भारत की प्रमुख कंटेंट और मार्केटिंग कंपनी Connekkt Media ने अमेरिका की नामचीन क्रिएटिव मार्केटिंग एजेंसी Mob Scene का अधिग्रहण कर लिया है।
भारत की प्रमुख कंटेंट और मार्केटिंग कंपनी Connekkt Media ने अमेरिका की नामचीन क्रिएटिव मार्केटिंग एजेंसी Mob Scene का अधिग्रहण कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डील के साथ Connekkt ने न सिर्फ वैश्विक बाजार में अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है, बल्कि उत्तर अमेरिका जैसे अहम क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रवेश हासिल किया है।
Mob Scene हॉलीवुड की कुछ सबसे चर्चित फिल्मों की मार्केटिंग के लिए जानी जाती है, जिनमें Dune: Part Two, Avatar: The Way of Water, Barbie और A Complete Unknown जैसे ब्लॉकबस्टर टाइटल शामिल हैं।
Connekkt Media, जो पहले से ही अमेरिका और UAE में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है, अब इस अधिग्रहण के जरिए Mob Scene की रचनात्मक विशेषज्ञता को यूके, यूरोप और मिडिल ईस्ट जैसे नए बाजारों तक विस्तार देने की योजना बना रही है।
Mob Scene का नेतृत्व फिलहाल भी इसके को-फाउंडर और सीईओ टॉम ग्रेन (Tom Grane) के पास ही रहेगा, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि कंपनी की मौजूदा रचनात्मक दिशा और संस्कृति को बरकरार रखते हुए इसका वैश्विक विस्तार किया जाएगा।
इस अधिग्रहण के साथ Connekkt Media ने अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार की रणनीति को नई दिशा दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, Connekkt के आने वाले प्रोजेक्ट्स में मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल की फिल्म Vrusshabha, संगीतकार इलैयाराजा पर आधारित एक बायोपिक जिसमें धनुष मुख्य भूमिका में होंगे, और एक हिंदी भाषा की एक्शन फिल्म शामिल है।
इस अधिग्रहण को भारतीय एंटरटेनमेंट और मार्केटिंग इंडस्ट्री के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह दर्शाता है कि भारतीय कंपनियां अब वैश्विक रचनात्मक बाजार में भी बड़ी भूमिका निभाने को तैयार हैं।
एजुकेशन कंपनी PhysicsWallah (PW) ने सतीश शर्मा को अपना नया चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) नियुक्त करने की घोषणा की है।
एजुकेशन कंपनी PhysicsWallah (PW) ने सतीश शर्मा को अपना नया चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) नियुक्त करने की घोषणा की है। इस नई भूमिका में सतीश कंपनी की ब्रैंड और मार्केटिंग रणनीति को आकार देने और उसे लागू करने की ज़िम्मेदारी संभालेंगे, खासकर ऐसे समय में जब PW लगातार अपने विस्तार और विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है।
सतीश शर्मा को उद्यमिता, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, मार्केटिंग लीडरशिप और रणनीतिक विकास के क्षेत्रों में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हाल ही में उन्होंने Unyscape नामक एक मार्केटिंग और एनालिटिक्स कंपनी की सह-स्थापना की थी, जो वैश्विक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करती है। वहां उन्होंने COO और CMO दोनों भूमिकाएं निभाईं, और अलग-अलग सेक्टर्स व ग्लोबल मार्केट्स में ब्रैंडिंग, परफॉर्मेंस और कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी का नेतृत्व किया।
IIT वाराणसी से स्नातक सतीश शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत IBM और टाटा स्टील जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ की थी, जहां उन्होंने बड़े पैमाने की टेक्नोलॉजी और ऑपरेशनल पहलों में योगदान दिया।
PW की कोशिश शिक्षा को लोकतांत्रिक और हर किसी की पहुंच में लाने की है। इस मिशन में सतीश का उद्यमशील दृष्टिकोण और इनसाइट-आधारित स्केलेबल मार्केटिंग इकोसिस्टम का अनुभव ब्रैंड को और मज़बूत बनाएगा और मापनीय परिणामों की दिशा में कंपनी की कोशिशों को गति देगा।
PhysicsWallah में अपने नए पद को लेकर सतीश शर्मा ने कहा, “PhysicsWallah जैसे ब्रैंड से जुड़ना मेरे लिए गर्व की बात है, खासकर ऐसे समय में जब यह कंपनी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। इसकी कोशिश- उन लोगों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाना जो वास्तव में सीखना चाहते हैं, मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक है। मैं टीम के अब तक के प्रयासों को और आगे ले जाने और प्रभाव को प्रामाणिकता और सहानुभूति के साथ बढ़ाने की कोशिश करूंगा।”
PhysicsWallah के फाउंडर और CEO आलख पांडे ने इस नियुक्ति पर कहा, “सतीश एक ऐसा दुर्लभ संयोजन लेकर आते हैं जिसमें रणनीतिक स्पष्टता और परिचालन दक्षता दोनों शामिल हैं। जैसे-जैसे हम अपनी यात्रा के अगले चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं, उनके अनुभव से हमें एक ऐसा ब्रैंड बनाने में मदद मिलेगी जो अलग हो, टिकाऊ हो, और जिसे विद्यार्थी भरोसे और प्यार के साथ अपनाएं।”
PhysicsWallah की सेवाएं टेस्ट प्रेपरेशन, स्किलिंग वर्टिकल, हायर एजुकेशन और एजुकेशन एब्रॉड जैसे विभिन्न शैक्षिक क्षेत्रों में फैली हुई हैं।
WPP Media ने आदित्य बिड़ला ज्वेलरी ब्रैंड Indriya के नए डायमंड कलेक्शन Aasmaniyat को एक खास अंदाज में लॉन्च किया है।
WPP Media ने आदित्य बिड़ला ज्वेलरी ब्रैंड Indriya के नए डायमंड कलेक्शन Aasmaniyat को एक खास अंदाज में लॉन्च किया है। इस अनोखे कैंपेन के तहत Indriya के लिए बनी WPP Media की OOH Solutions और Mindshare टीम्स ने सिनेमा हॉल की छतों को एक इमर्सिव (डूब जाने वाले) ब्रैंड अनुभव में बदल दिया। इस खास विजुअल इनोवेशन ने दर्शकों को ऐसा एहसास कराया जैसे वे सितारों से सजे आसमान के नीचे बैठे हों।
मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद के थिएटर्स में Sitare Zameen Pe जैसी लोकप्रिय फिल्म के शो के दौरान, Indriya के विज्ञापन के साथ तालमेल बिठाते हुए, सिनेमा की छतों पर झिलमिलाते डायमंड्स दिखाए गए। ये दृश्य इतने प्रभावशाली थे कि दर्शकों को लगा जैसे वे किसी डायमंड गैलेक्सी में बैठे हों। यह सिर्फ विज्ञापन नहीं था, बल्कि ब्रैंड और दर्शकों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव बनाने की कोशिश थी।
इस पूरी पहल को एक बड़े मीडिया प्लान का हिस्सा बनाया गया, जिसमें सिनेमा, आउटडोर विज्ञापन, प्रिंट और टीवी शामिल हैं। इसका मकसद सिर्फ Indriya को यादगार बनाना नहीं था, बल्कि ग्राहकों के दिलों में उसकी खास जगह बनाना भी था।
WPP Media साउथ एशिया के प्रेसिडेंट (क्लाइंट सॉल्यूशंस) अमीन लाखानी ने कहा, “यह कैंपेन दिखाता है कि जब रचनात्मक सोच, इनसाइट और तकनीक मिलते हैं, तो मीडिया का असर कितनी दूर तक जा सकता है। Aasmaniyat के लिए किया गया यह प्रयोग हमारी इस सोच का हिस्सा है कि मीडिया सिर्फ दिखाने के लिए नहीं, महसूस करवाने के लिए हो।”
WPP Media के हेड ऑफ मीडिया सॉल्यूशंस अजय मेहता ने बताया, “अब मीडिया सिर्फ दिखाई देने की चीज नहीं रह गई, अब इसका रोल स्टोरी सुनाने और लोगों को उस अनुभव में शामिल करने का है। यह कैंपेन इसी सोच का उदाहरण है कि कैसे सिनेमा जैसे पारंपरिक स्पेस को हम यादगार ब्रैंड एक्सपीरियंस में बदल सकते हैं।”
Indriya के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर शांतिस्वरूप पांडा ने कहा, “यह पहली बार हुआ है कि किसी ज्वेलरी ब्रैंड ने सिनेमा हॉल की ताकत को इस तरह इस्तेमाल किया हो। Aasmaniyat का डिजाइन आकाशगंगा से प्रेरित है — और जब अंधेरे थिएटर में हमारे डायमंड्स छत पर चमकते हैं, तो वह सच में किसी जादू जैसा लगता है।”
यह कैंपेन अगस्त की शुरुआत तक थिएटर्स और बाकी प्लेटफॉर्म्स पर जारी रहेगा।
1 अगस्त से प्रिया नायर हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की नई मैनेजिंग डायरेक्टर व चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर बनेंगी। इस नियुक्ति के से HUL के इतिहास में पहली बार कोई महिला शीर्ष पद संभालने जा रही है।
नूर फातिमा वारसिया, ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर, बिजनेस वर्ल्ड ।।
1 अगस्त 2025 से प्रिया नायर हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) की नई मैनेजिंग डायरेक्टर व चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर (CEO) बनेंगी। इस ऐतिहासिक नियुक्ति के साथ HUL के लंबे और प्रतिष्ठित इतिहास में पहली बार कोई महिला शीर्ष पद संभालने जा रही है। लेकिन यह केवल एक प्रतीकात्मक उपलब्धि नहीं है। यह भारत के कॉरपोरेट नेतृत्व की परिभाषा में एक गहरे बदलाव का संकेत भी देती है, जिसमें अब पारंपरिक योग्यताओं की बजाय वास्तविक अनुभव, रणनीतिक संवेदनशीलता और सांस्कृतिक समझ को प्राथमिकता दी जा रही है।
कंज्यूमर इनसाइट्स से कॉरपोरेट की कमान तक
परंपरागत रूप से HUL जैसे कंपनियों में CMD स्तर की नियुक्तियां फाइनेंस या ऑपरेशन्स पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों में सीमित रही हैं। लेकिन प्रिया नायर ने अपने करियर की शुरुआत उपभोक्ता व्यवहार की समझ (consumer insights) से की, जो उन्हें एक अलग दृष्टिकोण के साथ नेतृत्व की भूमिका में लाता है, ऐसा दृष्टिकोण, जिसे अब तक आंकड़ों और प्रोसेस की गहराई में उलझे विशेषज्ञ नियंत्रित करते आए थे। प्रिया उन कुछ चुनिंदा प्रोफेशनल्स में से हैं जिन्होंने मार्केटिंग, ब्रैंड बिल्डिंग और लोगों की गहरी समझ के दम पर अपनी नेतृत्व यात्रा तय की है।
उनकी नियुक्ति यह भी दिखाती है कि अब कॉरपोरेट भारत पारंपरिक "मिडल-क्लास मेल एग्जिक्युटिव" प्रोफाइल से आगे बढ़कर ऐसे लीडर्स को जगह दे रहा है, जिनकी मौजूदगी अधिक समावेशी और बहुआयामी हो।
29 साल का सफर, 13 अरब यूरो की वैश्विक जिम्मेदारी
प्रिया नायर ने 1995 में HUL में कदम रखा और तब से लेकर अब तक उन्होंने होम केयर, पर्सनल केयर और ब्यूटी एंड वेलबीइंग जैसे प्रमुख डिविजनों में अहम भूमिकाएं निभाईं। इसके बाद उन्होंने यूनिलीवर के वैश्विक स्तर पर काम संभाला और अंततः €12–13 अरब यूरो के पोर्टफोलियो वाले ग्लोबल ब्यूटी एंड वेलबीइंग बिजनेस की प्रेसिडेंट बनीं। इस भूमिका में उन्होंने डव, संसिल्क और वैसलीन जैसे ब्रैंड्स को न केवल परफॉर्मेंस, बल्कि उद्देश्य आधारित कहानी कहने (purpose-led storytelling) से भी जोड़ा।
लीडरशिप की परंपराओं को तोड़ती एक नई कहानी
उनकी शैक्षणिक और व्यावसायिक यात्रा भी इस बदलाव की गवाही देती है। उन्होंने मुंबई के सिडेनहम कॉलेज से अकाउंट्स और स्टैटिस्टिक्स में बीकॉम किया, फिर पुणे के सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट से मार्केटिंग में MBA किया और आगे चलकर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एक मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।
जहां उनके पूर्ववर्ती CEOs जैसे रोहित जावा (सेंट स्टीफंस + FMS), संजीव मेहता (CA, ICAI) और नितिन परांजपे (COEP + JBIMS) जैसे टॉप संस्थानों से आते रहे हैं, वहीं प्रिया का यह सफर यह बताता है कि अब केवल आईआईएम-आईआईटी जैसी ब्रैंडेड डिग्रियों से ऊपर उठकर गहराई, विशेषज्ञता और वास्तविक लीडरशिप अनुभव को अहमियत दी जा रही है।
पारिवारिक विरासत, लेकिन निजी मुकाम
प्रिया नायर के पिता कैप्टन सुकुमार वी. नायर भारतीय नौसेना में 1961 में कमीशन हुए थे और 1990 के दशक के अंत में मजगांव डॉक लिमिटेड (MDL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। जबकि उनके पिता की सेवा संस्थागत नेतृत्व से जुड़ी थी, प्रिया का करियर पूरी तरह निजी क्षेत्र की मेहनत और उपलब्धियों पर आधारित रहा है।
आधुनिक भारत की नई नेतृत्व सोच
प्रिया नायर का नेतृत्व आधुनिक भारत के उस नए युग का प्रतीक है जो समावेशी, उपभोक्ता-केंद्रित और बहुआयामी होता जा रहा है। नवी नगर और जी.डी. समानी स्कूल जैसे सामान्य पृष्ठभूमियों से लेकर HUL जैसी दिग्गज कंपनी के शीर्ष तक का उनका सफर नेतृत्व की पहुंच को व्यापक बना रहा है। वे उस नई पीढ़ी की नेता हैं जो कंज्यूमर इनसाइट्स, स्टोरीटेलिंग, निष्पादन और वैश्विक दृष्टिकोण में निपुण हैं, और जिन्होंने भारत के प्रतिष्ठित लेकिन 'सेकंड-टियर' माने जाने वाले संस्थानों से शिक्षा ली है।
अब नेतृत्व की परिभाषा सिर्फ पारंपरिक योग्यताओं को पूरा करने से नहीं तय होती। सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति लोगों, प्रोडक्ट, उद्देश्य और मुनाफे के बीच तालमेल बिठा सकता है और वह भी बड़े पैमाने पर। प्रिया नायर की नियुक्ति के साथ हिन्दुस्तान यूनिलीवर, जो लगभग एक सदी से भारतीय घरों का हिस्सा रहा है, शायद यह तय कर रहा है कि अब नेतृत्व किसे सौंपा जाना चाहिए और क्यों।
दिल्ली पुलिस ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से ई-कॉमर्स वेबसाइटों और सोशल मीडिया कंपनियों को एक सख्त नोटिस जारी किया है।
दिल्ली पुलिस ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से ई-कॉमर्स वेबसाइटों और सोशल मीडिया कंपनियों को एक सख्त नोटिस जारी किया है। इसमें दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर तत्काल रोक लगाने के लिए कहा गया है। यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के 19 दिसंबर 2024 के आदेश और 6 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ मामले में दिए गए निर्देशों के आधार पर की गई है, जिसमें वायु गुणवत्ता सुधारने को लेकर गंभीर चिंता जताई गई थी।
दिल्ली पुलिस द्वारा भेजे गए निर्देशों में कंपनियों से यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि:
अपनी वेबसाइट और ऐप्स से पटाखों की लिस्टिंग हटाएं, खासकर अगर वह दिल्ली के ग्राहकों को दिख रही हो।
लोकेशन-बेस्ड ब्लॉकेज लगाएं, ताकि कोई भी ग्राहक दिल्ली से ऑर्डर या डिलीवरी की प्रक्रिया पूरी न कर सके।
वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर स्पष्ट नोटिस प्रदर्शित करें, जिसमें यह बताया जाए कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री और डिलीवरी प्रतिबंधित है।
डिलीवरी एजेंटों और पार्टनर्स को स्पष्ट निर्देश दें कि वे किसी भी स्थिति में पटाखों से जुड़ा कोई पार्सल न स्वीकारें, न ट्रांसपोर्ट करें और न डिलीवर करें।
सभी कंपनियों से इन निर्देशों के अनुपालन की लिखित पुष्टि भी मांगी गई है।
सिर्फ ऑनलाइन बिक्री ही नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस ने बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, होटल, गेस्टहाउस और अन्य समारोह स्थलों के प्रबंधकों को भी साफ चेतावनी दी है कि वे पटाखों का भंडारण या इस्तेमाल न करें। ऐसा करते पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
यदि किसी को कहीं भी पटाखे फोड़े जाते हुए दिखें या ऑनलाइन बिक्री का कोई मामला सामने आए, तो वह तुरंत दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम (112) पर कॉल करके सूचना दे सकता है।
यह सख्ती त्योहारों और आयोजनों के मौसम में प्रदूषण नियंत्रण के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है। पुलिस की यह पहल साफ तौर पर यह संकेत देती है कि वातावरण की रक्षा को लेकर अब किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी।
इस नोट में रोहित जावा ने अपने लगभग चार दशक लंबे करियर, उपलब्धियों, अनुभवों और उन लोगों के प्रति आभार प्रकट किया, जिन्होंने उनके इस सफर को आकार दिया।
31 जुलाई 2025 को हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त करने की तैयारी कर रहे रोहित जावा ने शुक्रवार को LinkedIn पर एक भावनात्मक नोट साझा किया। इस नोट में उन्होंने अपने लगभग चार दशक लंबे करियर, उपलब्धियों, अनुभवों और उन लोगों के प्रति आभार प्रकट किया, जिन्होंने उनके इस सफर को आकार दिया।
उन्होंने लिखा, “इस महीने के अंत में तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद जब मैं HUL के CEO और MD के पद से विदा लूंगा, तो मन में कई भावनाएं उमड़ रही हैं। यह एक बेहद रोमांचक सफर रहा है, अपने पुराने संस्थान में लौटना, भारत को फिर से जानना और देशभर में अपनी टीमों और पार्टनर्स से जुड़ना। हर दिन एक नया अनुभव लेकर आया, और मुझे उन टीमों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला जो किसी भी लीडर के लिए सपना होती हैं।”
जावा ने आगे लिखा कि कठिन बाजार परिस्थितियों के बावजूद, कंपनी ने अपने मार्केट लीडरशिप को मजबूत बनाए रखा, सांस्कृतिक जुड़ाव और सोशल-फर्स्ट डिमांड जेनरेशन का लाभ उठाया, क्रांतिकारी इनोवेशन लॉन्च किए, और नई रणनीति ‘ASPIRE: Unlocking a Billion Aspirations’ की नींव रखी, जो अब असर दिखाने लगी है।
उन्होंने लिखा, “HUL का नेतृत्व करना, जहां से मैंने अपना करियर शुरू किया था, मेरे लिए बेहद विनम्रता और सीख से भरा अनुभव रहा, जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।”
HUL और Unilever, दोनों को जावा ने अपने 37 साल के करियर का घर बताया। उन्होंने लिखा कि इस दौरान उन्होंने न सिर्फ खुद को, बल्कि लोगों, समुदायों और ब्रांड्स को भी बढ़ते हुए देखा। उन्हें फिलीपींस, नॉर्थ एशिया और चीन जैसे रणनीतिक रूप से अहम बाजारों में कारोबार का नेतृत्व करने का अवसर भी मिला।
उन्होंने लिखा, “मैं अपने पूर्ववर्ती नेताओं, बोर्ड, मेंटर्स और वरिष्ठ अधिकारियों का गहरा आभार व्यक्त करता हूं, जिनके मार्गदर्शन और समर्थन ने मेरे पूरे सफर को दिशा दी। साथ ही मैं HUL परिवार और Unilever के अपने सहयोगियों का भी दिल से धन्यवाद करता हूं, जो हमेशा मेरी इस यात्रा की रीढ़ बने रहे।”
नोट के अंत में जावा ने अपनी उत्तराधिकारी के रूप में प्रिया नायर का उल्लेख किया और कहा, “अब मुझे लगता है कि बैटन आगे बढ़ाने का यही सही समय है। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में HUL आने वाले वर्षों में और अधिक चमकेगा।”
सोशल कॉमर्स यूनिकॉर्न Meesho ने आधिकारिक तौर पर इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
सोशल कॉमर्स यूनिकॉर्न Meesho ने आधिकारिक तौर पर इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास एक गोपनीय ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है, जिसके जरिए वह 4,250 करोड़ रुपये की प्राथमिक पूंजी जुटाना चाहती है। Moneycontrol की रिपोर्ट के मुताबिक, जब इसमें सेकेंडरी शेयर सेल को जोड़ा जाएगा, तो कुल IPO साइज 8,500 करोड़ रुपये (लगभग 1 बिलियन डॉलर) तक पहुंच सकता है।
बेंगलुरु स्थित Meesho छोटे विक्रेताओं और टियर-2 व टियर-3 कस्बों के उपभोक्ताओं के लिए ई-कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाने के लिए जानी जाती है। कंपनी सितंबर-अक्टूबर 2025 के बीच बाजार में लिस्टिंग का लक्ष्य बना रही है- एक ऐसा समय जब डिजिटल-फर्स्ट बिजनेस में निवेशकों की दिलचस्पी के फिर से बढ़ने की उम्मीद है।
गोपनीय DRHP दाखिल करने की सुविधा Meesho को प्रतिस्पर्धात्मक डेटा सार्वजनिक किए बिना आगे बढ़ने का मौका देती है, खासकर जब कंपनी Amazon, Flipkart और Reliance Jiomart जैसे दिग्गजों से मुकाबला कर रही है। यह व्यवस्था कंपनी को बाजार की अनिश्चितताओं के बीच अपने आईपीओ टाइमलाइन में लचीलापन रखने की अनुमति भी देती है।
Meesho का यह कदम भारत की टेक IPO पाइपलाइन में लौटती रौनक की ओर भी इशारा करता है। बीते दो हफ्तों में Wakefit, Curefoods, Pine Labs और Shadowfax जैसी कंपनियों ने भी SEBI के पास अपने दस्तावेज दाखिल किए हैं, और सामूहिक रूप से 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग का लक्ष्य रखा है। यह साफ संकेत है कि एक लंबे फंडिंग विंटर के बाद, Dalal Street पर फिर से आशा लौट रही है।
IPO से पहले Meesho ने कई अहम रणनीतिक बदलाव किए हैं। कंपनी ने अपने बोर्ड का पुनर्गठन किया, अमेरिकी होल्डिंग स्ट्रक्चर से हटकर दोबारा भारतीय डोमिसाइल अपनाया और एक सार्वजनिक कंपनी के रूप में खुद को रूपांतरित किया, ताकि वह एक लिस्टेड ब्रांड के रूप में मजबूत शुरुआत कर सके।
गोपनीय DRHP दाखिल कर Meesho अब उन उभरते हुए भारतीय स्टार्टअप्स की कतार में शामिल हो गया है जो stealth mode में IPO का रास्ता चुन रहे हैं। इससे पहले Groww, Oyo और Shadowfax भी ऐसा कर चुके हैं, जहां पूंजी की दक्षता और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा प्राथमिकताओं में रही हैं।
Meesho की यह लिस्टिंग न केवल सोशल कॉमर्स सेगमेंट के वैल्यूएशन को एक नई दिशा दे सकती है, बल्कि यह भी तय करेगी कि वैश्विक निवेशक भारत के उभरते ई-कॉमर्स ब्रांड्स को किस नजर से देखते हैं।
मैडिसन वर्ल्ड की इकाई मैडिसन मीडिया प्लस ने सौम्य अग्रवाल को वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त करने की घोषणा की है।
मैडिसन वर्ल्ड की इकाई मैडिसन मीडिया प्लस ने सौम्य अग्रवाल को वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त करने की घोषणा की है। वे कंपनी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मीमी देब को रिपोर्ट करेंगे।
सौम्य अग्रवाल को इंटीग्रेटेड मार्केटिंग कम्युनिकेशंस में 18 वर्षों से अधिक का विविध अनुभव है। वे इससे पहले GroupM, Dentsu और Publicis Groupe जैसी अग्रणी एजेंसियों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभा चुके हैं। उन्होंने Nykaa, HUL, Jaguar Land Rover, ICICI Group, HDFC Bank, Louis Vuitton Moët Hennessy, Allied Blenders और Spotify जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ काम किया है। मैडिसन मीडिया में शामिल होने से पहले वे Starcom में एवीपी के पद पर कार्यरत थे।
एजेंसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सौम्य के पास गहरी ब्रांड बिल्डिंग विशेषज्ञता के साथ-साथ नई व्यावसायिक पहलों के प्रति जुनून, प्रतिभा को विकसित करने और उद्देश्य-आधारित कहानियों को गढ़ने की विशेष क्षमता है।
मैडिसन मीडिया प्लस की सीओओ मीमी देब ने नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमारे क्लाइंट पोर्टफोलियो के लगातार विस्तार और ब्रांड की बदलती जरूरतों को देखते हुए, हम अपनी टीम की संरचना को अधिक लचीला, रणनीतिक और भविष्य के लिए तैयार बना रहे हैं। सौम्य का नेतृत्व टीम में जुड़ना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हमारी क्षमताएं और भी मजबूत होंगी और हम अपने क्लाइंट्स को प्रभावशाली समाधान प्रदान कर सकेंगे और सतत व्यावसायिक वृद्धि हासिल कर सकेंगे।”
अपनी नई भूमिका को लेकर उत्साह जताते हुए सौम्य अग्रवाल ने कहा, "मैडिसन मीडिया प्लस में एक ऐसे समय पर शामिल होना बेहद रोमांचक है, जब संगठन विकास और परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। यहां की टीम की ऊर्जा वास्तव में प्रेरणादायक है। मैं क्लाइंट्स के लिए सार्थक योगदान देने को लेकर उत्साहित हूं।”
सौम्य अग्रवाल की यह नियुक्ति मैडिसन मीडिया प्लस की रणनीतिक दिशा और विकास को गति देने के दृष्टिकोण से एक अहम कदम मानी जा रही है।
1702 डिजिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर व चेयरपर्सन आंचल अरोड़ा ने ऑक्सफोर्ड इंडिया फोरम में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
1702 डिजिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर व चेयरपर्सन आंचल अरोड़ा ने ऑक्सफोर्ड इंडिया फोरम में भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह प्रतिष्ठित सम्मेलन 21 और 22 जून, 2025 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सईद बिजनेस स्कूल में आयोजित हुआ था। इस मंच पर भारत के विकास की दिशा में अहम संवाद के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के दिग्गज कारोबारी, नीति-निर्माता और उद्यमी एकत्र हुए।
फोरम में भागीदारी को लेकर आंचल अरोड़ा ने कहा, "ऑक्सफोर्ड के साथ साझेदारी कर भारतीय उपमहाद्वीप की शार्प मार्केटिंग कम्युनिकेशन और एनालिटिक्स की वैश्विक औद्योगिक प्रभाव पर चर्चा करना मेरे लिए एक सम्मान की बात रही।"
मुंबई स्थित 1702 डिजिटल एक नई पीढ़ी की डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी है, जो परफॉर्मेंस मार्केटिंग, फुल-फनल एट्रिब्यूशन एनालिसिस और मापनीय परिणामों के लिए जनरेटिव एआई टूल्स का इस्तेमाल करती है। यह एजेंसी अब ऑर्गेनिक सर्च ऑप्टिमाइजेशन के नए युग की अगुआई कर रही है, खासकर ChatGPT, Gemini, Perplexity और Claude जैसे प्लेटफॉर्म्स के लिए।
Chord, जो हाल ही में 1702 डिजिटल के बैनर तले शुरू किया गया एक क्रिएटिव वर्टिकल है, तेजी से विज्ञापन की दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। इसकी सफलता का श्रेय तेज ग्रोथ रेट और उच्च गुणवत्ता वाली लीडरशिप को दिया जा रहा है। आज यह भारत की टॉप 100 पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के बीच 30% मार्केट शेयर के साथ प्रमुख क्रिएटिव पार्टनर के रूप में खड़ा है।
Contra Consult, 1702 नेटवर्क का एक और अनोखा हिस्सा है, जो भारत की एकमात्र ऐसी राजनीतिक संचार कंसल्टेंसी है जो रचनात्मक राजनीतिक अभियानों के लिए एडवांस्ड एआई का इस्तेमाल करती है। यह एजेंसी विभिन्न क्षेत्रीय मतदाता समूहों के लिए डिजिटल-फर्स्ट रणनीति के तहत टारगेटेड कैंपेन चलाती है और राजनीतिक मार्केटिंग में एक अलग मुकाम हासिल कर चुकी है।
आंचल अरोड़ा का मानना है कि “यह भारत का सदी है और 1702 डिजिटल नेटवर्क इस नए युग में मीडिया, डिजिटल टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी के नेतृत्व में सबसे आगे रहेगा।”
ऑक्सफोर्ड इंडिया फोरम में आंचल की भागीदारी यह दर्शाती है कि भारत की उभरती हुई डिजिटल प्रतिभाएं अब वैश्विक विमर्श में एक मजबूत, विचारशील और नवोन्मेषी आवाज के रूप में स्थापित हो रही हैं।
देश के सबसे प्रतिष्ठित ब्रैंड स्ट्रैटजिस्ट और मार्केटिंग थिंकर्स में शुमार अंबी परमेश्वरन आज 70 वर्ष के हो गए।
देश के सबसे प्रतिष्ठित ब्रैंड स्ट्रैटजिस्ट और मार्केटिंग थिंकर्स में शुमार अंबी परमेश्वरन आज 70 वर्ष के हो गए। पांच दशकों से ज्यादा लंबे करियर के बाद भी उनमें वही बौद्धिक गहराई और जिज्ञासा कायम है जिसने उन्हें भारतीय ब्रैंडिंग और विज्ञापन की दुनिया का एक मजबूत स्तंभ बना दिया है।
उनका यह जन्मदिन ऐसे वक्त आया है जब उनकी नवीनतम पुस्तक Marketing Mixology हाल ही में 10 जून को औपचारिक रूप से लॉन्च की गई। इस किताब में उन्होंने अपने दशकों के अनुभव को चार मूल तत्वों में समेटा है- कंज्यूमर इनसाइट, ब्रैंड बिल्डिंग, नेगोशिएशन और सेलिंग और असरदार कम्युनिकेशन। परमेश्वरन मानते हैं कि मार्केटिंग की सबसे अहम कला उपभोक्ता को सही मायनों में समझने की क्षमता है। Marketing Mixology एक मार्केटर के टूलकिट की तेज, सहज लेकिन गहन यात्रा कराती है- यह उनके इस स्थायी दृष्टिकोण को दर्शाती है कि जटिलताओं को सरल बनाना ही असल बौद्धिकता है।
1970 के दशक के अंत में शुरू हुआ अंबी का करियर सेल्स, मार्केटिंग और विज्ञापन की कई प्रमुख भूमिकाओं से होकर गुजरा। उन्होंने Boots Company, Rediffusion Advertising और UDI Yellow Pages जैसे संगठनों में काम किया, लेकिन उनकी सबसे लंबी और प्रभावशाली पारी FCB Ulka में रही, जहां उन्होंने 27 साल बिताए। 2003 से 2013 तक वे कंपनी के CEO और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे और इस दौरान उन्होंने Ulka को देश की टॉप तीन मार्केटिंग कम्युनिकेशन कंपनियों में शुमार करा दिया।
परमेश्वरन ने Thermax, Digene, Brufen, Santoor, Sundrop, TCS, Wipro, ICICI Bank, Indica Cars और Zee TV जैसे ब्रैंड्स को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाई। बतौर ब्रैंड कोच उन्होंने PepsiCo, Tata Motors, Abbott, Sun Pharma, D Décor और Wipro Consumer जैसे क्लाइंट्स के साथ काम किया — जहां उन्होंने ब्रैंड स्टोरीटेलिंग की कला को कॉर्पोरेट रणनीति से जोड़कर पेश किया।
अंबी की प्रभावशीलता सिर्फ ब्रैंडिंग कैेंपेंस तक सीमित नहीं रही। वे TEDx (पांच बार), Kellogg India Business Conference और Cornell University जैसे प्लेटफॉर्म्स पर स्पोक्सपर्सन रहे हैं। उन्होंने CII, AIMA, FICCI जैसी संस्थाओं के लिए कार्यशालाएं संचालित की हैं और SPJIMR में अजंक्ट प्रोफेसर तथा IIM अहमदाबाद, IIM कोलकाता, ISB, और MICA में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में नई पीढ़ी के मार्केटर्स को प्रशिक्षित किया है।
वे Advertising Agencies Association of India (AAAI) के 2014–16 के अध्यक्ष रहे और Advertising Club Bombay का नेतृत्व 2003–05 में किया। इसके अलावा, उन्होंने IIM कोलकाता के गवर्निंग बोर्ड में एक दशक तक सेवा दी और Galaxy Surfactants, Qube Cinemas, FDC, THG Publications, और Rediff.com जैसे संगठनों के स्वतंत्र निदेशक भी रहे हैं।
70 की उम्र में भी अंबी का लेखन जुनून कम नहीं हुआ है। उन्होंने अब तक 11 किताबें लिखी हैं जो ब्रैंडिंग और मार्केटिंग की दुनिया में संदर्भ ग्रंथ के रूप में पढ़ी जाती हैं। उनकी प्रारंभिक कृतियाँ जैसे Building Brand Value और FCB-Ulka Brand Building Advertising अब भी प्रोफेशनल और अकादमिक दोनों क्षेत्रों में रेफरेंस मानी जाती हैं।
हाल के वर्षों में उनकी किताबें Nawabs, Nudes, Noodles, SPONGE – Leadership Lessons I Learnt from My Clients, SPRING – Bouncing Back from Rejection और All The World’s A Stage ने भारतीय मार्केटिंग के बदलते स्वरूप और व्यक्तिगत ब्रैंडिंग की बारीकियों को बेहद आत्मीयता से पेश किया है।
अंबी को उनके दोनों प्रमुख संस्थानों- IIT मद्रास (2009) और IIM कोलकाता (2018) ने Distinguished Alumnus Award से सम्मानित किया है। उनके पास मुंबई यूनिवर्सिटी से पीएचडी है, Harvard Business School से AMP और CFI से एक्जीक्यूटिव कोचिंग सर्टिफिकेट भी।
अंबी परमेश्वरन सिर्फ एक विज्ञापन विशेषज्ञ नहीं हैं- वे उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने भारतीय ब्रैंडिंग को विचार, मूल्य और वैचारिक अनुशासन से जोड़ा। आज, जब वे 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, वे न केवल एक जिंदा इतिहास हैं बल्कि भविष्य की दिशा भी।
e4m Connected TV कॉन्फ्रेंस में देश के शीर्ष कंज्यूमर व फाइनेंशियल ब्रैंड्स के मार्केटिंग लीडर्स ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे CTV अब समृद्ध दर्शकों को टारगेट करने का प्रभावशाली जरिया बन चुका है
e4m Connected TV कॉन्फ्रेंस में देश के शीर्ष कंज्यूमर और फाइनेंशियल ब्रैंड्स के मार्केटिंग लीडर्स ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे Connected TV (CTV) अब जानकार और समृद्ध दर्शकों को टारगेट करने का प्रभावशाली जरिया बन चुका है और किस तरह यह मीडिया फॉर्मेट टॉप-फनल स्ट्रैटेजी व ब्रैंड मैसेजिंग को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है।
इस सत्र में कोलगेट में ओरल ब्यूटी और पर्सनल केयर की मार्केटिंग डायरेक्टर स्वाति राव जयरकुमार, AMFI में मार्केटिंग के SVP पुनीत धरमसी, शाओमी इंडिया के ब्रैंड हेड ऋतिज खुराना, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शुचि शर्मा गणेश और Teads इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर तरुण उम्मत शामिल हुए। मॉडरेशन किया Frodoh के फाउंडर और CEO रुषभ ठाक्कर ने।
सत्र की शुरुआत में पुनीत धरमसी ने कहा कि अब CTV को सिर्फ 'अफ्लुएंट' या शहरी माध्यम मानने का नजरिया बदल रहा है। उन्होंने बताया, “CTV अब सिर्फ अमीरों का या शहरी भारत का मंच नहीं रहा। 7500 से 12000 रुपये तक की कीमत में CTV मिल रहे हैं और जियो व रिटेल इंटरनेट ने कनेक्टिविटी को बेहद सुलभ बना दिया है।”
धरमसी ने बताया कि अब उनके म्यूचुअल फंड जागरूकता अभियानों की पहुंच गांव-कस्बों तक है। शहरी संपन्न वर्ग के साथ-साथ अब टियर 2 और टियर 3 शहरों को भी CTV के जरिए टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने जोर दिया कि अलग-अलग शहरों के लिए मैसेजिंग को अलग ढंग से तैयार करना जरूरी है।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड की शुचि गणेश ने बताया कि लग्जरी कंटेंट देखने वाले संपन्न उपभोक्ता CTV के हाई-क्वालिटी, लो-इंटरफेरेंस एक्सपीरियंस की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम वहां निवेश करते हैं जहां ROI स्पष्ट हो। CTV हमें टारगेटेड इन्वेस्टमेंट का ट्रैक देने में मदद करता है- बिल्कुल वैसा जैसा कोई समझदार निवेशक अपेक्षा करता है।”
कोलगेट की स्वाति राव जयरकुमार ने कहा कि CTV का प्रभाव मापने का तरीका अलग है- यह सेल्स संचालित नहीं, बल्कि ब्रैंड असोसिएशन व माइंडशेयर बढ़ाने के लिए टॉप फनल में आता है। उन्होंने बताया कि कैसे ‘पॉज एड’ जैसे इनोवेटिव फॉर्मेट का इस्तेमाल कर कोलगेट ने शहरी भारत में रात को दूसरी बार ब्रश करने की आदत पर ध्यान खींचा। “हमने CTV के प्राइम टाइम में उन दर्शकों को टारगेट किया जो दिन में सिर्फ एक बार ब्रश करते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे एक अन्य कैंपेन में CTV के पॉज मोड में QR कोड के जरिए AI आधारित डेंटल चेकअप को प्रमोट किया गया। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि QR कोड स्कैन जैसे टॉप फनल एंगेजमेंट अभी भी सीमित हैं।
शाओमी के ऋतिज खुराना ने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन लॉन्च में YouTube और प्रिंट के साथ CTV को भी स्मार्ट तरीके से शामिल किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट को टारगेट करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि 700 डॉलर से ऊपर के सेगमेंट में केवल 20 लाख यूनिट्स ही आती हैं। “CTV स्क्रीन साइज के हिसाब से अभी भी टारगेट नहीं किया जा सकता,” उन्होंने स्पष्ट किया।
Teads के तरुण उम्मत ने बताया कि जब उन्होंने LG की OEM ऐडवर्टाइजिंग सर्विस को मार्केट में पेश किया, तो सबसे बड़ी चुनौती थी, मार्केट को यह समझाना कि CTV न केवल इन-स्ट्रीम एड्स है, बल्कि इसमें होम स्क्रीन बिलबोर्ड जैसे हाई SOV (Share of Voice) फॉर्मेट भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि अब वे कंटेंट रिकग्निशन और स्क्रीन साइज जैसे एडवांस्ड पैरामीटर्स के जरिए दर्शकों को टारगेट कर पा रहे हैं। “हम यह तक पहचान सकते हैं कि दर्शक Netflix यूजर है या नहीं। 50 इंच से ऊपर के टीवी वाले दर्शकों को टारगेट करना प्रीमियम ब्रैंड्स की प्रमुख प्राथमिकता बन चुका है।”
धरमसी ने कहा कि AMFI जैसे ट्रेड बॉडी के लिए CTV सेल्स टूल नहीं बल्कि एक कैटेगरी अवेयरनेस प्लेटफॉर्म है। “हम कंवर्जन नहीं, केवल जागरूकता को बढ़ावा देते हैं,” उन्होंने कहा। IPL और KBC जैसे प्रीमियम प्रॉपर्टीज इस काम में सहायक होती हैं।
शुचि गणेश ने स्वीकार किया कि अभी अधिकतर कंटेंट CTV के लिए री-पर्पज किया जाता है, लेकिन यह माध्यम इंटरैक्टिव ब्रैंड स्टोरी कहने की बेहतरीन संभावना रखता है। “यह सिंगल मीडिया स्ट्रैटेजी नहीं, मल्टीमीडिया रणनीति का हिस्सा है,” उन्होंने जोर देते हुए कहा।
उम्मत ने भी सहमति जताते हुए कहा कि CTV अभी भी प्रामुख्यतः अवेयरनेस संचालित माध्यम है, लेकिन अन्य मार्केट्स में यह ब्यूटी और लग्जरी ब्रैंड्स के लिए सैंपलिंग तक में कारगर रहा है।
अंत में जयरकुमार ने कहा कि CTV अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं। “आज यह 50-60 मिलियन दर्शकों तक पहुंच चुका है। यह हमारे प्रीमियम ब्रैंड्स की रणनीति का अहम हिस्सा बन गया है।” उन्होंने कहा कि मीडिया सिलेक्शन प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि ऑडियंस के आधार पर होना चाहिए- “अगर आपके दर्शक CTV पर हैं, तो वह माध्यम अपने आप महत्वपूर्ण हो जाता है।”
शाओमी के खुराना ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी अपने हार्डवेयर और ऐडवर्टाइजिंग बिजनेस को पूरी तरह अलग रखती है। उन्होंने Google Nexus से सीखे गए सबक का जिक्र करते हुए कहा, “हम वही करना चाहते हैं जो सही है।”