दिल्ली ब्लास्ट की जांच में सामने आया कि साजिशकर्ताओं का संबंध अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था। वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने ‘व्हाइट कॉलर टेररिज़्म’ को सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बताया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
चांदनी चौक कार ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। ताज़ा जानकारी के अनुसार, इस हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से सीधे संबंध थे। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट में शामिल आतंकी इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ते और प्रैक्टिस करते थे।
पुलिस ने इसी मामले में यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल को विस्फोटक सामग्री जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस गंभीर मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक अहम टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा, 'एक समय था जब आतंकी गरीब, शोषित या पठानी कपड़ों में हथियार लिए दिखते थे। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।
अब डॉक्टर, इंजीनियर और उच्च शिक्षित लोग आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बन रहे हैं।' उन्होंने इस खतरे को ‘व्हाइट कॉलर टेररिज़्म’ की संज्ञा दी और कहा कि यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए तेजी से उभरती हुई सबसे बड़ी चुनौती है।
दीपक चौरसिया के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट जैसे मामले यह संकेत देते हैं कि आतंकवाद अब केवल सीमाओं या जंगलों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों और प्रतिष्ठित पेशों तक फैल चुका है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रवृत्ति को समय रहते पहचानना बेहद ज़रूरी है, ताकि सफेदपोश आतंकी जो आम जनता के बीच आसानी से घुल-मिल जाते हैं, को पकड़कर उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
एक दौर था जब आतंकियों को गरीब, शोषित या फिर पठानी कपड़े पहने बंदूकधारियों के तौर पर देखा जाता था. लेकिन अब वो दौर बदल चुका है. अब पढ़ें लिखे डॉक्टर और इंजीनियर आतंकी बन रहे है. इस समय सुरक्षा एजेंसियों के लिए जो सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही है वो है 'व्हाइट कॉलर टेररिज्म'…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 12, 2025
वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने पटना से पूर्णिया की यात्रा के दौरान आम लोगों से बातचीत पर आधारित बिहार चुनाव 2025 का ज़मीनी विश्लेषण साझा किया। कई अहम संकेत सामने आए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने से एक दिन पहले वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपनी मैदानी पड़ताल पर आधारित महत्वपूर्ण विश्लेषण साझा किया है। पूर्णिया से पटना के रास्ते के दौरान आम मतदाताओं के बीच लंबा समय बिताने के बाद उन्होंने बताया कि इस चुनाव में जनता के मन में क्या चल रहा है और किस मुद्दे ने लोगों को सबसे अधिक प्रभावित किया।
उनके अनुसार, NDA को बढ़त दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निभाई है। उनकी सेहत को लेकर जो अफवाहें सोशल मीडिया में थीं, ज़मीन पर उसका कोई असर नहीं दिखा। महिलाओं में नीतीश सरकार की 10,000 रुपये की सहायता राशि और 1100 रुपये मासिक पेंशन जैसी योजनाओं का गहरा प्रभाव देखने को मिला, जिसने NDA को मजबूत आधार दिया।
राणा यशवंत बताते हैं कि पारंपरिक वोट बैंक से अलग कई जातियों में RJD की सरकार को लेकर भय दिखाई दिया। वहीं दूसरी ओर, बीजेपी के कई विधायकों के प्रति जनता में असंतोष साफ दिखा। लोगों का कहना था कि 'मजबूरी में वोट दिया गया है।' उन्होंने यह भी बताया कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने कई सीटों पर बीजेपी को नुकसान पहुंचाया।
इसके साथ ही PK के भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों की चर्चा गांव-गांव में फैल चुकी थी। जनता में आम राय थी कि 'नीतीश कुमार अच्छे हैं, लेकिन उनके अधिकारी अत्यधिक भ्रष्ट हैं,' जबकि महागठबंधन के कार्यकर्ता लोगों को कई जगह उद्दंड और आक्रामक दिखाई दिए।
सबसे अहम बात यह रही कि मुस्लिम मतदाता एकमुश्त महागठबंधन के पक्ष में दिखे और इस बार समुदाय के वोटों में कोई बिखराव नहीं हुआ। रिज़ल्ट कल आएंगे और राणा यशवंत की ये टिप्पणियाँ चुनावी हवा की दिशा को समझने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
पटना से पूर्णिया के रास्ते में हूँ. बिहार चुनावों के दौरान आम लोगों के बीच लंबा वक्त गुज़ारने के बाद कुछ तथ्य.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) November 12, 2025
- NDA को एज रहा जिसकी बड़ी वजह नीतीश कुमार रहे.
- नीतीश कुमार की सेहत को लेकर कोई चर्चा नहीं थी.
- महिलाओं को दस हज़ार की सहायता और 1100 पेंशन का बड़ा असर दिखा.
- मोदी… pic.twitter.com/fWmZyBPdCW
भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के दिवंगत बड़े भाई राजेश राय की याद में दिल्ली के लोधी रोड स्थित चिन्मय मिशन में प्रार्थना सभा आयोजित की गई।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली के लोधी रोड स्थित चिन्मय मिशन में सोमवार को भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय की स्मृति में भावपूर्ण प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर देश के अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, कल्किधाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास, वरिष्ठ पत्रकार, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उपेंद्र राय ने अपने भाई को याद करते हुए भावुक शब्दों में कहा, 'सबको कुछ न कुछ चाहिए होता है, पर मेरे गुड्डू भैया को कभी कुछ नहीं चाहिए था। वे सचमुच मन से साधु थे। दो दिन अस्पताल में रहने के बाद भी उन्हें हमसे विदा लेना पड़ा। वह बेबसी मैं कभी नहीं भूल सकता।'
कवि कुमार विश्वास ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'तृप्त होकर धरती से जाना ही मोक्ष है। भगवान कृष्ण प्रेम में अपनी पूरी उपस्थिति देते हैं ,वही भाव उपेंद्र जी के भीतर भी जागा है।' वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भगवान बुद्ध के उदाहरण से समझाया कि मृत्यु का अनुभव आत्मा की यात्रा है, जिसे कोई लौटकर साझा नहीं करता। प्रार्थना सभा में केसी त्यागी, मुमताज पटेल, पंकज सिंह और डॉ. शिव कुमार शरीन सहित कई नेता और पत्रकार भी उपस्थित रहे।
मेरे बड़े भाई स्वर्गीय राजेश राय की पुण्य स्मृति में दिल्ली में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में आपके प्रेम, आशीर्वाद और संवेदनाओं ने हमें अत्यंत संबल दिया। इस अवसर पर देश के कई दिग्गज नेताओं ने अपने शोक संदेश भेजे, जिसके लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। सभा में आए सभी लोगों का… pic.twitter.com/rnYyXQX8dN
— Upendrra Rai (@UpendrraRai) November 11, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल जारी हो गए हैं। 17 एजेंसियों के पोल ऑफ पोल्स के अनुसार, NDA को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है, जबकि महागठबंधन को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अंतिम चरण का मतदान खत्म होते ही मंगलवार शाम एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए। 17 एजेंसियों के संयुक्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) एक बार फिर सत्ता में लौटता दिख रहा है। 243 सीटों वाली विधानसभा में NDA को औसतन 154 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
वहीं महागठबंधन को सिर्फ 83 सीटों पर सिमटता बताया जा रहा है। बाकी 5 सीटें अन्य दलों के खाते में जा सकती हैं। अगर ये अनुमान सही साबित होते हैं, तो NDA को पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 29 सीटों का फायदा होगा, जबकि महागठबंधन को करीब 27 सीटों का नुकसान झेलना पड़ेगा।
एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा इस बार भी NDA की सबसे बड़ी पार्टी बनी रह सकती है और उसे लगभग 75 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस के खाते में 13 सीटें आने का अनुमान है। वहीं, प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज के लिए शुरुआत अच्छी नहीं दिख रही। उसे महज 3 से 5 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
बिहार में दो चरणों में मतदान हुआ था। पहले चरण में 121 सीटों पर 65% मतदान, जबकि दूसरे चरण में 68.5% की रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई।अब सभी की निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब मतगणना के बाद असली नतीजे सामने आएंगे।
इस साल हालात गंभीर रूप से बिगड़ने, बच्चों में बीमारियों की तेज़ वृद्धि और प्रशासनिक उपायों की सीमित प्रभावशीलता ने नागरिकों को स्वतः प्रेरित किया है।
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दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच पहली बार बड़े स्तर पर नागरिक सड़कों पर उतरकर साफ़ हवा की मांग कर रहे हैं। इस बढ़ते जन-आंदोलन पर वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए पूछा है कि आखिर इतने सालों तक लोग खामोश क्यों रहे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ ऐसे विरोध प्रदर्शन तो चार–पांच साल पहले ही शुरू हो जाने चाहिए थे, जब हवा पहली बार जानलेवा स्तर तक पहुँची थी। ऋचा अनिरुद्ध का कहना है कि हम “बहुत देर” से जागे हैं, हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब जागे हैं तो भी बेहतर है, लेकिन सवाल यह है कि लोग इस मुद्दे पर पहले एकजुट क्यों नहीं हुए?
उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों अब, और क्यों इतने देर बाद? दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण लगातार बढ़ा है, लेकिन सार्वजनिक भागीदारी और जनदबाव उतना मजबूत नहीं था। इस साल हालात गंभीर रूप से बिगड़ने, बच्चों में बीमारियों की तेज़ वृद्धि और प्रशासनिक उपायों की सीमित प्रभावशीलता ने नागरिकों को स्वतः प्रेरित किया है।
सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार यह नई जागरूकता भविष्य में प्रदूषण को एक जन-अभियान और चुनावी मुद्दा बनाने की दिशा में पहला कदम हो सकती है।
I am wondering why the protests against pollution didn't happen in last few years..Ye to 4-5 saal pehle hi ho jaana chahiye tha!! We are late..very late! Chalo better late than never...Par sochne ki baat to hai..Why now? Why so late? Why not in last few years?…
— richa anirudh (@richaanirudh) November 10, 2025
नीतीश 'कमल का फूल, कभी ना भूल' का नारा लगाएंगे या लालू के लाल के साथ लालटेन थामेंगे? नीतीश फिनिश होंगे या नीतीश का तीर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सटीक लगेगा?
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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग आज सुबह 7 बजे शुरू हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आजादी के बाद पहली बार 65.08% की जबरदस्त वोटिंग दर्ज की गई। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर का कहना है कि एक बार फिर नीतीश कुमार सीएम बन सकते हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, बिहार में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी मतलब सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है।
बीजेपी की पीठ पर सवार नीतीश दूसरे नंबर की पार्टी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।फ़िलहाल तेजस्वी की आरजेडी दूसरे नंबर पर दिख रही है।नीतीश कुमार दूसरे नंबर पर रहे या तीसरे नंबर पर, सम्मान उन्हें पहले नंबर से ज़्यादा मिलना तय है। ढाई दशकों में नीतीश कुमार नौ बार बिहार के सीएम बन चुके हैं।
सात बार वे बीजेपी के साथ और दो बार तेजस्वी यादव की आरजेडी के साथ। नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने के लिए कमर कसकर तैयार हैं। तूफानी प्रचार करके नीतीश बाबू ने आरजेडी से ज़्यादा बीजेपी को चौकाया है। तेजस्वी और राहुल गांधी के युवा जोश के सामने ज़्यादा जोशीले और फुर्तीले नीतीश नज़र आए।
आख़िर नीतीश की राजनैतिक टिकाऊ शक्ति कहाँ से आती है। ज़ाहिर है नीतीश के दोनों हाथों में लड्डू हैं और वे जिसके साथ चाहे सरकार बना सकते हैं। नीतीश का विकल्प किसी के पास नहीं है क्योंकि नीतीश कुमार के पास सभी विकल्प उपलब्ध हैं। बिहार की जनता को नीतीश से नाराजगी हो सकती है, लेकिन जैसे ही नीतीश के विकल्प पर विचार होता है, जनता नीतीश पर लौट आती है।
यही नीतीश के आकर्षण का विरोधाभास है। शिकायतें है, पर भरोसा भी उन्ही पर है। इसी कारण बीजेपी ने मुख्यमंत्री के नाम पर पहले नीतीश से दूरी बनाई लेकिन पहले चरण के मतदान से पहले नीतीश पर लौट आई।
20 साल से नीतीश के मकड़ जाल में उलझी हुई बिहार की राजनीति क्या इस बार अपने राजनैतिक इतिहास का नया अध्याय खोलने जा रही है? नीतीश 'कमल का फूल, कभी ना भूल' का नारा लगाएंगे या लालू के लाल के साथ लालटेन थामेंगे? नीतीश फिनिश होंगे या नीतीश का तीर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सटीक लगेगा?
बिहार में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी मतलब सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है।बीजेपी की पीठ पर सवार नीतीश दूसरे नंबर की पार्टी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।फ़िलहाल तेजस्वी की आरजेडी दूसरे नंबर पर दिख रही है।
— sameer chougaonkar (@semeerc) November 10, 2025
नीतीश कुमार दूसरे नंबर पर रहे या तीसरे नंबर पर, सम्मान उन्हें…
प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंडिया गेट की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया। इससे पर्यटक कर्तव्य पथ से ही इंडिया गेट देख रहे थे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली में प्रदुषण के मुद्दे पर रविवार को बड़ी संख्या में लोग इंडिया गेट पर जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने स्वच्छ हवा और पानी की मांग को लेकर कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन किया। वहीं पुलिस ने शांति भंग होने की आशंका के चलते सुरक्षा बढ़ा दी और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त में भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, नागरिक जब साफ़ हवा में सांस लेने के अपने अधिकार के लिए शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं, तो उन्हें ऐसा करने से क्यों रोका जा रहा है? बच्चों का स्वास्थ्य इस प्रदूषण संकट का सबसे गंभीर पहलू है, और उनके माता-पिता पूरी तरह अधिकार रखते हैं कि उन्हें अपने साथ प्रदर्शन में लाएँ।
फिर ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर विरोध जताने वाले लोगों को हिरासत में क्यों लिया जा रहा है? शांतिपूर्ण प्रदर्शन एक लोकतांत्रिक अधिकार है और इसे कुचलना समाधान नहीं, बल्कि चिंता का कारण है।
आपको बता दें, इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ पर अर्ध सैनिक बल के साथ भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान भी मुस्तैद रहे। प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंडिया गेट की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया। इससे पर्यटक कर्तव्य पथ से ही इंडिया गेट देख रहे थे।
Why should citizens protesting for the right to breathe now be denied their right to peaceful protest ? Children’s health is a key element of the air crisis - their parents are within their rights to bring them to the protests. Why are protesters being rounded up ? https://t.co/QnTdmc0fnO
— barkha dutt (@BDUTT) November 9, 2025
सवाल यह है कि क्या सरकार और स्थानीय प्रशासन इस प्रदूषण संकट से निपटने के लिए अधिक आक्रामक कदम उठाएंगे, या फिर यह मौसमी समस्या बनी रहेगी?
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता और लोगों की बढ़ती परेशानियों के बीच स्वतंत्र पत्रकार संकेत उपाध्याय ने समाज की उदासीनता पर कड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, पॉल्यूशन का समाधान उसी दिन मिलेगा, जब यह एक असली चुनावी मुद्दा बनेगा।
सच तो यह है कि हम इसकी परवाह ही नहीं करते। प्रदूषण से जुड़ी खबरों पर ऑनलाइन कोई ध्यान नहीं देता और प्रदूषण के समाधान लोगों को बोरिंग लगते हैं। ऐसे में फिर वही पुराना दोषारोपण का खेल चलता रहता है और सच यह है कि इसकी ज़िम्मेदारी भी हमने ही अपने ऊपर लाई है।
आपको बता दें, दिल्ली‑एनसीआर में वायु प्रदूषण फिर गंभीर रूप से उभरकर सामने आया है। हालिया आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया है, यानी हवा “खतरनाक” श्रेणी में है।
साथ ही, एक ऑनलाइन सर्वे में पाया गया है कि यहाँ का हर तीसरा परिवार प्रदूषण-कारण स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है। सवाल यह है कि क्या सरकार और स्थानीय प्रशासन इस प्रदूषण संकट से निपटने के लिए अधिक आक्रामक कदम उठाएंगे, या फिर यह मौसमी समस्या बनी रहेगी?
Pollution Solution will come - the day it becomes a poll issue. Honestly, you don’t care. Pollution stories get no traction online. Pollution solutions are considered boring subjects to discuss.
— Sanket Upadhyay (@sanket) November 7, 2025
So let us enjoy the blame game. We brought it upon ourselves.
इस ऐतिहासिक मतदान ने लगभग 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज एनडीए और महागठबंधन के बीच ‘सुशासन बनाम सबको नौकरी’ की जंग को निर्णायक मोड़ पर ला दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 121 सीटों पर लगभग 65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग शांति से संपन्न होने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने राज्य में बदले चुनावी माहौल की खुलकर प्रशंसा की है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, न गोली चली, न बूथ लुटा। जहाँ पहले चुनाव के दौरान बंदूक़ें और कट्टे आपस में बात करते थे, वहाँ केवल तू-तू मैं-मैं और गाड़ी पर गोबर तक ही बात सिमट गई। बिहार में आया यह परिवर्तन सकारात्मक है। इसके लिए चुनाव आयोग और पूरे प्रशासनिक तंत्र की प्रशंसा करनी होगी।
स्थानीय प्रशासन ने भी बताया कि अधिकांश बूथों पर प्रक्रिया बिना किसी गंभीर व्यवधान के पूरी हुई। विश्लेषकों का मानना है कि यदि आगे के चरण भी इसी तरह शांतिपूर्वक संपन्न होते हैं, तो यह बिहार की चुनावी संस्कृति में स्थायी बदलाव का संकेत हो सकता है। इस ऐतिहासिक मतदान ने लगभग 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज एनडीए और महागठबंधन के बीच ‘सुशासन बनाम सबको नौकरी’ की जंग को निर्णायक मोड़ पर ला दिया है।
न गोली चली, न बूथ लुटा। जहाँ पहले चुनाव के दौरान बंदूक़ें और कट्टे आपस में बात करते थे, वहाँ केवल तू-तू मैं-मैं और गाड़ी पर गोबर तक ही बात सिमट गई। बिहार में आया यह परिवर्तन सकारात्मक है। इसके लिए चुनाव आयोग और पूरे प्रशासनिक तंत्र की प्रशंसा करनी होगी।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) November 6, 2025
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अटकलें तेज हो गई हैं। कई यूज़र इसे तकनीकी समस्या मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे जानबूझकर फीड बाधित किए जाने की संभावना मानकर सवाल उठा रहे हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
डीडी न्यूज़ के लोकप्रिय शो 'डिकोड' के एक एपिसोड ‘हाइड्रोजन बम फैक्ट चेक’ को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है। कई दर्शकों ने शिकायत की कि यूट्यूब पर यह कार्यक्रम बार-बार बफर, रुकावट और लैग के कारण ठीक से देखा ही नहीं जा सका। एक यूज़र ने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? क्या यह तकनीकी समस्या थी या कोई और कारण?
इस पर शो के एंकर सुधीर चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि 'डीडी न्यूज़' की तकनीकी टीम जांच कर रही है कि 'डिकोड' की फीड लगातार क्यों प्रभावित हो रही थी। चौधरी ने दावा किया कि जो प्रारंभिक रिपोर्ट उन्हें मिली है, वह 'हैरान कर देने वाली' है।
उन्होंने कहा, ये कोई साधारण तकनीकी खराबी है या फिर कोई षड्यंत्र, इसकी जांच चल रही है। जो शुरुआती जानकारी आई है, वह चौंकाने वाली है। जल्द ही पूरा खुलासा होगा। ये बड़ी खबर है। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अटकलें तेज हो गई हैं।
कई यूज़र इसे तकनीकी समस्या मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे जानबूझकर फीड बाधित किए जाने की संभावना मानकर सवाल उठा रहे हैं। सुधीर चौधरी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही वह इस पूरे मामले का विस्तृत खुलासा करेंगे, जिसके बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।
DD News की टेक्निकल टीम जांच कर रही है कि DECODE की फीड लगातार प्रभावित क्यों हो रही है ? ये कोई तकनीकी खराबी है या कोई षड्यंत्र है ?
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) November 6, 2025
मेरे पास जो शुरुआती रिपोर्ट आई है वो हैरान करने वाली है।जल्द ही पूरा खुलासा होगा।ये बड़ी खबर है। https://t.co/rYpwIBLGbO
राहुल गांधी के मुताबिक कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया। हरियाणा में सभी कांग्रेस की जीत बता रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हरियाणा को लेकर सवाल उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा और कर्नाटक में वोट चोरी पकड़ी गई। उन्होंने कहा कि हरियाणा के एग्जिट पोल में जीत मिल रही थी। उन्होंने कहा कि यह किसी क्षेत्र विशेष में नहीं हो रहा। राहुल ने कहा कि पोस्टल बैलेट में कांग्रेस आगे थी।
वहीं पत्रकार प्रणव सिरोही का कहना है कि कांग्रेस अभी भी लोकसभा चुनाव में मिली हार से उबर नहीं पा रही है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट करते हुए लिखा, वर्ष 2004 में भाजपा और कांग्रेस की सीटों में मामूली सा अंतर था और किसी तरह कांग्रेस सरकार बना ले गई।
भाजपा इस हार को पचा नहीं पाई और उसी ग्रंथि से जूझती रही। नतीजतन 2009 का चुनाव एक बड़े मार्जिन से हार गई। मगर उसके बाद पांच साल में पार्टी ने कोर्स करेक्शन करते हुए हार को पचाकर जीत का एपेटाइट तैयार करने पर ध्यान दिया और नतीजा 2014 में सबके सामने आ गया।
कांग्रेस के साथ समस्या यही है कि वह 2014 के बाद से हार से उबर ही नहीं पाई है और न कोई सबक सीखा और न ही सीखने के दूर-दूर तक कोई आसार दिख रहे हैं। आपको बता दें, राहुल गांधी के मुताबिक कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया। हरियाणा में सभी कांग्रेस की जीत बता रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा है।
वर्ष 2004 में भाजपा और कांग्रेस की सीटों में मामूली सा अंतर था और किसी तरह कांग्रेस सरकार बना ले गई। भाजपा इस हार को पचा नहीं पाई और उसी ग्रंथि से जूझती रही। नतीजतन 2009 का चुनाव एक बड़े मार्जिन से हार गई। मगर उसके बाद पांच साल में पार्टी ने कोर्स करेक्शन करते हुए हार को पचाकर… https://t.co/7GQfIuPQQL
— Pranav Sirohi (@pranavsirohi) November 5, 2025