स्टार और डिज्नी इंडिया की स्ट्रैटेजी व फ्यूचर प्लानिंग पर के.माधवन ने यूं रखी ‘मन की बात’

‘द वॉल्ट डिज्नी कंपनी इंडिया’ और ‘स्टार इंडिया’ के प्रेजिडेंट के. माधवन ने एक्सचेंज4मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि महामारी के कारण तमाम चुनौतियों के बीच कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

Last Modified:
Monday, 31 January, 2022
K Madhavan


महामारी ने मीडिया के साथ-साथ तमाम उद्योग धंधों पर विपरीत असर डाला है। इस दौरान जिन बिजनेस घरानों ने इनोवेशन और आत्मविश्वास पर ध्यान केंद्रित रखा, वे न सिर्फ मजबूत रहे बल्कि विकास के पथ पर आगे बढ़े। ‘स्टार इंडिया’ (Star India) ने भी तमाम चुनौतियों के बावजूद सभी परेशानियों पर विजय पाते हुए विकास के पथ पर अपने कदम आगे बढ़ाए हैं।

हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) के साथ बातचीत में ‘द वॉल्ट डिज्नी कंपनी इंडिया’ (The Walt Disney Company India) और ‘स्टार इंडिया’ (Star India) के प्रेजिडेंट के. माधवन (K Madhavan) ने कहा, ‘महामारी का दौर सभी के लिए कुछ न कुछ नए अनुभव लेकर आया। इस दौरान मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। इस समय में करीब 30 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ डिज्नी स्टार नेटवर्क में हमने आश्चर्यजनक सफलता देखी। हमारे सभी वर्टिकल्स- स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट और रीजनल काफी अच्छा कर रहे हैं।‘   

माधवन का कहना है कि इन दो वर्षों में नेटवर्क ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। इस सफलता का पूरा श्रेय अपनी टीम देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे पास काफी प्रतिभाशाली टीम है। महामारी ने बिजनेस के पारंपरिक तरीकों को बाधित कर दिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर में तेजी से समय अनुकूल बदलाव के लिए टेक्निकल इनोवेशन की आवश्यकता को बल दिया। हमारी स्टोरीटैलिंग बेहतर होने के साथ-साथ और भी तमाम कारणों की वजह से हम लगातार नंबर वन बने हुए हैं। हमारा एंटरटेनमेंट पोर्टफोलियो पूरे परिवार के लिए अच्छी क्वालिटी वाला कंटेंट प्रदान करता है और हम सभी प्लेटफार्म्स पर कंटेंट निर्माण में गहराई से निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

रीजनल कंटेंट के बारे में उन्होंने दावा किया कि नेटवर्क इस क्षेत्र में प्रीमियम गुणवत्ता वाले शो पेश करके रीजनल कंटेंट की धारणा को बदलने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘स्थानीयकरण और रीजनल पर मजबूत फोकस हमारी स्ट्रैटेजी की कुंजी है। हमने हाई क्वालिटी वाले शो तैयार करने में निवेश किया है, जो पारिवारिक दर्शकों को काफी पसंद आते हैं। बिग बॉस के समय इसके बहुत महंगा होने की काफी चर्चा थी। कमल हासन या मोहनलाल जैसे सुपरस्टार्स को लाना बहुत महंगा गेम प्लान है और हर किसी ने इस पर सवाल उठाया। लेकिन हमने इस मार्केट में प्रवेश किया और सफल हुए। एक और अच्छा उदाहरण शो का नए रूप में पेश करना (cross-pollination) रहा, जिसने पूरे नेटवर्क में अच्छा काम किया है। उदाहरण के लिए, ‘स्टार जलसा’ पर श्रीमोई (Sreemoyee) की अवधारणा ऐसी अंतर्दृष्टि के आधार पर तैयार की गई थी, जिसे हमने गृहणियों के इर्द-गिर्द तैयार किया था और महसूस किया था कि उनके परिवारों ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है। यह एक जोखिम भरा शो माना जाता था जिसमें मुख्य नायक मध्यम आयु वर्ग का था, लेकिन यह परिवारों में काफी पसंद किया गया। शो को स्टार प्लस पर ’अनुपमा ’ (Anupamaa) और स्टार प्रवाह पर ’आई कुठे काय करते! (Aai Kuthe Kay Karte) पर पेश किया गया और दोनों अपने-अपने चैनल्स पर काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’

डिज्नी प्लस पर फोकस करने के लिए एक तरफ ग्लोबल स्तर पर डिज्नी अपने कुछ चैनल्स बंद कर रहा है, वहीं माधवन का मानना है कि भारत एक अलग तरह का मार्केट है और यहां टीवी व ओटीटी दोनों के लिए विकास की काफी संभावनाएं हैं।

डिस्ट्रीब्यूशन रेवेन्यू पर निर्भरता के बारे में माधवन का कहना था, ‘विकसित बाजारों में डिस्ट्रीब्यूशन रेवेन्यू आपकी इनकम का 2/3 है और एडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू 1/3 है, लेकिन भारत में यह अलग है। पिछले दो से तीन वर्षों में हम नियमों की अनिश्चितताओं के कारण डिस्ट्रीब्यूशन रेवेन्यू को नहीं छू सके। उम्मीद है कि जल्द ही मुद्दों का समाधान कर लिया जाएगा। इसके लिए हम लगातार ट्राई के साथ संपर्क में हैं और हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही होगा।’

‘स्टार’ सभी महत्वपूर्ण भाषाई बाजारों और जॉनर में अपनी उपस्थिति के लिए जाना जाता है, लेकिन रीजनल मार्केट्स के दिग्गज माधवन अभी भी इसमें विकास की गुंजाइश देखते हैं। उनका कहना है, ‘वर्तमान में हम 95 प्रतिशत मार्केट में मौजूद हैं, जिसमें हिंदी भाषी मार्केट (HSM) और रीजनल मार्केट दोनों शामिल हैं। हम और अधिक क्षेत्रों में अपने मनोरंजन पेशकश का विस्तार करना जारी रखेंगे। उदाहरण के लिए, हम जल्द ही एक ओडिया चैनल शुरू करने की योजना बना रहे हैं।’

ओटीटी के मुद्दे पर माधवन ने कहा कि भारत में 50 मिलियन यूनिक सबस्क्राइबर्स हैं और इसके मैं कहना चाहूंगा कि अगले कम से कम छह- सात सालों में रैखिक चैनल्स (linear channels) के आगे बढ़ने की काफी संभावना है।

डिज्नी+हॉटस्टार के बारे में माधवन ने कहा कि वह अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ‘हम हॉटस्टार के साथ ओटीटी में शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति थे और अप्रैल 2020 में डिज्नी+हॉटस्टार लॉन्च किया। तब से यह भारत में सबसे बड़ी डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर स्ट्रीमिंग सेवा बन गई है। इंटरनेट कंटेंट के विशाल भंडार के अलावा हमारे पास स्पोर्ट्स, मूवीज और एंटरटेनमेंट में सर्वश्रेष्ठ कंटेंट है। तमाम ऑडियंस ग्रुप को बेहतरीन एंटरटेनमेंट उपबल्ध कराने में हमारा 30 साल का अनुभव हमें ओटीटी के क्षेत्र में भी लाभ देता है। हम यह भी समझते हैं कि भारत एक मूल्य-संवेदनशील बाजार है और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए हमारी रणनीति तैयार की गई है।

यदि आप मूल्य निर्धारण देखें तो प्रीमियम के लिए यह 1,499 रुपये प्रति वर्ष, सुपर के लिए 899 रुपये प्रति वर्ष और मोबाइल के लिए 499 रुपये प्रति माह है,  जिनमें से सबस्क्राइबर्स अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार की योजनाओं को चुन सकते हैं। कंपनी के वेंचर्स में अत्यधिक विश्वास दिखाते हुए, माधवन ने इस बात का जोरदार खंडन किया कि डिज्नी+हॉटस्टार बाजार हिस्सेदारी और राजस्व वृद्धि के लिए क्रिकेट पर थोड़ा बहुत निर्भर है।

उन्होंने कहा, ‘इस तरह की केवल एक धारणा है। हम सभी भाषाओं में कंटेंट के मोर्चे पर समान रूप से निवेश कर रहे हैं। भारत में, हमारे पास लगभग 100,000 घंटे का कंटेंट है, जिसमें से 1/5वां या 20,000 घंटे के करीब एंटरटेनमेंट कंटेंट का निर्माण डिज्नी स्टार के लीनियर नेटवर्क द्वारा किया जा रहा है। यह सारा कंटेंट डिजिटल में भी उपलब्ध है। टीवी पर कंटेंट अलावा बड़ी संख्या में फिल्मों ने मंच पर अच्छा प्रदर्शन किया है। हमारे पास विभिन्न भाषाओं में इंटरनेशनल कंटेंट भी उपलब्ध है।’

यह पूछे जाने पर कि डिज्नी+हॉटस्टार कब लाभ देने लगेगा, माधवन ने कहा कि हमारी प्राथमिकता क्वालिटी व टेक्नोलॉजी में सुधार और सबस्क्राइबर तक पहुंचना है। यह तीनों का एक संयोजन है, जिसके बाद आप अपने व्यावसायिक हित को प्राप्त करेंगे। इसके लिए हमारे पास कोई टाइमलाइन नहीं है।

डिज्नी स्टार खेल का पर्याय बन गया है और आईसीसी टी20 विश्व कप और आईपीएल सहित लगभग सभी बड़े क्रिकेट आयोजनों के साथ देश में अग्रणी स्पोर्ट्स नेटवर्क है। इसने कबड्डी या विंबलडन और प्रीमियर लीग जैसे अंतरराष्ट्रीय लीग जैसे खेलों में अन्य राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के अधिकार भी लिए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या खेल में उतरना नेटवर्क के लिए लाभदायक साबित हुआ, माधवन ने कहा कि स्पोर्ट्स और डिजिटल में हमारी दीर्घकालीन रुचि है। हम वर्तमान में निवेश मोड में हैं और भारत को एक बहु-खेल राष्ट्र बनाने के अपने विजन को प्राप्त करने के लिए स्पोर्ट्स पोर्टफोलियो को बढ़ाना जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीकरण ने पूरे देश में खेल आयोजनों (sports properties) को व्यापक बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज क्रिकेट का 80 प्रतिशत से अधिक उपभोग स्थानीय भाषाओं में, लगभग 60 प्रतिशत हिंदी में और अन्य 20-25 प्रतिशत तेलुगु, तमिल और कन्नड़ में होता है। फुटबॉल के मामले में, बांग्ला और मलयालम में आईएसएल के कुल उपभोग का लगभग 70 प्रतिशत है। आईपीएल, आईसीसी और बीसीसीआई के मीडिया अधिकारों के नवीनीकरण के बारे में माधवन का कहना है कि वे आक्रामक तरीके से बोली लगाने के लिए तैयार हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या मीडिया क्षेत्र एकीकरण (consolidation) की ओर बढ़ रहा है, माधवन ने कहा हैं, ‘राष्ट्रीय स्तर पर तीन या चार प्रमुख खिलाड़ी हैं। राष्ट्रीय स्तर पर ओटीटी या टीवी स्पेस में प्रवेश करने में भारी लागत आती है इसलिए एकीकरण होना तय है। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, जो इंड्ट्री के लिए अच्छा होगा और ऑडियंस को गुणवत्तापूर्ण कंटेंट मिलेगा। वास्तव में यह पहले से ही हो रहा है। प्रोडक्शन क्वालिटी, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और एनीमेशन अंतरराष्ट्रीय मानकों के करीब हैं।

इसके साथ ही माधवन का कहना था कि महामारी का दौर हर तरह से कठिन था। इस मुश्किल समय में भी वह कैसे बड़े नेटवर्क्स की लिस्ट में बने रहे? के बारे में माधवन ने कहा कि महामारी के दौर में आगे बढ़ना कठिन था। महामारी ने बिजनेस चलाने की पूरी पारंपरिक प्रणाली को बाधित कर दिया। यह हम सभी के लिए सीखने की बड़ी अवस्था थी। ऑडियंस की सामग्री की खपत में बदलाव देखा गया, हमने उपभोक्ताओं की बदलती मनोरंजन जरूरतों को समझने के लिए बहुत प्रयास किए, टीवी पर अपने मूल सामग्री घंटे बढ़ाए और बिग बॉस व सुपर सिंगर जैसे शो में महत्वपूर्ण निवेश किया। इस दौरान हमारे देखने का समय 3.5 घंटे या 3.6 घंटे के आसपास था। यह वह दौर था जब बहुत सारा रीजनल कंटेंट आगे आया।

माधवन का कहना था, ’40 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ स्टार प्रवाह एक निर्विवाद नेता के रूप में उभरा। तेलुगू बाजार में लगभग 40प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ स्टार मां देश के शीर्ष तीन चैनल्स में से एक है। एशियानेट ने 50 प्रतिशत से अधिक मार्केट शेयर के साथ शीर्ष पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। स्टार विजय ने अगस्त-सितंबर 2020 में एक बड़ा बदलाव देखा और वीकडे प्राइमटाइम में तमिलनाडु के पसंदीदा चैनलों में से एक है। स्टार प्लस एचएसएम मार्केट लीडर बना हुआ है और सात वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर है। खेल की बात करें तो महामारी के दौरान बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमने दो सफल आईपीएल दिए।’

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राज्यसभा सांसद परिमल नथवानी ने कई मीडिया संस्थानों पर किया मानहानि मुकदमा

राज्यसभा सांसद परिमल नथवानी ने उनके खिलाफ कथित तौर पर झूठी और मानहानिकारक बातें फैलाने के मामले में कई मीडिया व्यक्तियों और संस्थानों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

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Published - Monday, 15 December, 2025
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Monday, 15 December, 2025
ParimalNathwani7485

राज्यसभा सांसद परिमल नथवानी ने अपने खिलाफ कथित तौर पर झूठी और मानहानिकारक बातें फैलाने के मामले में कई मीडिया व्यक्तियों और संस्थानों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। आरोप है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके बारे में गलत और आपत्तिजनक सामग्री फैलाई गई।

इस मामले में परिमल नथवानी की ओर से दाखिल केस में सनातन सत्य समाचार, संजय चेतरिया, द गुजरात रिपोर्ट, मयूर जानी, हिमांशु भयाणी, दिलीप पटेल और भाविन @ बन्नी गजेरा को पक्षकार बनाया गया है। कोर्ट ने इस केस में सभी संबंधित लोगों को नोटिस और समन जारी कर दिए हैं।

कोर्ट ने परिमल नथवानी को अंतरिम राहत भी दी है और उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर डाली गई सभी मानहानिकारक पोस्ट और सामग्री को तुरंत हटाने का आदेश दिया है। नथवानी ने खुद सोशल मीडिया पर कोर्ट के आदेश की जानकारी देते हुए कहा कि कोर्ट ने 48 घंटे के भीतर उनके खिलाफ मौजूद सभी मानहानिकारक कंटेंट हटाने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा कि वह अपनी ईमानदारी और साख की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी तरह के बेबुनियाद आरोपों को जनता को गुमराह नहीं करने देंगे। उन्होंने इस दौरान उनका समर्थन करने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद किया।

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वरिष्ठ पत्रकार पीआर रमेश बने केंद्रीय सूचना आयुक्त

वरिष्ठ पत्रकार और प्रतिष्ठित अंग्रेजी साप्ताहिक Open Magazine में मैनेजिंग एडिटर पीआर रमेश को केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है।

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Published - Monday, 15 December, 2025
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Monday, 15 December, 2025
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वरिष्ठ पत्रकार और प्रतिष्ठित अंग्रेजी साप्ताहिक Open Magazine में मैनेजिंग एडिटर पीआर रमेश को केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति को सूचना के अधिकार (RTI) व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। लंबे समय से मीडिया में सक्रिय रहे पीआर रमेश अब आयोग में जनता के सूचना अधिकार की रक्षा और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाएंगे।

पीआर रमेश जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं। मीडिया के क्षेत्र में कई वर्षों से सक्रिय पीआर रमेश की राजनीति, शासन व सार्वजनिक नीतियों से जुड़े विषयों पर गहरी पकड़ मानी जाती है। उन्होंने सत्ता, प्रशासन और जनता से जुड़े मुद्दों को करीब से कवर किया है।

यह भी पढ़ें: ‘प्रभात खबर’ के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी बने केंद्रीय सूचना आयुक्त

बता दें कि राज कुमार गोयल को मुख्य सूचना आयुक्त (CIC)  और आठ अन्य को सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। इनमें दो वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं। पीआर रमेश के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार और ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी को भी केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय सूचना आयोग देश में RTI से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाला सर्वोच्च निकाय है। यहां सूचना आयुक्तों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे सरकारी विभागों और संस्थानों से जुड़ी जानकारी को लेकर आने वाली अपीलों और शिकायतों पर अंतिम फैसला लेते हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से पीआर रमेश व आशुतोष चतुर्वेदी को नई जिम्मेदारी के लिए ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।

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enba 2024: तस्वीरों में देखें कार्यक्रम की झलकियां

मीडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टिंग जगत का चर्चित इवेंट e4m NewsNext Summit का 14वां संस्करण शनिवार, 13 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित हुआ। समिट के बाद enba का 17वां संस्करण भी आयोजित हुआ

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Published - Monday, 15 December, 2025
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Monday, 15 December, 2025
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मीडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टिंग जगत का चर्चित इवेंट e4m NewsNext Summit का 14वां संस्करण शनिवार, 13 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इस दिन मीडिया इंडस्ट्री के बड़े नाम, प्रसिद्ध ब्रॉडकास्टर्स, एडिटर्स और वरिष्ठ पत्रकार एक ही जगह एकत्रित हुए और मीडिया की दुनिया के नए रुझानों पर चर्चा की।

समिट में टीवी न्यूज, मीडिया इंडस्ट्री, ऐडवर्टाइजर्स, ब्रैंड मार्केटर्स, एजुकेटर्स और ग्लोबल मीडिया लीडर्स शामिल हुए। इनसे यह समझने की कोशिश की गई कि टीवी न्यूज का भविष्य कैसा होगा और आज के दौर में न्यूज मीडिया किन चुनौतियों का सामना कर रहा है।

कार्यक्रम में फायरसाइड चैट्स, कीनोट सेशंस और पैनल डिस्कशन हुए, जिनमें एडिटोरियल लीडरशिप, डिजिटल बदलाव और पत्रकारिता के भविष्य पर चर्चा की गई। स्पीकर्स ने यह भी बताया कि AI के जमाने में पत्रकारिता कैसे बदल रही है, भारत में पत्रकारिता का विकास और भविष्य क्या है, और समाज में भरोसा बनाने के लिए क्या रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं।

समिट के बाद e4m News Broadcasting Awards (enba) का 17वां संस्करण भी आयोजित हुआ, जिसमें देश के बेस्ट न्यूज चैनल, बेस्ट सीईओ, बेस्ट एडिटर-इन-चीफ और बेस्ट एंकर जैसे कई अवॉर्ड्स दिए गए। enba को देश का सबसे प्रतिष्ठित न्यूज टीवी अवॉर्ड माना जाता है और यह टीवी न्यूज कवरेज में बेहतरीन योगदान देने वालों को सम्मानित करता है।

यहां तस्वीरों में देखें कार्यक्रम की कुछ झलकियों :

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सोशल मीडिया की अफवाहों में भरोसा नहीं, इसलिए दर्शक लौटे टीवी न्यूज पर: जक्का जैकब

इस बातचीत में पिछले दशक में टीवी पत्रकारिता के बदलते तरीके, संकट के समय दर्शक टीवी की ओर क्यों लौटते हैं और गलत जानकारी के इस दौर में किन चीजों की सुरक्षा सबसे जरूरी है, इस पर चर्चा हुई।

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'एक्सचेंज4मीडिया न्यूजनेक्स्ट समिट 2025' (e4m NewsNext Summit 2025) में 'सीएनएन न्यूज18' के मैनेजिंग एडिटर जक्का जैकब और BW बिजनेसवर्ल्ड और एक्सचेंज4मीडिया के सीनियर एडिटर रुहैल अमीन के बीच एक फायरसाइड चैट हुआ। इस बातचीत में पिछले दशक में टीवी पत्रकारिता के बदलते तरीके, संकट के समय दर्शक टीवी की ओर क्यों लौटते हैं और गलत जानकारी के इस दौर में किन चीजों की सुरक्षा सबसे जरूरी है, इस पर चर्चा हुई। 

रुहैल अमीन ने “The Changing Grammar of News: What the Last 10 Years Have Meant for Journalism, and What 20 Years of CNN-News18 Reveal” सत्र की शुरुआत करते हुए बताया कि नेटवर्क और पूरी इंडस्ट्री समय के साथ कैसे बदलती रही है।

जक्का जैकब ने कहा कि पिछले दस सालों में पत्रकारिता में सबसे बड़ा बदलाव तकनीकी नहीं बल्कि संपादकीय रहा। उन्होंने कहा, “पिछले 10 साल में जो सबसे बड़ा बदलाव आया वह यह है कि लोग खबरें कैसे देख रहे हैं।” उन्होंने मोबाइल और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर खबर देखने की तेजी से बढ़ती संख्या का जिक्र किया। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि 2025 में टीवी ने फिर से अपनी अहमियत साबित की है। जक्का जैकब ने कहा, “मुझे लगता है टीवी ने अपनी पकड़ फिर से पा ली है।” 

मुख्य घटनाओं जैसे ऑपरेशन सिंदूर और एयर इंडिया क्रैश का हवाला देते हुए जक्का जैकब ने बताया कि सोशल मीडिया पर फैल रही गलत जानकारी ने दर्शकों को टीवी की ओर वापस खींचा। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें बताया कि उन्होंने “पांच साल में पहली बार” टीवी न्यूज देखी ताकि असली स्थिति पता चल सके। जक्का जैकब ने कहा, “पैनिक सोशल मीडिया की वजह से बढ़ा… और लोगों के पास सचमुच एकमात्र सहारा पारंपरिक मीडिया ही था।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि स्थापित न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर गलत जानकारी के लिए जवाबदेही और कानूनी नतीजे भी होते हैं।

तुरंत खबर देने के दबाव पर बात करते हुए जक्का जैकब ने कहा कि स्पीड कभी सच्चाई से समझौता नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, “सबसे पहले होने का कोई दबाव नहीं है। अगर यह सीएनएन न्यूज18 पर है, तो यह सच है।” उनके मुताबिक, विश्वसनीयता ही पत्रकारों की असली मुद्रा है। उन्होंने कहा, “हर कहानी को सबसे पहले तो नहीं तोड़ा जा सकता… टीवी का काम यह सुनिश्चित करना है कि जो भी खबर हम दें, उसमें जिम्मेदारी हो।”

टीवी न्यूज पर बढ़ती राय आधारित रिपोर्टिंग की आलोचना पर जक्का जैकब ने संतुलित दृष्टिकोण दिया। उन्होंने माना कि बहसें होती हैं, लेकिन केवल प्राइम टाइम शो को देखकर टीवी पत्रकारिता को आंकना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “लगभग चार घंटे ही टॉक टीवी होते हैं, बाकी का समय मैदान पर रिपोर्टिंग होती है।” उन्होंने कहा कि अब उनका ध्यान एक्सप्लेनेशन-लेड पत्रकारिता की ओर है। जक्का जैकब ने कहा, “हम बहस वाले फॉर्मेट से हटकर कहानियों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।” 

टीवी पत्रकारिता की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए जक्का जैकब ने कहा कि कई दृष्टिकोण पेश करना जरूरी है, लेकिन राय थोपी नहीं जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “भारतीय दर्शक बहुत समझदार है… उन्हें चम्मच से खाना खिलाने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अधिक लेक्चरिंग ने युवा दर्शकों को पारंपरिक न्यूज फॉर्मेट से दूर कर दिया। जैकब ने ब्रैंड की लंबी उम्र का श्रेय भरोसे को दिया। उन्होंने कहा, “अगर यह भरोसा टूट गया, तो हम और किस पर भरोसा करेंगे?” उन्होंने यह भी कहा कि विश्वसनीयता ने हाल के वर्षों में मजबूत व्युअरशिप भी दी है।

टीवी न्यूज के भविष्य पर बात करते हुए जैकब ने टीवी के खत्म होने के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा, “टीवी हमेशा जिंदा रहेगा।” उन्होंने बताया कि दर्शक बड़े घटनाओं के दौरान सत्यापित जानकारी के लिए टीवी की ओर लौटते रहते हैं। उन्होंने कहा, “लोग एक भरोसेमंद स्रोत चाहते हैं और इसलिए वे टीवी की ओर लौट रहे हैं।”

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‘प्रभात खबर’ के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी बने केंद्रीय सूचना आयुक्त

करीब नौ साल से ‘प्रभात खबर’ की कमान संभाल रहे आशुतोष चतुर्वेदी 15 दिसंबर से अपना नया कार्यभार संभालेंगे।

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Published - Sunday, 14 December, 2025
Last Modified:
Sunday, 14 December, 2025
Ashutosh Chaturvedi ...

वरिष्ठ पत्रकार और ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी को केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है। वह 15 दिसंबर से अपना कार्यभार संभालेंगे।

करीब नौ साल से ‘प्रभात खबर’ की कमान संभाल रहे आशुतोष चतुर्वेदी को पत्रकारिता के क्षेत्र में करीब 40 साल का अनुभव है। ‘प्रभात खबर’ से पहले वह ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) के एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर रह चुके हैं।

आशुतोष चतुर्वेदी ने ‘बीबीसी लंदन’ में तीन साल और फिर पांच साल ‘बीबीसी दिल्ली’ में कार्य किया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘माया’ में ट्रेनी के रूप में की थी। उसके बाद ‘इंडिया टुडे’,  ‘संडे आब्जर्वर’, ‘दैनिक जागरण’, ‘बीबीसी लंदन’ और ‘दिल्ली’ व फिर ‘अमर उजाला’ होते हुए ‘प्रभात खबर’ पहुंचे।

वह अमर उजाला के दिल्ली ब्यूरो चीफ भी रह चुके हैं। उन्हें रिपोर्टिंग, अखबार के प्रोडक्शन और बेवसाइट तीनों का व्यापक अनुभव हैं। उन्होंने देश के राष्ट्रपति और कई वरिष्ठ पदों पर आसीन शख्सियतों के साथ कई विदेश यात्राएं भी की है। उन्होंने ‘बीबीसी हिंदी’ की वेबसाइट लांच करने में अहम भूमिका निभाई।

समाचार4मीडिया की ओर से आशुतोष चतुर्वेदी को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं। 

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'S4M पत्रकारिता 40अंडर40': आवेदन करने के लिए दो दिन शेष, जल्द होगी जूरी मीट

एक्सचेंज4मीडिया समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इ

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Published - Friday, 12 December, 2025
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Friday, 12 December, 2025
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एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' (samachar4media.com) पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है। इसके बाद किसी की भी एंट्री मान्य नहीं होगी।

बता दें कि यह इस कार्यक्रम का चौथा एडिशन है। पिछले तीन एडिशंस की तरह इस बार भी इस लिस्ट में मीडिया जगत से जुड़े 40 साल से कम उम्र वाले ऐसे 40 पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपने काम के जरिये इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है और शिखर पर पहुंचे हैं। इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।

इन पत्रकारों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के द्वारा किया जाएगा, जिसकी तारीफ जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे, जो विभिन्न कसौटियों पर एंट्रीज का आकलन करेंगे और विजेताओं का चयन उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके नेतृत्व कौशल और इंडस्ट्री में उनके योगदान आदि मानदंडों के आधार पर करेंगे।

पिछले तीनों संस्करणों की तरह ‘हिन्दुस्तान’ के एडिटर-इन-चीफ शशि शेखर इस बार भी इस कार्यक्रम में जूरी चेयर होंगे। जूरी में ‘बिजनेसवर्ल्ड ग्रुप’ और ‘एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप’ में चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा; ‘बीएजी नेटवर्क’ की सीएमडी और ‘न्यूज24’ की एडिटर-इन-चीफ श्रीमती अनुराधा प्रसाद; ‘प्रभात खबर’ के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी; ‘आजतक’, ‘गुड न्यूज टुडे’ व ‘इंडिया टुडे’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद; ‘अमर उजाला’ (डिजिटल) में संपादक जयदीप कर्णिक; ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ में डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश; ‘एबीपी नेटवर्क’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड ऑपरेशंस) रजनीश आहूजा; बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) में कॉरपोरेट अफेयर्स हेड राहुल महाजन; ‘जी न्यूज’ में मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा; ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ के पूर्व प्रेजिडेंट राकेश शर्मा शामिल हैं।

इनके अलावा जूरी में वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत; वरिष्ठ पत्रकार संत प्रसाद राय; ‘Loud India TV’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ संतोष भारतीय; वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह; ‘नेटवर्क18 समूह’ में सलाहकार संपादक शमशेर सिंह; वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी; वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी; वरिष्ठ पत्रकार वाशिंद्र मिश्र; ‘अमर उजाला’ में सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री; और ‘दैनिक जागरण’ में कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी भी शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी व रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।

 नोट: समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 अवॉर्ड के पूर्व विजेता कृपया रजिस्ट्रेशन न करें। उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं किया जाएगा।

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तमिलनाडु सरकार बुजुर्ग पत्रकारों को देगी 12,000 रुपये पेंशन, CM ने आदेश पत्र सौंपे

तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 December, 2025
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तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 27 नवंबर को आदेश जारी किया था।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में 10 पत्रकारों को प्रतीकात्मक रूप से पेंशन आदेश पत्र भी सौंपे। बाकी पत्रकारों को भी जल्द ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

सरकार ने कहा कि पत्रकार जनता और सरकार के बीच पुल की तरह काम करते हैं—चाहे बारिश हो, बाढ़ हो, तूफान हो या कोई बड़ा हादसा। मुश्किल समय में भी वे दिन-रात बिना रुके काम करते हैं ताकि लोग सच्ची खबरें पा सकें। इसी योगदान को देखते हुए पत्रकारों के लिए कई कल्याण योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

पत्रकारों के लिए सरकार की अन्य महत्वपूर्ण पहलें:

  • 2023 में पत्रकार पेंशन को 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया।

  • पत्रकारों के परिवार को मिलने वाली फैमिली पेंशन को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपये किया गया।

  • 2021 के बाद से अब तक 125 पत्रकारों को मासिक पेंशन दी गई है।

  • 27 पत्रकारों के परिवारों को फैमिली पेंशन दी गई है।

  • 59 पत्रकार परिवारों को सरकार ने 2.09 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है।

  • पत्रकारों को चिकित्सा सहायता भी 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है।

  • काम के दौरान निधन होने पर परिवार को मिलने वाली मदद को लगभग दो गुना बढ़ाया गया है (राशि 1.25 लाख से 10 लाख तक बढ़ी)।

सरकार ने बताया कि पत्रकार कल्याण बोर्ड 2021 में बनाया गया था और अब तक 3,674 पत्रकार इसके सदस्य बन चुके हैं। इसमें शिक्षा, शादी, मातृत्व, इलाज और अंतिम संस्कार तक की मदद दी जा रही है।

कार्यक्रम में सूचना और जनसंपर्क मंत्री एम.पी. सामीनाथन, मुख्य सचिव एन. मुरुगानंदम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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2025 बदलाव का साल, 2026 विश्वास की अग्निपरीक्षा होगी: अखिलेश शर्मा

आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
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Thursday, 11 December, 2025
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अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार।

भारतीय मीडिया के इतिहास में 2025 को उस वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, जब न्यूज़रूम ने पारंपरिक ब्रॉडकास्ट दौर से निकलकर एल्गोरिदम आधारित युग में निर्णायक प्रवेश किया। वर्षों से जिस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को भविष्य की तकनीक कहा जा रहा था, वह अब वर्तमान की सच्चाई बन चुकी है। धीरे-धीरे ही सही, लेकिन न्यूज़रूम अब एआई की शक्ति और प्रभाव को स्वीकार कर रहे हैं।

तकनीक का उपयोग प्रगति का संकेत है, लेकिन यह भी उतना ही ज़रूरी है कि तकनीक पत्रकारिता की आत्मा सत्य, संवेदनशीलता और नैतिकता पर भारी न पड़ जाए। आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।

सच और झूठ के बीच की रेखा पहले से कहीं ज़्यादा धुँधली हो चुकी है। ऐसे दौर में मीडिया की भूमिका केवल सूचना देने की नहीं, बल्कि सच और भ्रम के बीच फर्क करने की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी की बन जाती है। समाज आज भी उसी उम्मीद से मीडिया की ओर देखता है कि वह 'दूध और पानी' को अलग करके रखे।यही वजह है कि 2026 की सबसे बड़ी चुनौती खबर जुटाना नहीं, बल्कि खबर पर जनता का भरोसा बनाए रखना होगी।

आज खबरें हर तरफ हैं, लेकिन भरोसा दुर्लभ होता जा रहा है। दर्शक, पाठक और श्रोता अब हर सूचना पर सवाल उठा रहे हैं और यह सवाल उठाना गलत भी नहीं है। भरोसे की यह कमी मीडिया संस्थानों के लिए सबसे बड़ा संकट बनकर उभर रही है। इस भरोसे की एक बड़ी कसौटी रफ़्तार और सच के बीच संतुलन होगा। सबसे पहले ख़बर देने की होड़ में अगर सच पीछे छूट जाए, तो जीत भी हार में बदल जाती है।

हाल के समय में हमने देखा कि कैसे जल्दबाज़ी में अभिनेता धर्मेन्द्र के निधन की झूठी खबर वायरल हो गई। डिजिटल और टीवी मीडिया के कई बड़े मंच इस गलती का हिस्सा बने। कुछ ही मिनटों में खंडन आ गया, लेकिन उन कुछ मिनटों ने मीडिया की साख को गहरी चोट पहुँचा दी। 2026 में चुनौती यह होगी कि खबर सबसे पहले देने की नहीं, बल्कि सही देने की हो।

रफ्तार और सत्य दोनों को साथ लेकर चलने की परीक्षा होगी। अगर मीडिया इस दौड़ में संयम खो बैठा, तो पहले से उठ रहे सवाल और भी तीखे हो जाएंगे। इसी के साथ एक और गहरी चुनौती एल्गोरिदम से जुड़ी है। एल्गोरिदम ने समाज को ईको चैंबर में कैद कर दिया है। हर व्यक्ति वही देख रहा है, वही सुन रहा है, जो उसकी पसंद, उसकी सोच और उसके पूर्वग्रहों के अनुकूल है। उसे वह नहीं दिख रहा, जो जानना उसके लिए ज़रूरी है। विचारों की विविधता सिमट रही है, संवाद की जगह टकराव बढ़ रहा है।

ऐसे माहौल में ज़िम्मेदार मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह इस ईको चैंबर को कैसे तोड़े और सच को उस व्यक्ति तक कैसे पहुँचाए, जो सच सुनना नहीं, केवल वही सुनना चाहता है जो उसे अच्छा लगता है। 2026 में मीडिया की सबसे बड़ी पूँजी रफ्तार नहीं, भरोसा होगा। वही मीडिया टिकेगा, जिसे लोग संकट के समय याद करेंगे, जिसके शब्दों पर लोग विश्वास करेंगे, और जिसकी खबरों को लोग साझा करने से पहले संदेह की नज़र से नहीं देखेंगे।

हम ब्रॉडकास्ट से अब नैरोकास्ट के दौर में प्रवेश कर चुके हैं। पहले एक ही सिग्नल करोड़ों लोगों तक जाता था। अब एल्गोरिदम हर व्यक्ति के लिए अलग सिग्नल बना रहा है। अब चुनौती यह नहीं कि आवाज़ कितनी दूर जाए, बल्कि यह है कि जो आवाज़ जाए, वह कितनी सच्ची, कितनी निष्पक्ष और कितनी विश्वसनीय हो।2026 दरअसल भारतीय मीडिया के लिए तकनीक की नहीं, चरित्र की परीक्षा का साल होगा। भरोसा ही वह धुरी बनेगा, जिस पर मीडिया का भविष्य टिका रहेगा।

( यह लेखक के निजी विचार हैं )

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'एजेंडा आजतक' के मंच से पुतिन इंटरव्यू की गूंज: कली पुरी ने बताई पर्दे के पीछे की कहानी

दिल्ली के ताज पैलेस में शुरू हुए ‘एजेंडा आजतक’ के मंच से इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इंटरव्यू से जुड़े अनुभव साझा किए।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 December, 2025
kalipuri

राजधानी दिल्ली के ताज पैलेस होटल में शुरू हुए देश के सबसे बड़े न्यूज समिट ‘एजेंडा आजतक’ का उद्घाटन इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और कार्यकारी संपादक कली पुरी ने किया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुए ऐतिहासिक इंटरव्यू की पूरी कहानी साझा की।

उन्होंने कहा कि यह इंटरव्यू सिर्फ एक चैनल की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए सम्मान की बात है। कली पुरी ने बताया कि रूस की टीम ने कई महीनों तक तमाम वैश्विक मीडिया संस्थानों का डेटा, भरोसा, प्रभाव और दर्शक वर्ग का अध्ययन किया। इन सब मानकों पर आजतक खरा उतरने के बाद ही रूस ने भारतीय चैनल को यह मौका दिया।

उन्होंने कहा कि भारत की एक छोटी टीम ने क्रेमलिन में इंटरव्यू के दौरान सेट, रोशनी और प्रस्तुति को लेकर बहुत बारीक सुझाव दिए, जिसे देखकर रूसी अधिकारी भी हैरान रह गए। इंटरव्यू के दौरान अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन के सवालों की तैयारी और तालमेल ने रूसी टीम को बेहद प्रभावित किया। यही कारण रहा कि तय समय से ज्यादा देर तक राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत की और यह इंटरव्यू और भी खास बन गया।

कली पुरी ने बताया कि इस संवाद के बाद दुनिया के कई बड़े मीडिया संस्थानों ने इस इंटरव्यू को प्रमुखता से जगह दी। इससे यह साबित हुआ कि भारतीय पत्रकारिता अब सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी मजबूत पहचान बना चुकी है।

उन्होंने कहा कि आजतक ने उन विषयों पर भी सवाल पूछे, जिन पर बाकी विदेशी मीडिया खामोश था। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में दर्शकों का आभार जताते हुए कहा कि दर्शकों का भरोसा ही आजतक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है और यही विश्वास आगे भी बड़ी उपलब्धियों की ताकत बनेगा।

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025-26 के लिए नई एग्जिक्यूटिव कमिटी का ऐलान किया

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।

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Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
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भारतीय पत्रकारिता के प्रमुख संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025-26 के कार्यकाल के लिए अपनी एग्जिक्यूटिव कमिटी के सदस्यों की घोषणा कर दी है। इस कमिटी में 23 प्रमुख पत्रकारों और संपादकों को शामिल किया गया है, जो मीडिया इंडस्ट्री की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। गिल्ड के कार्यालय सहयोगियों ने इसकी आधिकारिक सूचना जारी की है।

कमिटी में वरिष्ठ पत्रकार अयाज़ मेमन, आलोक मेहता (पूर्व मुख्य संपादक, आउटलुक हिंदी), आशुतोष (सत्य हिंदी के सह-संस्थापक और संपादक), जयंत मामेन मैथ्यू (मलयाला मनोरमा के कार्यकारी संपादक), कुमकुम चड्ढा (हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ पत्रकार), कविता देवी (खबर लहरिया की मुख्य संपादक), केएन हरि कुमार (पूर्व मुख्य संपादक, डेक्कन हेराल्ड और प्रजा वाणी), माधव नलपत (आईटीवी नेटवर्क के संपादकीय निदेशक), ओम थानवी (पूर्व संपादक, जनसत्ता), प्रकाश दुबे (दैनिक भास्कर के ग्रुप संपादक), रश्मि कोटी (अंडोलन की प्रबंध संपादक) राघव बहल (द क्विंट के मुख्य संपादक), राज चेंगप्पा (टीवी टुडे नेटवर्क के परामर्शी संपादक), राजदीप सरदेसाई (इंडिया टुडे के परामर्शी संपादक), रवि एन (द हिंदू के पूर्व मुख्य संपादक), सुगता श्रीनिवासराजू (वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और कॉलमिस्ट), शेखर गुप्ता (दप्रिंट के मुख्य संपादक और चेयरमैन), सीमा मुस्तफा (द सिटिजन की मुख्य संपादक), अनंत नाथ (द कारवां के संपादक), टीएन नीनन (बिजनेस स्टैंडर्ड के चेयरमैन), विजय नायक (सकल मीडिया ग्रुप के दिल्ली परामर्शी संपादक), भारत भूषण (वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमिस्ट) तथा श्रेणिक राव (मद्रास कूरियर के मुख्य संपादक) शामिल हैं।

इसके अलावा, विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में जॉन डेयल (इंडियन करेंट्स के परामर्शी संपादक) और हरिश खरे (द ट्रिब्यून के पूर्व मुख्य संपादक) को शामिल किया गया है। गिल्ड के अध्यक्ष संजय कपूर, महासचिव राघवन श्रीनिवासन और कोषाध्यक्ष टेरेसा रहमान ने संयुक्त रूप से इस घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, 'यह कमिटी भारतीय पत्रकारिता की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और विविधता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।'

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।

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