कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी कवायद के तहत पार्टी ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ. पंकज श्रीवास्तव को मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी कवायद के तहत पार्टी ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ. पंकज श्रीवास्तव को मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चैयरमैन व पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी ने गुरुवार को एक नियुक्ति पत्र जारी किया है।
इस दौरान नसीमुद्दीन सिद्दकी ने कहा कि डॉ. पंकज श्रीवास्तव के पत्रकारिता के लंबे अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा।
गौरतलब है कि डॉ. श्रीवास्तव को इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में काम करने का दो दशकों से ज्यादा का अनुभव है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंकज ने पत्रकारिता की शुरुआत ‘अमर उजाला’ अखबार से की थी। इसके बाद वे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आ गए और लखनऊ में ‘स्टार न्यूज’ (अब एबीपी न्यूज) से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। लखनऊ के बाद उन्होंने नई दिल्ली में ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया), ‘सहारा समय’, ‘सूर्या समाचार’ व ‘स्वराज न्यूज’ चैनल में अपना योगदान दिया।
कोबरा पोस्ट के फाउंडर-एडिटर अनिरुद्ध बहल ने गुरुवार, 30 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की घोषणा की है।
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Samachar4media Bureau
कोबरा पोस्ट के फाउंडर-एडिटर अनिरुद्ध बहल ने गुरुवार, 30 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम का शीर्षक है- “The Ledger of Lies” (झूठ का हिसाब-किताब), जो नाम से ही यह संकेत देता है कि यह किसी बड़े आर्थिक या वित्तीय खुलासे से जुड़ा इवेंट हो सकता है।
कोबरा पोस्ट का दावा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में करीब ₹41,000 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा। संस्था के अनुसार, इसमें से लगभग ₹28,874 करोड़ की राशि कथित रूप से डायवर्ट की गई है और करीब $1.5 बिलियन डॉलर की रकम संदिग्ध लेन-देन के जरिए भारत में लाई गई बताई जा रही है।
इस दावे को और प्रभावशाली बनाने के लिए कार्यक्रम के बाद एक पैनल डिस्कशन भी रखा गया है, जिसमें देश के जाने-माने नाम जैसे प्रशांत भूषण, परंजय गुहा ठाकुरता, अभिनंदन सेखरी और उशिनोर मजूमदार शामिल होंगे। इन सभी का जुड़ाव पत्रकारिता, जनहित मुकदमों और मीडिया एक्टिविज्म से रहा है, जिससे यह इवेंट और भी चर्चित हो गया है।
कार्यक्रम का निमंत्रण पोस्टर और शीर्षक दोनों ही इसे एक हाई-प्रोफाइल मीडिया इवेंट का रूप दे रहे हैं। कोबरा पोस्ट की पिछली रिपोर्ट्स की तरह ही इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ ऐसे आरोप या दस्तावेज पेश किए जा सकते हैं, जो सुर्खियां बटोरें। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले तक यह साफ नहीं किया गया है कि इस खुलासे का निशाना कौन होगा, जिससे मीडिया और बाजार हलकों में उत्सुकता और अटकलें दोनों ही बढ़ गई हैं।
दिल्ली और मुंबई के मीडिया सर्किल्स में इसे लेकर लगातार चर्चा हो रही है कि क्या कोबरा पोस्ट इस बार वास्तव में कुछ नया सामने लाएगा या फिर यह पहले से चर्चा में रहे मामलों की नई पैकेजिंग में पुरानी कहानी होगी। फिर भी, “The Ledger of Lies” जैसे शीर्षक और इतने बड़े पैनल की मौजूदगी ने इस आयोजन को चर्चा का विषय जरूर बना दिया है।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने शेयरधारकों की मंजूरी के लिए एक पोस्टल बैलेट नोटिस जारी किया है।
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Vikas Saxena
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने शेयरधारकों की मंजूरी के लिए एक पोस्टल बैलेट नोटिस जारी किया है। कंपनी ने सेबी के नियम 30 के तहत दी गई जानकारी में बताया कि आर. गोपालन., जो फिलहाल कंपनी के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं, उनका दूसरा कार्यकाल 24 नवंबर 2025 को पूरा हो जाएगा। इसके बाद बोर्ड ने उन्हें नॉन-एग्जिक्यूटिव, नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा है।
कंपनी ने बताया कि यह नोटिस 16 अक्टूबर 2025 की पहले की घोषणा के बाद जारी किया गया है और इसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उन शेयरधारकों को भेजा जा रहा है जिनके ईमेल पते कंपनी या डिपॉजिटरी के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। यह नोटिस 24 अक्टूबर 2025 तक रिकॉर्ड में मौजूद सदस्यों को भेजा गया है।
शेयरधारक अपनी मंजूरी एनएसडीएल (NSDL) के जरिए ई-वोटिंग के माध्यम से दे सकते हैं। यह ई-वोटिंग प्रक्रिया 30 अक्टूबर 2025 सुबह 9 बजे से शुरू होकर 28 नवंबर 2025 शाम 5 बजे तक चलेगी। इसके बाद एनएसडीएल का ई-वोटिंग मॉड्यूल बंद कर दिया जाएगा। कंपनी ने बताया कि पोस्टल बैलेट का परिणाम 29 नवंबर 2025 तक घोषित कर दिया जाएगा।
यह नोटिस कंपनी की वेबसाइट www.zee.com और एनएसडीएल की वेबसाइट www.evoting.nsdl.com पर भी उपलब्ध है।
बोर्ड ने बताया कि आर. गोपालन को नॉन-एग्जिक्यूटिव, नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त करने का प्रस्ताव साधारण प्रस्ताव (Ordinary Resolution) के रूप में रखा गया है। यह नियुक्ति मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग की मंजूरी के बाद की जाएगी। उन्हें बोर्ड की सिफारिश पर नामांकन और पारिश्रमिक समिति (Nomination & Remuneration Committee) ने 25 नवंबर 2025 से प्रभावी रूप से अतिरिक्त निदेशक (Additional Director) के रूप में नियुक्त किया है।
कंपनी ने बताया कि इस प्रस्ताव के तहत बोर्ड को यह अधिकार भी दिया गया है कि वह इस निर्णय को लागू करने से जुड़ी सभी औपचारिकताएं और आवश्यक कदम उठा सके।
गौरतलब है कि आर. गोपालन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी रहे हैं और उनके पास 40 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री प्राप्त की है।
उन्होंने वित्त मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में कई अहम पदों पर काम किया है, जिनमें आर्थिक मामलों के सचिव और वित्तीय सेवाओं के सचिव शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने SEBI, IRDA, और PFRDA जैसे प्रमुख वित्तीय नियामक संस्थानों के कामकाज की निगरानी भी की है।
आर. गोपालन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और एलआईसी (LIC) के बोर्ड में सदस्य रह चुके हैं और उन्होंने विश्व बैंक (World Bank) तथा एशियाई विकास बैंक (ADB) में भारत के अल्टरनेट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है।
उन्होंने भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार दोनों के लिए नीतियां बनाने में अहम भूमिका निभाई है। वे विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत की वार्ता टीम के प्रमुख भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना और संचालन, इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग, और वित्तीय संस्थाओं के प्रबंधन में भी विशेषज्ञता हासिल की है।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो 31 अक्टूबर इस संस्थान में उनका आखिरी कार्यदिवस है। अनुज खरे का अगला पड़ाव क्या होगा, फिलहाल इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है।
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Samachar4media Bureau
वरिष्ठ पत्रकार अनुज खरे ने ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह वर्तमान में आजतक (डिजिटल) में बतौर एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। यहां ‘गुड न्यूज टुडे’ (GNT) की जिम्मेदारी के साथ-साथ वह ‘किसान तक’ (Kisan Tak) के मेंटर के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहे थे।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो 31 अक्टूबर इस संस्थान में उनका आखिरी कार्यदिवस है। अनुज खरे का अगला पड़ाव क्या होगा, फिलहाल इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है।
बता दें कि अनुज खरे करीब साढ़े चार साल से ‘इंडिया टुडे’ समूह में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। शुरुआत में वह ‘आजतक’ के ‘तक’ डिजिटल ऐप्स में क्लस्टर हेड (ऐप एंड साइट) का पदभार संभाल रहे थे। करीब पौने तीन साल पहले ‘आजतक’ (डिजिटल) में एग्जिक्यूटिव एडिटर पाणिनि आनंद द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उनकी जगह यह कमान बतौर एडिटर अनुज खरे को सौंपी गई थी।
‘इंडिया टुडे’ में अपनी पारी शुरू करने से पहले अनुज खरे ‘जी मीडिया’ में एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे। वह अगस्त, 2020 में ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) ग्रुप से ‘जी मीडिया’ आए थे। उन्होंने ‘दैनिक भास्कर’ में एक लंबी पारी खेली और इस दौरान उन्हें ग्रुप के हिंदी न्यूज पोर्टल ‘दैनिक भास्कर’ (dainikbhaskar.com) को शीर्ष तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है।
वह वर्ष 2012 से 2015 तक ग्रुप की गुजराती वेबसाइट ‘दिव्यभास्कर’ (divyabhaskar.com) के एडिटर रहे और इसके अलावा उन्होंने भास्कर ग्रुप की मराठी न्यूज वेबसाइट ‘दिव्यमराठी’ (divyamarathi.com) का भी लंबे समय तक नेतृत्व किया।
वह भास्कर समूह के प्रिंट विंग में एडिटर और ग्रुप हेड मैगजीन्स के तौर पर भी काम कर चुके हैं। जयपुर सिटी भास्कर सहित उन्हें राजस्थान में दैनिक भास्कर समूह के कई संस्करणों की लॉन्चिग का श्रेय भी दिया जाता है। अनुज खरे के नेतृत्व में ही इंडिया टुडे ग्रुप की साइट आजतक ने गोल्ड कैटेगरी में अवॉर्ड और ‘जी मीडिया’ के रीजनल न्यूज पोर्टल जी उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड ने एक्सचेंज4मीडिया के बहुप्रतिष्ठित 'enba' अवॉर्ड में बेस्ट माइक्रो साइट का गोल्ड का खिताब अपने नाम किया था। Digital Media Asia, Singapore सहित दुनियाभर की कई डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सेदारी कर चुके अनुज खरे डिजिटल वर्ल्ड में अपने क्रिएटिव आइडिएशन और इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं।
अनुज खरे जाने-माने व्यंग्यकार भी हैं। कई अखबारों और मैगजीन्स में उनके नियमित कॉलम प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने 21वीं सदी के 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों में जगह बनाई थी। इसके अतिरिक्त उन्होंने देशभर के कई लिटरेचर फेस्टिवल भी होस्ट किए हैं, जिसमें ‘जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल’ और विश्व पुस्तक मेला दिल्ली भी शामिल है।
अनुज खरे तीन किताबों के लेखक भी हैं, जिनमें ‘बातें बेमतलब’, ‘परम श्रद्धेय मैं खुद’ और ‘चिल्लर चिंतन’ शामिल है। वह लेखनशैली के दम पर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज करा चुके हैं। दरअसल यह सम्मान उन्हें ऐसे ट्वींस ब्रदर्स के लिए दिया गया, जिनके नाम 6 टाइटल बुक हैं, जिनमें से तीन बुक इनके और तीन इनके भाई के नाम हैं। उन्हें व्यंग्य क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित `अट्टहास युवा सम्मान` से भी नवाजा जा चुका है। उनके अलग शैली के नाटक `नौटंकी राजा` के दिल्ली सहित कई शहरों में कई शो हो चुके हैं।
मीडिया में दो दशक से ज्यादा समय से सक्रिय अनुज खरे को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मध्य प्रदेश प्रेस एसोसिएशन की ओर से एमपी रत्न सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो इतिहास और पुरातत्व में स्नातक अनुज खरे ने भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उन्हें यूजीसी की प्रतिष्ठित जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) भी प्राप्त है।
IIM अहमदाबाद से लीडरशिप कोर्स करने के साथ-साथ अनुज खरे FTII पुणे से फिल्म एप्रिशिएशन का कोर्स भी कर चुके हैंं। समाचार4मीडिया की ओर से अनुज खरे को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम रूप से शुभकामनाएं।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ (The Indian Express) समूह की ओर से 17 नवंबर को छठे रामनाथ गोयनका मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया जाएगा।
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Samachar4media Bureau
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ (The Indian Express) समूह की ओर से 17 नवंबर को छठे रामनाथ गोयनका मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्थित ताज पैलेस होटल में शाम साढ़े छह बजे किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह देश के विकास पर चर्चा करेंगे और वर्तमान व भविष्य पर अपना विजन शेयर करेंगे।
गौरतलब है कि ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के संस्थापक रामनाथ गोयनका की स्मृति में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल और ‘टीवी9’ नेटवर्क में रेवेन्यू हेड (डिजिटल) के पद से हाल ही में इस्तीफा देने के बाद मनीष सेठ ने अब ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी नई पारी शुरू की है।
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सीनियर मीडिया प्रोफेशनल मनीष सेठ अब ‘जी मीडिया’ (Zee Media) की टीम में शामिल हो गए हैं। उन्होंने यहां पर चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) के पद पर जॉइन कर लिया है। 'जी मीडिया' के साथ उनकी यह दूसरी पारी है।
बता दें कि समाचार4मीडिया ने विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से कुछ दिनों पहले ही खबर दी थी कि मनीष सेठ 'जी मीडिया' में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर जॉइन कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: ‘जी मीडिया’ संग जल्द नई पारी शुरू कर सकते हैं मनीष सेठ
मनीष सेठ इससे पहले ‘टीवी9’ नेटवर्क में रेवेन्यू हेड (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे, जहां से कुछ दिनों पूर्व उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
मनीष सेठ ‘टीवी9’ नेटवर्क में पांच साल से ज्यादा समय से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इससे पहले वह करीब साढ़े नौ साल तक ‘जी मीडिया’ में भी कार्यरत रहे हैं।
मनीष सेठ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। पूर्व में वह करीब पांच साल तक ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) में मैनेजर के पद पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से मनीष सेठ को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
इस नियुक्ति से पहले जितेंद्र कुमार ‘इंडिया डेली लाइव’ में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (Ad Sales) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
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देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) ने जितेंद्र कुमार को सीनियर वाइस प्रेजिडेंट-सेल्स (India News Channel) के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 29 सितंबर 2025 से प्रभावी होगी।
इस भूमिका में जितेंद्र कुमार इंडिया न्यूज चैनल के सभी राजस्व-स्रोतों (revenue avenues) के प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार होंगे। वे स्ट्रैटेजिक फैसलों के जरिये विकास को गति देंगे, प्रमुख हितधारकों के साथ साझेदारी करेंगे और कंपनी के रेवेन्यू को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का काम करेंगे।
जितेंद्र कुमार को मीडिया सेल्स और बिजनेस डेवलपमेंट के क्षेत्र में लगभग दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने लगातार रेवेन्यू ग्रोथ और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप्स के निर्माण में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
इस नियुक्ति से पहले जितेंद्र कुमार ‘इंडिया डेली लाइव’ (India Daily Live) में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (Ad Sales) के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले वह करीब 17 साल तक इंडिया टीवी (India TV) में वाइस प्रेजिडेंट–सेल्स (नॉर्थ रीजन) के पद पर रहे और उसके बाद एनडीटीवी ग्रुप (NDTV Group) में लगभग एक साल 7 महीने तक नेशनल हेड–सेल्स के रूप में कार्य किया।
जितेंद्र कुमार की नियुक्ति के बारे में आईटीवी फाउंडेशन की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा, ‘जितेंद्र का इंडस्ट्री में व्यापक अनुभव और उनकी स्ट्रैटेजिक समझ हमारे लिए बेहद मूल्यवान होगी। हम इंडिया न्यूज की मार्केट में स्थिति को और मजबूत करने और दर्शकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए उनके नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि उनके योगदान से कंपनी अपनी विकास यात्रा के अगले चरण में प्रवेश करेगी और सेल्स स्ट्रैटेजी को और सशक्त बनाएगी।’
वहीं, जितेंद्र कुमार का कहना था, ‘इंडिया न्यूज की उत्साही और ऊर्जावान टीम से जुड़कर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मैं सभी हितधारकों के साथ मिलकर कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उत्साहित हूं।’
इस पद पर दीपक अरोड़ा की नियुक्ति 27 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी, जो शेयरधारकों और केंद्र सरकार की स्वीकृति के अधीन है।
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फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर सेक्टर की जानी-मानी कंपनी ‘सनोफी इंडिया लिमिटेड’ (Sanofi India Limited) ने दीपक अरोड़ा को नया मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। कंपनी के निदेशक मंडल ने ‘नामांकन और पारिश्रमिक समिति’ (Nomination and Remuneration Committee) की सिफारिश पर दीपक अरोड़ा को इस पद पर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 27 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी, जो शेयरधारकों और केंद्र सरकार की स्वीकृति के अधीन है।
इस नई भूमिका में दीपक अरोड़ा देश में सनोफी की स्ट्रैटेजिक दिशा तय करेंगे और उसे कंपनी की वैश्विक रणनीति के अनुरूप आगे बढ़ाएंगे। वे कंपनी में इनोवेशन और तेजी को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऑपरेशनल एक्सीलेंस को भी मजबूत करेंगे।
दीपक अरोड़ा को फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने उत्तर अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में काम किया है। वे कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कमर्शियल, सेल्स एंड मार्केटिंग और जनरल मैनेजमेंट जैसे अहम पदों पर रहे हैं, जहां उन्होंने नए बिजनेस अधिग्रहण किए और सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
दीपक अरोड़ा की नियुक्ति के बारे में ‘सनोफी इंडिया लिमिटेड’ के बोर्ड चेयरमैन आदित्य नारायण ने कहा, ‘निदेशक मंडल की ओर से मैं दीपक अरोड़ा का मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में स्वागत करते हुए बेहद खुश हूं। उनका व्यापक फार्मा अनुभव हमारे उस लक्ष्य के अनुरूप है, जिसके तहत हम देश भर के मरीजों की सेवा करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में सनोफी भारत में और आगे बढ़ेगी और नवाचार को नई ऊंचाई देगी। हम उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देते हैं।’
दीपक अरोड़ा ने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने 'इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी' (IGNOU) से एमबीए किया है।
'द वॉशिंगटन पोस्ट' में दावा किया गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में करीब 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया।
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Samachar4media Bureau
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर एक नए विवाद की आंच उठी है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में करीब 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया। इस खबर के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है और संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।
अमेरिकी रिपोर्ट का हवाला देकर उठे सवाल
कांग्रेस नेताओं ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है, वह 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि जब गौतम अडाणी की कंपनियां भारी कर्ज के बोझ और रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रही थीं, तब LIC और केंद्र सरकार ने मई 2025 में समूह में भारी निवेश किया।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
LIC ने रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज किया
इस विवाद पर LIC ने अपनी सफाई जारी करते हुए अमेरिकी रिपोर्ट को गलत, भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है। कंपनी ने कहा कि उसके सभी निवेश पूरी पारदर्शिता, जिम्मेदारी और नियामकीय जांच के तहत किए जाते हैं। LIC ने यह भी साफ किया कि रिपोर्ट में जिन दस्तावेजों या योजनाओं का जिक्र है, उनका कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि यह रिपोर्ट LIC की साख और भारतीय वित्तीय व्यवस्था की विश्वसनीयता को कमजोर करने की कोशिश है।
कांग्रेस का पलटवार- “यह सिर्फ निवेश नहीं, पूरा घोटाला है”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे “एक बहुत बड़ा घोटाला” बताया है। उनके मुताबिक, यह मामला सिर्फ निवेश का नहीं बल्कि कई स्तरों पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से जुड़ा है।
रमेश ने कहा कि —
सरकार और कंपनी दोनों पर बढ़ रहा है दबाव
कांग्रेस और विपक्षी दलों के आरोपों के बाद अब इस मुद्दे ने सियासी तूल पकड़ लिया है। जहां एक तरफ कांग्रेस जांच और जवाबदेही की मांग कर रही है, वहीं LIC का कहना है कि उसके सभी निवेश प्रोफेशनल तरीके से और नियमानुसार किए गए हैं।
अब देखना यह होगा कि PAC या अन्य संसदीय समितियां इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती हैं, क्योंकि मामला अब केवल वित्तीय नहीं बल्कि जनविश्वास और पारदर्शिता से जुड़ा हुआ है।
सरकार अब पारंपरिक मीडिया यानी अखबार, रेडियो और टीवी को डिजिटल युग के झटकों से बचाने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है।
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Samachar4media Bureau
सरकार अब पारंपरिक मीडिया यानी अखबार, रेडियो और टीवी को डिजिटल युग के झटकों से बचाने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बताया कि सरकार मीडिया सेक्टर में मौजूद रुकावटों को हटाने और कई अहम सुधार लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
रेडियो और टीवी के नियमों में बदलाव की तैयारी
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का मकसद मीडिया सेक्टर में मौजूद सभी तरह की नियामकीय बाधाओं को खत्म करना है। इसके तहत रेडियो लाइसेंसिंग के नियमों में ढील देने और टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) सिस्टम में सुधार की योजना पर काम चल रहा है।
टीआरपी सिस्टम के लिए नए दिशानिर्देश बन रहे हैं
वैष्णव ने बताया कि सरकार नए टीआरपी दिशानिर्देश तैयार कर रही है ताकि टीवी चैनलों को राजस्व (revenue) का न्यायसंगत बंटवारा मिल सके, खासकर सरकारी विज्ञापनों से। उन्होंने कहा कि टीआरपी ढांचे पर पहली चरण की चर्चा पूरी हो चुकी है और अब हितधारकों (stakeholders) के सुझावों को शामिल करते हुए दूसरी परामर्श रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी।
अखबारों और टीवी को मिलेगी विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार पारंपरिक मीडिया संस्थानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अखबारों और टीवी चैनलों के विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी पर भी विचार कर रही है। इससे इन संस्थानों को अतिरिक्त राजस्व का लाभ मिलेगा।
तीन प्रमुख संस्थाओं का होगा एकीकरण
सरकार प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन (CBC) और रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर फॉर इंडिया (RNI) को एक साथ लाने की दिशा में भी काम कर रही है। इसका मकसद नियमों को सरल बनाना और नीति निर्माण से लेकर मीडिया संचार तक बेहतर तालमेल स्थापित करना है।
फेक न्यूज रोकने के लिए बनेगा चैटबॉट
सरकार की फैक्ट-चेक पहल के तहत एक चैटबॉट भी बनाया जा रहा है, जो वीडियो और ऑनलाइन कंटेंट की सच्चाई की जांच में मदद करेगा।
पीआईबी का विस्तार और शोध आधारित रिपोर्ट्स
वैष्णव ने बताया कि पीआईबी ने अपनी जनसंपर्क गतिविधियों को और बढ़ाया है और अब वह महत्वपूर्ण विषयों पर शोध आधारित रिपोर्ट और पृष्ठभूमि दस्तावेज भी तैयार कर रहा है, ताकि जनता तक सटीक और भरोसेमंद जानकारी पहुंचाई जा सके।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने दिव्यांगजनों, विशेषकर सुनने और देखने में अक्षम व्यक्तियों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने से जुड़ी मसौदा गाइडलाइंस पर सुझाव भेजने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है।
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Samachar4media Bureau
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने दिव्यांगजनों, विशेषकर सुनने और देखने में अक्षम व्यक्तियों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने से जुड़ी मसौदा गाइडलाइंस पर सुझाव भेजने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। अब लोग और स्टेकहोल्डर्स अपने सुझाव 7 नवंबर 2025 तक भेज सकते हैं।
मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को जारी नोटिस में कहा कि पहले तय की गई समयसीमा 22 अक्टूबर 2025 थी, लेकिन अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इसे आगे बढ़ाया गया है। इच्छुक व्यक्ति अपने सुझाव Word या PDF फॉर्मेट में digital-media@mib.gov.in पर भेज सकते हैं।
दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने की दिशा में अहम कदम
ये मसौदा गाइडलाइंस 7 अक्टूबर को जारी की गई थीं और इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद मनोरंजन और सूचनात्मक कंटेंट दिव्यांगजनों के लिए भी आसानी से उपलब्ध हो सके। यह कदम भारत के संवैधानिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप है, जो समान अवसर और समावेशिता की गारंटी देते हैं।
कैप्शन, ऑडियो डिस्क्रिप्शन और साइन लैंग्वेज की सुविधा
मसौदे के मुताबिक, OTT प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट में ऐसी सुविधाएं जोड़नी होंगी जिससे सुनने या देखने में असमर्थ लोग भी उसे समझ सकें। इनमें क्लोज़्ड और ओपन कैप्शन, ऑडियो डिस्क्रिप्शन, और इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) इंटरप्रिटेशन जैसी विशेषताएं शामिल होंगी।
छह महीने में नए कंटेंट पर और दो साल में पुराने कंटेंट पर लागू होगा नियम
एक बार गाइडलाइंस लागू हो जाने के बाद, OTT प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि नया अपलोड किया गया हर कंटेंट छह महीने के भीतर कम से कम एक एक्सेसिबिलिटी फीचर के साथ उपलब्ध हो। वहीं, पुराना कंटेंट 24 महीनों (दो साल) के भीतर पूरी तरह सुलभ बनाया जाना होगा।
निगरानी समिति रखेगी अमल पर नजर
इस गाइडलाइन को सही तरीके से लागू कराने के लिए मंत्रालय एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाएगा, जिसकी अध्यक्षता जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी करेंगे। यह समिति हर तीन महीने में समीक्षा बैठक करेगी, प्रगति रिपोर्ट देखेगी, शिकायतें सुनेगी और जरूरी निर्देश जारी करेगी।
OTT प्लेटफॉर्म्स ने कहा– सराहनीय पहल, पर छोटे प्लेटफॉर्म्स के लिए चुनौती
OTT इंडस्ट्री ने मंत्रालय की इस पहल का स्वागत किया है। कई प्लेटफॉर्म्स ने कहा कि यह मसौदा “महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी” है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार, OTT कंपनियों और एक्सेसिबिलिटी एक्सपर्ट्स के बीच करीबी सहयोग जरूरी होगा। छोटे प्लेटफॉर्म्स के लिए तकनीकी और वित्तीय तैयारी करना एक बड़ी चुनौती होगी।