‘Way2News’ ने अभिषेक वर्मा को किया नियुक्त, सौंपी यह बड़ी जिम्मेदारी

अभिषेक वर्मा को ‘वायकॉम18’ और ‘टाइम्स नेटवर्क’ समेत कई प्रतिष्ठित मीडिया कंपनियों के साथ लीडरशिप भूमिकाओं में काम करने का 19 वर्षों से अधिक का अनुभव है

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Thursday, 15 May, 2025
Abhishek Verma


देश के प्रमुख हाइपरलोकल शॉर्ट न्यूज ऐप 'वे2न्यूज' (Way2News) ने अभिषेक वर्मा को नियुक्त कर उन्हें साउथ इंडिया ऑपरेशंस की कमान सौंपी है। वह बेंगलुरु से अपना कामकाज संभालेंगे।

अभिषेक वर्मा को ‘वायकॉम18’ और ‘टाइम्स नेटवर्क’ समेत कई प्रतिष्ठित मीडिया कंपनियों के साथ लीडरशिप भूमिकाओं में काम करने का 19 वर्षों से अधिक का अनुभव है

इस नियुक्ति के बारे में ‘Way2News’ के नेशनल हेड (ऐड सेल्स) अभिषेक जग्गी का कहना है, ‘हमें अभिषेक वर्मा के हमारे साथ जुड़ने की बेहद खुशी है। उनके व्यापक अनुभव और क्षेत्रीय समझ के चलते वे दक्षिण भारत में हमारे विस्तार का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं। जैसे-जैसे हम भारत के अलग-अलग हिस्सों में अपनी मौजूदगी को मजबूत कर रहे हैं, वैसे-वैसे प्रभावी और स्थानीय नेतृत्व हमारी हाइपरलोकल पहुंच और जुड़ाव को और गहरा बनाने के लिए बेहद जरूरी हो जाता है।’

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‘Inkhabar’ को बाय बोलकर विद्याशंकर तिवारी ने तलाशी नई मंजिल, बने डिजिटल हेड

वरिष्ठ पत्रकार विद्याशंकर तिवारी ने ‘आईटीवी नेटवर्क (iTV Network) के डिजिटल विंग ‘इनखबर’ (Inkhabar) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस संस्थान में करीब सात साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

Last Modified:
Thursday, 05 June, 2025
Vidyashanker Tiwari

वरिष्ठ पत्रकार विद्याशंकर तिवारी ने ‘आईटीवी नेटवर्क (iTV Network) के डिजिटल विंग ‘इनखबर’ (Inkhabar) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस संस्थान में करीब सात साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

उन्होंने अब ‘News India 24x7’ के साथ अपनी नई पारी शुरू की है, जहां उन्हें डिजिटल हेड बनाया गया है। यहां उन्हें ग्रुप के सभी डिजिटल प्लेटफार्म्स को नए तेवर व कलेवर के साथ पेश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। न्यूज इंडिया को कुछ समय पहले ही नए मैनेजमेंट ने टेकओवर किया है जिसका फोकस चैनल के साथ साथ डिजिटल पर भी बहुत ज्यादा है।

लगभग सात सालों तक ‘इनखबर’ के संपादक रहे विद्याशंकर तिवारी नवाचार में विश्वास रखते हैं। करीब 35 साल के पत्रकारिता करियर में उन्होंने लंबे समय तक प्रिंट और उसके बाद न्यूज चैनलों में अलग अलग भूमिकाओं में काम किया है।

विद्याशंकर ने अपने करियर की शुरुआत ‘दैनिक जागरण’ से की थी। इसके बाद वह ‘राष्ट्रीय सहारा‘ में चीफ रिपोर्टर रहे और दिल्ली-एनसीआर में अपनी रिपोर्टिंग को लोहा मनवाया। ‘राष्ट्रीय सहारा‘ के चीफ रिपोर्टर रहते हुए ही उन्होंने ‘सहारा समय‘ न्यूज चैनल से जुड़कर इलेक्ट्रानिक मीडिया के गुर सीखे। उस दौर में सहारा में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक को एक छत के नीचे लाया गया था। सहारा एनसीआर चैनल की लाचिंग में अहम भूमिका निभाने वाली रिपोर्टिंग टीम का उन्होंने नेतृत्व किया।

‘सहारा‘ में करीब 11 साल की पारी खेल विद्याशंकर ‘अमर उजाला‘ पहुंचे, जहां पर उन्होंने चीफ रिपोर्टर-मेट्रो एडिटर के रूप लोकल रिपोर्टिंग के तेवर व कलेवर को बदला। यहां उन्हें एक साल में ही नेशनल ब्यूरो चीफ बना दिया गया। इसके बाद वह बतौर पॉलिटिकल एडिटर ‘A2Z‘ चैनल से जुड़े और कुछ ही समय में एक्जिक्यूटिव एडिटर बना दिए गए। यहां अपनी पांच साल की पारी के दौरान वह कुछ दिनों तक चैनल हेड भी रहे।

विद्याशंकर के अनुसार,  ‘A2Z‘ चैनल छोड़ने के बाद उन्होंने एक बार फिर प्रिंट मीडिया का रुख किया और हिंदी दैनिक ‘सन स्टार‘ को लांच कराया। बतौर कार्यकारी संपादक विकीलिक्स4इंडिया के साथ मिलकर पांचसितारा होटलों में गोमांस, आपरेशन डीडीसीए, व मैनचेस्टर मैच फिक्सिंग समेत कई चर्चित स्टिंग आपरेशन में अहम भूमिका अदा की, ये तीनों आपरेशन देश-दुनिया में काफी चर्चित रहे। फिर उन्होंने संपादक के रूप में ‘न्यू आब्जर्रवर पोस्ट’ जॉइन किया और वहां से सीधे ’iTV’ नेटवर्क पहुंचे, जहां पर वह इनखबर डिजिटल के संपादक बने और अब वहां से अपनी पारी को विराम देकर ’न्यूज इंडिया’ पहुंचे हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से विद्याशंकर तिवारी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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दिव्या चड्ढा ने Spotify से ली विदाई, थामा Amazon Music India का दामन

डिजिटल और म्यूजिक स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाली मार्केटिंग प्रोफेशनल दिव्या चड्ढा ने इस हफ्ते Amazon Music India में नई जिम्मेदारी संभाल ली है।

Last Modified:
Wednesday, 04 June, 2025
DivyaChadha5412

डिजिटल और म्यूजिक स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाली मार्केटिंग प्रोफेशनल दिव्या चड्ढा ने इस हफ्ते Amazon Music India में नई जिम्मेदारी संभाल ली है। हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' को मिली उच्च स्तरीय सूत्रों से यह जानकारी मिली है। उन्होंने Spotify को अलविदा कह दिया है।

Spotify India में दिव्या चड्ढा ब्रैंड और कंज्यूमर मार्केटिंग हेड के रूप में कार्यरत थीं। इस भूमिका में उन्होंने ब्रैंड की पहचान और देश में उसकी ग्रोथ को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।

इससे पहले भी चड्ढा ने कई प्रमुख ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। वे Amazon में सीनियर ब्रैंड मार्केटिंग मैनेजर रही हैं और eBay Inc. में मार्केटिंग और मर्चेंडाइजिंग की असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं।

Amazon Music India में उनकी यह नई पारी उनके ब्रैंड और कंज्यूमर मार्केटिंग के गहरे अनुभव को साथ लेकर आएगी, जिससे देश के प्रतिस्पर्धी म्यूजिक स्ट्रीमिंग बाजार में प्लेटफॉर्म की मौजूदगी और मजबूत होने की उम्मीद है।

हालांकि अब तक Amazon Music India या दिव्या चड्ढा की ओर से इस बदलाव को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। 'एक्सचेंज4मीडिया' ने दोनों पक्षों से संपर्क किया है। फिलहाल उनके जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है।

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जागरण न्यू मीडिया ने नए नाम व पहचान के साथ लॉन्च किया 'TheDailyJagran.com'

जागरण प्रकाशन लिमिटेड की डिजिटल विंग 'जागरण न्यू मीडिया' ने अपनी अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को एक स्वतंत्र और प्रीमियम डेस्टिनेशन के रूप में नए नाम और पहचान के साथ लॉन्च कर दिया है।

Last Modified:
Wednesday, 04 June, 2025
Jagran4512

जागरण प्रकाशन लिमिटेड की डिजिटल विंग 'जागरण न्यू मीडिया' ने अपनी अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को एक स्वतंत्र और प्रीमियम डेस्टिनेशन के रूप में नए नाम और पहचान के साथ लॉन्च कर दिया है। इस बदलाव के तहत TheDailyJagran.com को एक नई पहचान और दिशा मिली है, जिसका उद्देश्य आधुनिक भारतीय पाठकों को एक स्मार्ट, तेज और विश्वसनीय न्यूज प्लेटफॉर्म प्रदान करना है।

इंग्लिश वर्टिकल के इस नए अवतार के साथ ब्रैंड ने अपने मूल वादे को दोहराया है- “From the House of Trust, Comes a New Daily” यानी “भरोसेमंद परंपरा से जन्मा है एक नया दैनिक”, यानी TheDailyJagran.com का नया रूप जागरण की उसी विरासत को आगे बढ़ाता है, जो दशकों से भरोसे और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जानी जाती रही है। यह वेबसाइट अब एक स्वतंत्र प्लेटफॉर्म के रूप में वेरिफाइड न्यूज, इनसाइटफुल एनालिसिस और निष्पक्ष दृष्टिकोण के साथ समाचार पाठकों के सामने रखेगी।

जागरण न्यू मीडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर गौरव अरोड़ा ने इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, “TheDailyJagran.com हमारी इंग्लिश ऑडियंस को बेहतर ढंग से सेवा देने की दिशा में एक भविष्य की ओर बढ़ता कदम है। यह प्लेटफॉर्म जागरण की भरोसेमंद विरासत को तो आगे बढ़ाता ही है, साथ ही इसमें एक नया एडिटोरियल फोकस, अधिक प्रभावशाली डिजाइन और तेज-तर्रार स्टोरीटेलिंग भी शामिल है। TheDailyJagran.com के जरिए हम एक ऐसा डेस्टिनेशन बना रहे हैं जो युवा, बोल्ड और भरोसेमंद है। इस बदलाव के साथ हम इनोवेशन, कंटेंट की सच्चाई और यूजर-फर्स्ट अप्रोच के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहरा रहे हैं। हम अलग-अलग भाषाओं में अपनी पेशकश का विस्तार कर रहे हैं, और यह रीलॉन्च उसी दिशा में एक अहम कदम है, जिससे हम सीमाओं के पार भी अपने पाठकों तक पहुंच सकें।”

TheDailyJagran.com को अत्याधुनिक तकनीकों Next.js 14, Tailwind CSS और Enhanced Core Web Vitals के जरिए विकसित किया गया है, जिससे वेबसाइट की स्पीड और परफॉर्मेंस बेहतरीन बनी रहे। नए इंटरफेस में यूजर्स को मिलेगा:

    • Single Sign-On और MyFeed जैसी पर्सनलाइज्ड सुविधाएं
    • Smart Content Discovery के जरिए रुचि के अनुसार खबरों का सुझाव

    वैसे बता दें कि यह कदम जागरण न्यू मीडिया की इंग्लिश डिजिटल स्पेस में एक मजबूत मौजूदगी और विश्वसनीय कंटेंट के साथ युवा वर्ग को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा है।

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    'एक्सचेंज4मीडिया' ने लॉन्च की नई AI-समर्थित वेबसाइट MartechAI.com, इन मायनों में है खास

    मार्केटिंग की दुनिया से एक बड़ी खबर सामने आई है। exchange4media (e4m) ने एक नई और बेहद आधुनिक AI-समर्थित वेबसाइट 'MartechAI.com' लॉन्च कर दी है

    Last Modified:
    Friday, 06 June, 2025
    MartechAI542

    मार्केटिंग की दुनिया से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, देश की मार्केटिंग व टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को अब एक नया प्लेटफॉर्म मिल गया है। एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप (e4m) ने एक नई और बेहद आधुनिक AI-समर्थित वेबसाइट 'MartechAI.com' लॉन्च कर दी है, जो खास तौर पर उन मार्केटर्स के लिए तैयार की गई है जो बदलते दौर में बढ़त बनाना चाहते हैं। 

    MarTechAI.com पूरी तरह मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित देश की पहली न्यूज वेबसाइट है। यह सिर्फ एक और वेबसाइट नहीं, बल्कि आधुनिक मार्केटिंग का लॉन्चपैड है। यहां आपको न सिर्फ स्मार्ट रणनीतियों की झलक मिलेगी, बल्कि रीयल-टाइम डेटा पर आधारित फैसले लेने के लिए जरूरी टूल्स और इनसाइट्स भी उपलब्ध होंगे। यानी अब मार्केटर्स के पास वह सब कुछ होगा जो उन्हें लगातार बदलते डिजिटल इकोसिस्टम में आगे बनाए रखेगा।

    इस वेबसाइट को नई दिल्ली में Pitch CMO Summit 2025 के मंच से आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया। इस खास मौके पर देश के प्रमुख मार्केटिंग लीडर्स, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एक्सपर्ट्स और टेक्नोलॉजी इनोवेटर्स मौजूद रहे। लॉन्चिंग सेरेमनी में मंच से डॉ. अनुराग बत्रा (चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ, BW बिज़नेसवर्ल्ड और फाउंडर, exchange4media), नवल आहूजा (को-फाउंडर, exchange4media) और चंदन मुखर्जी (डायरेक्टर और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट – मार्केटिंग, नेस्ले इंडिया) द्वारा औपचारिक उद्घाटन किया गया

    लॉन्च के दौरान डॉ. बत्रा ने कहा, “MarTechAI.com के साथ अब भारत के मार्केटिंग इनोवेटर्स पर फोकस शिफ्ट हो रहा है। यह प्लेटफॉर्म सिर्फ ट्रेंड्स को ट्रैक नहीं करेगा, बल्कि इंडस्ट्री में बातचीत की दिशा भी तय करेगा।”

    वहीं, नवल आहूजा ने कहा, “मार्केटिंग तेज़ी से बदलती है, लेकिन MarTech उससे भी तेज गति से। यही वजह है कि इस प्लेटफॉर्म का जन्म हुआ है। इसे मार्केटर्स ने मार्केटर्स के लिए बनाया है, जिसका मकसद ये समझना है कि कैसे एआई, डेटा और ऑटोमेशन ब्रैंड बिल्डिंग के नियमों को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं।”

    यदि आप भी मार्केटिंग में अगला कदम उठाने के लिए तैयार हैं, तो इस नई वेबसाइट पर जरूर जाएं: www.martechai.com

    यह शुरुआत है एक नए युग की, जहां AI, डेटा और इनोवेशन मिलकर तय करेंगे सफलता की दिशा।

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    New York Times ने Amazon के साथ मिलाया हाथ, कंटेंट इस्तेमाल के लिए AI डील

    एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (The New York Times) और एमेजॉन (Amazon) के बीच बहुवर्षीय लाइसेंसिंग समझौता हुआ है।

    Last Modified:
    Saturday, 31 May, 2025
    NewYorkTimes96518

    एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (The New York Times) और एमेजॉन (Amazon) के बीच बहुवर्षीय लाइसेंसिंग समझौता हुआ है। इस ऐतिहासिक करार के जरिए Amazon को The Times की व्यापक एडिटोरियल कंटेंट का उपयोग अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडलों के ट्रेनिंग और अपने विभिन्न AI-संचालित अनुभवों (जैसे- Alexa) में एकीकृत करने की अनुमति मिलेगी।

    यह साझेदारी The New York Times की रणनीति में उल्लेखनीय बदलाव का संकेत देती है। Times अब तक OpenAI और Microsoft जैसी AI कंपनियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई में अग्रणी रहा है, जिन पर उसकी सामग्री को बिना अनुमति अपने बड़े भाषा मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि OpenAI और Microsoft के खिलाफ मुकदमा अभी भी जारी है, लेकिन Amazon के साथ हुआ यह समझौता इस दिशा में एक व्यावहारिक रुख दिखाता है यानी एक ऐसा कदम जो जनरेटिव AI के दौर में अपनी मूल्यवान पत्रकारिता को आर्थिक रूप से भुनाने की कोशिश है।

    इस समझौते की वित्तीय शर्तों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन इसके तहत Amazon को The New York Times की मुख्य न्यूज रिपोर्टिंग के साथ-साथ उसके लोकप्रिय वर्टिकल्स, जैसे NYT Cooking और The Athletic का कंटेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस सामग्री का उपयोग Amazon अपने AI उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए करेगा, जिसमें Alexa जैसे प्लेटफॉर्म्स पर वास्तविक समय में सार-संक्षेप और छोटे अंश देना शामिल है। साथ ही, यह सामग्री Amazon के खुद के फाउंडेशन मॉडल्स के प्रशिक्षण के लिए भी उपयोग में लाई जाएगी।

    Amazon के लिए यह समझौता एक उच्च गुणवत्ता वाली, भरोसेमंद और लगातार अपडेट होने वाली पत्रकारिता सामग्री तक पहुंच सुनिश्चित करता है, जो ज्यादा परिष्कृत और विश्वसनीय AI सिस्टम बनाने के लिए बेहद जरूरी तत्व है। जैसे-जैसे AI प्रशिक्षण के लिए प्रमाणित और तथ्य-जांच की गई सामग्री की मांग बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे The New York Times जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशकों के साथ साझेदारी करना अनिवार्य होता जा रहा है।

    इस समझौते का व्यापक मीडिया उद्योग पर असर गहरा हो सकता है। यह सहयोग भविष्य में कंटेंट निर्माताओं और AI डेवलपर्स के बीच लाइसेंसिंग समझौतों के लिए एक मिसाल बन सकता है, जिससे केवल टकराव की बजाय आपसी लाभ के मॉडल की ओर रुख किया जा सकेगा। यह रेखांकित करता है कि गुणवत्ता वाली पत्रकारिता AI पारिस्थितिकी तंत्र में कितना मूल्य रखती है और यह कि प्रकाशकों को उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों का न्यायसंगत मुआवजा मिलना चाहिए।

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    दिल्ली HC ने यूट्यूबर मोहक मंगल को ANI के खिलाफ मानहानिकारक कंटेंट हटाने का दिया निर्देश

    दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 मई को यूट्यूबर मोहक मंगल और कॉमेडियन कुनाल कामरा को निर्देश दिया कि वे न्यूज एजेंसी ANI के खिलाफ कथित रूप से मानहानिकारक सोशल मीडिया पोस्ट हटाएं।

    Last Modified:
    Friday, 30 May, 2025
    MohakMangal

    दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 मई को यूट्यूबर मोहक मंगल और कॉमेडियन कुनाल कामरा को निर्देश दिया कि वे न्यूज एजेंसी ANI के खिलाफ कथित रूप से मानहानिकारक सोशल मीडिया पोस्ट हटाएं। यह निर्देश उस मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान दिया गया है जो ANI ने दायर किया है। एजेंसी ने ₹2.10 करोड़ के हर्जाने और भविष्य में कोई भी मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने पर स्थायी रोक लगाने की मांग की है।

    विवाद की शुरुआत 25 मई को उस वक्त हुई जब मोहक मंगल ने एक यूट्यूब वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने ANI पर कॉपीराइट कानूनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि ANI ने उनसे कॉपीराइट स्ट्राइक सुलझाने के लिए ₹40 लाख की मांग की है।

    ANI की ओर से पेश सीनियर अधिवक्ता अमित सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि मंगल ने ANI की कॉपीराइट की गई सामग्री और ट्रेडमार्क का बिना अनुमति इस्तेमाल किया और झूठे व नुकसानदायक आरोप लगाए। मोहक मंगल के यूट्यूब चैनल के 40 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं।

    कामरा से ट्वीट हटाने को कहा गया

    अदालत ने कॉमेडियन कुनाल कामरा के एक ट्वीट को भी मामले में शामिल किया जिसमें उन्होंने ANI को “ठग” और “माफिया” कहा था। जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि पोस्ट में इस्तेमाल की गई भाषा स्वीकार्य नहीं है और कामरा के वकील से पूछा कि क्या वह यह ट्वीट हटाएंगे। वकील ने इससे इनकार किया, लेकिन अदालत ने मौखिक रूप से ट्वीट हटाने का निर्देश दिया। एक और ट्वीट पर भी चर्चा हुई, लेकिन उस पर अभी कोई निर्देश नहीं दिया गया है।

    मोहम्मद जुबैर ने ट्वीट हटाने पर सहमति दी

    AltNews के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर, जिन्होंने इस विषय पर एक ट्वीट किया था, ने उसे हटाने पर सहमति जताई। उनके वकील ने अदालत को बताया कि जुबैर ने उस पोस्ट से कोई आर्थिक लाभ नहीं कमाया।

    ANI का आरोप: ट्रेडमार्क का दुरुपयोग, फर्जी कंटेंट

    ANI ने कहा कि मोहक मंगल ने उसके वीडियो क्लिप्स बिना अनुमति के इस्तेमाल किए, डिस्क्लेमर को बेहद छोटे फॉन्ट में डाला और ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश से जुड़ा हुआ एक कथित फर्जी ट्रांसक्रिप्ट तैयार किया। ANI का यह भी कहना है कि वीडियो पोस्ट होने के बाद अन्य लोग भी ANI के बहिष्कार की अपील करने लगे और ऑनलाइन अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगे।

    जस्टिस बंसल ने वीडियो के कुछ अंश देखने के बाद कहा कि कुछ टिप्पणियां सीमा लांघती हैं और मोहक मंगल की कानूनी टीम को उन्हें हटाने पर विचार करने को कहा।

    मोहक मंगल का पक्ष: कॉपीराइट स्ट्राइक दबाव बनाने का जरिया

    मोहक मंगल के वकील चंदर लाल ने कहा कि शुरुआत में ANI ने ₹45 लाख का कंटेंट डील ऑफर किया, फिर इसे ₹24 लाख कर दिया और बाद में कॉपीराइट स्ट्राइक के जरिए ₹40 लाख की मांग की। उन्होंने दावा किया कि ANI यूट्यूब के कॉपीराइट टूल्स का इस्तेमाल आलोचना को चुप कराने के लिए कर रही है। लेकिन जज ने पूछा कि मोहक ने ANI के वीडियो बिना लाइसेंस क्यों इस्तेमाल किए और कहा कि ध्यान उन हिस्सों पर होना चाहिए जो मानहानिकारक हैं।

    ANI की मांग है कि वीडियो को हटाया जाए और मोहक मंगल सहित अन्य लोग उसके ट्रेडमार्क का इस्तेमाल बंद करें। कोर्ट यह देखने के बाद सुनवाई जारी रखेगी कि मौखिक निर्देशों का पालन हुआ है या नहीं।

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    Quint डिजिटल व Time Out ग्रुप के बीच साझेदारी, भारत में लॉन्च होगा 'Time Out India'

    क्विंट डिजिटल लिमिटेड (QDL) ने Time Out के साथ एक फ्रेंचाइज समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत जल्द ही Time Out India लॉन्च किया जाएगा।

    Last Modified:
    Wednesday, 28 May, 2025
    TheQuint4512

    क्विंट डिजिटल लिमिटेड (QDL) ने Time Out के साथ एक फ्रेंचाइज समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत जल्द ही Time Out India लॉन्च किया जाएगा। यह समझौता सिर्फ डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म (Time Out Media) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भविष्य में Time Out Market (जो एक फूड और कल्चर मार्केट है) को भी भारत लाने की संभावना शामिल है।

    यह साझेदारी भारत के शहरी दर्शकों और विदेशी पर्यटकों के लिए शहरों को नए ढंग से खोजने और अनुभव करने का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। Time Out India प्लेटफॉर्म भारत की प्रमुख शहरों की संस्कृति, भोजन, मनोरंजन और अनुभवों को क्यूरेट करके पेश करेगा।

    इस साल के अंत तक शुरू होने जा रही इस पेशकश का केंद्र होगा timeout.com/india, जो सोशल मीडिया चैनलों और वीडियो सहित एक डिजिटल हब के रूप में भारत के शहरों के लिए एक अंतिम मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा। स्थानीय पत्रकारों द्वारा तैयार की गई संपादकीय सामग्री के जरिए Time Out भारत के प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों में घूमने, देखने और खाने-पीने की बेहतरीन कंटेंट साझा करेगा। चाहे बात फूड व ड्रिंक की हो या कला, संस्कृति, फिल्म, मनोरंजन और इवेंट्स की Time Out India स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए विश्वसनीय, क्यूरेटेड गाइड होगा।

    यह प्रामाणिक कंटेंट, मल्टीप्लेटफॉर्म डिस्ट्रीब्यूशन और अनुभव की तलाश में रहने वाली ऑडियंस का मेल ब्रैंड्स के लिए एक विशिष्ट प्रस्ताव पेश करता है, जिसके तहत QDL की टीम कस्टमाइज्ड मल्टी-चैनल कैंपेन की पेशकश करेगी।

    Time Out Media के अलावा, यह समझौता QDL को Time Out Group के साथ तालमेल में भारत में Time Out Market के निवेश, संचालन और विस्तार की विशेष अनुमति भी देता है। यह एक ऐसा फूड और कल्चरल मार्केट कॉन्सेप्ट है जो किसी शहर की सबसे बेहतरीन ऑफर्स को एक ही छत के नीचे एकत्र करता है।

    QDL की मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ ऋतु कपूर ने कहा, “अर्बन इंडिया, विशेष रूप से यहां की जिज्ञासु युवा पीढ़ी, जीवनशैली और खाने के मामले में कुछ नया, साहसिक और हटकर चाहती है। Time Out के साथ हम भारत में एक गेम-चेंजिंग अनुभव लाने को लेकर उत्साहित हैं।” उन्होंने आगे कहा, “यह साझेदारी QDL की डिजिटल-फर्स्ट युवा ऑडियंस की समझ को Time Out की वैश्विक विशेषज्ञता के साथ जोड़ती है, जो दुनिया भर में संस्कृति, फूड और सिटी लाइफ को सबसे अच्छे ढंग से प्रस्तुत करता है।”

    QDL के डायरेक्टर और प्रमोटर राघव बहल ने कहा, “हम मिलकर खोज की प्रेरणा देंगे, अपने शहरों की बेहतरीन चीजों को सामने लाएंगे, और ब्रैंड्स को अनुभव-प्रिय ऑडियंस से जुड़ने के नए और प्रभावशाली तरीके प्रदान करेंगे।”

    Time Out Group plc के सीईओ क्रिस ओहलुंड ने कहा, “भारत जैसे दुनिया के सबसे जीवंत ट्रैवल डेस्टिनेशन में Time Out को लॉन्च करने के लिए हम Quint Digital के साथ साझेदारी कर बेहद उत्साहित हैं। यहां तेजी से विकसित होती फूड सीन और सांस्कृतिक विविधता हमारे क्यूरेटेड कंटेंट और अनुभवों के लिए शानदार अवसर प्रस्तुत करती है। Quint की विशेषज्ञ टीम के साथ, Time Out India प्रमुख शहरों में शहरी संस्कृति के लिए सबसे भरोसेमंद स्थान बन जाएगा।”

    उन्होंने यह भी कहा, “यह पहली बार है जब किसी देश में हमारा कोई फ्रेंचाइज पार्टनर सिर्फ Time Out Media का संचालन ही नहीं करेगा, बल्कि Time Out Market की संभावनाओं का भी मूल्यांकन करेगा। यह साझेदारी उस समय हो रही है जब हम अपने मीडिया और मार्केट दोनों मॉडल को एकीकृत ब्रैंड के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं — यह डिजिटल और वास्तविक जीवन का अनूठा संगम है जो Time Out को उपभोक्ताओं और व्यावसायिक साझेदारों दोनों के लिए एक विशेष प्रस्ताव बनाता है। हम भारत और इसके जीवंत शहरों का जश्न मनाने के लिए तैयार हैं।”

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    बढ़ते कॉपीराइट मामलों के बीच यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए न्यूज एजेंसी 'PTI' का संदेश

    देश की प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) ने यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक विशेष संदेश जारी किया है।

    Last Modified:
    Tuesday, 27 May, 2025
    PTI89

    देश की प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) ने यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक विशेष संदेश जारी किया है। पीटीआई ने हाल ही में कॉपीराइट को लेकर सामने आए विवादों के बीच डिजिटल क्रिएटर्स को भरोसा दिलाया है कि वह जिम्मेदार कंटेंट निर्माण का समर्थन करता है और पारदर्शी व्यापार नैतिकताओं के लिए प्रतिबद्ध है।

    पीटीआई ने अपने आधिकारिक संदेश में कहा है कि वह यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए इंडिविजुअल क्रिएटर्स को बेहद किफायती दरों पर अपने वीडियो उपलब्ध कराने को तैयार है। यह पहल उन क्रिएटर्स के लिए राहत का संकेत है जो हाल के दिनों में कॉपीराइट उल्लंघन के चलते परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

    पीटीआई ने कहा है कि जो यूट्यूब क्रिएटर्स उसके विश्वसनीय वीडियो कंटेंट का उपयोग करना चाहते हैं, वे उसकी सेल्स और मार्केटिंग टीम से संपर्क कर सकते हैं। इच्छुक क्रिएटर्स को [email protected] पर अपनी जरूरत और संपर्क नंबर के साथ ईमेल भेजने के लिए कहा गया है, जिसके बाद पीटीआई की टीम उनसे संपर्क करेगी।

    यह पहल पारंपरिक मीडिया संस्थानों और नए जमाने के डिजिटल कंटेंट निर्माताओं के बीच सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

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    ANI व मोहक मंगल विवाद: भारत की क्रिएटर इकोनॉमी में 'फेयर यूज' पर फिर छिड़ी बहस

    भारत में और दुनिया के कई अन्य हिस्सों की तरह, कॉपीराइट कानून समाचार एजेंसियों को उनके द्वारा तैयार किए गए कंटेंट, जैसे- वीडियो क्लिप्स, फुटेज और ग्राफिक्स पर पूरा अधिकार देता है।

    Last Modified:
    Tuesday, 27 May, 2025
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    शालिनी मिश्रा, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

    भारत में और दुनिया के कई अन्य हिस्सों की तरह, कॉपीराइट कानून समाचार एजेंसियों को उनके द्वारा तैयार किए गए कंटेंट, जैसे- वीडियो क्लिप्स, फुटेज और ग्राफिक्स पर पूरा अधिकार देता है। जब इस तरह के कंटेंट का दोबारा इस्तेमाल किया जाता है, चाहे वो कुछ सेकंड का ही अंश क्यों न हो, और वह भी बिना वैध लाइसेंस के, तो कॉपीराइट धारक इसे हटाने की कार्रवाई या मुआवजे की मांग करने के पूरे हकदार होते हैं।

    मोहन मंगल, जो एक शिक्षक और डिजिटल इनफ्लुएंसर हैं और यूट्यूब पर उनके 4.1 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं, इन दिनों पारंपरिक मीडिया के निशाने पर हैं। उन्होंने भारतीय सेना के समर्थन में एक वीडियो बनाया था- 'ऑपरेशन सिंदूर' पर आधारित 33 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री, जो उन्होंने यूट्यूब पर पोस्ट की।

    वीडियो को तेजी से लोकप्रियता मिली और इसने 20 लाख से ज्यादा व्यूज जुटा लिए, जोकि वीडियो के प्रभाव की ताकत को दर्शाता है। लेकिन उतनी ही तेजी से यह वीडियो हटा भी लिया गया, वजह बनी एक न्यूज एजेंसी ANI द्वारा 11 सेकंड की क्लिप पर लगाया गया कॉपीराइट स्ट्राइक। यूट्यूब की नीति के मुताबिक, वीडियो को तुरंत प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया।

    शुरुआत में यह एक सामान्य कॉपीराइट मामला लगा, लेकिन आगे जो हुआ उसने कई गहरी चिंताएं खड़ी कर दीं। एक फॉलो-अप वीडियो में मोहन मंगल ने दावा किया कि यह सिर्फ कॉपीराइट स्ट्राइक नहीं थी, बल्कि इसके बाद एक भारी भरकम मुआवजे की मांग भी की गई।

    इसके बाद क्रिएटर कम्युनिटी ने उनका खुलकर समर्थन किया। कुणाल कामरा, ध्रुव राठी, नितेश राजपूत और ठगेश जैसे चर्चित नामों ने न केवल मंगल के पक्ष में आवाज उठाई, बल्कि इसे डिजिटल स्टोरीटेलिंग से जुड़े एक बड़े ट्रेंड की ओर इशारा किया।

    कई छोटे क्रिएटर्स ने भी कमेंट्स में अपनी-अपनी ऐसी ही कहानियां साझा कीं, जहां चंद सेकंड के न्यूज फुटेज के इस्तेमाल पर उन्हें भारी कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा। जो मामला पहले एक व्यक्तिगत संघर्ष लग रहा था, वह अब 'फेयर यूज', डिजिटल अधिकारों और मीडिया की बदलती दुनिया में संतुलित कानून प्रवर्तन की बहस बन चुका है।

    यह पूरा घटनाक्रम इस सवाल को उठाता है कि क्या कॉपीराइट कानूनों का इस्तेमाल स्वतंत्र आवाजों को डराने और दबाने के लिए किया जा रहा है?

    यूट्यूब की मौजूदा नीति के अनुसार, जब किसी क्रिएटर को स्ट्राइक मिलता है, तो उन्हें ईमेल से सूचित किया जाता है कि कौन-सा कंटेंट हटाया गया, किस नीति का उल्लंघन हुआ (जैसे कि उत्पीड़न, हिंसा या कॉपीराइट) और इस स्ट्राइक से चैनल पर क्या प्रभाव पड़ेगा और आगे क्या विकल्प हैं।

    पहला स्ट्राइक लगते ही क्रिएटर की एक हफ्ते तक नई वीडियो अपलोड करने, लाइव जाने, प्रीमियर शेड्यूल करने, कस्टम थंबनेल डालने और प्लेलिस्ट मैनेज करने की सुविधा रोक दी जाती है। इस अवधि में पहले से शेड्यूल की गई सभी वीडियो प्राइवेट हो जाती हैं। यदि 90 दिनों के भीतर दूसरा स्ट्राइक लगता है, तो दो हफ्तों तक पोस्टिंग प्रतिबंधित हो जाती है। तीसरा स्ट्राइक चैनल को स्थायी रूप से बंद भी करवा सकता है।

    यह स्थिति और गंभीर इसलिए हो जाती है क्योंकि भारत सरकार लगातार यह लक्ष्य दोहरा रही है कि वह भारत को "वैश्विक कंटेंट पावरहाउस" बनाना चाहती है। हाल ही में आयोजित WAVES समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम भारत को कंटेंट का सबसे बड़ा निर्यातक बनाना चाहते हैं।” इस दिशा में सरकार ने ₹100 करोड़ का बजट भी तय किया है।

    कानूनी दृष्टिकोण से देखें तो...

    ABA Law Office की फाउंडर अनुष्का अरोड़ा का कहना है कि एक चिंताजनक चलन सामने आ रहा है जहां पारंपरिक मीडिया कॉपीराइट कानून का इस्तेमाल अपने कंटेंट की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि डिजिटल स्वतंत्रता को दबाने और आलोचनात्मक आवाजों को चुप कराने के लिए कर रहा है।

    अरोड़ा ने अमेरिका के मशहूर केस Lenz v. Universal Music Corp. का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा कि कोई भी कॉपीराइट हटाने की कार्रवाई करने से पहले फेयर यूज का आकलन करना जरूरी है। उनके शब्दों में, “फेयर यूज पर विचार किए बिना कॉपीराइट का डर दिखाना, कानून का दुरुपयोग है। यह कंटेंट की सुरक्षा नहीं, बल्कि उस पर नियंत्रण पाने की कोशिश है।”

    उन्होंने भारत में फेयर यूज को मजबूत करने और दुर्भावनापूर्ण कॉपीराइट दावों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

    इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया

    लाइसेंसिंग प्लेटफॉर्म Hoopr के CEO और को-फाउंडर गौरव डागाओंकर ने कहा, “फेयर यूज की स्पष्टता की कमी के कारण हटाने की प्रक्रिया का दुरुपयोग हो रहा है, खासकर उन क्रिएटर्स के खिलाफ जो एजुकेशनल या व्याख्यात्मक कंटेंट बना रहे हैं। 2023 में ही यूट्यूब ने 15 लाख से अधिक टेकडाउन रिक्वेस्ट प्रोसेस कीं, जिनमें से कई ऑटोमेटेड थीं और बहुत कम को चुनौती दी गई।”

    उन्होंने कहा कि कॉपीराइट धारकों को अपने अधिकारों की रक्षा जरूर करनी चाहिए, लेकिन यह प्रक्रिया टकराव भरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अब कई कंटेंट कंपनियां सहयोग की जगह कानूनी दावों के जरिए कमाई का रास्ता ढूंढ रही हैं।”

    डागाओंकर ने बताया कि 2023 की शुरुआत में यूट्यूब पर किए गए Content ID क्लेम्स में से 0.5% से भी कम को चुनौती दी गई। उन्होंने मानव हस्तक्षेप, पारदर्शी समाधान प्रणाली और लाइसेंसिंग को लेकर बेहतर जानकारी की जरूरत बताई।

    उनके मुताबिक, “प्लेटफॉर्म्स और राइट्स ओनर्स को ऐसे सिस्टम बनाने चाहिए जो वैध उपयोग की अनुमति दें, बिना डर के। प्री-अप्रूव्ड म्यूजिक, फेयर लाइसेंसिंग मॉडल्स और शिक्षाप्रद टूल्स इस दिशा में जरूरी कदम हैं। आज के इंफ्लुएंसर्स आधुनिक नैरेटिव तैयार कर रहे हैं। अगर कॉपीराइट का इस्तेमाल उन्हें रोकने के लिए होगा, तो हम अपने ही विकास के लक्ष्य को नुकसान पहुंचाएंगे।”

    संतुलन की जरूरत

    भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, जिसकी अनुमानित वैल्यू 2025 तक ₹35,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, मुख्य रूप से रीमिक्स और मौजूदा कंटेंट की नई व्याख्या (reinterpretation) पर आधारित है। लेकिन अगर इस तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक टिकाऊ बनाना है, तो इसके लिए कानूनी और संचालन से जुड़ी व्यवस्थाओं (legal and operational frameworks) में बदलाव जरूरी है।  

    जो लोग खासतौर पर कमर्शियल यानी व्यावसायिक कंटेंट बना रहे हैं, उन्हें अब कॉपीराइट और लाइसेंसिंग की जिम्मेदारी पहले से ज्यादा समझदारी से निभानी होगी। यानी यदि वे किसी और का वीडियो, ऑडियो या ग्राफिक्स इस्तेमाल कर रहे हैं, तो पहले उचित लाइसेंस लेना जरूरी है। लेकिन सिर्फ क्रिएटर्स को जिम्मेदार बनाना काफी नहीं है। कानूनों को लागू करने वालों को भी अपनी सोच बदलनी होगी। अब जरूरत इस बात की है कि सीधे वीडियो हटाने या सजा देने के बजाय पहले लोगों को शिक्षित किया जाए। एक सहयोगात्मक तरीका अपनाया जाए जिसमें पहले नर्मी से नोटिस देना, समाधान के लिए बातचीत करना और आसान लाइसेंसिंग जैसी चीजें शामिल हों ताकि कानूनी टकराव कम हो सके।

    गौरव डगाओंकर यह सुझाव देते हैं कि कंटेंट के मालिक यानी न्यूज एजेंसियों या प्रोडक्शन हाउस को चाहिए कि वे कुछ खुले और लचीले मॉडल अपनाएं। जैसे- ओपन लाइसेंसिंग (जहां कुछ शर्तों के साथ कंटेंट इस्तेमाल की अनुमति दी जाए), डेरिवेटिव यूज परमिशन (जहां कंटेंट को थोड़ा बदलकर दोबारा इस्तेमाल करने की इजाजत हो) या को-क्रिएटेड फॉर्मैट्स (जहां मूल और नया कंटेंट मिलाकर साझा किया जाए)। क्योंकि भारत में हर महीने 10 लाख से ज्यादा ब्रैंडेड कंटेंट बन रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म इस बीच संतुलन बनाए रखें यानी एक तरफ अधिकारों की रक्षा करें और दूसरी तरफ रचनात्मक स्वतंत्रता को भी बढ़ावा दें।

    पुराने मीडिया संस्थानों और नए डिजिटल क्रिएटर्स के बीच जो संघर्ष चल रहा है, वह केवल कॉपीराइट का मुद्दा नहीं है। यह असल में एक बड़ी परीक्षा है जो यह तय करेगा कि भारत अपने डिजिटल कहानी कहने (डिजिटल स्टोरीटेलिंग) के भविष्य को किस रास्ते पर ले जाएगा, क्या हम नियंत्रण और सख्ती को चुनेंगे या सहयोग और नवाचार को अपनाएंगे।

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    ‘ITV Network’ ने डिजिटल टीम को किया मजबूत, मयूर शर्मा बने वाइस प्रेसिडेंट-SEO

    मयूर शर्मा को SEO के क्षेत्र में काम करने का 19 वर्षों से अधिक का अनुभव है। आईटीवी नेटवर्क से पहले मयूर शर्मा इंडिया डॉट कॉम डिजिटल (Zee Digital) में हेड ऑफ एसईओ के पद पर कार्यरत थे।

    Last Modified:
    Friday, 23 May, 2025
    Mayur Sharma

    देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) ने मयूर शर्मा को वाइस प्रेजिडेंट (SEO) के पद पर नियुक्त किया है। अपनी इस भूमिका में मयूर शर्मा ‘आईटीवी नेटवर्क’ के चीफ प्रॉडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर अक्षांश यादव को सीधे रिपोर्ट करेंगे।

    कंपनी के अनुसार, यह स्ट्रैटेजिक नियुक्ति आईटीवी नेटवर्क की डिजिटल मौजूदगी को और मज़बूत करने और अपने विभिन्न न्यूज व मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) रणनीतियों को और प्रभावी बनाने की प्रतिबद्धता के तहत की गई है।

    मयूर शर्मा को SEO के क्षेत्र में काम करने का 19 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने ऑर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ाने और डिजिटल लक्ष्यों को हासिल करने में लगातार सफलता पाई है। आईटीवी नेटवर्क से पहले मयूर शर्मा इंडिया डॉट कॉम डिजिटल (Zee Digital) में हेड ऑफ एसईओ के पद पर कार्यरत थे।

    वहां उन्होंने जी न्यूज, डीएनए, विऑन और इंडियाडॉटकॉम जैसे प्रमुख डिजिटल न्यूज ब्रैंड्स के लिए एसईओ रणनीतियों का नेतृत्व किया। ‘जी डिजिटल’ में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने वेबसाइट्स की डिजिटल परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए कई विशेष रणनीतियां अपनाईं और यूजर एक्सपीरियंस को भी बेहतर किया। इसके अलावा मयूर शर्मा ने GroupM Media और Sapient Razorfish जैसे प्रतिष्ठित संगठनों में भी काम किया है।

    मयूर शर्मा की नियुक्ति के बारे में ‘आईटीवी नेटवर्क’ के ग्रुप सीईओ अभय ओझा का कहना है, ‘मेरा लक्ष्य नेटवर्क की मजबूत नींव पर आगे बढ़ते हुए विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर जबरदस्त ग्रोथ लाना है। इस नियुक्ति से डिजिटल क्षेत्र में हमारी ताकत को और मजबूत मिलेगी।’

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