बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को गूगल LLC की स्वामित्व वाली यूट्यूब और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वे उस रिट याचिका पर अपना जवाब दाखिल करें
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को गूगल LLC की स्वामित्व वाली यूट्यूब और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वे उस रिट याचिका पर अपना जवाब दाखिल करें, जिसमें यूट्यूब के कंटेंट क्रिएटर्स के साथ किए गए मोनेटाइजेशन एग्रीमेंट्स की वैधता को चुनौती दी गई है।
माननीय न्यायमूर्ति कमल खता के समक्ष हुई सुनवाई में अदालत ने यूट्यूब और महाराष्ट्र सरकार दोनों को 8 सितंबर तक अपना एफिडेविट-इन-रिप्लाई दाखिल करने का आदेश दिया। रेजॉइंडर 22 सितंबर तक दाखिल किए जाने हैं। मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को निर्धारित की गई है।
यह याचिका पूर्व आईपीएस अधिकारी और अधिवक्ता योगेश प्रताप सिंह ने दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि प्लेटफॉर्म के एग्रीमेंट भारतीय कॉन्ट्रैक्ट एक्ट, 1872 की धारा 25 का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि इनमें कंटेंट क्रिएटर्स को प्रत्यक्ष वित्तीय प्रतिफल नहीं दिया जाता और इस कारण इन्हें भारतीय कानून के तहत पंजीकृत और स्टांप किया जाना अनिवार्य है।
विवाद के केंद्र में यूट्यूब का “राइट टू मोनेटाइज” क्लॉज है, जिसके तहत प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं द्वारा बनाए गए कंटेंट पर विज्ञापन चला सकता है, लेकिन तब तक विज्ञापन राजस्व साझा करने के लिए बाध्य नहीं है जब तक कि क्रिएटर यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) का हिस्सा न हो। सिंह के अनुसार, यह बड़ी संख्या में क्रिएटर्स के लिए “शून्य-प्रतिफल व्यवस्था” बनाता है, जिससे गंभीर अनुपालन चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
एडवोकेट आदित्य प्रताप, फाउंडर–आदित्य प्रताप लॉ ऑफिसेज, जो इस मामले में वाई.पी. सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने एक्सचेंज4मीडिया को बताया, “यूट्यूब का कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म को मेरे मुवक्किल के कंटेंट को मोनेटाइज करने का पूरा अधिकार देता है, लेकिन उसे किसी भुगतान का हकदार नहीं बनाता।”
उन्होंने कहा, “चूंकि ऐसा कॉन्ट्रैक्ट वित्तीय प्रतिफल से रहित है, यह धारा 25 के तहत शून्य है, जब तक कि इसे विलेख (डीड) के रूप में निष्पादित कर विधिवत पंजीकृत न किया जाए और लागू स्टांप ड्यूटी का भुगतान न किया जाए। यूट्यूब यह करने में विफल रहा है।”
याचिका में स्टांप्स कलेक्टर और पंजीकरण के महानिरीक्षक पर भी यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ऐसे एग्रीमेंट्स पर अनिवार्य पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी की वसूली लागू करने में लापरवाही बरती है। सिंह के वकील का तर्क है कि भले ही यूट्यूब के क्रिएटर कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या लाखों में हो, राज्य सरकार के पास पहले से ही एक ऑनलाइन मैकेनिज्म तैनात करने की तकनीकी क्षमता मौजूद है, जिससे पंजीकरण और अनुपालन को सहज बनाया जा सकता है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले का परिणाम भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।
एक वरिष्ठ टेक्नोलॉजी वकील ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा, “यह देश की क्रिएटर इकॉनमी के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यदि अदालतें ऐसे एग्रीमेंट्स के लिए, जिनमें प्रत्यक्ष प्रतिफल नहीं है, पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी को अनिवार्य कर देती हैं, तो यूट्यूब, मेटा और अन्य प्लेटफॉर्म्स को अपने कॉन्ट्रैक्चुअल फ्रेमवर्क की समीक्षा करनी होगी और संभवतः मोनेटाइजेशन मॉडल्स में बदलाव करना होगा।”
एक अन्य डिजिटल पॉलिसी शोधकर्ता ने जोड़ा, “यह मामला सिर्फ यूट्यूब का नहीं है- यह भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में प्लेटफॉर्म गवर्नेंस, क्रिएटर अधिकार और कर-प्रणालियों के विकास को नया रूप दे सकता है।”
फिलहाल खबर लिखे जाने तक गूगल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन इसका इंतजार है।
इस मामले को क्रिएटर इकॉनमी, कानूनी और टेक-पॉलिसी इकोसिस्टम से जुड़े हितधारक करीबी नजर से देख रहे हैं, क्योंकि इसमें देश में प्लेटफॉर्म और क्रिएटर्स के संबंधों को फिर से परिभाषित करने की क्षमता है।
गौरतलब है कि यूट्यूब ने वर्ष 2024 में वैश्विक स्तर पर विज्ञापन से 35 अरब डॉलर से अधिक का राजस्व अर्जित किया था, जो क्रिएटर्स और रेगुलेटर्स दोनों के लिए इस मुद्दे के महत्व को दर्शाता है।
नीति वालिया ने कहा कि गूगल और यूट्यूब ऐसे पार्टनर बन सकते हैं जो व्यवसायों को बदलते हुए डिजिटल माहौल में यूजर्स को खोजने, समझने और उन्हें ग्राहकों में बदलने में मदद करते हैं।
e4m D2C Revolution Summit 2025 में गूगल इंडिया की हेड ऑफ कॉमर्स (मिड-मार्केट सेल्स) नीति वालिया ने ‘Google और YouTube के साथ मार्केटिंग पर पुनर्विचार करें’ शीर्षक से एक मुख्य भाषण दिया। फाउंडर्स और मार्केटर्स से बात करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गूगल और यूट्यूब ऐसे पार्टनर बन सकते हैं जो व्यवसायों को बदलते हुए डिजिटल माहौल में यूजर्स को खोजने, समझने और उन्हें ग्राहकों में बदलने में मदद करते हैं।
वालिया ने कहा, “शॉपिंग का व्यवहार बेहद अप्रत्याशित है।” उन्होंने समझाया कि यूजर्स लगातार “सर्चिंग, स्ट्रीमिंग, स्क्रोलिंग और शॉपिंग” कर रहे होते हैं, कई बार ये सब एक साथ करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि “भारत में 84% लोग रोजाना गूगल या यूट्यूब पर आते हैं, जो किसी भी अन्य प्लेटफॉर्म की तुलना में कहीं ज्यादा है।”
इसके बाद वालिया ने बताया कि सर्च भी बहुत तेजी से बदल रहा है। मल्टीमॉडल सर्च, AI ओवरव्यूज, AI मोड और गूगल लेंस व सर्कल टू सर्च जैसे विज़ुअल टूल्स की मदद से अब सर्च सिर्फ जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि बुद्धिमत्ता बन चुका है। उन्होंने कहा, “हर पांच विज़ुअल सर्च में से एक का मकसद सीधा खरीदारी से जुड़ा होता है।”
AI पर बोलते हुए वालिया ने इस बात पर जोर दिया कि यह यूजर्स की यात्रा को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “AI ओवरव्यूज लोगों को आपकी वेबसाइट पर हाई-क्वालिटी ट्रैफिक में बदलने में मदद कर रहे हैं।”
वालिया ने AI-संचालित विज्ञापन समाधानों (AI powered ad solutions) का भी जिक्र किया, जैसे Performance Max और हाल ही में लॉन्च किया गया Commerce Media Networks (CMN), जिनके जरिए D2C ब्रैंड्स अपनी रीच और सेल्स को क्यू-कॉमर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (Flipkart, Myntra, Blinkit, Zepto और Swiggy Instamart) पर बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “RENEÉ Cosmetics ने गूगल ऐड्स पर ब्लिंकिट के साथ कॉमर्स मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल किया और 11.5% बिक्री बढ़ोतरी तथा प्रति ग्राहक लागत में 48% की कमी हासिल की, क्योंकि यूजर्स को बिना किसी रुकावट सीधे खरीद तक ले जाया गया।”
इसके बाद वालिया ने यूट्यूब के बढ़ते प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि “76% दर्शकों का मानना है कि यूट्यूब पर मौजूद क्रिएटर्स अन्य किसी भी प्लेटफॉर्म की तुलना में अधिक भरोसेमंद हैं” और लोग “यूट्यूब पर 9 करोड़ घंटे से ज्यादा शॉपिंग कंटेंट देखते हैं।”
उन्होंने कहा कि शॉपेबल कनेक्टेड टीवी ऐड्स, शॉपेबल मास्टहेड्स और क्रिएटर्स के साथ पार्टनरशिप ऐड्स जैसे इनोवेशन, ब्रैंड्स के प्रभाव और लेनदेन दोनों को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
अंत में, वालिया ने मार्केटर्स से AI-चालित अभियानों को अपनाने का आह्वान किया और दोहराया कि गूगल और यूट्यूब वहीं हैं जहां खोज शुरू होती है और निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि शॉपिंग यात्राओं में 87% तक गूगल और यूट्यूब दोनों शामिल रहते हैं, जहां उपभोक्ताओं ने कहा कि उन्होंने किसी नए ब्रांड, उत्पाद या रिटेलर की खोज की। वहीं, GenZ के मामले में, 89% जेन जेड अपनी शॉपिंग यात्राओं में गूगल का इस्तेमाल कर रहे हैं- सर्च करने ने, ब्राउज करने, आइडिया पाने, रिसर्च करने और/या खरीदारी करने में।
उन्होंने अपने सत्र का समापन करते हुए D2C ब्रैंड्स को सलाह दी कि सिर्फ बेहतर विज्ञापन न चलाएं, बल्कि बेहतर बिजनेस चलाएं।
यह कदम वैश्विक AI इकोसिस्टम में भारत की बढ़ती अहमियत को रेखांकित करता है- एक मार्केट के रूप में भी और संभावित इन्फ्रास्ट्रक्चर बेस के रूप में भी।
ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने भारतीय डेटा सेंटर कंपनियों और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ शुरुआती बातचीत शुरू की है ताकि अपने महत्वाकांक्षी 500 बिलियन डॉलर के Stargate प्रोजेक्ट के कुछ हिस्से भारत में लाने की संभावनाएं तलाश सके। यह कदम वैश्विक AI इकोसिस्टम में भारत की बढ़ती अहमियत को रेखांकित करता है- एक मार्केट के रूप में भी और संभावित इन्फ्रास्ट्रक्चर बेस के रूप में भी।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, OpenAI ने Sify Technologies, Yotta Data Services, E2E Networks और CtrlS Datacenters जैसी कंपनियों से बातचीत शुरू की है। बताया जाता है कि ये चर्चाएं ऊर्जा उपलब्धता, विस्तार क्षमता और स्थान की उपयुक्तता जैसे पहलुओं पर केंद्रित हैं- जो गीगावाट-स्तरीय डेटा सुविधाओं के लिए बेहद जरूरी हैं, जिनका इस्तेमाल अगली पीढ़ी के AI मॉडल्स को ट्रेन करने में किया जाएगा।
समानांतर रूप से, रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी छह महीने से अधिक समय से बातचीत जारी है, जो गुजरात के जामनगर में अपने नए ऊर्जा परिसर के साथ एक विशाल डेटा सेंटर बना रही है। इस प्रोजेक्ट का पैमाना OpenAI की हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे एक मजबूत दावेदार बनाता है।
Stargate, जिसे जनवरी 2024 में SoftBank, Microsoft, Oracle और अन्य टेक दिग्गजों के सहयोग से 500 बिलियन डॉलर की संयुक्त पहल के रूप में शुरू किया गया था, का लक्ष्य हाइपरस्केल डेटा सेंटर बनाना है। ये सेंटर एडवांस्ड चिप्स और सतत ऊर्जा से संचालित होंगे। सैकड़ों हजारों GPUs को सपोर्ट करने के लिए डिजाइन की गई ये सुविधाएं OpenAI की दीर्घकालिक कंप्यूटिंग क्षमता सुनिश्चित करेंगी।
भारत के लिए, Stargate का हिस्सा बनना न केवल डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करेगा बल्कि अरबों डॉलर का निवेश आकर्षित करेगा और देश की वैश्विक AI हब बनने की दिशा में तेजी लाएगा। हालांकि, चुनौतियां बनी हुई हैं- जैसे बिजली आपूर्ति की स्थिरता, चिप्स की उपलब्धता और कूलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर।
उम्मीद है कि सैम ऑल्टमैन इस महीने के अंत में भारत का दौरा करेंगे और संभवतः OpenAI की प्रतिबद्धता के पैमाने पर और जानकारी साझा करेंगे। अगर यह योजना साकार होती है, तो यह भारत को सुपरकंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर सकती है।
टिकटॉक की भारत में संभावित वापसी को लेकर चल रही अटकलों के बीच, केंद्रीय आईटी, सूचना-प्रसारण और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है
टिकटॉक की भारत में संभावित वापसी को लेकर चल रही अटकलों के बीच, केंद्रीय आईटी, सूचना-प्रसारण और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी भी संभावना पर विचार नहीं किया जा रहा है। मीडिया से बातचीत में वैष्णव ने कहा, “किसी भी पक्ष से इस तरह का कोई प्रस्ताव बिल्कुल नहीं आया है।”
मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच संबंधों में नरमी की संभावना को लेकर चर्चा हो रही है, जिससे बाइटडांस के शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म की वापसी की अटकलों को बल मिला। पिछले महीने टिकटॉक की वेबसाइट कुछ ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क, जिनमें एयरटेल और वोडाफोन शामिल थे, पर कुछ समय के लिए फिर से एक्सेस हो गई थी, जिससे अटकलें और तेज हुईं।
टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार था भारत
टिकटॉक जून 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को लेकर प्रतिबंधित किए गए शुरुआती 59 चीनी ऐप्स में से एक था। इसे एप्पल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले से हटा दिया गया था और जनवरी 2021 में केंद्र सरकार ने इस प्रतिबंध को स्थायी कर दिया। उस समय भारत टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार था, जहां इसके 200 मिलियन से अधिक यूजर्स थे।
सरकार के 2020 के आदेश में बाइटडांस के अन्य ऐप्स जैसे हेलो और कैपकट को भी निलंबित कर दिया गया था, जबकि कंपनी ने आखिरकार जनवरी 2024 में ऐप स्टोर्स से हटाए जाने के बाद अपना म्यूजिक ऐप रेसो भी भारत में बंद कर दिया।
जब वैष्णव से पूछा गया कि क्या चीनी निवेशक भारतीय टेक सेक्टर में दोबारा प्रवेश कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा, “जैसा होगा देखा जाएगा। नीतियां सभी के साथ स्पष्ट रूप से साझा की जाएंगी। हम एक बहुत ही पारदर्शी देश हैं।”
2020 तक टेनसेंट, अलीबाबा, एंट फाइनेंशियल और शुनवेई कैपिटल जैसे चीनी दिग्गज भारतीय स्टार्टअप्स के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल थे। ये निवेशक ई-कॉमर्स, फिनटेक, फूड डिलीवरी, मोबिलिटी और एडटेक जैसे क्षेत्रों में कंपनियों को सहयोग देते थे। लेकिन अप्रैल 2020 में जारी प्रेस नोट 3 ने भारत की जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले निवेश के लिए पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी। इस नीति के कारण चीनी पूंजी का प्रवाह काफी धीमा हो गया और भारतीय स्टार्टअप्स को वैकल्पिक फंडिंग तलाशनी पड़ी या निकास की सुविधा देनी पड़ी।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और चीन सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में मिलकर काम कर सकते हैं, वैष्णव ने वैश्विक वैल्यू चेन की प्रकृति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम वैश्विक वैल्यू चेन की इस वास्तविकता का सम्मान करते हैं और इस उद्योग के काम करने के तरीके का सम्मान करते हैं। इसलिए जहां कहीं भी मूल्य जुड़ता है, अंततः लाभ हमारे लोगों और हमारी इंडस्ट्री तक पहुंचना चाहिए।”
भारत और चीन की कई कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग में संयुक्त उद्यम, तकनीकी सहयोग और स्केल दक्षताओं को लेकर बातचीत कर रही हैं, ऐसे समय में जब ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिकी टैरिफ ने वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित किया है।
सोशल मीडिया पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने इस सफर को याद करते हुए कई अनुभव साझा किए हैं।
फाइनेंस जर्नलिस्ट विकास तिवारी ने देश के प्रमुख बिजनेस न्यूज चैनल्स में शुमार ‘जी बिजनेस’ (Zee Business) की डिजिटल टीम को अलविदा कह दिया है। सोशल मीडिया पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने इस सफर को याद करते हुए कई अनुभव साझा किए हैं। विकास ने बताया कि ‘जी बिजनेस’ में काम करते हुए उन्होंने लगातार एक्सपेरिमेंट किए, हेडलाइंस से लेकर एसईओ और जियो-टार्गेटिंग तक, हर दिन नई सीख मिली।
उन्होंने लिखा कि लगभग 200 दिनों की इस जर्नी ने उन्हें कई अहम सबक सिखाए। पहला, बाजार सिर्फ टेक्निकल्स पर नहीं चलता, फंडामेंटल्स भी उतने ही जरूरी हैं। चार्ट्स में दिख रहे ट्रेंड के पीछे कौन सी खबर या वजह है, वहीं असली कहानी छिपी होती है। दूसरा, सही माहौल और टीम का महत्व। उन्होंने कहा कि अच्छा वातावरण और सपोर्टिव कल्चर इंसान के औसत प्रदर्शन से कहीं आगे ले जाता है। तीसरा, मैनिफेस्टेशन की ताकत. अगर आप किसी चीज को सच्चे मन से चाहते हैं और उसकी दिशा में मेहनत करते हैं, तो नतीजे जरूर मिलते हैं।
विकास तिवारी ने अपने साथियों और ‘जी बिजनेस’ की टीम का दिल से आभार जताया। उन्होंने लिखा कि यहां का वर्क कल्चर, टीमवर्क और सीख उन्हें हमेशा याद रहेगा। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, विकास तिवारी जल्द ही ब्रोकरेज फर्म Upstox के साथ बतौर फाउंडिंग मेंबर जुड़ सकते हैं। यह फर्म हिंदी बिजनेस न्यूज में तेजी से अपने पैर पसारने की तैयारी में जुटी है।
करियर की बात करें तो विकास तिवारी इससे पहले ‘टीवी9 भारतवर्ष’, ‘एबीपी न्यूज’ और ‘इंडिया टीवी’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ भी काम कर चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से विकास तिवारी को उनके नए सफर के लिए अग्रिम रूप से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने डिजिटल इन्फोटेनमेंट प्लेटफॉर्म पिंकविला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बहुमत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने डिजिटल मीडिया कंपनी पिंकविला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बहुमत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है। यह अधिग्रहण फ्लिपकार्ट की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी अपने कंटेंट की मौजूदगी को बढ़ाना चाहती है और Gen Z और मिलेनियल दर्शकों के साथ जुड़ाव को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए फ्लिपकार्ट पिंकविला के स्थापित ब्रैंड, क्षमताओं और लॉयल दर्शक आधार का उपयोग करेगी।
फ्लिपकार्ट का यह अधिग्रहण कंपनी को ट्रेंड इनसाइट्स हासिल करने और कॉमर्स अवसरों के लिए कंटेंट बनाने का मौका देता है, जिससे भारतीय बाजार में कंपनी की स्थिति और मजबूत होगी।
फ्लिपकार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट, रवि अय्यर ने कहा, “पिंकविला में बहुमत हिस्सेदारी का हमारा अधिग्रहण जेन जेड के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा करने के मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पिंकविला की मजबूत कंटेंट आईपीज और अपने वफादार दर्शकों से गहरा जुड़ाव ऐसे एसेट्स हैं जो कंटेंट को विकास का प्रमुख कारक बनाने के हमारे प्रयासों को और तेज करेंगे।”
पिंकविला की संस्थापक और सीईओ नंदिनी शेनॉय ने कहा, “फ्लिपकार्ट का निवेश उस मजबूत प्लेटफॉर्म और कंटेंट का प्रमाण है जिसे हमने बनाया है। हमें विश्वास है कि फ्लिपकार्ट के सहयोग से हम अपने संचालन का विस्तार कर पाएंगे और उच्च गुणवत्ता वाला कंटेंट लगातार अपने लाखों उपयोगकर्ताओं तक पहुंचा पाएंगे, जिससे हमारी स्थिति इन्फोटेनमेंट में एक अग्रणी के रूप में और मजबूत होगी।”
यह सौदा अंतिम रूप ले चुका है और यह सामान्य समापन शर्तों के अधीन है। दोनों कंपनियों को उम्मीद है कि यह लेनदेन जल्द ही पूरा हो जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) कथित तौर पर भारत में अपने लगभग 60% एम्प्लॉयीज की छंटनी करने जा रही है।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) कथित तौर पर भारत में अपने लगभग 60% एम्प्लॉयीज की छंटनी करने जा रही है। यह कदम सरकार द्वारा पेड ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए गए बैन के बाद उठाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, MPL ने रविवार को अपने एम्प्लॉयीज को एक आंतरिक ईमेल भेजा। इस ईमेल में MPL के सीईओ साई श्रीनिवास ने कथित तौर पर लिखा कि कंपनी ने भारत टीम को "काफी हद तक" छोटा करने का फैसला लिया है। हालांकि इस मेल में किसी संख्या का जिक्र नहीं किया गया।
एक मीडिया रिपोर्ट में कंपनी के एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया गया कि MPL अपने भारत स्थित लगभग 500 एम्प्लॉयीज में से करीब 300 को निकालने जा रही है। इनमें मार्केटिंग, फाइनेंस, ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग और लीगल जैसी डिवीजन शामिल हैं।
रिपोर्ट की मानें तो मेल में उल्लेख किया गया, "भारत M-League की 50% आमदनी के लिए जिम्मेदार था और इस बदलाव का मतलब है कि निकट भविष्य में हम भारत से कोई राजस्व नहीं कमा पाएंगे।"
भारत की संसद ने पिछले महीने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पारित किया था, जिसके तहत आदतों और वित्तीय जोखिमों से निपटने के लिए रियल-मनी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस बिल से भारतीय और ऑफशोर ऑपरेटर्स (वो कंपनियां या गेमिंग प्लेटफॉर्म जो भारत के बाहर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन भारतीय यूजर्स को अपनी ऑनलाइन गेमिंग सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।) पर कड़ा असर पड़ने की संभावना है क्योंकि इसमें विज्ञापन पर भी रोक लगा दी गई है। धारा 6 के तहत पैसों वाले गेम्स के सभी विज्ञापनों पर सख्त प्रतिबंध है। इस नियम को तोड़ने वालों को दो साल तक की जेल और ₹50 लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
समाचार4मीडिया से बातचीत में ज्योत्सना बेदी ने कहा, जैसा नाम है, ‘क्लियर कट’, ठीक वैसा ही यह पॉडकास्ट होगा।
देश के तमाम बड़े न्यूज चैनल्स पर प्राइम टाइम एंकरिंग कर चुकीं ज्योत्सना बेदी ने अब पत्रकारिता का नया अध्याय डिजिटल प्लेटफॉर्म से शुरू किया है। अपनी तेज धार एंकरिंग और सीधे सवालों के लिए पहचानी जाने वालीं ज्योत्सना इस बार दर्शकों से जुड़ेंगी यूट्यूब के जरिये, जहां उन्होंने अपना शो ‘Clear Cut with Jyotsna’ लॉन्च किया है।
हाल ही में इस शो का टीजर रिलीज किया गया, जिसके बाद से यह चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया जगत हो या आम दर्शक—हर जगह इस डिजिटल डेब्यू को लेकर उत्सुकता है। इसे पारंपरिक टीवी न्यूजरूम से डिजिटल स्पेस की ओर उनका अहम कदम माना जा रहा है।
ज्योत्सना बेदी का नाम हमेशा से उन पत्रकारों में शुमार रहा है जो सत्ता से सीधे सवाल करने से पीछे नहीं हटते। यही अंदाज़ अब डिजिटल मंच पर भी देखने की उम्मीद है। समाचार4मीडिया से बातचीत में ज्योत्सना बेदी ने कहा, ‘जैसा नाम है, ‘क्लियर कट’, ठीक वैसा ही यह पॉडकास्ट होगा। राजनीति, सत्ता के बदलते समीकरण, अंतरराष्ट्रीय घटनाएं, सामाजिक सरोकार और जनता की परेशानियां—सब कुछ बिना लाग-लपेट के उठाया जाएगा।’
उनका कहना है, ‘अब वक्त है दर्शकों को बिना किसी फिल्टर या एजेंडा के सच बताने का। इस शो में सवाल होंगे सीधे और जवाब मिलेंगे बिल्कुल क्लियर कट।’ बता दें कि ज्योत्सना बेदी पूर्व में ‘टाइम्स नाउ’, ‘जी’ और ‘न्यूज24’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एंकरिंग कर चुकी हैं। लंबे अनुभव के बाद अब उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म को चुना है।
इस पॉडकास्ट का टीजर जारी हो गया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं:
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल प्रियदर्शन गर्ग को IDPL (इंडिया डिजिटल पब्लिशिंग लिमिटेड) का नया बिजनेस हेड नियुक्त किया गया है।
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल प्रियदर्शन गर्ग को IDPL (इंडिया डिजिटल पब्लिशिंग लिमिटेड) का नया बिजनेस हेड नियुक्त किया गया है। Pinewz में हेड की भूमिका वह पहले से ही निभा रहे हैं और अब यह अतिरिक्त जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। इससे पहले IDPL (पूर्व में Zee Digital) की यह जिम्मेदारी सुशांत एस मोहन के कंधो पर थी, जिन्होंने हाल ही में यहां से विदाई ली है।
मीडिया और डिजिटल कंटेंट की दुनिया में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले प्रियदर्शन गर्ग ने अप्रैल 2025 में ZEE Media के नए हाइपरलोकल न्यूज ऐप Pinewz में बतौर चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) अपनी नई पारी की शुरुआत की थी। Pinewz, जी मीडिया का यूजर जेनरेटेड कंटेंट (UGC) आधारित प्लेटफॉर्म है, जो भारत के छोटे शहरों और कस्बों की खबरों को सामने लाने का प्रयास कर रहा है।
इससे पहले प्रियदर्शन ZEE5 में बतौर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज) कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल के दौरान प्लेटफॉर्म ने डिजिटल न्यूज के क्षेत्र में कई नवाचार किए। कंटेंट प्लानिंग, व्युअर इंगेजमेंट और डिजिटल कैंपेनिंग जैसे अहम क्षेत्रों में उनके नेतृत्व से ZEE5 की व्युअरशिप को नई ऊंचाइयां मिलीं।
ZEE5 से पूर्व उन्होंने UC Browser के साथ काम किया, जहां वे डिजिटल कंटेंट ऑपरेशंस, पब्लिशर पार्टनरशिप और कंटेंट क्यूरेशन से जुड़े रहे। उनकी अगुवाई में UC न्यूज ने भारत के टियर-2 और टियर-3 दर्शकों तक अपनी पहुंच मजबूत की।
रेडियो इंडस्ट्री में भी प्रियदर्शन का अनुभव रहा है। वह MY FM के नेशनल कंटेंट हेड रहे, जहां उन्होंने सभी शहरों में कंटेंट की गुणवत्ता, विविधता और लोकल कनेक्ट को मजबूती दी।
पत्रकारिता की शुरुआत उन्होंने दैनिक भास्कर इंदौर से की थी। इसके बाद 'आजतक' से जुड़े और मुंबई में बतौर प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट कई बड़ी व चर्चित खबरों की रिपोर्टिंग की। उनकी जमीनी पकड़ और रिपोर्टिंग स्टाइल ने उन्हें इंडस्ट्री में खास पहचान दिलाई।
छाया नायक OpenAI से जुड़ी हैं और यहां वे स्पेशल इनिशिएटिव्स पर काम करेंगी।
छाया नायक OpenAI से जुड़ी हैं और यहां वे स्पेशल इनिशिएटिव्स पर काम करेंगी। अपनी नई भूमिका में वे कंपनी के CTO ऑफिस की स्पेशल इनिशिएटिव्स की हेड इरीना कॉफमैन के साथ काम करेंगी।
छाया ने अपनी नई भूमिका की जानकारी लिंक्डइन पोस्ट के जरिए साझा की।
उन्होंने लिखा, “साथ ही, मैं आने वाले समय के लिए बेहद उत्साहित हूं। आज मैं OpenAI से जुड़ रही हूं, जहां मैं इरीना कॉफमैन के साथ स्पेशल इनिशिएटिव्स पर काम करूंगी- एआई की सीमाओं पर नए अवसर तलाशने के लिए। यह मेरे लिए एक परफेक्ट अगला अध्याय लगता है: जो कुछ मैंने अब तक सीखा है, उसे उस काम में लगाना, जो यह तय करने में मदद करेगा कि तकनीक और समाज के लिए आगे क्या आने वाला है।”
इससे पहले छाया नायक करीब 9 साल तक फेसबुक, जो अब मेटा के नाम से जाना जाता है, के साथ जुड़ी हुई थीं। कंपनी में उनकी आखिरी भूमिका डायरेक्टर ऑफ प्रोडक्ट मैनेजमेंट, जेनरेटिव एआई की थी।
पंकज झा इससे पहले ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार पंकज झा ने ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के साथ मीडिया में अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने इस समूह के डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म ‘द लल्लनटॉप’ (The Lallantop) में बतौर पॉलिटिकल एडिटर जॉइन किया है। पंकज झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर खुद इस बारे में जानकारी शेयर की है।
गणपति बप्पा के आशीर्वाद से नई पारी @TheLallantop के साथ
— पंकज झा (@pankajjha_) August 28, 2025
राजनीति से लेकर ब्यूरोक्रेसी के क़िस्से कहानियों का नया ठिकाना pic.twitter.com/i8WSpqAEWI
बता दें कि पंकज झा ने हाल ही में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया था। पंकज झा ने पिछले साल अक्टूबर में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था।
मूल रूप से मधुबनी (बिहार) के रहने वाले पंकज झा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है।
‘एनडीटीवी’ से पहले पंकज झा करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) के साथ जुड़े हुए थे। वह इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में बतौर रोविंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले पंकज झा करीब दो दशक से ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ जुड़े हुए थे। ‘एबीपी न्यूज’ से पहले वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
पंकज झा ने ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से पंकज झा को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।