युवा पत्रकार अश्विन मिश्रा ने आईटीवी नेटवर्क के डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘इंडिया न्यूज – Cricit’ से इस्तीफा दे दिया है।
युवा पत्रकार अश्विन मिश्रा ने आईटीवी नेटवर्क के डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘इंडिया न्यूज – Cricit’ से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अप्रैल 2024 में बतौर मल्टीमीडिया प्रड्यूसर जॉइन किया था और करीब एक साल तक इस भूमिका में काम करने के बाद अब संस्थान से विदाई ले ली है।
अपने कार्यकाल में अश्विन ने खेल पत्रकारिता में सक्रिय रहते हुए 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और भारतीय खिलाड़ियों का इंटरव्यू किया। इनमें सुनील गावस्कर, कपिल देव, मुथैया मुरलीधरन, हर्शल गिब्स जैसे दिग्गजों के साथ-साथ सुरेश रैना, इरफान पठान, मोहम्मद सिराज जैसे भारतीय खिलाड़ी भी शामिल रहे।
उन्होंने क्रिकेट के अलावा नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु, मनु भाकर, डी. गुकेश जैसे अन्य खेलों से जुड़े खिलाड़ियों से भी बातचीत की। साथ ही हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और गोलकीपर पीआर श्रीजेश से भी विशेष बातचीत की।
अश्विन ने अपने कार्यकाल में T20 वर्ल्ड कप 2024, IPL 2024 और 2025, नेशनल गेम्स 2025, महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप समेत कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की कवरेज भी की।
इंडिया न्यूज से पहले अश्विन ‘इंडिया अहेड न्यूज’ में कार्यरत थे और IPL शो के साथ-साथ लोकसभा चुनाव 2024 में भी रिपोर्टिंग कर चुके हैं। उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से की है और अमेठी, उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं।
इसी सत्र के दौरान पाञ्चजन्य ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपना पहला AI Mascot ‘JAI’ लॉन्च किया, जिसका नाम भगवान जगन्नाथ के नाम पर रखा गया है।
भारत में सुशासन के नए मानकों और ओडिशा की उभरती भूमिका पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम ‘सुशासन संवाद: ओडिशा की उड़ान’ का आयोजन सोमवार, 28 जुलाई 2025 को भुवनेश्वर स्थित ताज विवांता होटल में किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व पाञ्चजन्य ने किया, जिसमें नीति, प्रशासन और तकनीक के संगम को रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र “चुनौतियां और संकल्प” में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने शिरकत की। इसी सत्र के दौरान पाञ्चजन्य ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपना पहला AI Mascot ‘JAI’ लॉन्च किया, जिसका नाम भगवान जगन्नाथ के नाम पर रखा गया है। मंच से संपादक हितेश शंकर ने ‘JAI’ से लाइव संवाद भी किया, जिसमें AI Mascot ने पूछे गए सवालों के बेहद सटीक, अर्थपूर्ण और रोचक जवाब दिए। उसकी प्रतिक्रियाओं ने श्रोताओं को चौंका दिया और पूरे हॉल में तालियों की गूंज सुनाई दी।
पाञ्चजन्य परिवार का हिस्सा बना 'जय'
— Panchjanya (@epanchjanya) July 28, 2025
जय AI के लांच के मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी मौजूद रहे।
जय की पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और सीएम ओडिसा से मजेदार और काम की बातचीत आप भी सुनिए!
कैसा लगा आपको जय ?
और जय से आप क्या पूछना चाहते है कमेंट जरूर करें! pic.twitter.com/amu8NjveOG
इस अभिनव पहल को मीडिया जगत के तकनीकी विकास की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम माना जा रहा है। उपस्थित अतिथियों ने इसे डिजिटल इंडिया और सुशासन की दिशा में एक सशक्त उदाहरण बताया। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने भी ‘JAI’ के लॉन्च को सराहते हुए कहा कि ओडिशा अब तकनीक और प्रशासन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है।
भारत में 25 से 35 लाख के बीच कंटेंट क्रिएटर्स हैं जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं। लेकिन इतनी भीड़ के बावजूद एक छोटा-सा वर्ग है जो बाकियों से अलग नजर आता है।
शालिनी मिश्रा, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।
भारत में 25 से 35 लाख के बीच कंटेंट क्रिएटर्स हैं जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं। लेकिन इतनी भीड़ के बावजूद एक छोटा-सा वर्ग है जो बाकियों से अलग नजर आता है। ये वो क्रिएटर्स हैं जिनका संदेश स्पष्ट होता है, जो किसी खास विषय में माहिर होते हैं और अपने दर्शकों के साथ भरोसे का रिश्ता बनाते हैं। ऐसे क्रिएटर्स आज ब्रैंड्स का ध्यान खींच रहे हैं और अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। बस इसलिए क्योंकि वे गुणवत्तापूर्ण, असरदार और ईमानदार कंटेंट बना रहे हैं।
आज जब इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग की दुनिया नकली आंकड़ों, फर्जी फॉलोअर्स और क्षणिक वायरल कंटेंट से भरी पड़ी है, तब ब्रैंड्स अब चुपचाप ऐसे क्रिएटर्स की ओर रुख कर रहे हैं जो असल मूल्य देते हैं, जो खास क्षेत्र में अपनी पहचान बनाते हैं, दर्शकों का भरोसा बनाए रखते हैं और अपने फॉलोअर्स से गहराई से जुड़ते हैं।
HashFame की पहली तिमाही की रिपोर्ट भी इसी बदलाव की पुष्टि करती है। इसमें बताया गया है कि नेहा नागर, अपूर्वा मुखिजा और साहिबा बाली जैसे क्रिएटर्स ब्रैंड की पहली पसंद बन रहे हैं। इसलिए नहीं कि वे सबसे ज्यादा शोर मचाते हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि वे लगातार, सुलझे हुए और रणनीतिक तरीके से अपने दर्शकों से जुड़ते हैं।
रिपोर्ट बताती है कि टॉप 10 क्रिएटर्स में तीन समान खूबियां पाई गईं:
किसी खास विषय में विशेषज्ञता और उस पर भरोसेमंद पहचान,
अपने ऑडियंस के साथ लगातार और उच्च स्तर की एंगेजमेंट,
और कंटेंट व ब्रैंड के संदेश के बीच गहरा तालमेल।
उदाहरण के लिए—मिलेनियल्स और Gen-Z को ध्यान में रखकर मुखिजा का बोल्ड ह्यूमर, साहिबा बाली का वेलनेस फोकस्ड नैरेटिव या फिर अरविंद खर्रा का टेक्नोलॉजी पर स्पष्ट संवाद- इनका कंटेंट स्वाभाविक लगता है, थोपे हुए जैसा नहीं।
यहां तक कि मिड-टियर क्रिएटर्स जैसे विकीपीडिया और आशि अदानी, जिनके फॉलोअर्स की संख्या कम है, वे भी बड़े-बड़े “मेगा इन्फ्लुएंसर्स” की तुलना में ज्यादा एंगेजमेंट दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, नेहा नागर को 185 ब्रैंड इंटरेस्ट सिग्नल मिले, वहीं आशि अदानी को 40- इससे पता चलता है कि अब ब्रैंड्स तड़क-भड़क की बजाय ठोस और भरोसेमंद कंटेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं।
आइए नजर डालते हैं कुछ प्रमुख क्रिएटर्स की स्थिति पर
• Brand Interest: 185 • Followers: 2 मिलियन • Engagement: 1.61%
नेहा ने अपने करियर की शुरुआत IIFL Securities में एक वेल्थ मैनेजर के तौर पर की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान तब मिली जब उन्होंने पर्सनल फाइनेंस को आसान और रीटेबल तरीके (ऐसे कंटेंट, जो किसी आम इंसान की रोजमर्रा की जिंदगी से मेल खाती हो) से समझाना शुरू किया। उन्होंने बजटिंग, टैक्स और पैसे बचाने जैसे जटिल वित्तीय विषयों को रोजमर्रा की भाषा में छोटे-छोटे वीडियोज के जरिए समझाया, जिससे उनकी दो मिलियन की ऑडियंस के बीच भरोसा बना।
बड़े ब्रैंड्स जैसे Kotak811, Indian Oil, HPCL, BPCLimited, Airtel India और L&T Finance उनके साथ काम कर रहे हैं, ताकि वे अपने फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को आम लोगों तक सहजता से पहुंचा सकें।
उनकी रील्स — जैसे “अगर ₹20,000 की इनकम में से ₹5,000 बचाते हैं, तो कितना बचता है?” विषयों को सरल, व्यावहारिक रूप में पेश करती हैं।
भले ही उनका एंगेजमेंट रेट 1.61% हो, जो सामान्यतः थोड़ा कम माना जाता है, लेकिन उनकी विषयवस्तु की गहराई, भरोसेमंद शैली और स्पष्ट फोकस के कारण उन्हें 185 ब्रैंड इंटरेस्ट सिग्नल्स मिलते हैं। यह दर्शाता है कि सिर्फ लाइक्स या व्यूज नहीं, बल्कि content की प्रासंगिकता और गुणवत्ता ज्यादा मायने रखती है।
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अपूर्वा मखीजा (@the.rebel.kid)
ब्रैंड इंटरेस्ट: 168 • फॉलोअर्स: 4.4 मिलियन • एंगेजमेंट: 15.34%
अपूर्वा ने खुद को Gen Z (नई पीढ़ी) के बेबाक और बिना फिल्टर वाले हास्य तथा पॉप-कल्चर पर तेज टिप्पणियों के लिए एक पहचान बना ली है।
उनका 15.34% का चौंका देने वाला एंगेजमेंट रेट दर्शाता है कि उनके फॉलोअर्स न सिर्फ उन्हें देखते हैं, बल्कि उनकी बातों पर गहराई से प्रतिक्रिया भी देते हैं। इसी वजह से उन्हें 168 ब्रैंड इंटरेस्ट सिग्नल्स मिल चुके हैं।
वह OnePlus, Netflix, Spotify, Google, Hotstar, Amazon, Maybelline, Meta, Nivea, Joy Skin Care जैसे कई बड़े ब्रैंड्स के साथ काम कर चुकी हैं।
चाहे बात ब्यूटी, फैशन की हो या सोशल कमेंट्री (समाज पर राय) की, उनका कंटेंट हमेशा खुला, बेबाक और लोगों को जोड़ने वाला होता है।
इसके अलावा उन्होंने Freakins ब्रैंड के साथ एक फैशन लाइन पर भी कोलैब किया है। हाल ही में उनके टीवी और फिल्मों में आने से उनकी पहुँच और बढ़ी है, लेकिन वे अब भी अपने बिना लाग-लपेट वाली आवाज के कारण अपने दर्शकों को बांधे रखती हैं।
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विष्णु कौशल (@thevishnukaushal)
ब्रैंड इंटरेस्ट: 103 • फॉलोअर्स: 2.1 मिलियन • एंगेजमेंट: 4.35%
विष्णु कौशल अपने कंटेंट के जरिए भारत के रोजमर्रा के जीवन पर आधारित हास्य को सांस्कृतिक कहानी कहने के अंदाज में पेश करते हैं। उनके मजेदार और लोगों से जुड़ने वाले (relatable) वीडियो और पोस्ट गूगल, एमेजॉन प्राइम, ब्लिंकिट, बेकिंगो, एयरटेल इंडिया, लिशियस फूड्स और स्प्राइट जैसे ब्रैंड्स को आकर्षित कर रहे हैं। बीते दो महीनों में उन्होंने इनमें से कई ब्रैंड्स के साथ कैंपेन पूरे किए हैं।
उनकी 4.35% की एंगेजमेंट दर यह दिखाती है कि उनका कंटेंट दर्शकों से गहराई से जुड़ता है और ब्रैंड्स के लिए यह दर्शाता है कि उनके जरिए जो कहानियां कही जाती हैं, वे असली और विश्वसनीय लगती हैं।
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प्राजक्ता कोली (@mostlysane)
• ब्रैंड इंटरेस्ट: 95 • फॉलोअर्स: 8.7 मिलियन • एंगेजमेंट: 4.96%
प्राजक्ता एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हैं, जिनकी कहानियों की शैली उनके दर्शकों के साथ समय के साथ विकसित हुई है। वो टाइम्स की टॉप 100 लिस्ट का हिस्सा रह चुकी हैं और उन्होंने गूगल, नेटफ्लिक्स, एमेजॉन, फिलिप्स, बाटा और वीनस जैसे ब्रैंड्स के साथ काम किया है।
उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे सिर्फ स्केच या मजेदार वीडियो नहीं बनातीं, बल्कि अपने कंटेंट के जरिए संवाद शुरू करती हैं। उनके वीडियो में अक्सर कोई चैलेंज या "कॉल टू एक्शन" (यानि दर्शकों से कुछ करने की अपील) होता है, जिससे उनकी 8.7 मिलियन की विशाल ऑडियंस खुद को शामिल महसूस करती है।
अरविंद खरा (@techmasterco)
• ब्रैंड इंटरेस्ट: 77 • फॉलोअर्स: 4.6 मिलियन • एंगेजमेंट: 2.15%
अरविंद टेक-एक्सप्लेनर (तकनीकी समझाने वाले) कंटेंट की कैटेगरी में काम करते हैं। वो आसान और सभी को समझ आने वाली भाषा में गैजेट रिव्यू और ट्यूटोरियल बनाते हैं। सैमसंग, HP और शाओमी जैसे ब्रैंड्स उनके साथ अक्सर रिव्यू और “कैसे करें” (how-to) टाइप कंटेंट पर काम करते हैं।
उनके पास 4.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं और उनकी प्रेजेंटेशन (प्रस्तुति) की शैली साफ-सुथरी और स्पष्ट होती है। इसी वजह से वो ऐसे टेक-प्रेमी दर्शकों के बीच एक भरोसेमंद आवाज बन गए हैं, जो बिना किसी झंझट के, सीधी और साफ जानकारी चाहते हैं।
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पारुल गुलाटी (@gulati06)
• ब्रैंड इंटरेस्ट: 69 • फॉलोअर्स: 1.7 मिलियन • एंगेजमेंट रेट: 1.75%
पारुल गुलाटी एक ऐसी डिजिटल क्रिएटर हैं जो लाइफस्टाइल, एंटरटेनमेंट, फाइनेंस और सेल्फ-ग्रोथ जैसे विषयों का संयोजन अपने कंटेंट में पेश करती हैं। उन्होंने Veet India, Dot & Key, Nivea, Licious और ALT Balaji जैसे ब्रैंड्स के साथ काम किया है।
इसके अलावा, पारुल Nish Hair नाम की अपनी खुद की D2C (Direct-to-Consumer) हेयर एक्सटेंशन ब्रैंड की संस्थापक भी हैं। उन्होंने Shark Tank India शो में हिस्सा लिया था और ₹1 करोड़ की फंडिंग के बदले 2% इक्विटी दी थी।
उनकी यह उद्यमिता यात्रा (entrepreneurial journey) उनके व्यक्तित्व को और गहराई देती है, जिससे उनके दर्शक न केवल उनकी क्रिएटिविटी से बल्कि उनकी लगन और प्रेरणा से भी जुड़ाव महसूस करते हैं।
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साहिबा बाली (@sahibabali)
• ब्रैंड इंटरेस्ट (Brand Interest): 55 • फॉलोअर्स: 7.48 लाख • एंगेजमेंट रेट: 10.36%
साहिबा बाली का कंटेंट उनकी निजी जिंदगी के अनुभवों, वेलनेस रूटीन, फैशन, और आध्यात्मिक विचारों (spiritual reflections) को समेटे होता है। Zomato और पंजाब किंग्स (PBKS) जैसे ब्रैंड्स ने उनके साथ साझेदारी की है।
उनकी एंगेजमेंट रेट बहुत मजबूत है (10.36%), यानी उनके फॉलोअर्स उनकी पोस्ट्स पर एक्टिवली प्रतिक्रिया देते हैं और जुड़ाव महसूस करते हैं। उनका कंटेंट सच्चाई और विश्वसनीयता (authenticity) पर आधारित होता है, जिसकी वजह से ब्रैंड्स के साथ उनकी साझेदारी को दर्शक भरोसेमंद मानते हैं।
• ब्रैंड इंटरेस्ट: 52 • फॉलोअर्स: 10 लाख • एंगेजमेंट रेट: 12.07%
विक्की छोटे-छोटे (bite-sized) मोटिवेशनल और एजुकेशनल वीडियो बनाते हैं। उनकी तेज, प्रभावी स्टोरीटेलिंग के चलते उन्होंने Airtel India और कई अन्य ब्रैंड्स के साथ शैक्षणिक, सेल्फ-हेल्प और कॉरपोरेट अभियानों में काम किया है।
वे जटिल विचारों को एक मिनट से कम समय में सरल और स्पष्ट रूप में समझा देते हैं, जिससे उनका कंटेंट थॉट लीडरशिप कैंपेन (Thought Leadership Campaigns) के लिए एकदम उपयुक्त बन जाता है।
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रवि गुप्ता (@shudhdesicomic)
• ब्रैंड इंटरेस्ट: 46 • फॉलोअर्स: 32 लाख • एंगेजमेंट रेट: 8.66%
रवि गुप्ता अपने कॉमेडी कंटेंट में भारतीय पारिवारिक और सामाजिक जीवन का तड़का लगाते हैं। उनके स्केच आम लोगों की ज़िंदगी से जुड़े होते हैं, जिससे लोग आसानी से जुड़ पाते हैं।
वह boAt, McDowell’s Soda, Uber, Zomato, Spinny, Vastrado, Housing.com, Amazon MX Player (जैसे “My Girlfriend is an Alien” कैंपेन), और Samsung India (Galaxy Z Fold7) जैसे बड़े ब्रैंड्स के साथ काम कर चुके हैं।
उनका ह्यूमर ऐसा है जो ब्रैंड्स के मैसेज को हल्के-फुल्के, मज़ेदार लेकिन सामाजिक रूप से प्रासंगिक अंदाज़ में पेश करता है, जिससे दर्शक न सिर्फ हँसते हैं बल्कि ब्रैंड की बात भी पकड़ लेते हैं।
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आशी अडानी (@aashiadani)
• ब्रैंड इंटरेस्ट: 40 • फॉलोअर्स: 2.88 लाख • एंगेजमेंट रेट: 5.40%
हालांकि आशी अडानी एक छोटी क्रिएटर हैं, लेकिन उनका कंटेंट साफ-सुथरा, भरोसेमंद और प्रभावशाली होता है। इसी कारण से उन्हें कई नामी ब्यूटी और लाइफस्टाइल ब्रैंड्स के साथ काम करने का मौका मिला है- जैसे Garnier, Lakmé, MAC, Myntra, Amazon, Maybelline, Kiro Beauty, MyGlamm, Nykaa, Clinique, Mamaearth, Dove, CeraVe आदि।
उनकी 5.4% की एंगेजमेंट रेट यह दिखाती है कि उनके फॉलोअर्स उनके कंटेंट से अच्छी तरह जुड़ते हैं। इस वजह से बुटीक और प्रीमियम ब्यूटी ब्रैंड्स उन्हें खास पसंद करते हैं, क्योंकि उनके जरिए ब्रैंड्स को भरोसेमंद और टार्गेटेड ऑडियंस तक पहुंचने में मदद मिलती है।
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ये क्रिएटर्स क्यों हैं सबसे अलग
इन 10 क्रिएटर्स की कामयाबी के पीछे एक मजबूत फॉर्मूला है- वे अपने खास क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं (niche authority), अपनी ऑडियंस का भरोसा जीत चुके हैं (community trust), उनके कंटेंट में सच्चा जुड़ाव होता है (meaningful engagement), और वे अपनी आवाज और ब्रैंड की जरूरतों के बीच संतुलन बख़ूबी साधते हैं। ये ट्रेंड के पीछे नहीं भागते- बल्कि अपनी ऑडियंस से गहरा, टिकाऊ रिश्ता बनाते हैं।
चाहे वह नेहा की फाइनेंस की समझ हो, अपूर्वा की जेन जी से जुड़ने की क्षमता, या पारुल की एंटरप्रेन्योरशिप की असली झलक- हर क्रिएटर ने अपनी एक अलग जगह बना ली है। ये इस बात का प्रमाण हैं कि लगातार और सही टारगेट किया गया कंटेंट किसी भी तड़क-भड़क वाले एकबारगी वायरल कंटेंट से कहीं ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है।
भारत में क्रिएटर इकोनॉमी की ताकत
BCG की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में डिजिटल क्रिएटर्स उपभोक्ताओं के $350–400 बिलियन के खर्च को प्रभावित करते हैं और यह आंकड़ा 2030 तक $1 ट्रिलियन को पार कर सकता है। भारत में इस समय करीब 20 से 25 लाख सक्रिय डिजिटल क्रिएटर्स हैं (जिनके 1000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं), लेकिन इनमें से केवल 8–10% ही अपने कंटेंट से सही मायनों में कमाई कर पा रहे हैं।
फिलहाल क्रिएटर इकोनॉमी की डायरेक्ट कमाई $20–25 बिलियन आंकी गई है, जो 2030 तक पांच गुना बढ़कर $100–125 बिलियन तक पहुंच सकती है।
शॉर्ट वीडियो और लोकप्रिय जॉनर
रिपोर्ट यह भी बताती है कि शॉर्ट फॉर्म वीडियो का बोलबाला है- कॉमेडी, फैशन, डेली सोप्स और फिल्में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले जॉनर हैं। ब्रैंड अब क्रिएटर-निर्देशित मार्केटिंग में निवेश को 1.5 से 3 गुना तक बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे यह साफ है कि अब कारोबार के मॉडल तेजी से बदल रहे हैं और क्रिएटर्स की अगुवाई में नए तरीके से ढल रहे हैं।
असली असर उन्हीं का है जो सच्चे हैं
भारत की मौजूदा क्रिएटर इकोनॉमी में असली प्रभावशाली वही हैं जो सबसे बड़े नहीं, बल्कि सबसे सच्चे हैं- जो अपनी कला को गंभीरता से लेते हैं, अपनी ऑडियंस को करीब रखते हैं। वे केवल व्यूज नहीं, बल्कि ध्यान खींचते हैं। केवल क्लिक नहीं, भरोसा कमाते हैं। और यही आज ब्रैंड्स को चाहिए- ऐसे लोग जो दिखावे से नहीं, ईमानदारी से काम करें।
आगे का रास्ता
आज के समय में ये जरूरी नहीं कि सबसे ज्यादा शोर मचाने वाला या सबसे ज्यादा फॉलोअर्स वाला ही सबसे असरदार हो। असली बात है- कौन सच्चा है? ब्रैंड्स अब इस बात को समझ रहे हैं। वे अब उन्हीं क्रिएटर्स पर भरोसा कर रहे हैं जो किसी मकसद के साथ आते हैं, जो अपनी ऑडियंस की नब्ज पहचानते हैं और जबरन कुछ बेचने की कोशिश नहीं करते। चाहे फाइनेंस हो, वेलनेस या टेक्नोलॉजी, जिन क्रिएटर्स की आवाज दिल से निकलती है और जो अपने दायरे में टिके रहते हैं, वही अब असली फर्क पैदा कर रहे हैं। और अगर ये रफ्तार बरकरार रही, तो आने वाले समय में भी यही सच्चे, जमीन से जुड़े क्रिएटर्स इंडस्ट्री को आगे ले जाते रहेंगे- हर एक सच्चे और सोच-समझकर किए गए ब्रैंड कोलैबरेशन के जरिए।
वायकॉम18 (Viacom18) के पूर्व COO और House of Cheer के फाउंडर राज नायक ने अपनी अगली बड़ी और महत्वाकांक्षी पहल की घोषणा की है।
वायकॉम18 (Viacom18) के पूर्व COO और House of Cheer के फाउंडर राज नायक ने अपनी अगली बड़ी और महत्वाकांक्षी पहल की घोषणा की है। उन्होंने YAAP Digital के साथ रणनीतिक साझेदारी में 'हाउस ऑफ IP' (House of IP) लॉन्च किया है। YAAP एक अग्रणी डिजिटल कंटेंट और इंफ्लुएंसर मार्केटिंग कंपनी है, और अब इस साझेदारी के जरिए भारतीय इवेंट और एंटरटेनमेंट IP स्पेस में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी है।
House of IPs एक इनोवेटिव इवेंट व एंटरटेनमेंट IP वेंचर स्टूडियो है, जो मनोरंजन, खेल, म्यूजिक फेस्टिवल्स, डिजिटल फॉर्मेट्स और ब्रैंडेड एक्सपीरियंस के क्षेत्र में प्रभावशाली इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज (IPs) को विकसित करने, संवारने और बड़े स्तर पर विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है। स्टूडियो न सिर्फ नए IPs को जन्म देगा, बल्कि मौजूदा IP मालिकों के साथ मिलकर रणनीतिक सलाह, ब्रैंड निर्माण, कंटेंट डेवलपमेंट और रेवेन्यू मोनेटाइजेशन में भी सहयोग करेगा।
राज नायक ने इस पहल को लेकर कहा, “आज के समय में कंटेंट बिखरा हुआ है, लोगों का ध्यान तेजी से भटकता है और ब्रैंड्स ऐसी एक्सपीरियंस की तलाश में हैं जो गहराई से जुड़ाव बनाएं और उनका खुद का बन सके। ऐसे में मजबूत और स्केलेबल IPs की जरूरत पहले से कहीं अधिक है। House of IPs का मकसद ऐसे सांस्कृतिक प्रॉपर्टीज बनाना है जो दर्शकों से गहराई से जुड़ें और ब्रैंड्स व प्लेटफॉर्म्स के लिए असली वैल्यू लेकर आएं।”
इस इनिशिएटिव को और मजबूत बनाती है YAAP Digital के साथ इसकी साझेदारी, जिसमें राज नायक की क्रिएटिव विज़न और YAAP की डिजिटल इकोसिस्टम और ब्रैंड इंटीग्रेशन की विशेषज्ञता का मेल है।
YAAP के संस्थापक अतुल हेगड़े ने कहा, “हम हमेशा मानते आए हैं कि IPs के ज़रिए ब्रैंड्स की दीर्घकालिक पहचान बनाई जा सकती है। राज के साथ मिलकर House of IPs लॉन्च करना हमारी इसी सोच का स्वाभाविक विस्तार है। उनकी क्रिएटिव लीडरशिप और हमारे डिजिटल-फर्स्ट DNA के साथ, हम ऐसे आइकॉनिक और स्केलेबल IPs को को-क्रिएट करने को लेकर उत्साहित हैं, जो ब्रैंड्स को संस्कृति और समुदायों से जुड़ने का नया तरीका देंगे।”
House of IPs का उद्देश्य भारत के अनुभव-केंद्रित एंटरटेनमेंट इकोसिस्टम के लिए एक क्रिएटिव इंजन बनना है, जहां साहसी विचारों को ऐसे इंस्टीट्यूशन्स में बदला जा सके जो समय की कसौटी पर खरे उतरें।
कंपनी फिलहाल मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और दुबई में अपने ऑफिस स्थापित करने की प्रक्रिया में है।
इससे पहले कुबूल अहमद ‘टीवी9’ डिजिटल में एसोसिएट एडिटर के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
‘टीवी9’ डिजिटल को बाय बोलकर पत्रकार कुबूल अहमद फिर ‘आजतक’ (डिजिटल) की टीम में शामिल हो गए हैं। यहां उन्होंने बतौर एसोसिएट एडिटर जॉइन किया है।
इस संस्थान के साथ कुबूल अहमद की यह दूसरी पारी है। अपनी पहली पारी के दौरान वह ‘आजतक’ डिजिटल में बतौर अस्टिटेंट एडिटर जुड़े हुए थे, जहां से बाय बोलकर ही वह ‘टीवी9’ पहुंचे थे और एसोसिएट एडिटर के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
रायबरेली जिले के ऊंचाहार निवासी कुबूल अहमद को मीडिया में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। पूर्व में वह ‘लोकस्वामी’ पत्रिका, ‘हरिभूमि’ अखबार और ‘चैनल1’ में भी काम कर चुके हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो कुबूल अहमद कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। इसके साथ ही उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर) से पत्रकारिता में मास्टर्स की डिग्री ली है।
इस पारी में यहां उनकी भूमिका क्या होगी, फिलहाल यह पता नहीं चला है लेकिन सूत्रों की मानें तो वह स्पेशल प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक वरिष्ठ पत्रकार पाणिनि आनंद फिर इस समूह में शामिल हो गए हैं। इंडिया टुडे समूह के साथ पाणिनी आनंद की यह दूसरी पारी है। इस पारी में यहां उनकी भूमिका क्या होगी, फिलहाल यह पता नहीं चला है लेकिन सूत्रों की मानें तो वह स्पेशल प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।
बता दें कि पाणिनी आनंद पहले भी इस समूह का हिस्सा रहे हैं और अपनी पहली पारी के दौरान वह बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर ‘आजतक’ (डिजिटल) में अपनी भूमिका निभा रहे थे। पाणिनि आनंद इस समूह के साथ करीब सात साल से जुड़े हुए थे। उन्होंने यहां पर बतौर डिप्टी एडिटर (डिजिटल) जॉइन किया था। बाद में संस्थान ने उन्हें प्रमोशन का तोहफा देते हुए एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर प्रमोट किया था।
इसके बाद मार्च 2023 में यहां से बाय बोलकर उन्होंने ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (डिजिटल) में ग्रुप एडिटर के रूप में जॉइन किया था। कुछ समय पूर्व उन्होंने ‘टीवी9 भारतवर्ष’ से इस्तीफा दे दिया था। ‘इंडिया टुडे’ समूह से पहले पाणिनि ‘कैच न्यूज’ के साथ बतौर सीनियर असिसटेंट एडिटर जुड़े हुए थे। यहां वह राज्यसभा टीवी से पहुंचे थे। राज्यसभा टीवी में वह न्यू मीडिया डिपार्टमेंट के हेड थे।
तमाम विषयों पर लिखने में माहिर पाणिनि आनंद मूल तौर पर रायबरेली के हैं। करीब दो दशक से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे पाणिनि आनंद ने अपने करियर की शुरुआत ‘बीबीसी’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शुरू की थी। दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेश (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के दौरान भी वह ‘नवभारत टाइम्स’, ‘हिन्दुस्तान’ और ‘जनसत्ता’ समेत कई अखबारों के लिए लिखते थे।
‘बीबीसी’ से जुड़ने से पहले 2002-2004 तक उन्होंने दो टैब्लॉयड के संपादन का कार्य भी किया और 2004-2006 तक वे बीबीसी में बतौर कंट्रीब्यूटर जुड़े और उसके बाद 2006-2010 तक वह बीबीसी हिंदी में बतौर कॉरेस्पॉन्डेंट/प्रड्यूसर के तौर पर कार्यरत रहे थे।
यहां करीब 6 साल काम करने के बाद वह तत्कालीन बीबीसी हेड संजीव श्रीवास्तव के साथ 2010 में सहारा मीडिया से जुड़े। यहां वह सहारा की वेब डिवीजन के एडिटोरियल हेड रहे। यहां एक साल काम करने के बाद वह 2011 में यहां से रुखसत हुए। 2011 में उन्हें सीएसडीएस की फेलोशिप मिली। उसके बाद 2012 में उन्होंने बतौर प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट आउटलुक (अंग्रेजी) मैगजीन के साथ अपनी पारी आगे बढ़ाई। वैसे पाणिनि आनंद डॉक्यूमेंट्री मेकिंग से भी जुड़े रहे हैं। साथ ही वे एक कवि, ब्लॉगर और थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर भी समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं।
बता दें कि डिजिटल मीडिया की दुनिया में बेहतरीन काम करने वाले ब्रैंड्स और एजेंसियों को ये अवॉर्ड्स दिए जाते हैं और इनका चुनाव प्रतिष्ठित जूरी द्वारा किया जाता है।
बहुप्रतीक्षित ‘इंडियन डिजिटल मार्केटिंग अवॉर्ड्स’ (IDMA) के 16वें एडिशन के विजेताओं को आज मुंबई में सम्मानित किया जाएगा। इस समारोह में महाराष्ट्र सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक मामलों के कैबिनेट मंत्री, मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष, बीसीसीआई के महासचिव और पेशे से अधिवक्ता आशीष शेलार मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।
आशीष शेलार को उनके ऊर्जावान नेतृत्व और जनकल्याण व इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों में सक्रिय भागीदारी के लिए जाना जाता है। शेलार वर्ष 2014 से बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य रहे हैं। इसके अलावा, वे 17 जून 2015 को मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए थे।
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने पार्ले कॉलेज से वर्ष 1992 में विज्ञान (बी.एससी.) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध जी. जे. अदवाणी लॉ कॉलेज से तीन वर्षीय कानून की पढ़ाई पूरी की।
बता दें कि डिजिटल मीडिया की दुनिया में बेहतरीन काम करने वाले ब्रैंड्स और एजेंसियों को ये अवॉर्ड्स दिए जाते हैं और इनका चुनाव प्रतिष्ठित जूरी द्वारा किया जाता है। इस साल हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के सीईओ और एमडी, साथ ही यूनिलीवर साउथ एशिया के प्रेजिडेंट और Unilever लीडरशिप एग्जिक्यूटिव (ULE) के सदस्य रोहित जावा को जूरी चेयर नियुक्त किया गया। उनके साथ अन्य वरिष्ठ इंडस्ट्री लीडर्स भी निर्णायक मंडल में शामिल रहे, जिन्होंने विभिन्न मापदंडों पर विजेताओं को चुना।
जून 2025 के कोर अपडेट के बाद, जिससे कई न्यूज वेबसाइट्स की ट्रैफिक और विजिबिलिटी में तेज गिरावट देखी गई थी, अब गूगल ने चुपचाप एक और बड़ा बदलाव कर दिया है।
जून 2025 के कोर अपडेट के बाद, जिससे कई न्यूज वेबसाइट्स की ट्रैफिक और विजिबिलिटी में तेज गिरावट देखी गई थी, अब गूगल ने चुपचाप एक और बड़ा बदलाव कर दिया है। इस बार निशाना है उसके डिस्कवर फीड पर, जो iOS और Android पर गूगल सर्च ऐप के भीतर प्रमुख न्यूज सेक्शन होता है।
अब यूजर्स को पहले की तरह किसी एक न्यूज पब्लिशर की हेडलाइन या बाइलाइन नहीं दिखती, बल्कि उसकी जगह ट्रेंडिंग टॉपिक्स जैसे खेल और एंटरटेनमेंट के तहत गूगल के AI द्वारा तैयार किए गए छोटी-छोटी समरीज (सारांश) दिख रही हैं। इन समरीज के साथ केवल कुछ न्यूज ब्रैंड्स के छोटे लोगो दिखाई देते हैं। गूगल का ऐप स्वयं यह चेतावनी देता है कि इन AI जनरेटेड समरी में गलतियां हो सकती हैं।
यह फीचर फिलहाल सिर्फ अमेरिका में उपलब्ध है, लेकिन TechCrunch की रिपोर्ट के मुताबिक यह कोई सीमित टेस्ट नहीं बल्कि Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म्स पर फुल रोलआउट है। गूगल का दावा है कि ये समरी यूजर्स को यह तय करने में मदद करेंगे कि वे किस पेज पर जाना चाहते हैं। लेकिन डिजिटल पब्लिशर्स के लिए (जो पहले से ही सर्च विजिबिलिटी में गिरावट झेल रहे हैं) यह बदलाव क्लिक-थ्रू रेट्स और कंटेंट एट्रिब्यूशन को और कमजोर कर सकता है।
इसके अलावा, गूगल डिस्कवर में अन्य AI-आधारित फॉर्मेट्स पर भी काम कर रहा है। कुछ खबरों को अब टॉपिक क्लस्टर्स के रूप में समूहित किया जा रहा है या बुलेटेड समरीज के साथ पेश किया जा रहा है। ये सूक्ष्म बदलाव व्यक्तिगत न्यूज पब्लिशर्स की दृश्यता को घटाते हैं और गूगल को एक "न्यूज समराइजर" के रूप में और ताकतवर बनाते हैं।
न्यूज पब्लिशर्स के लिए यह एक और चिंता का संकेत है कि मौलिक पत्रकारिता को अब AI द्वारा बनाए गए ओवरव्यूज के पीछे धकेला जा रहा है, जो यूजर्स की व्यस्तता तो बढ़ाते हैं, लेकिन कंटेंट क्रिएटर्स के लिए न तो ट्रैफिक की गारंटी देते हैं और न ही रेवेन्यू की।
गूगल के ताजा कोर अपडेट ने भारतीय डिजिटल पब्लिशिंग इकोसिस्टम को एक बड़ा झटका दिया है। इस अपडेट के लागू होते ही कई भारतीय न्यूज वेबसाइट्स की वेब ट्रैफिक में भारी गिरावट दर्ज की गई है
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
गूगल के ताजा कोर अपडेट ने भारतीय डिजिटल पब्लिशिंग इकोसिस्टम को एक बड़ा झटका दिया है। इस अपडेट के लागू होते ही कई भारतीय न्यूज वेबसाइट्स की वेब ट्रैफिक में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिनमें से कुछ ने पहले दो हफ्तों में ही 50% तक की गिरावट की रिपोर्ट की है। 30 जून से शुरू हुए इस अपडेट के बाद सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERP) में व्यापक फेरबदल देखा गया है। कुछ को अचानक ट्रैफिक और रैंकिंग में बढ़त मिली, जबकि कई अन्य की उपस्थिति रातोंरात गायब हो गई।
इस जलजले का असर सिर्फ मीडिया तक सीमित नहीं है। ई-कॉमर्स और बैंकिंग-फाइनेंशियल-इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर की वेबसाइट्स भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पीडी लैब.मी (pdlab.me) द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, यह अपडेट प्लेटफॉर्म डिपेंडेंसी और सर्च इंजन अपडेट्स की अपारदर्शिता को लेकर नई चिंताएं खड़ी कर रहा है।
22 वेबसाइट्स में से 80% पर नकारात्मक असर
PDlab.me के फाउंडर संदीप अमर के अनुसार, “पहले दो हफ्तों में 22 वेबसाइट्स के व्यापक विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि जून 2025 के कोर अपडेट का असर बड़े पैमाने पर पड़ा है। इनमें से लगभग 80% साइट्स को नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ा, जिनमें से अधिकांश ने 20 से 50% तक ट्रैफिक में गिरावट देखी है।”
हालांकि गूगल ने यह अपडेट आधिकारिक रूप से 30 जून को जारी किया, लेकिन इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि सर्च रैंकिंग में अस्थिरता जून के तीसरे हफ्ते से ही शुरू हो गई थी। 16 से 18 जून के बीच SEO ट्रैकर्स ने मार्च कोर अपडेट के बाद सबसे अधिक उतार-चढ़ाव दर्ज किया।
एक वरिष्ठ मीडिया कार्यकारी ने कहा, “हर बार जब कोई कोर अपडेट आता है, तो हम 3-4 हफ्तों के अनिश्चित काल के लिए तैयार हो जाते हैं। रैंकिंग डगमगाती है, ट्रैफिक बेतहाशा घटता-बढ़ता है और इसका असर हर बार अलग होता है- कुछ को फायदा होता है, तो कुछ को बड़ा नुकसान।”
AI-Mode और 'जीरो-क्लिक' के कारण अनिश्चितता और बढ़ी
डिजिटल विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 3 से 4 हफ्तों में यह अस्थिरता कुछ हद तक थम सकती है, लेकिन कुछ चेतावनी भी दे रहे हैं कि इसके झटके Q2 तक महसूस हो सकते हैं। एक प्रमुख डिजिटल एजेंसी के SEO स्ट्रैटेजिस्ट के अनुसार, “हमने पहले देखा है कि जब एक से अधिक अपडेट या एक्सपेरिमेंटल फीचर एकसाथ रोल आउट होते हैं, तो रैंकिंग की अस्थिरता कई महीनों तक बनी रहती है।” उन्होंने ‘AI-mode’ नामक एक अन्य गूगल अपडेट की ओर भी इशारा किया।
इस अनिश्चितता ने ब्रैंड मार्केटर्स और डिजिटल पब्लिशर्स के बीच चिंता बढ़ा दी है, खासकर ऐसे समय में जब त्योहारों का सीजन नजदीक है। एक मार्केटर ने कहा, “जब ऑर्गेनिक पहुंच ही भरोसेमंद न हो, तो फेस्टिव बजट प्लान करना बेहद कठिन हो जाता है।”
गूगल से इस कोर अपडेट के प्रभावों को लेकर पूछे गए विस्तृत सवालों पर जवाब न्यूज लिखे जाने तक नहीं मिला था।
तीन तरह के ट्रैफिक पैटर्न सामने आए
पहले के अपडेट्स के विपरीत, जहां ट्रैफिक में गिरावट आमतौर पर एकसमान होती थी, इस बार तीन अलग-अलग पैटर्न देखने को मिले हैं:
ऐसे ब्रैंड्स जिन्होंने पहले दिन से ट्रैफिक खोया और लगातार गिरते गए।
जिन साइट्स को शुरुआत में ट्रैफिक में उछाल मिला लेकिन फिर अचानक भारी गिरावट आई — यह कोर अपडेट्स में कम ही देखा गया है।
और सबसे अलग, SERP में एक असाधारण आक्रामकता से पुनर्संरेखण (readjustment) हो रहा है।
‘Googlequake’ जैसा असर
तीसरे पक्ष के टूल SEMrush Sensor के अनुसार, पिछले 30 दिनों में न्यूज वेबसाइट्स के लिए SERP वोलैटिलिटी का स्कोर 10 में से 9.4 दर्ज किया गया — जिसे उन्होंने "Googlequake" नाम दिया है। उदाहरण के लिए, India Today और ESPN साइट्स अमेरिका में शीर्ष 6 न्यूज साइट्स में शामिल हो गईं, जबकि एक सप्ताह पहले वे क्रमशः 6वें और 5वें स्थान पर थीं।
पब्लिशर्स का मानना है, “ये अपडेट जीरो-क्लिक युग और AI कंपनियों की चुनौती से निपटने के लिए यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने की दिशा में होते हैं। लेकिन पब्लिशर्स के लिए ये अपडेट लगभग हमेशा ट्रैफिक गिरने के साथ शुरू होते हैं। चीजें समय के साथ स्थिर हो सकती हैं, लेकिन यह कभी भी निश्चित नहीं होता। अगर कोई साइट इस बार बच गई, तो अगली बार उसकी बारी हो सकती है — यह अब एक एल्गोरिदमिक भाग्य का खेल बन चुका है।”
एक अंग्रेजी अखबार के डिजिटल हेड ने कहा कि यह परिवर्तन गूगल के AI ओवरव्यू और जीरो-क्लिक व्यवहार से जुड़ी पृष्ठभूमि समायोजन का संकेत देता है।
AI युग में यूजर एक्सपीरियंस और चुनौती
वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत में डिजिटल विज्ञापनों से गूगल ने ₹31,000 करोड़ से अधिक की कमाई की — यह इस बात का प्रमाण है कि भारतीय ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में उसका वर्चस्व कायम है। कुल डिजिटल विज्ञापन राजस्व में इसका लगभग 70% हिस्सा है, जिससे वह ब्रैंड्स और पब्लिशर्स दोनों के लिए एक मुख्य माध्यम बना हुआ है।
इसमें बड़ी हिस्सेदारी कंटेंट आधारित प्लेटफॉर्म्स की है, जिनमें न्यूज वेबसाइट्स प्रमुख भूमिका निभाती हैं। लेकिन रैंकिंग अस्थिरता, जीरो-क्लिक सर्चेज और AI-ड्रिवन ब्राउजर्स के बढ़ते असर के चलते यह मॉडल अब सवालों के घेरे में आ रहा है।
AI आधारित प्लेटफॉर्म्स के बढ़ने से जीरो-क्लिक युग तेजी से आगे बढ़ रहा है, जहां यूजर को सीधे सर्च पेज पर जवाब मिल जाता है — वेबसाइट पर क्लिक करने की जरूरत ही नहीं रहती। इससे SEO आधारित ट्रैफिक को खतरा है, जो कि गूगल के रेवेन्यू मॉडल की नींव है। वहीं, कुछ AI कंपनियां अपने ब्राउजर्स भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं, जिससे सर्च स्पेस और अधिक विखंडित हो सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि घटिया, AI-जनित कंटेंट की बाढ़ यूजर ट्रस्ट को नुकसान पहुंचा सकती है और सर्च परिणामों की विश्वसनीयता को भी कम कर सकती है — इससे गूगल की लंबे समय से चली आ रही लीडरशिप और रेवेन्यू मॉडल दोनों को चुनौती मिल सकती है। जून 2025 कोर अपडेट के बाद कई पब्लिशर्स को Google Search Console में “भ्रामक सामग्री” (misleading content) के नोटिफिकेशन मिल रहे हैं।
इसके अलावा, जिन वेबसाइट्स की आंतरिक संरचना कमजोर, कंटेंट पुराना, या यूजर एंगेजमेंट कमजोर है — उनमें ट्रैफिक गिरावट सबसे अधिक रही है।
यह बदलाव, इंडस्ट्री लीडर्स के अनुसार, गूगल के कंटेंट की प्रामाणिकता और सच्चाई पर बढ़ते जोर को दर्शाता है।
विशेषज्ञों की सलाह: वादे और हकीकत में न हो अंतर
विशेषज्ञों का सुझाव है कि पब्लिशर्स को अपनी हेडलाइंस को लेख की सामग्री से पूरी तरह मेल खाते बनाना चाहिए।
PDlab.me के संदीप अमर कहते हैं, “हेडलाइन में जो वादा किया गया है, अगर वह लेख में नहीं निभाया गया, तो अब उसे और सख्ती से देखा जा रहा है। कंटेंट क्रिएटर्स को अपने पाठकों के प्रति ईमानदार और मददगार होना होगा, क्योंकि गूगल की मैनुअल रिव्यू प्रक्रिया अब भ्रामक कंटेंट की पहचान कर उस पर दंड लगा रही है।”
वह चेतावनी देते हैं कि इस स्तर की अस्थिरता को संभालने के लिए धैर्य और रणनीतिक योजना आवश्यक है, खासकर ब्रैंड स्टेकहोल्डर्स के लिए, जिनकी SEO की समझ सीमित होती है और वे त्वरित समाधान की अपेक्षा रखते हैं।
‘मनीकंट्रोल’ से जुड़ने से पहले रोहित गांधी ‘एचटी डिजिटल स्ट्रीम्स’ (HT Digital Streams) में डिजिटल बिजनेस के रेवेन्यू हेड के तौर पर कार्यरत थे, जहां उन्होंने करीब दो साल तक अपनी सेवाएं दीं।
डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म ‘मनीकंट्रोल’ (moneycontrol.com) ने रोहित गांधी को वाइस प्रेजिडेंट और रेवेन्यू हेड के पद पर नियुक्त किया है। अपनी इस भूमिका में वह इस प्लेटफॉर्म के लिए डिस्प्ले एडवरटाइजिंग, ब्रैंडेड कंटेंट, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज (IP) और वीडियो इनिशिएटिव्स की जिम्मेदारी संभालेंगे।
रोहित गांधी को ऐड सेल्स और बिजनेस डेवलपमेंट का लंबा अनुभव है। ‘मनीकंट्रोल’ से जुड़ने से पहले रोहित गांधी ‘एचटी डिजिटल स्ट्रीम्स’ (HT Digital Streams) में डिजिटल बिजनेस के रेवेन्यू हेड के तौर पर कार्यरत थे, जहां उन्होंने करीब दो साल तक अपनी सेवाएं दीं।
रोहित गांधी इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में लीडरशिप भूमिकाएं निभा चुके हैं। इनमें MX Player, नेटवर्क18 डिजिटल (CNBCTV18.com और मनीकंट्रोल), कॉन्डे नास्ट इंडिया, द हिन्दू ग्रुप (KSL डिजिटल), टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड, Rediff.com और Bloomberg UTV जैसे जाने-माने नाम शामिल हैं।
कंपनी का यह फैसला भारत जैसे बड़े इंटरनेट मार्केट में X की पहुंच को बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) ने भारत में अपने यूजर्स के लिए एक बड़ी राहत दी है। कंपनी ने अपने प्रीमियम सब्सक्रिप्शन प्लान्स की कीमतों में 47 फीसदी तक की भारी कटौती की है। यह बदलाव X के तीनों बेसिक, प्रीमियम और प्रीमियम+ पर लागू होगा। अब यूजर्स को बेसिक प्लान सिर्फ 170 रुपये प्रति माह में मिलेगा, जबकि प्रीमियम प्लान 470 रुपये और प्रीमियम+ प्लान 3,000 रुपये प्रति माह में उपलब्ध होगा।
मोबाइल यूजर्स के लिए प्रीमियम अकाउंट का मासिक शुल्क पहले 900 रुपये था, जिसे अब 470 रुपये कर दिया गया है, यानी करीब 48% की कटौती हुई है। प्रीमियम प्लस सब्सक्रिप्शन की कीमत भी मोबाइल पर 5,100 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये कर दी गई है, यानी करीब 41% की कमी हुई है।
वेब पर प्रीमियम सब्सक्रिप्शन अब 650 रुपये से घटकर 427 रुपये में मिलेगा, जो कि 34% सस्ता है। प्रीमियम प्लस अकाउंट अब वेब पर 3,470 रुपये की जगह 2,570 रुपये में मिलेगा। आपको बता दें, कंपनी का यह फैसला भारत जैसे बड़े इंटरनेट मार्केट में X की पहुंच को बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।