डिज्नी इस समय बड़ी मुसीबत में है और इसकी कीमत उसे हर दिन करीब 4 मिलियन डॉलर (लगभग 33 करोड़ रुपये) चुकानी पड़ रही है।
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Vikas Saxena
डिज्नी इस समय बड़ी मुसीबत में है और इसकी कीमत उसे हर दिन करीब 4 मिलियन डॉलर (लगभग 33 करोड़ रुपये) चुकानी पड़ रही है। दरअसल, YouTube TV और Disney के बीच चैनल प्रसारण समझौता (carriage agreement) 30 अक्टूबर को खत्म हो गया, जिसके बाद YouTube TV ने ESPN, ABC, FX, National Geographic जैसे डिज्नी के सभी प्रमुख चैनल अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिए हैं।
अमेरिका की निवेश, बैंकिंग सेवाएं, शेयर मार्केट, बीमा, फंड मैनेजमेंट और वित्तीय सलाह जैसी सेवाएं देने वाली कंपनी मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि इस ब्लैकआउट से डिज्नी को हर हफ्ते करीब 30 मिलियन डॉलर यानी करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसमें विज्ञापन राजस्व और पार्टनरशिप फीस दोनों शामिल हैं।
यह झगड़ा नया नहीं है, बस मैदान बदल गया है। डिज्नी चाहती है कि उसके चैनलों के लिए ज्यादा फीस दी जाए, क्योंकि ESPN और ABC अभी भी लाइव स्पोर्ट्स और प्राइमटाइम एंटरटेनमेंट के लिए अहम माने जाते हैं। वहीं, YouTube TV की मालिक कंपनी Alphabet (Google) का कहना है कि डिज्नी की मांगें पूरी करने से उसे सब्सक्रिप्शन रेट बढ़ाने पड़ेंगे, जिससे यूजर्स और अन्य ब्रॉडकास्टिंग पार्टनर्स दोनों में असंतोष पैदा होगा।
पहले के केबल टीवी जमाने में डिज्नी ब्लैकआउट झेल लेती थी, क्योंकि लोगों के पास विकल्प कम थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। YouTube TV अमेरिका की सबसे बड़ी लाइव टीवी स्ट्रीमिंग सर्विस बन चुकी है, जिसके 90 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं। यानी अब ताकत कंटेंट कंपनियों से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर्स के हाथ में दिख रही है।
इस विवाद का वक्त भी डिज्नी के लिए बेहद खराब साबित हो रहा है। ESPN इस वक्त NFL, NBA, कॉलेज फुटबॉल और हॉकी सीजन के चरम पर है। चैनल बंद रहने से विज्ञापनदाताओं की पहुंच घट रही है। उधर, ABC चैनल का भी फॉल सीजन चल रहा है, जिससे उसे भी प्राइमटाइम स्लॉट के विज्ञापनों में बड़ा नुकसान हो रहा है।
बताया जा रहा है कि यदि यह विवाद अगले हफ्ते तक खिंच गया तो डिज्नी को कुल मिलाकर 60 मिलियन डॉलर से ज्यादा का घाटा झेलना पड़ सकता है।
Google की स्थिति कुछ मजबूत मानी जा रही है। उसने प्रभावित ग्राहकों को $20 का क्रेडिट देने की घोषणा की है, जो डिज्नी की मांगों को मानने से कहीं सस्ता विकल्प है। हालांकि कुछ यूजर्स ने इस क्रेडिट को छिपाने और क्लेम करने में मुश्किलें होने की शिकायत की है। फिर भी Google का दांव यह है कि दर्शक कुछ मैच मिस कर लेंगे, लेकिन बढ़े हुए मासिक चार्ज नहीं झेलेंगे।
डिज्नी के लिए यह विवाद उसके सीईओ बॉब आइगर के लिए एक और सिरदर्द बन गया है। पहले से ही कंपनी स्ट्रीमिंग बिजनेस में प्रॉफिट, री-स्ट्रक्चरिंग की लागत और ESPN के स्वतंत्र ऐप या साझेदारी मॉडल जैसे मुद्दों से जूझ रही है। YouTube TV पर अपने चैनल खोने से डिज्नी का असर कमजोर पड़ा है और हर बीतता दिन उसके विज्ञापन और कमाई दोनों को नुकसान पहुंचा रहा है।
ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद जल्दी सुलझ जाएगा, क्योंकि दोनों ही पक्ष इसे लंबा नहीं खींचना चाहते, खासकर जब फुटबॉल सीजन जोरों पर है। लेकिन जब भी चैनल दोबारा शुरू होंगे, एक बात साफ रहेगी, अब टीवी की दुनिया में शो भले कंटेंट हो, लेकिन रिमोट अब डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स के हाथ में है।
समाचार4मीडिया से बातचीत में कुमुद अहलावत ने बताया कि ‘जनतंत्र टीवी’ में जिम्मेदारी निभाने के साथ ही वह अपना मीडिया वेंचर भी संभालती
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Samachar4media Bureau
टीवी पत्रकार कुमुद अहलावत ने अब हिंदी न्यूज चैनल ‘जनतंत्र टीवी’ (Jantantra TV) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने इस चैनल की डिजिटल टीम में बतौर एडिटर जॉइन किया है।
कुमुद अहलावत इससे पहले ‘लल्लनटॉप’ (Lallantop) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही थीं, जहां से उन्होंने इसी साल मई में इस्तीफा देकर अपना मीडिया वेंचर शुरू किया था। समाचार4मीडिया से बातचीत में कुमुद अहलावत ने बताया कि ‘जनतंत्र टीवी’ में जिम्मेदारी निभाने के साथ ही वह अपने वेंचर का कामकाज भी संभालती रहेंगी।
कुमुद अहलावत को लगभग दो दशक तक देश के कई बड़े न्यूज नेटवर्क्स के साथ काम करने का अनुभव है। वर्ष 2007 से टीवी न्यूज़ इंडस्ट्री में सक्रिय कुमुद ने ‘जी न्यूज’ (Zee News), ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) और ‘आजतक’ (AajTak) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।
कुमुद अहलावत का सबसे लंबा और निर्णायक कार्यकाल ‘Zee News’ में रहा, जहां उन्होंने ट्रेनी से लेकर प्रोडक्शन हेड तक का सफर तय किया। ‘Zee’ की अपनी पारी के दौरान कुमुद ने वरिष्ठ टीवी संपादक सुधीर चौधरी के साथ ‘DNA’ जैसे शो का प्रोडक्शन संभाला। ‘DNA’ उस समय का सबसे चर्चित प्राइम टाइम शो रहा, जिसने राजनीतिक नैरेटिव गढ़ने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा 'RJ रौनक का शो' और 'भाई vs भाई' (पूनावाला भाइयों की डिबेट सीरीज) जैसे फॉर्मेट भी इन्हीं के निर्देशन में तैयार हुए। ‘Zee’ के बाद इन्होंने ‘Times Now Navbharat’ में करीब 13 महीने काम किया, जहां 'सवाल पब्लिक का' जैसे डिबेट शो के प्रोडक्शन को संभाला, जो वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार द्वारा होस्ट किया जाता था।
‘टाइम्स नेटवर्क’ के बाद कुमुद ने ‘आजतक’ जॉइन किया और सुधीर चौधरी के साथ दोबारा काम करते हुए प्राइम टाइम शो 'Black and White' की पूरी प्रोडक्शन जिम्मेदारी संभाली। कुमुद वर्ष 2024 में ‘Lallantop’ से जुड़ीं, जहां उन्होंने न केवल कंटेंट और शो का प्रोडक्शन लीड किया, बल्कि एंकरिंग से लेकर शिफ्ट लीड और इनपुट आउटपुट तालमेल तक की पूरी जिम्मेदारी निभाई। डिजिटल मीडिया में इस अनुभव ने उनके विज़न को और स्पष्ट किया। यहां से मई में उन्होंने बाय बोल दिया था और तब से अपने मीडिया वेंचर पर फोकस कर रही थीं।
समाचार4मीडिया की ओर से कुमुद अहलावत को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
एंटरटेनमेंट की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड अब एक नए क्षेत्र में कदम रख रही है।
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Samachar4media Bureau
एंटरटेनमेंट की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड अब एक नए क्षेत्र में कदम रख रही है। कंपनी ने ‘AstroVani by Balaji’ नाम से भारत का पहला प्रीमियम ज्योतिष ऐप लॉन्च किया है, जो आधुनिक अंदाज में ज्योतिष को लोगों के बेहद करीब लाने का प्रयास है।
कंपनी का कहना है कि यह ऐप परंपरा और तकनीक का मेल है, जो यूजर्स को व्यक्तिगत और भरोसेमंद अनुभव देता है। इसमें दैनिक राशिफल, जीवन से जुड़ी सलाह और अनुभवी ज्योतिषियों, न्यूमरोलॉजिस्ट्स और हस्तरेखाविदों से लाइव एक-टू-वन कंसल्टेशन की सुविधा उपलब्ध है। चाहे बात करियर की हो, रिश्तों की, सेहत की या परिवार की- AstroVani by Balaji हर सवाल का समाधान भरोसेमंद विशेषज्ञों से दिलाने का वादा करता है।
आज की युवा पीढ़ी के लिए डिजाइन किया गया यह ऐप पूरी तरह ऐड-फ्री है और इसकी सबसे बड़ी खूबी है यूजर की प्राइवेसी और ट्रस्ट पर इसका फोकस। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि यह आधुनिक जीवनशैली में सहजता से फिट हो जाए- भरोसेमंद, सुंदर और उपयोग में आसान।
लॉन्च के मौके पर बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड की फाउंडर और जॉइंट एमडी एकता आर. कपूर ने कहा, “मैं हमेशा ज्योतिष की शक्ति में विश्वास रखती आई हूं। इसने मुझे जीवन के हर पड़ाव पर दिशा और दृष्टिकोण दिया है। AstroVani by Balaji मेरे दिल के बहुत करीब एक पहल है, जिसका मकसद है लोगों को भारत भर के बेहतरीन ज्योतिषियों से जोड़ना ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सही मार्गदर्शन पा सकें। मेरी इच्छा है कि यह ऐप हर उस व्यक्ति का साथी बने जो अपने जीवन में स्पष्टता और आत्मविश्वास की तलाश में है।”
बालाजी टेलीफिल्म्स के ग्रुप सीईओ और सीएफओ संजय द्विवेदी ने कहा, “AstroVani by Balaji के साथ हम अपने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के सफर को आगे बढ़ा रहे हैं। यह लॉन्च भारत की सांस्कृतिक गहराई को आधुनिक तकनीक की सुविधा से जोड़ता है। हमारा लक्ष्य है ऐसे डिजिटल प्रॉडक्ट्स तैयार करना जो सिर्फ मनोरंजन ही नहीं बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में भी उपयोगी साबित हों।”
बालाजी टेलीफिल्म्स के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर धवल शेट ने कहा, “हमारा विजन है भारत की सबसे भरोसेमंद परंपराओं में से एक ज्योतिष को एक आधुनिक, टेक-ड्रिवन तरीके से लोगों तक पहुँचाना। ऐप के हर हिस्से, चाहे वह डिजाइन हो या एक्सपर्ट ऑनबोर्डिंग, में भरोसे, सरलता और प्रासंगिकता का ध्यान रखा गया है। जैसे-जैसे हम ‘स्पिरिचुअलिटी-टेक’ के इस नए क्षेत्र में कदम बढ़ा रहे हैं, हमारा फोकस रहेगा कि AstroVani by Balaji एक ऐसा प्लेटफॉर्म बने जो परंपरा और आधुनिकता दोनों को संतुलित रखे।”
यह ऐप फिलहाल Android पर उपलब्ध है और जल्द ही iOS यूजर्स के लिए भी लॉन्च किया जाएगा। कंपनी चाहती है कि लोग इस ऐप के जरिए अपने आत्म-ज्ञान और संतुलन की नई यात्रा की शुरुआत करें।
सेबी (SEBI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंटरनेट सर्च इंजन साइट्स से कहा है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स पर निवेश से जुड़ी फर्जी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करें।
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Samachar4media Bureau
बाजार नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंटरनेट सर्च इंजन साइट्स से कहा है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स पर निवेश से जुड़ी फर्जी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करें।
सेबी ने सभी बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को औपचारिक तौर पर लिखा है कि वे ऐसे विज्ञापनों की पहचान और जांच की प्रक्रिया को तेज करें। नियामक ने कहा है कि सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े किसी भी उत्पाद या सेवा का प्रचार सिर्फ उन्हीं लोगों को करने की अनुमति होनी चाहिए जो सेबी में पंजीकृत (SEBI-registered) हैं।
सेबी ने सुझाव दिया है कि पंजीकृत निवेश सलाहकारों (रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर) और बिचौलियों के लिए एक अलग तरह का वेरिफिकेशन लेबल (विशेष निशान) जारी किया जाए, ताकि आम निवेशक आसानी से पहचान सकें कि कौन-सी ऐप या संस्था असली है और कौन-सी फर्जी।
सेबी ने निवेशकों से भी अपील की है कि वे किसी भी संस्था या ऐप के साथ लेन-देन करने से पहले उसका पंजीकरण अवश्य जांचें और केवल मान्यता प्राप्त ट्रेडिंग ऐप्स तथा सत्यापित UPI हैंडल्स के माध्यम से ही निवेश करें।
नियामक ने कहा कि यह कदम निवेशकों को ऑनलाइन ठगी से बचाने और वित्तीय बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जरूरी है।
देश के प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' ने अपने पाठकों के लिए ई-पेपर के रूप में नया प्रयोग शुरू किया है।
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Vikas Saxena
देश के प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' ने अपने पाठकों के लिए ई-पेपर के रूप में नया प्रयोग शुरू किया है। अब पाठक हर दिन देश-दुनिया की बड़ी और महत्वपूर्ण खबरें सीधे अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते हैं। यह ई-पेपर पूरी तरह डिजिटल है और इसका कोई मुद्रित संस्करण प्रकाशित नहीं किया जाएगा।
'आजतक' ई-पेपर में शामिल खबरें सीधे aajtak.in से संकलित की गई हैं, ताकि पाठकों को सबसे ताजा, भरोसेमंद और सटीक जानकारी एक ही जगह मिल सके। इसका उद्देश्य पाठकों को दिनभर की महत्वपूर्ण खबरें व्यवस्थित तरीके से उपलब्ध कराना है।
डिस्क्लेमर में स्पष्ट किया गया है कि ई-पेपर का प्रकाशन, प्रसारण या डिस्ट्रीब्यूशन किसी भी अन्य मकसद के लिए कठोर रूप से प्रतिबंधित है। यह डिजिटल प्रोडक्ट सिर्फ खबरों की जानकारी देने के लिए बनाया गया है।
ई-पेपर की शुरुआत के साथ 'आजतक' अपने डिजिटल विस्तार को और मजबूत कर रहा है। अब पाठक चाहे कहीं भी हों, वे आसानी से और समय पर खबरों तक पहुंच सकते हैं। इस कदम से 'आजतक' ने दर्शकों को डिजिटल दुनिया में सटीक और विश्वसनीय खबरों का नया अनुभव देने का रास्ता खोल दिया है।
इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं ई-पेपर-
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मेटा प्लेटफॉर्म (Meta Platforms Inc.) और उसकी सहायक कंपनी वॉट्सऐप (WhatsApp) को आंशिक राहत दी है।
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Samachar4media Bureau
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मेटा प्लेटफॉर्म (Meta Platforms Inc.) और उसकी सहायक कंपनी वॉट्सऐप (WhatsApp) को आंशिक राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें WhatsApp को अपनी पैरेंट कंपनी Meta के साथ विज्ञापन के लिए यूजर डेटा साझा करने से रोका गया था।
हालांकि, NCLAT की बेंच जिसमें जस्टिस (सेवानिवृत्त) अशोक भूषण और बरुण मित्रा शामिल थे, ने यह माना कि WhatsApp की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी ‘डॉमिनेंट पोजीशन का दुरुपयोग’ थी। इसलिए, CCI द्वारा नवंबर 2024 में लगाया गया ₹213.14 करोड़ का जुर्माना ट्रिब्यूनल ने बरकरार रखा है।
CCI ने पहले कहा था कि WhatsApp की 2021 की नीति “ले लो या छोड़ दो” जैसी शर्तें थोपती है, जिससे यूजर्स की आजादी और विकल्प सीमित हो जाते हैं। CCI ने अपने आदेश में WhatsApp को पांच साल तक Meta के साथ यूजर डेटा साझा न करने और हर डेटा कैटेगरी के उपयोग को स्पष्ट रूप से बताने का निर्देश दिया था।
बाद में Meta और WhatsApp ने इस आदेश को NCLAT में चुनौती दी थी। जनवरी 2025 में ट्रिब्यूनल ने दोनों आदेशों- जुर्माना और डेटा शेयरिंग बैन पर अस्थायी रोक लगा दी थी, यह कहते हुए कि इससे WhatsApp के बिजनेस मॉडल पर असर पड़ सकता है।
अब आए अंतिम फैसले में NCLAT ने डेटा शेयरिंग पर लगी रोक को हटा दिया है, लेकिन ₹213 करोड़ का जुर्माना बरकरार रखा है।
यह फैसला भारत में डेटा प्राइवेसी, डिजिटल गवर्नेंस और बड़ी टेक कंपनियों की ताकत पर चल रही बहस में एक अहम मोड़ साबित हुआ है। इससे यह भी साफ हुआ है कि भारत में काम कर रही ग्लोबल टेक कंपनियों पर अब नियामक संस्थाएं और ज्यादा सख्त निगरानी रख रही हैं।
यूट्यूब टीवी (YouTube TV) ने डिज्नी (Disney) के लोकप्रिय चैनल ABC और ESPN को अपने प्लेटफॉर्म पर वापस लाने का प्रस्ताव दिया है।
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यूट्यूब टीवी (YouTube TV) ने डिज्नी (Disney) के लोकप्रिय चैनल ABC और ESPN को अपने प्लेटफॉर्म पर वापस लाने का प्रस्ताव दिया है। यह कदम Disney की उस अपील के बाद आया है जिसमें उसने चुनावी कवरेज के लिए ABC चैनल को फिर से बहाल करने की मांग की थी।
दरअसल, सोमवार को Disney ने गूगल की YouTube TV से अनुरोध किया था कि जनता के हित में चुनाव दिवस पर ABC चैनल को दोबारा शुरू किया जाए। कुछ दिन पहले ही समझौते में असहमति के चलते Disney के चैनल YouTube TV से हटा दिए गए थे।
अपने प्रस्ताव पर YouTube TV ने कहा है कि वह दर्शकों को वही कंटेंट देना चाहता है जो वे देखना चाहते हैं, लेकिन केवल एक दिन के लिए ABC को बहाल करने से लोगों में भ्रम पैदा होगा।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हम सहमत हैं कि प्राथमिकता ग्राहकों को वही देने की होनी चाहिए जो वे चाहते हैं। लोग कंपनियों के बीच झगड़े और चैनलों के ब्लैकआउट नहीं देखना चाहते। लेकिन आपका प्रस्ताव हमें केवल एक दिन के लिए ABC चैनल शुरू करने की अनुमति देता है, जिससे ग्राहक भ्रमित होंगे, क्योंकि वे थोड़े समय के लिए चैनल देख पाएंगे और फिर वह गायब हो जाएगा।”
YouTube TV ने आगे कहा कि चुनाव कवरेज देखने के लिए दर्शकों के पास कई अन्य विकल्प मौजूद हैं। YouTube TV पर दूसरे न्यूज नेटवर्क्स और ब्रॉडकास्ट चैनलों पर भी चुनाव संबंधी कवरेज उपलब्ध है। यहां तक कि मुख्य YouTube प्लेटफॉर्म पर भी चुनाव से जुड़ी जानकारी मुफ्त में देखी जा सकती है। पिछले दो अमेरिकी चुनावों में, अधिकांश दर्शकों ने ABC की बजाय दूसरे चैनल चुने थे।
YouTube ने Disney की रणनीति पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह वही तरीका है जिसका इस्तेमाल Disney पहले भी कर चुका है। YouTube ने कहा कि Disney यह भली-भांति जानता है कि वह ABC News के आधिकारिक YouTube चैनल (जिसके 1.91 करोड़ सब्सक्राइबर हैं) पर लाइव स्ट्रीम जारी रख सकता है। इसके अलावा स्थानीय ABC स्टेशन भी अपने-अपने YouTube चैनलों पर प्रसारण कर सकते हैं।
YouTube TV ने आगे प्रस्ताव दिया कि जनता के हित में सबसे सही कदम यही होगा कि Disney के लोकप्रिय चैनल ABC और ESPN को तुरंत बहाल कर दिया जाए और साथ ही बातचीत जारी रखी जाए। कंपनी ने कहा कि यदि आप हमारे इस प्रस्ताव से सहमत हैं, तो हम अपनी टीमों को तुरंत सक्रिय कर सकते हैं और कुछ घंटों में चैनल्स को फिर से लाइव कर सकते हैं।”
अंत में YouTube TV ने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि दोनों कंपनियां जल्द से जल्द एक निष्पक्ष समझौते पर पहुंचें ताकि दर्शकों को फिर से उनका पसंदीदा कंटेंट देखने को मिल सके।
गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को दोनों कंपनियों के बीच लाइसेंसिंग समझौते पर बात विफल होने के बाद Disney के चैनल YouTube TV से गायब हो गए थे।
YouTube TV अमेरिका के सबसे बड़े पे-टीवी प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जो इस साल कई मीडिया कंपनियों से समझौते को लेकर खींचतान में फंसा हुआ है। कई कंपनियों ने चेतावनी दी है कि अगर नया समझौता नहीं हुआ, तो वे अपने चैनल प्लेटफॉर्म से हटा लेंगी।
क्विंट डिजिटल (Quint Digital Limited) ने निवेशकों और शेयरहोल्डर्स को सूचित किया है कि कुछ लोगों की ओर से फर्जी ईमेल भेजा जा रहा है
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Vikas Saxena
क्विंट डिजिटल (Quint Digital Limited) ने निवेशकों और शेयरहोल्डर्स को सूचित किया है कि कुछ लोगों की ओर से फर्जी ईमेल भेजा जा रहा है, जिसमें झूठा दावा किया गया कि यह ईमेल कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ओर से भेजा गया है। इस ईमेल में लोगों को “साइनिंग पार्टनर” बनने के लिए आमंत्रित किया गया, जबकि कंपनी किसी भी ऐसे समझौते में शामिल नहीं है।
कंपनी ने साफ किया कि यह ईमेल पूरी तरह भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण है और इसका उद्देश्य कंपनी और उसके निदेशक मंडल का नाम गलत तरीके से इस्तेमाल करना है। क्विंट डिजिटल ने कहा कि यह किसी भी तरह से उनके सिस्टम, डेटा या संचालन को प्रभावित नहीं करता।
इस घटना का पता लगते ही कंपनी की तकनीकी टीम और प्रबंधन ने सुरक्षा उपाय और प्रोटोकॉल लागू किए ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके।
कंपनी ने बताया कि इस मामले की विस्तृत जांच चल रही है और इसे सुरक्षित तरीके से नियंत्रित किया जा रहा है। इसके साथ ही सुरक्षा और सुधारात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं।
क्विंट डिजिटल ने कहा कि वह साइबर सुरक्षा, डेटा की अखंडता और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए सतर्क है।
हिमाचल प्रदेश सरकार अब फेक न्यूज और गलत जानकारी के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है। इसके लिए सरकार जल्द ही AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू करने वाली है।
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Samachar4media Bureau
हिमाचल प्रदेश सरकार अब फेक न्यूज और गलत जानकारी के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है। इसके लिए सरकार जल्द ही AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू करने वाली है। इस सिस्टम का मकसद सोशल मीडिया पर फैलने वाली भ्रामक और भड़काऊ खबरों पर नजर रखना और तुरंत कार्रवाई करना है।
यह पहल केंद्र सरकार के नए सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के अनुरूप है, जिसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट क्रिएटर्स पर अधिक जवाबदेही तय की गई है।
रीयल टाइम में मॉनिटरिंग और कार्रवाई
नए डिजिटल सिस्टम के जरिए सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाली संवेदनशील या भ्रामक सामग्री को रीयल टाइम में ट्रैक किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इस काम में पुलिस, जिला प्रशासन और जनसंपर्क विभाग के साथ मिलकर काम करेगा ताकि गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ तुरंत कदम उठाया जा सके।
सरकार का बयान: हिमाचल की जरूरतों के अनुसार तैयार होगा ढांचा
मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार गोकुल बुटैल ने बताया कि राज्य सरकार संशोधित आईटी एक्ट के तहत एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर रही है। उन्होंने कहा, “हम इस सिस्टम को हिमाचल की सांस्कृतिक और प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार कर रहे हैं।”
कानूनी जिम्मेदारी: अब प्लेटफॉर्म्स भी होंगे जवाबदेह
संशोधित आईटी एक्ट के तहत अब सोशल मीडिया कंपनियां भी अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई सामग्री के लिए जिम्मेदार होंगी। अगर कोई झूठी खबर, एडिटेड वीडियो या भ्रामक पोस्ट पाई जाती है, तो उस पर कार्रवाई प्लेटफॉर्म और पोस्ट करने वाले दोनों पर की जा सकेगी। सरकार द्वारा अधिकृत फैक्ट-चेकिंग यूनिट को ऐसे मामलों की सच्चाई जांचने का अधिकार दिया जाएगा।
सख्त सजाएं और जुर्माने का प्रावधान
नए सिस्टम के तहत गलत या भ्रामक जानकारी बार-बार शेयर करने वालों पर भारी जुर्माना और जेल तक की सजा हो सकती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चिन्हित सामग्री को तय समय सीमा में हटाना होगा और उसके स्रोत का पता लगाना होगा। बार-बार उल्लंघन करने वालों के अकाउंट स्थायी रूप से बंद भी किए जा सकते हैं।
जानें, क्यों जरूरी है यह कदम
अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में गलत सूचनाओं के कारण कई बार प्रशासनिक अफरा-तफरी और सामाजिक तनाव की स्थिति बनी है। ऐसे में यह AI-आधारित सिस्टम राज्य में एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल माहौल बनाने में मदद करेगा।
दूसरे राज्यों के लिए बनेगा उदाहरण
डिजिटल गलत जानकारी की चुनौती से जूझ रहे देश में हिमाचल प्रदेश की यह पहल एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है। तकनीक, शासन और कानून को जोड़कर राज्य जिम्मेदार डिजिटल नागरिकता की दिशा में मिसाल पेश कर रहा है।
बिंदिया भट्ट इससे पहले करीब एक साल से न्यूज24 डिजिटल (अंग्रेजी) में बतौर न्यूज एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
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Samachar4media Bureau
पत्रकार बिंदिया भट्ट ने ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज कर दिया है। उन्होंने यहां पर एडिटर (डिजिटल) के पद पर जॉइन किया है। अपनी इस भूमिका में वह हिंदी व अंग्रेजी समेत सात वेबसाइट्स की जिम्मेदारी संभालेंगी।
बता दें कि बिंदिया भट्ट इससे पहले करीब एक साल से न्यूज24 डिजिटल (अंग्रेजी) में बतौर न्यूज एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं, जहां से कुछ दिनों पूर्व उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
इस संस्थान के साथ उनकी यह दूसरी पारी थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2006 में ‘Bag Films and Media Ltd’ से ही की थी। ‘न्यूज नेशन’ के साथ भी बिंदिया भट्ट की यह दूसरी पारी है।
मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली बिंदिया भट्ट को मीडिया में काम करने का करीब बीस साल का अनुभव है। पूर्व में वह ‘दैनिक भास्कर’, माइक्रोसॉफ्ट न्यूज, न्यूज नेशन आदि प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रमुख पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो बिंदिया भट्ट ने नोएडा स्थित ‘आईएमएस’ से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है।
समाचार4मीडिया की ओर से बिंदिया भट्ट को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय अब फेक न्यूज और गलत सूचनाओं के खिलाफ अपनी मुहिम को और मजबूत करने जा रहा है।
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Samachar4media Bureau
सूचना और प्रसारण मंत्रालय अब फेक न्यूज और गलत सूचनाओं के खिलाफ अपनी मुहिम को और मजबूत करने जा रहा है। इसके लिए मंत्रालय जल्द ही एक फैक्ट-चेकिंग चैटबॉट लॉन्च करने की तैयारी में है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से लैस होगा।
मंत्रालय के तहत आने वाले प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने पहले ही अपने फैक्ट चेक यूनिट (FCU) के ज़रिए फर्जी खबरों और दावों पर तेज़ और समन्वित कार्रवाई के लिए एक व्यवस्था बना रखी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नया AI चैटबॉट पुराने फैक्ट-चेक किए गए मामलों की भी जानकारी देगा। उन्होंने कहा, “हमने फैक्ट-चेक चैटबॉट तैयार कर लिया है और उसका परीक्षण भी हो चुका है। अब अंतिम टेस्ट के बाद इसे लॉन्च किया जाएगा। जैसे ही आप किसी विषय या दावे को इसमें डालेंगे, यह उससे जुड़ी सही जानकारी तुरंत दे देगा, चाहे मामला एक साल पुराना ही क्यों न हो। इसमें सर्च का विकल्प भी होगा।”
इसके साथ ही मंत्रालय डीपफेक वीडियो जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एक अलग सॉफ्टवेयर भी विकसित कर रहा है। फिलहाल यह शुरुआती चरण में है। एक अधिकारी के अनुसार, “इस सॉफ्टवेयर में जब कोई वीडियो डाला जाएगा तो उससे जुड़ा असली वीडियो सामने आ जाएगा। कई बार विदेशी हैंडल भारतीय सेना से जुड़े फेक वीडियो फैलाते हैं या गलत दावे करते हैं। ऐसे मामलों से निपटने के लिए यह सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है, ताकि किसी वीडियो की सच्चाई जल्दी से जल्दी सामने लाई जा सके।”
मंत्रालय ने यह भी बताया कि PIB के बैकग्राउंडर को अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद अब ‘वीडियो बैकग्राउंडर’ शुरू करने की भी योजना है। ये बैकग्राउंडर पत्रकारों और आम जनता को सरकारी नीतियों, योजनाओं और उपलब्धियों की गहराई से जानकारी देने का काम करते हैं।
वैष्णव ने कहा, “हमारे बैकग्राउंडर को राष्ट्रीय मीडिया अच्छी तरह इस्तेमाल कर रहा है। अब हम इन्हें और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल हम करीब 24,000 लोगों तक विभिन्न चैनलों के माध्यम से पहुंचते हैं। जल्द ही वीडियो बैकग्राउंडर भी शुरू किए जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा वर्कशॉप कराई गई है।”