवास महेश काकानी को नोटिस जारी किया है। मूर्ति ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी।
जस्टिस तिरुमला देवी ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे मामले की जांच के दौरान मूर्ति को भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी करें। यह मामला कुकटपल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है।
एफआईआर में मूर्ति पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(3) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 72 के तहत केस दर्ज किया गया है। यह शिकायत कलाकार महेश काकानी ने दी थी।
काकानी का आरोप है कि मूर्ति ने उनसे पैसे वसूलने की कोशिश की और उनकी निजी पारिवारिक विवाद का फायदा उठाया। उन्होंने दावा किया कि मूर्ति ने उनकी पत्नी चिरुमामिला गौतमी से जुड़े मामले में उनका शोषण करने की कोशिश की। एफआईआर में गौतमी को पहला आरोपी और मूर्ति को दूसरा आरोपी बताया गया है। ककानी अपनी शिकायत में आगे कहा है कि इन दोनों ने उनके फोन कॉल्स को गैरकानूनी तरीके से टैप किया, उनकी निजी बातचीत रिकॉर्ड की और बिना उनकी अनुमति के चैनल पर प्रसारित भी किया।
उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को गौतमी और मूर्ति ने उनकी और उनके पिता काकानी वेंकटेश्वर राव (जो तेलुगु देशम पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं) के बीच हुई निजी बातचीत को चैनल पर दिखाया। महेश ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पास कुछ गुप्त कैमरों और छिपे हुए उपकरणों से रिकॉर्ड किए गए निजी वीडियो और तस्वीरें भी हैं, जो बिना उनकी जानकारी के बनाई गईं। उनका कहना है कि इन दोनों ने उनसे 10 करोड़ रुपये की मांग की ताकि मामला “सुलझाया जा सके” और उनकी निजी बातों का आगे दुरुपयोग न किया जाए। यह एफआईआर 4 नवंबर को दर्ज की गई थी।
इससे पहले काकानी ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुकटपल्ली पुलिस उनकी शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। इस पर उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि पुलिस को मूर्ति और गौतमी के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया जाए।
जस्टिस एन.वी. श्रीवन कुमार ने दोनों पक्षों और पुलिस की दलीलें सुनने के बाद कहा था कि यदि शिकायतकर्ता अपने आरोपों के समर्थन में सबूत और जरूरी सामग्री पेश करते हैं तो पुलिस को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।
इसके बाद मूर्ति ने हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह एफआईआर “निजी दुश्मनी का नतीजा है और मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के अंदरूनी विवादों का हिस्सा है।”
यह बूथ, Waves Bazaar के अंदर एक स्टार्टअप शोकेस जोन है, जो WaveX के जरिए आयोजित किया जा रहा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 'WaveX बूथ' के लिए बुकिंग शुरू कर दी है। यह बूथ, Waves Bazaar के अंदर एक स्टार्टअप शोकेस जोन है, जो WaveX के जरिए आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ऑफ इंडिया (IFFI) 2025, गोवा में होगा।
यह शोकेस 20 नवंबर से 24 नवंबर, 2025 तक चलेगा और फिल्म बाजार के आसपास आयोजित होगा, जो IFFI का मुख्य नेटवर्किंग हब माना जाता है।
इस पहल का मकसद नए और उभरते स्टार्टअप्स को एक प्लेटफॉर्म देना है। खासकर उन स्टार्टअप्स के लिए जो एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) और एंटरटेनमेंट से जुड़े हैं। यहां उन्हें वैश्विक इंडस्ट्री के लीडर्स, निवेशक और प्रोडक्शन स्टूडियोज से जुड़ने का मौका मिलेगा।
हर स्टॉल की कीमत शेयरिंग बेसिस पर 30,000 रुपये है। इसमें दो डेलीगेट पास, लंच और हाई टी, शाम का नेटवर्किंग मौका और फिल्म, मीडिया और टेक प्रोफेशनल्स के बीच सीधी दिखावट शामिल है।
स्टार्टअप्स अपना रजिस्ट्रेशन wavex.wavesbazaar.com पर कर सकते हैं। कोई सवाल हो तो wavex-mib@gov.in पर मेल किया जा सकता है। मंत्रालय ने बताया कि स्टॉल सीमित हैं और उन्हें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।
IFFI की स्थापना 1952 में हुई थी और यह एशिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल्स में से एक माना जाता है। इस साल इसका 56वां संस्करण 20 से 28 नवंबर, 2025 तक पणजी में होगा।
WaveX, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की राष्ट्रीय स्टार्टअप एक्सेलेरेटर और इनक्यूबेशन पहल है। इसका मकसद AVGC-XR और मीडिया-टेक इकोसिस्टम में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इसके तहत अकादमिक संस्थानों, इंडस्ट्री और इनक्यूबेटर्स के साथ मिलकर काम किया जाता है।
मणिपुर के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (AMWJU) ने दिल्ली स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) को कानूनी नोटिस भेजा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
मणिपुर के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (AMWJU) ने दिल्ली स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस उस रिपोर्ट को लेकर भेजा गया है जिसमें मणिपुर के मैतेई-कुकी समुदायों के बीच हुए जातीय संघर्ष से जुड़ी पत्रकारों की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे।
AMWJU ने PUCL से अपनी रिपोर्ट को 'बिना शर्त और तुरंत वापस लेने' और सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि रिपोर्ट में कई बिना आधार और झूठे आरोप लगाए गए हैं, जो पत्रकारों की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।
पत्रकार संघ का आरोप है कि रिपोर्ट में यह कहा गया कि AMWJU की खबरों को चुनने या दबाने में 'पक्षपातपूर्ण भूमिका' रही है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी इशारा किया गया कि यूनियन का 'धमकी और दबाव' से कोई संबंध है। संघ का कहना है कि यह पूरी तरह झूठा और मानहानिकारक आरोप है।
AMWJU ने कहा कि पत्रकार संघ की सदस्यता का निर्धारण उसके संविधान और कानूनों के तहत होता है। इसमें वही पत्रकार शामिल हो सकते हैं जो आरएनआई (Registrar of Newspapers for India) से पंजीकृत मीडिया संस्थानों में कार्यरत हैं। संघ ने यह भी कहा कि रिपोर्ट तैयार करने से पहले PUCL ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया, जो 'प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों' का उल्लंघन है।
संघ की ओर से वकील हिजाम चंद्रकुमार ने बयान में कहा कि बिना जांचे-परखे ऐसे आरोप लगाना AMWJU की दशकों पुरानी साख और पत्रकारिता की नैतिकता को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि अगर PUCL ने 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट वापस नहीं ली, तो यूनियन भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के तहत मानहानि का आपराधिक मामला और हरजाने का दीवानी मुकदमा दायर करेगी।
PUCL की रिपोर्ट में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और सुरक्षा बलों की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि हिंसा 'स्वतः नहीं भड़की' बल्कि इसे 'संगठित तरीके से अंजाम दिया गया', जिसमें कुछ मैतेई समूहों की भूमिका बताई गई।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया जाए जो जातीय हिंसा और नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामलों की जांच करे। PUCL की टीम ने राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात भी की थी।

फिल्ममेकर शिवानी पांडे द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री 'थेवा' का प्रसारण संसद टीवी पर होगा। यह फिल्म राजस्थान की प्राचीन स्वर्ण कला 'थेवा' की परंपरा, शिल्पकारों के संघर्ष को उजागर करती है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारत की समृद्ध हस्तकला परंपरा को समर्पित डॉक्यूमेंट्री ‘थेवा(Thewa)’ का प्रसारण संसद टीवी पर 7 नवंबर, शुक्रवार शाम 6 बजे और पुनः प्रसारण 9 नवंबर, रविवार दोपहर 12 बजे किया जाएगा। यह फिल्म राजस्थान के प्रतापगढ़ की सदियों पुरानी 'थेवा कला’ पर आधारित है, जिसमें शिल्पकार कांच पर 23 कैरेट सोने की महीन परत चढ़ाकर अद्भुत गहने और सजावटी वस्तुएँ तैयार करते हैं।
फिल्म इस दुर्लभ कला की खूबसूरती के साथ-साथ उन कलाकारों के जीवन को भी उजागर करती है, जो परंपरागत तकनीकों को पीढ़ियों से संजोए हुए हैं। बदलते समय और सीमित संसाधनों के बीच उनका संघर्ष और समर्पण इस डॉक्यूमेंट्री का भावनात्मक केंद्र है।
संवेदनशील सिनेमैटोग्राफी और आत्मीय कहानी कहने की शैली के साथ 'थेवा' भारतीय परंपरा और आधुनिकता के बीच चल रहे संवाद को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। निर्देशक शिवानी पांडे, जो एक प्रतिष्ठित फोटो जर्नलिस्ट, लेखिका और फिल्ममेकर हैं, ने इस फिल्म के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की गहराई को एक नए दृष्टिकोण से सामने रखा है।
उन्होंने पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी फिल्मों और तस्वीरों से भारत की लोक परंपराओं, ग्रामीण जीवन और सामाजिक विकास की कहानियाँ साझा की हैं। 'थेवा' का प्रसारण भारतीय हस्तकला की दस्तावेजी परंपरा में एक अहम मील का पत्थर साबित होगा, जो दर्शकों को यह याद दिलाता है कि भारत की असली पहचान उसके शिल्प, संस्कृति और परंपरा में बसती है।
जहां आज ज्यादातर सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स कुछ महीनों में भुला दिए जाते हैं, वहीं मिलिंद सोमन का ब्रैंड इसलिए कायम है क्योंकि यह किसी विज्ञापन चक्र पर नहीं, बल्कि निरंतरता पर आधारित है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
एक्टर, मॉडल और विज्ञापन की दुनिया में जाना-माना नाम मिलिंद सोमन आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह सिर्फ एक मशहूर चेहरे के जीवन का पड़ाव नहीं, बल्कि इस बात की मिसाल है कि एक पर्सनल ब्रैंड समय के साथ कैसे विकसित होता है, टिकता है और हर दौर में लोगों से जुड़ा रहता है।
1990 के दशक में आया ‘मेड इन इंडिया’ म्यूजिक वीडियो मिलिंद सोमन के सफर की शुरुआत था। उस दौर में भारतीय विज्ञापन पारंपरिक छवियों से भरे थे, लेकिन मिलिंद ने इस ढर्रे को तोड़ दिया। उनकी सहजता, आत्मविश्वास और एथलेटिक लुक्स ने पुरुष आकर्षण की एक नई परिभाषा दी—ऐसी जो प्रेरक भी थी और जुड़ाव भरी भी। वह सिर्फ किसी ब्रैंड का चेहरा नहीं थे, बल्कि खुद एक ब्रैंड बन गए।
‘मेड इन इंडिया’ की सफलता और उसके बाद के विज्ञापन अभियानों ने मिलिंद को भारत का पहला सच्चा मेल सुपरमॉडल बना दिया। फैशन से लेकर फिटनेस तक, हर सेक्टर के ब्रैंड उनके साथ जुड़ना चाहते थे, क्योंकि वे अनुशासन और स्वस्थ जीवनशैली की पहचान बन चुके थे।
टीवी और फिल्मों में अभिनय ने उनकी पहचान को और व्यापक बनाया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने मूल व्यक्तित्व से समझौता नहीं किया। मिलिंद सोमन का ब्रैंड केवल ग्लैमर पर आधारित नहीं रहा। इसका आधार रहा—अथेंटिसिटी यानी असलीपन।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने से बहुत पहले ही वह अपने काम और जीवनशैली से लोगों को प्रेरित कर रहे थे। 2015 में Ironman Triathlon और 2017 में Ultraman पूरा करने से उन्होंने यह साबित किया कि फिटनेस उनके लिए ट्रेंड नहीं, जीवन का हिस्सा है।
उन्होंने पिंकाथॉन की शुरुआत की—जो आज देश की सबसे बड़ी महिला रनिंग पहल है। इससे वे सिर्फ फिटनेस ही नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता के प्रतीक बन गए। जहां आज ज्यादातर सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स कुछ महीनों में भुला दिए जाते हैं, वहीं मिलिंद सोमन का ब्रैंड इसलिए कायम है क्योंकि यह किसी विज्ञापन चक्र पर नहीं, बल्कि निरंतरता पर आधारित है।
उनका संवाद हमेशा व्यक्तिगत और अनुभव-आधारित रहता है। चाहे बात नंगे पैर दौड़ने की हो, उम्र को प्राकृतिक रूप से स्वीकारने की या टिकाऊ जीवनशैली अपनाने की। यही ईमानदारी उन्हें फिटनेस और वेलनेस की दुनिया में एक विश्वसनीय आवाज़ बनाती है।
‘ब्रैंड मिलिंद सोमन’ की खासियत है उसकी स्पष्टता और उद्देश्यपूर्ण विकास। वे नए प्रयोग केवल ध्यान खींचने के लिए नहीं, बल्कि सार्थक बदलाव के लिए करते हैं। उनके सहयोग चाहे फिटनेस ब्रैंड्स से हों या पर्यावरण जागरूकता से जुड़ी पहलों से, हर बार उसमें संगति और सच्चाई झलकती है।
जहां जनरेशन X के लिए वे नॉस्टेल्जिया और प्रेरणा का प्रतीक हैं, वहीं मिलेनियल्स और जेन Z के लिए वे संतुलन, उद्देश्य और ऑथेंटिसिटी की मिसाल हैं। 60 की उम्र में भी मिलिंद सोमन यह साबित कर रहे हैं कि उम्र केवल एक संख्या है। वे न सिर्फ दौड़ते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि सच्चे ब्रैंड ट्रेंड्स से नहीं, सत्य और निरंतरता से बनते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके परिवार ने बताया कि भट सुबह बेहोश हो गए और उन्हें तुरंत नजदीकी एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ कश्मीरी पत्रकार और ‘द वीक’ (The Week) मैगजीन के जम्मू-कश्मीर ब्यूरो प्रमुख तारिक भट का निधन हो गया है। करीब 54 वर्षीय तारिक भट ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। भट के परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके परिवार ने बताया कि भट सुबह बेहोश हो गए और उन्हें तुरंत नजदीकी एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तारिक भट की पार्थिव देह को श्रीनगर के दलगेट क्षेत्र में उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
भट ने वर्ष 1997 में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से पत्रकारिता की शुरुआत की और बाद में वीकली मैगजीन ‘द वीक’ से जुड़ गए, जिसके साथ वह करीब 24 वर्षों तक जुड़े रहे।
भट के निधन पर राजनीतिक और पत्रकार जगत ने शोक व्यक्त किया है औऱ दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी है।
1 नवंबर शनिवार को बिहार चुनाव का सबसे बड़ा मंच 'एनडीटीवी पावरप्ले' सजेगा। इस दौरान बिहार की राजनीति के सबसे बड़े, सबसे प्रभावशाली और सबसे महत्वपूर्ण चेहरे इकट्ठा होंगे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार में वोटिंग से पहले, राजधानी पटना में आज 1 नवंबर शनिवार को बिहार विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा मंच सजने वाला है. 'एनडीटीवी पावर प्ले – बिहार' के मंच पर बिहार की राजनीति के सबसे बड़े, सबसे प्रभावशाली और सबसे महत्वपूर्ण चेहरे इकट्ठा होंगे, और सियासी चर्चाओं और बहस-मुबाहिसों के जरिए आगामी चुनाव की टोन सेट करेंगे। एनडीटीवी के इस स्पेशल प्रोग्राम के मुख्य वक्ता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह का संबोधन पूरे दिन का सबसे अहम पल होगा। एक ऐसा पल जो राष्ट्रीय राजनीति में बिहार की भूमिका, राजनीतिक सोच, नेतृत्व की जंग और आने वाले चुनावों की दिशा तय करेगा। चुनावी रणनीति के माहिर और अब बिहार की राजनीति में नया आयाम जोड़ रहे, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर एनडीटीवी के खास कार्यक्रम में 'गवर्नेंस का नया ब्लूप्रिंट' पेश करेंगे।
कार्यक्रम की अहमियत बताते हुए एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा कि बिहार हमेशा भारत की राजनीतिक कहानी का अहम हिस्सा रहा है। 'पावर प्ले – बिहार' के जरिए एनडीटीवी एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां राज्य के सबसे अहम चेहरे एकसाथ आकर बड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे, एक दूसरे के विजन को चुनौती देंगे और आम जनता की आकांक्षाओं से सीधे संवाद करेंगे।
नोएडा सेक्टर-129 में शुक्रवार तड़के NDTV की एक सीनियर प्रड्यूसर के साथ चौंकाने वाली घटना हुई।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
नोएडा सेक्टर-129 में शुक्रवार तड़के NDTV की एक सीनियर प्रड्यूसर के साथ चौंकाने वाली घटना हुई। पत्रकार जब अपने ऑफिस से कार में बैठकर दिल्ली के वसंत कुंज स्थित घर लौट रही थीं, तभी दो युवकों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों- दीपक और शुभम, जो दिल्ली के डाबरी इलाके के रहने वाले हैं, को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, दोनों बारटेंडर हैं और घटना के समय शराब के नशे में थे।
पत्रकार ने बताया कि जब वे अपनी फोर्ड फिगो कार से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर जा रही थीं, तभी स्कूटी पर सवार दो युवक उनका पीछा करने लगे।
महिला पत्रकार ने बताया, 'वे बार-बार मुझे रुकने का इशारा कर रहे थे। पहले तो मैंने नजरअंदाज किया, लेकिन बाद में महसूस हुआ कि वे मेरी कार को ब्लॉक करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उन्हें डराने के लिए अपना फोन निकालकर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।'
पत्रकार ने कहा कि ट्रैफिक के कारण जब उन्होंने स्पीड कम की तो स्कूटी पर पीछे बैठा शुभम अचानक कूदा और कार की विंडस्क्रीन पर जोर से हाथ मारा। इसके बाद वह दरवाजाा खोलने की कोशिश करने लगा, लेकिन दरवाजा लॉक था।
उन्होंने कहा, 'मैंने तुरंत स्पीड बढ़ाई और किसी तरह डीएनडी फ्लाईवे तक पहुंची, लेकिन वे दोनों अब भी पीछा कर रहे थे। मैंने अपने एक सहकर्मी को फोन करके बताया तो उन्होंने कहा कि बस ड्राइव करती रहो और कहीं मत रुको।'
पत्रकार ने आगे बताया कि पीछा करते हुए शुभम ने लकड़ी का डंडा निकालकर कार की पिछली शीशा और खिड़की तोड़ दी।
जब पत्रकार आश्रम इलाके तक पहुंचीं, तो उन्होंने पुलिस को फोन करके अपनी लोकेशन बताई। इसके बाद जब वे लाजपत नगर पहुंचीं, तो कुछ टैक्सी ड्राइवरों ने उनकी परेशानी देखकर तुरंत मदद की।
उन्होंने बताया, 'मैंने टैक्सी ड्राइवरों से मदद मांगी। उन्होंने कहा कि कार साइड में रोक दो। मैंने गुप्ता मार्केट, लाजपत नगर में कार रोकी, तब तक वे दोनों स्कूटी सवार भाग चुके थे।'
थोड़ी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची, पत्रकार का बयान लिया और एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को बाद में गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच शुरू कर दी है।
केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर का आरोप है कि चैनल ने एक विवादास्पद भूमि सौदे से उनका नाम जोड़ते हुए झूठी और भ्रामक रिपोर्टें चलाईं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने टीवी चैनल ‘रिपोर्टर टीवी’ के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है। उनका आरोप है कि चैनल ने एक विवादास्पद भूमि सौदे से उनका नाम जोड़ते हुए झूठी और भ्रामक रिपोर्टें चलाईं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई स्थित लॉ फर्म RHP पार्टनर्स के जरिए यह नोटिस नौ लोगों को भेजा गया है, जिनमें चैनल के मालिक एंटो ऑगस्टीन समेत कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं।
शिकायत के अनुसार, कोच्चि स्थित ‘रिपोर्टर टीवी’ ने बार-बार ऐसी खबरें दिखाईं जिनमें चंद्रशेखर का नाम बीपीएल नामक कंपनी के साथ भूमि सौदे में जोड़ा गया, जबकि उनका उस कंपनी से कोई संबंध नहीं है।
नोटिस में कहा गया है कि इन खबरों का उद्देश्य उनकी छवि को धूमिल करना और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके पद का गलत इस्तेमाल दिखाना था। भाजपा नेता ने कहा कि वे झूठी खबरों और भ्रामक प्रचार अभियानों के जरिये उनकी राजनीतिक या व्यक्तिगत साख को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।
कानूनी नोटिस में चैनल से मांग की गई है कि वह इन झूठी खबरों को वापस ले और सात दिनों के भीतर सार्वजनिक माफीनामा जारी करे, अन्यथा आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच बीपीएल लिमिटेड ने भी एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और तथ्यहीन बताया है। कंपनी ने कहा कि औद्योगिक भूमि के आवंटन में अनियमितता के आरोप पहले भी लगाए गए थे, लेकिन उन्हें साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बीपीएल ने अपने बयान में कहा, ‘वर्तमान आरोप झूठे हैं और कानूनी रूप से इनका कोई आधार नहीं है।’