पत्रकारिता और सियासत का रिश्ता बहुत पुराना है। वर्ष 2021 में भी कई पत्रकारों ने खबरों की दुनिया से निकलकर राजनीति का हाथ थाम लिया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
पत्रकारिता और सियासत का रिश्ता बहुत पुराना है। वर्ष 2021 में भी कई पत्रकारों ने खबरों की दुनिया से निकलकर राजनीति का हाथ थाम लिया। हालांकि इनमें से कुछ ने पार्टी की सदस्यता हासिल की और कुछ पार्टी की मीडिया टीम का हिस्सा बनकर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
रोहित सक्सेना :
इस फेहरिस्त की शुरुआत ‘पार्लियामेंट्री बिजनेस’ के ग्रुप सीईओ व मैनेजिंग एडिटर रहे रोहित सक्सेना से करते हैं, जो अब सक्रिय राजनीति की दुनिया में अपने कदम रख चुके हैं। दरअसल, इस साल जून में उन्होंने उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्यता ग्रहण की थी। हालांकि अक्टूबर में उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।
वैसे दो दशक से ज्यादा समय तक प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपनी सेवाएं दे चुके रोहित सक्सेना की खेलों में भी रुचि रही है। वे ताइक्वांडो के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं और कई बार अपने वेट के यूपी चैंपियन रहने के साथ कोरिया से 2nd DAN ब्लैक बेल्ट हैं। देश के कई खेल संगठनों (ताइक्वांडो, बॉक्सिंग और बॉड़ी बिल्डिंग) के चेयरमैन और अध्यक्ष होने के साथ 21 वर्षो में मीडिया के शुरुआती पद से ग्रुप सीईओ तक का मुकाम हासिल किया है। रोहित भारत सरकार की मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल काउंसिल के वारिष्ठ सलाहकार भी हैं।
खेलों और समाज के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए उन्हें कुछ महीने पहले एशिया पैसिफिक चैंबर ऑफ कॉमर्स व टोंगा की कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी की ओर से ‘एशिया पैसिफिक एक्सिलेंस अवॉर्ड’ के लिए चुना जा चुका है। यह सम्मान उन्हें ‘मोस्ट प्रॉमिसिंग पर्सनॉलिटी ऑफ द ईयर’ कैटेगरी के तहत मिला।
आनंद दुबे :
जुलाई में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने 15 प्रदेश प्रवक्ता की घोषणा की, जिसमें मऊ जनपद के निवासी व जी न्यूज के पूर्व पत्रकार आनंद दुबे का नाम भी शामिल था। आनंद दुबे ‘जी न्यूज’ में पांच वर्षों तक रहे। उन्होंने जुलाई, 2014 में जी न्यूज जॉइन किया था। वे यहां सीनियर प्रड्यूसर थे। इसके पहले वे पी7 न्यूज चैनल में दो साल तक रहे। इसके अतिरिक्त आनंद दुबे ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। वे ‘इंडिया टीवी’, ‘सहारा समय’, ‘नवभारत टाइम्स’ और ‘अमर उजाला’ में काम कर चुके हैं।
इसके अतिरिक्त उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ और ‘हिन्दुस्तान’ फ्रीलांसर के तौर पर योगादन दिया है।
जवाहर सरकार :
पूर्व नौकरशाह और ‘प्रसार भारती’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रहे जवाहर सरकार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस साल जुलाई में राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा के लिए उपचुनाव में निर्विरोध चुन लिया गया। जवाहर सरकार तृणमूल कांग्रेस सदस्य दिनेश त्रिवेदी द्वारा सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद खाली हुयी सीट के लिए चुने गए थे। त्रिवेदी बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।
लगभग 70 वर्ष के जवाहर सरकार कोलकाता के रहने वाले हैं। जवाहर सरकार ने राजनीति शास्त्र में ऑनर्स के साथ स्नातक, समाज शास्त्र में एक एम.ए और इतिहास में और एक एम.ए किया है। वह यूनाइटेड किंगडम के कैंब्रिज तथा ससेक्स विश्वविद्यालयों से प्रशिक्षित होने के अलावा न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं।
डॉ. पंकज श्रीवास्तव :
सितंबर में कांग्रेस पार्टी ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ. पंकज श्रीवास्तव को मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया। बता दें कि डॉ. श्रीवास्तव को इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में काम करने का दो दशकों से ज्यादा का अनुभव रहा है।
उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत ‘अमर उजाला’ अखबार से की थी। इसके बाद वे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आ गए और लखनऊ में ‘स्टार न्यूज’ (अब एबीपी न्यूज) से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। लखनऊ के बाद उन्होंने नई दिल्ली में ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया), ‘सहारा समय’, ‘सूर्या समाचार’ व ‘स्वराज न्यूज’ चैनल में अपना योगदान दिया।
अवनीश त्यागी :
सितंबर में वरिष्ठ पत्रकार अवनीश त्यागी ने भारतीय जनता पार्टी को जॉइन कर लिया और उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें बीजेपी का प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया। बता दें कि अवनीश त्यागी उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। वह काफी समय तक राजधानी लखनऊ में हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ के राज्य ब्यूरो में कार्यरत रहे हैं और कुछ महीने पहले ही वहां से सेवानिवृत्त हुए हैं।
प्रदीप यादव :
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप यादव ने इस साल अक्टूबर में पत्रकारिता को अलविदा कह दिया और इसके बाद उन्होंने लखनऊ में अपने कुछ साथियों के साथ ‘आम आदमी पार्टी’ (आप) की सदस्यता ग्रहण कर ली। मूल रूप से इटावा के रहने वाले प्रदीप यादव को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। इस दौरान वह तमाम बड़े मीडिया संस्थानों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वह पिछले करीब पांच साल से टाइम्स समूह में कार्यरत थे।
प्रदीप यादव ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत कानपुर से दैनिक जागरण समूह के साथ की थी। उसके बाद वह लखनऊ में हिंदी दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ से जुड़ गए और यहां करीब पांच वर्ष तक कार्य किया। इसके बाद वह दिल्ली चले गए, जहां ‘जी बिजनेस’ में चार वर्षों तक काम किया। पिछले करीब 5 सालों से वह टाइम्स समूह में कार्यरत थे। इस दौरान वह 'इकनॉमिक टाइम्स' के ऑनलाइन संस्करण में रहे और अंत में 'नवभारत टाइम्स' के डिजिटल संस्करण के लिए काम कर रहे थे।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो प्रदीप यादव ने राजनीति विज्ञान और पत्रकारिता विषय में एमए किया है। इसके अलावा उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता एवं सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा किया है।
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अवधेश कुमार को हिंदी भाषा और रचनात्मक लेखन में उल्लेखनीय योगदान के लिए पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान से सम्मानित किया गया।
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Samachar4media Bureau
वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक अवधेश कुमार को उनके उत्कृष्ट रचनात्मक लेखन और हिंदी भाषा के प्रति समर्पण के लिए पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान से नवाजा गया है। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 के अवसर पर उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी मौजूद रहे। अवधेश कुमार लंबे समय से भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दों और राष्ट्रीय परिदृश्यों पर अपनी गहन और विश्लेषणात्मक लेखनी के लिए जाने जाते हैं। वे अमर उजाला के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘खबरों के खिलाड़ी’ से भी जुड़े हुए हैं और सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
यह सम्मान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंडित माधवराव सप्रे की स्मृति में आरंभ किया गया है। पंडित सप्रे हिन्दी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर और छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के जनक माने जाते हैं। यह पुरस्कार हर वर्ष ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है, जो मीडिया, साहित्य और हिंदी भाषा के क्षेत्र में विशिष्ट रचनात्मक योगदान देकर राष्ट्र की प्रतिष्ठा बढ़ाए। अवधेश कुमार को यह सम्मान उनके लेखन, विचारों और हिंदी के प्रति समर्पण की मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और राज्यों से कहा कि वे पुलिस द्वारा मीडिया को ब्रीफिंग देने के लिए बनाए जाने वाले प्रस्तावित मैनुअल पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
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Samachar4media Bureau
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के लिए एक नया मैनुअल बनाने का निर्देश दिया है। यह मैनुअल संवेदनशील मामलों में मीडिया को ब्रीफिंग देते समय आरोपियों और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करेगा। इसका मुख्य मकसद यह है कि मीडिया ट्रायल न हो और पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी सही और संतुलित हो।
इस मैनुअल में यह बताया जाएगा कि मीडिया ब्रीफिंग के दौरान क्या करें और क्या न करें। खासकर ऐसे शब्दों से बचना होगा जो किसी व्यक्ति को कलंकित करें, पीड़ित को दोष दें, या नैतिक टिप्पणियाँ करें। साथ ही, पीड़ितों के नाम, चेहरे, आवाज़ और परिवार की जानकारी को छुपाने पर जोर दिया गया है ताकि दोबारा चोट न पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि यह दस्तावेज़ बहुत विस्तार से तैयार किया गया है। जस्टिस एमएम सुंदरश और सतीश चंद्र शर्मा ने वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायणन की सराहना की, जिन्होंने अमिकस क्यूरी के रूप में इस मैनुअल को तैयार किया। अब केंद्र और राज्यों को इसे देखकर अपनी प्रतिक्रिया देनी होगी।
यह मामला पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ (PUCL) की 1999 में दायर याचिका से जुड़ा है। उस याचिका में पुलिस एनकाउंटर और मीडिया ब्रीफिंग के लिए दिशानिर्देश बनाने की जरूरत बताई गई थी। कोर्ट ने कई अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई की।
मैनुअल का उद्देश्य जांच की सुरक्षा, नागरिकों को सही और समय पर जानकारी, अपराध पीड़ितों की गरिमा और प्राइवेसी, और आरोपी, गवाह और संदिग्ध को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार सुनिश्चित करना है।
इस दस्तावेज़ में मीडिया ब्रीफिंग सेल बनाने और एक प्रवक्ता नियुक्त करने का सुझाव दिया गया है। केवल वही प्रवक्ता प्रेस रिलीज़, मीडिया ब्रीफिंग और सोशल मीडिया अपडेट साझा करेगा। सभी जानकारी पुलिस के कानूनी अधिकारियों और अभियोजन विभाग द्वारा जांच के बाद ही दी जाएगी।
ड्राफ्ट में कहा गया है कि पुलिस केवल सही, जांची हुई और आवश्यक जानकारी ही साझा करे। मीडिया ब्रीफिंग को कानूनी, आवश्यक, अनुपातिक और जवाबदेह होना चाहिए। पुलिस को मामले की मेरिट, सबूत, कथित कबूलनामे, जांच तकनीक या निगरानी तरीकों पर टिप्पणी करने से बचना होगा। वहीं, मीडिया में फैल रही गलत जानकारी को सुधारना होगा।
दस्तावेज़ चार हिस्सों में बांटा गया है। इसमें बताया गया है कि मीडिया को कैसे ब्रीफ करें, कानूनी और नीति संबंधी नियम, प्रेस रिलीज़ और ब्रीफिंग प्रोटोकॉल, संकट के समय संचार, हिरासत में मौत, आत्महत्या, लापता व्यक्तियों के मामले और मीडिया को ब्रीफ करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी क्या होगी।
2010 में गृह मंत्रालय ने अरुषि तलवार हत्याकांड के बाद संक्षिप्त दिशानिर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी केंद्र को समान दिशानिर्देश लाने के लिए कहा था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मीडिया की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत सुरक्षित है, लेकिन जांच के दौरान हर आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का हक है और मीडिया ट्रायल में किसी को पहले से दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
देश की अग्रणी एंटरटेनमेंट कंपनी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड ने अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए बालाजी स्टूडियो का शुभारंभ किया है।
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Samachar4media Bureau
देश की अग्रणी एंटरटेनमेंट कंपनी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड ने अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए बालाजी स्टूडियो का शुभारंभ किया है। यह सिर्फ एक प्रोडक्शन यूनिट नहीं, बल्कि एक क्रिएटिव इकोसिस्टम है, जो नए और स्वतंत्र टैलेंट को अवसर, संसाधन और समर्थन देकर उन्हें अपनी कहानियां बनाने की पूरी आजादी देगा। स्टूडियो का मकसद है OTT और टीवी दोनों प्लेटफॉर्म्स के लिए नई और गुणवत्तापूर्ण कहानी पेश करना।
बालाजी स्टूडियो एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां साहसिक विचार, नई सोच और एक्सपेरिमेंटेशन को प्रोत्साहन मिलेगा। यह स्टूडियो टैलेंट को तकनीकी और क्रिएटिव समर्थन के साथ-साथ एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर भी देगा, ताकि वे अपने विचारों को वास्तविकता में बदल सकें।
जैसे-जैसे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में डिजिटल कंटेंट और दर्शकों की पसंद बदल रही है, बालाजी स्टूडियो भविष्य के लिए तैयार हब के रूप में उभरता है। यह न सिर्फ कंटेंट बनाने में मदद करेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स, ब्रांड्स और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ साझेदारी कर नई कमाई के अवसर भी खोलेगा।
बालाजी टेलीफिल्म्स की फाउंडर और जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एकता आर कपूर ने कहा, “बालाजी स्टूडियो सिर्फ एक नया बिजनेस वर्टिकल नहीं, बल्कि भारतीय एंटरटेनमेंट का भविष्य सभी क्रिएटिव्स के लिए खुला है। हम उन टैलेंट और ऑरिजिनल वॉइसेज के लिए एक घर बना रहे हैं जो नई कहानियों और नए दृष्टिकोण लेकर आएंगे।”
चीफ रेवेन्यू ऑफिसर नितिन बर्मन ने बताया, “बालाजी स्टूडियो वह जगह है जहाँ क्रिएटिविटी और कमर्शियल विजन मिलते हैं। यहाँ नए आइडियाज को सही दिशा, स्केलेबिलिटी और दर्शकों तक पहुँच का समर्थन मिलेगा। स्टूडियो की खासियत है इसका क्रिएटिव फ्रीडम और स्ट्रैटेजिक फोकस का संतुलन।”
स्टूडियो का लक्ष्य है कि सीनियर प्रोफेशनल्स और नए टैलेंट दोनों को अवसर मिलें, जिससे वे नए और इनोवेटिव कंटेंट के साथ दर्शकों से जुड़ सकें। बालाजी स्टूडियो कंटेंट क्रिएशन के नए तरीके खोजने और इंडस्ट्री में रचनात्मक साझेदारियों को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देगा।
बालाजी टेलीफिल्म्स भारत की प्रमुख एंटरटेनमेंट कंपनी है, जो टीवी, फिल्मों और डिजिटल कंटेंट में काम करती है। शौभा कपूर और एकता कपूर के नेतृत्व में कंपनी ने पिछले दो दशकों में टीवी इंडस्ट्री में मजबूत पकड़ बनाई है। कंपनी ने क्यूंकि सास भी कभी बहु थी, कहानी घर घर की, कसौटी जिंदगी की जैसे हिट धारावाहिक और नागिन 1 से 6 तक की लोकप्रिय फैंटेसी सीरीज बनाई है।
फिल्मों में भी कंपनी ने द डर्टी पिक्चर, एलएसडी, एक विलेन, उड़ता पंजाब, वीरे दी वेडिंग, ड्रीम गर्ल जैसी सफल और अलग तरह की फिल्मों का निर्माण किया है। बालाजी टेलीफिल्म्स का उद्देश्य हमेशा कहानी कहने के नए तरीके और क्रिएटिव एक्सपेरिमेंट लाना रहा है।
‘आईटीवी नेटवर्क’ से पहले वह ‘News Corridors’, ‘News Nation’, ‘News24’, ‘Zee Hindustan’ और ‘News18’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में विभिन्न पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
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वरिष्ठ पत्रकार कुलभास्कर ओझा अब ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV) की टीम में शामिल हो गए हैं। उन्होंने यहां आउटपुट डिपार्टमेंट में बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन किया है।
वह नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) नेशलन में अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। वह दिल्ली से अपना कामकाज संभालेंगे।
कुलभास्कर ओझा को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। ‘आईटीवी नेटवर्क’ से पहले वह ‘News Corridors’, ‘News Nation’, ‘News24’, ‘Zee Hindustan’ और ‘News18’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में विभिन्न पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से कुलभास्कर ओझा को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
वरिष्ठ पत्रकार अनुज खरे ने मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज कर दिया है। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व ही ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में अपनी पारी को विराम दिया था।
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वरिष्ठ पत्रकार अनुज खरे ने 'जी मीडिया' (Zee Media) के साथ अपनी नई पारी का आगाज कर दिया है। उन्होंने इस समूह के डिजिटल वर्टिकल Indiadotcom Digital Private Limited (IDPL) में बतौर ग्रुप एडिटर जॉइन किया है। अपनी इस भूमिका में वह ‘IDPL’ की सभी वेबसाइट्स और सोशल प्लेटफॉर्म्स की संपादकीय रणनीति का नेतृत्व करेंगे।
गौरतलब है कि अनुज खरे ने कुछ दिनों पूर्व ही ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में अपनी पारी को विराम दिया था। वह ‘आजतक’ (डिजिटल) में बतौर एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके अलावा यहां ‘गुड न्यूज टुडे’ (GNT) की जिम्मेदारी के साथ-साथ वह ‘किसान तक’ (Kisan Tak) के मेंटर के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहे थे।
अनुज खरे करीब साढ़े चार साल से ‘इंडिया टुडे’ समूह में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। शुरुआत में वह ‘आजतक’ के ‘तक’ डिजिटल ऐप्स में क्लस्टर हेड (ऐप एंड साइट) का पदभार संभाल रहे थे। करीब पौने तीन साल पहले ‘आजतक’ (डिजिटल) में एग्जिक्यूटिव एडिटर पाणिनि आनंद द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उनकी जगह यह कमान बतौर एडिटर अनुज खरे को सौंपी गई थी।
बता दें कि ‘जी मीडिया’ के साथ अनुज खरे की यह दूसरी पारी है। ‘इंडिया टुडे’ में अपनी पारी शुरू करने से पहले अनुज खरे ‘जी मीडिया’ में एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे। वह अगस्त, 2020 में ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) ग्रुप से ‘जी मीडिया’ आए थे। उन्होंने ‘दैनिक भास्कर’ में एक लंबी पारी खेली और इस दौरान उन्हें ग्रुप के हिंदी न्यूज पोर्टल ‘दैनिक भास्कर’ (dainikbhaskar.com) को शीर्ष तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है।
वह वर्ष 2012 से 2015 तक ग्रुप की गुजराती वेबसाइट ‘दिव्यभास्कर’ (divyabhaskar.com) के एडिटर रहे और इसके अलावा उन्होंने भास्कर ग्रुप की मराठी न्यूज वेबसाइट ‘दिव्यमराठी’ (divyamarathi.com) का भी लंबे समय तक नेतृत्व किया।
वह भास्कर समूह के प्रिंट विंग में एडिटर और ग्रुप हेड मैगजीन्स के तौर पर भी काम कर चुके हैं। जयपुर सिटी भास्कर सहित उन्हें राजस्थान में दैनिक भास्कर समूह के कई संस्करणों की लॉन्चिग का श्रेय भी दिया जाता है। अनुज खरे के नेतृत्व में ही इंडिया टुडे ग्रुप की साइट आजतक ने गोल्ड कैटेगरी में अवॉर्ड और ‘जी मीडिया’ के रीजनल न्यूज पोर्टल जी उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड ने एक्सचेंज4मीडिया के बहुप्रतिष्ठित 'enba' अवॉर्ड में बेस्ट माइक्रो साइट का गोल्ड का खिताब अपने नाम किया था। Digital Media Asia, Singapore सहित दुनियाभर की कई डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सेदारी कर चुके अनुज खरे डिजिटल वर्ल्ड में अपने क्रिएटिव आइडिएशन और इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं।
अनुज खरे जाने-माने व्यंग्यकार भी हैं। कई अखबारों और मैगजीन्स में उनके नियमित कॉलम प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने 21वीं सदी के 251 अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकारों में जगह बनाई थी। इसके अतिरिक्त उन्होंने देशभर के कई लिटरेचर फेस्टिवल भी होस्ट किए हैं, जिसमें ‘जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल’ और विश्व पुस्तक मेला दिल्ली भी शामिल है।
अनुज खरे तीन किताबों के लेखक भी हैं, जिनमें ‘बातें बेमतलब’, ‘परम श्रद्धेय मैं खुद’ और ‘चिल्लर चिंतन’ शामिल है। वह लेखनशैली के दम पर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज करा चुके हैं। दरअसल यह सम्मान उन्हें ऐसे ट्वींस ब्रदर्स के लिए दिया गया, जिनके नाम 6 टाइटल बुक हैं, जिनमें से तीन बुक इनके और तीन इनके भाई के नाम हैं। उन्हें व्यंग्य क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित `अट्टहास युवा सम्मान` से भी नवाजा जा चुका है। उनके अलग शैली के नाटक `नौटंकी राजा` के दिल्ली सहित कई शहरों में कई शो हो चुके हैं।
मीडिया में दो दशक से ज्यादा समय से सक्रिय अनुज खरे को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मध्य प्रदेश प्रेस एसोसिएशन की ओर से एमपी रत्न सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो इतिहास और पुरातत्व में स्नातक अनुज खरे ने भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उन्हें यूजीसी की प्रतिष्ठित जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) भी प्राप्त है।
IIM अहमदाबाद से लीडरशिप कोर्स करने के साथ-साथ अनुज खरे FTII पुणे से फिल्म एप्रिशिएशन का कोर्स भी कर चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से अनुज खरे को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में आशीष कुमार सिन्हा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि वह अब अपने एक प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहे हैं और जल्द ही इसके बारे में बताएंगे।
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Samachar4media Bureau
हिंदी न्यूज चैनल 'India Daily 24*7' में लीगल एडिटर और सीनियर एंकर की भूमिका निभा रहे जाने माने पत्रकार आशीष कुमार सिन्हा ने यहां अपनी पारी को विराम दे दिया है।
समाचार4मीडिया से बातचीत में आशीष कुमार सिन्हा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि वह अब अपने एक प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहे हैं और जल्द ही इसके बारे में बताएंगे।
बता दें कि 'India Daily 24*7' से पहले आशीष कुमार 'इंडिया न्यूज' में सीनियर एडिटर के पद पर कार्यरत थे। वह यहां साल 2014 से जुलाई, 2024 तक जुड़े हुए थे और सीनियर एंकर की जिम्मेदारी भी निभा रहे थे।
'इंडिया न्यूज' के कर्तव्यों के साथ-साथ आशीष पर डिजिटल वर्टिकल 'लीगली स्पीकिंग' की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी थी। आशीष की पकड़ हिंदी, भोजपुरी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा पर भी है। एक रिपोर्टर के तौर पर उन्हें न केवल उत्तर भारत बल्कि दक्षिण, उत्तर पूर्व, उत्तर पश्चिम में भी न्यूज कवरेज का अनुभव है।
कानूनी मामलों से जुड़ी खबरों पर आशीष की अच्छी पकड़ है। लिहाजा वह आईटीवी नेटवर्क के अन्य वेंचर्स 'द दिल्ली गार्जियन', 'बिजनेस गार्जियन', 'संडे गार्जियन' (अंग्रेजी वर्टिकल) और 'आज समाज' (हिंदी वर्टिकल) को भी लीगल कंटेंट प्रदान करते थे। इसके अतिरिक्त वह अंग्रेजी न्यूज चैनल 'NewsX' को भी कंटेंट देते थे।
पत्रकारिता में मास्टर करने के बाद उन्होंने 2008 में 'A2Z' न्यूज चैनल से अपना प्रोफेशनल सफर शुरू किया। इसके बाद 'CNEB' न्यूज चैनल में स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट के तौर पर काम किया, फिर 2014 में ITV नेटवर्क से जुड़े थे और 'इंडिया न्यूज' के सीनियर एडिटर के तौर पर काम कर रहे थे। इसके बाद यहां से बाय बोलकर उन्होंने 'India Daily 24*7' जॉइन कर लिया था।
मूल रूप से यूपी के वाराणसी के रहने वाले आशीष को 2017 में बेस्ट टीवी न्यूज रिपोर्टिंग और स्क्रिप्टिंग के लिए 'रामनाथ गोयनका' अवॉर्ड और 2023 में 'समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40 अंडर 40' अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
समाचार4मीडिया की ओर से आशीष कुमार सिन्हा को उनके प्रोजेक्ट के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
पर्पल एंटरटेनमेंट लिमिटेड की बोर्ड मीटिंग मंगलवार, 4 नवंबर को शाम 4 बजे कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस में हुई। मीटिंग में बोर्ड ने कुछ अहम फैसले किए।
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Vikas Saxena
पर्पल एंटरटेनमेंट लिमिटेड की बोर्ड मीटिंग मंगलवार, 4 नवंबर को शाम 4 बजे कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस में हुई। मीटिंग में बोर्ड ने कुछ अहम फैसले किए।
सबसे पहले, नॉमिनेशन और रिम्यूनरेशन कमिटी की सिफारिश पर, मंथन गुमानसिंह ठाकुर को कंपनी का अतिरिक्त स्वतंत्र डायरेक्टर नियुक्त किया गया।
इसके अलावा, प्रदीप सुधाकरभाई बिरवार को अतिरिक्त नॉन-एग्जिक्यूटिव और नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल रोटेशन के आधार पर तय होगा। ये दोनों ही नियुक्तियां पांच साल के लिए होंगी और यह कंपनी के सदस्यों की मंजूरी पर निर्भर है।
मीटिंग में कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस को भी शिफ्ट करने का फैसला किया गया। अब ऑफिस 30-B, अजंता कॉम्प्लेक्स, आश्रम रोड से B301, टाइटेनियम सिटी सेंटर, सैटेलाइट, अहमदाबाद स्थानांतरित होगा। यह शिफ्ट शहर के भीतर ही किया गया है।
बता दें कि पर्पल एंटरटेनमेंट लिमिटेड एक भारतीय सार्वजनिक कंपनी है, जो यह शॉर्ट फिल्म्स, ऐड फिल्म्स और लाइव शो के निर्माण में संलग्न है। कंपनी का गठन 1974 में हुआ था और इसका पंजीकृत कार्यालय अहमदाबाद में है।
भारत एक्सप्रेस और भारत डायलॉग्स के संयुक्त प्रयास से 7 से 9 नवंबर 2025 तक ‘गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल’ का आयोजन होगा। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा साहित्यिक और सांस्कृतिक उत्सव माना जा रहा है।
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Samachar4media Bureau
पूर्वांचल की धरती पर पहली बार इतना बड़ा साहित्यिक आयोजन होने जा रहा है। ‘गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025’ का आयोजन 7 से 9 नवंबर तक भारत एक्सप्रेस और भारत डायलॉग्स के सहयोग से किया जाएगा। फेस्टिवल निदेशक विवेक सत्यमित्रम् ने बताया कि यह कार्यक्रम वाराणसी और गाजीपुर के विभिन्न स्थलों पर आयोजित होगा।
पहले दिन यानी 7 नवंबर को इसका उद्घाटन वाराणसी के होटल दी क्लार्क्स में होगा, जबकि 8 और 9 नवंबर को होटल नंद रेजिडेंसी और लंका के प्राचीन रामलीला मैदान में मुख्य कार्यक्रम होंगे। “जड़ों की ओर” विषय पर आधारित इस फेस्टिवल में देश-विदेश से 200 से अधिक लेखक, कवि, इतिहासकार, कलाकार और राजनयिक शामिल होंगे।
इस आयोजन में गिरमिटिया समाज के इतिहास, साहित्य और भारत से उनके संबंधों पर विशेष सत्र होंगे। स्वामी सहजानंद सरस्वती, राही मासूम रज़ा, कुबेर नाथ राय और डॉ. विवेकी राय जैसी विभूतियों को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी। आयोजक इसे गाजीपुर की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास मान रहे हैं।
भारतीय मीडिया कंपनी Sun TV Network Limited ने अपनी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है।
by
Vikas Saxena
भारतीय मीडिया कंपनी Sun TV Network Limited ने अपनी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। कंपनी की पूरी तरह से स्वामित्व वाली लंदन, यूके की सहायक कंपनी का नाम Northern Superchargers Limited से बदलकर Sunrisers Leeds Limited कर दिया गया है। बता दें कि यह कंपनी इसी नाम से ही UK की क्रिकेट टीम Northern Superchargers का संचालन करती है। यह टीम UK की “The Hundred” क्रिकेट लीग की आठ फ्रैंचाइजीस में से एक है।
कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है और यह सभी नियामक आवश्यकताओं के अनुरूप किया गया।
हालांकि नाम बदलने के पीछे के विशिष्ट कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन आमतौर पर इस तरह के रीब्रैंडिंग कदम किसी कंपनी की रणनीतिक दिशा या संचालन में बदलाव को दर्शाते हैं। नया नाम Sunrisers Leeds Limited मूल कंपनी के “Sun” ब्रैंड से जुड़ाव दिखाता है, जो अंतरराष्ट्रीय सहायक कंपनियों में ब्रैंडिंग को एकसाथ लाने की कोशिश हो सकती है।
यह घोषणा SEBI के Regulation 30 (Listing Obligations and Disclosure Requirements, 2015) के अनुरूप की गई है। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सूचीबद्ध कंपनियां अपने शेयरधारकों और जनता को ऐसे महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट बदलावों की समय पर जानकारी दें जो निवेश निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।
गौरतलब है कि Sun TV Network ने UK की क्रिकेट टीम Northern Superchargers का पूरा स्वामित्व (100% शेयर) इस साल जुलाई में खरीद लिया है। यह कदम Sun TV Network के खेल व्यवसाय (sports portfolio) को बढ़ाने के लिए उठाया गया था। कंपनी पहले से ही IPL में SunRisers Hyderabad और SA20 लीग में SunRisers Eastern Cape जैसी टीमों में शामिल है। इस डील की कीमत 100.5 मिलियन पाउंड है। कंपनी के बोर्ड ने इसे 18 जुलाई 2025 को मंजूरी दी थी और इसे 31 दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
Northern Superchargers की स्थापना 11 मई 2019 को हुई थी। FY24 में इसका टर्नओवर 1.89 मिलियन पाउंड था। FY23 और FY22 में इसके टर्नओवर क्रमशः 1.99 मिलियन पाउंड और 1.49 मिलियन पाउंड थे।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने रविवार सुबह पंजाब पुलिस द्वारा राज्यभर में अखबारों की गाड़ियों को रोकने और जांचने की घटना पर गहरी चिंता जताई है।
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Samachar4media Bureau
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने रविवार सुबह पंजाब पुलिस द्वारा राज्यभर में अखबारों की गाड़ियों को रोकने और जांचने की घटना पर गहरी चिंता जताई है। क्लब ने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई से पूरे राज्य में अखबारों की आपूर्ति लगभग ठप हो गई।
प्रेस क्लब ने बताया कि पंजाब के कई जिलों में अखबारों को ले जा रही गाड़ियों को जगह-जगह रोका गया, उनकी तलाशी ली गई और कुछ वाहनों को तो आगे की जांच के लिए थाने तक ले जाया गया। इस दौरान वाहन चालकों और कर्मचारियों को परेशान किया गया और डराया-धमकाया गया।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पंजाब पुलिस की इस मनमानी की कड़ी निंदा की है। संस्था ने कहा कि इस तरह का रवैया प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है, जो देश के मूलभूत अधिकारों में से एक है।
प्रेस क्लब ने पंजाब सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि स्थिति सामान्य की जा सके और राज्यभर में अखबारों की निर्बाध आपूर्ति फिर से शुरू हो सके।