गठबंधन ने कुल 202 सीटें हासिल कीं, जो पिछले चुनाव की तुलना में 80 सीटों की बड़ी बढ़त है। वोट शेयर भी बढ़कर 47% पहुंच गय वहीं महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार चुनाव में करारी हार के बाद से राज्य के सबसे बड़े सियासी घराने में मची कलह ने सबको हैरान कर दिया है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट ने पारिवारिक कलह को सबके सामने ला दिया है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि महागठबंधन पूरी तरह से कमजोर हो गया है लेकिन अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहा हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, विपक्ष में होना सिर्फ़ संख्या बल का नहीं, बल्कि जनमानस के प्रभाव का भी मामला होता है। लेकिन बिहार में पूरी तरह कमजोर हो चुका महागठबंधन आज अपनी राजनीतिक जमीन संभालने के बजाय सोशल मीडिया ट्रोल्स छोड़ने और आपसी पारिवारिक कलह में उलझा हुआ है।
वहीं दूसरी ओर, जन सुराज पहले ही 'विश्व बैंक के फंड के दुरुपयोग' जैसे गंभीर मुद्दों पर बात कर रहा है यानी असली विपक्ष की भूमिका निभाने की कोशिश में जुटा है। आपको बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 200 से अधिक सीट जीतकर प्रचंड विजय हासिल की है।
गठबंधन ने कुल 202 सीटें हासिल कीं, जो पिछले चुनाव की तुलना में 80 सीटों की बड़ी बढ़त है। वोट शेयर भी बढ़कर 47% पहुंच गय वहीं महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
Being the opposition is as much about mind space as it is about numbers. A decimated Mahagathbandhan is busy unleashing keyboard trolls & battling family feud. Whereas Jan Suraj is already talking about World Bank funds ‘misuse’. #Bihar
— Sanket Upadhyay (@sanket) November 17, 2025
पुलिस को मिले नोट में कथित तौर पर काम का दबाव, मानसिक तनाव और अपने सुपरवाइजर की ओर से संभावित निलंबन का उल्लेख किया गया है।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
जयपुर में मुकेश जांगिड़ (48) नाम के एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने बिंदायका रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया है जिसमें उन्होंने कुछ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, तीन अलग-अलग राज्यों में अवास्तविक लक्ष्यों और सख्त समयसीमा के दबाव के चलते दो बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली, जबकि एक ने आत्महत्या का प्रयास किया है। क्या भारत निर्वाचन आयोग इस बार भी इसे अनदेखा कर देगा, जैसे हमेशा करता आया है?
यह वो कहानी है जिसे आप तथाकथित प्राइम टाइम न्यूज़ चैनलों पर नहीं देखेंगे, जहाँ सच्ची ख़बरों से ज़्यादा मायने रखती है शोर, बहस और विपक्ष पर निशाना साधना। आपको बता दें, पुलिस को मिले नोट में कथित तौर पर काम का दबाव, मानसिक तनाव और अपने सुपरवाइजर की ओर से संभावित निलंबन का उल्लेख किया गया है। अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
Get real India: 2 alleged deaths by suicide, one suicide attempt of BLOs over SIR in 3 diff states because of unrealistic targets and deadlines. Will @ECISVEEP as always brush it aside? Watch a story that you won’t find on prime time across so called news channels where noise and… https://t.co/z44f59PDQw
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 17, 2025
दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार का दर्द छलक उठा। अपनी पोस्ट में उन्होंने एयर क्वालिटी की भयावह स्थिति और उससे होने वाली शारीरिक तकलीफों का जिक्र किया है।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का संकट नई भयावहता की ओर बढ़ रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपनी एक्स पोस्ट में राजधानी की हवा की स्थिति को लेकर गहरी चिंता और व्यक्तिगत पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि दिल्ली प्रदूषण की 'अनंत दास्तान' में एक और दिन जुड़ गया है, और अब लोगों को Severe Category की हवा की जैसे आदत सी हो चली है।
उन्होंने बताया कि घर के अंदर का एयर फिल्टर भी लगातार 300 AQI दिखाता है, और कमरे को पूरी तरह बंद रखने पर भी उसे सामान्य स्तर 50 AQI तक पहुंचने में एक घंटे का समय लगता है। प्रदूषण इतना गंभीर हो चुका है कि, 'अब सिगरेट की ज़रूरत महसूस नहीं होती।'
उन्होंने सीने में जलन, फेफड़ों पर दबाव और लगातार घुटन की अनुभूति का भी उल्लेख किया। अजय कुमार का दर्द इस लाइन में साफ झलकता है -अब सरकारों से कोई शिकायत नहीं है… कोई सुनने वाला ही नहीं। उन्होंने इच्छा जताई कि काश एनसीआर को हमेशा के लिए छोड़ पाना संभव होता, ताकि इस हर पल महसूस होने वाली घुटन से छुटकारा मिल सके।
#DelhiPollution कि अनंत दास्तान में एक और दिन जुडा।
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) November 13, 2025
Severe Category कि अब आदत सी हो चली है।
घर के अंदर का Air filter, 300 AQI हर वक्त दिखाता है।
रुम बंद रखो तो 1 hr के बाद, 50 AQI पर आता है।
सिगरेट कि ज़रूरत महसूस नहीं हो रही।
सीने में जलन, फेफड़ों के सिकुड़ने का हर वक्त…
डॉक्टरों की आड़ में आतंक का खेल खेलने वाले इन आरोपियों की बम ब्लास्ट की बहुत बड़ी प्लानिंग थी। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, अयोध्या, प्रयागराज समेत कई जगहों को निशाना बनाया जाना था।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त जांच में लाल किले के पास हुए विस्फोट की साजिश के पीछे डॉक्टरों की आड़ में चल रहा आतंक का बड़ा खेल सामने आया है। मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, उमर और शाहीन ने मिलकर करीब 20 लाख रुपये कैश जुटाए थे, जो उमर को सौंपे गए थे। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, कहा जाता था कि ग़रीबी और अशिक्षा ग़लत रास्ते पर चलने को मजबूर कर देती है। पर इन पढ़े-लिखे डॉक्टरों की क्या मजबूरी रही होगी? न तो ग़रीब और न ही अशिक्षित। आगे बढ़ने का हर अवसर मिला। इनके आतंकवादी बनने के पीछे नफ़रत और असहिष्णुता है। आपको बता दें, हर जगह ब्लास्ट के लिए पुरानी सेकंड हैंड कारों का इंतजाम किया गया था।
हरियाणा पुलिस सूत्रों ने बताया कि डॉक्टरों की आड़ में आतंक का खेल खेलने वाले इन आरोपियों की बम ब्लास्ट की बहुत बड़ी प्लानिंग थी। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, अयोध्या, प्रयागराज समेत कई जगहों को निशाना बनाया जाना था।
कहा जाता था कि ग़रीबी और अशिक्षा ग़लत रास्ते पर चलने को मजबूर कर देती है। पर इन पढ़े-लिखे डॉक्टरों की क्या मजबूरी रही होगी? न तो ग़रीब और न ही अशिक्षित। आगे बढ़ने का हर अवसर मिला। इनके आतंकवादी बनने के पीछे नफ़रत और असहिष्णुता है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) November 13, 2025
Dawn अख़बार में रिपोर्ट के अंत में गलती से ChatGPT का प्रॉम्प्ट छप गया, जिससे AI के बढ़ते प्रयोग और संपादकीय सतर्कता पर नई बहस छिड़ गई। मिलिंद खांडेकर ने इसे पत्रकारिता के लिए चेतावनी बताया।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी दैनिक Dawn में एक चौंकाने वाली गलती ने पत्रकारिता जगत और सोशल मीडिया में हलचल मचा दी है। ऑटो सेक्टर पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अंत में ChatGPT का वह प्रॉम्प्ट ज्यों का त्यों छप गया, जो मूल रूप से AI चैटबॉट से सामग्री तैयार करवाने के दौरान दिया गया था। प्रॉम्प्ट में लिखा था, “अगर आप चाहें, तो मैं फ्रंट-पेज स्टाइल में एक आकर्षक कॉपी भी बना सकता हूँ।
क्या आप अगला यही चाहते हैं?” इस एक पंक्ति ने साफ कर दिया कि पूरी रिपोर्ट कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सहायता से तैयार की गई थी और संपादन के दौरान प्रॉम्प्ट हटाने में लापरवाही हुई। इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने एक्स पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “ChatGPT अख़बार बनाने लग गया, और गलती से पकड़ा भी गया।
खबर के अंत में AI पूछ रहा है कि क्या फ्रंट पेज की कॉपी भी बना दूँ। यानी पूरी कॉपी AI ने लिखी और एडिटिंग में प्रॉम्प्ट हटाने तक की ज़हमत नहीं उठाई। AI का इस्तेमाल कीजिए, पर दिमाग़ का भी इस्तेमाल कीजिए।”
ChatGPT अख़बार बनाने लग गया. गलती से पकड़ा भी गया. पाकिस्तान के Dawn अख़बार में खबर के आख़िर में सवाल पूछ रहा है कि क्या फ़्रंट पेज के लिए कॉपी बना दूँ. मतलब पूरी कॉपी AI ने लिखी है. कॉपी पेस्ट के कारण Prompt छप गया. AI का इस्तेमाल कीजिए पर दिमाग़ का इस्तेमाल भी कीजिए. pic.twitter.com/znMSJ9WUo8
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) November 13, 2025
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में सामने आया कि साजिशकर्ताओं का संबंध अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था। वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने ‘व्हाइट कॉलर टेररिज़्म’ को सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बताया।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
चांदनी चौक कार ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। ताज़ा जानकारी के अनुसार, इस हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से सीधे संबंध थे। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट में शामिल आतंकी इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ते और प्रैक्टिस करते थे।
पुलिस ने इसी मामले में यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल को विस्फोटक सामग्री जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस गंभीर मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक अहम टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा, 'एक समय था जब आतंकी गरीब, शोषित या पठानी कपड़ों में हथियार लिए दिखते थे। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।
अब डॉक्टर, इंजीनियर और उच्च शिक्षित लोग आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बन रहे हैं।' उन्होंने इस खतरे को ‘व्हाइट कॉलर टेररिज़्म’ की संज्ञा दी और कहा कि यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए तेजी से उभरती हुई सबसे बड़ी चुनौती है।
दीपक चौरसिया के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट जैसे मामले यह संकेत देते हैं कि आतंकवाद अब केवल सीमाओं या जंगलों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों और प्रतिष्ठित पेशों तक फैल चुका है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रवृत्ति को समय रहते पहचानना बेहद ज़रूरी है, ताकि सफेदपोश आतंकी जो आम जनता के बीच आसानी से घुल-मिल जाते हैं, को पकड़कर उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
एक दौर था जब आतंकियों को गरीब, शोषित या फिर पठानी कपड़े पहने बंदूकधारियों के तौर पर देखा जाता था. लेकिन अब वो दौर बदल चुका है. अब पढ़ें लिखे डॉक्टर और इंजीनियर आतंकी बन रहे है. इस समय सुरक्षा एजेंसियों के लिए जो सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही है वो है 'व्हाइट कॉलर टेररिज्म'…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 12, 2025
वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने पटना से पूर्णिया की यात्रा के दौरान आम लोगों से बातचीत पर आधारित बिहार चुनाव 2025 का ज़मीनी विश्लेषण साझा किया। कई अहम संकेत सामने आए।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने से एक दिन पहले वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपनी मैदानी पड़ताल पर आधारित महत्वपूर्ण विश्लेषण साझा किया है। पूर्णिया से पटना के रास्ते के दौरान आम मतदाताओं के बीच लंबा समय बिताने के बाद उन्होंने बताया कि इस चुनाव में जनता के मन में क्या चल रहा है और किस मुद्दे ने लोगों को सबसे अधिक प्रभावित किया।
उनके अनुसार, NDA को बढ़त दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निभाई है। उनकी सेहत को लेकर जो अफवाहें सोशल मीडिया में थीं, ज़मीन पर उसका कोई असर नहीं दिखा। महिलाओं में नीतीश सरकार की 10,000 रुपये की सहायता राशि और 1100 रुपये मासिक पेंशन जैसी योजनाओं का गहरा प्रभाव देखने को मिला, जिसने NDA को मजबूत आधार दिया।
राणा यशवंत बताते हैं कि पारंपरिक वोट बैंक से अलग कई जातियों में RJD की सरकार को लेकर भय दिखाई दिया। वहीं दूसरी ओर, बीजेपी के कई विधायकों के प्रति जनता में असंतोष साफ दिखा। लोगों का कहना था कि 'मजबूरी में वोट दिया गया है।' उन्होंने यह भी बताया कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने कई सीटों पर बीजेपी को नुकसान पहुंचाया।
इसके साथ ही PK के भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों की चर्चा गांव-गांव में फैल चुकी थी। जनता में आम राय थी कि 'नीतीश कुमार अच्छे हैं, लेकिन उनके अधिकारी अत्यधिक भ्रष्ट हैं,' जबकि महागठबंधन के कार्यकर्ता लोगों को कई जगह उद्दंड और आक्रामक दिखाई दिए।
सबसे अहम बात यह रही कि मुस्लिम मतदाता एकमुश्त महागठबंधन के पक्ष में दिखे और इस बार समुदाय के वोटों में कोई बिखराव नहीं हुआ। रिज़ल्ट कल आएंगे और राणा यशवंत की ये टिप्पणियाँ चुनावी हवा की दिशा को समझने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
पटना से पूर्णिया के रास्ते में हूँ. बिहार चुनावों के दौरान आम लोगों के बीच लंबा वक्त गुज़ारने के बाद कुछ तथ्य.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) November 12, 2025
- NDA को एज रहा जिसकी बड़ी वजह नीतीश कुमार रहे.
- नीतीश कुमार की सेहत को लेकर कोई चर्चा नहीं थी.
- महिलाओं को दस हज़ार की सहायता और 1100 पेंशन का बड़ा असर दिखा.
- मोदी… pic.twitter.com/fWmZyBPdCW
भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के दिवंगत बड़े भाई राजेश राय की याद में दिल्ली के लोधी रोड स्थित चिन्मय मिशन में प्रार्थना सभा आयोजित की गई।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली के लोधी रोड स्थित चिन्मय मिशन में सोमवार को भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय की स्मृति में भावपूर्ण प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर देश के अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, कल्किधाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास, वरिष्ठ पत्रकार, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उपेंद्र राय ने अपने भाई को याद करते हुए भावुक शब्दों में कहा, 'सबको कुछ न कुछ चाहिए होता है, पर मेरे गुड्डू भैया को कभी कुछ नहीं चाहिए था। वे सचमुच मन से साधु थे। दो दिन अस्पताल में रहने के बाद भी उन्हें हमसे विदा लेना पड़ा। वह बेबसी मैं कभी नहीं भूल सकता।'
कवि कुमार विश्वास ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'तृप्त होकर धरती से जाना ही मोक्ष है। भगवान कृष्ण प्रेम में अपनी पूरी उपस्थिति देते हैं ,वही भाव उपेंद्र जी के भीतर भी जागा है।' वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भगवान बुद्ध के उदाहरण से समझाया कि मृत्यु का अनुभव आत्मा की यात्रा है, जिसे कोई लौटकर साझा नहीं करता। प्रार्थना सभा में केसी त्यागी, मुमताज पटेल, पंकज सिंह और डॉ. शिव कुमार शरीन सहित कई नेता और पत्रकार भी उपस्थित रहे।
मेरे बड़े भाई स्वर्गीय राजेश राय की पुण्य स्मृति में दिल्ली में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में आपके प्रेम, आशीर्वाद और संवेदनाओं ने हमें अत्यंत संबल दिया। इस अवसर पर देश के कई दिग्गज नेताओं ने अपने शोक संदेश भेजे, जिसके लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। सभा में आए सभी लोगों का… pic.twitter.com/rnYyXQX8dN
— Upendrra Rai (@UpendrraRai) November 11, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल जारी हो गए हैं। 17 एजेंसियों के पोल ऑफ पोल्स के अनुसार, NDA को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है, जबकि महागठबंधन को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अंतिम चरण का मतदान खत्म होते ही मंगलवार शाम एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए। 17 एजेंसियों के संयुक्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) एक बार फिर सत्ता में लौटता दिख रहा है। 243 सीटों वाली विधानसभा में NDA को औसतन 154 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
वहीं महागठबंधन को सिर्फ 83 सीटों पर सिमटता बताया जा रहा है। बाकी 5 सीटें अन्य दलों के खाते में जा सकती हैं। अगर ये अनुमान सही साबित होते हैं, तो NDA को पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 29 सीटों का फायदा होगा, जबकि महागठबंधन को करीब 27 सीटों का नुकसान झेलना पड़ेगा।
एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा इस बार भी NDA की सबसे बड़ी पार्टी बनी रह सकती है और उसे लगभग 75 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस के खाते में 13 सीटें आने का अनुमान है। वहीं, प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज के लिए शुरुआत अच्छी नहीं दिख रही। उसे महज 3 से 5 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
बिहार में दो चरणों में मतदान हुआ था। पहले चरण में 121 सीटों पर 65% मतदान, जबकि दूसरे चरण में 68.5% की रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई।अब सभी की निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब मतगणना के बाद असली नतीजे सामने आएंगे।
इस साल हालात गंभीर रूप से बिगड़ने, बच्चों में बीमारियों की तेज़ वृद्धि और प्रशासनिक उपायों की सीमित प्रभावशीलता ने नागरिकों को स्वतः प्रेरित किया है।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच पहली बार बड़े स्तर पर नागरिक सड़कों पर उतरकर साफ़ हवा की मांग कर रहे हैं। इस बढ़ते जन-आंदोलन पर वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए पूछा है कि आखिर इतने सालों तक लोग खामोश क्यों रहे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ ऐसे विरोध प्रदर्शन तो चार–पांच साल पहले ही शुरू हो जाने चाहिए थे, जब हवा पहली बार जानलेवा स्तर तक पहुँची थी। ऋचा अनिरुद्ध का कहना है कि हम “बहुत देर” से जागे हैं, हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब जागे हैं तो भी बेहतर है, लेकिन सवाल यह है कि लोग इस मुद्दे पर पहले एकजुट क्यों नहीं हुए?
उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों अब, और क्यों इतने देर बाद? दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण लगातार बढ़ा है, लेकिन सार्वजनिक भागीदारी और जनदबाव उतना मजबूत नहीं था। इस साल हालात गंभीर रूप से बिगड़ने, बच्चों में बीमारियों की तेज़ वृद्धि और प्रशासनिक उपायों की सीमित प्रभावशीलता ने नागरिकों को स्वतः प्रेरित किया है।
सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार यह नई जागरूकता भविष्य में प्रदूषण को एक जन-अभियान और चुनावी मुद्दा बनाने की दिशा में पहला कदम हो सकती है।
I am wondering why the protests against pollution didn't happen in last few years..Ye to 4-5 saal pehle hi ho jaana chahiye tha!! We are late..very late! Chalo better late than never...Par sochne ki baat to hai..Why now? Why so late? Why not in last few years?…
— richa anirudh (@richaanirudh) November 10, 2025
नीतीश 'कमल का फूल, कभी ना भूल' का नारा लगाएंगे या लालू के लाल के साथ लालटेन थामेंगे? नीतीश फिनिश होंगे या नीतीश का तीर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सटीक लगेगा?
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग आज सुबह 7 बजे शुरू हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आजादी के बाद पहली बार 65.08% की जबरदस्त वोटिंग दर्ज की गई। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर का कहना है कि एक बार फिर नीतीश कुमार सीएम बन सकते हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, बिहार में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी मतलब सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है।
बीजेपी की पीठ पर सवार नीतीश दूसरे नंबर की पार्टी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।फ़िलहाल तेजस्वी की आरजेडी दूसरे नंबर पर दिख रही है।नीतीश कुमार दूसरे नंबर पर रहे या तीसरे नंबर पर, सम्मान उन्हें पहले नंबर से ज़्यादा मिलना तय है। ढाई दशकों में नीतीश कुमार नौ बार बिहार के सीएम बन चुके हैं।
सात बार वे बीजेपी के साथ और दो बार तेजस्वी यादव की आरजेडी के साथ। नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने के लिए कमर कसकर तैयार हैं। तूफानी प्रचार करके नीतीश बाबू ने आरजेडी से ज़्यादा बीजेपी को चौकाया है। तेजस्वी और राहुल गांधी के युवा जोश के सामने ज़्यादा जोशीले और फुर्तीले नीतीश नज़र आए।
आख़िर नीतीश की राजनैतिक टिकाऊ शक्ति कहाँ से आती है। ज़ाहिर है नीतीश के दोनों हाथों में लड्डू हैं और वे जिसके साथ चाहे सरकार बना सकते हैं। नीतीश का विकल्प किसी के पास नहीं है क्योंकि नीतीश कुमार के पास सभी विकल्प उपलब्ध हैं। बिहार की जनता को नीतीश से नाराजगी हो सकती है, लेकिन जैसे ही नीतीश के विकल्प पर विचार होता है, जनता नीतीश पर लौट आती है।
यही नीतीश के आकर्षण का विरोधाभास है। शिकायतें है, पर भरोसा भी उन्ही पर है। इसी कारण बीजेपी ने मुख्यमंत्री के नाम पर पहले नीतीश से दूरी बनाई लेकिन पहले चरण के मतदान से पहले नीतीश पर लौट आई।
20 साल से नीतीश के मकड़ जाल में उलझी हुई बिहार की राजनीति क्या इस बार अपने राजनैतिक इतिहास का नया अध्याय खोलने जा रही है? नीतीश 'कमल का फूल, कभी ना भूल' का नारा लगाएंगे या लालू के लाल के साथ लालटेन थामेंगे? नीतीश फिनिश होंगे या नीतीश का तीर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सटीक लगेगा?
बिहार में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी मतलब सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है।बीजेपी की पीठ पर सवार नीतीश दूसरे नंबर की पार्टी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।फ़िलहाल तेजस्वी की आरजेडी दूसरे नंबर पर दिख रही है।
— sameer chougaonkar (@semeerc) November 10, 2025
नीतीश कुमार दूसरे नंबर पर रहे या तीसरे नंबर पर, सम्मान उन्हें…