मोबाइल की दुनिया में क्यों जरूरी है सीधा संवाद, जानें एक्सपर्ट्स की राय

दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े दिग्गजों ने रखे अपने विचार

Last Modified:
Saturday, 15 June, 2019
Dr. Anurag Batra


आजकल स्मार्टफोन का जमाना है। ऐसे में लोगों का एक-दूसरे से संवाद करने का तरीका भी बदल गया है। लोग अब फेस टू फेस बातचीत करने के बजाय वॉट्सऐप और ईमेल पर ज्यादा संवाद करते हैं। ज्यादा से ज्यादा वे फोन कॉल कर लेते हैं। व्यवहार में इस तरह का व्यवहार कार्यस्थल के साथ ही निजी जिंदगी में भी असर डाल रहा है। इन्हीं तमाम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली के ‘द ललित’ (The Lalit) होटल में शुक्रवार को ‘WIYLD’ की ओर से 'Real Conversations in Digital Age' पर एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर भी चर्चा की गई कि फेस टू फेस संवाद न करने का कितना विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

इस मौके पर कॉरपोरेट जगत के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार, मनोवैज्ञानिक, ब्रैंड्स और मार्केटिंग से जुड़े दिग्गजों ने इस बारे में अपने-अपने विचार रखे। सभी का कहना था कि आज के समय में सोशल मीडिया एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है, लेकिन किसी व्यक्ति से मिलकर बातचीत करने का अपना महत्व है। इससे उन व्यक्तियों के बीच मजबूत भावनात्मक रिश्ता बनता है जो वॉट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर मुश्किल है।

इस मौके पर ‘बिजनेस वर्ल्ड’ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा का कहना था कि लगातार संवाद की वजह से ही उन्हें मजबूत निजी और बिजनेस रिलेशनशिप बनाने में मदद मिली है। उनका कहना था कि वह आगे बढ़कर लोगों से संवाद शुरू करने में किसी तरह की झिझक महसूस नहीं करते हैं, फिर चाहे वह मॉल हो, रेस्तरां हो अथवा फ्लाइट हो। युवाओं को सलाह देते हुए डॉ. अनुराग बत्रा का कहना था, ‘किसी भी तरह की झिझक छोड़ दें और अजनबियों के साथ बातचीत करने की अपनी स्टाइल डेवलप करें। आपको तब काफी आश्चर्य होगा और अच्छा लगेगा, जब सामने वाले से भी आपको काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी।’

जानी-मानी मनोवैज्ञानिक डॉ. रोमा कुमार का कहना था, ‘रिसर्च से पता चलता है कि दुनियाभर में अच्छी इनकम वाली 75 प्रतिशत नौकरियां सोशल कनेक्ट्स के द्वारा मिलती हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि सोशल कनेक्शन होना बहुत जरूरी है। इससे आप तमाम तरह की बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं।’ डॉ. रोमा कुमार ने समाज में डिप्रेशन के बढ़ते मामलों पर भी चिंता जताई। उन्होंन कहा कि लोगों में संवाद की कमी बढ़ने से अकेलेपन के मामले भी बढ़ रहे हैं।

कार्यक्रम के दौरान ‘WIYLD’ के सीईओ और को-फाउंडर रितु कुमार ओझा का कहना था, ‘स्मार्ट फोन से विभिन्न उम्र के लोगों का व्यवहार बदल रहा है। सोशल मीडिया हमें बनावटी चेहरे दिखाता है, जिसमें व्यक्ति को अपने आसपास की सभी चीजें अच्छी लगती है। ऐसे में लोग वास्तविक दुनिया में संवाद करने से दूर होने लगते हैं, क्योंकि आपको नहीं पता होता है कि सोशल मीडिया के बाहर क्या हो रहा है और कैसे वहां पर आपको तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना है।’

संवाद के दौरान स्टोरीटैलिंग के इस्तेमाल पर जोर देते हुए बीजेपी प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की सलाहकार श्वेता शालिनी का कहना था, ‘हमें स्टोरीटैलिंग पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। जब मैं छोटी थी तो मेरे पिताजी विभिन्न कहानियों के माध्यम से मुझे ईमानदारी और देशसेवा की बात बताया करते थे और अपने बच्चों को भी मैं इसी तरीके से समझाती हूं।’

यह पूछे जाने पर कि लोग लगातार स्क्रीन पर कैसे दिखते हैं, उन्होंने कहा, ‘किसी भी कंवर्शेसन के दौरान लगातार उस पर ध्यान देना लग्जरी होती जा रही है। सोशल मीडिया पर अगले अपडेट के लिए लगातार अपने फोन को चेक करते रहना हमारे कंवर्शेसन को हमारी आत्मा से काफी दूर ले जाता है।’ कार्यक्रम में मौजूद सभी पैनलिस्ट इस बात से सहमत थे कि सार्थक बातचीत की कमी का बिजनेस पर काफी प्रभाव पड़ रहा है और इस दिशा में बदलाव लाने की जरूरत है।

‘Growthsqapes’ के फाउंडर सात्यकी भट्टाचार्जी का कहना था कि लीडरशिप के लिए सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक किसी भी लीडर का लगातार संवाद में शामिल होना होता है। यदि लीडर्स लोगों को प्रेरित करने में और सार्थक बातचीत करने में विफल रहते हैं तो वे अच्छे नेतृत्वकर्ता नहीं बन सकते हैं। वहीं, ‘Ishwa Consulting’ के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर अरविंद पंडित का कहना था कि किसी भी लीडर के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह अपनी टीम से ज्यादा से ज्यादा संवाद करता रहे और उनसे जुड़ा रहे, इससे बिजनेस में बेहतर रिजल्ट्स मिलते हैं।

संवाद के तरीके के महत्व के बारे में सीनियर बिजनेस लीडर शुभ्रांशु नियोगी (Subhrangshu Neogi) ने कहा, ‘लगातार संवाद होते रहना किसी भी संस्थान की आत्मा और उसका दिल है। हमेशा अपने स्टैकहोल्डर्स और कंज्यूमर्स से संवाद बनाए रखें। सकारात्मक संवाद के परिणाम भी अच्छे आते हैं। ऐसे में संवाद को हमेशा प्रोत्साहित करते रहना चाहिए।’ हार्वर्ड द्वारा लगातार 80 साल तक की गई स्टडी में पाया गया कि पैसे और प्रसिद्धि से ज्यादा रिश्ते लोगों को जीवनभर खुश रखते हैं। पैनल में शामिल विशेषज्ञों का सुझाव था कि सकारात्मक बातचीत से ही रिश्तों को और मजबूत व सार्थक बनाया जा सकता है।

‘माइक्रोसॉफ्ट इंडिया’ (Microsoft India) के पूर्व डायरेक्टर (मार्केटिंग) पुनीत मोदगिल (Punit Modhgil) का कहना है, ‘टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी बदल दी है लेकिन इसका इस्तेमाल संवेदनशील रूप से करने की जरूरत है। मोबाइल ने हमारे संवाद करने के तरीके पर काफी प्रतिकूल प्रभाव डाला है और इसका रिश्तों पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। आने वाले समय में यह ब्रैंड्स को भी प्रभावित करेगा।’ ‘Deloitte’ कंपनी द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, भावनात्मक लगाव रिश्ते को और आगे बढ़ाता है, जबकि तर्कसंगत विचार इन्हें कम महत्वपूर्ण बनाते हैं। किसी भी ब्रैंड के लिए अपने ऑडियंस से भावनात्मक रूप से जुड़ना काफी महत्वपूर्ण होता है। इससे लोगों का उस ब्रैंड में भरोसा बढ़ता है और ब्रैंड को आगे बढ़ने व लोकप्रिय बनने में मदद मिलती है।    

इस मौके पर कॉलेज के एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए ‘सिटी बुक लीडर्स’ (City Book Leaders) के चीफ क्यूरेटर और फाउंडर मोहित गुप्ता ने कहा, ‘मनुष्यों के लिए किताबें हमेशा से सार्थक स्टोरीज और संवाद का एक माध्यम रही हैं। अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ें और उन लोगों को सुनें जो किताबें पढ़ते हैं।

हम लोगों के साथ जो बातचीत करते हैं, उसकी क्वालिटी का हमारे एनर्जी लेवल पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ‘परिवर्तन प्रबंधन और व्यापार स्थिरता’ (change management and business sustainability) के बारे में आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर डॉ. सुशील कुमार का कहना है, ‘जब आप क्लास में पढ़ाने के दौरान छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद करते हैं तो पूरे दिन पॉजीटिव एनर्जी से भरे रहते हैं। हम ऑनलाइन एजुकेशन प्रोग्राम में इस चीज को काफी मिस करते हैं।’ विद्यार्थियों के व्यवहार में आ रहे बदलावों के बारे में डॉ. सुशील कुमार ने कहा, ‘वर्तमान में विद्यार्थी ज्ञान अर्जित करने के बजाय अच्छे ग्रेड लाने पर ज्यादा फोकस करते हैं।’

अमेरिका में पांच हजार लोगों पर हुए एक सर्वे में पाया गया है कि 1985 के बाद से करीबी दोस्त न होने के मामले में अमेरिकियों की संख्या तीन गुना बढ़ चुकी है। जिन लोगों को सर्वे में शामिल किया गया, उनमें से लगभग एक चौथाई ने किसी पर भी अपना भरोसा न होने की बात कही।

 

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'S4M पत्रकारिता 40अंडर40': आवेदन करने के लिए दो दिन शेष, जल्द होगी जूरी मीट

एक्सचेंज4मीडिया समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इ

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 12 December, 2025
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Friday, 12 December, 2025
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एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' (samachar4media.com) पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है। इसके बाद किसी की भी एंट्री मान्य नहीं होगी।

बता दें कि यह इस कार्यक्रम का चौथा एडिशन है। पिछले तीन एडिशंस की तरह इस बार भी इस लिस्ट में मीडिया जगत से जुड़े 40 साल से कम उम्र वाले ऐसे 40 पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपने काम के जरिये इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है और शिखर पर पहुंचे हैं। इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।

इन पत्रकारों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के द्वारा किया जाएगा, जिसकी तारीफ जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे, जो विभिन्न कसौटियों पर एंट्रीज का आकलन करेंगे और विजेताओं का चयन उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके नेतृत्व कौशल और इंडस्ट्री में उनके योगदान आदि मानदंडों के आधार पर करेंगे।

पिछले तीनों संस्करणों की तरह ‘हिन्दुस्तान’ के एडिटर-इन-चीफ शशि शेखर इस बार भी इस कार्यक्रम में जूरी चेयर होंगे। जूरी में ‘बिजनेसवर्ल्ड ग्रुप’ और ‘एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप’ में चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा; ‘बीएजी नेटवर्क’ की सीएमडी और ‘न्यूज24’ की एडिटर-इन-चीफ श्रीमती अनुराधा प्रसाद; ‘प्रभात खबर’ के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी; ‘आजतक’, ‘गुड न्यूज टुडे’ व ‘इंडिया टुडे’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद; ‘अमर उजाला’ (डिजिटल) में संपादक जयदीप कर्णिक; ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ में डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश; ‘एबीपी नेटवर्क’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड ऑपरेशंस) रजनीश आहूजा; बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) में कॉरपोरेट अफेयर्स हेड राहुल महाजन; ‘जी न्यूज’ में मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा; ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ के पूर्व प्रेजिडेंट राकेश शर्मा शामिल हैं।

इनके अलावा जूरी में वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत; वरिष्ठ पत्रकार संत प्रसाद राय; ‘Loud India TV’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ संतोष भारतीय; वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह; ‘नेटवर्क18 समूह’ में सलाहकार संपादक शमशेर सिंह; वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी; वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी; वरिष्ठ पत्रकार वाशिंद्र मिश्र; ‘अमर उजाला’ में सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री; और ‘दैनिक जागरण’ में कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी भी शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी व रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।

 नोट: समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 अवॉर्ड के पूर्व विजेता कृपया रजिस्ट्रेशन न करें। उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं किया जाएगा।

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तमिलनाडु सरकार बुजुर्ग पत्रकारों को देगी 12,000 रुपये पेंशन, CM ने आदेश पत्र सौंपे

तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
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Thursday, 11 December, 2025
TamilnaduGovt45

तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 27 नवंबर को आदेश जारी किया था।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में 10 पत्रकारों को प्रतीकात्मक रूप से पेंशन आदेश पत्र भी सौंपे। बाकी पत्रकारों को भी जल्द ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

सरकार ने कहा कि पत्रकार जनता और सरकार के बीच पुल की तरह काम करते हैं—चाहे बारिश हो, बाढ़ हो, तूफान हो या कोई बड़ा हादसा। मुश्किल समय में भी वे दिन-रात बिना रुके काम करते हैं ताकि लोग सच्ची खबरें पा सकें। इसी योगदान को देखते हुए पत्रकारों के लिए कई कल्याण योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

पत्रकारों के लिए सरकार की अन्य महत्वपूर्ण पहलें:

  • 2023 में पत्रकार पेंशन को 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया।

  • पत्रकारों के परिवार को मिलने वाली फैमिली पेंशन को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपये किया गया।

  • 2021 के बाद से अब तक 125 पत्रकारों को मासिक पेंशन दी गई है।

  • 27 पत्रकारों के परिवारों को फैमिली पेंशन दी गई है।

  • 59 पत्रकार परिवारों को सरकार ने 2.09 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है।

  • पत्रकारों को चिकित्सा सहायता भी 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है।

  • काम के दौरान निधन होने पर परिवार को मिलने वाली मदद को लगभग दो गुना बढ़ाया गया है (राशि 1.25 लाख से 10 लाख तक बढ़ी)।

सरकार ने बताया कि पत्रकार कल्याण बोर्ड 2021 में बनाया गया था और अब तक 3,674 पत्रकार इसके सदस्य बन चुके हैं। इसमें शिक्षा, शादी, मातृत्व, इलाज और अंतिम संस्कार तक की मदद दी जा रही है।

कार्यक्रम में सूचना और जनसंपर्क मंत्री एम.पी. सामीनाथन, मुख्य सचिव एन. मुरुगानंदम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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2025 बदलाव का साल, 2026 विश्वास की अग्निपरीक्षा होगी: अखिलेश शर्मा

आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
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Thursday, 11 December, 2025
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अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार।

भारतीय मीडिया के इतिहास में 2025 को उस वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, जब न्यूज़रूम ने पारंपरिक ब्रॉडकास्ट दौर से निकलकर एल्गोरिदम आधारित युग में निर्णायक प्रवेश किया। वर्षों से जिस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को भविष्य की तकनीक कहा जा रहा था, वह अब वर्तमान की सच्चाई बन चुकी है। धीरे-धीरे ही सही, लेकिन न्यूज़रूम अब एआई की शक्ति और प्रभाव को स्वीकार कर रहे हैं।

तकनीक का उपयोग प्रगति का संकेत है, लेकिन यह भी उतना ही ज़रूरी है कि तकनीक पत्रकारिता की आत्मा सत्य, संवेदनशीलता और नैतिकता पर भारी न पड़ जाए। आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।

सच और झूठ के बीच की रेखा पहले से कहीं ज़्यादा धुँधली हो चुकी है। ऐसे दौर में मीडिया की भूमिका केवल सूचना देने की नहीं, बल्कि सच और भ्रम के बीच फर्क करने की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी की बन जाती है। समाज आज भी उसी उम्मीद से मीडिया की ओर देखता है कि वह 'दूध और पानी' को अलग करके रखे।यही वजह है कि 2026 की सबसे बड़ी चुनौती खबर जुटाना नहीं, बल्कि खबर पर जनता का भरोसा बनाए रखना होगी।

आज खबरें हर तरफ हैं, लेकिन भरोसा दुर्लभ होता जा रहा है। दर्शक, पाठक और श्रोता अब हर सूचना पर सवाल उठा रहे हैं और यह सवाल उठाना गलत भी नहीं है। भरोसे की यह कमी मीडिया संस्थानों के लिए सबसे बड़ा संकट बनकर उभर रही है। इस भरोसे की एक बड़ी कसौटी रफ़्तार और सच के बीच संतुलन होगा। सबसे पहले ख़बर देने की होड़ में अगर सच पीछे छूट जाए, तो जीत भी हार में बदल जाती है।

हाल के समय में हमने देखा कि कैसे जल्दबाज़ी में अभिनेता धर्मेन्द्र के निधन की झूठी खबर वायरल हो गई। डिजिटल और टीवी मीडिया के कई बड़े मंच इस गलती का हिस्सा बने। कुछ ही मिनटों में खंडन आ गया, लेकिन उन कुछ मिनटों ने मीडिया की साख को गहरी चोट पहुँचा दी। 2026 में चुनौती यह होगी कि खबर सबसे पहले देने की नहीं, बल्कि सही देने की हो।

रफ्तार और सत्य दोनों को साथ लेकर चलने की परीक्षा होगी। अगर मीडिया इस दौड़ में संयम खो बैठा, तो पहले से उठ रहे सवाल और भी तीखे हो जाएंगे। इसी के साथ एक और गहरी चुनौती एल्गोरिदम से जुड़ी है। एल्गोरिदम ने समाज को ईको चैंबर में कैद कर दिया है। हर व्यक्ति वही देख रहा है, वही सुन रहा है, जो उसकी पसंद, उसकी सोच और उसके पूर्वग्रहों के अनुकूल है। उसे वह नहीं दिख रहा, जो जानना उसके लिए ज़रूरी है। विचारों की विविधता सिमट रही है, संवाद की जगह टकराव बढ़ रहा है।

ऐसे माहौल में ज़िम्मेदार मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह इस ईको चैंबर को कैसे तोड़े और सच को उस व्यक्ति तक कैसे पहुँचाए, जो सच सुनना नहीं, केवल वही सुनना चाहता है जो उसे अच्छा लगता है। 2026 में मीडिया की सबसे बड़ी पूँजी रफ्तार नहीं, भरोसा होगा। वही मीडिया टिकेगा, जिसे लोग संकट के समय याद करेंगे, जिसके शब्दों पर लोग विश्वास करेंगे, और जिसकी खबरों को लोग साझा करने से पहले संदेह की नज़र से नहीं देखेंगे।

हम ब्रॉडकास्ट से अब नैरोकास्ट के दौर में प्रवेश कर चुके हैं। पहले एक ही सिग्नल करोड़ों लोगों तक जाता था। अब एल्गोरिदम हर व्यक्ति के लिए अलग सिग्नल बना रहा है। अब चुनौती यह नहीं कि आवाज़ कितनी दूर जाए, बल्कि यह है कि जो आवाज़ जाए, वह कितनी सच्ची, कितनी निष्पक्ष और कितनी विश्वसनीय हो।2026 दरअसल भारतीय मीडिया के लिए तकनीक की नहीं, चरित्र की परीक्षा का साल होगा। भरोसा ही वह धुरी बनेगा, जिस पर मीडिया का भविष्य टिका रहेगा।

( यह लेखक के निजी विचार हैं )

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'एजेंडा आजतक' के मंच से पुतिन इंटरव्यू की गूंज: कली पुरी ने बताई पर्दे के पीछे की कहानी

दिल्ली के ताज पैलेस में शुरू हुए ‘एजेंडा आजतक’ के मंच से इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इंटरव्यू से जुड़े अनुभव साझा किए।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 December, 2025
kalipuri

राजधानी दिल्ली के ताज पैलेस होटल में शुरू हुए देश के सबसे बड़े न्यूज समिट ‘एजेंडा आजतक’ का उद्घाटन इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और कार्यकारी संपादक कली पुरी ने किया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुए ऐतिहासिक इंटरव्यू की पूरी कहानी साझा की।

उन्होंने कहा कि यह इंटरव्यू सिर्फ एक चैनल की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए सम्मान की बात है। कली पुरी ने बताया कि रूस की टीम ने कई महीनों तक तमाम वैश्विक मीडिया संस्थानों का डेटा, भरोसा, प्रभाव और दर्शक वर्ग का अध्ययन किया। इन सब मानकों पर आजतक खरा उतरने के बाद ही रूस ने भारतीय चैनल को यह मौका दिया।

उन्होंने कहा कि भारत की एक छोटी टीम ने क्रेमलिन में इंटरव्यू के दौरान सेट, रोशनी और प्रस्तुति को लेकर बहुत बारीक सुझाव दिए, जिसे देखकर रूसी अधिकारी भी हैरान रह गए। इंटरव्यू के दौरान अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन के सवालों की तैयारी और तालमेल ने रूसी टीम को बेहद प्रभावित किया। यही कारण रहा कि तय समय से ज्यादा देर तक राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत की और यह इंटरव्यू और भी खास बन गया।

कली पुरी ने बताया कि इस संवाद के बाद दुनिया के कई बड़े मीडिया संस्थानों ने इस इंटरव्यू को प्रमुखता से जगह दी। इससे यह साबित हुआ कि भारतीय पत्रकारिता अब सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी मजबूत पहचान बना चुकी है।

उन्होंने कहा कि आजतक ने उन विषयों पर भी सवाल पूछे, जिन पर बाकी विदेशी मीडिया खामोश था। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में दर्शकों का आभार जताते हुए कहा कि दर्शकों का भरोसा ही आजतक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है और यही विश्वास आगे भी बड़ी उपलब्धियों की ताकत बनेगा।

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025-26 के लिए नई एग्जिक्यूटिव कमिटी का ऐलान किया

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
editorguildofindia

भारतीय पत्रकारिता के प्रमुख संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025-26 के कार्यकाल के लिए अपनी एग्जिक्यूटिव कमिटी के सदस्यों की घोषणा कर दी है। इस कमिटी में 23 प्रमुख पत्रकारों और संपादकों को शामिल किया गया है, जो मीडिया इंडस्ट्री की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। गिल्ड के कार्यालय सहयोगियों ने इसकी आधिकारिक सूचना जारी की है।

कमिटी में वरिष्ठ पत्रकार अयाज़ मेमन, आलोक मेहता (पूर्व मुख्य संपादक, आउटलुक हिंदी), आशुतोष (सत्य हिंदी के सह-संस्थापक और संपादक), जयंत मामेन मैथ्यू (मलयाला मनोरमा के कार्यकारी संपादक), कुमकुम चड्ढा (हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ पत्रकार), कविता देवी (खबर लहरिया की मुख्य संपादक), केएन हरि कुमार (पूर्व मुख्य संपादक, डेक्कन हेराल्ड और प्रजा वाणी), माधव नलपत (आईटीवी नेटवर्क के संपादकीय निदेशक), ओम थानवी (पूर्व संपादक, जनसत्ता), प्रकाश दुबे (दैनिक भास्कर के ग्रुप संपादक), रश्मि कोटी (अंडोलन की प्रबंध संपादक) राघव बहल (द क्विंट के मुख्य संपादक), राज चेंगप्पा (टीवी टुडे नेटवर्क के परामर्शी संपादक), राजदीप सरदेसाई (इंडिया टुडे के परामर्शी संपादक), रवि एन (द हिंदू के पूर्व मुख्य संपादक), सुगता श्रीनिवासराजू (वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और कॉलमिस्ट), शेखर गुप्ता (दप्रिंट के मुख्य संपादक और चेयरमैन), सीमा मुस्तफा (द सिटिजन की मुख्य संपादक), अनंत नाथ (द कारवां के संपादक), टीएन नीनन (बिजनेस स्टैंडर्ड के चेयरमैन), विजय नायक (सकल मीडिया ग्रुप के दिल्ली परामर्शी संपादक), भारत भूषण (वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमिस्ट) तथा श्रेणिक राव (मद्रास कूरियर के मुख्य संपादक) शामिल हैं।

इसके अलावा, विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में जॉन डेयल (इंडियन करेंट्स के परामर्शी संपादक) और हरिश खरे (द ट्रिब्यून के पूर्व मुख्य संपादक) को शामिल किया गया है। गिल्ड के अध्यक्ष संजय कपूर, महासचिव राघवन श्रीनिवासन और कोषाध्यक्ष टेरेसा रहमान ने संयुक्त रूप से इस घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, 'यह कमिटी भारतीय पत्रकारिता की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और विविधता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।'

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।

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Synergy Advanced Metals ने अपूर्व चंद्रा को बनाया स्वतंत्र निदेशक

सिनर्जी एडवांस्ड मेटल्स (Synergy Advanced Metals) ने अपूर्व चंद्रा को अपना नया इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 09 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
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सिनर्जी एडवांस्ड मेटल्स (Synergy Advanced Metals) ने अपूर्व चंद्रा को अपना नया इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 15 अक्टूबर 2025 से लागू हो गई है।

अपूर्व चंद्रा के पास 32 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह भारत सरकार के कई बड़े मंत्रालयों में काम कर चुके हैं, जिनमें स्वास्थ्य मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय शामिल हैं।

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुभव कथूरिया ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि अपूर्व चंद्रा के जुड़ने से कंपनी के फैसले और गवर्नेंस और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि उनकी नीतिगत समझ और प्रशासनिक अनुभव कंपनी के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा।

इससे पहले कंपनी ने नीलकमल दरबारी और अरुंधति कर को भी स्वतंत्र निदेशक के तौर पर अपने बोर्ड में शामिल किया था।

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'शेमारू एंटरटेनमेंट' को मिला एक और नोटिस, टैक्स अथॉरिटी ने लगाया बड़ा जुर्माना

शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) को CGST & Central Excise, मुंबई के ऑफिस से 28 नवंबर 2025 का एक आदेश मिला है

Vikas Saxena by
Published - Tuesday, 09 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
Shemaroo5892

शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) को CGST & Central Excise, मुंबई के ऑफिस से 28 नवंबर 2025 का एक आदेश मिला है, जिसे कंपनी को 8 दिसंबर 2025 को प्राप्त हुआ। यह आदेश कंपनी द्वारा फरवरी 2025 में दायर अपील के जवाब में जारी किया गया है।

कंपनी का कहना है कि आदेश में लगाई गई कर मांग और जुर्माना (Input Tax Credit सहित) कानूनन सही नहीं है। कंपनी इस आदेश को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करेगी और आवश्यक समयसीमा में आगे की कार्यवाही करेगी।

आदेश में कंपनी पर कुल 70.26 करोड़ रुपये के ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) की रिकवरी, लागू ब्याज और जुर्माने का दावा किया गया है। इसके अलावा, CGST और IGST एक्ट के तहत 63.35 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना और कंपनी के Joint Managing Director, CEO और CFO पर 133.61 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

कंपनी ने कहा कि उनके आकलन के अनुसार यह मांग कानूनी रूप से सही नहीं है, और कंपनी इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायिक फोरम में अगली अपील दायर करने की प्रक्रिया में है।

बता दें कि इससे पहले शेमारू एंटरटेनमेंट को हाल ही में मुंबई के डिप्टी कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्स कार्यालय से नोटिस मिला। यह नोटिस CGST/MGST एक्ट 2017, IGST एक्ट 2017 और Goods and Services Tax (Compensation to States) Act, 2017 के तहत GST ऑडिट (अप्रैल 2021 – मार्च 2022) के दौरान जारी किया गया। नोटिस की राशि लगभग ₹30.61 लाख बताई गई।

इस नोटिस के खिलाफ भी कंपनी अपील दायर करने की प्रक्रिया में है और उनका मानना है कि यह मांग सही नहीं है।

शेमारू एंटरटेनमेंट देश की एक प्रमुख कंटेंट क्रिएटर, एग्रीगेटर और डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी है, जो मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करती है। कंपनी की शुरुआत 1962 में बुद्धिचंद मारू ने शेमारू नाम से एक बुक-सर्कुलेटिंग लाइब्रेरी के रूप में की थी। इसके बाद 1979 में शेमारू ने भारत का पहला वीडियो रेंटल बिजनेस भी शुरू किया।

आज कंपनी किताबों से लेकर फिल्मों, वीडियो और डिजिटल कंटेंट तक की एक लंबी और विकसित यात्रा तय कर चुकी है और भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में एक भरोसेमंद नाम बन चुकी है।

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Sorta Famous ने भारत में दी दस्तक, ब्रैंड्स को नए अंदाज में पहचान दिलाने का लक्ष्य

कल्चर-ड्राइवेन स्टोरीटेलिंग और मॉडर्न ब्रैंड-बिल्डिंग के लिए जानी जाने वाली पब्लिक रिलेशंस एजेंसी Sorta Famous ने आधिकारिक रूप से भारत में अपनी शुरुआत कर दी है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 09 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
Sortafamous5421

कल्चर-ड्रिवेन स्टोरीटेलिंग और मॉडर्न ब्रैंड-बिल्डिंग के लिए जानी जाने वाली पब्लिक रिलेशंस एजेंसी Sorta Famous ने आधिकारिक रूप से भारत में अपनी शुरुआत कर दी है। कंपनी का मकसद है कि ब्रैंड्स को इस बदलती मीडिया की दुनिया में सही मायने में पहचान और असर दिलाया जा सके।

इस एजेंसी की स्थापना कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजिस्ट नंदिनी महांत ने की है। Sorta Famous का फोकस पारंपरिक पीआर और आज के कल्चर-आधारित कम्युनिकेशन के बीच की खाई को पाटने पर है। एजेंसी ब्रैंड कम्युनिकेशन, मीडिया रिलेशंस, डिजिटल पीआर, थॉट लीडरशिप, क्रिएटर पार्टनरशिप, रेप्युटेशन मैनेजमेंट और नए व पुराने ब्रैंड्स के लिए लॉन्च स्ट्रेटजी जैसी कई सेवाएं देगी।

नंदिनी महांत ने कहा, “भारत में कम्युनिकेशन का तरीका बहुत तेजी से बदल रहा है। आज ब्रैंड्स को सिर्फ पुराने पीआर की नहीं, बल्कि कल्चरल इंटेलिजेंस की भी जरूरत है। Sorta Famous की कोशिश है कि ब्रैंड्स लोगों तक ऐसे तरीके से पहुंचे जो असली लगे, समझ में आए और लोगों को जोड़कर रखे। हम सिर्फ हेडलाइंस के पीछे नहीं भागते, हम ऐसे नैरेटिव बनाते हैं जिनसे लोग सच में कनेक्ट करें।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा तरीका तीन बातों पर चलता है- स्पष्टता, क्रिएटिविटी और भरोसा। चाहे ब्रैंड आइडेंटिटी बनानी हो, किसी की आवाज को जोर से पहुंचाना हो या मजबूत पहचान बनानी हो, हमारा फोकस लंबे समय तक असर छोड़ने पर है, न कि सिर्फ थोड़े समय के शोर पर।”

भारत में लॉन्च के साथ, Sorta Famous हाई-ग्रोथ स्टार्टअप्स, कंज्यूमर ब्रैंड्स, क्रिएटर्स और लीडर्स के साथ मिलकर काम करना चाहती है, जो सही स्टोरीटेलिंग के जरिए अपनी ब्रैंड वैल्यू बढ़ाना चाहते हैं।

एजेंसी फिलहाल पूरे भारत में रिमोट तरीके से काम करेगी और आने वाले समय में बड़े मेट्रो शहरों में अपनी टीमों को जमीन पर उतारने की योजना है।

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BAG Convergence ने तनवीर आजम को किया नियुक्त, मिली ये बड़ी जिम्मेदारी

BAG Convergence ने तनवीर आजम को चीफ कंटेंट ऑफिसर (CCO) और इवेंट्स हेड नियुक्त किया है।

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Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
TanweerAzam854

BAG Convergence ने तनवीर आजम को चीफ कंटेंट ऑफिसर (CCO) और इवेंट्स हेड नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण लीडरशिप रोल में वे कंपनी की पूरी कंटेंट विजन और इवेंट स्ट्रैटेजी को दिशा देंगे। वे न्यूज24 (News24) और E24 समेत संगठन के सभी न्यूज और एंटरटेनमेंट ब्रैंड्स और डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म्स पर काम करेंगे।

तनवीर ने 2006 में अपने करियर की शुरुआत की थी और उन्हें पत्रकारिता, डिजिटल कंटेंट लीडरशिप और ब्रैंड डेवलपमेंट में 20 साल का अनुभव है। वे Zee Media, India.com, DNA और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। इन संस्थानों में उन्होंने डिजिटल ग्रोथ, कंटेंट इनोवेशन और ऑडियंस एंगेजमेंट बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी एडिटोरियल विशेषज्ञता इंफोटेनमेंट, लाइफस्टाइल, टेक, एंटरटेनमेंट और फीचर स्टोरीटेलिंग तक फैली हुई है, जिसमें SEO, डेटा-ड्रिवन स्ट्रैटेजी और यूजर-सेंट्रिक कंटेंट पर खास ध्यान शामिल है।

Zee Media और India.com में तनवीर ने इंफोटेनमेंट और एंटरटेनमेंट वर्टिकल्स को मजबूत बनाया और ऐसी टीमों का नेतृत्व किया, जिनके कंटेंट ने लगातार उच्च ट्रैफिक और बेहतर इम्पैक्ट हासिल किया। DNA में उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी- दोनों प्लेटफॉर्म्स को संभाला और तेज-तर्रार डिजिटल न्यूज माहौल के हिसाब से कंटेंट डेप्थ और स्पीड का संतुलन बनाए रखा। माइक्रोसॉफ्ट में उनके अनुभव ने उन्हें कंटेंट थिंकिंग में प्रॉडक्ट और टेक्नोलॉजी का बेहतर नजरिया दिया, जिससे वे प्लेटफॉर्म बिहेवियर, एनालिटिक्स और UX को एडिटोरियल और ब्रैंड स्ट्रैटेजी में जोड़ सके।

BAG Convergence में अपनी नई भूमिका में तनवीर का फोकस कंटेंट, प्रोडक्ट और इवेंट्स को एक संयुक्त रणनीति के तहत जोड़ने पर होगा। वे IPs, स्पेशल सीरीज और बड़े पैमाने के इवेंट्स तैयार करेंगे, जो कंपनी की पहचान को एक प्रमुख डिजिटल मीडिया और कंटेंट इनोवेशन ब्रैंड के रूप में और मजबूत करेंगे। इसके साथ ही वे एडिटोरियल और बिजनेस टीमों के साथ मिलकर टेक्स्ट, वीडियो, ऑडियो और सोशल- हर फॉर्मेट में मल्टी-फॉर्मेट स्टोरीटेलिंग को और बेहतर बनाएंगे, ताकि समूह के सभी प्लेटफॉर्म्स पर विश्वसनीय, आकर्षक और इनसाइटफुल पत्रकारिता जारी रहे। 

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'जी मीडिया' से शारिकुल होदा ने ली विदाई

शारिकुल होदा (शारिक) ने जी मीडिया को अलविदा कह दिया है। उनकी पारी 6 साल लंबी चली।

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Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
Shariqul

शारिकुल होदा (शारिक) ने जी मीडिया को अलविदा कह दिया है। उनकी पारी 6 साल लंबी चली। वो जीन्यूजडॉटकॉम (zeenews.com) में बतौर सीनियर सब एडिटर पोस्टेड थे।

 इस संस्थान में वो स्पोर्ट्स, हेल्थ, लाइफस्टाइल, ट्रैवल और रिलेशनशिप सेक्शन को लीड कर चुके हैं। 7 नवंबर को ही उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया था और पिछले एक महीने से वो नोटिस पीरियड पर थे। 

नवंबर 2019 में शारिक ने जी मीडिया में बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर जॉइन किया था। जहां उन्होंने इंग्लिश टू हिंदी लाइव ट्रांस्लेशन की जिम्मेदारी संभाली। सिर्फ 4 महीने के भीतर उन्हें जीन्यूजडॉटकॉम की वेबसाइट में शिफ्ट होना पड़ा। कोरोना वायरस महामारी के मुश्किल वक्त में उन्होंने स्पोर्ट्स डेस्क को लीड किया। बाद में उन्हें हेल्थ, लाइफस्टाइल, ट्रैवल और रिलेशनशिप सेक्शन को हेड किया। जरूरत पड़ने पर वो नेशनल और इंटरनेशनल सेक्शन की न्यूज भी लिखते थे।  

शारिक के लिए स्पोर्ट्स उनका फेवरेट सेक्शन रहा है। साल 2008 में उन्होंने दूरदर्शन में बतौर इंटर्न अपने मीडिया करियर की शुरुआत की थी, फिर दैनिक जागरण, टीवी टुडे नेटवर्क, श्री न्यूज, स्पोर्ट्सकीड़ा, WION जैसे ऑर्गेनाइजेशन में उन्होंने अपनी सेवाएं दीं

शुरुआत में उन्होंने अखबार और टेलिविजन में तजुर्बा हासिल किया, लेकिन बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपने करियर को स्विच कर लिया।



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