पत्रकारों के लिए 'एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म' लॉन्च करेगा क्लाइमेट चेंज मीडिया हब

एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म (ACJ) चेन्नई कैंपस में क्लाइमेट चेंज मीडिया हब स्थापित कर रहा है, ताकि भारत में जलवायु पत्रकारिता को और मजबूत किया जा सके।

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Saturday, 27 September, 2025
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एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म (ACJ) चेन्नई कैंपस में क्लाइमेट चेंज मीडिया हब स्थापित कर रहा है, ताकि भारत में जलवायु पत्रकारिता को और मजबूत किया जा सके। यह मीडिया हब जर्मनी की इंटरलिंक अकादमी के साथ साझेदारी में बनाया जा रहा है। आने वाले तीन वर्षों में इसके तहत दो प्रमुख आठ महीने लंबे कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इच्छुक उम्मीदवार इन नए कार्यक्रमों की जानकारी ACJ की वेबसाइट – asianmedia.org पर देख सकते हैं। इन कार्यक्रमों में पंजीकरण की आखिरी तारीख 3 अक्टूबर है।

दोनों प्रमुख कार्यक्रमों में क्लाइमेट चेंज रेजीडेंसी प्रोग्राम और क्लाइमेट चेंज मेंटरशिप प्रोग्राम शामिल हैं।

आठ महीने का क्लाइमेट चेंज रेजीडेंसी प्रोग्राम भारत के वरिष्ठ पत्रकारों के लिए है, जिन्हें जलवायु परिवर्तन या पर्यावरण रिपोर्टिंग में कम से कम सात साल का अनुभव हो। भारत में न्यूजरूम से जुड़े पत्रकार जो कुछ समय का ब्रेक लेना चाहते हैं और स्वतंत्र रूप से काम कर रहे भारतीय पत्रकार भी इस रेजीडेंसी प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं।

क्लाइमेट चेंज मेंटरशिप प्रोग्राम, जो आठ महीने का है, भारत के युवा पत्रकारों के लिए है जिन्हें मीडिया में दो से तीन साल का अनुभव हो और वे अपने कार्यस्थल या निवास स्थान से मल्टीमीडिया स्टोरीज तैयार करना चाहते हों। भारत में स्वतंत्र रूप से काम कर रहे पत्रकार, जो पिछले दो से तीन वर्षों से छोटे या वैकल्पिक मीडिया संगठनों से जुड़े हैं, वे भी इस कार्यक्रम में आवेदन कर सकते हैं। इन प्रतिभागियों को जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकारों से मार्गदर्शन मिलेगा।

यह हब नवंबर 2025 में लॉन्च किया जाएगा और इसका उद्देश्य जलवायु और पर्यावरण मुद्दों को कवर करने वाले पत्रकारों के लिए क्षमता निर्माण, नेटवर्किंग और संसाधन तैयार करने पर केंद्रित होगा।

इन प्रमुख कार्यक्रमों का ओरिएंटेशन और प्रशिक्षण विषय विशेषज्ञों और मेंटर्स के साथ इंटरैक्शन, विजुअल, ऑडियो और डिजिटल प्रोडक्शन तथा पोस्ट-प्रोडक्शन सुविधाओं, शैक्षणिक संसाधनों, विशेष जर्नल्स और ACJ की लाइब्रेरी तक पहुंच को शामिल करेगा।

दोनों कार्यक्रमों में स्टाइपेंड, प्रोडक्शन सपोर्ट और मल्टीमीडिया रिपोर्टिंग स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए वर्कशॉप्स भी दी जाएंगी। प्रतिभागियों को ACJ की प्रोडक्शन सुविधाओं, शैक्षणिक संसाधनों और विशेषज्ञों द्वारा संचालित सेशन्स का भी लाभ मिलेगा।

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उत्तरकाशी में लापता पत्रकार राजीव प्रताप का शव नदी से बरामद

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में लापता हुए पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को एक नदी में पाया गया। वे दस दिन पहले गायब हुए थे।

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Monday, 29 September, 2025
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में लापता हुए पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को एक नदी में पाया गया। वे दस दिन पहले गायब हुए थे।

परिवार ने हत्या का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस का कहना है कि राजीव प्रताप का एक्सीडेंट हुआ, और उनकी कार नदी में गिर गई। कार को 19 सितंबर को निकाल लिया गया था, लेकिन शव बहकर दूर चला गया था। रविवार को जोशियारा बैराज पर शव मिला, यह जानकारी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस सरीता डोभाल ने दी।

सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस ने कहा, “परिवार ने मौत के कारण को लेकर आरोप लगाए हैं। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पहली नजर में, उनकी कार घाटी में गिरकर नदी में चली गई थी, जो उस समय बढ़ी हुई थी। हमें घटना से कुछ मिनट पहले का CCTV फुटेज मिला, जिसमें वे अकेले कार में दिखाई दे रहे थे।”

प्रताप की पत्नी मुस्कान ने पहले कहा था कि उन्होंने उस दिन रात करीब 11 बजे उनसे बात की थी। इसके बाद वे अनुपलब्ध हो गए।

मुस्कान ने आरोप लगाया, “उन्होंने मुझे बताया कि अस्पताल और स्कूल पर रिपोर्ट करने के बाद वे चिंतित महसूस कर रहे थे। यह रिपोर्ट उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल Delhi Uttarakhand Live पर डाली थी। उन्होंने कहा कि कई लोग उन्हें फोन कर धमकी दे रहे थे कि वीडियो नहीं हटाए तो उन्हें मार देंगे। रात 11.50 बजे मैंने संदेश भेजा, जो डिलीवर नहीं हुआ। मुझे यकीन है कि उन्हें किसी ने अगवा किया, वे बस सड़क से नहीं गिरे।”

पुलिस ने बताया कि 36 वर्षीय प्रताप, जो IIMC के पूर्व छात्र हैं, 18 सितंबर को रात 11.20 बजे बस स्टॉप के पास अल्टो कार में अकेले बैठे दिखाई दिए थे।

 पुलिस ने बयान में कहा, “अगले दिन कार भगीरथी नदी के पास गंगोरी में क्षतिग्रस्त हालत में मिली। इसके बाद परिवार ने मिसिंग पर्सन की रिपोर्ट दर्ज कराई। एसडीआरएफ और पुलिस ने कार को नदी से निकाला। निरीक्षण के दौरान कार के अंदर एक चप्पल मिली। रविवार को जोशियारा बैराज में शव मिला। परिवार ने शव की पहचान राजीव प्रताप के रूप में की। पोस्टमार्टम करवा लिया गया है।”

परिवार का आरोप है कि उन्हें उत्तरकाशी जिला अस्पताल पर रिपोर्ट करने के कारण धमकाया जा रहा था, जिसे उन्होंने 16 सितंबर को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। परिवार ने बताया कि वे गंगोरी-भटवाड़ी की ओर निकले थे और तभी से लापता थे।

परिवार ने शिकायत में कहा गया, “राजीव प्रताप उत्तरकाशी के जाने-माने पत्रकार हैं और उनका चैनल Delhi Uttarakhand Live है। इलाके में कई लोग उनसे दुश्मनी रखते हैं। इसलिए हम अनुरोध करते हैं कि उनकी तलाश में मदद की जाए। हमें डर है कि कोई अनहोनी घटना हुई हो सकती है। कृपया उन्हें जल्द से जल्द खोजने में मदद करें।”

शिकायत के आधार पर उत्तरकाशी कोतवाली पुलिस में अपहरण से संबंधित BNS सेक्शन के तहत FIR दर्ज की गई है। 

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Publicis Groupe India ने लॉन्च किया नया कंटेंट स्टूडियो

Publicis Groupe India ने अपना नया कंटेंट स्टूडियो लॉन्च किया है। यह स्टूडियो ब्रैंड्स को पर्सनलाइज्ड, लोकल और कॉन्टेक्सचुअल कंटेंट बनाने में मदद करेगा।

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Monday, 29 September, 2025
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Publicis Groupe India ने अपना नया कंटेंट स्टूडियो लॉन्च किया है। यह स्टूडियो ब्रैंड्स को पर्सनलाइज्ड, लोकल और कॉन्टेक्सचुअल कंटेंट बनाने में मदद करेगा। स्टूडियो में क्रिएटिव टैलेंट, तेज प्रोडक्शन वर्कफ्लो और एडवांस्ड AI क्षमताएं शामिल हैं, जिससे ब्रैंड्स सांस्कृतिक मौकों, क्षेत्रीय अंतर और प्लेटफॉर्म शिफ्ट्स के हिसाब से तुरंत प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

स्टूडियो तकनीक, डेटा और मानव क्रिएटिविटी की शक्ति को जोड़ता है। यह ब्रैंड्स को सिर्फ बड़े पैमाने पर कंटेंट बनाने से आगे बढ़कर ‘सार्थक और प्रासंगिक कंटेंट’ बनाने में सक्षम बनाता है। हर कंटेंट एसेट को सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक, रणनीतिक रूप से संरेखित और प्रभाव मापने योग्य बनाया जाता है, जिससे यह सिर्फ क्रिएटिव आउटपुट नहीं बल्कि एक रणनीतिक बिजनेस ड्राइवर बन जाता है।

अनुप्रिया आचार्य, CEO – Publicis Groupe, South Asia ने कहा, “आज के मार्केटर्स के पास डेटा और आइडियाज की कमी नहीं है। उन्हें जो चाहिए, वह है इन इनसाइट्स को जल्दी और प्रभावी कंटेंट में बदलने की क्षमता। हमारा यह स्टूडियो यही करता है। यह क्रिएटिविटी, टेक्नोलॉजी और स्केल को एक साथ लाकर हमारे क्लाइंट्स के लिए सच्चा ग्रोथ इंजन बनता है।”

ग्लोबल पब्लिसिस प्रोडक्शन नेटवर्क में 52 स्टूडियो हैं, जो तकनीक, वर्ल्ड-क्लास टैलेंट और बेहतरीन क्राफ्ट के लिए जाने जाते हैं। ये स्टूडियो Bogotá, न्यूयॉर्क, लंदन, पेरिस, शंघाई, वारसॉ और अब भारत जैसे क्रिएटिव हब्स में स्थित हैं।

भारत का यह स्टूडियो हाई-एंड प्रोडक्शन और स्केलेबल कंटेंट दोनों समाधान देने के लिए तैयार किया गया है। इसमें एडिटिंग सुइट्स, जेनरेटिव AI और CGI वर्कस्टेशन्स हैं। अब Publicis Groupe India Prodigious India की मौजूदा प्रोडक्शन सेवाओं को पूरी पोस्ट-प्रोडक्शन सर्विसेज के साथ पूरा करता है।

ग्लोबल पब्लिसिस प्रोडक्शन नेटवर्क का हिस्सा होने के नाते, यह स्टूडियो LucidLink और एडवांस्ड डेटा एसेट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए अंतरराष्ट्रीय प्रोडक्शन इकोसिस्टम से जुड़ा है। इससे विभिन्न मार्केट्स में रियल-टाइम कोलैबोरेशन संभव है।

राजदीपक दास, CCO, Publicis Groupe, South Asia ने कहा, “हमारे वर्ल्ड-क्लास कंटेंट स्टूडियो के लॉन्च के साथ अब क्रिएटिव, प्रोडक्शन और टेक्नोलॉजी सब एक ही छत के नीचे हैं। यह सच में क्रिएटिविटी है, जो क्राफ्ट से समर्थित और डेटा से प्रेरित है, ताकि हम संस्कृति की गति के साथ रियल इम्पैक्ट दे सकें।”

सौंदर्य, ऑटो, FMCG और टेक्नोलॉजी समेत कई सेक्टर्स में स्टूडियो ने ग्लोबल ब्रैंड्स के लिए कंटेंट तैयार किया है। इसका पोर्टफोलियो पहले ही हजारों एसेट्स में फैल चुका है, जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए प्रोडक्ट डेमो, ऑस्ट्रेलिया में फेस्टिव कैंपेन और अमेरिका में इन्फ्लुएंसर-लीड कंटेंट।

वरुण शाह, Managing Partner – Publicis Production ने कहा, “प्रोडक्शन अब सिर्फ अंतिम चरण नहीं है; यह वह क्रिएटिव इंजन है जो स्ट्रैटेजी, मीडिया, टेक्नोलॉजी और कॉमर्स को जोड़ता है। आज बात सिर्फ ज्यादा कंटेंट बनाने की नहीं, बल्कि इंटेलिजेंट कंटेंट बनाने की है, जो सही ऑडियंस के लिए, सही प्लेटफॉर्म पर और सही समय पर तैयार किया गया हो। हमारे पहले पोस्ट-कंटेंट स्टूडियो के लॉन्च के साथ, अब हमारे पास क्लाइंट्स की मल्टी-मार्केट प्रोडक्शन जरूरतों को शुरू से अंत तक मैनेज करने की स्केल, स्पीड और प्रिसिजन है।” 

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भारत लिटरेचर फेस्टिवल में उपेंद्र राय ने बताया नेतृत्व का ‘असली अर्थ’

दिल्ली के अंबेडकर सभागार में आयोजित लीडरशिप सेशन को संबोधित करते हुए ‘भारत एक्सप्रेस’ के CMD उपेंद्र राय ने कहा-परिवार से लेकर राष्ट्र तक, नेतृत्व है सबसे बड़ा दायित्व

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Saturday, 27 September, 2025
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‘भारत लिटरेचर फेस्टिवल’ (Bharat Literature Festival) के दौरान ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) के CMD और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने नेतृत्व को लेकर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। दिल्ली के अंबेडकर सभागार में आयोजित लीडरशिप सेशन को संबोधित करते हुए उपेंद्र राय ने कहा, ‘नेतृत्व केवल सत्ता संभालने का नाम नहीं है, बल्कि परिवार से लेकर राष्ट्र तक की जिम्मेदारी निभाने का सबसे बड़ा दायित्व है।’

’भारत लिटरेचर फेस्टिवल’ की डॉयरेक्टर दीपाली वाशिष्ठ की अगुवाई में आयोजित लीडरशिप समिट का उद्घाटन करते हुए उपेंद्र राय का कहना था कि लीडरशिप काम में तेजी लाती है। जैसे चीन ने पुल तीन साल में बना दिया और भारत में वही काम सालों खिंच गया। इतिहास और आध्यात्मिकता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नेतृत्व डर से नहीं आता, यह स्वतंत्र सोच और अनुशासन से आता है। समाज में दंड का विधान जरूरी है, तभी नियम व्यापक रूप से लागू हो सकते हैं।

स्पिरिचुअल लीडरशिप पर उपेंद्र राय का कहना था, ‘भारत में महिलाओं को नेतृत्व में सम्मान नहीं दिया गया, जबकि पश्चिम ने इसी आधार पर विकास किया। हमें अपनी जड़ों और हैसियत को पहचानने की जरूरत है।’ देश की प्रतिभा और प्रवासी भारतीयों पर उन्होंने कहा कि सुंदर पिचई और सत्या नडेला जैसे लोग भारत में जन्में जरूर, लेकिन भारत की बात नहीं करते क्योंकि वे खुद को भारतीय नहीं मानते। भारत की चिंता तो वही करेगा जो खुद को भारतीय मानेगा।

अपनी बात समाप्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर गूगल भारत बंद कर दे तो हम लड़ नहीं पाएंगे। टैलेंट अमेरिका भाग रहा है, हमें जरूरत है अपने टैलेंट को रोकने की और उसे भारत की शक्ति बनाने की। जो खुद को भारतीय मानेगा वही भारत की बात करेगा।’

उन्होंने बताया, ’भारत की IIT से कई धुरंधर निकले लेकिन किसी सुंदर पिचई, सत्या नडेला ने जाकर नहीं बोला. ऐसे में हम इंडियन डायसपोरा पर क्या नाज करें? वह मानते हैं कि भले वो भारत में पैदा हुए. उनका शरीर भारत को हो सकता है कि लेकिन वह अमेरिकन हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें भारत की चिंता नहीं है। इसकी चिंता तो उसे होगी जो खुद को भारतीय मानेगा। मेरा मानना है कि एक गूगल भारत बंद कर दे तो हम नहीं लड़ पाएंगे। आज टैलेंटेड लोग भागकर अमेरिका जा रहे हैं। मैं आलोचना नहीं कर रहा हूं लेकिन एक सकारात्मक बात कर रहा हूं।’ 

इस मौके पर भारत लिटरेचर फेस्टिवल के मंच पर मध्य प्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय के शुक्ला (IAS), बिजनसपर्सन रूपा कुदवा, लेखक बीएस नागेश, टाटा ग्रुप के डॉयरेक्टर हरिश भट्ट और Incedo के सीईओ नीतिन सेठ ने भी शिरकत की।

इस कार्यक्रम में उपेंद्र राय का पूरा संबोधन आप यहां देख-सुन सकते हैं।

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परंजॉय गुहा ठाकुरता की याचिका पर कोर्ट ने हटाई अडानी के खिलाफ रिपोर्टिंग पर लगी रोक

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार (25 सितंबर 2025) को पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता पर लगाए गए ‘गैग ऑर्डर’ को हटा दिया।

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Friday, 26 September, 2025
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दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार (25 सितंबर 2025) को पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता पर लगाए गए ‘गैग ऑर्डर’ को हटा दिया। इस आदेश के तहत उन्हें अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) पर रिपोर्टिंग करने से रोका गया था। इस महीने की शुरुआत में ही एक सिविल कोर्ट ने परंजॉय ठाकुरता और कई अन्य पत्रकारों को गौतम अडानी की कंपनी के खिलाफ कोई सामग्री प्रकाशित करने से रोक दिया था।

रोहिणी कोर्ट के जिला जज सुनील चौधरी ने गुरुवार शाम अपने आदेश में कहा कि परंजॉय ठाकुरता पर तब तक यह रोक लागू नहीं होगी जब तक सीनियर सिविल जज उनकी सुनवाई नहीं कर लेते और नया आदेश जारी नहीं करते।

अदालत ने नॉर्थ-वेस्ट के सीनियर सिविल जज को निर्देश दिया कि वे 6 सितंबर को दिए गए इस आदेश पर दोबारा सुनवाई करें और शुक्रवार, 26 सितंबर दोपहर 2 बजे परंजॉय ठाकुरता और अन्य प्रतिवादियों की दलीलें सुनें।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, “यह बताना जरूरी है कि ट्रायल कोर्ट जब ऑर्डर 39 रूल 1 और 2 सीपीसी के तहत नया आदेश देगा तो वह अंतरिम रोक लगाने से जुड़े कानूनी सिद्धांतों पर विचार करेगा। अपील को निपटा दिया गया है और अपीलकर्ता को 06.09.2025 के आदेश का पालन करने की जरूरत नहीं है, जब तक माननीय सीनियर सिविल जज उनकी सुनवाई कर नया आदेश नहीं दे देते।”

6 सितंबर को सिविल जज अनुज कुमार ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की ओर से दायर मानहानि मामले में एकतरफा आदेश (ex parte injunction) दिया था। इसमें परंजॉय ठाकुरता, रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, अयस्कांत दास और आयुष जोशी को कंपनी के बारे में “कथित मानहानिकारक” सामग्री प्रकाशित करने से रोक दिया गया था। पत्रकारों के अलावा यह आदेश कुछ अज्ञात प्रतिवादियों (John Doe) पर भी लागू किया गया था।

पत्रकारों और न्यूज पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री ने इस आदेश को दो अलग-अलग अदालतों में चुनौती दी थी। जज आशीष अग्रवाल ने 18 सितंबर को रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, अयस्कांत दास और आयुष जोशी के खिलाफ लगाए गए आदेश को हटा दिया था। लेकिन जज सुनील चौधरी ने परंजॉय ठाकुरता और न्यूजलॉन्ड्री की ओर से दायर तत्काल सुनवाई की अर्जी को खारिज कर दिया था।

22 सितंबर को जज चौधरी ने कहा था कि यह केस जज अग्रवाल के पास ही जाना बेहतर होगा क्योंकि वे पहले से इस मामले की सुनवाई कर चुके हैं और आदेश दे चुके हैं। लेकिन 23 सितंबर को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज गुरविंदर पाल सिंह ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया।

जज चौधरी ने इस हफ्ते की शुरुआत में ही परंजॉय ठाकुरता की अपील पर सुनवाई पूरी कर ली थी और बुधवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था। उसी दिन अदालत ने AEL को न्यूजलॉन्ड्री की याचिका पर नोटिस भी जारी किया था। अदालत ने कहा था कि न्यूजलॉन्ड्री इस मामले में “पीड़ित पक्ष” नहीं है क्योंकि उसे AEL की ओर से सिविल कोर्ट में दाखिल मुकदमे में प्रतिवादी नहीं बनाया गया था। 

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पूर्व संपादक एम.एल. कोट्रू का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक

‘द स्टेट्समैन’ के पूर्व संपादक एम.एल. कोट्रू का 25 सितंबर को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली में ‘द स्टेट्समैन’ के न्यूज एडिटर के तौर पर काम किया था

Last Modified:
Friday, 26 September, 2025
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‘द स्टेट्समैन’ के पूर्व संपादक एम.एल. कोट्रू का 25 सितंबर को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली में ‘द स्टेट्समैन’ के न्यूज एडिटर के तौर पर काम किया था और ‘द संडे टाइम्स ऑफ लंदन’ के भारत संवाददाता भी रहे थे।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में अक्सर मौजूद रहने वाले कोट्रू देश के पत्रकारिता जगत में एक चर्चित और अहम शख्सियत माने जाते थे।

उन्होंने The Kashmir Story (पहली बार 1994 में प्रकाशित) किताब लिखी थी। इसके अलावा बिनॉय सरकार के साथ मिलकर Asia ’72: official guide के सह-लेखक भी रहे।

कई पत्रकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें "पत्रकारिता का दिग्गज" (doyen of journalism) बताते हुए याद किया।

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पेशवा आचार्य: FMCG से हेल्थकेयर तक ब्रैंड-बिल्डिंग का शानदार सफर

तीन दशकों से अधिक समय तक विभिन्न उद्योगों में नेतृत्व की मिसाल बने पेशवा आचार्य का आज जन्मदिन है

Last Modified:
Sunday, 21 September, 2025
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आज पेशवा आचार्य का जन्मदिन है। तीन दशकों से अधिक समय से पेशवा आचार्य ने FMCG, रिटेल, टेलिकॉम, टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स, हॉस्पिटैलिटी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। उनका करियर ब्रैंड बनाने, नए बिजनेस शुरू करने और विभिन्न सेक्टर्स में बड़े बदलाव लाने की कहानी कहता है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत FMCG सेक्टर से की। Procter & Gamble और Reckitt में काम करते हुए उन्होंने Ariel, Whisper, Dettol (साबुन और लिक्विड), Mortein, Harpic, Babool और Promise टूथपेस्ट, Meswak, Odonil, Odopic और Odomos जैसे ब्रैंड्स के निर्माण और विस्तार में अहम योगदान दिया। इस दौरान उन्हें बड़े पैमाने पर उपभोक्ता व्यवहार और ब्रैंड पोजिशनिंग की गहरी समझ मिली।

इसके बाद उनका सफर Reliance समूह के साथ रिटेल और टेलिकॉम तक पहुंचा। Reliance Retail की लीडरशिप टीम के हिस्से के रूप में उन्होंने Reliance Digital, Reliance Fresh, Reliance Mart, Reliance Autozone और Reliance Digital द्वारा लॉन्च किए गए Apple i-Store जैसे बिजनेस फॉर्मेट तैयार करने और आगे बढ़ाने में भूमिका निभाई। टेलिकॉम में वे Reliance Mobile और 3G सेवाओं से जुड़े रहे और भारतीय बाजार में शुरुआती उपभोक्ताओं तक इन्हें पहुंचाने में सहयोग किया।

हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में भी उनकी छाप रही। उन्होंने Sterling Holidays और Nature Trails जैसे ब्रैंड्स के बिजनेस मॉडल को बदला, उपभोक्ता पसंद को ध्यान में रखते हुए नई रणनीतियां अपनाईं और मार्केटिंग व ऑपरेशन में सुधार के जरिए विकास की राह खोली।

कॉरपोरेट जिम्मेदारियों के अलावा पेशवा आचार्य ने उद्यमिता भी अपनाई। उन्होंने GrowthShyft, Think As Consumer और Leven Health Care जैसे उद्यम स्थापित किए। Leven Health Care के जरिए उन्होंने पश्चिमी भारत में डायलिसिस सेंटर विकसित करने और स्वास्थ्य क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए।

उनका अनुभव भारत तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने एशिया, अफ्रीका, GCC और MENA क्षेत्रों में भी सलाहकार और कंसल्टिंग प्रोजेक्ट्स किए हैं। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, ओमनी चैनल स्ट्रैटेजी और नए मार्केट्स में प्रवेश जैसे क्षेत्रों में उनका काम कंपनियों को नए अवसर दिलाने में मददगार साबित हुआ है।

आज उनके जन्मदिन पर, इंडस्ट्री में उन्हें एक ऐसे लीडर और उद्यमी के तौर पर बधाइयां दी जा रही हैं, जिन्होंने न केवल ब्रैंड बनाए बल्कि कई सेक्टरों में विकास और परिवर्तन की दिशा भी तय की।

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हैप्पी बर्थडे मुनीश पुरी: निवेश बैंकिंग से ग्लोबल कंटेंट प्रोडक्शन तक आपने बनाई खास पहचान

उनके करियर का सफर ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स, भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय कंटेंट वेंचर्स में उनके योगदान का शानदार प्रतिबिंब पेश करता है।

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Sunday, 21 September, 2025
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आज मुनीश पुरी का जन्मदिन है, जिनका पेशेवर सफर निवेश बैंकिंग, मीडिया और अंतरराष्ट्रीय कंटेंट प्रोडक्शन जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। अक्टूबर 2023 से वह Rainshine Global Inc. में सलाहकार के रूप में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की भूमिका निभा रहे हैं।

वर्ष 2019 में, पुरी ने Rainbox Studios की स्थापना की, जो Rainshine की एक ब्रांच है और टेलीविजन व फिल्म प्रोजेक्ट्स डेवलप करती है। उनके नेतृत्व में Rainbox Studios ने Young Captain Nemo, Sahir Ludhianvi: The Wizard of Words, Spy King, और Tamak: The Rage Within जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। फीचर फिल्म प्रोजेक्ट्स में बिजोया, डिलीवरी ब्वॉय, और झमेल शामिल हैं। स्टूडियो ने कवि और गीतकार साहिर लुधियानवी की जीवनी के अनुकूलन अधिकार भी हासिल किए, जिसमें वर्षों की रिसर्च और डॉक्यूमेंटेशन शामिल थी।

इसके अलावा, पुरी ने क्रिकेट आधारित टेलीविजन गेम शो Ulta Fullta का प्रोडक्शन किया, जिसमें इरफान पठान, शोएब अख्तर, ब्रेट ली, अजित अग्रकर और अभिनेता नकुल मेहता जैसे कलाकार शामिल थे। वर्तमान भूमिका से पहले, पुरी 2021 से 2023 तक RainBlox में चीफ रिलेशनशिप ऑफिसर और फाइनेंसिंग लीड रहे, जहां उन्होंने भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और मध्य पूर्व में पार्टनरशिप और फाइनेंसिंग स्ट्रेटेजी संभाली।

2009 से 2019 तक, उन्होंने इंडियन फिल्म एडवाइजर्स (Indian Film Advisors) और ‘इंडियन फाइनेंसियल एडवाइजर्स’ (Indian Financial Advisors) की स्थापना और प्रबंधन किया। इन दोनों फर्मों ने “Only Content Matters” और “Only Trust Matters” के सिद्धांत के तहत लगभग एक दशक तक कंटेंट वेंचर्स और वित्तीय सलाहकार सेवाएं प्रदान कीं।

वर्ष 2007 से 2009 तक, पुरी ‘Bennett Coleman & Co. Ltd’ (Times Group) की सहायक कंपनी Mirchi Movies Limited में मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) रहे। उनके कार्यकाल में Mirchi Movies ने अपने प्रारंभिक पूंजी की तुलना में 15 गुना अधिक मूल्यांकन हासिल किया। उन्होंने Warner Bros Entertainment vs. HK & Others नामक महत्वपूर्ण इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स केस में भी कंपनी का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें अरुण जेटली और प्रतिभा सिंह के साथ काम किया।

2004 से 2007 तक, पुरी Bennett, Coleman & Co. Ltd. में COO रहे, जहां उन्होंने इवेंट्स मैनेजमेंट, आउट ऑफ होम और फिल्म्ड एंटरटेनमेंट बिजनेस का संचालन किया। उन्होंने फिल्म फेयर अवॉर्ड्स, फेमिना मिस इंडिया और मिस्टर इंडिया जैसे एंटरटेनमेंट एसेट्स का प्रबंधन किया। इसके अलावा, उन्होंने Times Out of Home की लॉन्चिंग और ‘एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया लिमिटेड’ (ENIL) की 2006 में सार्वजनिक सूचीबद्धता में योगदान दिया।

इसके पहले, पुरी ने Miracle Cinefilms Private Limited में Being Cyrus (2002–2004) का प्रोडक्शन किया और Miracle Entertainments Private Limited में एक इंटरनेट वेंचर में निवेश किया, जो बाद में टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी में आया (2000–2002)।

पुरी ने अपना करियर 1995 से 2000 तक J.P. Morgan में वित्तीय क्षेत्र में शुरू किया, जहां उन्होंने मीडिया, टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में प्राइवेट कंपनियों के लिए लगभग $1 बिलियन जुटाए। इसके पहले, उन्होंने अपने MBA के दौरान 1994 में Morgan Stanley में न्यूयॉर्क और मुंबई में इंटर्नशिप की।

उनके करियर का सफर ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स, भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय कंटेंट वेंचर्स में उनके योगदान का शानदार प्रतिबिंब पेश करता है।

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हैप्पी बर्थडे राकेश गोपाल: मेहनत, दूरदृष्टि और लीडरशिप का पर्याय हैं आप

अपनी पेशेवर यात्रा में उन्होंने विज्ञापन, कॉरपोरेट और राजस्व से जुड़े अहम पदों पर रहते हुए संस्थानों को नई दिशा देने का काम किया है।

Last Modified:
Sunday, 21 September, 2025
Rakesh Gopal

मीडिया इंडस्ट्री में ढाई दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले सीनियर मीडिया प्रोफेशनल राकेश गोपाल आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर मीडिया जगत से जुड़े तमाम लोग उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनकी अब तक की उपलब्धियों की सराहना कर रहे हैं।

राकेश गोपाल ने कुछ समय पहले ही ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क से अलग होकर एक बार फिर ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) के साथ बतौर नेशनल कॉरपोरेट हेड नई पारी की शुरुआत की है। ‘राजस्थान पत्रिका’ के साथ यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इससे पहले भी वे यहां नेशनल कॉरपोरेट हेड रह चुके हैं।

करीब सवा दो साल पहले उन्होंने ‘राजस्थान पत्रिका’ से इस्तीफा देकर ‘भारत एक्सप्रेस’ जॉइन किया था, जहां वे चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

अब तक के करियर में राकेश गोपाल ने मीडिया जगत में कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम किया है। इसमें iTV नेटवर्क, इंडिया टुडे ग्रुप, एचटी मीडिया लिमिटेड और बिजनेस वर्ल्ड जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अपनी पेशेवर यात्रा में उन्होंने विज्ञापन, कॉरपोरेट और राजस्व से जुड़े अहम पदों पर रहते हुए संस्थानों को नई दिशा देने का काम किया है।

मीडिया में अपनी मेहनत, दूरदृष्टि और लीडरशिप के लिए पहचाने जाने वाले राकेश गोपाल का मानना है कि इस इंडस्ट्री में निरंतर बदलाव के साथ खुद को अपडेट रखना और टीमवर्क ही सफलता की कुंजी है।

समाचार4मीडिया परिवार की ओर से राकेश गोपाल को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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उमंग बेदी: स्थानीय भाषाओं के जरिये डिजिटल इंडिया को दे रहे नया आयाम

आज उमंग बेदी का जन्मदिन है। उमंग ‘VerSe Innovation’ के सह-संस्थापक है। यही कंपनी ‘डेलीहंट’ (Dailyhunt), ‘जोश’ (Josh) और ‘पब्लिकवाइव’ (PublicVibe) जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म चला रही है।

Last Modified:
Saturday, 20 September, 2025
Umang Bedi

आज उमंग बेदी का जन्मदिन है। उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर भारतीय स्टार्टअप्स तक एक ऐसा सफर तय किया है, जिसने भारत की डिजिटल दुनिया को नई दिशा दी है।

उमंग ‘VerSe Innovation’ के सह-संस्थापक है। यही कंपनी ‘डेलीहंट’ (Dailyhunt), ‘जोश’ (Josh) और ‘पब्लिकवाइव’ (PublicVibe) जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म चला रही है। ‘Dailyhunt’ देशभर के लोगों तक खबरें और जानकारी पहुंचाता है, ‘Josh’ युवाओं के लिए शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म है और ‘PublicVibe’ हाइपरलोकल अपडेट्स के जरिये स्थानीय कम्युनिटीज को जोड़ता है।

VerSe की स्ट्रैटेजी ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (AI) और देश की भाषायी विविधता पर आधारित है। कंपनी का मिशन है कि भाषा की बाधाओं को दूर करके एक अरब से ज्यादा लोगों को डिजिटल दुनिया की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

‘VerSe Innovation’ शुरू करने से पहले उमंग बेदी ‘फेसबुक (इंडिया और साउथ एशिया) के मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। इससे पहले वे ‘Adobe South Asia’ और ‘Intuit’ जैसे ग्लोबल टेक्नोलॉजी ब्रैंड्स में भी वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं।

बेदी ने पुणे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की और बाद में ‘हॉर्वर्ड बिजनेस स्कूल’ (Harvard Business School) से मैनेजमेंट की पढ़ाई की। यह टेक्निकल और मैनेजमेंट दोनों बैकग्राउंड उन्हें प्रोडक्ट-ड्रिवन और उपभोक्ता-फोकस्ड कंपनियों को संभालने में मदद करता है।

उमंग बेदी केवल बिजनेस लीडर ही नहीं, बल्कि सामाजिक नेतृत्व से भी जुड़े हैं। वे Kamalnayan Bajaj Fellowship के फेलो और Aspen Global Leadership Network के सदस्य हैं। साथ ही, वे Librum, Mind O2 और InnerHour जैसी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी पहलों से भी जुड़े रहे हैं।

उमंग बेदी ने यह दिखाया है कि डिजिटल एक्सेस केवल टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि भारत की भाषाओं और विविधता को जोड़ने का जरिया भी है। उमंग बेदी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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हैप्पी बर्थडे मिली ऐश्वर्या: भारतीय कहानियों को दी नई पहचान, खोले नए क्षितिज

‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ के ‘हिंदू कॉलेज’ से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक मिली ऐश्वर्या ने जब पब्लिशिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके साथ जुनून, अनुशासन और जिज्ञासा भी थी, जो आगे चलकर उनकी पहचान बनी।

Last Modified:
Friday, 19 September, 2025
Milee

‘Penguin Random House India’ में ‘Adult Publishing Group’ की पब्लिशर मिली ऐश्वर्या (Milee Ashwarya) का आज जन्मदिन है। यह मौका भारतीय पब्लिशिंग जगत में उनके शानदार सफर को याद करने का भी है, एक ऐसा सफर जिसने अनगिनत आवाजों को परवाज दी और भारतीय कहानियों को कहने और समझने का तरीका बदल दिया।

‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ के हिंदू कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक मिली ऐश्वर्या ने जब पब्लिशिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके साथ जुनून, अनुशासन और जिज्ञासा भी थी, जो आगे चलकर उनकी पहचान बनी। वर्षों की मेहनत और उपलब्धियों के बाद वे आज इस खास मुकाम पर पहुंची हैं, जहां वे Ebury, Vintage, Penguin Business समेत कई इम्प्रिंट्स की जिम्मेदारी संभालती हैं। उनके संपादकीय अनुभव ने फिक्शन, नॉन-फिक्शन, बिजनेस, संस्मरण और लाइफस्टाइल जैसी शैलियों में बेहतरीन किताबें पाठकों तक पहुंचाई हैं, जिससे वे भारतीय पब्लिशिंग जगत की सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल हो चुकी हैं।

मिली ऐश्वर्या ने वैश्विक और भारतीय साहित्य की कई बड़ी हस्तियों के साथ काम किया है, जिनमें ऑरहान पामुक, सलमान रुश्दी, सुधा मूर्ति और देवदत्त पटनायक जैसे नाम शामिल हैं। साथ ही उन्होंने नए और कम सुने गए लेखकों को भी मंच दिया है। उनकी बनाई सूचियां विविधता और समावेशन की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर किताबों के जरिये सामने आती है।

उनके करियर की खासियत यह भी रही है कि वे समय के साथ बदलती सांस्कृतिक धारणाओं को पहचानकर उन्हें प्रकाशन के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाती रहती हैं। चाहे वह आत्मकथाएं हों जो संघर्ष और हौसले की कहानियां सुनाती हैं, नारीवादी लेखन जो परंपराओं को चुनौती देता है, या फिर Penguin Veer जैसी पहल जो भारतीय सशस्त्र बलों की कहानियों को सम्मान देती है। मिली ऐश्वर्या ने हमेशा भारतीय पाठकों के सामने नए क्षितिज खोले हैं।

तेजी से बदलते दौर में उन्होंने डिजिटल फॉर्मेट्स, पाठकों के बदलते व्यवहार और अधिक समावेशी कहानी कहने की जरूरत को स्वीकार किया है। उनका नेतृत्व इस विश्वास को और मज़बूत करता है कि किताबें सिर्फ उत्पाद नहीं होतीं, बल्कि वे विचार, पहचान और खोज का ताकतवर माध्यम होती हैं।

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