HT मीडिया ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स HT डिजिटल स्ट्रीम्स पर कंटेंट-टू-कॉमर्स मॉडल को बड़े पैमाने पर शुरू कर नया राजस्व स्रोत जोड़ा है।
HT मीडिया ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स HT डिजिटल स्ट्रीम्स पर कंटेंट-टू-कॉमर्स मॉडल को बड़े पैमाने पर शुरू कर नया राजस्व स्रोत जोड़ा है। इसके जरिए कंपनी इंटेंट ट्रैफिक से कमाई करने के साथ-साथ पारंपरिक डिस्प्ले विज्ञापनों से आगे अपना दायरा बढ़ा रही है।
यह पहल एफिलिएट पार्टनरशिप, शॉपेबल कंटेंट और क्रिएटर-आधारित रिकमेंडेशन पर आधारित है। यह ऐसे समय में आ रही है जब वैश्विक और भारतीय पब्लिशर्स तेजी से कॉमर्स, कूपन और रिव्यू पर ध्यान दे रहे हैं ताकि कमजोर और अस्थिर विज्ञापन बाजार व थर्ड-पार्टी डेटा की चुनौतियों का सामना किया जा सके।
HT के लिए यह कदम उसके बड़े लॉग्ड-इन और दोबारा आने वाले ऑडियंस को HT टेक, HT ऑटो, हेल्थशॉट्स और हाल ही में लॉन्च किए गए HT शॉप नाउ जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बेहतर तरीके से कैश कराने में मदद करेगा और एक ऐसा परफॉर्मेंस लेयर तैयार करेगा जो मौसमी विज्ञापन उतार-चढ़ाव को झेल सके।
HT डिजिटल स्ट्रीम्स के सीईओ पुनीत जैन ने कहा, “HT मीडिया में हम लगातार कंटेंट-टू-कॉमर्स इकोसिस्टम को बना रहे हैं, एफिलिएट मार्केटिंग में एक कदम आगे बढ़कर और कंटेंट, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में बड़े निवेश कर रहे हैं। एक डेडिकेटेड यूनिट बिजनेस, प्रोडक्ट और कंटेंट टीम्स को साथ लाती है। हम अपने 250 मिलियन से ज्यादा मासिक यूजर्स की ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं और HT शॉप नाउ, HT टेक, HT ऑटो और हेल्थशॉट्स जैसे प्लेटफॉर्म्स को आगे बढ़ाकर यूजर इंगेजमेंट और कॉमर्स-वैल्यू पर फोकस कर रहे हैं।”
एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेयर्स के साथ सहयोग और डी2सी ब्रैंड्स व ओईएम के नेटवर्क से जुड़ाव के जरिए यूजर्स को रिसर्च-आधारित प्रोडक्ट रिकमेंडेशन दिए जा रहे हैं, ताकि वे बेहतर खरीदारी निर्णय ले सकें। साथ ही, सोशल-कॉमर्स में क्रिएटर्स की भागीदारी को एफिलिएट-आधारित कमाई के जरिए इन्फ्लुएंसर प्लेटफॉर्म Affluencr पर सक्षम बनाया जा रहा है।
जैन ने आगे कहा, “यह पहल HT मीडिया को उपभोक्ताओं और ब्रैंड्स के बीच एक भरोसेमंद पुल की तरह स्थापित करती है, जो कंटेंट, क्रेडिबिलिटी और कॉमर्स को एक साथ जोड़कर फुल-फनल सॉल्यूशंस देती है। हम जो मजबूत रिस्पॉन्स देख रहे हैं उससे उत्साहित हैं और हमें भरोसा है कि अगले दो सालों में इस बिजनेस को बड़े पैमाने पर ले जाएंगे। हमारा लक्ष्य है भारत का सबसे भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बनना, जहां लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीदारी से पहले मार्गदर्शन पा सकें।”
एफिलिएट और कॉमर्स से होने वाली आय, नेटवर्क डिस्प्ले की तुलना में ज्यादा इंटेंट कैप्चर और स्पष्ट एट्रिब्यूशन देती है। यह ऐसे साल में और अहम हो जाता है जब ब्रैंड बजट असमान रहे और परफॉर्मेंस मार्केटर्स नापने योग्य नतीजे चाहते हैं।
एडिटोरियल भरोसे को क्यूरेटेड बाइंग जर्नी और क्रिएटर-चुने प्रोडक्ट्स से जोड़कर, पब्लिशर्स उपभोक्ताओं की विचार-प्रक्रिया को ट्रैक करने योग्य राजस्व में बदल पाते हैं। वहीं पार्टनर्स को कैटेगरी-विशेष ऑडियंस तक पहुंच मिलती है, बिना खुद कंटेंट बनाने में निवेश किए।
यह बदलाव ऐसे समय आया है जब HT मीडिया के FY25 प्रदर्शन में तेज सुधार हुआ है। कंपनी ने 14 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया (FY24 के 92 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में), जबकि कुल आय 7.3% बढ़कर 2,025 करोड़ रुपये हो गई (FY24 में 1,886 करोड़ रुपये)। ऑपरेटिंग रेवेन्यू 6.5% बढ़कर 1,806 करोड़ रुपये रहा। विज्ञापन आय लगभग स्थिर रही 1,070.7 करोड़ रुपये (FY24 में 1,070.04 करोड़ रुपये), जबकि नॉन-कोर इनकम बढ़कर 19.13 करोड़ रुपये रही (FY24 में 17.36 करोड़ रुपये)।
सेगमेंट के हिसाब से, प्रिंट सबसे बड़ा स्तंभ बना रहा 1,393 करोड़ रुपये (FY24 में 1,386 करोड़ रुपये), रेडियो बढ़कर 204 करोड़ रुपये (FY24 में 157 करोड़ रुपये) और डिजिटल ने सबसे ज्यादा ग्रोथ दिखाई, 37% बढ़कर 212 करोड़ रुपये (FY24 में 154 करोड़ रुपये)। ऑपरेटिंग लेवरेज बेहतर हुआ: EBITDA 58% बढ़कर 187 करोड़ रुपये रहा (FY24 में 118 करोड़ रुपये), D&A 17% घटकर 98 करोड़ रुपये रहा और कुल खर्च हल्के से बढ़कर 2,003 करोड़ रुपये (FY24 में 1,964 करोड़ रुपये) हो गए, भले ही विज्ञापन और सेल्स खर्च दोगुने से ज्यादा होकर 233 करोड़ रुपये (FY24 में 124.5 करोड़ रुपये) हो गए।
वैश्विक स्तर पर यह मॉडल न्यूज पब्लिशर्स के लिए सफल साबित हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स का Wirecutter प्रोडक्ट टेस्टिंग और बाइंग गाइड्स को स्थायी एफिलिएट रेवेन्यू में बदलता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल का Buy Side फाइनेंस, टेक और होम जैसे क्षेत्रों में कड़ाई से सर्विस जर्नलिज्म लागू करता है। द टेलीग्राफ का Recommended Desk लैब-टेस्टेड रिव्यू और सीजनल गिफ्ट हब्स को हाई-इंटेंट रीडर्स तक पहुंचाता है। वहीं द इंडिपेंडेंट का IndyBest यूके में ‘बेस्ट टू बाय’ लिस्ट्स के लिए जाना जाता है, जो लगातार रैंक करती हैं और कॉमर्स को बढ़ाती हैं। इन सभी में एडिटोरियल भरोसे को शॉपेबल जर्नीज के साथ जोड़कर एक स्थायी और विविध आय मॉडल बनाया गया है।
OpenAI ने ChatGPT Pulse नाम की एक नई सुविधा शुरू की है, जो यूजर्स को पर्सनलाइज्ड नोटिफिकेशन के जरिए रोजाना अपडेट देती है।
OpenAI ने ChatGPT Pulse नाम की एक नई सुविधा शुरू की है, जो यूजर्स को पर्सनलाइज्ड नोटिफिकेशन के जरिए रोजाना अपडेट देती है। फिलहाल यह फीचर मोबाइल पर प्रो सब्सक्राइबर्स के लिए प्रिव्यू में उपलब्ध है और जल्द ही प्लस व अन्य यूजर्स के लिए भी शुरू किया जाएगा।
Pulse रोजाना विजुअल कार्ड्स के रूप में उन जानकारियों का सेट तैयार करता है जो हर यूजर के लिए सबसे ज्यादा प्रासंगिक होती हैं। ये अपडेट चैट हिस्ट्री, मेमोरी, यूजर फीडबैक और जीमेल व गूगल कैलेंडर जैसी कनेक्टेड सर्विसेज से ली गई जानकारी पर आधारित होते हैं। हर रात सिस्टम इन डेटा की समीक्षा करता है और अगले दिन के लिए एक टेलर्ड डाइजेस्ट तैयार करता है। इसमें चल रही बातचीत की याद दिलाने से लेकर क्विक डिनर आइडियाज या लंबे समय के लक्ष्यों जैसे ट्रायथलॉन ट्रेनिंग को पूरा करने की योजनाएं तक शामिल हो सकती हैं।
OpenAI ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, “हम ChatGPT को आपके लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करने के लिए बना रहे हैं। जब से ChatGPT लॉन्च हुआ, इसका मतलब हमेशा यही रहा कि आप आकर एक सवाल पूछें। लेकिन यह इस बात से सीमित हो जाता है कि आपको क्या पूछना आता है और हर बार अगला कदम उठाने का बोझ आप पर डालता है। आज हम मोबाइल पर प्रो यूजर्स के लिए ChatGPT Pulse का प्रीव्यू जारी कर रहे हैं।”
इस सेवा में यूजर्स को ‘curate’ ऑप्शन के जरिए काफी कंट्रोल दिया गया है। इसमें वे खास तरह के अपडेट्स मांग सकते हैं- जैसे शुक्रवार के इवेंट्स का राउंडअप, सीखने के टिप्स या प्रोफेशनल स्पोर्ट्स इनसाइट्स। फीडबैक टूल्स जैसे थम्ब्स अप या थम्ब्स डाउन भविष्य की सिफारिशों को और बेहतर बनाने में मदद करते हैं। अगर कैलेंडर कनेक्ट है, तो ChatGPT मीटिंग एजेंडा ड्राफ्ट कर सकता है, जन्मदिन याद दिला सकता है या ट्रिप्स के लिए रेस्तरां सुझा सकता है।
सभी Pulse कंटेंट को सख्त पॉलिसी चेक्स से गुजरना पड़ता है ताकि कोई हानिकारक या असुरक्षित सामग्री सामने न आए। कंपनी ने कहा, “यह एक और ज्यादा उपयोगी ChatGPT की दिशा में पहला कदम है, जो प्रोएक्टिवली आपको वही लाकर देता है जिसकी आपको जरूरत है, ताकि आप और प्रगति कर सकें और अपनी जिंदगी में वापस लौट सकें।”
Pulse को सबसे पहले प्रो यूजर्स के लिए जारी कर, OpenAI इसका असर और शुरुआती प्रतिक्रिया परखना चाहता है, ताकि आगे बड़े पैमाने पर रोलआउट से पहले सुधार किए जा सकें। यह कदम कंपनी की उस बड़ी सोच को दिखाता है, जिसमें ChatGPT को सिर्फ सवालों के जवाब देने वाला टूल नहीं, बल्कि एक predictive assistant बनाया जाना है, जो यूजर की जरूरतों को पहले से समझकर मदद करे।
मेटा ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए यूके में पेड ऐड-फ्री सब्सक्रिप्शन शुरू करने का ऐलान किया है।
मेटा ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए यूके में पेड ऐड-फ्री सब्सक्रिप्शन शुरू करने का ऐलान किया है। इसकी कीमत वेब पर £2.99 प्रति माह और iOS व एंड्रॉइड पर £3.99 प्रति माह रखी गई है। कंपनी ने बताया कि यह विकल्प आने वाले हफ्तों में, इनफॉर्मेशन कमिश्नर ऑफिस (ICO) के मार्गदर्शन के बाद, उपलब्ध कराया जाएगा।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब मेटा ने अपने विज्ञापन टूल्स के आर्थिक असर को रेखांकित किया है। कंपनी ने कहा कि उसकी विज्ञापन तकनीक ने 2024 में £65 अरब का आर्थिक प्रभाव डाला और यूके में 3,57,000 से ज्यादा नौकरियों को सहारा दिया। मेटा का कहना है, “पर्सनलाइज्ड विज्ञापन टूल्स देशभर में कंपनियों की विकास और उत्पादकता का इंजन बने रह सकते हैं।”
नए मॉडल के तहत, पहला मेटा अकाउंट वेब पर £2.99 और मोबाइल पर £3.99 में बिल किया जाएगा। इसके बाद मेटा अकाउंट्स सेंटर में जोड़ा गया हर अतिरिक्त अकाउंट वेब पर £2 और मोबाइल पर £3 प्रति माह के हिसाब से चार्ज किया जाएगा। मोबाइल पर ज्यादा कीमत का कारण एप्पल और गूगल द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क बताए गए हैं।
जो यूजर्स सब्सक्रिप्शन नहीं लेंगे, उन्हें विज्ञापन दिखते रहेंगे। हालांकि, उन्हें पहले से मौजूद सभी कंट्रोल जैसे ऐड प्रेफरेंसेज़ और डेटा-यूज़ सेटिंग्स का इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती रहेगी। मेटा ने कहा, “जो लोग हमारी सेवाओं को मुफ्त में इस्तेमाल करना चुनेंगे, वे अब भी उन सभी टूल्स और सेटिंग्स का इस्तेमाल कर सकेंगे जो लोगों को उनके विज्ञापन अनुभव को नियंत्रित करने की सुविधा देती हैं।”
कंपनी ने जोर देकर कहा कि यह बदलाव प्राइवेसी चिंताओं और उसके लंबे समय से चल रहे ऐड-समर्थित मॉडल के बीच संतुलन बनाएगा। हाईकोर्ट ने कहा, “हम यह बदलाव ICO के हालिया नियामकीय मार्गदर्शन के जवाब में कर रहे हैं। इससे यूके के लोगों को यह स्पष्ट विकल्प मिलेगा कि वे अपना डेटा पर्सनलाइज्ड विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं या नहीं, जबकि विज्ञापन-समर्थित इंटरनेट के मुफ्त एक्सेस और वैल्यू को भी बनाए रखा जाएगा, जो लोगों, बिजनेस और प्लेटफॉर्म्स के लिए महत्वपूर्ण है।”
मेटा ने यूके और यूरोपीय संघ के नियामक रुख की तुलना भी की। कंपनी ने कहा, “ईयू रेगुलेटर्स लगातार कानून से आगे बढ़कर हमें कम पर्सनलाइज्ड ऐड अनुभव देने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिससे यूजर्स और बिजनेस दोनों का अनुभव खराब होता है। इसके विपरीत, यूके का अधिक प्रोग्रोथ और प्रो-इनोवेशन नियामक माहौल यूजर्स को एक स्पष्ट विकल्प देता है।”
हालांकि, सब्सक्रिप्शन शुरू करने के बावजूद मेटा ने पर्सनलाइज्ड ऐड्स के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कंपनी ने कहा, “हम अब भी ऐड-समर्थित इंटरनेट में विश्वास रखते हैं, जो सभी के लिए पर्सनलाइज्ड प्रोडक्ट्स और सर्विसेज तक मुफ्त पहुंच सुनिश्चित करता है।” मेटा ने यह भी जोड़ा कि उसके विज्ञापन स्थानीय बिजनेस के लिए मजबूत राजस्व स्रोत बने हुए हैं: “हमारे विज्ञापनों पर खर्च किया गया हर £1, औसतन £3.82 की आय उन यूके बिजनेस के लिए लेकर आता है जो विज्ञापन करना चुनते हैं।”
देश के 37.7 करोड़ Gen Z उपभोक्ता अपने साप्ताहिक डिजिटल समय का 51% ओपन इंटरनेट पर बिताते हैं।
देश के 37.7 करोड़ Gen Z उपभोक्ता अपने साप्ताहिक डिजिटल समय का 51% ओपन इंटरनेट पर बिताते हैं। यह जानकारी द ट्रेड डेस्क की नई रिसर्च में सामने आई है। इसमें ओटीटी/सीटीवी, म्यूजिक स्ट्रीमिंग, पॉडकास्ट, ऑनलाइन वीडियो, ब्लॉग्स और वेबसाइट शामिल हैं, जो खोज और जुड़ाव के लिए सबसे अहम जगह बन गई है।
अध्ययन से पता चलता है कि 90% Gen Z अपने रुचियों की खोज ओपन इंटरनेट पर करते हैं, जबकि वॉल्ड गार्डन्स पर यह आंकड़ा 83% है। ओपन इंटरनेट के अलग-अलग चैनल इस पीढ़ी के लिए खास भूमिका निभाते हैं: सीटीवी और म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्रेरणा जगाते हैं, ऑनलाइन वीडियो खोज को बढ़ावा देता है, पॉडकास्ट गहराई से जोड़ते हैं, जबकि ब्लॉग्स और फोरम आत्म-अभिव्यक्ति का मौका देते हैं।
सरकार के 2 लाख करोड़ रुपये के त्योहार सीज़न पुश और जीएसटी 2.0 से इस बार खर्च बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे समय में ये नतीजे विज्ञापनदाताओं के लिए अहम हैं, जो नवरात्रि, दिवाली और साल के अंत की कैंपेन की तैयारी कर रहे हैं।
रिसर्च यह भी बताती है कि Gen Z विज्ञापन को स्वीकार करते हैं, लेकिन उनकी साफ उम्मीदें होती हैं: 62% वेलनेस, सस्टेनेबिलिटी और सांस्कृतिक धरोहर को प्राथमिकता देते हैं; 40% शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं, 37% व्यक्तिगत विकास पर और 35% मानसिक सेहत पर। वे 1.3 गुना ज्यादा ऐसे वीडियो विज्ञापनों को याद रखते हैं जो उनके संदर्भ से जुड़े होते हैं और 1.4 गुना ज्यादा एक्सक्लूसिव ऑफर और डील्स पर प्रतिक्रिया देते हैं।
द ट्रेड डेस्क इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर तेजिंदर गिल ने कहा, “Gen Z पिछली पीढ़ियों से अलग तरीके से संस्कृति बना रहे हैं। वे उन जुनूनों के इर्द-गिर्द अपनी पहचान बना रहे हैं जो उनके लिए सबसे अहम हैं, और ओपन इंटरनेट वही जगह है जहां ये पहचान बनती है। ब्रांड्स जो Gen Z से जुड़ने में सफल होंगे, वही होंगे जो इन जगहों पर सच्चाई और प्रामाणिकता के साथ मौजूद रहेंगे, जहां यह पीढ़ी जीती है, जुड़ती है और नेतृत्व करती है।”
अध्ययन के अनुसार, Gen Z पहले से ही रोज़ाना छह घंटे तक गेमिंग, स्ट्रीमिंग और ऑडियो पर बिताते हैं। नतीजों में कहा गया है कि प्रामाणिकता, पारदर्शिता, निजीकरण और सस्टेनेबिलिटी वो अहम पहलू होंगे जिन पर ब्रांड्स को ध्यान देना होगा, ताकि वफादारी और सांस्कृतिक महत्व दोनों को ओपन इंटरनेट पर मजबूत किया जा सके।
CCI की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने बताया कि कोई भी प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप के स्तर तक यूजर निर्भरता, नेटवर्क इफेक्ट और क्रॉस-प्लेटफॉर्म फायदे में नहीं पहुंचता।
कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के सामने एक बार फिर यह बात दोहराई कि भारत में वॉट्सऐप की डॉमिनेंस Meta के बड़े पैमाने, संसाधनों और Facebook, Instagram, Messenger और वॉट्सऐप के इंटीग्रेशन की वजह से है।
CCI की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने बताया कि कोई भी प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप के स्तर तक यूजर निर्भरता, नेटवर्क इफेक्ट और क्रॉस-प्लेटफॉर्म फायदे में नहीं पहुंचता। उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप के विशाल यूजर बेस और रोजाना की एंगेजमेंट के कारण यूजर्स के लिए प्लेटफॉर्म बदलना लगभग असंभव है, क्योंकि उन्हें अपने पूरे कॉन्टैक्ट नेटवर्क को विकल्पों पर ले जाने के लिए मनाना पड़ेगा।
सिंह ने यह भी बताया कि Meta प्लेटफॉर्म्स के बीच इंटीग्रेशन वॉट्सऐप की शक्ति को और बढ़ाता है, जिससे विज्ञापनदाता, डेवलपर्स और व्यवसाय जुड़ते हैं, और Telegram और Signal जैसे प्रतियोगी इसके मार्केट पोजीशन को चुनौती नहीं दे पाते।
सिंह ने जोर देकर कहा कि वॉट्सऐप ने अपनी डॉमिनेंस का दुरुपयोग 2021 के प्राइवेसी अपडेट के माध्यम से किया, जिसे “take it or leave it” आधार पर लागू किया गया। नोटिफिकेशन में इसे अनिवार्य बताया गया और पहले उपलब्ध सीमित ऑप्ट-आउट की सुविधा हटा दी गई। उन्होंने कहा, “यूजर्स, जो एक अहम कम्युनिकेशन टूल खोने के डर में थे, उनके पास पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।”
CCI की तरफ से कहा गया कि इस नीति ने डेटा संग्रह और Meta के इकोसिस्टम में इंटीग्रेशन को बढ़ावा दिया, जिसे उन्होंने “शोषणपूर्ण दुरुपयोग का क्लासिक उदाहरण” बताया। उन्होंने भारतीय और यूरोपीय यूजर्स के बीच अंतर पर भी ध्यान दिलाया, जिसमें EU यूजर्स को डेटा सुधार और मिटाने जैसी मजबूत सुरक्षा मिलती है।
वॉट्सऐप के यह कहने पर कि प्राइवेसी सिर्फ डेटा प्रोटेक्शन का मामला है, सिंह ने जवाब दिया: “डिजिटल मार्केट्स में, जहां सेवाएं मुफ्त दी जाती हैं, डेटा ही कीमत बन जाता है। प्राइवेसी में कमी, इसलिए, सेवा की गुणवत्ता में गिरावट के बराबर है।”
नवंबर 2024 में, CCI ने Meta पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया और वॉट्सऐप को पांच साल तक यूजर डेटा साझा करने से रोका। इस आदेश को चुनौती दी गई है, और जनवरी 2025 में NCLAT ने अंतरिम स्थगन दिया। वॉट्सऐप के वकील के अंतिम जवाब इस सप्ताह बाद में सुनवाई में प्रस्तुत होने की संभावना है।
Meta के स्वामित्व वाली WhatsApp एक नया एक्सपेरिमेंटल फीचर Ask Meta AI पेश कर रही है। इसका उद्देश्य यूजर्स को वास्तविक समय में जानकारी की जांच करने में मदद करना है।
Meta के स्वामित्व वाली WhatsApp एक नया एक्सपेरिमेंटल फीचर Ask Meta AI पेश कर रही है। इसका उद्देश्य यूजर्स को वास्तविक समय में जानकारी की जांच करने में मदद करना है।
यह फीचर फिलहाल iOS यूजर्स के लिए TestFlight बीटा प्रोग्राम के माध्यम से टेस्ट किया जा रहा है। इसके जरिए यूजर्स सीधे Meta AI से किसी भी मैसेज के बारे में सवाल पूछ सकते हैं, जिससे बातचीत के दौरान फैक्ट-चेकिंग आसान हो जाती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूजर्स किसी भी मैसेज को चुनकर तुरंत स्पष्टीकरण या अतिरिक्त जानकारी ले सकते हैं। इससे टेक्स्ट को मैन्युअली AI असिस्टेंट को फॉरवर्ड करने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
Ask Meta AI को एक प्रोएक्टिव फैक्ट-चेकिंग टूल के रूप में पेश किया गया है। यह फीचर खासतौर पर ग्रुप चैट और कम्युनिटी डिस्कशन में उपयोगी साबित हो सकता है, जहां अक्सर अनवेरिफाइड दावे फैलते रहते हैं।
हालांकि Meta AI पहले से ही WhatsApp में विभिन्न विषयों पर जवाब देने के लिए मौजूद है, यह नया फीचर सत्यापन को तेज और सहज बनाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, यूजर प्राइवेसी को ध्यान में रखा गया है। मैसेज तभी Meta AI के साथ शेयर होते हैं जब यूजर खुद संदर्भ देने और पुष्टि करने का चयन करता है। केवल “Ask Meta AI” चुनने मात्र से कंटेंट साझा नहीं होता।
यह अपडेट अभी टेस्टिंग चरण में है, लेकिन Android बीटा यूजर्स पहले ही इसकी कार्यक्षमता को आजमा रहे हैं। फीचर के परफेक्ट होने के बाद इसे ग्लोबली रोलआउट किया जाएगा, जिससे WhatsApp की जानकारी की सटीकता बढ़ाने और यूजर ट्रस्ट मजबूत करने की कोशिशें और मजबूत होंगी।
‘इंडिया टीवी’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को हाल ही में ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ का फिर प्रेजिडेंट चुना गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने रजत शर्मा को बधाई दी है।
‘इंडिया टीवी’ (India TV) के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को हाल ही में ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ (NBDA) का फिर प्रेजिडेंट चुना गया। 19 सितंबर 2025 को आयोजित बोर्ड बैठक में उन्हें 2025-2026 के कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से इस पद पर चुना गया।
वहीं, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर रजत शर्मा को बधाई दी है। पीएम मोदी ने पत्र में कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में रजत शर्मा का लंबा अनुभव, विभिन्न विषयों पर गहरी समझ और विश्वसनीयता एनबीडीए के मिशन को मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में संस्था पत्रकारों के हितों की रक्षा और समाज व राष्ट्रहित में लगातार अपनी भूमिका निभाती रहेगी।
इससे पहले एनबीडीए की बोर्ड मीटिंग में एम.वी. श्रेयम्स कुमार (मैनेजिंग डायरेक्टर, मातृभूमि प्रिंटिंग एंड पब्लिशिंग कंपनी लिमिटेड) को वाइस प्रेजिडेंट और अनुराधा प्रसाद शुक्ला (चेयरपर्सन व एमडी, न्यूज24 ब्रॉडकास्ट इंडिया लिमिटेड) को मानद कोषाध्यक्ष चुना गया। वहीं, एनी जोसेफ महासचिव के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेंगी।
एनबीडीए बोर्ड में राहुल जोशी (नेटवर्क18), कली पुरी (टीवी टुडे नेटवर्क), अनिल कुमार मल्होत्रा (जी मीडिया कॉर्पोरेशन), ध्रुबा मुखर्जी (एबीपी नेटवर्क), आई. वेंकट (ईनाडु टेलीविजन), राहुल कंवल (एनडीटीवी), महेश कुमार राजारामन (सन टीवी नेटवर्क) और रोहित गोपाकुमार (बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड) भी शामिल हैं।
रिषिराज श्रीवास्तव जल्द ही मीडिया और विज्ञापन जगत में एक नई पारी की शुरुआत करेंगे, जिसका ऐलान वे शीघ्र करेंगे।
रिषिराज श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) में सीनियर रीजन हेड के पद से अलग होने का फैसला लिया है। डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले रिषिराज श्रीवास्तव अब अपने करियर के अगले चरण की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
वह जल्द ही मीडिया और विज्ञापन जगत में एक नई पारी की शुरुआत करेंगे, जिसका ऐलान वे शीघ्र करेंगे। ‘टाइम्स इंटरनेट’ में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने डिस्प्ले, प्रोग्रामेटिक, वीडियो, बड़े IPs और नैटिव बिजनेस जैसे क्षेत्रों में बिजनेस को आगे बढ़ाया। साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को पारंपरिक मीडिया से जोड़ने का काम भी उन्होंने बखूबी निभाया।
रिषिराज ‘एनडीटीवी’, ‘दैनिक भास्कर’ और ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रमुख भूमिकाएं संभाल चुके हैं। रिषिराज श्रीवास्तव का कहना है, ‘मैं अपने सफर के दौरान मिले सभी अवसरों, प्रेरणा और मार्गदर्शन के लिए दिल से आभारी हूं। यह भूमिका मेरे लिए बेहद परिवर्तनकारी रही, जिसने मेरे नेतृत्व कौशल को निखारा, सोच को विस्तृत किया और मुझे डिजिटल मीडिया इकोसिस्टम में सार्थक योगदान देने का मौका दिया। नई यात्रा की ओर बढ़ते हुए मैं अपने सहयोगियों, मार्गदर्शकों और इंडस्ट्री पार्टनर्स के समर्थन और सहयोग के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।’
जुनैद अख्तर को मीडिया में काम करने का करीब 12 साल का अनुभव है। उन्होंने वर्ष 2013 में ‘अमर उजाला’ गाजियाबाद से पत्रकारिता की शुरुआत की थी।
युवा पत्रकार मोहम्मद जुनैद अख्तर ने ‘टीवी9’ (TV9) समूह से अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) की डिजिटल टीम में बतौर सीनियर सब एडिटर जॉइन किया है। अपनी इस भूमिका में वह टीवी9 भारतवर्ष की डिजिटल टीम में एग्जिक्यूटिव एडिटर अमित कुमार राय को रिपोर्ट करेंगे।
जुनैद अख्तर को मीडिया में काम करने का करीब 12 साल का अनुभव है। उन्होंने वर्ष 2013 में ‘अमर उजाला’ गाजियाबाद से पत्रकारिता की शुरुआत की थी, जहां उन्होंने करीब एक साल कार्य किया।
इसके बाद वर्ष 2014 में ‘नवोदय टाइम्स‘ के लिए रेलवे, स्पोर्ट्स और एजुकेशन की बीट कवर की। करीब एक साल बाद 2015 उनका ट्रांसफर गाजियाबाद से दिल्ली हो गया। दिल्ली में उन्होंने मुस्लिम बीट और जंतर मंतर पर कई बड़े धरना प्रदर्शन कवर किए।
वर्ष 2016 में जुनैद अख्तर नोएडा आ गए। यहां उन्होंने क्राइम बीट पर लगातार करीब तीन साल काम किया। वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान उन्हें क्राइम के अलावा गौतमबुद्ध नगर की तीनों प्राधिकरण और दूसरी बीट भी कवर करने का मौका मिला।
इसके बाद वर्ष 2024 में जुनैद अख्तर ‘उत्तर प्रदेश टाइम्स’ (Uttar Pradesh Times) की डिजिटल टीम से जुड़ गए। इस दौरान उन्होंने 'उत्तर प्रदेश टाइम्स' की नोएडा डिजिटल साइट ‘ट्राइसिटी टुडे’ में भी काम किया।
कुछ समय वहां अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर ‘न्यूज24’ (News24) की डिजिटल टीम जॉइन कर ली। यहां बतौर सब एडिटर जुनैद ने राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खबरों पर काम किया। इसके बाद यहां अपनी पारी को विराम देकर वह अब ‘टीवी9 भारतवर्ष’ पहुंचे हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से जुनैद अख्तर को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के साथ अपने तालमेल को दोहराते हुए DNPA ने कहा कि उसे भरोसा है कि इस मुद्दे को गंभीरता से देखा जाएगा।
डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर उन विदेशी डिजिटल कंपनियों पर लगाई गई 6% इक्वलाइजेशन लेवी हटाने के फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया है, जो भारत में काम कर रही हैं।
चेयरपर्सन मरियम मैमन मैथ्यू द्वारा हस्ताक्षरित इस प्रतिनिधित्व में DNPA ने कहा, “जब यह लेवी लागू की गई थी, तो यह इस बात की मान्यता थी कि भारतीय बिजनेस, जिनमें घरेलू डिजिटल पब्लिशर्स भी शामिल हैं और भारत से बड़ा लाभ कमाने वाले ग्लोबल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स के बीच संतुलन और न्याय की जरूरत है। लेकिन बाद में, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक विचारों को आसान बनाने के लिए इसे हटा दिया गया, जिससे अनजाने में भारतीय डिजिटल पब्लिशर्स को प्रतिस्पर्धा में नुकसान झेलना पड़ा।”
एसोसिएशन ने माना कि भारत ओईसीडी/जी20 इनक्लूसिव फ्रेमवर्क के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है, लेकिन यह भी बताया कि फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इटली और स्पेन जैसे कई देशों ने तब तक डिजिटल सर्विस टैक्स जारी रखा है, जब तक वैश्विक टैक्स सुधार पूरे नहीं हो जाते।
पत्र में कहा गया, “इस संदर्भ में हम आदरपूर्वक निवेदन करते हैं कि भारत की स्थिति की समीक्षा की जाए, ताकि इस संक्रमण काल में घरेलू डिजिटल पब्लिशर्स के हित प्रभावित न हों।”
सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के साथ अपने तालमेल को दोहराते हुए DNPA ने कहा कि उसे भरोसा है कि इस मुद्दे को गंभीरता से देखा जाएगा।
एसोसिएशन ने कहा, “हमें विश्वास है कि आपके नेतृत्व में इस मामले पर उचित विचार किया जाएगा, ताकि यह मुद्दा राष्ट्रीय हित और भारतीय डिजिटल मीडिया की वृद्धि– दोनों के लिए सबसे बेहतर तरीके से हल हो सके।”
समीक्षा सिक्का इससे पहले चार साल से ज्यादा समय से ‘नेटवर्क18’ (Network18) में अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
समीक्षा सिक्का को ‘एनडीटीवी डिजिटल’ (NDTV Digital) में रेवेन्यू हेड के पद पर नियुक्त किया गया है। समीक्षा ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट के जरिये खुद यह जानकारी शेयर की है।
लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘मुझे खुशी है कि मैं NDTV Digital में रेवेन्यू हेड के तौर पर नई भूमिका की शुरुआत कर रही हूं।’
समीक्षा सिक्का इससे पहले चार साल से ज्यादा समय से ‘नेटवर्क18’ (Network18) में अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं। वहां वह Moneycontrol.com, News18.com तथा Firstpost.com के लिए काम कर रही थीं।
समीक्षा डिजिटल सेल्स क्षेत्र की अनुभवी प्रोफेशनल हैं। उन्हें इंटीग्रेटेड सेलिंग, इन्वेंट्री और कंटेंट सेल्स में महारत हासिल है। पूर्व में वह ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘नवभारत टाइम्स’ और ‘महाराष्ट्र टाइम्स’ जैसे प्रतिष्ठित न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स के साथ भी काम कर चुकी हैं।