सरकार अब पारंपरिक मीडिया यानी अखबार, रेडियो और टीवी को डिजिटल युग के झटकों से बचाने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सरकार अब पारंपरिक मीडिया यानी अखबार, रेडियो और टीवी को डिजिटल युग के झटकों से बचाने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बताया कि सरकार मीडिया सेक्टर में मौजूद रुकावटों को हटाने और कई अहम सुधार लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
रेडियो और टीवी के नियमों में बदलाव की तैयारी
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का मकसद मीडिया सेक्टर में मौजूद सभी तरह की नियामकीय बाधाओं को खत्म करना है। इसके तहत रेडियो लाइसेंसिंग के नियमों में ढील देने और टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) सिस्टम में सुधार की योजना पर काम चल रहा है।
टीआरपी सिस्टम के लिए नए दिशानिर्देश बन रहे हैं
वैष्णव ने बताया कि सरकार नए टीआरपी दिशानिर्देश तैयार कर रही है ताकि टीवी चैनलों को राजस्व (revenue) का न्यायसंगत बंटवारा मिल सके, खासकर सरकारी विज्ञापनों से। उन्होंने कहा कि टीआरपी ढांचे पर पहली चरण की चर्चा पूरी हो चुकी है और अब हितधारकों (stakeholders) के सुझावों को शामिल करते हुए दूसरी परामर्श रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी।
अखबारों और टीवी को मिलेगी विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार पारंपरिक मीडिया संस्थानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अखबारों और टीवी चैनलों के विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी पर भी विचार कर रही है। इससे इन संस्थानों को अतिरिक्त राजस्व का लाभ मिलेगा।
तीन प्रमुख संस्थाओं का होगा एकीकरण
सरकार प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन (CBC) और रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर फॉर इंडिया (RNI) को एक साथ लाने की दिशा में भी काम कर रही है। इसका मकसद नियमों को सरल बनाना और नीति निर्माण से लेकर मीडिया संचार तक बेहतर तालमेल स्थापित करना है।
फेक न्यूज रोकने के लिए बनेगा चैटबॉट
सरकार की फैक्ट-चेक पहल के तहत एक चैटबॉट भी बनाया जा रहा है, जो वीडियो और ऑनलाइन कंटेंट की सच्चाई की जांच में मदद करेगा।
पीआईबी का विस्तार और शोध आधारित रिपोर्ट्स
वैष्णव ने बताया कि पीआईबी ने अपनी जनसंपर्क गतिविधियों को और बढ़ाया है और अब वह महत्वपूर्ण विषयों पर शोध आधारित रिपोर्ट और पृष्ठभूमि दस्तावेज भी तैयार कर रहा है, ताकि जनता तक सटीक और भरोसेमंद जानकारी पहुंचाई जा सके।
'द वॉशिंगटन पोस्ट' में दावा किया गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में करीब 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर एक नए विवाद की आंच उठी है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में करीब 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया। इस खबर के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है और संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।
अमेरिकी रिपोर्ट का हवाला देकर उठे सवाल
कांग्रेस नेताओं ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है, वह 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि जब गौतम अडाणी की कंपनियां भारी कर्ज के बोझ और रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रही थीं, तब LIC और केंद्र सरकार ने मई 2025 में समूह में भारी निवेश किया।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
LIC ने रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज किया
इस विवाद पर LIC ने अपनी सफाई जारी करते हुए अमेरिकी रिपोर्ट को गलत, भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है। कंपनी ने कहा कि उसके सभी निवेश पूरी पारदर्शिता, जिम्मेदारी और नियामकीय जांच के तहत किए जाते हैं। LIC ने यह भी साफ किया कि रिपोर्ट में जिन दस्तावेजों या योजनाओं का जिक्र है, उनका कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि यह रिपोर्ट LIC की साख और भारतीय वित्तीय व्यवस्था की विश्वसनीयता को कमजोर करने की कोशिश है।
कांग्रेस का पलटवार- “यह सिर्फ निवेश नहीं, पूरा घोटाला है”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे “एक बहुत बड़ा घोटाला” बताया है। उनके मुताबिक, यह मामला सिर्फ निवेश का नहीं बल्कि कई स्तरों पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से जुड़ा है।
रमेश ने कहा कि —
सरकार और कंपनी दोनों पर बढ़ रहा है दबाव
कांग्रेस और विपक्षी दलों के आरोपों के बाद अब इस मुद्दे ने सियासी तूल पकड़ लिया है। जहां एक तरफ कांग्रेस जांच और जवाबदेही की मांग कर रही है, वहीं LIC का कहना है कि उसके सभी निवेश प्रोफेशनल तरीके से और नियमानुसार किए गए हैं।
अब देखना यह होगा कि PAC या अन्य संसदीय समितियां इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती हैं, क्योंकि मामला अब केवल वित्तीय नहीं बल्कि जनविश्वास और पारदर्शिता से जुड़ा हुआ है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने दिव्यांगजनों, विशेषकर सुनने और देखने में अक्षम व्यक्तियों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने से जुड़ी मसौदा गाइडलाइंस पर सुझाव भेजने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने दिव्यांगजनों, विशेषकर सुनने और देखने में अक्षम व्यक्तियों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने से जुड़ी मसौदा गाइडलाइंस पर सुझाव भेजने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। अब लोग और स्टेकहोल्डर्स अपने सुझाव 7 नवंबर 2025 तक भेज सकते हैं।
मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को जारी नोटिस में कहा कि पहले तय की गई समयसीमा 22 अक्टूबर 2025 थी, लेकिन अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इसे आगे बढ़ाया गया है। इच्छुक व्यक्ति अपने सुझाव Word या PDF फॉर्मेट में digital-media@mib.gov.in पर भेज सकते हैं।
दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने की दिशा में अहम कदम
ये मसौदा गाइडलाइंस 7 अक्टूबर को जारी की गई थीं और इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद मनोरंजन और सूचनात्मक कंटेंट दिव्यांगजनों के लिए भी आसानी से उपलब्ध हो सके। यह कदम भारत के संवैधानिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप है, जो समान अवसर और समावेशिता की गारंटी देते हैं।
कैप्शन, ऑडियो डिस्क्रिप्शन और साइन लैंग्वेज की सुविधा
मसौदे के मुताबिक, OTT प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट में ऐसी सुविधाएं जोड़नी होंगी जिससे सुनने या देखने में असमर्थ लोग भी उसे समझ सकें। इनमें क्लोज़्ड और ओपन कैप्शन, ऑडियो डिस्क्रिप्शन, और इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) इंटरप्रिटेशन जैसी विशेषताएं शामिल होंगी।
छह महीने में नए कंटेंट पर और दो साल में पुराने कंटेंट पर लागू होगा नियम
एक बार गाइडलाइंस लागू हो जाने के बाद, OTT प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि नया अपलोड किया गया हर कंटेंट छह महीने के भीतर कम से कम एक एक्सेसिबिलिटी फीचर के साथ उपलब्ध हो। वहीं, पुराना कंटेंट 24 महीनों (दो साल) के भीतर पूरी तरह सुलभ बनाया जाना होगा।
निगरानी समिति रखेगी अमल पर नजर
इस गाइडलाइन को सही तरीके से लागू कराने के लिए मंत्रालय एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाएगा, जिसकी अध्यक्षता जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी करेंगे। यह समिति हर तीन महीने में समीक्षा बैठक करेगी, प्रगति रिपोर्ट देखेगी, शिकायतें सुनेगी और जरूरी निर्देश जारी करेगी।
OTT प्लेटफॉर्म्स ने कहा– सराहनीय पहल, पर छोटे प्लेटफॉर्म्स के लिए चुनौती
OTT इंडस्ट्री ने मंत्रालय की इस पहल का स्वागत किया है। कई प्लेटफॉर्म्स ने कहा कि यह मसौदा “महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी” है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार, OTT कंपनियों और एक्सेसिबिलिटी एक्सपर्ट्स के बीच करीबी सहयोग जरूरी होगा। छोटे प्लेटफॉर्म्स के लिए तकनीकी और वित्तीय तैयारी करना एक बड़ी चुनौती होगी।
उनकी जगह ‘जी मीडिया’ में एडिटर के रूप में ‘जी’ (दिल्ली/हरियाणा/एनसीआर) की कमान संभाल रहे वरिष्ठ पत्रकार विनोद लांबा को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ पत्रकार और ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में एडिटर के पद पर ‘जी’ (पंजाब) की कमान संभाल रहे दीपक धीमान ने अपने पद से हटने का फैसला किया है। दीपक धीमान इस मीडिया संस्थान में करीब साढ़े तीन साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उनकी जगह ‘जी मीडिया’ में एडिटर के रूप में ‘जी’ (दिल्ली/हरियाणा/एनसीआर) की कमान संभाल रहे वरिष्ठ पत्रकार विनोद लांबा को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दीपक धीमान ने यह फैसला क्यों लिया और उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
‘जी मीडिया’ से पहले दीपक धीमान ‘दैनिक भास्कर’ समूह में स्टेट हेड के तौर पर कार्यरत थे। ‘दैनिक भास्कर’ के साथ उनका सफर करीब दस साल का रहा और इस मीडिया समूह के साथ उनकी यह दूसरी पारी थी।
दैनिक भास्कर से पहले दीपक धीमान ‘दिनभर मीडिया प्रा. लि.’ में मैनेजिंग एडिटर और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ समूह में स्टाफ करेसपॉन्डेंट के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
अभी तक ‘जी’ (पंजाब) के एडिटर के पद पर कार्यरत दीपक धीमान को कार्यमुक्त कर दिया गया है।
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‘जी मीडिया’ (Zee Media) ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद लांबा पर और अधिक भरोसा जताते हुए उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत अभी तक बतौर एडिटर ‘जी’(दिल्ली/ एनसीआर/हरियाणा) की कमान संभाल रहे विनोद लांबा को ‘जी’ (पंजाब) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं, अभी तक ‘जी’ (पंजाब) के एडिटर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे दीपक धीमान इस पद से कार्यमुक्त हो गए हैं।
इसी साल मार्च में बतौर एडिटर ‘जी’(दिल्ली/ एनसीआर/हरियाणा) के पद पर जॉइन करने के बाद से इतने कम समय में विनोद लांबा ने चैनल की प्रोग्रामिंग और कंटेंट में काफी सकारात्मक बदलाव किए हैं। इससे पहले विनोद लांबा ‘टोटल टीवी’ (Total TV) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
मूल रूप से फरीदाबाद के रहने वाले विनोद लांबा को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 18 साल से ज्यादा का अनुभव है। विनोद लांबा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2006 में ‘डीडी न्यूज’ से की थी। इसके बाद ‘डीडी स्पोर्ट्स’, ‘सीएनईबी’, ‘लाइव इंडिया’, ‘न्यूज24’, ‘इंडिया न्यूज’ और ‘टोटल टीवी’ होते हुए अब वह ‘जी मीडिया’ में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
विनोद लांबा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म इन कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस में पीजी डिप्लोमा किया है। इसके अलावा उन्होंने हरियाणा के हिसार स्थित गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से विनोद लांबा को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।
भारतीय मूल के वरिष्ठ पत्रकार और 'दि ऑस्ट्रेलिया टुडे' (The Australia Today) के मैनेजिंग एडिटर जय भारद्वाज को मेलबर्न प्रेस क्लब का वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त किया गया है।
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भारतीय मूल के वरिष्ठ पत्रकार और 'दि ऑस्ट्रेलिया टुडे' (The Australia Today) के मैनेजिंग एडिटर जय भारद्वाज को मेलबर्न प्रेस क्लब का वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त किया गया है। यह फैसला ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारिता में विविधता और समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
जय भारद्वाज इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति बन गए हैं। उनका यह सम्मान भारत के मीडिया जगत और दुनिया भर में बसे भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण है।
भारतीय न्यूजरूम से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया तक का सफर
ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले जय भारद्वाज ने भारत में टेलीविजन पत्रकारिता में एक शानदार करियर बनाया। उन्होंने जी न्यूज, IBN7, न्यूजएक्स और सहारा जैसे बड़े चैनलों के साथ काम किया और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अपनी गहरी समझ और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए पहचान बनाई।
ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उन्होंने SBS Radio से रेडियो जॉकी और एंकर के रूप में जुड़कर भारतीय और दक्षिण एशियाई समुदायों के बीच अपनी खास पहचान बनाई।
निर्भीक पत्रकारिता से हासिल की अंतरराष्ट्रीय पहचान
जय भारद्वाज तब अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए जब उनका भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ किया गया इंटरव्यू कनाडा सरकार ने बैन कर दिया। इस कदम की कड़ी आलोचना भारत के विदेश मंत्रालय और कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने की।
इस विवाद ने न सिर्फ कनाडा की सरकार की असहजता को उजागर किया बल्कि जय भारद्वाज की निष्पक्ष, संतुलित और बेखौफ पत्रकारिता की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया।
मेलबर्न प्रेस क्लब की नई टीम
मेलबर्न प्रेस क्लब, जो ऑस्ट्रेलिया के सबसे सम्मानित मीडिया संगठनों में से एक है, ने 22 अक्टूबर को अपनी वार्षिक बैठक के बाद नई टीम की घोषणा की।
नई टीम में माइकल बैचलार्ड (प्रेजिडेंट), हेडी मर्फी (वाइस प्रेजिडेंट), वेरोनिका स्कॉट (ट्रेजरर) और जे म्यूलर (सेक्रेटरी) शामिल हैं। इसके अलावा क्लब में पांच नए बोर्ड सदस्य भी जोड़े गए हैं, ताकि वित्त, साझेदारी और इंडस्ट्री एंगेजमेंट पर और मजबूती से काम किया जा सके।
भारतीय पत्रकारिता के लिए मील का पत्थर
जय भारद्वाज की यह नियुक्ति सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय पत्रकारों के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में भारत की मजबूत मीडिया आवाज का प्रतीक है।
उनकी सफलता यह भी दिखाती है कि भारतीय प्रोफेशनल अपनी ईमानदारी, संतुलित रिपोर्टिंग और सांस्कृतिक समझ के दम पर दुनिया भर में सम्मान और भरोसा हासिल कर रहे हैं।
कुलदीप पंवार इससे पहले करीब साढ़े तीन साल से ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे, जहां से कुछ समय पूर्व उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
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वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप पवार ने ‘टाइम्स’ (Times) समूह जॉइन कर लिया है। वह यहां ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में असिस्टेंट एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे और फिलहाल स्पोर्ट्स टीम को लीड करेंगे।
कुलदीप पंवार इससे पहले करीब साढ़े तीन साल से ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे और डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘डीएनए’ (हिंदी) में बतौर शिफ्ट हेड (न्यूज) अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। पिछले 3 महीने से वह ‘जी मीडिया’ के ही स्पोर्ट्स वेंचर Cricket Country के यूट्यूब हेड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। कुछ दिनों पूर्व उन्होंने इस समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया था।
‘जी मीडिया’ से पहले कुलदीप ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) डिजिटल में शिफ्ट एडिटर के पद पर भोपाल में कार्यरत थे, हालांकि, यहां उनका कार्यकाल एक साल से थोड़ा कम ही रहा।
मेरठ के रहने वाले कुलदीप पंवार को मीडिया में काम करने का करीब 21 साल का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘अमर उजाला’ मेरठ से की थी। इसके बाद वह यहां से बाय बोलकर ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) आ गए। उन्होंने इस संस्थान में दिल्ली में स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी जिम्मेदारी निभाई और फिर ‘जागरण प्रकाशन लिमिटेड’ के द्विभाषी अखबार ‘आईनेक्स्ट’ (iNext) में देहरादून में बतौर संपादक जॉइन कर लिया।
कुछ समय इस पद पर अपनी भूमिका निभाने के बाद उन्होंने यहां से बाय बोल दिया और नोएडा में हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ जॉइन कर लिया। बतौर आउटपुट हेड (साउथ हरियाणा) उन्होंने यहां अपनी जिम्मेदारी संभाली और कुछ समय बाद यहां से इस्तीफा देकर ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) में नेशनल स्पोर्ट्स एडिटर के पद पर जॉइन कर लिया।
करीब दो साल इस पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद वह नोएडा में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर ‘अमर उजाला’ (Amar Uajal) की टीम में शामिल हो गए औऱ करीब तीन साल तक सेंट्रल डेस्क पर सेकेंड इंचार्ज के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। ‘अमर उजाला’ के साथ कुलदीप सिंह की यह दूसरी पारी थी। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने इसी संस्थान से की थी। इसके बाद ‘दैनिक भास्कर’ होते हुए वह ‘जी मीडिया’ पहुंचे थे, जहां से कुछ दिनों पूर्व अपनी पारी को विराम देकर उन्होंने अब ‘टाइम्स’ समूह के साथ नई पारी का आगाज किया है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो कुलदीप सिंह ने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से कुलदीप सिंह पंवार को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
‘NDTV Marathi’ से पहले राहुल सुपारे ‘सकाल’ (Sakal) मीडिया ग्रुप में जनरल मैनेजर–ऑल इंडिया सेल्स और स्ट्रैटेजी के पद पर काम कर रहे थे।
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‘एनडीटीवी मराठी’ (NDTV Marathi) ने राहुल सुपारे को नेशनल हेड–रेवेन्यू के पद पर नियुक्त किया है। राहुल सुपारे ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर खुद यह खबर शेयर की है।
अपनी पोस्ट में राहुल सुपारे ने लिखा है, ‘NDTV Marathi में नेशनल हेड–रेवेन्यू के रूप में अपने नए पद की घोषणा करते हुए बहुत उत्साहित हूं! NDTV पर भरोसा और अवसर के लिए आभारी हूं। शानदार टीम के साथ मिलकर नए कीर्तिमान स्थापित करने और प्रभावशाली विकास लाने के लिए उत्सुक हूं। नए चैलेंज, नवाचार और बड़ी सफलता की ओर बढ़ते हुए।’
‘NDTV Marathi’ से पहले राहुल सुपारे ‘सकाल’ (Sakal) मीडिया ग्रुप में जनरल मैनेजर–ऑल इंडिया सेल्स और स्ट्रैटेजी के पद पर काम कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने ‘जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में रीजनल सेल्स हेड के रूप में भी काम किया है। 'जी मीडिया' में उन्होंने दो बार काम किया है।
राहुल सुपारे अपने करियर की शुरुआत में ‘सहारा इंडिया मीडिया एंड एंटरटेनमेंट’ में रीजनल सेल्स मैनेजर, ‘एनडीटीवी मीडिया लिमिटेड’ में सेल्स मैनेजर और ‘जी टेलीफिल्म्स लिमिटेड’ में सीनियर मैनेजर जैसे अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
मनीष सेठ ‘टीवी9’ नेटवर्क में रेवेन्यू हेड (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे, जहां से उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल और ‘टीवी9’ नेटवर्क में रेवेन्यू हेड (डिजिटल) के पद से हाल ही में इस्तीफा देने के बाद मनीष सेठ जल्द ही ‘जी मीडिया’ (Zee Media) संग नई पारी शुरू कर सकते हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से समाचार4मीडिया को मिली खबर के मुताबिक वह यहां चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) के पद पर अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।
बता दें कि हाल ही में ‘जी मीडिया’ से राजेश सरीन ने चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद से इस्तीफा दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि मनीष सेठ यहां जल्द ही इस पद पर जॉइन कर सकते हैं। गौरतलब है कि मनीष सेठ ‘टीवी9’ नेटवर्क में रेवेन्यू हेड (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे, जहां से उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों की मानें तो 31 अक्टूबर 2025 इस संस्थान में उनका आखिरी कार्यदिवस है।
मनीष सेठ इस ‘टीवी9’ नेटवर्क में पांच साल से ज्यादा समय से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इससे पहले वह करीब साढ़े नौ साल तक ‘जी मीडिया’ में भी कार्यरत रहे हैं। मनीष सेठ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। पूर्व में वह करीब पांच साल तक ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) में मैनेजर के पद पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि मनीष के पास कई विकल्प हैं और वह नवंबर की शुरुआत में अपनी नई भूमिका की घोषणा करेंगे। लेकिन जब तक किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो जाती, इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। जैसे ही इस संबंध में पुख्ता जानकारी मिलेगी, समाचार4मीडिया अपने पाठकों को अपडेट करेगा।
रक्तिम दास ने हाल ही में ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में चीफ ग्रोथ ऑफिसर (डिजिटल और ब्रॉडकास्टिंग) के पद से इस्तीफा दिया है।
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‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) के नए चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। ‘समाचार4मीडिया’ को उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रक्तिम दास इस पद पर अपनी जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। वह करण अभिषेक सिंह की जगह लेंगे, जिन्होंने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि रक्तिम दास इससे पहले ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में चीफ ग्रोथ ऑफिसर (डिजिटल और ब्रॉडकास्टिंग) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। यहां उन्होंने अपनी पारी को विराम दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, 31 अक्टूबर 2025 ‘टीवी9 नेटवर्क’ में उनका आखिरी कार्यदिवस है। रक्तिम दास पूर्व में भी ‘जी’ समूह के साथ काम कर चुके हैं।
यह भी पढ़ें: जी मीडिया के CEO करण अभिषेक सिंह ने दिया इस्तीफा
रक्तिम दास वर्तमान में ‘टीवी9 नेटवर्क’ में ब्रॉडकास्ट, डिजिटल और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के ग्रोथ स्ट्रैटेजी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। साथ ही वे नेटवर्क की ब्रैंडेड कंटेंट यूनिट ‘स्टूडियो9’ (Studio9) का नेतृत्व भी कर रहे हैं।
इससे पहले, TV9 Studio के सीओओ (COO) के रूप में उन्होंने कंटेंट इनोवेशन और रेवेन्यू बढ़ाने की पहल को दिशा दी। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड में उन्होंने Innovation Studio और Custom Content का नेतृत्व किया, जहां उनके नेतृत्व में कई अवॉर्ड-विनिंग ब्रैंड कैंपेन तैयार हुए। इसके अलावा, SMEpost.com के संस्थापक के रूप में उन्होंने देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जो लघु एवं मध्यम उद्योग (SME) सेक्टर की आवाज को मजबूत करने के लिए समर्पित था।
रक्तिम दास पूर्व में कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में विभिन्न अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इनमें Network18 Media & Investments Limited, NewsX, Zee News Limited, India Today Group और The Times of India जैसे नाम प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं।
Zee Business में अपनी पारी के दौरान उन्होंने ऐसा बदलाव किया, जिससे चैनल मार्केट लीडर बना, जबकि India Today Group में उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया ब्रैंड लॉन्च किए और इवेंट्स को एक मजबूत रेवेन्यू मॉडल के रूप में स्थापित किया।
रक्तिम दास को संपादकीय, बिजनेस और ब्रैंड इनोवेशन को एक साथ जोड़ने की उनकी क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने लगातार कंटेंट-आधारित नए रेवेन्यू मॉडल और स्ट्रैटेजिक ग्रोथ प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं। उनका करियर क्रिएटिव स्ट्रैटेजी, रेवेन्यू लीडरशिप और मीडिया ट्रांसफॉर्मेशन की विशेषज्ञता का अनोखा मेल दर्शाता है।
करण अभिषेक सिंह की मीडिया इंडस्ट्री में पहचान एक दूरदर्शी और परिणामोन्मुख लीडर के रूप में रही है।
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जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) करण अभिषेक सिंह ने 15 महीने के कार्यकाल के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही कंपनी से विदाई ले लेंगे। जुलाई 2024 में सीईओ की जिम्मेदारी संभालने वाले करण अभिषेक ने अपने नेतृत्व में चैनल को रणनीतिक दिशा और नई ऊर्जा दी। उनके कार्यकाल में जी मीडिया ने कई कंटेंट और ब्रैंड इनिशिएटिव्स के जरिए डिजिटल और टीवी दोनों प्लेटफॉर्म्स पर अपनी पहचान मजबूत की।
करण अभिषेक सिंह की मीडिया इंडस्ट्री में पहचान एक दूरदर्शी और परिणामोन्मुख लीडर के रूप में रही है। जी मीडिया से पहले उन्होंने नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में पांच से अधिक वर्षों तक महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। अप्रैल 2021 से मई 2024 तक हिंदी न्यूज (टीवी और डिजिटल) के सीईओ रहते हुए उन्होंने News18 इंडिया समेत सात बड़े चैनलों के समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। कंटेंट इनोवेशन, ब्रैंड बिल्डिंग और टेक्नोलॉजी पर उनका जोर नेटवर्क की रेटिंग्स और रेवेन्यू दोनों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का कारण बना। इससे पहले, सीईओ - लैंग्वेजेज के रूप में उन्होंने देश के दक्षिण, पश्चिम और पूर्वी इलाकों में आठ रीजनल चैनल्स का सफल नेतृत्व किया।
स्टार इंडिया में 2013 से 2018 तक का उनका कार्यकाल भी उल्लेखनीय रहा, जहां उन्होंने ऐड सेल्स के क्षेत्र में कई अहम रणनीतियां लागू कीं और नेटवर्क की विज्ञापन आय बढ़ाने के साथ-साथ देश के शीर्ष ब्रैंड्स के साथ नेटवर्क के रिश्ते मजबूत किए।
वहीं, मीडिया सेक्टर में आने से पहले करण अभिषेक ने कंज्यूमर गुड्स और टेलीकॉम इंडस्ट्री में भी अपना नेतृत्व कौशल साबित किया। उन्होंने पेप्सीको, नोकिया इंडिया, गोदरेज सारा ली, हिंदुस्तान यूनिलीवर और जीई कैपिटल जैसी कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। सेल्स, मार्केटिंग और बिजनेस ऑपरेशंस की गहरी समझ के चलते वे हर संगठन में परिवर्तन और विकास के प्रतीक रहे हैं।
करण अभिषेक का यह कदम उनके करियर के एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत भी माना जा रहा है, जहां वे अपने अनुभव और नेतृत्व क्षमता के साथ किसी नई भूमिका में फिर से प्रभाव छोड़ सकते हैं।