जानें, क्यों कपिल शर्मा पर भड़का कायस्थ समाज, दी मुकदमे की चेतावनी

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का कहना है कि यदि कपिल शर्मा ने माफी नहीं मांगी तो उनके शो का बहिष्कार किया जाएगा।

Last Modified:
Tuesday, 31 March, 2020
Kapil Sharma


कॉमेडी किंग कपिल शर्मा इन दिनों विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने उन पर कॉमेडी शो में भगवान श्री चित्रगुप्त का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए अपना विरोध जताया है।

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने कपिल शर्मा से इस मसले पर माफी मांगने के लिए कहा है। महासभा का यह भी कहना है कि यदि कपिल शर्मा ने माफी नहीं मांगी तो उनके शो का बहिष्कार किया जाएगा। यही नहीं, लॉकडाउन खत्म होने पर कपिल शर्मा के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

महासभा के पदाधिकारियों का आरोप है कि शनिवार को कपिल शर्मा ने अपने शो के दौरान भगवान श्री चित्रगुप्त के बारे में भद्दा मजाक किया। कपिल शर्मा के इस कदम की भर्त्सना करते हुए महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि इस कृत्य के लिए कपिल शर्मा अगले एपिसोड में पूरे देशवासियों से माफी मांगें।

वहीं, मीडिया वेंचर ‘पार्लियामेंट्री बिजनेस’ (ParliamentaryBusiness) के सीईओ और वरिष्ठ पत्रकार रोहित सक्सेना ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर कपिल शर्मा को माफी मांगने अथवा कानूनी कार्यवाही का सामना करने की चेतावनी दी है।

रोहित सक्सेना द्वारा इस बारे में किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।

 

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इम्पैक्ट रन फॉर ह्यूमैनिटी : मानवता की जीत, वंचित बच्चों के भविष्य के लिए दौड़ा जयपुर

यह मेगा रन बॉम्बे हॉस्पिटल, महल रोड से प्रारंभ हुई। आयोजन का नेतृत्व अप्लव सक्सेना (एंकर दूरदर्शन) ने किया, जिनकी सोच और समर्पण ने इस रन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

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Published - Tuesday, 23 December, 2025
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Tuesday, 23 December, 2025
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मानवता, करुणा और सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल बनते हुए रविवार को आयोजित 'इम्पैक्ट रन फॉर ह्यूमैनिटी' ने जयपुर में एक यादगार अध्याय जोड़ दिया। सर्द सुबह के बावजूद पांच हजार से अधिक जयपुरवासी पूरे उत्साह के साथ दौड़े और वंचित व जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के समर्थन में एकजुटता दिखाई।

यह आयोजन यह संदेश देने में सफल रहा कि समाज के लिए उठाया गया हर कदम बदलाव की ओर ले जाता है। यह मेगा रन बॉम्बे हॉस्पिटल, महल रोड से प्रारंभ हुई। आयोजन का नेतृत्व अप्लव सक्सेना (एंकर दूरदर्शन) ने किया, जिनकी सोच और समर्पण ने इस रन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. भार्गवी जगधारी (इवेंट हेड), ईवादीप सक्सेना, हासमिक, सौरभ श्रीवास्तव, नूतन, बृजेश, निहारिका और हर्षिता का विशेष योगदान रहा। साथ ही 100 से अधिक स्वयंसेवकों ने अनुशासन और समन्वय के साथ पूरे आयोजन को सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों में ज्योति कुमार सतीजा (आईजी, रेलवे सुरक्षा बल), शशिकिरण (मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे), अंतरराष्ट्रीय एथलीट पंकज शर्मा और मोहिंदर डोरिया (पर्यटन सूचना अधिकारी) उपस्थित रहे। रन के ब्रांड एम्बेसडर और वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर विष्णु टांक की मौजूदगी ने प्रतिभागियों का उत्साह दोगुना कर दिया। रन से पहले जयपुर इंस्टीट्यूट ऑफ पेन एंड स्पोर्ट्स इंजरी के फिजियोथेरेपिस्ट्स और डॉ. गौरव ने सभी प्रतिभागियों को वैज्ञानिक तरीके से स्ट्रेचिंग करवाई।

इसके बाद गो फिट वेलनेस से तरुण और कीर्ति ने वेलनेस सत्र लेकर सभी को फिटनेस और सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में संगीत और ऊर्जा का भी खास संगम देखने को मिला। रन के ब्रांड सिंगर आयु आर्य की प्रस्तुति ने माहौल को जोश और उमंग से भर दिया। बॉम्बे हॉस्पिटल की ओर से चिकित्सकों ने बताया कि इस दौड़ ने समाज में सेवा और स्वास्थ्य को लेकर नई मिसाल कायम की है। जेके मसाले की ओर से विकाश ने कहा कि हजारों लोगों का उत्साह देखने लायक था और जरूरतमंद बच्चों के लिए इतनी बड़ी भागीदारी प्रेरणादायक है।

यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के वाइस चांसलर डॉ. बिस्वजॉय चटर्जी ने बताया कि विश्वविद्यालय के करीब 400 छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वहीं इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक की ओर से बताया गया कि रन के साथ इंपैक्ट के जरूरतमंद बच्चों के द्वारा जुम्बा, नृत्य जैसी गतिविधियां भी आयोजित की गईं। जिसने सबका मन मोह लिया।

इस आयोजन को इनक्रेडिबल इंडिया, जेके मसाले, यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, श्री दूध और जयपुर इंस्टीट्यूट ऑफ पेन एंड स्पोर्ट्स इंजरी का सहयोग मिला। इसके अलावा आकृति लैब्स, गो फिट वेलनेस, आयु आर्य म्यूजिक सहित कई संस्थाएं इस अभियान से जुड़ीं। योगदानकर्ताओं में द फूड इक्वेशन, ओटी, वाघ बकरी, एस इ एन एन, पिंकसिटी ज़ीका, शोमैक्स, रन फैक्टरी, जेकेजे ज्वेलर्स और प्राइमल फिट शामिल रहे। स्पॉन्सर्स की ओर से भी सराहनीय सहयोग देखने को मिला।

बॉम्बे हॉस्पिटल ने मेडिकल सपोर्ट दिया। श्री दूध के फाउंडर ऋषभ की ओर से सभी प्रतिभागियों को गिफ्ट हैम्पर वितरित किए गए। द फूड इक्वेशन की ओर से शेफ तन्मय ने पांच हजार से अधिक फूड पैकेट्स उपलब्ध कराए। वाघ बकरी चाय ने लाइव काउंटर लगाकर गर्म चाय पिलाई, जबकि ओटे की ओर से बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक की व्यवस्था की गई।

अनीता सक्सेना ने बताया रन के विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्य रन विजेताओं को साइकिल, हेडफोन और शोमैक्स की ओर से साउंडबार दिए गए। एक किलोमीटर रन के विजेताओं को जेकेजे ज्वेलर्स की ओर से चांदी के सिक्के भेंट किए गए। रन फैक्टरी के अब्बास की ओर से विजेताओं को खेल किट्स दी गईं। सबसे अधिक प्रतिभागियों के साथ आए समूह को शोमैक्स टीवी प्रदान किया गया।

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न्यूज रूम में एआई और संस्थानिक पत्रकारिकता का भविष्य : सारंग उपाध्याय

बहरहाल चिंता की बात यह है कि रिपोर्ट कहती है कि कई न्यूज़रूम्स अब भी स्पष्ट एथिक्स गाइडलाइंस की कमी से जूझ रहे हैं। भारत के लिए रिपोर्ट चेतावनी और संभावना, दोनों साथ लेकर आती है।

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Published - Tuesday, 23 December, 2025
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Tuesday, 23 December, 2025
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सारंग उपाध्याय, पत्रकार, लेखक।

2025 बीत रहा है और पूरी दुनिया में एआई टेक्नॉलॉजी के प्रभावों और लगातार बढ़ते हस्तक्षेप की खबरों के बीच 2026 की दस्तक है। एआई के चलते पूरी दुनिया के न्यूज रूम बदल रहे हैं। मीडिया प्लेटफॉर्म बदल रहे हैं। ऐसा कोई क्षेत्र और आयाम नहीं बचा है जो आज एआई से अछूता हो। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, वित्त से लेकर प्रबंधन हर जगह एआई ने कार्यशैली बदल दी है। खास बात यह है कि एआई का सबसे गहरा असर मीडिया और पत्रकारिता पर पड़ा है। अब तस्वीरें हों या ध्वनि, वीडियो हों या टेक्स्ट हर जगह एआई मौजूद है जो ना केवल खबरें लिख रहा है बल्कि रिकॉर्ड कर रहा है और एंकर के रूप में टीवी पर उपस्थित है।

वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूज़ पब्लिशर्स (WAN-IFRA) की 12 मई 2025 को आई अपडेटेड रिपोर्ट द एज ऑफ एआई इन द न्यूज रूम (The Age of AI in the Newsroom) मीडिया और न्यूज रूम में बदलाव की चौंकाने वाली कहानी कह रही है। 100 से अधिक वैश्विक मीडिया हाउसेज़ के केस स्टडीज़ पर आधारित यह रिपोर्ट ग्लोबल साउथ के मीडिया हाउसेज़ पर केंद्रित है जहां पारंपरिक ब्रॉडकास्टर्स और उभरते डिजिटल स्टार्टअप्स दोनों के केस स्टडीज़ शामिल हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह एआई ने रिपोर्टिंग, प्रोडक्शन और न्यूज़रूम एफिशिएंसी की परिभाषा ही बदल दी है। कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों ने ट्रांसलेशन, से लेकर ऑटोमशन, चैट आधारित पाठक संवाद और पर्सनलाइज्ड न्यूज़ रेकमेंडेशन में एआई समाधान अपनाए हैं। हालांकि इनके प्रभाव का मूल्यांकन अभी शोध अवस्था में है। भारत के संदर्भ में रिपोर्ट इसे डिजिटल इंडिया पहल और 2024 के लोकसभा चुनावों से जोड़ा गया है, जब एआई ने डीपफेक की पहचान और उनकी रोकथाम में बड़ी भूमिका निभाई।

बहरहाल चिंता की बात यह है कि रिपोर्ट कहती है कि कई न्यूज़रूम्स अब भी स्पष्ट एथिक्स गाइडलाइंस की कमी से जूझ रहे हैं। भारत के लिए रिपोर्ट चेतावनी और संभावना, दोनों साथ लेकर आती है। रिपोर्ट बता रही है कि एआई मीडिया उद्योग को अधिक दक्ष और स्केलेबल बना सकता है, लेकिन यदि पारदर्शिता, जिम्मेदारी और संपादकीय संतुलन नहीं बनाए गए तो यह मीडिया विश्वास और लोकतांत्रिक सूचना व्यवस्था को कमजोर भी कर सकता है।

दरअसल, वैश्विक स्तर पर न्यूज रूम्स में एआई की घुसपैठ ने कार्यशैली को क्रांतिकारी रूप से बदला है, लेकिन इससे मीडिया की साख पर संकट मंडरा रहा है। 2025 तक, एआई से जनरेटेड कंटेंट, ऑटोमेटेड रिपोर्टिंग और डेटा विश्लेषण ने समाचार उत्पादन को तेज किया है, मगर डिसइन्फॉर्मेशन, डीपफेक और पक्षपात की आशंकाएं भी बढ़ गई हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फरवरी 2025 के एआई समिट में कहा था- एआई को समावेशी और सतत् बनाना चाहिए, ताकि यह लोगों और ग्रह के लिए काम करे। मीडिया में इसका उपयोग विविधता को मजबूत करेगा, न कि विभाजन पैदा करेगा।

आज के न्यूज़ रूम में रिपोर्टर और संपादक के साथ-साथ एल्गोरिद्म और डेटा मॉडल भी सक्रिय हैं। अमेरिका की एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस सालों से वित्तीय परिणामों और खेल स्कोर की ख़बरें एआई से तैयार कर रही है। रॉयटर्स ने भी यही कदम उठाया। परिणाम यह हुआ कि आंकड़े-आधारित ख़बरें पहले से कहीं तेज़ और अधिक सटीक रूप में आने लगीं। लेकिन साथ ही पत्रकारों में यह चिंता भी बढ़ी कि मशीनें उनके काम को धीरे-धीरे हाशिए पर न धकेल दें।

इस संदर्भ में 48 देशों में 97,000 से अधिक ऑनलाइन समाचार उपभोक्ताओं के सर्वे पर आधारित ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की डिजिटल न्यूज रिपोर्ट 2025 महत्वपूर्ण है। यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के 65% से अधिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म अब किसी न किसी रूप में एआई निर्मित कंटेंट का उपयोग करते हैं।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि चैटजीपीटी जैसे जनरेटिव चैटबॉट्स 35 वर्ष से कम आयु के लोगों के बीच खबर तक पहुंचने का नया माध्यम बन रहे हैं, यानी आने वाली पीढ़ी के लिए न्यूज़ वेबसाइट की बजाय एआई संवाद ज़्यादा स्वाभाविक स्रोत बन सकता है। यही नहीं इस रिपोर्ट में चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि केवल 9% लोग एआई चैटबॉट्स से खबरें लेते हैं, जबकि समाचार पर विश्वास दर 40 फीसदी पर ठहर गई है। यह स्थिति सोचने पर मजबूर करती है कि एआई अवसर है या खतरा?

एक तरह से भारतीय न्यूज इंडस्ट्री के साथ-साथ पूरी वैश्विक मीडिया में एआई एक चुनौती की तरह है। संस्थानिक पत्रकारिता के लिए यह चुनौती का समय है और 2026 में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उम्मीद पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की दुनिया अपने सामने खड़ी इस चुनौती से जूझने के लिए खुदको तैयार रखेगी। एआई और तकनीकी रूप से रुपांतरकारी इस समय के बीच आप सभी मीडिया के मित्रो साथियों को नए साल की बधाई और शुभकामनाएं।

( यह लेखक के निजी विचार हैं )

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भारत ने बांग्लादेश में हिंसा पर फैल रही खबरों को बताया 'भ्रामक प्रचार'

भारत ने बांग्लादेश की मीडिया में सामने आ रही खबरों को “भ्रामक प्रचार” करार दिया।

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Published - Monday, 22 December, 2025
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Monday, 22 December, 2025
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भारत ने बांग्लादेश की मीडिया में सामने आ रही खबरों को “भ्रामक प्रचार” करार दिया, जिनमें दावा किया गया कि दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करने वाले युवाओं ने सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश की।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि शनिवार को लगभग 20-25 युवा बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर इकट्ठा हुए और “जघन्य हत्या” के विरोध में नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की भी मांग की।

MEA ने साफ किया कि किसी भी समय सुरक्षा बाड़ को तोड़ने या सुरक्षा स्थिति पैदा करने की कोई कोशिश नहीं हुई। पुलिस ने कुछ ही मिनटों में प्रदर्शनकारियों को शांत कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि इन घटनाओं के वीडियो और दृश्य प्रमाण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा कि बांग्लादेश मीडिया के कुछ हिस्सों में इस घटना को लेकर भ्रामक प्रचार देखा गया है। भारत ने ढाका सरकार से भी आग्रह किया है कि दीपू चंद्र दास की “क्रूरतापूर्ण हत्या” के दोषियों को न्याय के तहत लाया जाए।

उल्लेखनीय है कि 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास की मायमेंसिंग शहर में भीड़ ने हत्या कर दी थी, और इससे पहले छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा और अशांति की नई लहर देखी गई थी। हादी पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शन में प्रमुख चेहरा रहे थे, जिन्होंने शीख हसीना सरकार को अस्थिर किया था। 

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SJFI ने केंद्र व राज्यों से पत्रकारों के लिए पेंशन योजनाएं शुरू या बढ़ाने का किया आग्रह

सीनियर जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SJFI) ने हाल ही में छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा और तमिलनाडु की उन घोषणाओं की सराहना की, जिनमें वरिष्ठ पत्रकारों को मिलने वाली पेंशन बढ़ाई गई है।

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Published - Monday, 22 December, 2025
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Monday, 22 December, 2025
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सीनियर जर्नलिस्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SJFI) ने हाल ही में छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा और तमिलनाडु की उन घोषणाओं की सराहना की, जिनमें वरिष्ठ पत्रकारों को मिलने वाली पेंशन बढ़ाई गई है।

SJFI की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की ऑनलाइन बैठक में, जिनकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप दीक्षित ने की, यह भी कहा गया कि राज्य सरकारें अब रिटायर्ड पत्रकारों की कल्याण और सामाजिक सुरक्षा को गंभीरता से ले रही हैं। समिति ने यह भी बताया कि वह जम्मू‑कश्मीर सरकार से भी इसी संबंध में संपर्क करेगी।

बैठक में यह भी जोर दिया गया कि सभी राज्य सरकारें या तो नई पत्रकार पेंशन योजनाएं शुरू करें या मौजूदा पेंशन राशि बढ़ाएं। साथ ही केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि SJFI द्वारा प्रधानमंत्री को दिए गए ज्ञापन में उठाए गए मुद्दों- जैसे राष्ट्रीय पेंशन योजना और पूरे देश के वरिष्ठ पत्रकारों के लिए कल्याण निधि को भी ध्यान में रखा जाए।

कार्यकारिणी समिति ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार का अगला बजट रिटायर्ड पत्रकारों के लिए कुछ ठोस कदम पेश करेगा।

बैठक में हाल ही में निधन हुए असम की वरिष्ठ संपादक प्रफुल्ल गोविंद बरुआ और वरिष्ठ अंग्रेजी पत्रकार प्रभा जगन्नाथन को श्रद्धांजलि भी दी गई।

बैठक में देश के विभिन्न राज्यों से NEC सदस्य शामिल हुए। इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, ओडिशा और जम्मू‑कश्मीर के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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नहीं रहीं जानी-मानी फैशन पत्रकार मेहर कैस्टेलिनो

देश की पहली फेमिना मिस इंडिया रहीं मेहर कैस्टेलिनो ने करीब 81 साल की उम्र में 16 दिसंबर को अंतिम सांस ली।

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Published - Saturday, 20 December, 2025
Last Modified:
Saturday, 20 December, 2025
Meher Castelino

वरिष्ठ फैशन पत्रकार और देश की पहली फेमिना मिस इंडिया  रहीं मेहर कैस्टेलिनो का निधन हो गया है। करीब 81 वर्षीय मेहर कैस्टेलिनो ने 16 दिसंबर को अंतिम सांस ली। उनके निधन से फैशन और मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। मेहर कैस्टेलिनो के परिवार में एक बेटा कार्ल और एक बेटी क्रिस्टीना है।

मेहर कैस्टेलिनो को वर्ष 1964 में पहली फेमिना मिस इंडिया का खिताब मिला था। वर्ष 1973 में ईव्स वीकली में उनका पहला लेख प्रकाशित हुआ, जिसके बाद उन्होंने लेखन को अपना जीवन समर्पित कर दिया और पूर्णकालिक फैशन पत्रकार तथा सिंडिकेटेड कॉलमिस्ट के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने फैशन पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी असाधारण पहचान बनाई।

मेहर कैस्टेलिनो को भारत में फैशन पत्रकारिता की अग्रदूत माना जाता है। उनके लेख देश-विदेश के करीब 160 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पब्लिकेशंस में प्रकाशित हुए, जिनके माध्यम से उन्होंने कई पीढ़ियों तक फैशन को समझने और देखने का नजरिया विकसित किया।

अपने लंबे और शानदार करियर के दौरान मेहर कैस्टेलिनो को जर्मनी, फ्रांस, इटली, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, नीदरलैंड्स और सिंगापुर जैसे देशों में आयोजित फैशन शोज में आमंत्रित किया गया। उन्होंने कई प्रसिद्ध डिजाइनरों के इंटरव्यू किए और अंतरराष्ट्रीय फैशन की झलक भारतीय पाठकों तक पहुंचाई।

वर्ष 2006 से वह लैक्मे फैशन वीक  की फैशन लेखिका भी रहीं। उन्होंने अपनी गहरी समझ, अनुभव और सलीकेदार लेखन के जरिये लैक्मे फैशन वीक की पूरी यात्रा को शब्दों में संजोया।

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दुनिया को अलविदा कह गईं वरिष्ठ पत्रकार प्रभा जगन्नाथन

‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (PCI) ने प्रभा जगन्नाथन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें समर्पित और सिद्धांतों पर चलने वाली पत्रकार के रूप में याद किया।

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Published - Saturday, 20 December, 2025
Last Modified:
Saturday, 20 December, 2025
Prabha Jagannathan

वरिष्ठ पत्रकार प्रभा जगन्नाथन का निधन हो गया है। तीन दशकों से अधिक लंबे पत्रकारिता करियर में प्रभा जगन्नाथन ने कई प्रतिष्ठित पब्लिकेशंस के साथ काम करते हुए पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बनाई।

उन्होंने ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’, ‘द टेलीग्राफ’, ‘द वीक’ और ‘संडे मेल’ सहित कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं दीं। वे अपनी निर्भीक रिपोर्टिंग और नैतिक पत्रकारिता के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती थीं।

प्रभा जगन्नाथन के निधन से मीडिया जगत में शोक की लहर है। ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (PCI) ने प्रभा जगन्नाथन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें समर्पित और सिद्धांतों पर चलने वाली पत्रकार के रूप में याद किया, जिनका काम और मूल्य लंबे समय तक याद रखे जाएंगे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपने शोक संदेश में ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ ने कहा, ‘पत्रकारिता और पत्रकार बिरादरी के प्रति प्रभा जगन्नाथन का समर्पण कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।’ पीसीआई ने इस कठिन समय में उनके परिवार और मित्रों के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की है।

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार माधवन नारायणन ने भी प्रभा जगन्नाथन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। अपने शोक संदेश में माधवन नारायणन ने कहा, ‘प्रभा जगन्नाथन एक अद्भुत व्यक्तित्व और विकास से जुड़े मुद्दों के प्रति समर्पित, ईमानदार पत्रकार’ थीं।’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रभा को जानवरों से गहरा प्रेम था और वे लोगों के प्रति बेहद संवेदनशील और करुणामय थीं।

 

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सेंसेशनलिज़्म से आत्ममुग्ध ‘ढिंढोरा पत्रकारिता’ तक: अजय कुमार

इस प्रक्रिया में पत्रकार, विश्लेषक और तथाकथित विचारक दो हिस्सों में बँटते नज़र आते हैं। कुछ खुलेआम बिक चुके हैं और कुछ व्यूज़, लाइक्स और कमाई की अंधी दौड़ में सेंसेशनलिज़्म के गुलाम बन चुके हैं।

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Published - Friday, 19 December, 2025
Last Modified:
Friday, 19 December, 2025
yearender2025

अजय कुमार, वरिष्ठ पत्रकार।

जब इलॉन मस्क के एक्स (X) प्लेटफ़ॉर्म पर यूज़र्स की लोकेशन सार्वजनिक रूप से सामने आई, तब यह भ्रम पूरी तरह टूट गया कि सोशल मीडिया स्वतंत्र विचारों का निष्पक्ष मंच है। उस एक खुलासे ने दिखा दिया कि यह दुनिया कितनी बनावटी, प्रायोजित और खतरनाक हो चुकी है।

चुनाव अमेरिका का था, लेकिन बहस को दिशा देने वाले अकाउंट पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों से संचालित हो रहे थे। अमेरिकी मतदाता इस पूरी डिजिटल बहस से लगभग गायब थे। यही खेल भारत में भी दिखा। बिहार में एसआईआर के पक्ष और विरोध में आवाज़ें म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान से उठती रहीं, जबकि ज़मीनी बिहारी जनता की उपस्थिति नदारद रही।

साफ है कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों ने तथाकथित मुक्त अभिव्यक्ति के मंचों पर अपना शिकंजा कस लिया है। जो प्लेटफ़ॉर्म पत्रकारिता को जन-जन तक पहुँचाने का दावा करते थे, वही अब उसे अपने एल्गोरिदम में दबा चुके हैं। इस प्रक्रिया में पत्रकार, विश्लेषक और तथाकथित विचारक दो हिस्सों में बँटते नज़र आते हैं।

कुछ खुलेआम बिक चुके हैं और कुछ व्यूज़, लाइक्स और कमाई की अंधी दौड़ में सेंसेशनलिज़्म के गुलाम बन चुके हैं। यह प्रवृत्ति 2025 की कोई अचानक पैदा हुई बीमारी नहीं है। पिछले एक दशक से टीवी स्टूडियो में चीख-पुकार, टकराव, मारपीट और एंकरों के कुतर्क को ही पत्रकारिता का नाम दिया जाता रहा है।

फर्क बस इतना है कि अब सोशल मीडिया के करोड़ों फ़ॉलोअर्स वाले स्वघोषित पत्रकारों और इंफ्लुएंसर्स ने टीवी के इन पुराने योद्धाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। तभी तो टीवी एंकर और संपादक सोशल मीडिया के इन नए सितारों से असहज नज़र आते हैं।

उनकी रोज़ी-रोटी पर सीधी चोट जो पड़ी है। लेकिन 2026 और उसके बाद का दौर और भी दिलचस्प होने वाला है। खबरें पीछे छूट जाएँगी, विश्लेषण बोझ लगेंगे और मंच पर रह जाएगा आत्मप्रचार। बड़े नामों के साथ सेल्फ़ियाँ, महंगी पार्टियाँ, इफ़्तार और शादियों की चमक, रंगीन शामें और खुद का ढिंढोरा पीटती पत्रकारिता- यही नया कंटेंट बनेगा। क्योंकि अब खबर नहीं बिकती, चेहरा बिकता है। आने वाला समय इसी कड़वे सच पर खड़ा होगा।

( यह लेखक के निजी विचार हैं )

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iTV नेटवर्क ने किया 'इंडिया न्यूज मंच 2025' का आयोजन, कार्यक्रम में नजर आईं कई शख्सियतें

iTV नेटवर्क ने 16 और 17 दिसंबर को नई दिल्ली के इम्पीरियल होटल में अपने सालाना राजनीतिक सम्मेलन 'इंडिया न्यूज मंच 2025' का आयोजन किया।

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Published - Thursday, 18 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 18 December, 2025
IndiaNewsMunch7845

iTV नेटवर्क ने 16 और 17 दिसंबर को नई दिल्ली के इम्पीरियल होटल में अपने सालाना राजनीतिक सम्मेलन 'इंडिया न्यूज मंच 2025' का आयोजन किया। यह दो दिन का बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम था, जिसमें देश की राजनीति से जुड़े कई बड़े नेता एक ही मंच पर नजर आए।

इस कॉन्क्लेव में केंद्र सरकार के 11 केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल शामिल हुए। इसके अलावा सभी राजनीतिक दलों से जुड़े 30 से ज्यादा सांसद, कई राज्यों के मंत्री और जाने-माने राजनीतिक प्रवक्ता भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। कार्यक्रम में नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, जितेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, रामदास आठवले, मनोहर लाल, मनसुख मांडविया, शांतनु ठाकुर जैसे केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सचिन पायलट, अनुराग ठाकुर, अभिषेक मनु सिंघवी, सुधांशु त्रिवेदी, स्मृति ईरानी, संजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, बैजयंत पांडा और दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और पंकज सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

दो दिनों तक चले इस कॉन्क्लेव में 30 से ज्यादा सत्र हुए, जिनमें SIR, दिल्ली का प्रदूषण, जी राम जी बिल और पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। iTV नेटवर्क के संस्थापक और राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इंडिया न्यूज और न्यूज X के दर्शकों के लिए पिछले 48 घंटे नेटवर्क की विश्वसनीयता और गंभीर पत्रकारिता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि 2025 में यह देश का सबसे बड़ा राजनीतिक कॉन्क्लेव रहा, जिसमें अलग-अलग दलों के केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हुए।

इंडिया न्यूज मंच का सीधा प्रसारण iTV नेटवर्क के प्रमुख चैनलों इंडिया न्यूज और न्यूज X के साथ-साथ उसके क्षेत्रीय चैनलों पर भी किया गया। कार्यक्रम के सभी सत्र इंडिया न्यूज और न्यूज X के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। प्रिंट कवरेज के लिए पाठक आज समाज, द डेली गार्जियन, द संडे गार्जियन और newsx.com पर भी खबरें पढ़ सकते हैं।

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PIB ने फर्जी वीडियो का किया खुलासा, पीएम मोदी के अचानक इस्तीफे की खबर को बताया झूठा

प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने बुधवार को एक यूट्यूब चैनल को फर्जी खबर फैलाने के लिए नोटिस किया।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 18 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 18 December, 2025
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प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने बुधवार को एक यूट्यूब चैनल को फर्जी खबर फैलाने के लिए नोटिस किया। इस चैनल ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक अपना इस्तीफा दे दिया है। PIB ने लोगों से सचेत रहने और ऐसे सनसनीखेज वीडियो या खबरों में न फंसने की अपील की।

PIB फैक्ट चेक यूनिट ने X पर लिखा, "यूट्यूब चैनल '4PMNewsNetwork' के वीडियो थंबनेल में यह दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक इस्तीफा दे दिया है।" फैक्ट चेक यूनिट ने स्पष्ट किया, "यह दावा पूरी तरह से झूठा है। कृपया सतर्क रहें और ऐसी सनसनीखेज खबरों में न फंसें।"

लोगों से अपील की गई कि अगर उन्हें केंद्र सरकार से जुड़ी कोई संदिग्ध जानकारी, वीडियो या फोटो मिले तो वे तुरंत @PIBFactCheck पर भेजें। PIB ने अपना व्हाट्सऐप नंबर (+91 8799711259) और ईमेल (factcheck@pib.gov.in) भी साझा किया है।

साथ ही, PIB ने उसी चैनल की एक और झूठी खबर को भी खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई इस्तीफों के बाद आपात बैठक बुलाई थी।

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हरियाणा संवाद में सीएम सैनी का दावा: अब योजनाएं सीधे जनता तक

अमर उजाला के ‘हरियाणा संवाद’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के विकास मॉडल, सुधारों और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की। आम लोगों में सरकार को लेकर भरोसा बढ़ा है।

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Published - Thursday, 18 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 18 December, 2025
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अमर उजाला की ओर से बुधवार को गुरुग्राम के होटल क्राउन प्लाजा में ‘हरियाणा संवाद’ का आयोजन किया गया। ‘हरियाणा स्वर्णिम शताब्दी की ओर’ विषय पर आधारित इस संवाद में देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कई जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के पहले सत्र ‘विकसित हरियाणा, स्वर्णिम भविष्य का दृष्टिकोण’ में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने मंच से राज्य के विकास, नीतिगत सुधारों और भविष्य की योजनाओं को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते वर्षों में शासन की कार्यशैली में बड़ा बदलाव आया है। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समय से सुधारों की नींव रखी गई, जिससे योजनाएं सीधे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचीं और लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।

सीएम सैनी ने कहा कि पहले सरकारों की घोषणाएं कागजों तक सीमित रह जाती थीं, लेकिन अब योजनाएं जमीन पर दिखाई देती हैं। महिला, किसान, युवा और गरीब सभी वर्गों को इनका लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि आज लोगों को यह महसूस होने लगा है कि सरकार वास्तव में उनकी है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्प्रचार के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश की गई, लेकिन समय के साथ सच्चाई सामने आ रही है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले वर्षों में जनता तथ्यों के आधार पर निर्णय लेगी। नौकरियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बिना पर्ची और बिना खर्चे के युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा निभाया है।

आचार संहिता के बावजूद योजनाबद्ध तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई और हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। उन्होंने भरोसा जताया कि विकास और पारदर्शिता की यह नीति आगे भी जारी रहेगी।

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