दुनिया को अलविदा कह गए ESPN इंडिया के पहले CEO आर.के. सिन्हा

ESPN इंडिया के पहले सीईओ आर.के. सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहे। सिन्हा ESPN स्टार स्पोर्ट्स के भी सीईओ रहे थे।

Last Modified:
Monday, 18 August, 2025
RKSinha7845


ESPN इंडिया के पहले सीईओ आर.के. सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहे। सिन्हा ESPN स्टार स्पोर्ट्स के भी सीईओ रहे थे। उन्हें पेड टेलीविजन के शुरुआती दौर में दिशा देने का श्रेय दिया जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका 15 अगस्त को निधन हो गया। उनकी उम्र 75 वर्ष थी। इंडस्ट्री के वरिष्ठ लोगों ने आर.के. सिन्हा को भारतीय प्रसारण जगत के अग्रदूत के तौर पर याद किया, जिनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता ने देश के टेलीविजन परिदृश्य को आकार दिया।

ICC के चीफ कमर्शियल ऑफिसर अनुराग दहिया ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, आर.के. सिन्हा किसी भी मायने में ‘टिपिकल ब्यूरोक्रेट’ जैसे बिल्कुल भी नहीं थे। उन्होंने डीडी-मेट्रो की परिकल्पना की और उसे लॉन्च किया। यह एक गतिशील, शहर-केंद्रित सेवा थी जिसने 1980 के दशक में भारतीय प्रसारण को नए तरह के मनोरंजन कार्यक्रमों की लहर के साथ बदल दिया।"

EQT के सीनियर एडवाइजर, पूर्व सीईओ आईसीसी, बोर्ड मेंबर मैनचेस्टर यूनाइटेड और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स मनु सॉहनी ने लिखा, "भारतीय खेल और मीडिया इंडस्ट्री के शुरुआती दिनों से ही वे इसके सच्चे अग्रणी और प्रबल समर्थक रहे। उन्होंने मुझे खेल और मीडिया इंडस्ट्री में पहला मौका दिया था और उनके साथ ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स की स्थापना करना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। भारतीय प्रसारण उद्योग पर उनके प्रभाव को लंबे समय तक याद किया जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। आर.के. को श्रद्धांजलि और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं।"

हाउस ऑफ IPs और हाउस ऑफ चीयर नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर राज नायक ने कहा, "ESPN स्टार स्पोर्ट्स में ऐड सेल्स हेड के रूप में काम करते समय मुझे आर.के. के साथ करीब से काम करने का सौभाग्य मिला। वे एक बेहतरीन इंसान और सच्चे सज्जन थे। उनकी पत्नी अनु और पूरे परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।" 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में शामिल होंगे पीएम नरेंद्र मोदी

यहां भारत की कहानी महत्वाकांक्षा, पुनर्निर्माण और दृढ़ता की वैश्विक विमर्श के केंद्र में रखी जाएगी और इसके केंद्र में एक नया संकल्प है। यह एक नए भारत की कहानी है।

Last Modified:
Tuesday, 07 October, 2025
ndtvsummit2025

एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 वैश्विक संवाद के एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करेगा, जिसमें हमारे समय के कुछ सबसे प्रभावशाली नेताओं की उपस्थिति होगी। इनमें शामिल हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरासूरिया, यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट।

यह एक दुर्लभ अवसर होगा जब दो वर्तमान प्रधानमंत्री और दो पूर्व प्रधानमंत्री एक ही मंच पर होंगे जो इस समिट की महत्ता और विश्व स्तर पर उसकी प्रतिष्ठा को दर्शाता है। यह समिट 17 और 18 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी और यह वैश्विक विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच बनेगी।

एक ऐसे समय में जब दुनिया अस्थिरता, अनिश्चितता और गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रही है, यह समिट उन नेताओं, विचारकों, नवप्रवर्तकों और सांस्कृतिक प्रतीकों को एक साथ लाएगी जो हमारे युग के सबसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। भू-राजनीति से लेकर प्रौद्योगिकी तक, पारिस्थितिकी से लेकर संस्कृति तक, अर्थव्यवस्थाओं की संरचना से लेकर समाजों की कल्पना तक, एनडीटीवी वर्ल्ड समिट का उद्देश्य केवल विश्लेषण करना नहीं, बल्कि पुनर्कल्पना, पुनर्निर्माण और नवीनीकरण की दिशा में बढ़ना है।

2025 संस्करण का थीम ‘एज ऑफ द अननोन: रिस्क. रिज़ॉल्व. रिन्युअल.’ (अज्ञात की कगार: जोखिम. संकल्प. नवीनीकरण.) इस ऐतिहासिक क्षण के सार को दर्शाता है। यह एक निमंत्रण है। अनिश्चितता का सामना कल्पना के साथ करने का, संकल्प को प्रतिक्रिया नहीं बल्कि उद्देश्यपूर्ण इरादा मानने का, और नवीनीकरण को अतीत में लौटने के बजाय भविष्य के सृजन के रूप में अपनाने का।

इस समिट की गंभीरता को और भी बढ़ाता है इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागियों का दायरा। दो वर्तमान और दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ दुनिया भर से आने वाले नेताओं, उद्योगपतियों, नवाचारकर्ताओं, सांस्कृतिक हस्तियों और नैतिक विचारकों की एक सशक्त टोली इसमें शामिल होगी। ये सभी मिलकर प्रभाव और कल्पना की एक सामूहिक ध्वनि बनाते हैं। जो राजनीति, अर्थशास्त्र और समाज के नए आयामों को आकार दे रहे हैं। इनकी उपस्थिति इस समिट की उस भूमिका को रेखांकित करती है जहां वर्तमान वास्तविकताएं भविष्य की संभावनाओं से मिलती हैं।

एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 प्रभाव का एक संगम है, जहां विचार, कल्पना और इरादा मिलते हैं। दो वर्तमान और दो पूर्व प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति, साथ ही वैश्विक नेताओं और परिवर्तनकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला, इस समिट की तात्कालिकता और महत्व को दर्शाती है।

यह भारत की उस केंद्रीय भूमिका को भी प्रतिबिंबित करती है जो वह आज दुनिया की बातचीत के केंद्र में निभा रहा है और एक साझा भविष्य के निर्माण में योगदान दे रहा है। जब दुनिया विरोधाभास और रचनात्मकता, थकान और पुनरुत्थान के बीच झूल रही है, तब एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 एक ऐसे मंच के रूप में खड़ा होगा जो सामंजस्य, संभावना और दूरदृष्टि का प्रतीक बनेगा। यह वह स्थान होगा जहां समाप्त होती निश्चितताओं का सामना किया जाएगा और कल के विचारों को आकार दिया जाएगा।

यहां भारत की कहानी महत्वाकांक्षा, पुनर्निर्माण और दृढ़ता की वैश्विक विमर्श के केंद्र में रखी जाएगी और इसके केंद्र में एक नया संकल्प है। यह एक नए भारत की कहानी है, जिसे नए एनडीटीवी के माध्यम से बताया जा रहा है। एक ऐसा नेटवर्क जो अपने समय के अनुरूप पुनर्कल्पित हुआ है, जो सार्थक संवादों का मंच तैयार कर रहा है, भारत की आवाज़ को वैश्विक स्तर पर और बुलंद कर रहा है, और ऐसे विचारों को दिशा दे रहा है जो हमारे साझा भविष्य को पुनः परिभाषित करेंगे।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

पटना में भारत एक्सप्रेस के कॉन्क्लेव में हुई 'नए भारत की बात, बिहार के साथ'

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पूर्व यह मेगा इवेंट राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया जगत के प्रमुख हस्तियों का समागम बना। भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय के साथ बिहार के दिग्गजों ने किया विमर्श।

Last Modified:
Monday, 06 October, 2025
Patna Conclave Bharat Express

‘भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क’ (Bharat Express News Network) ने सोमवार को पटना में 'नए भारत की बात, बिहार के साथ' कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने बिहार के डीजीपी विनय कुमार के साथ दीप प्रज्वलन कर किया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पूर्व यह मेगा इवेंट राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया जगत के प्रमुख हस्तियों का समागम बना।

कॉन्क्लेव की शुरुआत में चैनल के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने इसे चैनल की स्थापना के बाद पटना में पहला बड़ा आयोजन बताते हुए कहा कि भारत एक्सप्रेस ने बिहार, झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक लगभग हर जिले में अपने प्रतिनिधि नियुक्त किए हैं। उपेंद्र राय ने पत्रकारिता की बदलती भूमिका, सोशल मीडिया की ताकत और तकनीकी क्रांति पर गहन विचार व्यक्त किए, जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश साबित हुए।

पत्रकारिता का महत्व: 1787 में स्थापित हुआ यह चौथा स्तंभ:

उपेंद्र राय ने पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए इसका ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत किया। उन्होंने ब्रिटिश विचारक एवं सांसद एडमंड बर्क का जिक्र करते हुए कहा कि 1787 में ब्रिटिश संसद के समक्ष बर्क ने पहली बार प्रस्ताव रखा था कि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका निरंकुश न हो जाएं, इसके लिए चौथे खंभे की स्थापना आवश्यक है। उपेंद्र राय ने स्पष्ट किया कि ब्रिटिश साम्राज्य के वैश्विक प्रभुत्व के दौर में यह विचार तुरंत स्वीकार्य हो गया, जिससे प्रेस को कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के साथ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मान्यता मिली। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका पर नजर रखने के लिए चौथे खंभे के रूप में प्रेस की स्थापना की गई थी। प्रेस की यही भूमिका आज भी उतनी ही अहम है और इस पर गंभीर चर्चा जरूरी है कि पत्रकारिता कितनी जिम्मेदार होनी चाहिए।’

उपेंद्र राय ने यह भी उल्लेख किया कि आज दुनिया के हर देश में प्रेस की यह भूमिका अहम बनी हुई है, जो सत्ता के तीनों स्तंभों पर नजर रखने का दायित्व निभाती है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य कभी नहीं बदलना चाहिए-यह लोकतंत्र की रक्षा का माध्यम है। इस ऐतिहासिक संदर्भ से उन्होंने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया कि वे इस जिम्मेदारी को समझें और निभाएं।

पत्रकारिता के साधनों में परिवर्तन: प्रिंट से सोशल मीडिया तक का सफर:

उपेंद्र राय ने पत्रकारिता के साधनों में आए क्रमिक परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समय के साथ पत्रकारिता के माध्यम लगातार विकसित होते रहे हैं। उन्होंने बताया, ’पत्रकारिता के साधन समय के साथ लगातार बदलते रहे हैं। प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रॉनिक से डिजिटल और अब डिजिटल से आगे बढ़कर सोशल मीडिया सबसे शक्तिशाली माध्यम बन चुका है।’

भारत एक्सप्रेस की तीव्र प्रगति का जिक्र करते हुए उपेंद्र राय ने कहा कि चैनल को बहुत कम समय में देश के प्रमुख प्लेटफॉर्म्स जैसे डीडी फ्रीडिश, टाटा प्ले, डिश टीवी, डी2एच, एयरटेल और जियो टीवी पर स्थान मिल चुका है। यह उपलब्धि न केवल चैनल की विश्वसनीयता को दर्शाती है, बल्कि डिजिटल युग में पत्रकारिता की पहुंच को भी रेखांकित करती है।

उपेंद्र राय ने जोर दिया कि ये बदलाव पत्रकारिता को अधिक समावेशी और त्वरित बनाने वाले हैं, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। उन्होंने कॉन्क्लेव के संदर्भ में कहा कि बिहार जैसे राज्य में, जहां चुनावी माहौल गर्म है, पत्रकारिता को सच्चाई और संतुलन का दर्पण बनना होगा।

उपेंद्र राय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत एक्सप्रेस की पत्रकारिता का मूल उद्देश्य सत्ता के तीनों स्तंभों पर नजर रखना और लोकतंत्र के चौथे खंभे की जिम्मेदारी निभाना है, जो तकनीकी बदलावों के बावजूद अपरिवर्तनीय रहेगा. इस संबोधन से उपस्थित राजनीतिक नेताओं और छात्रों में उत्साह का संचार हुआ।

सोशल मीडिया की असीम ताकत: मोबाइल फोन-हर हाथ का हथियार:

कॉन्क्लेव के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उपेंद्र राय ने सोशल मीडिया को पत्रकारिता का सबसे शक्तिशाली हथियार बताया। उन्होंने कहा, ’सोशल मीडिया ने आपलोगों को एक अजीब सी ताकत दी है। इसके लिए आपको किसी न्यूज रूम की जरूरत नहीं है। किसी अप्रूवल की जरूरत नहीं है। आपके हाथ में मौजूद मोबाइल आपका सबसे बड़ा हथियार है।बस आपको उस पर अपनी बात रखनी आनी चाहिए।’

उपेंद्र राय ने स्पष्ट किया कि 25 वर्ष पूर्व सूचना प्रसार के साधन सीमित थे, लेकिन आज सोशल मीडिया ने हर व्यक्ति को तत्काल अपनी समस्याओं को व्यापक स्तर पर पहुंचाने की क्षमता प्रदान कर दी है। उन्होंने मणिपुर घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि दो महिलाओं के साथ हुई अमानवीय घटना पर एक फेसबुक पोस्ट ने राष्ट्रीय आंदोलन खड़ा कर दिया। मुख्यधारा का मीडिया उस समय पीछे रह गया, लेकिन सोशल मीडिया ने संसद का विशेष सत्र बुलवाया और 35,000 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती कराई।

उन्होंने कहा, ’मुख्यधारा मीडिया उस समय पीछे रह गया, लेकिन सोशल मीडिया ने लोगों की उम्मीदों और भरोसे को नई ऊंचाई दी।’ उन्होंने मुख्यधारा मीडिया की सीमाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब यह सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को जनता तक पहुंचाने में असमर्थ है, जबकि सोशल मीडिया का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जितने लोगों के हाथों में मोबाइल फोन हैं, उतने ही इसके लिए कार्यरत हैं। उपेंद्र राय ने छात्रों को सलाह दी कि वे इस ताकत का सदुपयोग करें और अपनी आवाज को मजबूत बनाएं’

तकनीक के जरिए जीवन को सरल बनाना और समय की बचत:

उपेंद्र राय ने तकनीकी क्रांति पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि तकनीक हमेशा दो उद्देश्यों की पूर्ति करती है—लोगों का जीवन सरल बनाना और समय की बचत. उन्होंने चैटजीपीटी जैसे आधुनिक टूल्स का उदाहरण दिया, जो रिसर्च या ड्राफ्टिंग का कार्य कुछ ही सेकंडों में पूरा कर देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, ’तकनीक हमेशा दो काम करती है, लोगों का जीवन आसान बनाना और समय बचाना।’ इस संदर्भ में उन्होंने पत्रकारिता के भविष्य पर विचार व्यक्त किए कि डिजिटल टूल्स न केवल गति प्रदान करते हैं, बल्कि सटीकता भी सुनिश्चित करते हैं।

उपेंद्र राय ने कॉन्क्लेव के मंच से बिहार के डीजीपी विनय कुमार के साथ राज्य की कानून-व्यवस्था, नए कानूनों और हालिया संशोधनों पर चर्चा की, जहां तकनीक की भूमिका को उजागर किया। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव 2025 के संदर्भ में तकनीक पत्रकारिता को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बना सकती है। उपेंद्र राय ने युवाओं को प्रेरित किया कि वे इन टूल्स का उपयोग सकारात्मक परिवर्तन के लिए करें, न कि अफवाहों के प्रसार के लिए। यह विचार-विमर्श कॉन्क्लेव को एक गहन बौद्धिक मंच के रूप में स्थापित करता है।

बिहार कॉन्क्लेव का महत्व: नए भारत की बात बिहार के साथ: उपेंद्र राय ने कॉन्क्लेव के थीम 'नए भारत की बात, बिहार के साथ' पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन बिहार के विकास और चुनावी परिदृश्य को नए आयाम देगा। उन्होंने कहा कि भारत एक्सप्रेस का यह प्रयास बिहार को राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बनाने का है। उन्होंने अपने समापन उद्गार में दोहराया कि पत्रकारिता की जिम्मेदारी लोकतंत्र को मजबूत रखना है, और सोशल मीडिया इस दिशा में नया आयुध प्रदान करता है।

उपेंद्र राय ने छात्रों से अपील की कि वे पत्रकारिता के बदलते स्वरूप को अपनाएं और बिहार के निर्माण में योगदान दें। यह कॉन्क्लेव न केवल राजनीतिक चर्चा का मंच बना, बल्कि पत्रकारिता के भविष्य पर गंभीर बहस को भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी, सीपीआई-एमल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सैयद शाहनवाज़ हुसैन, कैबिनेट मंत्री डॉ. अशोक चौधरी और जन शक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव सहित विभिन्न राजनेताओं की उपस्थिति और योगदान की सराहना की।

इस कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां आप यहां देख सकते हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

भारतीय पत्रकारिता के दिग्गज टी.जे.एस. जॉर्ज का 97 साल की उम्र में निधन

वे एक जाने-माने लेखक और जीवनीकार भी थे। उनकी कई किताबें प्रकाशित हुईं और उन्होंने भारतीय राजनीति, समाज और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर धारदार लेखन किया। उन्हें पद्मभूषण (2011) से भी सम्मानित किया गया था।

Last Modified:
Friday, 03 October, 2025
TJS George

भारतीय पत्रकारिता जगत के दिग्गज और वरिष्ठ लेखक टी.जे.एस. जॉर्ज का निधन हो गया है। वे करीब 97 वर्ष के थे। शुक्रवार (3 अक्टूबर 2025) को उन्होंने अंतिम सांस ली।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टी.जे.एस. जॉर्ज का जन्म केरल में हुआ और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1950 में फ्री प्रेस जर्नल, मुंबई से की। बाद में वे हांगकांग आधारित ‘एशियावीक’ (Asiaweek) के संस्थापक संपादक बने।

उन्होंने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में करीब 25 साल तक अपने प्रसिद्ध कॉलम ‘Point of View’ लिखे, जिसमें भ्रष्टाचार, राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर स्पष्ट और निर्भीक टिप्पणियाँ थीं। उनके कॉलम लगभग 1,300 हफ्तों तक प्रकाशित हुए और उन्होंने सैकड़ों पत्रकारों का मार्गदर्शन किया।

टी.जे.एस. जॉर्ज को 2011 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। लेखक के रूप में उन्होंने रामनाथ गोयनका, पोथन जोसेफ, एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी, नर्गिस और कृष्ण मेनन जैसे व्यक्तित्वों की जीवनियाँ लिखीं और भारतीय राजनीति व शहरी इतिहास पर कई पुस्तकें प्रकाशित कीं। बता दें कि टी.जे.एस. जॉर्ज की पत्नी अम्मू जॉर्ज का इसी साल जनवरी में निधन हो गया था। उनके परिवार में अब बेटे जीत थायल और बेटी शेबा थायल हैं।

टी.जे.एस. जॉर्ज के निधन पर तमाम राजनेताओं और पत्रकारों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। टी.जे.एस. जॉर्ज को श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ठ पत्रकार वी.के. चेरियन ने ‘फेसबुक’ पर अपनी पोस्ट में लिखा है, ‘भारतीय पत्रकारिता के एक और पुराने दिग्गज ने दुनिया छोड़ दी है। इस अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संपादक से मेरी मुलाक़ात सिर्फ़ एक बार हुई थी जब वे इंडियन एक्सप्रेस समूह के सलाहकार थे। अरुण शौरी अभी-अभी एक्सप्रेस से निकले थे और दिल्ली में थे। जब मैंने शौरी के जाने की ओर इशारा किया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "तुम्हें राहत नहीं मिली?" ये थे टीजेएस जॉर्ज, जो 70 से 90 के दशक तक हांगकांग स्थित एडियावीक के संस्थापक थे। अलविदा, एक ऐसे कद्दावर पेशेवर जिन्होंने युवाओं को इस माध्यम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।’  

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

राजनीति व खेल दोनों में चमक बिखेरते आशीष शेलार का जन्मदिन आज

3 अक्टूबर 1972 को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में जन्मे शेलार का सफर साधारण परिवार से उठकर मुंबई की राजनीति और खेल की दुनिया में एक मजबूत स्तंभ बनने तक का रहा है।

Last Modified:
Friday, 03 October, 2025
AshishShelar7845

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और खेल जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले प्रशासक आशीष बाबाजी शेलार आज 53 वर्ष के हो गए हैं। 3 अक्टूबर 1972 को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में जन्मे शेलार का सफर साधारण परिवार से उठकर मुंबई की राजनीति और खेल की दुनिया में एक मजबूत स्तंभ बनने तक का रहा है। यह यात्रा केवल सफलता की कहानी नहीं, बल्कि अनुशासन, संघर्ष, सेवा और नेतृत्व का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

बांद्रा की गलियों में बीता उनका बचपन आज भी उनकी जड़ों से जुड़ाव की गवाही देता है। स्कूल के दिनों से ही वे सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे, जिसने उन्हें लोगों से जोड़ने और समाज की धड़कन समझने की संवेदनशीलता दी। शायद यही कारण है कि जब उन्होंने सार्वजनिक जीवन में कदम रखा, तो लोग उन्हें अपने बीच का ही मानने लगे।

राजनीति में उनका औपचारिक प्रवेश भाजपा की युवा इकाई से हुआ। यहां उनकी तेज सोच, सटीक अभिव्यक्ति और संगठनात्मक कुशलता ने उन्हें जल्दी ही अलग पहचान दिलाई। साल 2012 में वे पहली बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने। दो साल बाद 2014 में उन्होंने बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और अनुभवी नेता बाबा सिद्दीकी को हराकर विधानसभा पहुंचे। तब से वे लगातार इस क्षेत्र की जनता की आवाज़ बनकर विधानसभा में मौजूद हैं।

पार्टी संगठन में भी शेलार ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। अगस्त 2022 से अगस्त 2025 तक भाजपा मुंबई अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पार्टी की शहरी रणनीति को मजबूत किया और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में संगठन की जड़ें और गहरी कीं। उनका काम केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने आधारभूत संरचना, शिक्षा और नागरिक समस्याओं को भी प्राथमिकता दी।

लेकिन आशीष शेलार की पहचान केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। खेलों के प्रति उनका जुनून और समर्पण भी उतना ही गहरा है। जून 2015 में जब वे मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के उपाध्यक्ष चुने गए, तो उन्होंने खेलों के प्रशासन में भी अपनी क्षमता साबित की। इसके अलावा, मुंबई जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने फुटबॉल को जमीनी स्तर पर बढ़ावा दिया और युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित किया। वे खेल को केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि युवाओं को अनुशासन और समाज को जोड़ने का माध्यम मानते हैं।

सालों की मेहनत और समर्पण ने आशीष शेलार को आज उस मुकाम पर पहुंचाया है जहां वे राजनीति और खेल दोनों में सम्मानित नाम हैं। उनकी कानूनी पृष्ठभूमि ने उन्हें न केवल विधायी कार्यों में निपुण बनाया है, बल्कि उन्हें एक सशक्त और संतुलित दृष्टिकोण भी दिया है।

आज जब वे अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं, तो यह केवल उनके जीवन का जश्न नहीं, बल्कि उस संघर्ष, उस लगन और उस जिम्मेदारी का उत्सव भी है जिसने उन्हें आम लोगों से जोड़कर रखा और समाज की भलाई के लिए निरंतर प्रेरित किया। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'Talentpost India' और उज्बेकिस्तान क्रिकेट फेडरेशन के बीच MoU

विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्रीय स्तर पर नई प्रतिभाओं का उदय होगा और खेल पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। भारत की क्रिकेट विशेषज्ञता उज्बेकिस्तान के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी।

Last Modified:
Friday, 03 October, 2025
mou

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच खेल संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, 'Talentpost India' ने उज्बेकिस्तान क्रिकेट फेडरेशन (सीएफयू) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी मध्य एशिया में क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य रखती है। इस MoU के तहत ताशकंद में एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।

साथ ही, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट लीग शुरू की जाएंगी। पुरुष और महिला टीमों का विकास और भारत और उज्बेकिस्तान दोनों देशों में उन्नत प्रशिक्षण अवसर प्रदान किए जाएंगे। यह कदम न केवल उज्बेकिस्तान में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाएगा, बल्कि युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका भी देगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उज्बेकिस्तान क्रिकेट फेडरेशन के अध्यक्ष (चेयरमैन) आजिज जी. मिह्लिएव ने कहा, यह साझेदारी उज्बेकिस्तान क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक कदम है। हम साथ मिलकर बुनियादी ढांचा विकसित करेंगे, प्रतिभाओं को निखारेंगे और अपने खिलाड़ियों को वैश्विक क्रिकेट समुदाय से जोड़ेंगे।

'Talentpost India' के प्रबंध निदेशक राजवीर रोहित कौशिक ने इसे एक साझा दृष्टिकोण बताया। उन्होंने कहा, यह MoU केवल एक अनुबंध नहीं, बल्कि खेल को बढ़ावा देने, युवाओं को प्रेरित करने और भारत-उज्बेकिस्तान के बीच खेल मैत्री को मजबूत करने का साझा विजन है।

हम सीएफयू के साथ गर्व से जुड़कर लंबी अवधि के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह साझेदारी न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि क्रिकेट को एक वैश्विक खेल के रूप में मध्य एशिया में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्रीय स्तर पर नई प्रतिभाओं का उदय होगा और खेल पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। भारत की क्रिकेट विशेषज्ञता उज्बेकिस्तान के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अशोक कुमार झा बने TRAI मुख्यालय में प्रिंसिपल एडवाइजर

टेलीकॉम विभाग (DoT) ने अशोक कुमार झा (ITS) की नई दिल्ली स्थित TRAI मुख्यालय में प्रिंसिपल एडवाइजर के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है।

Last Modified:
Friday, 03 October, 2025
AshokKumarJha7889

टेलीकॉम विभाग (DoT) ने अशोक कुमार झा (ITS) की नई दिल्ली स्थित TRAI मुख्यालय में प्रिंसिपल एडवाइजर के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है।

अशोक कुमार झा, जो फिलहाल BSNL में चीफ जनरल मैनेजर (CGM) के पद पर हैं, डिप्यूटेशन के आधार पर दो साल या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, अपने नए पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।

यह नियुक्ति TRAI की 17 सितंबर 2025 की सिफारिश के बाद हुई है। उनकी डिप्यूटेशन की शर्तें कर्मचारी और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के दिशानिर्देशों के अनुसार होंगी। जो मामले मौजूदा प्रावधानों में शामिल नहीं हैं, उन्हें TRAI की नीतियों के अनुसार तय किया जाएगा।

अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अशोक कुमार को उनके वर्तमान पद से तुरंत मुक्त किया जाए, ताकि वे नई जिम्मेदारी TRAI में जल्द से जल्द संभाल सकें।

TRAI में प्रिंसिपल एडवाइजर एक वरिष्ठ अधिकारी होते हैं, जो किसी प्रमुख विभाग का नेतृत्व करते हैं। ये सरकार को नीति और नियामक सिफारिशें देते हैं और ब्रॉडकास्टिंग, स्पेक्ट्रम प्रबंधन, नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय विश्लेषण जैसे विशेष क्षेत्रों की निगरानी करते हैं। आमतौर पर ये अधिकारी इंडियन टेलीकॉम सर्विस (ITS) से आते हैं और TRAI के ढांचे में अपने अनुभव का योगदान देते हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

स्वतंत्रता सेनानी और ‘जनता’ पत्रिका के संस्थापक जीजी पारीख का निधन

जीजी पारीख के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है।

Last Modified:
Thursday, 02 October, 2025
GG Parikh

देश ने एक और स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी विचारक को खो दिया है। गांधीवादी समाजसेवी और 'भारत छोड़ो आंदोलन' (1942) के सिपाही डॉ. जीजी पारीख का दो अक्टूबर को निधन हो गया। वे करीब 101 वर्ष के थे। संयोग यह भी रहा कि उन्होंने गांधी जयंती के दिन ही अंतिम सांस ली।

डॉ. पारीख का जन्म 30 दिसंबर 1924 को हुआ था। वे 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हुए थे। उस दौरान महात्मा गांधी मंच पर थे और जीजी पारीख वालंटियर के रूप में मंच के नीचे मौजूद थे। आंदोलन के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

डॉ. पारीख ने अपने जीवन में समाजवादी राजनीति और जनआंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। वे प्रसिद्ध पत्रिका ‘जनता’ के संस्थापक भी रहे। आपातकाल के दौरान भी उन्हें जेल जाना पड़ा था। 101 वर्ष की उम्र में भी वे सामाजिक जीवन में सक्रिय थे। इसी साल अप्रैल 2025 में उन्होंने मुंबई में अपनी पुस्तक ‘1974’ का विमोचन किया था। 

जीजी पारीख के निधन की खबर से सामाजिक और राजनीतिक हलकों में शोक की लहर है। देशभर में उनके योगदान को याद करते हुए लोग श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

जीजी पारीख के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरिवंश नारायण सिंह ने लिखा है, ‘जीवन सफर में शतायु की यात्रा पूरी कर चुके समाजवादी राजनीति के प्रखर स्तंभ, स्वतंत्रता सेनानी जीजी पारीख जी दुनिया से विदा हुए। वे प्रसिद्ध पत्रिका 'जनता' के संस्थापक थे। मुंबई में उन्होंने यूसुफ मेहर अली सेंटर की स्थापना कर, समाजवादी विचारों को ठोस रूप दिया। मुंबई में पत्रकारिता के दिनों में उनसे मिलना होता था। उनकी पावन स्मृतियों को शत—शत नमन।’

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

वरिष्ठ पत्रकार मधुकर उपाध्याय की धर्मपत्नी कुमुद उपाध्याय का निधन

वरिष्ठ पत्रकार मधुकर उपाध्याय की धर्मपत्नी कुमुद उपाध्याय का आज 2 अक्टूबर को निधन हो गया।

Last Modified:
Thursday, 02 October, 2025
KumudUpadhyay7845

वरिष्ठ पत्रकार मधुकर उपाध्याय की धर्मपत्नी कुमुद उपाध्याय का आज 2 अक्टूबर को निधन हो गया। वे दिल्ली के एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती थीं, जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।

कुमुद उपाध्याय वरिष्ठ पत्रकार और ‘द रेड माइक’ के को-फाउंडर संकेत उपाध्याय की माताजी थीं और चर्चित पत्रकार पलकी उपाध्याय की सास थीं।

उनका अंतिम संस्कार आज, 2 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजे लोधी क्रेमेटोरियम में किया जाएगा।

गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार मधुकर उपाध्याय लंबे समय तक BBC हिंदी रेडियो से जुड़े रहे। लंदन और दिल्ली, दोनों जगहों पर उन्होंने बीबीसी के लिए काम किया और भारतीय राजनीति, संस्कृति, समाज और समसामयिक घटनाओं पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किए।

वे केवल पत्रकार ही नहीं, बल्कि रेडियो फीचर और डॉक्यूमेंट्री प्रड्यूसर भी रहे। उनकी चर्चित प्रस्तुतियों में ‘The Mahatma’ नामक डॉक्यूमेंट्री सीरीज शामिल है, जिस पर शोध और निर्माण कार्य उन्होंने लगभग एक दशक तक किया। इसके अलावा उनका लोकप्रिय प्रसारण कार्यक्रम “भारतनामा” भी खासा सराहा गया, जिसमें उन्होंने भारत की यात्रा करते हुए इसकी विविध धरोहरों और संस्कृति को श्रोताओं के सामने रखा।

पत्रकारिता के अलावा मधुकर उपाध्याय एक शिक्षक और लेखक के रूप में भी सक्रिय हैं। वे अमरकंटक स्थित राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं और लेखन के जरिए सामाजिक-राजनीतिक विषयों पर अपनी समझ साझा करते रहे हैं।

उनका काम सिर्फ रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज के बदलते परिदृश्य को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से प्रस्तुत किया। उनकी शैली विश्लेषणात्मक और शोधपरक मानी जाती है, जिसने उन्हें हिंदी पत्रकारिता जगत में अलग पहचान दिलाई।

'समाचार4मीडिया' ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

TRAI ने IMT स्पेक्ट्रम नीलामी को लेकर जारी किया परामर्श पत्र

ट्राई ने एक परामर्श पत्र जारी किया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय मोबाइल टेलीकम्युनिकेशन (IMT) के लिए चिन्हित रेडियो फ्रिक्वेंसी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर राय मांगी गई है।

Last Modified:
Wednesday, 01 October, 2025
TRAI84512

टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक परामर्श पत्र जारी किया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय मोबाइल टेलीकम्युनिकेशन (IMT) के लिए चिन्हित रेडियो फ्रिक्वेंसी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर राय मांगी गई है। यह जानकारी आधिकारिक प्रेस नोट में दी गई है।

IMT एक वैश्विक मानक है जिसे अंतरराष्ट्रीय टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) ने मोबाइल कम्युनिकेशन जैसे 3G, 4G और 5G नेटवर्क के लिए परिभाषित किया है। सरल शब्दों में, IMT मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाली फ्रिक्वेंसी बैंड और तकनीक को कहा जाता है।

परामर्श पत्र में स्टेकहोल्डर्स से नीलामी के नियम, कीमतें, बैंड प्लान और ब्लॉक साइज पर सुझाव मांगे गए हैं, जिनमें पुराने और नए स्पेक्ट्रम दोनों शामिल हैं।

पृष्ठभूमि:

  • दूरसंचार विभाग (DoT) ने मई 2025 में TRAI को TRAI अधिनियम के तहत इस मामले का हवाला दिया और 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 2500 MHz, 3300 MHz, 26 GHz, 37–37.5 GHz, 37.5–40 GHz, और 42.5–43.5 GHz बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी पर सिफारिशें मांगी।

  • DoT ने 600 MHz बैंड पर नई सिफारिशें मांगी और तुरंत उपलब्ध फ्रैगमेंटेड 700 MHz स्पेक्ट्रम के नीलामी पर मार्गदर्शन भी चाहा।

  • TRAI को नीलामी का समय, शर्तें, रिजर्व प्राइस और तकनीकी/नियमित आवश्यकताओं पर सलाह देने को कहा गया, जो नवीनतम National Frequency Allocation Plan और ITU नियमों के अनुरूप हो।

  • अगस्त 2025 में DoT ने और स्पष्ट किया कि 1427–1518 MHz रेंज में सरकारी उपयोग के लिए लगातार 24 MHz ब्लॉक निर्धारित करना अनिवार्य है।

उपभोक्ताओं और टेलिकॉम कंपनियों के लिए इसका क्या मतलब है?

  • TRAI की यह नीलामी विशिष्ट रेडियो फ्रिक्वेंसी बैंड्स को टेलीकॉम ऑपरेटरों को आवंटित करेगी, जिससे वे 4G, 5G और भविष्य की नेटवर्क सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।

  • स्पेक्ट्रम सीमित संसाधन है, इसलिए सरकार इसे नीलामी के जरिए बेचती है ताकि इसका प्रभावी उपयोग और राजस्व सुनिश्चित हो सके।

  • टेलिकॉम कंपनियों के लिए IMT स्पेक्ट्रम हासिल करना नेटवर्क कवरेज बढ़ाने, इंटरनेट स्पीड तेज करने और कॉल क्वालिटी सुधारने का मौका है।

  • ऑपरेटर अपनी सेवाओं की योजना उसी स्पेक्ट्रम के आधार पर बनाते हैं — जैसे 600 MHz या 700 MHz बैंड व्यापक कवरेज के लिए बेहतर हैं, जबकि 3.3 GHz या 26 GHz उच्च गति डेटा के लिए शहरी क्षेत्रों में उपयुक्त हैं।

  • उपभोक्ताओं के लिए यह नीलामी बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी, तेज इंटरनेट और भरोसेमंद नेटवर्क सेवाएं लाने में मदद करेगी।

  • नीलामी का अप्रत्यक्ष असर सर्विस प्लान की कीमतों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि ऑपरेटर स्पेक्ट्रम की लागत को अपनी योजनाओं में शामिल करते हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अमिताभ अग्निहोत्री ने BJP लीडर वीके मल्होत्रा को किया याद, ‘X’ पर पोस्ट कर दी श्रद्धांजलि

भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का निधन हो गया है। करीब 93 वर्षीय विजय कुमार मल्होत्रा ने 30 सितंबर को दिल्ली स्थित ‘एम्स’ में अंतिम सांस ली।

Last Modified:
Tuesday, 30 September, 2025
Amitabh Agnihotri..

भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का निधन हो गया है। करीब 93 वर्षीय विजय कुमार मल्होत्रा ने 30 सितंबर 2025 को दिल्ली स्थित ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ (AIIMS) में अंतिम सांस ली।

विजय कुमार मल्होत्रा के निधन पर वरिष्ठ पत्रकार और टीवी9 (यूपी/यूके) में कंसल्टिंग एडिटर अमिताभ अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक पोस्ट में उन्हें याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

अपने शोक संदेश में अमिताभ अग्निहोत्री ने लिखा है, ‘भाजपा के वयोवृद्ध नेता विजय कुमार मल्होत्रा जी के निधन से दुख गहरा है ---  दिल्ली में जनसंघ और भाजपा को गढ़ने वालों में थे वे ---1988 के करीब जब IIMC से निकल कर पत्रकारिता शुरू की तब आरंभिक दौर में विजयजी से परिचय हुआ --- सौम्य और सुसंस्कृत व्यक्तित्व --- उनकी स्मृतियों को प्रणाम!!’

बता दें कि विजय कुमार मल्होत्रा दिल्ली से पांच बार सांसद और दो बार विधायक रहे। 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को हराया था। वे दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे और दिल्ली में भाजपा की मजबूत उपस्थिति के लिए जिम्मेदार थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम राजनेताओं ने विजय कुमार मल्होत्रा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें दिल्ली भाजपा के सशक्त नेता के रूप में याद किया। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए