वे एक जाने-माने लेखक और जीवनीकार भी थे। उनकी कई किताबें प्रकाशित हुईं और उन्होंने भारतीय राजनीति, समाज और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर धारदार लेखन किया। उन्हें पद्मभूषण (2011) से भी सम्मानित किया गया था।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारतीय पत्रकारिता जगत के दिग्गज और वरिष्ठ लेखक टी.जे.एस. जॉर्ज का निधन हो गया है। वे करीब 97 वर्ष के थे। शुक्रवार (3 अक्टूबर 2025) को उन्होंने अंतिम सांस ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टी.जे.एस. जॉर्ज का जन्म केरल में हुआ और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1950 में फ्री प्रेस जर्नल, मुंबई से की। बाद में वे हांगकांग आधारित ‘एशियावीक’ (Asiaweek) के संस्थापक संपादक बने।
उन्होंने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में करीब 25 साल तक अपने प्रसिद्ध कॉलम ‘Point of View’ लिखे, जिसमें भ्रष्टाचार, राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर स्पष्ट और निर्भीक टिप्पणियाँ थीं। उनके कॉलम लगभग 1,300 हफ्तों तक प्रकाशित हुए और उन्होंने सैकड़ों पत्रकारों का मार्गदर्शन किया।
टी.जे.एस. जॉर्ज को 2011 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। लेखक के रूप में उन्होंने रामनाथ गोयनका, पोथन जोसेफ, एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी, नर्गिस और कृष्ण मेनन जैसे व्यक्तित्वों की जीवनियाँ लिखीं और भारतीय राजनीति व शहरी इतिहास पर कई पुस्तकें प्रकाशित कीं। बता दें कि टी.जे.एस. जॉर्ज की पत्नी अम्मू जॉर्ज का इसी साल जनवरी में निधन हो गया था। उनके परिवार में अब बेटे जीत थायल और बेटी शेबा थायल हैं।
टी.जे.एस. जॉर्ज के निधन पर तमाम राजनेताओं और पत्रकारों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। टी.जे.एस. जॉर्ज को श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ठ पत्रकार वी.के. चेरियन ने ‘फेसबुक’ पर अपनी पोस्ट में लिखा है, ‘भारतीय पत्रकारिता के एक और पुराने दिग्गज ने दुनिया छोड़ दी है। इस अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संपादक से मेरी मुलाक़ात सिर्फ़ एक बार हुई थी जब वे इंडियन एक्सप्रेस समूह के सलाहकार थे। अरुण शौरी अभी-अभी एक्सप्रेस से निकले थे और दिल्ली में थे। जब मैंने शौरी के जाने की ओर इशारा किया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "तुम्हें राहत नहीं मिली?" ये थे टीजेएस जॉर्ज, जो 70 से 90 के दशक तक हांगकांग स्थित एडियावीक के संस्थापक थे। अलविदा, एक ऐसे कद्दावर पेशेवर जिन्होंने युवाओं को इस माध्यम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।’
बिहार के जाने-माने पत्रकार और हिन्दुस्तान टाइम्स के सीनियर असिस्टेंट एडिटर रहे अशोक कुमार सिन्हा का सोमवार को निधन हो गया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार के जाने-माने पत्रकार और हिन्दुस्तान टाइम्स के सीनियर असिस्टेंट एडिटर रहे अशोक कुमार सिन्हा का सोमवार को निधन हो गया। वह 76 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका उपचार शहर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर किया गया।
अशोक सिन्हा ने पत्रकारिता की शुरुआत 1972 में की थी और वे टाइम्स ऑफ इंडिया के शुरुआती सदस्यों में शामिल रहे थे। उन्होंने लंबे समय तक हिन्दुस्तान टाइम्स, पटना में सीनियर असिस्टेंट एडिटर के रूप में काम किया और राज्य में पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी।
स्व. अशोक सिन्हा के परिवार में उनकी पत्नी निशा सिन्हा, जो दूरदर्शन में न्यूज रीडर और अरविंद महिला कॉलेज की विजिटिंग फैकल्टी रही हैं, बेटी नंदिता सिन्हा, दामाद सुजीत प्रसाद, बहू पूजा सिन्हा, और पोते अक्षत और अर्जुन सिन्हा शामिल हैं।
अशोक सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत बहुत कम उम्र में की थी और अपनी पत्रकारिता यात्रा में हमेशा ईमानदारी और गंभीरता बनाए रखी।
दिल्ली में भारत एक्सप्रेस के उर्दू कॉन्क्लेव ‘बज़्म-ए-सहाफ़त’ का उद्घाटन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया। CMD उपेन्द्र राय ने कहा कि उर्दू मजहब की नहीं, विरासत की भाषा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को भारत एक्सप्रेस के बैनर तले आयोजित उर्दू कॉन्क्लेव ‘बज़्म-ए-सहाफ़त’ में भाषा, संस्कृति और विकास के सवालों पर गहन संवाद हुआ। उद्घाटन रेखा गुप्ता ने किया, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में उपेंद्र राय ने उर्दू के सांस्कृतिक पक्ष को मजबूती से सामने रखा।
कार्यक्रम दिल्ली उर्दू अकादमी में दिल्ली सरकार के सहयोग से हुआ, जिसमें राजनीति, मीडिया और साहित्य जगत के कई नामचीन चेहरों ने शिरकत की। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली को 'मिली-जुली संस्कृति का जीवंत केंद्र' बताते हुए कहा कि राजधानी की गंगा-जमुनी तहजीब को और मजबूत किया जाएगा।
उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा ऐलान करते हुए राजधानी में 1100 ‘आरोग्य मंदिर’ स्थापित करने की योजना सार्वजनिक की। मुख्यमंत्री के मुताबिक अब तक 250 केंद्र शुरू हो चुके हैं और आने वाले समय में हर विधानसभा क्षेत्र में औसतन 15 आरोग्य मंदिर होंगे, जिससे आम नागरिकों को प्राथमिक उपचार सुलभ हो सकेगा।
कॉनक्लेव का केंद्र बिंदु बने उपेंद्र राय ने साफ कहा, 'उर्दू किसी एक मजहब की नहीं, यह हमारी विरासत और समृद्ध संस्कृति की भाषा है।' उन्होंने उर्दू की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि यह भाषा अलग-अलग सभ्यताओं के संवाद से निखरी और इसकी जड़ें साझी संस्कृति में हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उर्दू को किसी खांचे में बाँधना भाषा और समाज दोनों के साथ अन्याय है। केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री ने उर्दू की मधुरता की सराहना की, वहीं कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ नेताओं और बुद्धिजीवियों ने उर्दू के संरक्षण और आधुनिक माध्यमों में इसकी उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दिया।
उर्दू-हिंदी के सांस्कृतिक सेतु के रूप में मीडिया की भूमिका पर भी चर्चा हुई। सीएमडी उपेंद्र राय ने भारत के ज्ञान-वैभव और वैश्विक नेतृत्व की धारणा पर बोलते हुए युवाओं से आत्मविश्वास और सृजनशीलता के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
अंत में अल्लामा इक़बाल के शेर का हवाला देते हुए उन्होंने सामूहिक पहचान और सांस्कृतिक गौरव की बात कही। कुल मिलाकर, ‘बज़्म-ए-सहाफ़त’ ने यह संदेश दिया कि उर्दू किसी समुदाय की नहीं, बल्कि साझा विरासत की आवाज़ है और दिल्ली उसकी गवाही देती है।
NDTV गुड टाइम्स ने हनी सिंह के खास ‘माय स्टोरी’ टूर का एलान किया है, जिसमें दर्शक पहली बार कलाकार नहीं बल्कि इंसान हनी सिंह से रूबरू होंगे। ‘माय स्टोरी’ टूर 11 शहरों में आयोजित होगा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
देश के लोकप्रिय रैपर और म्यूज़िक आइकन हनी सिंह अब अपने जीवन की अनकही परतें मंच से साझा करने जा रहे हैं। NDTV गुड टाइम्स ने उनके खास कार्यक्रम ‘माय स्टोरी’ टूर की घोषणा की है, जो केवल एक म्यूज़िक शो नहीं होगा, बल्कि एक भावनात्मक और ईमानदार सफ़र होगा जहाँ दर्शक हिट गानों के पीछे छिपी ज़िंदगी को करीब से देख पाएंगे।
इस टूर में हनी सिंह सिर्फ अपने सुपरहिट ट्रैक्स नहीं सुनाएंगे, बल्कि उन अनुभवों की कहानी भी बताएंगे, जिन्होंने उन्हें गढ़ा -संघर्ष, ठहराव, आत्ममंथन और फिर मज़बूत वापसी की दास्तान। ‘माय स्टोरी’ टूर 11 शहरों में आयोजित होगा और हर शहर में अलग रंग-रूप और अनुभव देखने को मिलेगा।
खास बात यह है कि यात्रा की शुरुआत दिल्ली से होगी। वही शहर जहाँ से हनी सिंह के सपनों ने उड़ान भरी थी। यह टूर उन प्रशंसकों के लिए खास होगा जो वर्षों से उनके संगीत से जुड़े हैं, लेकिन कलाकार के भीतर के इंसान को जानना चाहते हैं।
हाल ही में NDTV स्टूडियो में इसकी भव्य घोषणा की गई, जहाँ जश्न के माहौल के बीच हनी सिंह ने बताया कि अब वह अपनी कहानी दुनिया से साझा करने को तैयार हैं। उनके मुताबिक, यह वह मंच है जहाँ वह अपने जीवन के उस हिस्से को सामने लाएंगे जो सुर्ख़ियों से दूर रहा है।
NDTV गुड टाइम्स की ओर से इसे ऐसे अनुभव के तौर पर तैयार किया जा रहा है, जिसमें लाइव म्यूज़िक की ऊर्जा और निजी किस्सों की आत्मीयता एक साथ महसूस होगी। आयोजकों का कहना है कि यह टूर यादगार, भावनात्मक और प्रेरक होने वाला है, जहाँ हर श्रोता को लगेगा कि वह हनी सिंह की दुनिया का हिस्सा है। यह टूर न सिर्फ संगीत का उत्सव होगा, बल्कि एक इंसान के भीतर झाँकने का दुर्लभ अवसर भी -जहाँ सफलता की चमक के पीछे की सच्चाई सामने आएगी।
राम सहगल दो वर्षों तक ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) के प्रेजिडेंट और ‘एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) के चेयरमैन रहे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
विज्ञापन जगत के जाने-माने नाम राम सहगल का निधन हो गया है। 40 वर्ष से अधिक लंबे करियर में राम सहगल ने विज्ञापन इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाई थी। बताया जाता है कि राम सहगल पिछले कुछ समय से पुडुचेरी में रह रहे थे और श्री ऑरोबिंदो आश्रम से जुड़े हुए थे।
विज्ञापन के क्षेत्र में उनका सफर S.H. Benson (Ogilvy) से शुरू हुआ और बाद में वह JWT से जुड़ गए। JWT में करीब 15 साल काम करने के बाद उन्हें JWT की सहायक कंपनी ‘Contract Advertising’ में प्रेजिडेंट के तौर पर नियुक्त किया गया।
‘Contract Advertising’ में करीब 16 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राम सहगल ने कंपनी को देश की शीर्ष विज्ञापन एजेंसियों में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विज्ञापन इंडस्ट्री में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ‘Advertising Man of the Year’ (A&M) अवॉर्ड दिया गया। वर्ष 2001 में कोलकाता एडवर्टाइजिंग क्लब ने उन्हें ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया।
राम सहगल दो वर्षों तक ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) के प्रेजिडेंट और ‘एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) के चेयरमैन रहे। राम सहगल को ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
वह एक बेहतरीन लेखक भी थे और उन्होंने कई अख़बारों और पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर लेख लिखे। उनकी चार किताबें-Mixed Feelings, Secrets of Advertising, Around the World in 40 Years और What’s Cooking? प्रकाशित हुईं।
'डेक्कन हेराल्ड' के साथ तीस साल से अधिक समय तक जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार माइकल रॉबर्ट पाट्राओ का मंगलवार को निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
'डेक्कन हेराल्ड' के साथ तीस साल से अधिक समय तक जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार माइकल रॉबर्ट पाट्राओ का मंगलवार को निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे।
मंगलुरु में 9 सितंबर 1959 को एक कोंकणी भाषी कैथोलिक परिवार में जन्मे पाट्राओ ने सेंट एलोइज़ियस कॉलेज, मंगलुरु से बीकॉम और कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ से एमए (अंग्रेजी) की पढ़ाई की।
विज्ञापन क्षेत्र में काम करने के बाद उन्होंने 1992 में डेक्कन हेराल्ड जॉइन किया। वह पहले बेंगलुरु ब्यूरो में रिपोर्टर रहे, फिर कर्नाटक की राजनीति और सार्वजनिक नीतियों को कवर किया। उन्होंने कई चुनावों की रिपोर्टिंग की, बेंगलुरु के इतिहास और विरासत पर बहुत कुछ लिखा और एक निपुण म्यूजिक क्रिटिक के रूप में कई एल्बम की समीक्षा की।
अपने करियर के आखिरी हिस्से में वह न्यूज डेस्क पर आए और विभिन्न संपादकीय भूमिकाओं में काम किया। 2017 में सेवानिवृत्त हुए, लेकिन बाद में उन्होंने अखबार के स्कूल संस्करण में योगदान देना जारी रखा।
उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। उ
दिल्ली पुलिस ने एक महिला न्यूज एंकर की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर आपत्तिजनक और गलत कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में मुंबई से एक 40 साल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली पुलिस ने एक महिला न्यूज एंकर की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर आपत्तिजनक और गलत कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में मुंबई से एक 40 साल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान चेत कमल प्रकाश के रूप में हुई है, जो जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है और मुंबई में रहता था।
महिला एंकर ने पुलिस में शिकायत की थी कि उसके नाम से कई फर्जी प्रोफाइल बनाकर गलत और भद्दी बातें पोस्ट की जा रही हैं। इतना ही नहीं, उसे एक फोन कॉल भी आया जिसमें उसकी कुछ हफ्तों में होने वाली शादी को खराब करने की धमकी दी गई थी।
डीसीपी (आउटर नॉर्थ) हरेश्वर स्वामी के अनुसार, मामला दर्ज कर आरोपी को पकड़ने के लिए टेक्निकल सर्विलांस लगाया गया। जांच में पता चला कि आरोपी मुंबई के सहार गांव में छिपा हुआ है। पुलिस टीम वहां पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन और लैपटॉप भी जब्त किया है। दोनों डिवाइस फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है।
प्रसार भारती ने Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक को लेकर की गई बड़ी टेस्टिंग की रिपोर्ट जारी कर दी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
प्रसार भारती ने Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक को लेकर की गई बड़ी टेस्टिंग की रिपोर्ट जारी कर दी है। यह जांच इसलिए की गई थी क्योंकि टेलीकॉम कंपनियों ने चिंता जताई थी कि 470–582 MHz बैंड में चल रहे D2M प्रसारण से 4G/5G नेटवर्क में दिक्कत आ सकती है या मोबाइल फोन ज्यादा गर्म हो सकते हैं।
इससे पहले प्रसार भारती ने IIT कानपुर के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के ब्रॉडकास्ट सिस्टम के लिए एक रोडमैप तैयार किया था। इसका पहला ट्रायल बेंगलुरु में हुआ और फिर दिल्ली में हाई-पावर टीवी ट्रांसमीटर और कई लो-पावर साइट्स के साथ हाइब्रिड ट्रायल किया गया। उद्योग जगत के सवालों के बाद प्रसार भारती ने आधिकारिक रूप से लैब टेस्ट कराने का फैसला लिया।
14 नवंबर 2025 को हुए इन टेस्ट में ATSC 3.0 पर आधारित D2M Broadcast Radio Head का इस्तेमाल किया गया। टेस्टिंग दो हिस्सों में की गई- क्या इससे 4G/5G नेटवर्क के रिसीवर पर कोई असर पड़ता है और क्या D2M वीडियो देखने पर मोबाइल फोन ज्यादा गर्म होते हैं।
परिणामों में पाया गया कि उन मोबाइल नेटवर्क बैंड्स (n71, n28, n5) में कोई इंटरफेरेंस नहीं हुआ जिनका आमतौर पर इस्तेमाल होता है। मोबाइल का रिसीवर सेंसिटिविटी बिल्कुल पहले जैसी रही और अपलिंक–डाउनलिंक स्पीड भी 95% से ज्यादा बनी रही। यानी D2M सिग्नल से 4G/5G की क्वालिटी पर कोई असर नहीं पड़ा।
मोबाइल हीटिंग टेस्ट में भी पता चला कि D2M के जरिए वीडियो देखने पर फोन की तापमान सीमा सामान्य ही रहती है, यानी मोबाइल गर्म नहीं होता। यह डेटा 30-30 मिनट के अंतराल पर 3 घंटे तक रिकॉर्ड किया गया था।
इसके अलावा, जिस 40-वॉट D2M रेडियो हेड से सिग्नल भेजा गया, उसके स्प्यूरियस इमीशन (अनचाहे सिग्नल) भी नियमों से काफी कम पाए गए। यानी D2M किसी दूसरे कम्युनिकेशन बैंड में दखल नहीं करता।
प्रसार भारती ने कहा कि सभी रिपोर्टें सार्वजनिक कर दी गई हैं ताकि इस तकनीक पर उद्योग जगत और सरकार खुलकर चर्चा कर सके, क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर D2M को अपनाने पर विचार किया जा रहा है।
आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन (IIMCAA) ने दसवें ‘इमका अवॉर्ड्स’ के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। जो आईआईएमसी के एलुमनी नहीं हैं, वो भी इसमें आवेदन कर सकते हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन (IIMCAA) ने दसवें ‘इमका अवॉर्ड्स’ के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। इस बार खास बात यह है कि यह अवॉर्ड सिर्फ IIMC के पूर्व छात्रों के लिए नहीं, बल्कि सभी मीडिया प्रोफेशनल्स, यानी Non-IIMCians के लिए भी खुले हैं। यानी जो आईआईएमसी के एलुमनी नहीं हैं, वो भी इसमें आवेदन कर सकते हैं
जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, चार जनवरी तक एंट्री भेजी जा सकती हैं। 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2025 के दौरान अखबार, टीवी, रेडियो, डिजिटल में रिपोर्टिंग और विज्ञापन या जनसंपर्क के अभियानों के आधार पर कुल 13 कैटेगरी में आवेदन किया जा सकता है।
IIMCAA ने बताया कि इन अवॉर्ड्स का मकसद मीडिया और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले लोगों को सम्मान देना और उनके बीच बेहतर जुड़ाव बनाना है। इस बार 2026 एडिशन तक पहुंचने पर संगठन ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
कब तक के काम होंगे शामिल?
IIMCAA Awards 2026 में 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 के बीच किए गए कामों को शामिल किया जाएगा।
कुल 13 कैटेगरी- 10 में कैश प्राइज
अवॉर्ड्स में कुल 13 कैटेगरी हैं। इनमें से 10 कैटेगरी में कैश प्राइज + ट्रॉफी + सर्टिफिकेट मिलेगा, जबकि बाकी 3 कैटेगरी में ट्रॉफी और सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
मुख्य कैटेगरी में Journalist of the Year, Agriculture Reporter, PR Person, Ad Person, Producer, Indian Language Reporter आदि शामिल हैं।
इस बार नियमों में दो बड़े बदलाव
IIMCAA ने इस साल दो अहम बदलाव किए हैं—
अब एक की जगह 3 न्यूज/शो/कैम्पेन जमा करने होंगे।
लिखित निबंध की जगह अब वीडियो फॉर्मेट में इसे अपलोड करना होगा।
शॉर्टलिस्टिंग और रिजल्ट
एंट्रीज की स्क्रीनिंग एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल द्वारा की जाएगी। विजेताओं की घोषणा 28 फरवरी 2026 को दिल्ली में होने वाले Connections Meet में की जाएगा।
एंट्रीज
आवेदक केवल IIMCAA वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपना काम जमा कर सकते हैं।
आखिरी तारीख
अवॉर्ड्स में शामिल होने के लिए एंट्री जमा करने की अंतिम तारीख 4 जनवरी 2026 रखी गई है।
नियम व शर्तों के साथ अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-
उन्हें यह सम्मान “क्रिएटिव मेकर्स ऑफ टुमारो (सीएमओटी)” के ग्रेट ग्रैंड जूरी का सदस्य रहने के लिए दिया गया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया शिक्षाविद् प्रो. (डॉ.) के जी सुरेश को गोवा में चल रहे 56वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में सोमवार को प्रकाश मगदूम, प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम तथा अजय नागभूषण, संयुक्त सचिव (फिल्म्स), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान “क्रिएटिव मेकर्स ऑफ टुमारो (सीएमओटी)” के ग्रेट ग्रैंड जूरी का सदस्य रहने के लिए दिया गया।
सीएमओटी दुनिया में युवा फिल्मकारों के लिए अपनी तरह का इकलौता मंच है। इस मौके पर ‘भारत पर्यावास केंद्र’ (इंडिया हैबिटेट सेंटर) के निदेशक के रूप में कार्यरत प्रो.सुरेश ने कहा कि सीएमओटी युवा फिल्मकारों को अपनी प्रतिभा और क्षमता साबित करने के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि चयनित सभी पांच फिल्मों ने सोशल मीडिया पोस्ट को वायरल करने के प्रति युवाओं के जुनून के नकारात्मक परिणामों को उजागर किया है और युवा फिल्मकारों द्वारा इस विषय के संवेदनशील चित्रण पर उन्होंने खुशी जताई।
प्रो. सुरेश इससे पहले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों तथा इस प्रतिष्ठित महोत्सव के इंडियन पैनोरमा खंड की जूरी में भी रह चुके हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए उन्होंने सिनेमा अध्ययन विभाग की स्थापना की थी। आईआईएमसी के महानिदेशक रहते हुए उन्होंने पुणे के एफटीआईआई के साथ मिलकर सिनेमेटोग्राफी, अभिनय, निर्देशन आदि में संयुक्त कार्यशालाओं का आयोजन किया था। वे पुणे के फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान तथा कोलकाता के सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान की संचालन परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।
वर्तमान में वे रोहतक के दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य हैं। इसके अलावा वे कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय फिल्म जूरियों के अध्यक्ष और सदस्य रह चुके हैं, जिनमें 2012 में संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं के गठबंधन एवं अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन द्वारा आयोजित ‘प्लुरल प्लस’ अंतरराष्ट्रीय युवा वीडियो महोत्सव की जूरी में शामिल होने वाले पहले भारतीय सदस्य का गौरव भी उन्हें प्राप्त है। उन्होंने सिनेमा और टेलीविजन पर कई शोध पत्र लिखे हैं जो प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
13 से 15 अक्टूबर 2026 तक तीन दिवसीय इस आयोजन में दुनिया भर के प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष, सरकारी अधिकारी, लीडर्स, वित्त विशेषज्ञ, इनोवेटर्स और विचारक शामिल होंगे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
आर्थिक और नीतिगत संवाद के लिए एक प्रमुख वैश्विक मंच ‘ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम’ (Bloomberg New Economy Forum) का आठवां एडिशन 13 से 15 अक्टूबर 2026 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह भारत में आयोजित होने वाला पहला फोरम होगा। तीन दिवसीय इस फोरम में दुनिया भर के प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष, सरकारी अधिकारी, लीडर्स, वित्त विशेषज्ञ, इनोवेटर्स और विचारक शामिल होंगे। इस फोरम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संबोधित करेंगे।
‘ब्लूमबर्ग एलपी’ और ‘ब्लूमबर्ग फिलान्थ्रॉपिज’ के संस्थापक माइकल आर. ब्लूमबर्ग ने कहा, ‘भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए इसे अगले ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम का मेजबान होना बिल्कुल सही है। फोरम के नेटवर्क को बढ़ाते हुए हम प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर दुनिया भर में सरकारों और व्यवसायों के बीच सहयोग को और प्रोत्साहित करने के लिए उत्साहित हैं।’
इसके साथ ही उनका कहना है, ’पिछले दशक में, न्यू इकोनॉमी फोरम वरिष्ठ निर्णयकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक स्थल बन गया है। पिछले पांच वर्षों तक सिंगापुर में सफलतापूर्वक आयोजित फोरम के बाद, जहां दुनिया ने तेजी से परिवर्तन देखा अब 2026 का फोरम भारत में आयोजित किया जाएगा। भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है और वैश्विक व्यापार में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।’
’ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम’ के एडिटोरियल डायरेक्टर एरिक शैट्ज़कर ने कहा, ’हम न्यू इकोनॉमी फोरम को नई दिल्ली में आयोजित करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। भारत का वैश्विक मंच पर प्रभाव इसे इस फोरम के लिए आदर्श बनाता है। बदलते व्यापारिक संबंधों और नए वैश्विक केंद्रों के उदय के इस समय में, भारत विकास, नवाचार और सहयोग की अगली दिशा तय करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।’ फोरम का आयोजन स्थल, कार्यक्रम की प्रमुख बातें और पंजीकरण संबंधी विवरण आने वाले महीनों में घोषित किए जाएंगे।