मुंबई में आयोजित e4m TechManch 2025 के मंच पर जब ITC के चीफ डिजिटल मार्केटिंग ऑफिसर शुभदीप बनर्जी ने बात शुरू की, तो उनके विचार और दृष्टिकोण ने पूरे ऑडिटोरियम को बांधे रखा।
मुंबई में आयोजित e4m TechManch 2025 के मंच पर जब ITC के चीफ डिजिटल मार्केटिंग ऑफिसर शुभदीप बनर्जी ने बात शुरू की, तो उनके विचार और दृष्टिकोण ने पूरे ऑडिटोरियम को बांधे रखा। उन्होंने ब्रैंड बिल्डिंग को "पर्पजफुल स्टोरीटेलिंग" यानी उद्देश्यपूर्ण कहानी कहने की प्रक्रिया से जोड़ते हुए न सिर्फ मार्केटिंग की दिशा दिखाई, बल्कि यह भी बताया कि कैसे आज के दौर में बदलते ट्रेंड्स के बीच ब्रैंड्स को खुद को नए सिरे से गढ़ना चाहिए।
शुभदीप ने अपनी बात की शुरुआत होंडुरास के उस पुल की कहानी से की जो तूफान तो झेल गया, लेकिन नदी का रास्ता ही बदल दिया। उनके मुताबिक, यही मार्केटिंग की असल चुनौती है- "हम चाहे जितना AI, GenAI या डेटा साइंस सीख लें, यदि हम नए हालात को समझ नहीं पाए, तो सब व्यर्थ है। हमें बदलाव से लड़ना नहीं, बल्कि उसकी धारा पढ़नी है।"
COVID-19 के समय ITC ने अपने ‘Sunfeast Mom’s Magic’ ब्रैंड के पैक से ब्रैंड नेम हटाकर उसकी जगह एक लाल केप पहनी मां की तस्वीर और "Stay Strong Moms" टैगलाइन दी। शुभदीप ने बताया, “उस वक्त घर की महिलाएं भावनात्मक और शारीरिक रूप से टूट रही थीं। हमने महसूस किया कि हमारा पैकेजिंग सिर्फ ब्रैंडिंग का जरिया नहीं, बल्कि सहारा भी बन सकता है।”
इस ब्रैंड ने Truecaller ट्यून की तरह रिंगटोन लॉन्च की, जो लोगों को मां की कॉल न काटने का इमोशनल संदेश देती थी। फिर एक कैंपेन में बेटियों को वसीयत में शामिल न करने की सामाजिक सोच पर चोट की। बनर्जी बोले, “हमने स्टडी की कि एक उम्र के बाद लड़के अपनी मां से गले लगाना बंद कर देते हैं, यही रिसर्च मजबूत कैंपेन का आधार बनती है।”
बनर्जी ने बताया कि भारत में सिर्फ 7% माता-पिता बेटियों को वसीयत में जगह देते हैं। इस सोच को बदलने के लिए #WillOfChange नाम का कैंपेन लॉन्च किया गया, जहां माताओं को समाज में बदलाव लाने वाली 'चेंज एजेंट' के रूप में पेश किया गया। इसके साथ ही adoption जैसे नाजुक विषय पर भविष्य के कैंपेन की झलक भी दी गई।
Ashirvaad Organic को लेकर चुनौती क्वॉलिटी की नहीं, भरोसे की थी। शुभदीप बोले, “हर ब्रैंड खुद को ऑर्गेनिक बताता है, लेकिन ग्राहक सबूत चाहते हैं।” इसके लिए ITC ने 50+ होममेकर ब्लॉगर्स को ऑर्गेनिक फार्म्स पर ले जाकर दिखाया, QR कोड दिए ताकि ग्राहक यह जान सकें कि उनका उत्पाद किस खेत से आया है। यह कैंपेन 21.5 मिलियन लोगों तक पहुंचा और 6,000 से ज्यादा किसानों को फायदा हुआ।
Gen Z विज्ञापनों से बचती है, प्राइवेसी टूल्स ऑन करती है, और पेड कंटेंट की तरफ जा रही है। शुभदीप ने Bingo! के तहत 'Let’s Boing' नामक एक नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जिसमें कॉमेडी, म्यूजिक और स्पोर्ट्स के जरिए यूथ से जुड़ने की कोशिश की गई। AI चैटबॉट्स, फनी राशिफल और मीम क्रिएटर्स जैसे एलिमेंट्स इसमें शामिल हैं।
Sunfeast ने एक नया कैंपेन लॉन्च किया है जिसमें परिवार को फिर से "मित्रता" के तौर पर जोड़ने की कोशिश की गई। इसमें पर्सनलाइज्ड पोस्टर, फैमिली ग्रुप फीचर्स और इंटरएक्टिव टेम्पलेट्स के जरिए डिजिटल को डिस्ट्रैक्शन नहीं, बल्कि कनेक्शन का जरिया बनाने पर जोर है।
शुभदीप बनर्जी ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, “पर्पजफुल स्टोरीटेलिंग सिर्फ बड़े ब्रैंड्स का अधिकार नहीं। इसके लिए आपको लीडर नहीं, सिर्फ इंसान होना चाहिए।” उनके विचारों ने यह साबित कर दिया कि आज की दुनिया में ब्रैंड सिर्फ प्रोडक्ट नहीं बेचते, बल्कि अपनी सोच और मूल्यों से पहचान बनाते हैं।
यह सत्र सिर्फ एक मार्केटिंग प्रेजेंटेशन नहीं था, बल्कि एक सोच थी कि ब्रैंड्स यदि इंसानों की तरह सोचें, तो वे हमेशा दिल में जगह बना सकते हैं।
मार्केटिंग एजेंसी 'ट्राइब्स कम्युनिकेशन' (Tribes Communication) ने IMPACT ‘50 मोस्ट इनफ्लुएंशियल वुमन 2025’ की लिस्ट के ऑफिशियल स्पॉन्सर के रूप में साझेदारी की है।
मार्केटिंग एजेंसी 'ट्राइब्स कम्युनिकेशन' (Tribes Communication) ने IMPACT ‘50 मोस्ट इनफ्लुएंशियल वुमन 2025’ की लिस्ट के ऑफिशियल स्पॉन्सर के रूप में साझेदारी की है। यह एजेंसी लंबे समय से इस प्रतिष्ठित पहल की साझेदार रही है और मार्केटिंग, ऐडवर्टाइजिंग और मीडिया इकोसिस्टम में नेतृत्व और विविधता को सम्मान देने वाले मंचों का निरंतर समर्थन करती रही है। इस साल भी Tribes इस पहल के साथ खड़ी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका में सशक्त करने और इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव लाने वाली आवाजों को और अधिक मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।
IMPACT की यह 13वीं वार्षिक सूची उन प्रभावशाली महिलाओं को रोशनी में लाएगी, जो भारत में ऐडवर्टाइजिंग, मीडिया और मार्केटिंग की दिशा और भविष्य को तय कर रही हैं।
Tribes Communication के फाउंडर गौर गुप्ता, जो 2025 के IMPACT 50 अंडर 50 इनिशिएटिव को भी संचालित कर रहे हैं, ने कहा, “मार्केटिंग, ऐडवर्टाइजिंग, कम्युनिकेशन और मीडिया की दुनिया में आज सौभाग्य से बड़ी संख्या में महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं और यही महिलाएं इस इंडस्ट्री की रीढ़ हैं। खुद Tribes में भी हमने महिला लीडर्स को बढ़ावा दिया है और उन्हें सशक्त किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “IMPACT टॉप 50 वुमन के साथ हमारी साझेदारी का उद्देश्य इंडस्ट्री में और अधिक महिला लीडर्स को आगे लाने का है। IMPACT 50 अंडर 50 के जरिए हम महिला आइकॉन्स को मंच देते हैं ताकि वे अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन सकें।”
गुप्ता ने इस मौके पर IMPACT मैगजीन की भूमिका की भी सराहना की और कहा, “e4m समूह के 25वें वर्ष और IMPACT के 22वें साल में यह पत्रिका इंडस्ट्री के लिए एक प्रेरणादायक संपादकीय प्रोडक्ट बन चुकी है। यह एकमात्र साप्ताहिक है, जिसका हर कोई इंतजार करता है और इसका हर अंक इंडस्ट्री में उम्मीद और आकांक्षा का प्रतीक है।”
IMPACT अब अपने 22वें साल में प्रवेश कर चुका है और इंंडस्ट्री की आवाज के रूप में इसकी भूमिका लगातार और भी अहम होती जा रही है। वहीं एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप अपने 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। ऐसे में इस साल की ‘IMPACT 50 मोस्ट इनफ्लुएंशियल वुमन’ सूची एक मील का पत्थर साबित होगी, जो प्रतिभा, नेतृत्व और प्रगतिशील सोच का उत्सव है।
एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के फाउंडर व IMPACT के एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा, “IMPACT टॉप 50 वुमन इंडस्ट्री की महिला लीडर्स के लिए सबसे प्रतिष्ठित और प्रेरणास्पद सूची है। यह चयन पूरी तरह से जूरी-प्रणाली पर आधारित है, जिसकी अध्यक्षता श्री सैम बालसारा करते हैं। इस सूची में शामिल महिलाएं वास्तव में बदलाव की अग्रदूत रही हैं।”
अब जब हर संदेश की कीमत तय हो गई है, ब्रैंड्स को अपनी रणनीति दोबारा सोचनी पड़ रही है।
शांतनु डेविड, स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।
जुलाई 2025 से वॉट्सऐप (WhatsApp) के 'पे-पर-मैसेज' मॉडल में बदलाव भारतीय कंपनियों के लिए किसी अलार्म से कम नहीं। अकेले भारत में 85 करोड़ से ज्यादा सक्रिय WhatsApp यूजर्स हैं और 1.5 करोड़ से अधिक बिजनेस अकाउंट्स WhatsApp Business पर मौजूद हैं, जिनमें से अधिकांश अब तक एक निश्चित शुल्क पर अनलिमिटेड प्रमोशनल मैसेज भेजने के आदी थे। अब जब हर संदेश की कीमत तय हो गई है, ब्रैंड्स को अपनी रणनीति दोबारा सोचनी पड़ रही है। यह बदलाव एक ऐसे समय में आया है जब कंपनियां बजट को लेकर पहले से दबाव में हैं- या कहें, यह बिल्कुल सही वक्त पर आया है, यदि आप इसे रचनात्मक रूप से अपनाएं।
नए शुल्क के अनुसार:
हर मार्केटिंग टेम्पलेट की कीमत ₹0.78 होगी।
यूटिलिटी और ऑथेंटिकेशन मैसेज ₹0.11 प्रति मैसेज।
जो कंपनियां हर महीने 30 करोड़ से ज्यादा यूटिलिटी मैसेज भेजती हैं, उनके लिए यह दर घटकर ₹0.08 हो सकती है।
ग्राहक द्वारा शुरू की गई चैट के लिए 24 घंटे की फ्री विंडो बरकरार है, साथ ही Click-to-WhatsApp विज्ञापनों के जरिए शुरू हुई चैट के लिए 72 घंटे की विंडो भी वैसी ही बनी रहेगी। सरल शब्दों में कहें तो जब कोई ग्राहक खुद से किसी ब्रैंड को WhatsApp पर मैसेज करता है, तो ब्रैंड को 24 घंटे तक मुफ्त में उस ग्राहक से बात करने की अनुमति होती है और यदि कोई ग्राहक किसी Click-to-WhatsApp विज्ञापन (ऐसा ऐड जिस पर क्लिक करके सीधे WhatsApp चैट खुलती है) से ब्रांड को मैसेज करता है, तो ब्रैंड को 72 घंटे तक उस ग्राहक से मुफ्त बातचीत की अनुमति रहती है।
लेकिन अब वो दौर खत्म हो गया जब बातचीत अनलिमिटेड और मुफ्त समझी जाती थी। अब हर टेम्पलेट की कीमत है।
बड़ा झटका: अब बल्क मैसेजिंग सस्ती नहीं रही
Alpha Zegus के फाउंडर रोहित अग्रवाल कहते हैं, “पहले बल्क मैसेज भेजना बेहद सस्ता था। अब ₹0.78 प्रति संदेश बहुत जल्दी खर्च बढ़ा देता है। कार्ट छोड़ देने की रिमाइंडर या त्योहारों पर भेजे जाने वाले सामान्य मैसेज अब बजट पर असर डालेंगे। इससे ब्रैंड्स को सोचना होगा कि क्या ये मैसेज वाकई इस कीमत के लायक है?”
बदलते बिजनेस ट्रेंड में आया यह बड़ा मोड़
Deloitte-IMAI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बिजनेस मैसेजिंग का बाजार 2024 में $810 मिलियन से बढ़कर 2025 में $1.1 बिलियन पार कर जाएगा। WhatsApp अब सिर्फ ब्रैंड प्रमोशन का जरिया नहीं रह गया है। यह मेट्रो टिकटिंग, ग्राहक सेवा, अपॉइंटमेंट बुकिंग और सरकारी घोषणाओं तक का मुख्य चैनल बन गया है। अब यह केवल सोशल ऐप नहीं, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर है। और इन्फ्रास्ट्रक्चर मुफ्त नहीं होता।
हर मैसेज की कीमत है, तो हर मैसेज मायने रखेगा
Gozoop Group के चीफ ग्रोथ ऑफिसर अमयन घडियाली साफ शब्दों में कहते हैं, “पे-पर-मैसेज मॉडल गेम को पूरी तरह बदल देता है। अगर हर इंटरैक्शन का पैसा देना है, तो हर इंटरैक्शन असरदार होना चाहिए। अब मैसेजिंग केवल CRM टीम का काम नहीं रह गया, ब्रैंड, क्रिएटिव और टेक तीनों को साथ बैठना होगा।”
एक FMCG कंपनी के ब्रैंड मैनेजर कहते हैं, “पहले हम WhatsApp को सिर्फ ब्रॉडकास्ट टूल की तरह इस्तेमाल करते थे, अब हर मैसेज को उसकी लागत का औचित्य साबित करना होता है। हमने त्योहारों पर भेजे जाने वाले ब्लास्ट मैसेज कम कर दिए हैं और अब उपभोग चक्रों के हिसाब से क्षेत्रीय स्तर पर मैसेज भेजते हैं। अब बात पहुंच से ज्यादा तालमेल की है।”
'ज्यादा नहीं, बेहतर' की ओर बदलाव
अमयन घडियाली मानते हैं कि यह बदलाव क्वॉलिटी फोकस को बढ़ावा देगा। ब्रैंड अब स्पैमिंग की बजाय माइक्रो-जर्नी तैयार करेंगे—Click-to-WhatsApp एड्स, समयबद्ध यूटिलिटी टेम्पलेट्स, रिमाइंडर और पर्सनल कंटेंट का मेल। “आप इंप्रेशन नहीं खरीद रहे, आप इरादा (intent) खरीद रहे हैं। यानी हर मैसेज या तो मदद करे या खुशी दे।”
छोटे ब्रैंड्स के लिए मुश्किल, बड़े ब्रैंड्स के लिए मौका?
Mobupps के सीईओ यारोन टॉमचिन कहते हैं, “जिन ब्रैंड्स के पास मजबूत फर्स्ट-पार्टी डेटा और MarTech सेटअप है, वे जल्दी ढल जाएंगे। लेकिन मिड-लेवल और छोटे D2C ब्रैंड्स को दिक्कत हो सकती है। उनके लिए तो WhatsApp की सस्ती दरें ही USP थीं। अगर ROI स्पष्ट नहीं हुआ, तो वे SMS, ईमेल या RCS की ओर वापस लौट सकते हैं।”
वह एक और चुनौती की ओर इशारा करते हैं- एट्रिब्यूशन। “WhatsApp बेहतर मेजरमेंट का दावा करता है, लेकिन यह एक वॉल्ड गार्डन है। अगर आप मल्टी-प्लेटफॉर्म कैंपेन चला रहे हैं, तो ₹0.78 के एक WhatsApp मैसेज का असर Meta एड या ईमेल फनल के साथ जोड़ना आसान नहीं।”
Meta का फोकस भारत पर
Meta ने WhatsApp के मोनेटाइजेशन में लगातार निवेश जारी रखा है। 2025 की पहली छमाही में इसके बिजनेस मैसेजिंग रेवेन्यू ने $1.6 बिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसमें भारत सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। eMarketer की जून 2025 रिपोर्ट बताती है कि भारतीय ग्राहक WhatsApp मैसेज मिलने के बाद 3.5 गुना ज्यादा संभावना रखते हैं खरीदारी पूरी करने की, बनिस्बत ईमेल के।
फैशन हो या फूड, अब सब कुछ है टाइमिंग
एक देसी फैशन ब्रैंड के डिजिटल हेड कहते हैं, “अगर कोई नया प्रोडक्ट WhatsApp के पहले मैसेज में कन्वर्ट नहीं हुआ, तो दोबारा मौका या बजट नहीं मिलता। अब हम WhatsApp कैंपेन को इन्वेंटरी मूवमेंट के हिसाब से री-अलाइन कर रहे हैं, सिर्फ मार्केटिंग कैलेंडर से नहीं।”
AI से होगा व्यक्तिगत अनुभव संभव
रोहित अग्रवाल कहते हैं, “अब हर मैसेज रोबोटिक नहीं लगना चाहिए। मैं क्लाइंट्स को सलाह दे रहा हूं कि AI से टेम्पलेट को डायनामिक बनाएं- पहला नाम, आखिरी देखा गया प्रोडक्ट, दिन का समय सब कुछ। ताकि मैसेज एक बिल्कुल नॉर्मल लगे, डांट की तरह नहीं।”
टॉमचिन बताते हैं कि ब्रैंड अब 72 घंटे की मुफ्त विंडो में लॉयल्टी प्रोग्राम, शॉपेबल मैसेजेस और गेमिफाइड ऑफर्स की टेस्टिंग कर रहे हैं। “ये विंडो अब गोल्ड है। स्मार्ट मार्केटर्स ऐसी कैंपेन डिजाइन कर रहे हैं जो पहले टैप को ट्रिगर करें। उसके बाद अपसेल, रिटेंशन, रेफरल—सब कुछ फ्री में हो सकता है अगर सही प्लानिंग हो।”
बजट, भाषा और बॉट्स- भारत में मैसेजिंग की जटिलता
LS Digital में Biddable Performance के वाइस प्रेजिडेंट निखिल खत्री मानते हैं कि यह बदलाव ब्रैंड्स को ज्यादा अनुशासित प्लानिंग की ओर ले जाएगा। “अब हर कंटेंट को ज्यादा गहराई से आंकने की जरूरत होगी। ब्रैंड्स को अब अपने मैसेजिंग मिक्स को नए सिरे से परखना होगा।”
वह कहते हैं, “हर ब्रैंड की रणनीति अलग होगी। यह इस पर निर्भर करता है कि वे क्या हासिल करना चाहते हैं और उनके ग्राहक किस तरह रिस्पॉन्ड करते हैं।”
लेकिन भारत की विविधता इस प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बनाती है- भाषाओं की विविधता, साक्षरता स्तर में अंतर और डेटा कनेक्टिविटी की असमानता। नतीजतन, वॉइस मैसेज, लोकल वीडियो और हाइब्रिड चैटबॉट्स जैसे उपाय सामने आ रहे हैं।
“हिंदी या तमिल में Voice AI का असर जबरदस्त है”, घडियाली कहते हैं। “हमने देखा है कि टियर-2 शहरों में कैश ऑन डिलीवरी कन्फर्मेशन या डिलीवरी ट्रैकिंग के लिए वॉइस नज की सफलता दर काफी अच्छी रही है।”
अंततः, WhatsApp अब एक प्रीमियम चैनल है और इसे उसी गंभीरता से लेना होगा। जो ब्रैंड नए लागत ढांचे के हिसाब से स्मार्ट सेगमेंटेशन, संदर्भ आधारित क्रिएटिविटी और सटीक फनल डिजाइन के साथ काम करेंगे, वे इससे ज्यादा वैल्यू निकाल पाएंगे। जबकि जो पुराने तरीकों पर अटके रहेंगे, उन्हें न सिर्फ मैसेज अनदेखे मिलेंगे, बल्कि बजट भी खत्म हो सकते हैं और यूजर उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं।
यारोन टॉमचिन की बात में सार है: “यह केवल मैसेजिंग में बदलाव नहीं है, यह पूरा बिजनेस मॉडल बदलने जैसा है। अगर WhatsApp आपकी ब्रैंड की ‘फ्रंट डोर’ है, तो उस दरवाजे को खोलने लायक कुछ होना चाहिए।”
और यदि नहीं है? तो Telegram अब भी मौजूद है।
EaseMyTrip और Optimo के को-फाउंडर प्रशांत पिट्टी को 16वें इंडियन डिजिटल मार्केटिंग अवार्ड्स (IDMA) में Person of the Year के सम्मान से नवाजा गया।
EaseMyTrip और Optimo के को-फाउंडर प्रशांत पिट्टी को 16वें इंडियन डिजिटल मार्केटिंग अवार्ड्स (IDMA) में Person of the Year के सम्मान से नवाजा गया। यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप द्वारा आयोजित समारोह में प्रदान किया गया। सम्मान प्राप्त करने के बाद पिट्टी ने अपनी 18 साल लंबी उद्यमशील यात्रा के अनुभव साझा करते हुए दर्शकों को अपने ‘मेंटल प्लेबुक’ से रूबरू कराया।
हार से सीखें, जीत से प्रेरणा लें: प्रशांत पिट्टी की सोच
अपने विचार साझा करते हुए प्रशांत पिट्टी ने बताया कि असफलताओं से सीखना जरूरी है, लेकिन असली प्रेरणा उस जीत से मिलती है जो आपकी पहचान बनाती है। उन्होंने अपनी सफलता को तीन मूल मंत्रों में समेटते हुए कहा, “पहला: जिज्ञासु बनिए, सतर्क नहीं। गलतियां कीजिए, जल्दी सीखिए, और जब मायने रखे तब जीतिए। एक जीत ही काफी है, दुनिया को आखिरी जीत ही याद रहती है।”
उन्होंने आदतों की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा, “मैं कभी लगातार दो दिन जिम मिस नहीं करता।” पिट्टी के मुताबिक सफलता तीव्रता से नहीं, निरंतरता से मिलती है। तीसरा मंत्र: भीड़ से अलग सोचने से न डरें।
‘असहमति नहीं, विश्वास है यह विपरीत सोच’
पिट्टी ने परंपरा के विरुद्ध सोचने की महत्ता को सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि दृढ़ विश्वास बताया। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि जब उन्होंने EaseMyTrip पर मेडिकल इमरजेंसी में 100% रिफंड गारंटी की शुरुआत की, तब कई विश्लेषकों ने इसे जोखिम भरा कदम माना। लेकिन जल्द ही इस मॉडल को व्यापक स्वीकृति मिल गई और यह एक बदलावकारी पहल बन गई।
AI से बेंगलुरु ट्रैफिक को सुधारने की योजना
अपने नवीनतम प्रयास की जानकारी देते हुए पिट्टी ने बताया कि अब वह बेंगलुरु के ट्रैफिक को AI के ज़रिए बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने गूगल के साथ साझेदारी की है, 1 करोड़ रुपये का निजी निवेश किया है और 600 से अधिक AI डेवलपर्स को वॉलंटियर के रूप में जोड़ लिया है।
उन्होंने कहा, “भारत पीछे दौड़कर नहीं जीत सकता, हमें अपनी शर्तों पर जीतना होगा।”
व्यवसाय नहीं, दृष्टिकोण बदल रहे हैं प्रशांत पिट्टी
आज पिट्टी केवल कंपनियां नहीं बना रहे हैं, बल्कि व्यवसायियों के जोखिम, कार्य और तरक्की के प्रति दृष्टिकोण को भी बदल रहे हैं। वह सुर्खियां बटोरने के लिए नहीं, बल्कि एक स्पष्ट सोच के साथ काम कर रहे हैं- “साहसी बनो, सोच समझकर निर्णय लो और परिणाम अपने आप बोलेगा।”
मार्केटिंग की जानी-मानी प्रोफेशनल व सीनियर कॉर्पोरेट लीडर दीपाली नायर ने CKA बिड़ला ग्रुप में ग्रुप चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) के पद से इस्तीफा दे दिया है।
मार्केटिंग की जानी-मानी प्रोफेशनल व सीनियर कॉर्पोरेट लीडर दीपाली नायर ने CKA बिड़ला ग्रुप में ग्रुप चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने वर्ष 2023 की शुरुआत में, जब कंपनी को CK बिड़ला ग्रुप के नाम से जाना जाता था, ग्रुप CMO के रूप में पदभार संभाला था। लगभग ढाई वर्षों की सफल पारी के बाद अब उन्होंने अगला कदम उठाने का फैसला किया है।
हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' को इस बदलाव की पुष्टि उच्च पदस्थ सूत्रों ने की है। नायर इससे पहले IBM में भारत के डिजिटल सेल्स की डायरेक्टर और भारत व दक्षिण एशिया की CMO रह चुकी हैं, जहां उन्होंने लगभग पांच वर्षों तक अपनी सेवाएं दी थीं। उसके बाद ही उन्होंने CK बिड़ला ग्रुप में कदम रखा था।
दीपाली नायर को तीन दशकों से अधिक का अनुभव है और उन्होंने सेल्स, ई-कॉमर्स और पीएंडएल मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में कई प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने टाटा मोटर्स में सीनियर ऑफिसर के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने BPL मोबाइल कम्युनिकेशन, FCB उल्का एडवर्टाइजिंग, मैरिको और HSBC एसेट मैनेजमेंट इंडिया जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में अहम पदों पर कार्य किया। HSBC में वह मार्केटिंग की उपाध्यक्ष और प्रमुख थीं।
इसके अलावा, उन्होंने एलएंडटी जनरल इंश्योरेंस कंपनी में ब्रैंड, कस्टमर सर्विस और ई-कॉमर्स के कंट्री हेड की जिम्मेदारी संभाली। वे महिंद्रा हॉलीडेज एंड रिजॉर्ट्स इंडिया की CMO भी रही हैं। IIFL वेल्थ ग्रुप ऑफ कंपनियों में वह CMO और CDO के पद पर रहीं और साथ ही IIFL वेल्थ फाइनेंस के बोर्ड का भी हिस्सा रहीं।
दीपाली नायर एक चर्चित पॉडकास्ट "Being CEO with Deepali Naair" की होस्ट भी हैं, जिसे इंंडस्ट्री में काफी सराहा जाता है। फिलहाल उनके अगले कदम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इंडस्ट्री को उनके अगले अध्याय का बेसब्री से इंतजार है।
ITC लिमिटेड के चीफ डिजिटल मार्केटिंग ऑफिसर शुवदीप बनर्जी एक स्पॉटलाइट सेशन करेंगे जिसका शीर्षक है- "Purpose, Platform, and Performance: Redefining Brand Building in the Digital Decade."
एक ऐसा दौर जहां डिजिटल प्लेटफॉर्म तेजी से बदल रहे हैं, प्रदर्शन को रीयल टाइम में मापा जा रहा है और उद्देश्य ही ब्रैंड की धारणा को आकार देता है, वहां ब्रैंड बिल्डिंग की परिभाषा पूरी तरह बदल रही है। e4m TechManch 2025 में आईटीसी लिमिटेड के चीफ डिजिटल मार्केटिंग ऑफिसर शुवदीप बनर्जी इसी विषय पर एक स्पॉटलाइट सेशन करेंगे जिसका शीर्षक है- "Purpose, Platform, and Performance: Redefining Brand Building in the Digital Decade."
TechManch 2025 का आयोजन 17 जुलाई को यानी आज मुंबई में हो रहा है, जहां मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी के दिग्गज भारत के तेजी से बदलते उपभोक्ता इकोसिस्टम में डिजिटल के भविष्य को समझने के लिए एकत्र हो रहे हैं। बनर्जी का सेशन उन ब्रैंड मार्केटर्स के लिए बेहद अहम है जो दीर्घकालिक दृष्टि और तात्कालिक प्रभाव के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं।
भारत के सबसे विविध व्यवसायिक समूहों में से एक, आईटीसी के डिजिटल नेतृत्वकर्ता के रूप में शुवदीप बनर्जी का नजरिया स्केल, इनोवेशन और इनसाइट से प्रेरित है। उनका सेशन इस बात को गहराई से समझाएगा कि आज के दौर में ब्रैंड्स को किस तरह अपने उद्देश्य (Purpose) को प्लेटफॉर्म स्ट्रैटेजी से जोड़ते हुए, मापनीय प्रदर्शन (Performance) से जोड़ना होगा, ताकि वे न सिर्फ प्रासंगिक बने रहें, बल्कि तेजी से बदलते बाजार में टिकाऊ भी बन सकें।
इस सत्र में गहराई से चर्चा होगी:
डिजिटल-फर्स्ट युग में पर्पज-आधारित ब्रैंडिंग कैसे विकसित हो रही है
आधुनिक भारतीय उपभोक्ता से जुड़ाव में प्लेटफॉर्म-नेटिव सोच की भूमिका
परफॉर्मेंस मार्केटिंग को ब्रैंड इक्विटी से कैसे जोड़ा जाए
बिखरे हुए मीडिया परिदृश्य में डेटा, फुर्ती और कहानी कहने की कला से रास्ता निकालना
आईटीसी के डिजिटल मार्केटिंग ब्लूप्रिंट को आकार देने में बनर्जी की भूमिका उन्हें खास बनाती है, खासकर उन मार्केटर्स के लिए जो मल्टी-ब्रैंड पोर्टफोलियोज, बड़े उपभोक्ता आधार और एकीकृत डिजिटल इकोसिस्टम्स को संभालते हैं।
exchange4media द्वारा आयोजित TechManch 2025 का फोकस है भारत में मार्केटिंग के बदलते स्वरूप को समझना — जिसमें AI, MarTech, डेटा स्ट्रैटेजी, ग्राहक अनुभव और परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन की अहम भूमिका है।
दिनभर के सत्रों की प्रमुख थीमें होंगी:
AI और ब्रैंड रेजिलिएंस
फर्स्ट-पार्टी डेटा और पर्सनलाइजेशन
ओम्नीचैनल कंज्यूमर एक्सपीरियंस
शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट के जरिए अटेंशन इकॉनमी में जीत
शुवदीप बनर्जी का स्पॉटलाइट सेशन इन विषयों से सीधा जुड़ता है और यह दिखाता है कि तकनीक, मूल्य और मापनीय परिणाम किस तरह स्थायी ब्रैंड निर्माण की धुरी बनते जा रहे हैं।
सम्मेलन के समापन पर आयोजित होगा Indian Digital Marketing Awards (IDMA) का 16वां संस्करण, जिसमें उन कैंपेंस और रचनात्मक पहलों को सम्मानित किया जाएगा, जो डिजिटल की सीमाओं को लांघते हुए नई ऊंचाइयों तक पहुंचे हैं। इस वर्ष की जूरी के अध्यक्ष थे HUL के CEO और MD रोहित जावा।
InMobi और Glance द्वारा प्रस्तुत, तथा Mobavenue द्वारा गोल्ड पार्टनर के रूप में समर्थित TechManch 2025 ऐसे समय पर हो रहा है जब डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियों को AI, ऑटोमेशन और वैल्यू-फर्स्ट अप्रोच के साथ नए सिरे से परिभाषित किया जा रहा है।
एक ऐसे डिजिटल दशक में जहां ब्रैंड का अर्थ उसके मार्केट शेयर जितना ही महत्वपूर्ण हो गया है, शुवदीप बनर्जी का सत्र यह बताएगा कि कैसे उद्देश्य और दक्षता- दोनों को साथ लेकर एक मजबूत ब्रैंड की राह बनाई जा सकती है।
एजुकेशन कंपनी PhysicsWallah (PW) ने सतीश शर्मा को अपना नया चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) नियुक्त करने की घोषणा की है।
एजुकेशन कंपनी PhysicsWallah (PW) ने सतीश शर्मा को अपना नया चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) नियुक्त करने की घोषणा की है। इस नई भूमिका में सतीश कंपनी की ब्रैंड और मार्केटिंग रणनीति को आकार देने और उसे लागू करने की ज़िम्मेदारी संभालेंगे, खासकर ऐसे समय में जब PW लगातार अपने विस्तार और विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है।
सतीश शर्मा को उद्यमिता, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, मार्केटिंग लीडरशिप और रणनीतिक विकास के क्षेत्रों में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हाल ही में उन्होंने Unyscape नामक एक मार्केटिंग और एनालिटिक्स कंपनी की सह-स्थापना की थी, जो वैश्विक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करती है। वहां उन्होंने COO और CMO दोनों भूमिकाएं निभाईं, और अलग-अलग सेक्टर्स व ग्लोबल मार्केट्स में ब्रैंडिंग, परफॉर्मेंस और कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी का नेतृत्व किया।
IIT वाराणसी से स्नातक सतीश शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत IBM और टाटा स्टील जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ की थी, जहां उन्होंने बड़े पैमाने की टेक्नोलॉजी और ऑपरेशनल पहलों में योगदान दिया।
PW की कोशिश शिक्षा को लोकतांत्रिक और हर किसी की पहुंच में लाने की है। इस मिशन में सतीश का उद्यमशील दृष्टिकोण और इनसाइट-आधारित स्केलेबल मार्केटिंग इकोसिस्टम का अनुभव ब्रैंड को और मज़बूत बनाएगा और मापनीय परिणामों की दिशा में कंपनी की कोशिशों को गति देगा।
PhysicsWallah में अपने नए पद को लेकर सतीश शर्मा ने कहा, “PhysicsWallah जैसे ब्रैंड से जुड़ना मेरे लिए गर्व की बात है, खासकर ऐसे समय में जब यह कंपनी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। इसकी कोशिश- उन लोगों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाना जो वास्तव में सीखना चाहते हैं, मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक है। मैं टीम के अब तक के प्रयासों को और आगे ले जाने और प्रभाव को प्रामाणिकता और सहानुभूति के साथ बढ़ाने की कोशिश करूंगा।”
PhysicsWallah के फाउंडर और CEO आलख पांडे ने इस नियुक्ति पर कहा, “सतीश एक ऐसा दुर्लभ संयोजन लेकर आते हैं जिसमें रणनीतिक स्पष्टता और परिचालन दक्षता दोनों शामिल हैं। जैसे-जैसे हम अपनी यात्रा के अगले चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं, उनके अनुभव से हमें एक ऐसा ब्रैंड बनाने में मदद मिलेगी जो अलग हो, टिकाऊ हो, और जिसे विद्यार्थी भरोसे और प्यार के साथ अपनाएं।”
PhysicsWallah की सेवाएं टेस्ट प्रेपरेशन, स्किलिंग वर्टिकल, हायर एजुकेशन और एजुकेशन एब्रॉड जैसे विभिन्न शैक्षिक क्षेत्रों में फैली हुई हैं।
WPP Media ने आदित्य बिड़ला ज्वेलरी ब्रैंड Indriya के नए डायमंड कलेक्शन Aasmaniyat को एक खास अंदाज में लॉन्च किया है।
WPP Media ने आदित्य बिड़ला ज्वेलरी ब्रैंड Indriya के नए डायमंड कलेक्शन Aasmaniyat को एक खास अंदाज में लॉन्च किया है। इस अनोखे कैंपेन के तहत Indriya के लिए बनी WPP Media की OOH Solutions और Mindshare टीम्स ने सिनेमा हॉल की छतों को एक इमर्सिव (डूब जाने वाले) ब्रैंड अनुभव में बदल दिया। इस खास विजुअल इनोवेशन ने दर्शकों को ऐसा एहसास कराया जैसे वे सितारों से सजे आसमान के नीचे बैठे हों।
मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद के थिएटर्स में Sitare Zameen Pe जैसी लोकप्रिय फिल्म के शो के दौरान, Indriya के विज्ञापन के साथ तालमेल बिठाते हुए, सिनेमा की छतों पर झिलमिलाते डायमंड्स दिखाए गए। ये दृश्य इतने प्रभावशाली थे कि दर्शकों को लगा जैसे वे किसी डायमंड गैलेक्सी में बैठे हों। यह सिर्फ विज्ञापन नहीं था, बल्कि ब्रैंड और दर्शकों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव बनाने की कोशिश थी।
इस पूरी पहल को एक बड़े मीडिया प्लान का हिस्सा बनाया गया, जिसमें सिनेमा, आउटडोर विज्ञापन, प्रिंट और टीवी शामिल हैं। इसका मकसद सिर्फ Indriya को यादगार बनाना नहीं था, बल्कि ग्राहकों के दिलों में उसकी खास जगह बनाना भी था।
WPP Media साउथ एशिया के प्रेसिडेंट (क्लाइंट सॉल्यूशंस) अमीन लाखानी ने कहा, “यह कैंपेन दिखाता है कि जब रचनात्मक सोच, इनसाइट और तकनीक मिलते हैं, तो मीडिया का असर कितनी दूर तक जा सकता है। Aasmaniyat के लिए किया गया यह प्रयोग हमारी इस सोच का हिस्सा है कि मीडिया सिर्फ दिखाने के लिए नहीं, महसूस करवाने के लिए हो।”
WPP Media के हेड ऑफ मीडिया सॉल्यूशंस अजय मेहता ने बताया, “अब मीडिया सिर्फ दिखाई देने की चीज नहीं रह गई, अब इसका रोल स्टोरी सुनाने और लोगों को उस अनुभव में शामिल करने का है। यह कैंपेन इसी सोच का उदाहरण है कि कैसे सिनेमा जैसे पारंपरिक स्पेस को हम यादगार ब्रैंड एक्सपीरियंस में बदल सकते हैं।”
Indriya के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर शांतिस्वरूप पांडा ने कहा, “यह पहली बार हुआ है कि किसी ज्वेलरी ब्रैंड ने सिनेमा हॉल की ताकत को इस तरह इस्तेमाल किया हो। Aasmaniyat का डिजाइन आकाशगंगा से प्रेरित है — और जब अंधेरे थिएटर में हमारे डायमंड्स छत पर चमकते हैं, तो वह सच में किसी जादू जैसा लगता है।”
यह कैंपेन अगस्त की शुरुआत तक थिएटर्स और बाकी प्लेटफॉर्म्स पर जारी रहेगा।
1 अगस्त से प्रिया नायर हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की नई मैनेजिंग डायरेक्टर व चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर बनेंगी। इस नियुक्ति के से HUL के इतिहास में पहली बार कोई महिला शीर्ष पद संभालने जा रही है।
नूर फातिमा वारसिया, ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर, बिजनेस वर्ल्ड ।।
1 अगस्त 2025 से प्रिया नायर हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) की नई मैनेजिंग डायरेक्टर व चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर (CEO) बनेंगी। इस ऐतिहासिक नियुक्ति के साथ HUL के लंबे और प्रतिष्ठित इतिहास में पहली बार कोई महिला शीर्ष पद संभालने जा रही है। लेकिन यह केवल एक प्रतीकात्मक उपलब्धि नहीं है। यह भारत के कॉरपोरेट नेतृत्व की परिभाषा में एक गहरे बदलाव का संकेत भी देती है, जिसमें अब पारंपरिक योग्यताओं की बजाय वास्तविक अनुभव, रणनीतिक संवेदनशीलता और सांस्कृतिक समझ को प्राथमिकता दी जा रही है।
कंज्यूमर इनसाइट्स से कॉरपोरेट की कमान तक
परंपरागत रूप से HUL जैसे कंपनियों में CMD स्तर की नियुक्तियां फाइनेंस या ऑपरेशन्स पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों में सीमित रही हैं। लेकिन प्रिया नायर ने अपने करियर की शुरुआत उपभोक्ता व्यवहार की समझ (consumer insights) से की, जो उन्हें एक अलग दृष्टिकोण के साथ नेतृत्व की भूमिका में लाता है, ऐसा दृष्टिकोण, जिसे अब तक आंकड़ों और प्रोसेस की गहराई में उलझे विशेषज्ञ नियंत्रित करते आए थे। प्रिया उन कुछ चुनिंदा प्रोफेशनल्स में से हैं जिन्होंने मार्केटिंग, ब्रैंड बिल्डिंग और लोगों की गहरी समझ के दम पर अपनी नेतृत्व यात्रा तय की है।
उनकी नियुक्ति यह भी दिखाती है कि अब कॉरपोरेट भारत पारंपरिक "मिडल-क्लास मेल एग्जिक्युटिव" प्रोफाइल से आगे बढ़कर ऐसे लीडर्स को जगह दे रहा है, जिनकी मौजूदगी अधिक समावेशी और बहुआयामी हो।
29 साल का सफर, 13 अरब यूरो की वैश्विक जिम्मेदारी
प्रिया नायर ने 1995 में HUL में कदम रखा और तब से लेकर अब तक उन्होंने होम केयर, पर्सनल केयर और ब्यूटी एंड वेलबीइंग जैसे प्रमुख डिविजनों में अहम भूमिकाएं निभाईं। इसके बाद उन्होंने यूनिलीवर के वैश्विक स्तर पर काम संभाला और अंततः €12–13 अरब यूरो के पोर्टफोलियो वाले ग्लोबल ब्यूटी एंड वेलबीइंग बिजनेस की प्रेसिडेंट बनीं। इस भूमिका में उन्होंने डव, संसिल्क और वैसलीन जैसे ब्रैंड्स को न केवल परफॉर्मेंस, बल्कि उद्देश्य आधारित कहानी कहने (purpose-led storytelling) से भी जोड़ा।
लीडरशिप की परंपराओं को तोड़ती एक नई कहानी
उनकी शैक्षणिक और व्यावसायिक यात्रा भी इस बदलाव की गवाही देती है। उन्होंने मुंबई के सिडेनहम कॉलेज से अकाउंट्स और स्टैटिस्टिक्स में बीकॉम किया, फिर पुणे के सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट से मार्केटिंग में MBA किया और आगे चलकर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एक मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।
जहां उनके पूर्ववर्ती CEOs जैसे रोहित जावा (सेंट स्टीफंस + FMS), संजीव मेहता (CA, ICAI) और नितिन परांजपे (COEP + JBIMS) जैसे टॉप संस्थानों से आते रहे हैं, वहीं प्रिया का यह सफर यह बताता है कि अब केवल आईआईएम-आईआईटी जैसी ब्रैंडेड डिग्रियों से ऊपर उठकर गहराई, विशेषज्ञता और वास्तविक लीडरशिप अनुभव को अहमियत दी जा रही है।
पारिवारिक विरासत, लेकिन निजी मुकाम
प्रिया नायर के पिता कैप्टन सुकुमार वी. नायर भारतीय नौसेना में 1961 में कमीशन हुए थे और 1990 के दशक के अंत में मजगांव डॉक लिमिटेड (MDL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। जबकि उनके पिता की सेवा संस्थागत नेतृत्व से जुड़ी थी, प्रिया का करियर पूरी तरह निजी क्षेत्र की मेहनत और उपलब्धियों पर आधारित रहा है।
आधुनिक भारत की नई नेतृत्व सोच
प्रिया नायर का नेतृत्व आधुनिक भारत के उस नए युग का प्रतीक है जो समावेशी, उपभोक्ता-केंद्रित और बहुआयामी होता जा रहा है। नवी नगर और जी.डी. समानी स्कूल जैसे सामान्य पृष्ठभूमियों से लेकर HUL जैसी दिग्गज कंपनी के शीर्ष तक का उनका सफर नेतृत्व की पहुंच को व्यापक बना रहा है। वे उस नई पीढ़ी की नेता हैं जो कंज्यूमर इनसाइट्स, स्टोरीटेलिंग, निष्पादन और वैश्विक दृष्टिकोण में निपुण हैं, और जिन्होंने भारत के प्रतिष्ठित लेकिन 'सेकंड-टियर' माने जाने वाले संस्थानों से शिक्षा ली है।
अब नेतृत्व की परिभाषा सिर्फ पारंपरिक योग्यताओं को पूरा करने से नहीं तय होती। सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति लोगों, प्रोडक्ट, उद्देश्य और मुनाफे के बीच तालमेल बिठा सकता है और वह भी बड़े पैमाने पर। प्रिया नायर की नियुक्ति के साथ हिन्दुस्तान यूनिलीवर, जो लगभग एक सदी से भारतीय घरों का हिस्सा रहा है, शायद यह तय कर रहा है कि अब नेतृत्व किसे सौंपा जाना चाहिए और क्यों।
दिल्ली पुलिस ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से ई-कॉमर्स वेबसाइटों और सोशल मीडिया कंपनियों को एक सख्त नोटिस जारी किया है।
दिल्ली पुलिस ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से ई-कॉमर्स वेबसाइटों और सोशल मीडिया कंपनियों को एक सख्त नोटिस जारी किया है। इसमें दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर तत्काल रोक लगाने के लिए कहा गया है। यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के 19 दिसंबर 2024 के आदेश और 6 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ मामले में दिए गए निर्देशों के आधार पर की गई है, जिसमें वायु गुणवत्ता सुधारने को लेकर गंभीर चिंता जताई गई थी।
दिल्ली पुलिस द्वारा भेजे गए निर्देशों में कंपनियों से यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि:
अपनी वेबसाइट और ऐप्स से पटाखों की लिस्टिंग हटाएं, खासकर अगर वह दिल्ली के ग्राहकों को दिख रही हो।
लोकेशन-बेस्ड ब्लॉकेज लगाएं, ताकि कोई भी ग्राहक दिल्ली से ऑर्डर या डिलीवरी की प्रक्रिया पूरी न कर सके।
वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर स्पष्ट नोटिस प्रदर्शित करें, जिसमें यह बताया जाए कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री और डिलीवरी प्रतिबंधित है।
डिलीवरी एजेंटों और पार्टनर्स को स्पष्ट निर्देश दें कि वे किसी भी स्थिति में पटाखों से जुड़ा कोई पार्सल न स्वीकारें, न ट्रांसपोर्ट करें और न डिलीवर करें।
सभी कंपनियों से इन निर्देशों के अनुपालन की लिखित पुष्टि भी मांगी गई है।
सिर्फ ऑनलाइन बिक्री ही नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस ने बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, होटल, गेस्टहाउस और अन्य समारोह स्थलों के प्रबंधकों को भी साफ चेतावनी दी है कि वे पटाखों का भंडारण या इस्तेमाल न करें। ऐसा करते पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
यदि किसी को कहीं भी पटाखे फोड़े जाते हुए दिखें या ऑनलाइन बिक्री का कोई मामला सामने आए, तो वह तुरंत दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम (112) पर कॉल करके सूचना दे सकता है।
यह सख्ती त्योहारों और आयोजनों के मौसम में प्रदूषण नियंत्रण के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है। पुलिस की यह पहल साफ तौर पर यह संकेत देती है कि वातावरण की रक्षा को लेकर अब किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी।
इस नोट में रोहित जावा ने अपने लगभग चार दशक लंबे करियर, उपलब्धियों, अनुभवों और उन लोगों के प्रति आभार प्रकट किया, जिन्होंने उनके इस सफर को आकार दिया।
31 जुलाई 2025 को हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त करने की तैयारी कर रहे रोहित जावा ने शुक्रवार को LinkedIn पर एक भावनात्मक नोट साझा किया। इस नोट में उन्होंने अपने लगभग चार दशक लंबे करियर, उपलब्धियों, अनुभवों और उन लोगों के प्रति आभार प्रकट किया, जिन्होंने उनके इस सफर को आकार दिया।
उन्होंने लिखा, “इस महीने के अंत में तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद जब मैं HUL के CEO और MD के पद से विदा लूंगा, तो मन में कई भावनाएं उमड़ रही हैं। यह एक बेहद रोमांचक सफर रहा है, अपने पुराने संस्थान में लौटना, भारत को फिर से जानना और देशभर में अपनी टीमों और पार्टनर्स से जुड़ना। हर दिन एक नया अनुभव लेकर आया, और मुझे उन टीमों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला जो किसी भी लीडर के लिए सपना होती हैं।”
जावा ने आगे लिखा कि कठिन बाजार परिस्थितियों के बावजूद, कंपनी ने अपने मार्केट लीडरशिप को मजबूत बनाए रखा, सांस्कृतिक जुड़ाव और सोशल-फर्स्ट डिमांड जेनरेशन का लाभ उठाया, क्रांतिकारी इनोवेशन लॉन्च किए, और नई रणनीति ‘ASPIRE: Unlocking a Billion Aspirations’ की नींव रखी, जो अब असर दिखाने लगी है।
उन्होंने लिखा, “HUL का नेतृत्व करना, जहां से मैंने अपना करियर शुरू किया था, मेरे लिए बेहद विनम्रता और सीख से भरा अनुभव रहा, जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।”
HUL और Unilever, दोनों को जावा ने अपने 37 साल के करियर का घर बताया। उन्होंने लिखा कि इस दौरान उन्होंने न सिर्फ खुद को, बल्कि लोगों, समुदायों और ब्रांड्स को भी बढ़ते हुए देखा। उन्हें फिलीपींस, नॉर्थ एशिया और चीन जैसे रणनीतिक रूप से अहम बाजारों में कारोबार का नेतृत्व करने का अवसर भी मिला।
उन्होंने लिखा, “मैं अपने पूर्ववर्ती नेताओं, बोर्ड, मेंटर्स और वरिष्ठ अधिकारियों का गहरा आभार व्यक्त करता हूं, जिनके मार्गदर्शन और समर्थन ने मेरे पूरे सफर को दिशा दी। साथ ही मैं HUL परिवार और Unilever के अपने सहयोगियों का भी दिल से धन्यवाद करता हूं, जो हमेशा मेरी इस यात्रा की रीढ़ बने रहे।”
नोट के अंत में जावा ने अपनी उत्तराधिकारी के रूप में प्रिया नायर का उल्लेख किया और कहा, “अब मुझे लगता है कि बैटन आगे बढ़ाने का यही सही समय है। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में HUL आने वाले वर्षों में और अधिक चमकेगा।”