'रायपुर प्रेस क्लब' के चुनावी नतीजों में इन पत्रकारों ने मारी बाजी, ये बने अध्यक्ष...

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के प्रेस क्लब में...

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Wednesday, 06 June, 2018


समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के प्रेस क्लब में हाल ही में चुनाव हुए, जिसमें अध्यक्ष पद पर दामू अम्बेडारे को जीत हासिल हुई है। वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए प्रफुल्ल ठाकुर विजयी रहे। प्रफुल्ल ठाकुर जो कि सर्व एकता पैनल से थे। महासचिव के पद पर प्रशांत दुबे काबिज हुए हैं।

वहीं संयुक्त सचिव के दो पदों के लिए हुए चुनाव में अंकिता शर्मा और गौरव शर्मा ने जीत हासिल की है। अंकिता परिवर्तन पैनल से थीं जबकि गौरव सद्भावना पैनल से हैं।

इस बार हुए चुनाव में कोषाध्यक्ष के पद पर दो उम्मीवारो के बीच टाई हो गया था। देवेश तिवारी और शुगुप्ता को 205—205 वोट मिले थे। जिसके चलते इस पर अब तक जीत घोषित नहीं की गई।

आपको बता दें कि रायपुर के प्रेस क्लब के चुनाव के लिए आज 83% मतदान हुआ। करीब 650 मीडियाकर्मियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। प्रेस क्लब के लिए कुल मतदाताओं की संख्या 786 है। वहीं मतदान का समय समाप्त होते तक 83 फीसदी मतदान हुआ।

गौरतलब है कि सद्भावना पैनल से अध्यक्ष के लिए बृजेश चौबे, महासचिव के लिए प्रशांत दुबे, संयुक्त सचिव के लिए अभिषेक पाटस्कर, गौरव शर्मा जबकि उपाध्यक्ष के लिए सुदीप त्रिपाठी और कोषाध्यक्ष के लिए देवेश तिवारी मैदान में थे। वहीं सर्व एकता पैनल से अनिल पुसदकर, सुकांत राजपूत, दिलीप साहू, राहुल चौबे, प्रफुल्ल ठाकुर, निखिल विश्वकर्मा चुनाव लड़ रहे थे। इसी तरह प्रगतिशील पैनल से दामु अम्बेडारे, महादेव तिवारी पवन सिंह ठाकुर, मनोज कुमार साहू, भोलाराम सिन्हा, शगुफ्ता शिरीन उतरे हुए थे।

इसके अलावा परिवर्तन पैनल से सुखनंदन बंजारे, मोहन तिवारी, यासिन मेनन, सरिता दुबे, अंकिता शर्मा और विकास यादव अपनी किस्मत आजमा रहे थे। वहीं इस बार पूर्व अध्यक्ष केके शर्मा चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में खड़े हैं।

 

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केरल भाजपा अध्यक्ष ने टीवी चैनल को भेजा 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस

केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर का आरोप है कि चैनल ने एक विवादास्पद भूमि सौदे से उनका नाम जोड़ते हुए झूठी और भ्रामक रिपोर्टें चलाईं।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 30 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
Legal Notice

केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने टीवी चैनल ‘रिपोर्टर टीवी’ के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है। उनका आरोप है कि चैनल ने एक विवादास्पद भूमि सौदे से उनका नाम जोड़ते हुए झूठी और भ्रामक रिपोर्टें चलाईं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई स्थित लॉ फर्म RHP पार्टनर्स के जरिए यह नोटिस नौ लोगों को भेजा गया है, जिनमें चैनल के मालिक एंटो ऑगस्टीन समेत कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं।

शिकायत के अनुसार, कोच्चि स्थित ‘रिपोर्टर टीवी’ ने बार-बार ऐसी खबरें दिखाईं जिनमें चंद्रशेखर का नाम बीपीएल नामक कंपनी के साथ भूमि सौदे में जोड़ा गया, जबकि उनका उस कंपनी से कोई संबंध नहीं है।

नोटिस में कहा गया है कि इन खबरों का उद्देश्य उनकी छवि को धूमिल करना और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके पद का गलत इस्तेमाल दिखाना था। भाजपा नेता ने कहा कि वे झूठी खबरों और भ्रामक प्रचार अभियानों के जरिये उनकी राजनीतिक या व्यक्तिगत साख को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।

कानूनी नोटिस में चैनल से मांग की गई है कि वह इन झूठी खबरों को वापस ले और सात दिनों के भीतर सार्वजनिक माफीनामा जारी करे, अन्यथा आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच बीपीएल लिमिटेड ने भी एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और तथ्यहीन बताया है। कंपनी ने कहा कि औद्योगिक भूमि के आवंटन में अनियमितता के आरोप पहले भी लगाए गए थे, लेकिन उन्हें साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बीपीएल ने अपने बयान में कहा, ‘वर्तमान आरोप झूठे हैं और कानूनी रूप से इनका कोई आधार नहीं है।’

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उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय की याद में दिल्ली में प्रार्थना सभा 11 नवंबर को

‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय का 25 अक्टूबर को दिल्ली में निधन हो गया था।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 29 October, 2025
Last Modified:
Wednesday, 29 October, 2025
Rajesh Rai Tribute

‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय की याद में 11 नवंबर को दिल्ली में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है।

नई दिल्ली में लोदी रोड स्थित चिन्मय मिशन में 11 नवंबर को शाम तीन बजे से छह बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में राजेश राय को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा।

गौरतलब है कि दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में भर्ती राजेश राय का 25 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। राजेश राय कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और मूलचंद अस्पताल में भर्ती थे। 27 अक्टूबर को राजेश राय के पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

राजेश राय गाज़ीपुर जिले की मोहम्मदाबाद तहसील के शेरपुर कला गांव के मूल निवासी थे। वह लंबे समय से अपने पैतृक गांव में ही निवास कर रहे थे और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।

अपनी सरलता और उदार व्यक्तित्व के कारण वे समाज में अत्यंत लोकप्रिय थे। राजेश राय का सहारा इंडिया परिवार से भी लंबे समय तक जुड़ाव रहा। अपने जीवनकाल में उन्होंने सामाजिक सहयोग और सेवा को प्राथमिकता दी। वे सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे और ग्रामीण समाज के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत रहे।

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गुवाहाटी हाई कोर्ट ने पत्रकार अभिसार शर्मा को मिली अंतरिम राहत की समय-सीमा बढ़ाई

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने पत्रकार अभिसार शर्मा को मिली अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी है। कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि उन्हें मिली सुरक्षा अब 17 नवंबर तक जारी रहेगी।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 27 October, 2025
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Monday, 27 October, 2025
AbhisarSharma84512

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने पत्रकार अभिसार शर्मा को मिली अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी है। कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि उन्हें मिली सुरक्षा अब 17 नवंबर तक जारी रहेगी। यह मामला असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर धार्मिक आधार पर राजनीति करने के आरोप लगाने वाले अभिसार शर्मा के बयान से जुड़ा है।

न्यायमूर्ति शमीमा जहान की एकल पीठ ने यह राहत इसलिए बढ़ाई क्योंकि राज्य सरकार की ओर से 19 सितंबर को मांगी गई केस डायरी अब तक कोर्ट में पेश नहीं की गई थी।

दरअसल, अभिसार शर्मा ने हाई कोर्ट का रुख तब किया जब सुप्रीम कोर्ट ने असम पुलिस की FIR को चुनौती देने वाली उनकी याचिका सुनने से इनकार कर दिया था। यह FIR भारतीय दंड संहिता (BNS) की धाराओं 152 (राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालना), 196 (समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाना) और 197 (राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के खिलाफ बयान) के तहत दर्ज की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चार हफ्तों की अंतरिम सुरक्षा दी थी ताकि वह हाई कोर्ट से राहत मांग सकें।

19 सितंबर को गुवाहाटी हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उन्हें मिली सुरक्षा को 22 अक्टूबर तक बढ़ाया था और राज्य को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई में अभिसार शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील कमल नयन चौधरी ने दलील दी थी कि उनका मुवक्किल एक पत्रकार है, जो यूट्यूब पर अपने विचार साझा करता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आलोचनात्मक राय रखने के कारण किसी पत्रकार पर देशद्रोह या साम्प्रदायिकता भड़काने का आरोप नहीं लगाया जा सकता।

वकील ने कहा, “अगर सरकार की हर आलोचना को देशद्रोह माना जाएगा, तो यह लोकतंत्र के लिए काला दिन होगा। हमें आलोचना सहने की क्षमता रखनी चाहिए। अभिसार ने सिर्फ मुख्यमंत्री के झारखंड में दिए एक बयान पर टिप्पणी की थी, जो सरकार की आलोचना नहीं मानी जा सकती।”

अभिसार की ओर से यह भी कहा गया कि उनका वीडियो केवल “ध्रुवीकरण” पर सवाल उठाता था, न कि किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ था। इसलिए यह धाराओं 152 या 197 के तहत अपराध नहीं बनता।

इस मामले में शिकायतकर्ता आलोक बरुआ ने आरोप लगाया था कि अभिसार शर्मा ने अपने वीडियो में असम और केंद्र सरकार दोनों का मज़ाक उड़ाया और “राम राज्य” की अवधारणा को नीचा दिखाया। बरुआ का दावा था कि अभिसार के बयान से जानबूझकर सरकार की छवि खराब करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश की गई।

शिकायत के अनुसार, वीडियो में कही गई बातें समाज में नफरत फैलाने, साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने और जनता का भरोसा सरकार से उठाने की क्षमता रखती थीं।

कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को करेगी। तब तक अभिसार शर्मा को गिरफ्तारी से सुरक्षा जारी रहेगी।

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भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय का निधन

कई वरिष्ठ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार 27 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव में ही किया जाएगा।

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Published - Saturday, 25 October, 2025
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Saturday, 25 October, 2025
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भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय का शनिवार को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में अंतिम सांस ली। स्वर्गीय राजेश राय पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और मूलचंद अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

जिसके बाद परिवार, मित्रमंडल और पत्रकारिता जगत में शोक की गहरी लहर दौड़ गई। स्वर्गीय राजेश राय गाज़ीपुर जिले की मोहम्मदाबाद तहसील के शेरपुर कला गांव के मूल निवासी थे। वह लंबे समय से अपने पैतृक गांव में ही निवास कर रहे थे और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।

अपनी सरलता और उदार व्यक्तित्व के कारण वे समाज में अत्यंत लोकप्रिय थे। राजेश राय जी का सहारा इंडिया परिवार से भी लंबे समय तक जुड़ाव रहा। अपने जीवनकाल में उन्होंने सामाजिक सहयोग और सेवा को प्राथमिकता दी। वे सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे और ग्रामीण समाज के उत्थान हेतु निरंतर प्रयासरत रहे।

उनके निधन से न केवल भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क परिवार बल्कि संपूर्ण मीडिया जगत एवं सामाजिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है। कई वरिष्ठ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार 27 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव में ही किया जाएगा।

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SIDPA ने तेलुगु फिल्म प्रोड्यूसर राजेश दांडा की भाषा पर जताई कड़ी निंदा

दक्षिण भारत डिजिटल पब्लिशर्स एसोसिएशन (SIDPA), जो प्रमुख डिजिटल मीडिया संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती है, ने तेलुगु फिल्म प्रोड्यूसर राजेश दांडा की निंदा की है।

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Published - Saturday, 25 October, 2025
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Saturday, 25 October, 2025
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दक्षिण भारत डिजिटल पब्लिशर्स एसोसिएशन (SIDPA), जो प्रमुख डिजिटल मीडिया संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती है, ने तेलुगु फिल्म प्रोड्यूसर राजेश दांडा की निंदा की है। राजेश ने अपनी फिल्म को कवर कर रहे एक मीडिया आउटलेट के प्रति आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।

SIDPA ने कहा कि प्रोफेशनल मतभेद हमेशा सम्मान और शालीनता के साथ व्यक्त किए जाने चाहिए। किसी सार्वजनिक मंच या आवाज का इस्तेमाल दूसरों का अपमान, धमकी या नीचा दिखाने के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसे व्यवहार को स्वीकार्य नहीं माना जा सकता और यह प्रोफेशनल आचार और सभ्यता के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है। एसोसिएशन ने यह भी याद दिलाया कि हिंसा या नुकसान की धमकी देना कानून के तहत अपराध है।

SIDPA ने प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह पत्रकारों या मीडिया संस्थाओं के खिलाफ किसी भी तरह की धमकी, दुर्व्यवहार या डराने-धमकाने को सहन नहीं करेगी। एसोसिएशन ने जोर देकर कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता और सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ जवाबदेही जरूरी है।

इस बयान के माध्यम से SIDPA ने सभी प्रेस इंटरैक्शन में प्रोफेशनल आचार और जिम्मेदार व सम्मानजनक संवाद बनाए रखने की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि मीडिया के प्रति सम्मान और प्रोफेशनल व्यवहार सभी के लिए अनिवार्य है।

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नहीं रहे विज्ञापन जगत के जाने-माने नाम पीयूष पांडेय

ऐडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के आइकन और क्रिएटिव लेजेंड पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे। वह 70 साल के थे।

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Published - Friday, 24 October, 2025
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Friday, 24 October, 2025
Piyush Pandey

ऐडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के आइकन और क्रिएटिव लेजेंड पीयूष पांडेय अब हमारे बीच नहीं रहे। वह 70 साल के थे।  उनकी आवाज, सोच और भारतीय अंदाज ने आधुनिक भारतीय विज्ञापन की दिशा तय की। पीयूष पांडेय, ओगिलवी के वर्ल्डवाइड चीफ क्रिएटिव ऑफिसर और इंडिया के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन थे। ग्लोबल ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में वह जाना-माना नाम थे। उन्हें एलआईए लेजेंड अवॉर्ड (2024) और पद्म श्री (2016) सहित कई सम्मान मिल चुके थे।

पीयूष पांडेय को भारतीय विज्ञापन जगत में एक अलग और खास आवाज देने के लिए जाना जाता था। उन्होंने इंडस्ट्री को पश्चिमी अंदाज से दूर कर देश की भाषा, संस्कृति और भावना से जोड़ने का काम किया।

विज्ञापन के क्षेत्र में उनका सफर वर्ष 1982 में शुरू हुआ, जब उन्होंने ओगिलवी में क्लाइंट सर्विसिंग एग्जिक्यूटिव के रूप में काम शुरू किया। उनके शुरुआती प्रोजेक्ट्स में से एक था डिटर्जेंट ब्रैंड सनलाइट। छह साल में ही वह क्रिएटिव डिपार्टमेंट में आ गए, जहां उनकी कहानी कहने की कला ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। इसके बाद उन्होंने लुमो, फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स जैसे ब्रैंड्स के लिए यादगार कैंपेन बनाए।

पीयूष पांडेय के विज्ञापन हमेशा सादगी, भावना और भारतीय संस्कृति का मिश्रण दिखाते थे। पीयूष पांडेय की कमी भारतीय विज्ञापन जगत हमेशा महसूस करेगा। उनकी रचनाएं और उनका अंदाज पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।

उनके प्रसिद्ध कामों में निम्न शुमार हैं।

फेविक्विक और फेविकोल: 'टोड़ो नहीं, जोड़ो', फेविकोल सोफा, और 'बस फंस गया फेविकोल में' वाला ऐड

पॉंड्स–'गूगली वूगली वूश!!'

कैडबरी डेयरी मिल्क–'कुछ खास है'

वोडाफोन–जूजू

एशियन पेंट्स–'हर घर कुछ कहता है'

बजाज–'हमारा बजाज'

एयरटेल–'हर एक फ्रेंड जरूरी होता है'

राजनीतिक विज्ञापन, जैसे बीजेपी का 2014 का अभियान 'अबकी बार मोदी सरकार'

सेलिब्रिटी कोलैब्स, जैसे अमिताभ बच्चन के साथ पोलियो अभियान 

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प्रयागराज में पत्रकार की हत्या, पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी घायल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस में गुरुवार देर शाम एक पत्रकार को बदमाशों ने हमला कर दिया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

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Published - Friday, 24 October, 2025
Last Modified:
Friday, 24 October, 2025
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस में गुरुवार देर शाम एक पत्रकार को बदमाशों ने हमला कर दिया। 54 साल के पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ पप्पू को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन क्षेत्र के हर्ष होटल के पास अज्ञात हमलावरों ने चाकू से कई वार किए।  

घायल पत्रकार की मौत

धूमनगंज थाना क्षेत्र की शकुंतला कुंज कॉलोनी के रहने वाले LN सिंह को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। लक्ष्मी नारायण सिंह पूर्व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह के भतीजे थे।

पुलिस की कार्रवाई और मुठभेड़

हमले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। मुठभेड़ में एक आरोपी विशाल घायल हो गया, जिसके पैर में गोली लगी और उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के मुताबिक, मामले में विशाल और साहिल का नाम सामने आया है। विशाल और साहिल ठेले वालों से अवैध वसूली करते थे। पुलिस अब साहिल और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

हत्या की वजह और कानून व्यवस्था पर सवाल

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पत्रकार और आरोपियों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद यह घटना हुई। हत्या की असली वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले धूमनगंज के मुंडेरा चुंगी पर रोडवेज बस ड्राइवर की भी हत्या हो चुकी है, जिससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

परिजनों की मांग

मृतक पत्रकार के परिजनों ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पुष्कर वर्मा ने बताया कि पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जा सके। 

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आंध्र प्रदेश: सभी पत्रकारों को नई मान्यता देने का वादा, पुराने कार्ड नहीं होंगे नवीनीकृत

आंध्र प्रदेश के सूचना आयुक्त के.एस. विश्वनाथन ने कहा है कि राज्य के कामकाजी पत्रकारों को जल्द ही नई मान्यताएं (accreditation) जारी की जाएंगी।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 24 October, 2025
Last Modified:
Friday, 24 October, 2025
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आंध्र प्रदेश के सूचना आयुक्त के.एस. विश्वनाथन ने कहा है कि राज्य के कामकाजी पत्रकारों को जल्द ही नई मान्यताएं (accreditation) जारी की जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुराने मान्यता पत्र नवीनीकृत नहीं किए जाएंगे, बल्कि पूरी प्रक्रिया नई शुरुआत के रूप में होगी।

बुधवार को आंध्र प्रदेश यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (APUWJ) के प्रतिनिधियों की एक टीम ने आयुक्त के साथ मुलाकात की और पत्रकारों को होने वाली परेशानियों और मान्यता संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में APUWJ के राज्य अध्यक्ष आई.वी. सुब्बा राव, महासचिव कांचला जयराज, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अध्यक्ष येचुरी शिवा, उपाध्यक्ष चवा रवि और अन्य शामिल हुए।

प्रतिनिधियों ने अपनी ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई। उन्होंने राज्य और जिला स्तर पर मान्यता समितियों के गठन की मांग की और पत्रकार सुरक्षा समिति, प्रोफेशनल आचार समिति और कल्याण निधि समिति को फिर से गठित करने का आग्रह किया।

डेलीगेशन ने वर्किंग जर्नलिस्ट्स वेलफेयर फंड को पुनर्जीवित करने का भी अनुरोध किया और सरकार के विज्ञापन बिल का 5 प्रतिशत इस फंड में देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने हेल्थ कार्ड योजना को मजबूत करने और सूचना विभाग, आरोग्यस्री ट्रस्ट और पत्रकार संघों के प्रतिनिधियों से मिलकर त्रिपक्षीय समिति बनाने की भी मांग की।

उन्होंने 2016 में शुरू की गई वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम को फिर से लागू करने और वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने का अनुरोध किया। इसके अलावा, महाराष्ट्र जैसे विशेष कानून के माध्यम से पत्रकारों पर हमला रोकने की भी मांग उठाई।

प्रतिनिधियों ने रेलवे यात्रा छूट को बहाल करने, छोटे और मध्यम अखबारों को विज्ञापन आवंटन रोटेशन में देने, सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिए पेंशन सुविधा, पत्रकारों को हाउस साइट आवंटन और वरिष्ठ पत्रकारों के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड को पुनर्जीवित करने की भी मांग की।

इन सभी सुझावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए आयुक्त के.एस. विश्वनाथन ने आश्वासन दिया, “हम तुरंत पत्रकारों के मुद्दों पर बैठक करेंगे और आवश्यक निर्णय लेंगे।”

बैठक में प्रेस क्लब के सचिव दासारी नागराजू, APUWJ राज्य कार्यकारी सदस्य रमबाबू और राज्य परिषद सदस्य एडाकोंडालु सहित कई अन्य लोग भी मौजूद थे।

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दिल्ली सरकार के मीडिया कार्यक्रम में उर्दू पत्रकारों को नहीं मिला आमंत्रण, भेदभाव का आरोप

दिल्ली सरकार ने हाल ही में 'दीवाली मंगल मिलन' कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें अन्य मीडिया जैसे प्रिंट और विजुअल मीडिया को आमंत्रित किया गया, लेकिन उर्दू मीडिया को शामिल नहीं किया गया।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 23 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 23 October, 2025
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दिल्ली सरकार ने हाल ही में 'दीवाली मंगल मिलन' कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें अन्य मीडिया जैसे प्रिंट और विजुअल मीडिया को आमंत्रित किया गया, लेकिन उर्दू मीडिया को शामिल नहीं किया गया। पत्रकारों ने इसे अल्पसंख्यक विरोधी, भेदभावपूर्ण और उर्दू प्रेस के प्रति उपेक्षात्मक रवैये वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, यहां तक कि उन पत्रकारों के साथ भी नहीं जो दशकों से भाजपा और दिल्ली सरकार की कवरेज करते रहे हैं।

13 अक्टूबर को सूचना और जनसंपर्क निदेशालय (DIP) ने अशोका होटल में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ पत्रकारों के लिए विशेष बातचीत का आयोजन किया। कार्यक्रम में दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्री भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने इसे मीडिया के साथ सौहार्दपूर्ण संवाद का अवसर बताया। लेकिन उर्दू मीडिया के रिपोर्ट्स के अनुसार, पहली बार एक भी उर्दू पत्रकार को आमंत्रित नहीं किया गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, DIP निदेशक सुशील सिंह ने वॉट्सऐप के माध्यम से आमंत्रण भेजे और इसे अनिवार्य उपस्थित माना गया। इस बहिष्कार को प्रशासनिक त्रुटि नहीं बल्कि जानबूझकर उर्दू पत्रकारों को हाशिए पर रखने की कोशिश माना गया। कई पत्रकारों ने इसे 'अछूतपन' और उर्दू और उसके भाषियों को कमजोर करने की स्पष्ट कोशिश बताया।

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि वर्तमान सरकार उर्दू के खिलाफ पुराने भेदभाव को बढ़ावा दे रही है। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भी इसे औपचारिक रूप से दिल्ली सरकार के जनसंपर्क और विकास प्राधिकरण के सामने उठाने की योजना बनाई।

उर्दू समाचार पत्र 'हमारा समाज' के संपादक सादिक शेरवानी ने कहा कि पहले की भाजपा सरकारों के दौरान, जैसे मदन लाल खुराना और सुषमा स्वराज के नेतृत्व में, उर्दू पत्रकारों के साथ कभी ऐसा भेदभाव नहीं हुआ। उर्दू को हमेशा सम्मान मिला। वर्तमान बहिष्कार को कई पत्रकार साम्प्रदायिक रणनीतियों से जुड़ा राजनीतिक संदेश मानते हैं।

कुछ पत्रकारों का मानना है कि यह कदम जानबूझकर उर्दू को दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान से अलग दिखाने और इसे केवल मुसलमानों की भाषा के रूप में पेश करने का प्रयास है। हालांकि सरकार ने इसे निजी तौर पर 'गलती' बताया, लेकिन कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

उर्दू और मुख्यधारा के वरिष्ठ पत्रकारों ने सरकार की इस नीति की आलोचना की और कहा कि दिल्ली की दूसरी आधिकारिक भाषा होने के बावजूद, उर्दू को व्यवस्थित रूप से हाशिए पर रखा जा रहा है। उनका कहना है कि यह बहिष्कार लंबे समय से जारी उपेक्षा का हिस्सा है, क्योंकि उर्दू अखबारों को हाल के वर्षों में सरकारी विज्ञापन भी नहीं मिले।

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NHRC ने पत्रकारों पर हमले को लेकर तीन राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को जारी किया नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बुधवार, 22 अक्टूबर 2025 को केरल, त्रिपुरा और मणिपुर की सरकारों को नोटिस जारी किया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 23 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 23 October, 2025
NHRC7845

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बुधवार, 22 अक्टूबर 2025 को केरल, त्रिपुरा और मणिपुर की सरकारों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन तीन पत्रकारों पर हाल के तीन महीनों में हुए कथित हमलों से जुड़ा है।

आयोग ने तीनों राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (DGPs) को यह निर्देश दिया है कि वे दो हफ्तों के भीतर पूरी रिपोर्ट भेजें।

मणिपुर में 30 अगस्त को सेनापति जिले के लाई गांव में एक फूलों के त्योहार की कवरेज कर रहे पत्रकार पर हमला हुआ। उन्हें एयर गन से दो बार गोली मारी गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।

उसी दिन केरल के थोडूपुझा के पास मंगलत्तुकवाला में एक और पत्रकार पर लोगों के समूह ने हमला किया। वह एक शादी समारोह से लौट रहे थे।

वहीं, त्रिपुरा में 21 सितंबर को पश्चिम त्रिपुरा के हेमारा इलाके में एक पत्रकार पर लोहे की रॉड और धारदार हथियारों से हमला किया गया। वह एक राजनीतिक पार्टी द्वारा आयोजित कपड़े वितरण कार्यक्रम में शामिल थे। इस दौरान, उनकी मोटरसाइकिल को भी चोरी कर लिया गया।

तीनों ही मामलों में, घायल पत्रकारों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और पुलिस ने संबंधित मामलों में मामले दर्ज किए।

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