जरूरी नहीं कि अगर आपको स्कूल में कठोर शिक्षक मिले तो आप भी उनके जैसे ही बनें। वह समय अलग था, यह समय अलग है। हर पीढ़ी, पिछली पीढ़ी से अलग होती है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पर मंगलवार दोपहर एक छात्र ने प्लेटफॉर्म से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक करोल बाग स्थित एक निजी स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र था। प्रिसिंपल, कोऑर्डिनेटर, सोशल स्टडीज की शिक्षिका सहित चार महिला शिक्षिकाएं छोटी-छोटी बातों पर उसे डांटती-फटकारती थीं।
इस हृदय विदारक घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर अपना दर्द व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, प्रिय शिक्षकों, हम जानते हैं कि अब आप शिक्षा के मंदिर में नहीं, दुकानों में काम कर रहे हैं। आप पर प्रबंधन का अत्यधिक दबाव होता है सबसे अच्छे परिणाम लाने का ताकि वे इसकी नुमाइश कर दूसरे बच्चों को अपने स्कूलों में ला सकें।
कई बार आपका इरादा गलत नहीं होता। आपके कड़े व्यवहार में बच्चों की भलाई छुपी होती है। लेकिन अब आप भी मानिए कि जमाना बदल गया है। आज कल बच्चे मां-पिता को पाल रहे हैं, मां-पिता बच्चों को नहीं। अभावों से उठ कर यहां तक पहुंचे माता-पिता अपने बच्चों को वे तमाम सुख-सुविधाएं देना चाहते हैं जिनसे वे वंचित रहे।
वे नहीं जानते कि इसमें उनके बच्चों का हित है या अहित। बच्चे क्या सोचते हैं, क्या चाहते हैं- यह जाने बिना ही एक अंधी दौड़ चल रही है। सोसाइटी में स्टेटस इस बात से बनता है कि बच्चा किस स्कूल में पढ़ता है। कितने पर्सेंट आए। इस बात से नहीं कि वह समाज का हिस्सा और एक अच्छा इंसान बन पा रहा है या नहीं।
यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर मिलना आसान नहीं। आप भी इनका उत्तर ढूंढिए। जब तक नहीं मिलता, बच्चों से नर्मी से पेश आएं। जरूरी नहीं कि अगर आपको स्कूल में कठोर शिक्षक मिले तो आप भी उनके जैसे ही बनें। वह समय अलग था, यह समय अलग है। हर पीढ़ी, पिछली पीढ़ी से अलग होती है। उसकी सोच भी अलग होती है और जरूरत भी।
दिल्ली में एक प्रतिष्ठित स्कूल के 16 वर्ष के बच्चे ने स्कूल टीचर्स पर परेशान करने काआरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र में आरोप है कि एक टीचर ने एक बच्ची से देरी से आने के कारण भारी बैग के साथ सौ बार उठक-बैठक कराई और इससे उसकी मृत्यु हो गई।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) November 20, 2025
प्रिय शिक्षकों
हम जानते हैं…
सीएम बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जारी एसआईआर प्रक्रिया को लेकर बार-बार अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। स्थिति काफी बिगड़ जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर 'सीईसी' को यह पत्र लिखना पड़ा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की मौजूदा प्रक्रिया अनियोजित और जबरन तरीके से चलाई जा रही है। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने एक टीवी डिबेट में कहा कि एसआईआर का काम बंगाल में अवश्य होगा।
उन्होंने डिबेट में कहा, बंगाल में एक करोड चार लाख ऐसे मतदाता है जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं तो जान लें एसआईआर का काम बंगाल में पूरा होगा। अगर उन्होंने ज्यादा डिस्टर्ब किया तो जो मतदाता सूची चुनाव आयोग जारी करेगा उसी के आधार पर मतदान होगा।
आपको बता दें, मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, 'यह प्रक्रिया जिस तरह अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह न केवल अनियोजित और अव्यवस्थित है, बल्कि खतरनाक भी है। बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना और स्पष्ट संचार के अभाव ने पहले दिन से ही पूरे अभियान को पंगु बना दिया है।'
बंगाल में एक करोड चार लाख ऐसे मतदाता है जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं तो जान लें एसआईआर का काम बंगाल में पूरा होगा । अगर उन्होंने ज्यादा डिस्टर्ब किया तो जो मतदाता सूची चुनाव आयोग जारी करेगा उसी के आधार पर मतदान होगा। https://t.co/0dBSdvAacK
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) November 20, 2025
पाकिस्तान की तरफ से यह धमकी ऐसे वक्त में दी गई है जब चार चीनी कंपनियों के एक प्रतिनिधि ने संसदीय समिति को बताया कि उनकी मैनेजमेंट टीम मॉनिटरिंग कैमरे लगाने की इजाजत नहीं दे रही है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
अमेरिका के करीब जा रहा पाकिस्तान चीन को अपना असली रंग दिखाने लगा है। दरअसल, पाकिस्तान के टैक्स प्रमुख ने चीनी कंपनियों को चेतावनी दी कि वो या तो अपने प्रोडक्शन की पूरी डिटेल दें या फिर पाकिस्तान में अपना कामकाज बंद कर दें। दरअसल, पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां भी शामिल हैं। इस पुरे मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने भी अपनी राय दी।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, मौका परस्त पाकिस्तान, अमेरिका की नज़दीकियों का फायदा उठाकर अब चीन को आंखें दिखाने लगा है। कंगाल पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां बड़ी मात्रा में संलिप्त हैं। इसे रोकने के लिए पाकिस्तान की सरकार अब प्रोडक्शन लाइन में CCTV कैमरे लगवा रही है।
हर साल 30 अरब की टैक्स चोरी में पकड़ी गई चीनी कंपनियां इससे बौखलाई हुई हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि 'पालक' चीन अपने ‘बालक’ पाकिस्तान के इस अलसी रंग पर क्या तमाशा खड़ा करता है? आपको बता दें, पाकिस्तान की तरफ से यह धमकी ऐसे वक्त में दी गई है जब चार चीनी कंपनियों के एक प्रतिनिधि ने संसदीय समिति को बताया कि उनकी मैनेजमेंट टीम मॉनिटरिंग कैमरे लगाने की इजाजत नहीं दे रही है।
मौका परस्त पाकिस्तान, अमेरिका की नज़दीकियों का फायदा उठाकर अब चीन को आंखें दिखाने लगा है. कंगाल पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां बड़ी मात्रा में संलिप्त हैं. इसे रोकने के लिए पाकिस्तान की सरकार अब प्रोडक्शन लाइन में CCTV कैमरे लगवा रही है. हर साल 30…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 20, 2025
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद कुछ नेताओं के साथ में द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 21 नवंबर से लेकर 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहे 20वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी जी दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना हुए, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने बताया कि अमेरिका को अपना बहिष्कार वापस लेने और G20 में शामिल होने के लिए आख़िरी समय में बातचीत चल रही है।
क्या ट्रंप G20 में आएंगे? क्या मोदी और ट्रंप की मुलाकात हो सकती है? अब बस इंतज़ार कीजिए और देखते रहिये। आपको बता दें, दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद कुछ नेताओं के साथ में द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित की जा रही इंडिया-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) लीडर्स बैठक में भी भाग लेंगे।
AS PM MODI SETS OUT FOR G20 SUMMIT IN SOUTH AFRICA,
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) November 20, 2025
PTI reports that South Africa's leader says there are last-minute talks going on to get the US to reverse its boycott and take part in G20 summit. WILL TRUMP HEAD TO G20? WILL MODI-TRUMP CROSS PATHS?
Let's wait and watch...
वह दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में क्षेत्ररक्षण के लिए मैदान पर नहीं उतरे और न ही 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा है। कप्तान शुभमन गिल गर्दन की चोट के कारण गुवाहाटी टेस्ट से बाहर हो गए हैं। गिल के अनुपलब्ध होने पर ऋषभ पंत कप्तानी की जिम्मेदारी उठाने वाले हैं। इस बीच वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बड़ा सवाल उठाया है।
उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, अगर शुभमन गिल वाक़ई गुवाहाटी टेस्ट से बाहर कर दिए गए हैं, वह भी उसी दिन जब वह वहाँ पहुँचे, तो फिर वहाँ तक यात्रा करने और चोट को बढ़ाने का ख़तरा उठाने की क्या ज़रूरत थी? सुना है कि वनडे मैच भी ‘अनिश्चित स्थिति’ में हैं?
आपको बता दें, गिल को कोलकाता में पहले टेस्ट की पहली पारी के दौरान बल्लेबाजी करते समय गर्दन में चोट लगी थी। वह दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में क्षेत्ररक्षण के लिए मैदान पर नहीं उतरे और न ही 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आए। नतीजा ये हुआ की टीम इंडिया 30 रन से कोलकाता टेस्ट हार गया था।
If Shubman Gill has indeed been ruled out of the Guwahati Test the day he’s just landed there, what was the need to even travel and risk aggravation?
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) November 19, 2025
Am told even ODIs touch and go?
पर लालू जी के परिवार में जिस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं उसके बाद देखना पड़ेगा कि कांग्रेस के विधायकों की संख्या ज्यादा होगी या फिर लालू जी के साथ खड़े रहने वाले उनके बच्चों की।
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जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार आज यानी 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक भव्य समारोह में रिकॉर्ड दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इस बीच एक टीवी डिबेट में बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अब एनडीए का लक्ष्य बिहार को पूर्ण विकसित करने का है।
उन्होंने कहा, जो तथाकथित बीमारू राज्य थे उनमें आज बिहार की ही स्थिति ऐसी है कि वो पीछे है बाकी राज्य बेहतर स्थिति में है। लेकिन ये भी समझना होगा कि बिहार था किस स्थिति में। केवल 22 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी कवर था, पटना में शहर में भी केवल 5-6 घंटे बिजली आया करती थी।
आज शत प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी कवर है और 23-24 घंटे बिजली आती है। और एनडीए सरकार की आगे की योजनाएं इसी पर आधारित होंगी कि बिहार को कैसे विकसित किया जाए। कांग्रेस दलितों की बात बहुत करती है, इस देश के पहले दलित रक्षामंत्री कौन थे? बाबू जगजीवन राम।
1971 के युद्ध के समय बाबू जगजीवन राम इस देश के रक्षा मंत्री थे लेकिन इस युद्ध का सारा श्रेय इंदिरा गांधी जी को दिया जाता है। आज तक आपने बाबू जगजीवन राम किसी के मुंह से नहीं सुना होगा। राहुल गांधी खड़े होकर ये कहने लगेंगे कि दिखाओ भई डिफेंस में कहां हैं SC-ST-OBC और जब SC रक्षामंत्री थे उन्हें धेले भर का क्रेडिट नहीं देने का प्रयास करना निश्चित रूप से दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
लाइटर नोट पर एक बात कहूं तो बिहार में कांग्रेस के विधायकों की संख्या लालू जी के बच्चों से कम रह गई है। पर लालू जी के परिवार में जिस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं उसके बाद देखना पड़ेगा कि कांग्रेस के विधायकों की संख्या ज्यादा होगी या फिर लालू जी के साथ खड़े रहने वाले उनके बच्चों की।
जो तथाकथित बीमारू राज्य थे उनमें आज बिहार की ही स्थिति ऐसी है कि वो पीछे है बाकी राज्य बेहतर स्थिति में है। लेकिन ये भी समझना होगा कि बिहार था किस स्थिति में। केवल 22 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी कवर था, पटना में शहर में भी केवल 5-6 घंटे बिजली आया करती थी। आज शत प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी… pic.twitter.com/98UbGPcRzb
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 19, 2025
वास्तव में यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी केवल सेक्शन 2(एफ) के अंतर्गत एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल है। विश्वविद्यालय ने कभी सेक्शन 12(ब) के लिए आवेदन नहीं किया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को 'ED' ने गिरफ्तार कर लिया है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी ग्रुप के 19 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी जिसमें 'ED' ने 48 लाख रुपये बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि 'NAAC' की फर्जी मान्यता दिखा कर बच्चों से धोखाधड़ी की गई और ट्रस्ट के करोड़ों रुपये में हेराफेरी हुई।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और एक बड़ा सवाल पूछा। उन्होंने लिखा, अल-फलाह यूनिवर्सिटीके संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को ED ने गिरफ्तार किया है। गंभीर मामले हैं। वैसे तो यह विश्वविद्यालय आतंकी ठिकाना बन गया और किसी को खबर नहीं हुई, यह गंभीर चूक है। अब क्या देर आए, दुरुस्त आए, साबित होगा।
आपको बता दें, विश्वविद्यालय ने यूजीसी एक्ट, 1956 की सेक्शन 12(ब) के तहत मान्यता प्राप्त होने का झूठा दावा फैलाया, जबकि वास्तव में यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी केवल सेक्शन 2(एफ) के अंतर्गत एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल है। विश्वविद्यालय ने कभी सेक्शन 12(ब) के लिए आवेदन नहीं किया और न ही वह इस प्रावधान के तहत किसी प्रकार की ग्रांट्स पाने के योग्य है।
प्रशांत किशोर को कॉर्पोरेट शैली से बाहर निकलकर संगठन और कार्यकर्ताओं की मजबूत फौज खड़ी करनी चाहिए। पार्टी के अन्य साफ-सुथरे नेताओं को आगे लाना चाहिए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
पीके ने बिहार चुनाव में जन सुराज की करारी हार के बाद मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस की। इस दौरान उनसे राजनीति से संन्यास वाले दावे को लेकर सवाल हुआ। पीके ने इस सवाल पर कहा कि किस पद पर हूं कि इस्तीफा दे दूं। इस बीच प्रशांत किशोर को वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखकर कई अहम सलाहें दी हैं।
उन्होंने साफ कहा कि अगर पीके सचमुच बिहार की राजनीति में मजबूत और स्थायी विकल्प बनना चाहते हैं, तो उन्हें अपने रवैये और कार्यशैली में गहरे बदलाव की आवश्यकता है। राणा यशवंत ने सबसे पहले यह कहा कि पीके को 'मैं जो कह रहा हूं वही अटल सत्य है' वाली मानसिकता से बाहर आना चाहिए।
अहंकार को त्यागकर जमीन से जुड़ना होगा। उन्होंने चुनावों को लेकर पीके के उन बयानों को भी गैर-जिम्मेदाराना बताया, जिनमें वे कहते हैं कि यदि जदयू 25 से अधिक सीटें जीत गई तो वे राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने लिखा कि प्रशांत किशोर को कॉर्पोरेट शैली से बाहर निकलकर संगठन और कार्यकर्ताओं की मजबूत फौज खड़ी करनी चाहिए।
साथ ही केवल अपने चेहरे पर भरोसा करने की बजाय पार्टी के अन्य साफ-सुथरे नेताओं को आगे लाना चाहिए। राणा यशवंत ने यह भी याद दिलाया कि चुनाव प्रबंधन और चुनाव लड़ना, दोनों बिल्कुल अलग चीजें हैं। टिकट बंटवारे में जातिगत सोच अपनाना 'अलग राजनीति' की घोषणा के विपरीत है। इससे भी बाहर निकलने की जरूरत है।
अंत में उन्होंने कहा कि बिहार में पीके की संभावनाएं बहुत हैं, बशर्ते वे अपनी कमजोरियों को स्वीकार कर ईमानदारी से लोगों को जोड़कर एक मजबूत जनआधार खड़ा करें। आपको बता दें, प्रशांत किशोर ने दावा किया कि घर-घर जाकर सिंबल समझाने के लिए जीविका दीदियों और अन्य सरकारी मशीनरी पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए। चुनाव के बीच पैसे भेजे गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद अब नए मंत्रिमंडल गठन की कवायद तेज गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली नई कैबिनेट में किस पार्टी से कौन-कौन और कितने विधायक मंत्री बनेंगे, इस पर पटना से लेकर दिल्ली तक विचार-विमर्श का दौर जारी है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर के अनुसार अब बिहार में बीजेपी को मजबूती से आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, बिहार में बीजेपी को नए नेताओं को कैबिनेट में शामिल करना चाहिए। ग़ैर यादव वोटर बीजेपी के साथ मजबूती के साथ खड़ा रहा। यह वोटर बीजेपी का आधार है। मोदी के भविष्य का बिहार बनने के लिए ज़रूरी है कि मंत्री चुनने में विचारधारा और सार्वजनिक जीवन में साफ़ छवि वाले लोगों को आगे किया जाए। बिहार में भविष्य भाजपा का है।
नीतीश का सूर्यास्त होने को है और बीजेपी का सूर्योदय हो चुका है। बीजेपी को अब तेजस्वी का डर नहीं है। तेजस्वी का एम-वाय समीकरण टूट गया है। प्रशांत किशोर भविष्य में बीजेपी के लिए बिहार में सबसे बड़ी चुनौती बन सकते है। दूसरे दलों से आने वाले नेताओं और दाग़दार छवि के नेताओं को मंत्री बनाने से बेहतर है बीजेपी अपने मूल कैडर और संघ परिवार से निकले नेताओं को मंत्री पद से नवाजे।
तमाम आरोपों से घिरे दाग़दार नेताओं और बाहुबलियों से बाहर बिहार को देखने की ज़रूरत है। उम्मीद है बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व इस पर विचार करेगा। आपको बता दें, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं।
गठबंधन ने कुल 202 सीटें हासिल कीं, जो पिछले चुनाव की तुलना में 80 सीटों की बड़ी बढ़त है। वोट शेयर भी बढ़कर 47% पहुंच गय वहीं महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार चुनाव में करारी हार के बाद से राज्य के सबसे बड़े सियासी घराने में मची कलह ने सबको हैरान कर दिया है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट ने पारिवारिक कलह को सबके सामने ला दिया है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि महागठबंधन पूरी तरह से कमजोर हो गया है लेकिन अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहा हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, विपक्ष में होना सिर्फ़ संख्या बल का नहीं, बल्कि जनमानस के प्रभाव का भी मामला होता है। लेकिन बिहार में पूरी तरह कमजोर हो चुका महागठबंधन आज अपनी राजनीतिक जमीन संभालने के बजाय सोशल मीडिया ट्रोल्स छोड़ने और आपसी पारिवारिक कलह में उलझा हुआ है।
वहीं दूसरी ओर, जन सुराज पहले ही 'विश्व बैंक के फंड के दुरुपयोग' जैसे गंभीर मुद्दों पर बात कर रहा है यानी असली विपक्ष की भूमिका निभाने की कोशिश में जुटा है। आपको बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 200 से अधिक सीट जीतकर प्रचंड विजय हासिल की है।
गठबंधन ने कुल 202 सीटें हासिल कीं, जो पिछले चुनाव की तुलना में 80 सीटों की बड़ी बढ़त है। वोट शेयर भी बढ़कर 47% पहुंच गय वहीं महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
Being the opposition is as much about mind space as it is about numbers. A decimated Mahagathbandhan is busy unleashing keyboard trolls & battling family feud. Whereas Jan Suraj is already talking about World Bank funds ‘misuse’. #Bihar
— Sanket Upadhyay (@sanket) November 17, 2025
पुलिस को मिले नोट में कथित तौर पर काम का दबाव, मानसिक तनाव और अपने सुपरवाइजर की ओर से संभावित निलंबन का उल्लेख किया गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
जयपुर में मुकेश जांगिड़ (48) नाम के एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने बिंदायका रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया है जिसमें उन्होंने कुछ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, तीन अलग-अलग राज्यों में अवास्तविक लक्ष्यों और सख्त समयसीमा के दबाव के चलते दो बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली, जबकि एक ने आत्महत्या का प्रयास किया है। क्या भारत निर्वाचन आयोग इस बार भी इसे अनदेखा कर देगा, जैसे हमेशा करता आया है?
यह वो कहानी है जिसे आप तथाकथित प्राइम टाइम न्यूज़ चैनलों पर नहीं देखेंगे, जहाँ सच्ची ख़बरों से ज़्यादा मायने रखती है शोर, बहस और विपक्ष पर निशाना साधना। आपको बता दें, पुलिस को मिले नोट में कथित तौर पर काम का दबाव, मानसिक तनाव और अपने सुपरवाइजर की ओर से संभावित निलंबन का उल्लेख किया गया है। अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
Get real India: 2 alleged deaths by suicide, one suicide attempt of BLOs over SIR in 3 diff states because of unrealistic targets and deadlines. Will @ECISVEEP as always brush it aside? Watch a story that you won’t find on prime time across so called news channels where noise and… https://t.co/z44f59PDQw
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 17, 2025