ग्रोक के उत्तरों के आधार पर विपक्षी पार्टी के नेता आह्लादित हो चलें तो चिंता होती है। कमाल की बात यह भी है कि, हर किसी को अपने मन का उत्तर जब मिला, उसी को चिपका दिया।
सोशल मीडिया की दुनिया में आजकल चारों तरफ एक ही नाम सुनाई दे रहा है और वो है ग्रोक। दरअसल यह एआई चैटबॉट है। यानी आपको अगर किसी सवाल का जवाब जानना है तो एक्स पर टैग करके या फिर ग्रोक एआई की वेबसाइट पर जाकर पूछिए। ग्रोक-एआई आपको चैटबॉट यानी बातचीत की तरह जवाब देगा।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, इस समय हर कोई ग्रोक से हर तरह का प्रश्न पूछ लेना चाहता है। इसमें कोई बुराई नहीं दिखती, लेकिन जब ग्रोक के उत्तरों के आधार पर राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी के नेता आह्लादित हो चलें तो चिंता होती है।
कमाल की बात यह भी है कि, हर किसी को अपने मन का उत्तर जब मिला, उसी को चिपका दिया। अपनी बात को प्रमाणिकता के साथ कहने के लिए भी एआई का सहारा लेना पड़ रहा है। अपने बारे में भी ग्रोक के कहे को सुनकर प्रसन्नता हो रही है। यह एक समाज के बुद्धि बंद होने की प्रमाण है।
यहीं एआई प्रभावी होगा, लेकिन जो लोग इसका उपयोग अपनी बुद्धि खोलकर करेंगे, वही यहां राज करेंगे। बाकी, अच्छा मनोरंजन हो रहा है। आपको बता दें, ग्रोक-एआई चैटबॉट को नवंबर 2023 में लॉन्च किया गया था। ग्रोक-एआई और X के मालिक एलन मस्क ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ग्रोक का मॉडल डगलस एडम्स की 'द हिचहाइकर गाइड टू गैलेक्सी' से प्रेरणा लेकर बनाया गया है।
इस समय हर कोई @grok से हर तरह का प्रश्न पूछ लेना चाहता है। इसमें कोई बुराई नहीं दिखती, लेकिन जब ग्रोक के उत्तरों के आधार पर राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी के नेता आह्लादित हो चलें तो चिंता होती है। कमाल की बात यह भी है कि, हर किसी को अपने मन का उत्तर जब मिला, उसी को चिपका दिया। अपनी…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) March 17, 2025
अमेरिका, कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान आतंकी नेटवर्क को खत्म करने का समय आ गया है। ईंट से ईंट बजाकर दुनिया को वैश्विक स्तर पर आतंकी नेटवर्क को खत्म करने की जरूरत है।
अमेरिका में आतंकी हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। एफबीआई और अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने उसे अपने शिकंजे में लिया। वह पिछले छह महीनों में पंजाब में 14 आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। इस मामले पर वरिष्ठ रक्षा पत्रकार गौरव सावंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर कहा कि खालिस्तान आतंकी नेटवर्क को खत्म करने का समय आ गया है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, अमेरिका, कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान आतंकी नेटवर्क को खत्म करने का समय आ गया है। ईंट से ईंट बजाकर दुनिया को वैश्विक स्तर पर आतंकी नेटवर्क को खत्म करने की जरूरत है। उम्मीद है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू अगले होंगे। पाकिस्तान जिहाद कॉम्प्लेक्स दुनिया भर के लोकतंत्रों के लिए खतरा है।
आपको बता दें, अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो के निदेशक काश पटेल ने आश्वासन दिया कि पंजाब में हमलों में शामिल आतंकवादी हरप्रीत सिंह को एफबीआई की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद न्याय किया जाएगा। काश पटेल ने टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एफबीआई सैक्रामेंटो ने भारत के साथ समन्वय में इस जांच को अंजाम दिया है। हम न्याय के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
Time to dismantle the #Khalistan terror network in the US, Canada, Europe & Australia...
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) April 22, 2025
Brick by brick the world needs to take down terror networks globally.
Gurpatwant Singh Pannu next, hopefully.#Pakistan Mil-Jihad complex poses a threat to democracies worldwide... https://t.co/YUFTUhg1es
उषा वेंस का जन्म अमेरिका में हुआ लेकिन सोच और व्यवहार में काफी हद तक वो भारतीय हैं। उषा वेंस गर्व से कहती हैं कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति आवास में एक भारतीय हिंदू है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेम्स डेविड (JD) वेंस अपनी पत्नी उषा और तीन बच्चों के साथ चार दिवसीय भारत दौरे पर आए हैं। वह कल रात जयपुर पहुंचे और यहां रामबाग पैलेस में रुके। वह आज सुबह सपरिवार आमेर किला देखने गए। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार का कहना है कि सबसे आकर्षक उनके तीनों बच्चों का पहनावा है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस चार दिनों के भारत दौरे पर आए। उनके साथ उनकी पत्नी उषा बेंस भी हैं। सबसे आकर्षक उनके तीनों बच्चों का पहनावा है। कुर्ता पजामा भारतीय वस्त्र पहने हुए हैं। उषा वेंस का जन्म अमेरिका में हुआ लेकिन सोच और व्यवहार में काफी हद तक वो भारतीय हैं।
उषा वेंस गर्व से कहती हैं कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति आवास में एक भारतीय हिंदू है। जेडी वेंस अपनी दूसरी विदेश यात्रा पर भारत आए हैं। पहली यात्रा उन्होंने इटली की की थी। आपको बता दें, रामबाग पैलेस में ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनका परिवार दोपहर का भोजन करेगा। यहां कुछ देर आराम करने के बाद जेडी वेंस राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर पहुंचेंगे और यहां अमेरिकी बिजनेस सबमिट में शामिल होंगे।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस चार दिनों के भारत दौरे पर आए। उनके साथ उनकी पत्नी उषा बेंस भी हैं। सबसे आकर्षक उनके तीनों बच्चों का पहनावा है। कुर्ता पजामा भारतीय वस्त्र पहने हुए हैं। उषा वेंस का जन्म अमेरिका में हुआ लेकिन सोच और व्यवहार में काफी हद तक वो भारतीय हैं। उषा वेंस गर्व… pic.twitter.com/C5gPeXrB4D
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) April 21, 2025
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की हत्या के पत्नी पल्लवी ने कर दी। कारण जायदाद मानी जा रही है। इतने बड़े ओहदे पर रहने के बावजूद ज़िंदगी में कितना घमासान है।
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी की हत्या के मामले में आरोपी पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस की पूछताछ में पूर्व डीजीपी की पत्नी ने कई बड़े चौकाने वाले खुलासे किए हैं। घटना के समय ओम प्रकाश खाना खा रहे थे। इस दौरान दोनों के बीच झगड़ा हुआ।
यह इतना बढ़ गया कि पत्नी ने उनकी हत्या कर दी। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और कहा कि ऐसा लगता है कि हम सनकी समाज बनाते जा रहे हैं।
उन्होंने लिखा, जीवन का सच यही है कि चाहे जितना बना लो, सोने के लिए एक बिस्तर ही चाहिए। अन्न की जगह सोना चाँदी खा नहीं सकते और एक दिन ख़ाली हाथ जाना ही होगा। फिर भी हाल की कई घटनाओं से लगता है कि हम कोई सनकी समाज बनाते जा रहे हैं।
कर्नाटक के पूर्व DGP ओम प्रकाश की हत्या के पत्नी पल्लवी ने कर दी। कारण जायदाद मानी जा रही है। इतने बड़े ओहदे पर रहने के बावजूद ज़िंदगी में कितना घमासान है। इस समय दो तरह के लोग ही ज़्यादा सार्थक काम कर रहे हैं। एक वो जो जल, जंगल, पर्यावरण के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। दूसरे वो जो जीवन की सार्थकता समझाकर लोगों का आध्यात्मिक पक्ष मज़बूत कर रहे हैं।
जीवन का सच यही है कि चाहे जितना बना लो, सोने के लिए एक बिस्तर ही चाहिए. अन्न की जगह सोना चाँदी खा नहीं सकते. और एक दिन ख़ाली हाथ जाना ही होगा.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) April 21, 2025
फिर भी हाल की कई घटनाओं से लगता है कि हम कोई सनकी समाज बनाते जा रहे हैं.
कर्नाटक के पूर्व DGP ओम प्रकाश की हत्या के पत्नी पल्लवी ने कर…
बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में 8 से 12 अप्रैल तक हुई हिंसा के सिलसिले में पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई और 274 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की निंदा करते हुए इसे 'बर्बर' बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं फिर कभी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा में मारे गए एक व्यक्ति और उसके बेटे के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बहुत से 'निष्पक्ष' पत्रकारों की चुप्पी पर हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स हैंडल से लिखा, लेकिन दिल्ली में बैठे बहुत से 'निष्पक्ष' लोगों के लिए दीदी के राज में 'ऑल इज वेल' है और बंगाल की अपराधिक घटनाओं पर मौन व्रत लेने वाले दूसरों को गोदी मीडिया/दलाल कहते हैं। लिख/बोल भी रहे हैं तो ऐसे कि दीदी बुरा न मान जाएं।
आपको बता दें, बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में 8 से 12 अप्रैल तक हुई हिंसा के सिलसिले में पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई और 274 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। उधर, विश्व हिंदू परिषद हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है। वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देश भर के हर जिला मुख्यालय में जिलाधिकारियों को ज्ञापन देकर मांग करेंगे कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करे।
लेकिन दिल्ली में बैठे बहुत से "निष्पक्ष" लोगों के लिए दीदी के राज में #AllIsWell !
— richa anirudh (@richaanirudh) April 20, 2025
और बंगाल की अपराधिक घटनाओं पर मौन व्रत लेने वाले दूसरों को गोदी मीडिया/दलाल कहते हैं..लिख/बोल भी रहे हैं तो ऐसे कि दीदी बुरा न मान जाएं #BengalBurning #MurshidabadViolence https://t.co/pj4Yn2tYo0
एक बार जब उसे शुरुआत मिल जाएगी तो वह वहीं रुकेगा और खेल खत्म करेगा। दूसरों के लिए एक सबक जो इस तरह की दौड़ में प्रसिद्धि पाने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं।
आईपीएल के 37वें मैच में रविवार को पंजाब किंग्स का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से था। यह मुकाबला मुल्लांपुर के महराजा यदविंद्र सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया। आरसीबी ने पंजाब से पिछली हार का बदला ले लिया है। बेंगलुरु की टीम ने सात विकेट से जीत हासिल की। इस बीच वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और विराट कोहली की तारीफ़ की।
उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, बात यह है कि लक्ष्य का पीछा करते समय जब उन्हें शुरुआत मिलेगी तो अक्सर विराट कोहली इसे बाकी के लिए नहीं छोड़ेंगे। एक बार जब उसे शुरुआत मिल जाएगी तो वह वहीं रुकेगा और खेल खत्म करेगा। दूसरों के लिए एक सबक जो इस तरह की दौड़ में प्रसिद्धि पाने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं।
आपको बता दें, बेंगलुरु की इस जीत में विराट कोहली और देवदत्त पड़िक्कल ने अहम योगदान दिया। दोनों ने इस मैच में अर्धशतकीय पारी खेली, जिसके बदौलत RCB ने 158 रन के टारगेट को बेहद आसानी से अपने नाम कर लिया।
The thing is when he will get a start while chasing, more often than not Virat Kohli wont leave it for the rest. Once he gets a start, he will stay there, finish off the game. A lesson for others who may be tempted to go for glory in such run chases #RCBvPBKS
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) April 20, 2025
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून हिंसा विवाद के बीच भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा- ममता बनर्जी बंगाली हिंदुओं के लिए खतरा बन चुकी हैं। बंगाली हिंदू बेघर हैं।
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून हिंसा विवाद के बीच राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप जारी है। वही हिंसा के दौरान कई हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद छोड़कर मालदा की ओर पलायन करना पड़ा, जिससे हालात और अधिक संवेदनशील हो गए। प्रशासन ने मुर्शिदाबाद के हिंसा-प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर लिखा कि हमें बंगाल के हिन्दुओं की पीड़ा को समझना होगा। उन्होंने एक्स पर लिखा, 35 साल पहले कश्मीरी हिंदुओं की पुकार को नजरअंदाज कर दिया गया। हम सब एक नरसंहार में भागीदार बन गये।
आज बंगाली हिंदुओं की पीड़ा साक्षात् दिख रही है। वे केंद्रीय बल चाहते हैं. एनडीए को पश्चिम बंगाल में सीआरपीएफ तैनात करने के लिए धारा 2(ए), धारा 355 को लागू करना चाहिए। इससे कुछ भी कम विश्वासघात है। आपको बता दें, पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून हिंसा विवाद के बीच भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा- ममता बनर्जी बंगाली हिंदुओं के लिए खतरा बन चुकी हैं।
बंगाली हिंदू बेघर हैं, राहत शिविरों में खिचड़ी खाने को मजबूर हैं। उनका क्या दोष है। साथ ही उन्होंने कहा- राज्य में भाजपा नहीं, ममता बनर्जी ने सांप्रदायिक तनाव बढ़ाया है। वो समुदायों के बीच अशांति पैदा कर रही हैं।
कश्मीर में ऐतिहासिक मील का पत्थर। लगभग 38 साल बाद कश्मीर में फिल्म प्रीमियर का आयोजन। इस सफलता का प्रमुख कारण अनुच्छेद 370 को निरस्त करना है।
‘ग्राउंड जीरो’ ने शुक्रवार को एक नया इतिहास रचा। बीते 38 वर्ष में कश्मीर में रेड कार्पेट प्रीमियर होने वाली यह पहली फिल्म है। यह फिल्म संसद हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर गाजी बाबा को मार गिराने के अभियान पर केंद्रित है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने भी सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, कश्मीर में ऐतिहासिक मील का पत्थर। लगभग 38 साल बाद कश्मीर में फिल्म प्रीमियर का आयोजन। ग्राउंड ज़ीरो स्क्रीनिंग एक बड़ी सफलता थी। इस सफलता का प्रमुख कारण अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों द्वारा अलगाववादियों और आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई है।
आपको बता दें, शुक्रवार को एक्सेल एंटरटेनमेंट ने कश्मीर पर आधारित अपनी आने वाली फिल्म ग्राउंड जीरो की स्क्रीनिंग की। श्रीनगर में हुए इस प्रीमियर के दौरान रेड कारपेट पर बीएसएफ के जवानों और फिल्म की पूरी टीम ने एंट्री की। ग्राउंड जीरो का यह खास प्रीमियर बीएसएफ के जवानों के लिए आयोजित किया गया था।
Historic milestone in Kashmir: Film Premiere organised in Kashmir after almost 38 years. Ground Zero screening was a major success. This success is majorly because or Article 370 abrogation and action taken against separatists and terrorists by security forces over the years. ?? pic.twitter.com/l8H0Co0CK1
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 19, 2025
वरिष्ठ पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर अंजना ओम कश्यप ने भी अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर फिल्म की तारीफ़ की है।
अक्षय कुमार की फिल्म केसरी चैप्टर 2 शुक्रवार को रिलीज हुई है। इस फिल्म को लेकर काफी समय से बज है और रिलीज के बाद फिल्म को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। वही वरिष्ठ पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर अंजना ओम कश्यप ने भी अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर फिल्म की तारीफ़ की है।
उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, सशक्त क्षण जब सभी ने स्क्रीनिंग में तालियां बजाईं। एक बहुत ही खास फिल्म और अक्षय कुमार का उत्कृष्ट प्रदर्शन। जलियांवाला बाग और शंकरन नायर की अनकही कहानी में। केसरी चैप्टर 2 पहले शॉट से लेकर आखिरी शॉट तक शानदार है। हमारी कहानियों को बताने की ज़रूरत है।
आपको बता दें, फिल्म में उनके अलावा आर माधवन और अनन्या पांडे भी हैं। फिल्म को करण सिंह त्यागी ने डायरेक्ट किया है। फिल्म को करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शन द्वारा प्रोड्यूस किया है।
“We are suing the crown for genocide!” Powerful moments when everyone clapped in the screening. A very special film and an outstanding performance by @akshaykumar in the untold story of Jallianwala Bagh & Sankaran Nair. Kesari Chapter 2 is brilliant from the first shot to the… pic.twitter.com/Fz9dnzI9MM
— Anjana Om Kashyap (@anjanaomkashyap) April 18, 2025
दिलीप घोष ने पार्टी सहयोगी रिंकू मजूमदार के साथ शादी की है। जानकारी के मुताबिक, दोनों की शादी का समारोह के समय करीबी रिश्तेदार और परिवार को लोग उपस्थित रहे।
भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप घोष ने शुक्रवार को शादी कर ली है। दिलीप घोष ने 60 साल की उम्र में पार्टी सहयोगी रिंकू मजूमदार के साथ शादी की है। जानकारी के मुताबिक, दोनों की शादी का समारोह के समय करीबी रिश्तेदार और परिवार को लोग उपस्थित रहे। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यश्वंत ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, पश्चिम बंगाल बीजेपी नेता दिलीप घोष पार्टी ही की नेता रिंकू मजूमदार से शादी करेंगे, यह खबर ज़बरदस्त चर्चा में क्यों है? बस इसीलिए ना कि वे 61 साल के हैं? अगर शादी की उम्र में होते तो यूँ चर्चा होती क्या? यानी समाज प्रेम और ब्याह दोनों के लिए अपना पैमाना रखता है।
लेकिन लोग इंदीवर साहब को गुनगुनाते रहते हैं, ना उम्र की सीमा हो,ना जन्म का हो बंधन। आपको बता दें, दिलीप घोष की दुल्हन का नाम रिंकू मजूमदार है। रिंकू का घर न्यूटाउन में है। जानकारी के मुताबिक, रिंकू कोलकाता उत्तर उपनगरीय संगठनात्मक भाजपा जिला महिला मोर्चा से जुड़ी हैं। बताया जा रहा है कि दिलीप से बातचीत उनके भाजपा में शामिल होने पर आधारित है।
पश्चिम बंगाल बीजेपी नेता दिलीप घोष पार्टी ही की नेता रिंकू मजूमदार से शादी करेंगे, यह खबर ज़बरदस्त चर्चा में क्यों है? बस इसीलिए ना कि वे 61 साल के हैं? अगर शादी की उम्र में होते तो यूँ चर्चा होती क्या? यानी समाज प्रेम और ब्याह दोनों के लिए अपना पैमाना रखता है. लेकिन लोग इंदीवर…
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) April 18, 2025
सोशल मीडिया की दुनिया में दबदबा रखने वाले फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने खुद एक समय इस प्लेटफॉर्म की गिरती सांस्कृतिक पहचान को लेकर गहरी चिंता जताई थी।
सोशल मीडिया की दुनिया में दबदबा रखने वाले फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने खुद एक समय इस प्लेटफॉर्म की गिरती सांस्कृतिक पहचान को लेकर गहरी चिंता जताई थी। यह खुलासा उस वक्त हुआ जब अमेरिकी एंटीट्रस्ट केस के दौरान अप्रैल 2022 में हुए उनके और फेसबुक हेड टॉम एलिसन के बीच के ई-मेल कोर्ट में पेश किए गए।
इन आंतरिक संवादों के मुताबिक, जुकरबर्ग ने कहा था कि "भले ही कई क्षेत्रों में फेसबुक ऐप का एंगेजमेंट स्थिर है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इसकी सांस्कृतिक प्रासंगिकता बहुत तेजी से घट रही है, और मुझे डर है कि यह भविष्य में आने वाली गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है।"
फेसबुक की मूल पहचान को लेकर जताई गई यह चिंता उस समय सामने आई जब मेटा पर इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के अधिग्रहण को लेकर फेडरल ट्रेड कमीशन ने कोर्ट में गैरकानूनी करार देते हुए केस दायर किया है। इस केस में जुकरबर्ग और एलिसन के बीच हुए कई ईमेल प्रस्तुत किए गए, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी के भीतर फेसबुक की दिशा को लेकर गहरी मंथन चल रही थी।
जुकरबर्ग ने अपने ईमेल में इस बात पर भी जोर दिया कि भले ही इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अगर फेसबुक की प्रासंगिकता कम होती रही, तो मेटा की सफलता अधूरी रह जाएगी। उन्होंने फेसबुक के फ्रेंडिंग फीचर की गिरती लोकप्रियता की ओर इशारा करते हुए लिखा था कि "लोगों का फ्रेंड ग्राफ़ अब उन लोगों से नहीं भरा होता जिनसे वे वास्तव में जुड़ना चाहते हैं।"
इस बातचीत में जुकरबर्ग ने यह भी स्वीकार किया कि आज के समय में यूजर्स की प्राथमिकता 'फ्रेंडिंग' की तुलना में 'फॉलोइंग' की ओर ज्यादा है- चाहे वह फेसबुक हो, इंस्टाग्राम हो या ट्विटर (अब X)। इस बदलाव को देखते हुए उन्होंने फेसबुक को फिर से प्रासंगिक बनाने के लिए तीन विकल्प सुझाए, जिनमें से एक आइडिया इतना कट्टर था कि उसमें यूज़र्स के पूरे फ्रेंड ग्राफ को मिटाकर उन्हें एकदम नए सिरे से शुरू करवाने की बात थी।
जवाब में फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर ‘कम्युनिटीज’ और ‘ग्रुप्स’ को फिर से केंद्र में लाना शुरू किया। जुकरबर्ग ने अपने मेल में इस दिशा में सकारात्मक रुख जताते हुए कहा था कि "मैं कम्युनिटी मैसेजिंग को लेकर काफी उत्साहित हूं, लेकिन लंबे समय से चल रहे ग्रुप्स को लेकर यह नहीं कह सकता कि उन्हें हम और कितना आगे बढ़ा पाएंगे।"
गौरतलब है कि ये ईमेल उस समय के हैं जब फेसबुक ने 'रील्स' फीचर को लॉन्च किया ही था- एक ऐसा प्रयास जो प्लेटफॉर्म को युवा यूजर्स के बीच दोबारा लोकप्रिय बनाने की दिशा में उठाया गया कदम था।