सुधीर चौधरी, जो डीडी न्यूज पर 'डीकोड' शो होस्ट करते हैं और पूर्व में आज तक व जी न्यूज से जुड़े रहे, सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स ने इस कदम की तारीफ की है।
देश के जाने माने पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर 'सुधीर चौधरी' ने यूट्यूब पर फर्जी वीडियो और चैनलों की शिकायत की थी, जिस पर प्लेटफॉर्म की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उल्लंघनकारी कंटेंट को हटा दिया। चौधरी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में यूट्यूब टीम को धन्यवाद देते हुए लिखा, धन्यवाद 'यूट्यूब टीम' मैं आपकी त्वरित कार्रवाई की सराहना करता हूं।
यूट्यूब की ओर से अपडेट में कहा गया कि फ्लैग किए गए कंटेंट की जांच की गई और उल्लंघनकारी वीडियो व चैनलों को डिलीट कर दिया गया। टीम ने धैर्य के लिए आभार भी व्यक्त किया। यह मामला डिजिटल दुनिया में बढ़ती फेक न्यूज की समस्या को उजागर करता है, जहां मशहूर हस्तियों के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को ठगा जाता है। आपको बता दें, सुधीर चौधरी, जो डीडी न्यूज पर 'डीकोड' शो होस्ट करते हैं और पूर्व में आज तक व जी न्यूज से जुड़े रहे, सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं।
उनके लाखों फॉलोअर्स ने इस कदम की तारीफ की है। यूट्यूब, दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म, फेक कंटेंट, मिसइंफॉर्मेशन (गलत जानकारी) और डिसेप्टिव प्रैक्टिसेस (धोखाधड़ी वाली प्रथाओं) को रोकने के लिए सख्त नीतियां लागू करता है। ये नीतियां कम्युनिटी गाइडलाइंस का हिस्सा हैं, जो उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने और वास्तविक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से बनाई गई हैं।
Thank you @TeamYouTube I appreciate your quick action. https://t.co/vNCoFQridX
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) October 6, 2025
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है। महागठबंधन को तालमेल की कमी और सीट बंटवारे में खींचतान से नुकसान हो सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच 'IANS-Matrize' द्वारा किए गए ताजा ओपिनियन पोल ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पोल के अनुसार, एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) को 49% वोट शेयर हासिल हो सकता है, जो महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन) के 36% से 13% अधिक है। अन्य पार्टियों को 15% वोट शेयर मिलने का अनुमान है। यह पोल दर्शाता है कि एनडीए को 243 सीटों वाली विधानसभा में 150-160 सीटें मिल सकती हैं, जो बहुमत के आंकड़े (122) से कहीं अधिक है।
ओपिनियन पोल के अनुसार, 2025 में NDA को 150-160 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन 70-85 सीटों पर सिमट सकता है। अन्य पार्टियों और निर्दलीयों को 9-12 सीटों का लाभ मिलने की संभावना है। पिछली बार 2020 में NDA को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं।
चुनाव आयोग ने 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान की तारीखें तय की हैं, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी। पोल के परिणामों से एनडीए, खासकर बीजेपी और जेडीयू, में उत्साह है, जबकि विपक्ष इसे 'प्रायोजित' बता रहा है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है। महागठबंधन को तालमेल की कमी और सीट बंटवारे में खींचतान से नुकसान हो सकता है।
भले ही मांझी-पासवान सरीखे नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे। आरजेडी और कांग्रेस के बीच 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' चल रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने दो चरणों में मतदान की घोषणा की है। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। कुल 243 सीटों पर चुनाव होंगे, और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तुरंत लागू हो गया है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बिसात बिछ चुकी है बिहार में। लेकिन दोनों खेमों में सीटों के बंटवारे को लेकर ठीक-ठाक खींचतान जारी है। चुनावों के लिए एनडीए ज्यादा तैयार दिख रहा है।
भले ही मांझी-पासवान सरीखे नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे। आरजेडी और कांग्रेस के बीच 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' चल रहा है। तालमेल बिठाना आसान नहीं होगा। दोनों खेमों में बागी उम्मीदवारों से जबरदस्त चोट लगेगी।
दोनों खेमों में बागियों को मनाने की कोशिशें देखने को मिलेंगी। प्रशांत किशोर की Wild Card Entry से नुकसान की खबरें चुनाव के बाद चर्चा में रहेंगी। सवाल ये है कि खेमे के तौर पर किसको ज्यादा चोट पहुंचाएंगे प्रशांत किशोर? बिहार ने 15 साल का जंगल राज झेला है।
उसके बाद, बिहार ने 20 साल का झूठ और तुष्टिकरण की राजनीति झेली है। यानी 35 साल से बिहार सिर्फ झेल रहा है। पहले लालू परिवार को और उसके बाद से पलटू राम नीतीश कुमार को। बिहार में राजनीतिक ज्ञान बांटने और फिर मुफ्त की रोटियां तोड़ने वालों की भरमार है।
बस काम से लोग कतराते हैं। जाति के नाम पर वोट देकर, मुफ्तखोरी करो। बाहुबलियों के चम्मचे बनकर मुफ्त में रंगदारी करो। नेतागीरी के नाम पर मुफ्त की रोटी तोड़ो। जमीन बिकवाने वाले ब्रोकर बनकर मलाई खाओ। बिना खुद खेती किए, बटाई पर खेतों को देकर, पलंग तोड़ो।
और कुछ न समझ आए तो छोटी चोरी करके ऐश करो। अंत में सरकार से मिलने वाली राहत को खाकर, फुर्र-फुर्र करो। बिहार में बीते 35 सालों से न तो कोई काम किसी को मिला है और न ही ज्यादातर लोग काम करने के लिए राजी हैं। बस चक्कलस चालू है।
बिसात बिछ चुकी है बिहार में।
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) October 6, 2025
लेकिन दोनों ख़ेमों में सीटों के बँटवारे को लेकर ठीकठाक खींचतान जारी है। चुनावों के लिए NDA ज़्यादा तैयार दिख रहा है। भले ही माँझी - पासवान सरीके नेता अपनी माँगो पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे।
RJD - Cong - CPM - Sahni : इन सब…
मित्रों, फेसबुक पर किसी ने मेरी यह फर्जी आईडी बनाई है। इसके विरुद्ध मैं कानूनी कदम उठा रहा हूं। आप सबके साथ यह सूचना साझा करना आवश्यक था, इसलिए यह पोस्ट कर रहा हूं।
वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के बनाए जाने की जानकारी साझा की है। टीवी9 उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के कंसल्टिंग एडिटर अग्निहोत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि किसी अनजान व्यक्ति ने उनकी नकली आईडी बनाई है, जिसके खिलाफ वे कानूनी कदम उठा रहे हैं।
अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, मित्रों, फेसबुक पर किसी ने मेरी यह फर्जी आईडी बनाई है। इसके विरुद्ध मैं कानूनी कदम उठा रहा हूं। आप सबके साथ यह सूचना साझा करना आवश्यक था, इसलिए यह पोस्ट कर रहा हूं। ताकि आप सब को कोई भ्रमित न कर सके। पोस्ट के साथ उन्होंने संदिग्ध प्रोफाइल का लिंक भी शेयर किया। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए हमेशा आधिकारिक प्रोफाइल की जांच करें।
मित्रों , फेसबुक पर किसी ने मेरी यह फर्जी ID बनाई है ---- इसके विरुद्ध मैं कानूनी कदम उठा रहा हूँ --- आप सबके साथ यह सूचना साझा करना आवश्यक था , इसलिए यह पोस्ट कर रहा हूँ ---ताकि आप सब को कोई भ्रमित न कर सके -----https://t.co/amnGayM16i
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) October 3, 2025
अगर यह अंतिम समझौता नहीं हो पाता है, तो हमास के साथ ऐसा होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया होगा। ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास कई बड़ी शर्ते मानने को तैयार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास की काल कोठरी में बंद इजरायली बंधकों के छुटने की उम्मीद जग गई है। क्योंकि ट्रंप के अल्टीमेटम के बाद हमला सभी बड़ी शर्ते मानने को तैयार हो रहा है। जिमें गाजा से सभी इजरायली बंधकों को छोड़ना शामिल है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, लेफ्टिस्ट और अरब राष्ट्रवादी जो गाजा के निवासियों के अधिकारों के लिए चिल्ला-चिल्लाकर रोए थे, अब ट्रंप-मध्यस्थता वाले 'शांति योजना' का समर्थन कर रहे हैं। पश्चिमी पितृसत्तात्मकता ने ही समस्या को जन्म दिया था और अब 'समाधान' भी उसी का है! फिलिस्तीनियों को सशक्त नहीं बनाया जा रहा, बल्कि उन्हें प्रबंधित किया जा रहा है।
इराक, अफगानिस्तान, सीरिया के बारे में सोचिए। वहाँ क्या हुआ था? आपको बता दें, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चेतावनी देते हुए लिखा था, रविवार शाम 6 बजे तक हमास के साथ समझौता हो जाना चाहिए। अगर यह अंतिम समझौता नहीं हो पाता है, तो हमास के साथ ऐसा होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया होगा। ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास कई बड़ी शर्ते मानने को तैयार है।
IRONY!
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) October 4, 2025
Leftists & Arab nationalists who cried for Gazans’ rights now back a Trump-mediated ‘peace plan’. Western paternalism birthed the problem & now also the ‘solution’! Palestinians are being managed not empowered. Think Iraq, Afghanistan, Syria. How did that go? pic.twitter.com/Uy2QsK9qd9
गौरवशाली चारधाम परियोजना को भी उत्तराखंड के पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है। क्या भागवत जी उन सभी चल रही परियोजनाओं की जांच की मांग करेंगे?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की 100वीं वर्षगांठ और विजयदशमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिमालय की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि पिछले 3-4 वर्षों में भूस्खलन और लगातार बारिश जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई है। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय दी।
उन्होंने लिखा, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने अपनी विजयादशमी की भाषण में हिमालयी इलाके को हो रहे भारी पर्यावरणीय नुकसान को सही तरीके से सामने लाया। लेकिन 'दुनिया भर के विकास मॉडल' को जिम्मेदार ठहराने के बजाय, उन्होंने देश की अपनी राजनीतिक संस्कृति की आलोचना करनी चाहिए थी, जो पर्यावरण के सारे नियम तोड़ते हुए बेतहाशा निर्माण की इजाजत दे रही है।
यहां तक कि गौरवशाली चारधाम परियोजना को भी उत्तराखंड के पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है। क्या भागवत जी उन सभी चल रही परियोजनाओं की जांच की मांग करेंगे, जो बड़े स्तर पर जंगलों की कटाई कर रही हैं? या इससे तो सत्ता के अंदरूनी लोगों की पोल खुल जाएगी, जो इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने वाले हैं?
आपको बता दें, भागवत ने संघ की शाखाओं और उनके नियमित आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवकों में भक्ति, राष्ट्र निर्माण की भावना और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास होता है।
Story that caught the eye: RSS sarsanghchalak Mohan Bhagwat ji rightly chose to highlight the massive ecological damage to the Himalayan region in his Vijayadashmi address. BUT instead of blaming ‘global development models’, he should have called out the desi political culture…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 3, 2025
डेनमार्क में कानूनों का पालन सख्ती से होता है और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है। राजनीतिक संरक्षण या नौकरशाही की ढिलाई जैसी समस्याएं नहीं हैं।
दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश डेनमार्क है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर बताया कि आखिर डेनमार्क दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश क्यों है। उन्होंने लिखा, अधिकांश डेनिश नागरिक मानते हैं कि लोग भरोसेमंद होते हैं।
यहां तक कि अजनबियों पर भी विश्वास किया जा सकता है। यह “Land of Trust” कहलाता है। सरकार, पुलिस, अदालतें और अन्य संस्थाएं जनता के प्रति जवाबदेह हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया खुली और स्पष्ट होती है, जिससे गड़बड़ी की गुंजाइश कम होती है। डेनमार्क में कानूनों का पालन सख्ती से होता है और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है।
राजनीतिक संरक्षण या नौकरशाही की ढिलाई जैसी समस्याएं नहीं हैं। नागरिकों को बचपन से ही नैतिकता, जवाबदेही और सार्वजनिक हित की शिक्षा दी जाती है। समाज में “ईमानदारी” एक मूल्य की तरह स्थापित है। न्यायपालिका स्वतंत्र है और मीडिया भ्रष्टाचार को उजागर करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। आप वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा की इस पोस्ट को यहां पढ़ सकते हैं।
एक बार फिर डेनमार्क को दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश का खिताब मिला। लगातार सातवें साल से यह शीर्ष पर है। डेनमार्क को Corruption Perception Index 2025 में 90/100 स्कोर मिला। यह सबसे बेहतर है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) October 2, 2025
आखिर क्या कारण है कि डेनमार्क हर पैमाने पर खरा उतरता है और ईमानदारी की मिसाल कायम करता… pic.twitter.com/qNjIf4BBgX
मोहसिन नकवी एशिया कप की ट्रॉफी लेकर भागते हुए नजर आ रहे हैं, जो बताता है कि यह कैसे और क्यों होता है। मांगो, उधार लो, चुराओ लेकिन ट्रॉफी तो लाकर ही रहो।
भारतीय टीम ने एशिया कप जीता लेकिन बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाया। भारतीय टीम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चेयरमैन मोहसिन नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नकवी ने बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला की अपील पर कहा है कि ट्रॉफी लेने के लिए भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव को एसीसी ऑफिस आना होगा।
इस मामले पर पत्रकार गौरव सावंत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय दी। उन्होंने पाकिस्तान को चोरिस्तान कहा। उन्होंने लिखा, पाकिस्तान ने 1947 से आज तक कोई भी युद्ध नहीं जीता है। फिर भी पाकिस्तानी जनरल्स अपने सीने पर इतने सारे मेडल क्यों लगाते हैं।
मोहसिन नकवी एशिया कप की ट्रॉफी लेकर भागते हुए नजर आ रहे हैं, जो बताता है कि यह कैसे और क्यों होता है। मांगो, उधार लो, चुराओ लेकिन ट्रॉफी तो लाकर ही रहो। ऐसा आदेश दिया मुनीर ने और मोहसिन ने ठीक वैसा ही किया।
आपको बता दें, बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने मोहसिन नकवी के इस रवैये को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और खेल भावना के खिलाफ करार दिया। उन्होंने कहा, हमने ये निर्णय लिया था कि मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे ट्रॉफी और मेडल्स लेकर भाग जाएं।
#Pakistan has not won a single war since 1947.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) October 1, 2025
Yet Pak Generals wear so many medals.@MohsinnaqviC42 Pak Interior minister running away with #AsiaCup trophy explains the how & why.
Beg, borrow, STEAL but get the Trophy ordered Mullah Munir & Sepoy Mohsin did just that.#Choristan pic.twitter.com/c8MOyLgAFF
डीडी न्यूज पर प्रसारित होने वाले इस शो ने दर्शकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है, जो जटिल मुद्दों को सरल और गहन विश्लेषण के माध्यम से समझाने के लिए जाना जाता है।
प्रसिद्ध पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी के लोकप्रिय शो 'Decode' ने अपने 100वें एपिसोड के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। डीडी न्यूज पर प्रसारित होने वाले इस शो ने दर्शकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है, जो जटिल मुद्दों को सरल और गहन विश्लेषण के माध्यम से समझाने के लिए जाना जाता है।
सुधीर चौधरी ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए अपने दर्शकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, आज आपके पसंदीदा शो 'DecodeWithSudhirChaudhary' के 100 एपिसोड पूरे होने पर, मैं आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।
आपका विश्वास मेरी सबसे बड़ी ताकत रहा है, आपकी प्रतिक्रिया मेरी मार्गदर्शक बनी है और आपका समर्थन मेरा सच्चा पुरस्कार है। यह पोस्ट सुधीर चौधरी के आधिकारिक हैंडल से शेयर की गई है, जिसमें एक वीडियो भी शामिल है जो शो के सफर को दर्शाता है।
वीडियो की अवधि लगभग 10 सेकंड है और यह शो के विभिन्न हाइलाइट्स को दिखाती है। आपको बता दें, सुधीर चौधरी पत्रकारिता जगत के दिग्गज हैं, जिन्होंने पहले आजतक पर 'Black&White' और जी न्यूज पर 'DNA' जैसे शो होस्ट किए हैं।
Today as your favourite show #DecodeWithSudhirChaudhary completes 100 episodes, I want to thank each one of you.
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) October 1, 2025
Your faith has been my biggest strength, your feedback my guiding light, and your support my real award. ? pic.twitter.com/Qqf9GC30cU
अगर रूस, युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे रक्तपात बहुत जल्दी रुक जाएगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का लगातार दावा करते रहे ट्रंप ने अब संयुक्त राष्ट्र के मंच से यह दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में अपने इस कार्यकाल के सात महीनों के भीतर उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत सात युद्धों को खत्म कराया है।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने वह कर दिखाया है जिसे कई लोग असंभव मानते थे। कहा कि उन्होंने ऐसे युद्ध रुकवाए जिनके खत्म होने की कोई संभावना नहीं थी। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी अजीबोगरीब बातों से सबको चौंका दिया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 7 न खत्म होने वाले युद्ध ख़त्म कर दिए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान का मुद्दा भी शामिल है। ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इसमें कोई मदद नहीं की। उनके अनुसार, यूएन से मुझे सिर्फ़ एक खराब एस्केलेटर और खराब टेलीप्रॉम्प्टर ही मिला।
ट्रंप ने यहाँ तक कह दिया कि सब लोग कहते हैं कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। सवाल यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ज़मीन पर लाने और सच्चाई दिखाने वाला कौन होगा? आपको बता दें, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर रूस, युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे रक्तपात बहुत जल्दी रुक जाएगा।
Breaking now: ‘I HAVE ENDED WARS!’ So Donald Trump does it again this time at United Nations General Assembly. Claims that he has ended 7 unending wars INCLUDING India-Pakistan. Says United Nations did nothing to help. ‘All I got from UN was a ‘bad escalator’ and a ‘bad…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 23, 2025
जेल में बिताए कठिन दिनों का बदला लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बदला तो दुश्मनों से लिया जाता है। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी अच्छा व्यवहार किया।
सपा नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। आजम ने जेल से निकलने के बाद बसपा में जाने के सवाल पर कहा, यह अटकलें लगाने वाले ही बता सकते हैं। मैं जेल में किसी से नहीं मिला। फोन करने तक की इजाजत नहीं थी। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, अखिलेश यादव के लिए जेल में बंद आजम खान ज़्यादा मुफ़ीद थे या जेल से बाहर आकर, यह देखना बाक़ी है। जेल में बंद आज़म ने तय किया होगा कि जेल से बाहर आकर उनकी राजनीति सपा के साथ होगी या फिर कोई नया ठिकाना तलाशेंगे। आजम अखिलेश को कमजोर करेंगे तो बाहर रहेंगे, यदि अखिलेश के हाथ मजबूत करेंगे तो फिर अंदर कर दिए जाएंगे।
यूपी का चुनाव ज़्यादा दूर नहीं है। जिस दिन पाकिस्तान के जन्म को एक साल हुआ था, ठीक उसी दिन भारत में आज़म ख़ान का जन्म हुआ था। 14 अगस्त 1948 को। 77 साल के हो चुके आज़म खान के पास राजनीति करने का ज़्यादा वक़्त नहीं है। सपा में रहेंगे, बसपा में जाएँगे या अपना दल बनाएगे, देखना बाक़ी है।
आज़म खान के लिए अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने से ज़्यादा ज़रूरी अपनी सम्पत्ति बचाना और बेटों की राजनीति सुरक्षित रखना है। जेल में इंसान को आत्मचिंतन करने का पूरा समय मिलता है।आजम खान के जेल के अंदर आत्मचिंतन से क्या निकल कर आता है, वह आज़म के जेल से बाहर आने पर ही मालूम चलेगा।
फिलहाल आज़म की आजादी अखिलेश के लिए क्या लेकर आती है, यह आज़म के आजाद आदमी बनने के बाद पता चलेगा। आपको बता दें, जेल में बिताए कठिन दिनों का बदला लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बदला तो दुश्मनों से लिया जाता है। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी अच्छा व्यवहार किया।
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान आखिरकार 23 महीनों से सलाखों के पीछे रहने के बाद यूपी की सीतापुर जेल से बाहर आ रहे हैं।
— sameer chougaonkar (@semeerc) September 23, 2025
अखिलेश यादव के लिए जेल में बंद आजम खान ज़्यादा मुफ़ीद थे या जेल से बाहर आकर।यह देखना बाक़ी है।
जेल में बंद आज़म ने तय किया होगा कि जेल से बाहर आकर उनकी…