Meta के स्वामित्व वाली WhatsApp एक नया एक्सपेरिमेंटल फीचर Ask Meta AI पेश कर रही है। इसका उद्देश्य यूजर्स को वास्तविक समय में जानकारी की जांच करने में मदद करना है।
Meta के स्वामित्व वाली WhatsApp एक नया एक्सपेरिमेंटल फीचर Ask Meta AI पेश कर रही है। इसका उद्देश्य यूजर्स को वास्तविक समय में जानकारी की जांच करने में मदद करना है।
यह फीचर फिलहाल iOS यूजर्स के लिए TestFlight बीटा प्रोग्राम के माध्यम से टेस्ट किया जा रहा है। इसके जरिए यूजर्स सीधे Meta AI से किसी भी मैसेज के बारे में सवाल पूछ सकते हैं, जिससे बातचीत के दौरान फैक्ट-चेकिंग आसान हो जाती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूजर्स किसी भी मैसेज को चुनकर तुरंत स्पष्टीकरण या अतिरिक्त जानकारी ले सकते हैं। इससे टेक्स्ट को मैन्युअली AI असिस्टेंट को फॉरवर्ड करने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
Ask Meta AI को एक प्रोएक्टिव फैक्ट-चेकिंग टूल के रूप में पेश किया गया है। यह फीचर खासतौर पर ग्रुप चैट और कम्युनिटी डिस्कशन में उपयोगी साबित हो सकता है, जहां अक्सर अनवेरिफाइड दावे फैलते रहते हैं।
हालांकि Meta AI पहले से ही WhatsApp में विभिन्न विषयों पर जवाब देने के लिए मौजूद है, यह नया फीचर सत्यापन को तेज और सहज बनाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, यूजर प्राइवेसी को ध्यान में रखा गया है। मैसेज तभी Meta AI के साथ शेयर होते हैं जब यूजर खुद संदर्भ देने और पुष्टि करने का चयन करता है। केवल “Ask Meta AI” चुनने मात्र से कंटेंट साझा नहीं होता।
यह अपडेट अभी टेस्टिंग चरण में है, लेकिन Android बीटा यूजर्स पहले ही इसकी कार्यक्षमता को आजमा रहे हैं। फीचर के परफेक्ट होने के बाद इसे ग्लोबली रोलआउट किया जाएगा, जिससे WhatsApp की जानकारी की सटीकता बढ़ाने और यूजर ट्रस्ट मजबूत करने की कोशिशें और मजबूत होंगी।
CCI की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने बताया कि कोई भी प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप के स्तर तक यूजर निर्भरता, नेटवर्क इफेक्ट और क्रॉस-प्लेटफॉर्म फायदे में नहीं पहुंचता।
कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के सामने एक बार फिर यह बात दोहराई कि भारत में वॉट्सऐप की डॉमिनेंस Meta के बड़े पैमाने, संसाधनों और Facebook, Instagram, Messenger और वॉट्सऐप के इंटीग्रेशन की वजह से है।
CCI की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने बताया कि कोई भी प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप के स्तर तक यूजर निर्भरता, नेटवर्क इफेक्ट और क्रॉस-प्लेटफॉर्म फायदे में नहीं पहुंचता। उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप के विशाल यूजर बेस और रोजाना की एंगेजमेंट के कारण यूजर्स के लिए प्लेटफॉर्म बदलना लगभग असंभव है, क्योंकि उन्हें अपने पूरे कॉन्टैक्ट नेटवर्क को विकल्पों पर ले जाने के लिए मनाना पड़ेगा।
सिंह ने यह भी बताया कि Meta प्लेटफॉर्म्स के बीच इंटीग्रेशन वॉट्सऐप की शक्ति को और बढ़ाता है, जिससे विज्ञापनदाता, डेवलपर्स और व्यवसाय जुड़ते हैं, और Telegram और Signal जैसे प्रतियोगी इसके मार्केट पोजीशन को चुनौती नहीं दे पाते।
सिंह ने जोर देकर कहा कि वॉट्सऐप ने अपनी डॉमिनेंस का दुरुपयोग 2021 के प्राइवेसी अपडेट के माध्यम से किया, जिसे “take it or leave it” आधार पर लागू किया गया। नोटिफिकेशन में इसे अनिवार्य बताया गया और पहले उपलब्ध सीमित ऑप्ट-आउट की सुविधा हटा दी गई। उन्होंने कहा, “यूजर्स, जो एक अहम कम्युनिकेशन टूल खोने के डर में थे, उनके पास पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।”
CCI की तरफ से कहा गया कि इस नीति ने डेटा संग्रह और Meta के इकोसिस्टम में इंटीग्रेशन को बढ़ावा दिया, जिसे उन्होंने “शोषणपूर्ण दुरुपयोग का क्लासिक उदाहरण” बताया। उन्होंने भारतीय और यूरोपीय यूजर्स के बीच अंतर पर भी ध्यान दिलाया, जिसमें EU यूजर्स को डेटा सुधार और मिटाने जैसी मजबूत सुरक्षा मिलती है।
वॉट्सऐप के यह कहने पर कि प्राइवेसी सिर्फ डेटा प्रोटेक्शन का मामला है, सिंह ने जवाब दिया: “डिजिटल मार्केट्स में, जहां सेवाएं मुफ्त दी जाती हैं, डेटा ही कीमत बन जाता है। प्राइवेसी में कमी, इसलिए, सेवा की गुणवत्ता में गिरावट के बराबर है।”
नवंबर 2024 में, CCI ने Meta पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया और वॉट्सऐप को पांच साल तक यूजर डेटा साझा करने से रोका। इस आदेश को चुनौती दी गई है, और जनवरी 2025 में NCLAT ने अंतरिम स्थगन दिया। वॉट्सऐप के वकील के अंतिम जवाब इस सप्ताह बाद में सुनवाई में प्रस्तुत होने की संभावना है।
‘इंडिया टीवी’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को हाल ही में ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ का फिर प्रेजिडेंट चुना गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने रजत शर्मा को बधाई दी है।
‘इंडिया टीवी’ (India TV) के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को हाल ही में ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ (NBDA) का फिर प्रेजिडेंट चुना गया। 19 सितंबर 2025 को आयोजित बोर्ड बैठक में उन्हें 2025-2026 के कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से इस पद पर चुना गया।
वहीं, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर रजत शर्मा को बधाई दी है। पीएम मोदी ने पत्र में कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में रजत शर्मा का लंबा अनुभव, विभिन्न विषयों पर गहरी समझ और विश्वसनीयता एनबीडीए के मिशन को मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में संस्था पत्रकारों के हितों की रक्षा और समाज व राष्ट्रहित में लगातार अपनी भूमिका निभाती रहेगी।
इससे पहले एनबीडीए की बोर्ड मीटिंग में एम.वी. श्रेयम्स कुमार (मैनेजिंग डायरेक्टर, मातृभूमि प्रिंटिंग एंड पब्लिशिंग कंपनी लिमिटेड) को वाइस प्रेजिडेंट और अनुराधा प्रसाद शुक्ला (चेयरपर्सन व एमडी, न्यूज24 ब्रॉडकास्ट इंडिया लिमिटेड) को मानद कोषाध्यक्ष चुना गया। वहीं, एनी जोसेफ महासचिव के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेंगी।
एनबीडीए बोर्ड में राहुल जोशी (नेटवर्क18), कली पुरी (टीवी टुडे नेटवर्क), अनिल कुमार मल्होत्रा (जी मीडिया कॉर्पोरेशन), ध्रुबा मुखर्जी (एबीपी नेटवर्क), आई. वेंकट (ईनाडु टेलीविजन), राहुल कंवल (एनडीटीवी), महेश कुमार राजारामन (सन टीवी नेटवर्क) और रोहित गोपाकुमार (बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड) भी शामिल हैं।
रिषिराज श्रीवास्तव जल्द ही मीडिया और विज्ञापन जगत में एक नई पारी की शुरुआत करेंगे, जिसका ऐलान वे शीघ्र करेंगे।
रिषिराज श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) में सीनियर रीजन हेड के पद से अलग होने का फैसला लिया है। डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले रिषिराज श्रीवास्तव अब अपने करियर के अगले चरण की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
वह जल्द ही मीडिया और विज्ञापन जगत में एक नई पारी की शुरुआत करेंगे, जिसका ऐलान वे शीघ्र करेंगे। ‘टाइम्स इंटरनेट’ में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने डिस्प्ले, प्रोग्रामेटिक, वीडियो, बड़े IPs और नैटिव बिजनेस जैसे क्षेत्रों में बिजनेस को आगे बढ़ाया। साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को पारंपरिक मीडिया से जोड़ने का काम भी उन्होंने बखूबी निभाया।
रिषिराज ‘एनडीटीवी’, ‘दैनिक भास्कर’ और ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रमुख भूमिकाएं संभाल चुके हैं। रिषिराज श्रीवास्तव का कहना है, ‘मैं अपने सफर के दौरान मिले सभी अवसरों, प्रेरणा और मार्गदर्शन के लिए दिल से आभारी हूं। यह भूमिका मेरे लिए बेहद परिवर्तनकारी रही, जिसने मेरे नेतृत्व कौशल को निखारा, सोच को विस्तृत किया और मुझे डिजिटल मीडिया इकोसिस्टम में सार्थक योगदान देने का मौका दिया। नई यात्रा की ओर बढ़ते हुए मैं अपने सहयोगियों, मार्गदर्शकों और इंडस्ट्री पार्टनर्स के समर्थन और सहयोग के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।’
जुनैद अख्तर को मीडिया में काम करने का करीब 12 साल का अनुभव है। उन्होंने वर्ष 2013 में ‘अमर उजाला’ गाजियाबाद से पत्रकारिता की शुरुआत की थी।
युवा पत्रकार मोहम्मद जुनैद अख्तर ने ‘टीवी9’ (TV9) समूह से अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) की डिजिटल टीम में बतौर सीनियर सब एडिटर जॉइन किया है। अपनी इस भूमिका में वह टीवी9 भारतवर्ष की डिजिटल टीम में एग्जिक्यूटिव एडिटर अमित कुमार राय को रिपोर्ट करेंगे।
जुनैद अख्तर को मीडिया में काम करने का करीब 12 साल का अनुभव है। उन्होंने वर्ष 2013 में ‘अमर उजाला’ गाजियाबाद से पत्रकारिता की शुरुआत की थी, जहां उन्होंने करीब एक साल कार्य किया।
इसके बाद वर्ष 2014 में ‘नवोदय टाइम्स‘ के लिए रेलवे, स्पोर्ट्स और एजुकेशन की बीट कवर की। करीब एक साल बाद 2015 उनका ट्रांसफर गाजियाबाद से दिल्ली हो गया। दिल्ली में उन्होंने मुस्लिम बीट और जंतर मंतर पर कई बड़े धरना प्रदर्शन कवर किए।
वर्ष 2016 में जुनैद अख्तर नोएडा आ गए। यहां उन्होंने क्राइम बीट पर लगातार करीब तीन साल काम किया। वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान उन्हें क्राइम के अलावा गौतमबुद्ध नगर की तीनों प्राधिकरण और दूसरी बीट भी कवर करने का मौका मिला।
इसके बाद वर्ष 2024 में जुनैद अख्तर ‘उत्तर प्रदेश टाइम्स’ (Uttar Pradesh Times) की डिजिटल टीम से जुड़ गए। इस दौरान उन्होंने 'उत्तर प्रदेश टाइम्स' की नोएडा डिजिटल साइट ‘ट्राइसिटी टुडे’ में भी काम किया।
कुछ समय वहां अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर ‘न्यूज24’ (News24) की डिजिटल टीम जॉइन कर ली। यहां बतौर सब एडिटर जुनैद ने राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खबरों पर काम किया। इसके बाद यहां अपनी पारी को विराम देकर वह अब ‘टीवी9 भारतवर्ष’ पहुंचे हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से जुनैद अख्तर को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के साथ अपने तालमेल को दोहराते हुए DNPA ने कहा कि उसे भरोसा है कि इस मुद्दे को गंभीरता से देखा जाएगा।
डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर उन विदेशी डिजिटल कंपनियों पर लगाई गई 6% इक्वलाइजेशन लेवी हटाने के फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया है, जो भारत में काम कर रही हैं।
चेयरपर्सन मरियम मैमन मैथ्यू द्वारा हस्ताक्षरित इस प्रतिनिधित्व में DNPA ने कहा, “जब यह लेवी लागू की गई थी, तो यह इस बात की मान्यता थी कि भारतीय बिजनेस, जिनमें घरेलू डिजिटल पब्लिशर्स भी शामिल हैं और भारत से बड़ा लाभ कमाने वाले ग्लोबल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स के बीच संतुलन और न्याय की जरूरत है। लेकिन बाद में, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक विचारों को आसान बनाने के लिए इसे हटा दिया गया, जिससे अनजाने में भारतीय डिजिटल पब्लिशर्स को प्रतिस्पर्धा में नुकसान झेलना पड़ा।”
एसोसिएशन ने माना कि भारत ओईसीडी/जी20 इनक्लूसिव फ्रेमवर्क के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है, लेकिन यह भी बताया कि फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इटली और स्पेन जैसे कई देशों ने तब तक डिजिटल सर्विस टैक्स जारी रखा है, जब तक वैश्विक टैक्स सुधार पूरे नहीं हो जाते।
पत्र में कहा गया, “इस संदर्भ में हम आदरपूर्वक निवेदन करते हैं कि भारत की स्थिति की समीक्षा की जाए, ताकि इस संक्रमण काल में घरेलू डिजिटल पब्लिशर्स के हित प्रभावित न हों।”
सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के साथ अपने तालमेल को दोहराते हुए DNPA ने कहा कि उसे भरोसा है कि इस मुद्दे को गंभीरता से देखा जाएगा।
एसोसिएशन ने कहा, “हमें विश्वास है कि आपके नेतृत्व में इस मामले पर उचित विचार किया जाएगा, ताकि यह मुद्दा राष्ट्रीय हित और भारतीय डिजिटल मीडिया की वृद्धि– दोनों के लिए सबसे बेहतर तरीके से हल हो सके।”
समीक्षा सिक्का इससे पहले चार साल से ज्यादा समय से ‘नेटवर्क18’ (Network18) में अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
समीक्षा सिक्का को ‘एनडीटीवी डिजिटल’ (NDTV Digital) में रेवेन्यू हेड के पद पर नियुक्त किया गया है। समीक्षा ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट के जरिये खुद यह जानकारी शेयर की है।
लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘मुझे खुशी है कि मैं NDTV Digital में रेवेन्यू हेड के तौर पर नई भूमिका की शुरुआत कर रही हूं।’
समीक्षा सिक्का इससे पहले चार साल से ज्यादा समय से ‘नेटवर्क18’ (Network18) में अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं। वहां वह Moneycontrol.com, News18.com तथा Firstpost.com के लिए काम कर रही थीं।
समीक्षा डिजिटल सेल्स क्षेत्र की अनुभवी प्रोफेशनल हैं। उन्हें इंटीग्रेटेड सेलिंग, इन्वेंट्री और कंटेंट सेल्स में महारत हासिल है। पूर्व में वह ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘नवभारत टाइम्स’ और ‘महाराष्ट्र टाइम्स’ जैसे प्रतिष्ठित न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स के साथ भी काम कर चुकी हैं।
गूगल को पेंसकी मीडिया कॉरपोरेशन (PMC) की ओर से एक नए मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।
गूगल को पेंसकी मीडिया कॉरपोरेशन (PMC) की ओर से एक नए मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। PMC के पास रोलिंग स्टोन, बिलबोर्ड, वैरायटी, हॉलीवुड रिपोर्टर, डेडलाइन, वाइब और आर्टफोरम जैसी मशहूर प्रकाशन संस्थाएं हैं। कंपनी का आरोप है कि गूगल ने उसकी पत्रकारिता सामग्री का बिना अनुमति उपयोग करके AI-जनित समरी (सारांश) तैयार की, जिससे उसकी वेबसाइट्स पर ट्रैफिक कम हो रहा है।
यह मुकदमा वॉशिंगटन डी.सी. की संघीय अदालत में दायर किया गया है और यह पहला मौका है जब किसी प्रमुख अमेरिकी पब्लिशर ने गूगल के “AI ओवरव्यूज” फीचर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने तर्क दिया है कि ये नए AI समरी (जो सर्च रिजल्ट्स के शीर्ष पर दिखाई देते हैं), उनकी विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन से होने वाली आय को घटा रहे हैं क्योंकि इससे उनकी वेबसाइट्स पर क्लिक करने वाले यूजर्स की संख्या कम हो रही है।
पेंसकी मीडिया, जिसके बारे में बताया जाता है कि उसके प्लेटफॉर्म पर हर महीने 12 करोड़ ऑनलाइन विजिटर आते हैं, ने आरोप लगाया है कि गूगल प्रभावी रूप से पब्लिशर्स को इन AI समरीज में उनकी सामग्री के उपयोग के लिए सहमति देने पर मजबूर करता है। पेंसकी मीडिया के चेयरमैन जे पेंसकी को उद्धृत करते हुए कहा गया, “हम पर यह जिम्मेदारी है कि हम डिजिटल मीडिया के भविष्य के लिए सक्रिय रूप से लड़ें और उसकी अखंडता को बनाए रखें, जिन्हें गूगल की मौजूदा गतिविधियों से खतरा है।”
याचिका के अनुसार, गूगल यह सब करने के लिए सर्च मार्केट में अपनी प्रभुत्वशाली स्थिति का लाभ उठाता है। संघीय अदालत ने पिछले साल पाया था कि अमेरिका में गूगल की बाजार हिस्सेदारी लगभग 90% है।
कंपनी के मुकदमे में दावा किया है कि AI ओवरव्यूज अब लगभग 20% गूगल सर्च में दिखाई देते हैं, जो अन्यथा उसकी साइट्स पर ट्रैफिक भेजते। इसका नतीजा यह हुआ कि सर्च ट्रैफिक में गिरावट आई और 2024 के अंत से उसके एफिलिएट राजस्व में एक-तिहाई से अधिक की कमी आई है।
फरवरी में ऑनलाइन शिक्षा कंपनी चेग ने भी इसी तरह का मुकदमा दायर किया था। उसने आरोप लगाया था कि गूगल के AI ओवरव्यूज प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर रहे हैं और मौलिक सामग्री की मांग घटा रहे हैं।
अपने बचाव में, गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने कहा कि AI ओवरव्यूज यूजर्स के लिए बेहतर अनुभव हैं और वास्तव में यह अधिक विविध वेबसाइट्स पर ट्रैफिक भेजते हैं।
कास्टानेडा ने कहा, “AI ओवरव्यूज के साथ लोग सर्च को अधिक उपयोगी पाते हैं और इसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, जिससे सामग्री खोजे जाने के नए अवसर पैदा होते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम इन निराधार दावों के खिलाफ बचाव करेंगे।”
यह मुकदमा गूगल के लिए उस दुर्लभ एंटीट्रस्ट जीत के तुरंत बाद आया है, जिसमें यह फैसला दिया गया था कि कंपनी को अपना क्रोम ब्राउजर बेचना नहीं पड़ेगा।
हिंदी दिवस (14 सितंबर) के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला।
हिंदी दिवस (14 सितंबर) के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला।
अमित शाह ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी देश की विभिन्न बोलियों और भाषाओं के बीच सेतु का कार्य करती है और राष्ट्रीय एकता को मजबूती देती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज हिंदी विज्ञान, तकनीक और अनुसंधान की भाषा के रूप में भी तेजी से आगे बढ़ रही है।
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2025
देश की भाषाओं-बोलियों के बीच सेतु बनकर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाली हिंदी तकनीक, विज्ञान और अनुसंधान की भाषा बन रही है। आजादी के आंदोलन से लेकर आपातकाल के मुश्किल दिनों तक, हिंदी ने देशवासियों को एक सूत्र में बाँधने में अहम भूमिका निभाई… pic.twitter.com/4IU2wsEGmt
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर शुभकामनाएँ देते हुए हिंदी को भारत की संस्कृति, एकता और आत्मगौरव की भाषा बताया। उन्होंने कहा कि हिंदी ने विविध बोलियों और भाषाओं के बीच हमेशा लोगों को जोड़ने का काम किया है।
दोनों नेताओं के संदेश इस बात को रेखांकित करते हैं कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की पहचान और एकजुटता का आधार है।
हिंदी दिवस की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2025
हिंदी हमारी एकता का आधार और अस्मिता की प्रहरी है। समस्त भारतीयों को एक सूत्र में पिरोती हमारी परंपराओं की संवाहिका हिंदी हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है।
आइए, हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग व वैश्विक प्रसार हेतु संकल्पित हों, इसके विकास… pic.twitter.com/tnYDZJ9uVY
यूट्यूब (YouTube) ने भारत के बाजार को ध्यान में रखते हुए नए विज्ञापन समाधान पेश किए हैं, जिनकी मदद से ब्रैंड्स (कंपनियां) क्रिएटर्स (यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स) के साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे
यूट्यूब (YouTube) ने भारत के बाजार को ध्यान में रखते हुए नए विज्ञापन समाधान पेश किए हैं, जिनकी मदद से ब्रैंड्स (कंपनियां) क्रिएटर्स (यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स) के साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे और अपने दर्शकों तक अधिक असरदार तरीके से पहुंच पाएंगे।
इस पहल का मुख्य हिस्सा है Creator Partnerships Hub, जो Google Ads के भीतर एक नया टूल है। इसकी मदद से ऐडवर्टाइजर सीधे क्रिएटर्स की पहचान कर सकते हैं और उनसे काम कर सकते हैं। अब ब्रैंड्स अपने विज्ञापन अभियानों में इन्फ्लुएंसर-आधारित कंटेंट शामिल कर पाएंगे, जिसे Partnership Ads कहा जा रहा है। इसका मकसद है ब्रैंड और क्रिएटर्स के बीच सहयोग को आसान बनाना और क्रिएटर-संचालित कहानियों (creator-driven storytelling) को विज्ञापन रणनीतियों का अहम हिस्सा बनाना।
यूट्यूब इंडिया की कंट्री मैनेजिंग डायरेक्टर गुंजन सोनी ने कहा कि प्लेटफॉर्म का बढ़ता पैमाना और एंगेजमेंट ऐडवर्टाइजर्स को एक अनोखा लाभ देता है। उन्होंने कहा, “यूट्यूब अब सिर्फ एक कंटेंट प्लेटफॉर्म नहीं है, यह वह जगह है जहां कम्युनिटी गहराई से जुड़ती है और जहां ब्रैंड्स भरोसा कायम कर सकते हैं, प्रामाणिक स्टोरीटेलिंग के जरिए।”
प्लेटफॉर्म ने पीक पॉइंट्स भी पेश किया है, जो जेमिनी-संचालित फीचर है। यह वीडियो के सबसे आकर्षक हिस्सों की पहचान करता है और ऐडवर्टाइजर्स को उन क्षणों में विज्ञापन लगाने का मौका देता है, जब दर्शकों का ध्यान सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा, यूट्यूब ने पुष्टि की कि मल्टी-लैंग्वेज ऑडियो विकल्प, जिसमें वीडियो डबिंग भी शामिल है, जल्द ही सभी क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध होगा। इससे भारत की विविध भाषाई पृष्ठभूमि वाले दर्शकों के लिए कंटेंट की पहुंच और भी बढ़ जाएगी।
भारत, यूट्यूब के सबसे बड़े और सबसे तेज़ी से बढ़ते बाजारों में से एक बना हुआ है। कंपनी के अनुसार, अब 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के यूजर्स प्रतिदिन औसतन 72 मिनट से अधिक समय प्लेटफॉर्म पर बिता रहे हैं। यूट्यूब शॉर्ट्स के मासिक लॉग-इन दर्शकों की संख्या 650 मिलियन को पार कर गई है और कनेक्टेड टीवी के दर्शक मध्य-2025 तक 75 मिलियन से ऊपर पहुंच गए हैं।
इन समाधानों को अपनाना पहले ही शुरू हो चुका है। इंश्योरेंस-टेक कंपनी ACKO ने यूट्यूब के फुल-स्टैक अप्रोच को CTV, शॉर्ट्स और डिमांड जेन में लागू करने के बाद साल-दर-साल 40% की वृद्धि दर्ज की। इसी तरह, मिंत्रा के बिग फैशन फेस्टिवल ने शॉर्ट्स फर्स्ट पोजीशन का उपयोग करके 1.9 करोड़ यूजर्सओं तक बहुत कम लागत पर पहुंच बनाई। वहीं, सेबामेड के क्रिएटर-आधारित अभियानों ने बिक्री में दो गुना बढ़ोतरी और ब्रैंड सर्च में वृद्धि दर्ज कराई।
NDTV की डिजिटल टीम से युवा पत्रकार आकाश पटेरिया ने इस्तीफा दे दिया है। आकाश पिछले दो साल से NDTV में जुड़े हुए थे और यहां उन्होंने डिजिटल टीम में बतौर मल्टीमीडिया प्रडयूसर काम किया।
NDTV की डिजिटल टीम से युवा पत्रकार आकाश पटेरिया ने इस्तीफा दे दिया है। आकाश पिछले दो साल से NDTV में जुड़े हुए थे और यहां उन्होंने डिजिटल टीम में बतौर मल्टीमीडिया प्रडयूसर काम किया। उनके पास पत्रकारिता का चार साल का अनुभव है।
आकाश राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर पैकेजिंग और एंकर वीडियो बनाने का काम करते रहे हैं।
मूलरूप से आकाश मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले हैं। उन्होंने महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में AAFT यूनिवर्सिटी से टीवी पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया।
पत्रकार आकाश पटेरिया ने NDTV को अलविदा कहकर रिपब्लिक मीडिया में अपनी नई पारी की शुरुआत की है। यहां उन्होंने बतौर सीनियर सब एडिटर पद संभाला है। आकाश अब रिपब्लिक भारत में डिजिटल टीम के लिए अपनी सेवाएं देंगे।