जानिए, ब्रैंड्स को क्यों पसंद आ रहे हैं जमीन से जुड़े डिजिटल क्रिएटर्स

भारत में 25 से 35 लाख के बीच कंटेंट क्रिएटर्स हैं जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं। लेकिन इतनी भीड़ के बावजूद एक छोटा-सा वर्ग है जो बाकियों से अलग नजर आता है।

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Monday, 28 July, 2025
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शालिनी मिश्रा, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

भारत में 25 से 35 लाख के बीच कंटेंट क्रिएटर्स हैं जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं। लेकिन इतनी भीड़ के बावजूद एक छोटा-सा वर्ग है जो बाकियों से अलग नजर आता है। ये वो क्रिएटर्स हैं जिनका संदेश स्पष्ट होता है, जो किसी खास विषय में माहिर होते हैं और अपने दर्शकों के साथ भरोसे का रिश्ता बनाते हैं। ऐसे क्रिएटर्स आज ब्रैंड्स का ध्यान खींच रहे हैं और अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। बस इसलिए क्योंकि वे गुणवत्तापूर्ण, असरदार और ईमानदार कंटेंट बना रहे हैं।

आज जब इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग की दुनिया नकली आंकड़ों, फर्जी फॉलोअर्स और क्षणिक वायरल कंटेंट से भरी पड़ी है, तब ब्रैंड्स अब चुपचाप ऐसे क्रिएटर्स की ओर रुख कर रहे हैं जो असल मूल्य देते हैं, जो खास क्षेत्र में अपनी पहचान बनाते हैं, दर्शकों का भरोसा बनाए रखते हैं और अपने फॉलोअर्स से गहराई से जुड़ते हैं।

HashFame की पहली तिमाही की रिपोर्ट भी इसी बदलाव की पुष्टि करती है। इसमें बताया गया है कि नेहा नागर, अपूर्वा मुखिजा और साहिबा बाली जैसे क्रिएटर्स ब्रैंड की पहली पसंद बन रहे हैं। इसलिए नहीं कि वे सबसे ज्यादा शोर मचाते हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि वे लगातार, सुलझे हुए और रणनीतिक तरीके से अपने दर्शकों से जुड़ते हैं।

रिपोर्ट बताती है कि टॉप 10 क्रिएटर्स में तीन समान खूबियां पाई गईं:

  1. किसी खास विषय में विशेषज्ञता और उस पर भरोसेमंद पहचान,

  2. अपने ऑडियंस के साथ लगातार और उच्च स्तर की एंगेजमेंट,

  3. और कंटेंट व ब्रैंड के संदेश के बीच गहरा तालमेल।

उदाहरण के लिए—मिलेनियल्स और Gen-Z को ध्यान में रखकर मुखिजा का बोल्ड ह्यूमर, साहिबा बाली का वेलनेस फोकस्ड नैरेटिव या फिर अरविंद खर्रा का टेक्नोलॉजी पर स्पष्ट संवाद- इनका कंटेंट स्वाभाविक लगता है, थोपे हुए जैसा नहीं।

यहां तक कि मिड-टियर क्रिएटर्स जैसे विकीपीडिया और आशि अदानी, जिनके फॉलोअर्स की संख्या कम है, वे भी बड़े-बड़े “मेगा इन्फ्लुएंसर्स” की तुलना में ज्यादा एंगेजमेंट दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, नेहा नागर को 185 ब्रैंड इंटरेस्ट सिग्नल मिले, वहीं आशि अदानी को 40- इससे पता चलता है कि अब ब्रैंड्स तड़क-भड़क की बजाय ठोस और भरोसेमंद कंटेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं। 

आइए नजर डालते हैं कुछ प्रमुख क्रिएटर्स की स्थिति पर

नेहा नागर (@iamnehanagar)

• Brand Interest: 185 • Followers: 2 मिलियन Engagement: 1.61%

नेहा ने अपने करियर की शुरुआत IIFL Securities में एक वेल्थ मैनेजर के तौर पर की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान तब मिली जब उन्होंने पर्सनल फाइनेंस को आसान और रीटेबल तरीके (ऐसे कंटेंट, जो किसी आम इंसान की रोजमर्रा की जिंदगी से मेल खाती हो) से समझाना शुरू किया। उन्होंने बजटिंग, टैक्स और पैसे बचाने जैसे जटिल वित्तीय विषयों को रोजमर्रा की भाषा में छोटे-छोटे वीडियोज के जरिए समझाया, जिससे उनकी दो मिलियन की ऑडियंस के बीच भरोसा बना।

बड़े ब्रैंड्स जैसे Kotak811, Indian Oil, HPCL, BPCLimited, Airtel India और L&T Finance उनके साथ काम कर रहे हैं, ताकि वे अपने फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को आम लोगों तक सहजता से पहुंचा सकें।

उनकी रील्स — जैसे “अगर ₹20,000 की इनकम में से ₹5,000 बचाते हैं, तो कितना बचता है?” विषयों को सरल, व्यावहारिक रूप में पेश करती हैं।

भले ही उनका एंगेजमेंट रेट 1.61% हो, जो सामान्यतः थोड़ा कम माना जाता है, लेकिन उनकी विषयवस्तु की गहराई, भरोसेमंद शैली और स्पष्ट फोकस के कारण उन्हें 185 ब्रैंड इंटरेस्ट सिग्नल्स मिलते हैं। यह दर्शाता है कि सिर्फ लाइक्स या व्यूज नहीं, बल्कि content की प्रासंगिकता और गुणवत्ता ज्यादा मायने रखती है।

अपूर्वा मखीजा (@the.rebel.kid)

ब्रैंड इंटरेस्ट: 168 • फॉलोअर्स: 4.4 मिलियन • एंगेजमेंट: 15.34%

अपूर्वा ने खुद को Gen Z (नई पीढ़ी) के बेबाक और बिना फिल्टर वाले हास्य तथा पॉप-कल्चर पर तेज टिप्पणियों के लिए एक पहचान बना ली है।

उनका 15.34% का चौंका देने वाला एंगेजमेंट रेट दर्शाता है कि उनके फॉलोअर्स न सिर्फ उन्हें देखते हैं, बल्कि उनकी बातों पर गहराई से प्रतिक्रिया भी देते हैं। इसी वजह से उन्हें 168 ब्रैंड इंटरेस्ट सिग्नल्स मिल चुके हैं।

वह OnePlus, Netflix, Spotify, Google, Hotstar, Amazon, Maybelline, Meta, Nivea, Joy Skin Care जैसे कई बड़े ब्रैंड्स के साथ काम कर चुकी हैं।

चाहे बात ब्यूटी, फैशन की हो या सोशल कमेंट्री (समाज पर राय) की, उनका कंटेंट हमेशा खुला, बेबाक और लोगों को जोड़ने वाला होता है।

इसके अलावा उन्होंने Freakins ब्रैंड के साथ एक फैशन लाइन पर भी कोलैब किया है। हाल ही में उनके टीवी और फिल्मों में आने से उनकी पहुँच और बढ़ी है, लेकिन वे अब भी अपने बिना लाग-लपेट वाली आवाज के कारण अपने दर्शकों को बांधे रखती हैं।

विष्णु कौशल (@thevishnukaushal)

ब्रैंड इंटरेस्ट: 103 • फॉलोअर्स: 2.1 मिलियन • एंगेजमेंट: 4.35%

विष्णु कौशल अपने कंटेंट के जरिए भारत के रोजमर्रा के जीवन पर आधारित हास्य को सांस्कृतिक कहानी कहने के अंदाज में पेश करते हैं। उनके मजेदार और लोगों से जुड़ने वाले (relatable) वीडियो और पोस्ट गूगल, एमेजॉन प्राइम, ब्लिंकिट, बेकिंगो, एयरटेल इंडिया, लिशियस फूड्स और स्प्राइट जैसे ब्रैंड्स को आकर्षित कर रहे हैं। बीते दो महीनों में उन्होंने इनमें से कई ब्रैंड्स के साथ कैंपेन पूरे किए हैं।

उनकी 4.35% की एंगेजमेंट दर यह दिखाती है कि उनका कंटेंट दर्शकों से गहराई से जुड़ता है और ब्रैंड्स के लिए यह दर्शाता है कि उनके जरिए जो कहानियां कही जाती हैं, वे असली और विश्वसनीय लगती हैं। 

प्राजक्ता कोली (@mostlysane)

• ब्रैंड इंटरेस्ट: 95 • फॉलोअर्स: 8.7 मिलियन • एंगेजमेंट: 4.96%

प्राजक्ता एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हैं, जिनकी कहानियों की शैली उनके दर्शकों के साथ समय के साथ विकसित हुई है। वो टाइम्स की टॉप 100 लिस्ट का हिस्सा रह चुकी हैं और उन्होंने गूगल, नेटफ्लिक्स, एमेजॉन, फिलिप्स, बाटा और वीनस जैसे ब्रैंड्स के साथ काम किया है।

उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे सिर्फ स्केच या मजेदार वीडियो नहीं बनातीं, बल्कि अपने कंटेंट के जरिए संवाद शुरू करती हैं। उनके वीडियो में अक्सर कोई चैलेंज या "कॉल टू एक्शन" (यानि दर्शकों से कुछ करने की अपील) होता है, जिससे उनकी 8.7 मिलियन की विशाल ऑडियंस खुद को शामिल महसूस करती है। 

अरविंद खरा (@techmasterco)

• ब्रैंड इंटरेस्ट: 77 • फॉलोअर्स: 4.6 मिलियन • एंगेजमेंट: 2.15%

अरविंद टेक-एक्सप्लेनर (तकनीकी समझाने वाले) कंटेंट की कैटेगरी में काम करते हैं। वो आसान और सभी को समझ आने वाली भाषा में गैजेट रिव्यू और ट्यूटोरियल बनाते हैं। सैमसंग, HP और शाओमी जैसे ब्रैंड्स उनके साथ अक्सर रिव्यू और “कैसे करें” (how-to) टाइप कंटेंट पर काम करते हैं।

उनके पास 4.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं और उनकी प्रेजेंटेशन (प्रस्तुति) की शैली साफ-सुथरी और स्पष्ट होती है। इसी वजह से वो ऐसे टेक-प्रेमी दर्शकों के बीच एक भरोसेमंद आवाज बन गए हैं, जो बिना किसी झंझट के, सीधी और साफ जानकारी चाहते हैं।

पारुल गुलाटी (@gulati06)

• ब्रैंड इंटरेस्ट: 69 • फॉलोअर्स: 1.7 मिलियन • एंगेजमेंट रेट: 1.75%

पारुल गुलाटी एक ऐसी डिजिटल क्रिएटर हैं जो लाइफस्टाइल, एंटरटेनमेंट, फाइनेंस और सेल्फ-ग्रोथ जैसे विषयों का संयोजन अपने कंटेंट में पेश करती हैं। उन्होंने Veet India, Dot & Key, Nivea, Licious और ALT Balaji जैसे ब्रैंड्स के साथ काम किया है।

इसके अलावा, पारुल Nish Hair नाम की अपनी खुद की D2C (Direct-to-Consumer) हेयर एक्सटेंशन ब्रैंड की संस्थापक भी हैं। उन्होंने Shark Tank India शो में हिस्सा लिया था और ₹1 करोड़ की फंडिंग के बदले 2% इक्विटी दी थी।

उनकी यह उद्यमिता यात्रा (entrepreneurial journey) उनके व्यक्तित्व को और गहराई देती है, जिससे उनके दर्शक न केवल उनकी क्रिएटिविटी से बल्कि उनकी लगन और प्रेरणा से भी जुड़ाव महसूस करते हैं।

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साहिबा बाली  (@sahibabali)

• ब्रैंड इंटरेस्ट (Brand Interest): 55 •  फॉलोअर्स: 7.48 लाख •  एंगेजमेंट रेट: 10.36%

साहिबा बाली का कंटेंट उनकी निजी जिंदगी के अनुभवों, वेलनेस रूटीन, फैशन, और आध्यात्मिक विचारों (spiritual reflections) को समेटे होता है। Zomato और पंजाब किंग्स (PBKS) जैसे ब्रैंड्स ने उनके साथ साझेदारी की है।

उनकी एंगेजमेंट रेट बहुत मजबूत है (10.36%), यानी उनके फॉलोअर्स उनकी पोस्ट्स पर एक्टिवली प्रतिक्रिया देते हैं और जुड़ाव महसूस करते हैं। उनका कंटेंट सच्चाई और विश्वसनीयता (authenticity) पर आधारित होता है, जिसकी वजह से ब्रैंड्स के साथ उनकी साझेदारी को दर्शक भरोसेमंद मानते हैं।

विक्की पेडिया (@vickypedia_007)

• ब्रैंड इंटरेस्ट: 52  •  फॉलोअर्स: 10 लाख  •  एंगेजमेंट रेट: 12.07%

विक्की छोटे-छोटे (bite-sized) मोटिवेशनल और एजुकेशनल वीडियो बनाते हैं। उनकी तेज, प्रभावी स्टोरीटेलिंग के चलते उन्होंने Airtel India और कई अन्य ब्रैंड्स के साथ शैक्षणिक, सेल्फ-हेल्प और कॉरपोरेट अभियानों में काम किया है।

वे जटिल विचारों को एक मिनट से कम समय में सरल और स्पष्ट रूप में समझा देते हैं, जिससे उनका कंटेंट थॉट लीडरशिप कैंपेन (Thought Leadership Campaigns) के लिए एकदम उपयुक्त बन जाता है।

रवि गुप्ता (@shudhdesicomic)

•  ब्रैंड इंटरेस्ट: 46 फॉलोअर्स: 32 लाख •  एंगेजमेंट रेट: 8.66%

रवि गुप्ता अपने कॉमेडी कंटेंट में भारतीय पारिवारिक और सामाजिक जीवन का तड़का लगाते हैं। उनके स्केच आम लोगों की ज़िंदगी से जुड़े होते हैं, जिससे लोग आसानी से जुड़ पाते हैं।

वह boAt, McDowell’s Soda, Uber, Zomato, Spinny, Vastrado, Housing.com, Amazon MX Player (जैसे “My Girlfriend is an Alien” कैंपेन), और Samsung India (Galaxy Z Fold7) जैसे बड़े ब्रैंड्स के साथ काम कर चुके हैं।

उनका ह्यूमर ऐसा है जो ब्रैंड्स के मैसेज को हल्के-फुल्के, मज़ेदार लेकिन सामाजिक रूप से प्रासंगिक अंदाज़ में पेश करता है, जिससे दर्शक न सिर्फ हँसते हैं बल्कि ब्रैंड की बात भी पकड़ लेते हैं।

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आशी अडानी (@aashiadani)

•  ब्रैंड इंटरेस्ट: 40  •  फॉलोअर्स: 2.88 लाख  एंगेजमेंट रेट: 5.40%

हालांकि आशी अडानी एक छोटी क्रिएटर हैं, लेकिन उनका कंटेंट साफ-सुथरा, भरोसेमंद और प्रभावशाली होता है। इसी कारण से उन्हें कई नामी ब्यूटी और लाइफस्टाइल ब्रैंड्स के साथ काम करने का मौका मिला है- जैसे Garnier, Lakmé, MAC, Myntra, Amazon, Maybelline, Kiro Beauty, MyGlamm, Nykaa, Clinique, Mamaearth, Dove, CeraVe आदि।

उनकी 5.4% की एंगेजमेंट रेट यह दिखाती है कि उनके फॉलोअर्स उनके कंटेंट से अच्छी तरह जुड़ते हैं। इस वजह से बुटीक और प्रीमियम ब्यूटी ब्रैंड्स उन्हें खास पसंद करते हैं, क्योंकि उनके जरिए ब्रैंड्स को भरोसेमंद और टार्गेटेड ऑडियंस तक पहुंचने में मदद मिलती है।

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ये क्रिएटर्स क्यों हैं सबसे अलग

इन 10 क्रिएटर्स की कामयाबी के पीछे एक मजबूत फॉर्मूला है- वे अपने खास क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं (niche authority), अपनी ऑडियंस का भरोसा जीत चुके हैं (community trust), उनके कंटेंट में सच्चा जुड़ाव होता है (meaningful engagement), और वे अपनी आवाज और ब्रैंड की जरूरतों के बीच संतुलन बख़ूबी साधते हैं। ये ट्रेंड के पीछे नहीं भागते- बल्कि अपनी ऑडियंस से गहरा, टिकाऊ रिश्ता बनाते हैं।

चाहे वह नेहा की फाइनेंस की समझ हो, अपूर्वा की जेन जी से जुड़ने की क्षमता, या पारुल की एंटरप्रेन्योरशिप की असली झलक- हर क्रिएटर ने अपनी एक अलग जगह बना ली है। ये इस बात का प्रमाण हैं कि लगातार और सही टारगेट किया गया कंटेंट किसी भी तड़क-भड़क वाले एकबारगी वायरल कंटेंट से कहीं ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है।

भारत में क्रिएटर इकोनॉमी की ताकत
BCG की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में डिजिटल क्रिएटर्स उपभोक्ताओं के $350–400 बिलियन के खर्च को प्रभावित करते हैं और यह आंकड़ा 2030 तक $1 ट्रिलियन को पार कर सकता है। भारत में इस समय करीब 20 से 25 लाख सक्रिय डिजिटल क्रिएटर्स हैं (जिनके 1000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं), लेकिन इनमें से केवल 8–10% ही अपने कंटेंट से सही मायनों में कमाई कर पा रहे हैं।

फिलहाल क्रिएटर इकोनॉमी की डायरेक्ट कमाई $20–25 बिलियन आंकी गई है, जो 2030 तक पांच गुना बढ़कर $100–125 बिलियन तक पहुंच सकती है।

शॉर्ट वीडियो और लोकप्रिय जॉनर

रिपोर्ट यह भी बताती है कि शॉर्ट फॉर्म वीडियो का बोलबाला है- कॉमेडी, फैशन, डेली सोप्स और फिल्में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले जॉनर हैं। ब्रैंड अब क्रिएटर-निर्देशित मार्केटिंग में निवेश को 1.5 से 3 गुना तक बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे यह साफ है कि अब कारोबार के मॉडल तेजी से बदल रहे हैं और क्रिएटर्स की अगुवाई में नए तरीके से ढल रहे हैं।

असली असर उन्हीं का है जो सच्चे हैं

भारत की मौजूदा क्रिएटर इकोनॉमी में असली प्रभावशाली वही हैं जो सबसे बड़े नहीं, बल्कि सबसे सच्चे हैं- जो अपनी कला को गंभीरता से लेते हैं, अपनी ऑडियंस को करीब रखते हैं। वे केवल व्यूज नहीं, बल्कि ध्यान खींचते हैं। केवल क्लिक नहीं, भरोसा कमाते हैं। और यही आज ब्रैंड्स को चाहिए- ऐसे लोग जो दिखावे से नहीं, ईमानदारी से काम करें।

आगे का रास्ता

आज के समय में ये जरूरी नहीं कि सबसे ज्यादा शोर मचाने वाला या सबसे ज्यादा फॉलोअर्स वाला ही सबसे असरदार हो। असली बात है- कौन सच्चा है? ब्रैंड्स अब इस बात को समझ रहे हैं। वे अब उन्हीं क्रिएटर्स पर भरोसा कर रहे हैं जो किसी मकसद के साथ आते हैं, जो अपनी ऑडियंस की नब्ज पहचानते हैं और जबरन कुछ बेचने की कोशिश नहीं करते। चाहे फाइनेंस हो, वेलनेस या टेक्नोलॉजी, जिन क्रिएटर्स की आवाज दिल से निकलती है और जो अपने दायरे में टिके रहते हैं, वही अब असली फर्क पैदा कर रहे हैं। और अगर ये रफ्तार बरकरार रही, तो आने वाले समय में भी यही सच्चे, जमीन से जुड़े क्रिएटर्स इंडस्ट्री को आगे ले जाते रहेंगे- हर एक सच्चे और सोच-समझकर किए गए ब्रैंड कोलैबरेशन के जरिए।

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‘News Nation’ की टीम में शामिल हुए अमित कसाना, मिली यह जिम्मेदारी

समाचार4मीडिया से बातचीत में अमित कसाना ने बताया कि न्यूज नेशन में अपनी भूमिका में वह डिजिटल एडिटर बिंदिया भट्ट को रिपोर्ट करेंगे।

Last Modified:
Thursday, 20 November, 2025
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वरिष्ठ पत्रकार अमित कसाना ने ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) से मीडिया में अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने यहां डिजिटल टीम में बतौर डिप्टी एडिटर जॉइन किया है।

समाचार4मीडिया से बातचीत में अमित कसाना ने बताया कि न्यूज नेशन में अपनी भूमिका में वह डिजिटल एडिटर बिंदिया भट्ट को रिपोर्ट करेंगे। अमित कसाना इससे पहले न्यूज 24 डिजिटल (हिंदी) में बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत थे। यहां उनके पास कंटेंट प्लानिंग और स्पेशल असाइनमेंट की जिम्मेदारी थी।  यहां से उन्होंने कुछ दिनों पूर्व ही इस्तीफा दे दिया था, 17 नवंबर 2025 इस संस्थान में उनका आखिरी कार्यदिवस था।

अमित कसाना ने वर्ष 2006 में दिल्ली से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत की थी। कंटेंट प्लानिंग, विज़ुअल स्टोरीटेलिंग, ग्राउंड रिपोर्टिंग, और सोशल-फर्स्ट न्यूज़ पैकेजिंग में उनकी मजबूत पकड़ है।

दिल्ली में जन्मे अमित ने राजधानी से ही अपनी पढ़ाई की और कॉलेज में छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के निजी संस्थान से ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा किया है। इससे पहले अमित कसाना हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित मीडिया समूहों से भी जुड़े रहे हैं।

बेहद सरल स्वभाव वाले अमित डिजिटल कंटेंट पर अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं। समाचार4मीडिया की ओर से अमित कसाना को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।  

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अंजना ओम कश्यप के नाम का इस्मेताल कर चला रहा था फेक यूट्यूब चैनल, कोर्ट ने लिया ये निर्णय

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर न्यूज एंकर व 'आजतक' की मैनेजिंग एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) अंजना ओम कश्यप के पक्ष में एक बड़ा फैसला सुनाया है।

Last Modified:
Thursday, 20 November, 2025
AnjanaOmKashyap

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर न्यूज एंकर व 'आजतक' की मैनेजिंग एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) अंजना ओम कश्यप के पक्ष में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक ऐसे यूट्यूब चैनल पर स्थायी रोक लगा दी है जो डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके खुद को अंजना जैसा दिखा रहा था और फर्जी वीडियो फैलाता था।

क्या था मामला?

टीवी टुडे नेटवर्क और अंजना ओम कश्यप ने कोर्ट में केस दर्ज कर बताया कि “@AnajanaomKashya” नाम से चल रहा एक यूट्यूब चैनल उनकी फोटोज, वीडियो और आवाज का गलत इस्तेमाल कर रहा है। चैनल पर डाले गए कई वीडियो एडिटेड थे और उन्हें ऐसे दिखाया गया जैसे अंजना ने खुद बनाया हो या उसका समर्थन करती हों।

कोर्ट ने पहले 20 जून 2025 को आदेश देकर गूगल को यह फेक चैनल हटाने और उसका बेसिक सब्सक्राइबर डेटा देने को कहा था। गूगल ने कोर्ट के सभी निर्देश मान लिए थे।

कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस तेजस करिया ने कहा कि ऐसी फेक सामग्री बेहद खतरनाक होती है, खासकर जब किसी मशहूर पत्रकार का नाम इस्तेमाल किया जाए। इससे गलत जानकारी फैल सकती है और लोगों में भ्रम पैदा होता है।

कोर्ट ने कहा कि फेक चैनल ने अंजना की तस्वीरें और फेक वीडियो का गलत इस्तेमाल किया, जो पूरी तरह गैरकानूनी है। इसलिए आरोपी (डिफेंडेंट नंबर 2) पर स्थायी रोक लगाना जरूरी है।

कोर्ट ने बताया कि यूट्यूब चैनल चलाने वाला व्यक्ति नोटिस मिलने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुआ, इसलिए उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई।

अंत में कोर्ट का फैसला

हाई कोर्ट ने केस का फैसला अंजना ओम कश्यप और टीवी टुडे नेटवर्क के पक्ष में सुनाया और फेक चैनल को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दिया। सभी लंबित आवेदन भी निपटा दिए गए।

 

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WhatsApp–Meta डेटा शेयरिंग पर फिर बढ़ी हलचल, CCI ने NCLAT से मांगा जवाब

वॉट्सऐप (WhatsApp) और उसकी पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के बीच यूजर डेटा शेयरिंग का मामला एक बार फिर गर्म हो गया है।

Last Modified:
Wednesday, 19 November, 2025
Whatsapp-Meta7845

वॉट्सऐप (WhatsApp) और उसकी पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के बीच यूजर डेटा शेयरिंग का मामला एक बार फिर गर्म हो गया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से पूछा है कि विज्ञापनों के लिए यूजर डेटा शेयर करने पर कौन-से प्राइवेसी नियम लागू होंगे।

यह कदम तब आया है जब NCLAT ने 4 नवंबर को दिए अपने फैसले में WhatsApp और Meta पर लगी पांच साल की पाबंदी हटा दी थी। हालांकि ₹213.14 करोड़ का जुर्माना और कई शर्तें पहले की तरह ही लागू हैं।

CCI का कहना है कि NCLAT के फैसले में 'यूजर की सहमति, पारदर्शिता और एक ही तरह की कंसेंट पॉलिसी' जैसे सिद्धांतों की बात की गई है। आयोग जानना चाहता है कि क्या ये नियम सभी तरह के डेटा पर लागू होते हैं, या फिर विज्ञापन के लिए इस्तेमाल होने वाले डेटा पर अलग तरीके से लागू होंगे।

यदि दोनों तरह के डेटा के लिए एक जैसा नियम माना जाता है, तो WhatsApp और Meta को अपने कंसेंट सिस्टम को बिल्कुल नए तरीके से बनाना पड़ सकता है।

NCLAT की बेंच, जिसमें चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और अरुण बरोका शामिल हैं, ने Meta और WhatsApp को जवाब देने का समय दिया है। मामला 2 दिसंबर को फिर सुना जाएगा। Meta और WhatsApp ने अलग से यह भी मांग की है कि 4 नवंबर के फैसले के कुछ गोपनीय हिस्से सार्वजनिक न किए जाएं।

बता दें कि यह विवाद 2021 में शुरू हुआ, जब WhatsApp ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की। नई पॉलिसी में Meta ग्रुप के साथ डेटा शेयरिंग अनिवार्य कर दी गई और यूजर को इससे बाहर निकलने का विकल्प नहीं दिया गया।

CCI ने इसे 'यूजर की आजादी छीनने वाला' कदम बताया और नवंबर 2024 में WhatsApp और Meta पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया। साथ ही पांच साल तक डेटा शेयरिंग पर रोक लगा दी। Meta और WhatsApp ने इस फैसले को NCLAT में चुनौती दी और जनवरी 2025 में पाबंदी पर अस्थायी रोक लग गई।

4 नवंबर 2025 के अंतिम फैसले में NCLAT ने जुर्माना बरकरार रखा लेकिन विज्ञापन के लिए डेटा शेयरिंग पर लगी लंबी रोक हटाई। ट्रिब्यूनल ने कहा कि यदि यूजर को साफ-साफ जानकारी दी जाए, ऑप्ट-इन/ऑप्ट-आउट का विकल्प मिले और डेटा इस्तेमाल को लेकर पारदर्शिता रखी जाए, तो पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है।

सुनवाई में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Meta) और मुकुल रोहतगी (WhatsApp) ने कहा कि NCLAT का आदेश बिल्कुल साफ है, और CCI बेवजह और अस्पष्ट मुद्दे उठा रहा है। उनका कहना था कि अगर CCI को आपत्ति है तो उसे 'रिव्यू' करना चाहिए, न कि 'क्लैरिफिकेशन' मांगना चाहिए।

इस लड़ाई का सीधा असर उन करोड़ों भारतीयों पर पड़ेगा जो WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं। यदि Meta और WhatsApp डेटा इंटीग्रेशन फिर से शुरू करते हैं, तो उन्हें पहले यूजर्स को ज्यादा साफ जानकारी देनी होगी और हर तरह के डेटा के लिए अलग-अलग सहमति लेनी होगी।

यानी मामला अभी खत्म नहीं हुआ है और आगे का फैसला यह तय करेगा कि WhatsApp भारत में कितनी हद तक यूजर डेटा Meta के विज्ञापन सिस्टम में इस्तेमाल कर पाएगा।

 


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गृह मंत्रालय ने लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड व फर्जी निवेश स्कीम से किया सावधान, जारी की चेतावनी

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने लोगों को फर्जी निवेश, नौकरी के झांसे और अन्य ऑनलाइन स्कैम से बचने के लिए चेतावनी जारी की है।

Last Modified:
Tuesday, 18 November, 2025
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केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने लोगों को फर्जी निवेश, नौकरी के झांसे और अन्य ऑनलाइन स्कैम से बचने के लिए चेतावनी जारी की है।

गृह मंत्रालय के I4C (इंडियन सेंटर फॉर साइबर क्राइम) ने अपने एडवाइजरी में कहा है कि बहुत सारे फर्जी निवेश या नौकरी वाले विज्ञापनों में धोखेबाज लोग 'डीपफेक वीडियो' का इस्तेमाल करते हैं। इन वीडियो और विज्ञापनों में दिखाए जाने वाले विश्वसनीय दिखने वाले दृश्य, झूठे दावे और प्रोफेशनल दिखने वाले ऑनलाइन पेज लोगों को भ्रमित करते हैं।

इसका परिणाम यह होता है कि लोग इन फर्जी विज्ञापनों में आकर अपना पैसा खो बैठते हैं और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होता है।

मंत्रालय ने कुछ साइबर फ्रॉड के हालिया मामले भी उजागर किए।

  • अहमदाबाद का 25 साल का मेडिकल प्रतिनिधि इंस्टाग्राम विज्ञापन में फंसकर 44 लाख रुपये का नुकसान उठा बैठा। वह एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल हुआ, जहां फ्रॉड करने वाले खुद को वित्तीय सलाहकार बता रहे थे। शुरुआत में ग्रुप में बढ़ते हुए मुनाफे दिखाए गए, लेकिन बाद में पूरी राशि गायब हो गई।

  • दिल्ली के अशोक विहार की 40 साल की महिला 21 लाख रुपये के स्टॉक ट्रेडिंग फ्रॉड की शिकार हुई। उसने एक फर्जी ऐप डाउनलोड किया, जो असली ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जैसा दिखता था। शुरुआत में खाते में छोटे मुनाफे दिखाए गए, फिर वॉट्सऐप ग्रुप में निवेश की सलाह देकर तीन अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कराया। जब उसने आगे निवेश करने से इनकार किया, तो ऐप से ब्लॉक कर दिया गया।

  • रोहिणी की एक छात्रा 1.4 लाख रुपये के कैशबैक फ्रॉड की शिकार हुई। QR कोड के झांसे में वह लगातार पैसा ट्रांसफर करती रही। मित्र ने चेताया, तो उसने साइबर फ्रॉड की शिकायत की और 40,000 रुपये वापस पाए, लेकिन कुल 1 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

गृह मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के वर्क-फ्रॉम-होम और निवेश स्कैम में पैटर्न अक्सर एक जैसा होता है: फर्जी विज्ञापन, सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल और पैसे को कई अकाउंट में तेजी से ट्रांसफर करना, ताकि रिकवरी मुश्किल हो जाए।

गृह मंत्रालय ने लोगों से कहा कि वे सतर्क रहें और अनचाही निवेश योजनाओं, कैशबैक ऑफर या पार्ट-टाइम नौकरी के संदेशों का जवाब न दें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत National Cyber Crime Reporting Portal (www.cybercrime.gov.in) या 1930 हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें।

मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी कि सभी जानकारी केवल CYBERDOST के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से ही लें। 

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हर दिन 4 मिलियन डॉलर का नुकसान: YouTube TV से समझौता टूटने के बाद मुश्किल में Disney

डिज्नी इस समय बड़ी मुसीबत में है और इसकी कीमत उसे हर दिन करीब 4 मिलियन डॉलर (लगभग 33 करोड़ रुपये) चुकानी पड़ रही है।

Last Modified:
Thursday, 13 November, 2025
Youtube-Disney

डिज्नी इस समय बड़ी मुसीबत में है और इसकी कीमत उसे हर दिन करीब 4 मिलियन डॉलर (लगभग 33 करोड़ रुपये) चुकानी पड़ रही है। दरअसल, YouTube TV और Disney के बीच चैनल प्रसारण समझौता (carriage agreement) 30 अक्टूबर को खत्म हो गया, जिसके बाद YouTube TV ने ESPN, ABC, FX, National Geographic जैसे डिज्नी के सभी प्रमुख चैनल अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिए हैं।

अमेरिका की निवेश, बैंकिंग सेवाएं, शेयर मार्केट, बीमा, फंड मैनेजमेंट और वित्तीय सलाह जैसी सेवाएं देने वाली कंपनी मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि इस ब्लैकआउट से डिज्नी को हर हफ्ते करीब 30 मिलियन डॉलर यानी करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसमें विज्ञापन राजस्व और पार्टनरशिप फीस दोनों शामिल हैं।

यह झगड़ा नया नहीं है, बस मैदान बदल गया है। डिज्नी चाहती है कि उसके चैनलों के लिए ज्यादा फीस दी जाए, क्योंकि ESPN और ABC अभी भी लाइव स्पोर्ट्स और प्राइमटाइम एंटरटेनमेंट के लिए अहम माने जाते हैं। वहीं, YouTube TV की मालिक कंपनी Alphabet (Google) का कहना है कि डिज्नी की मांगें पूरी करने से उसे सब्सक्रिप्शन रेट बढ़ाने पड़ेंगे, जिससे यूजर्स और अन्य ब्रॉडकास्टिंग पार्टनर्स दोनों में असंतोष पैदा होगा।

पहले के केबल टीवी जमाने में डिज्नी ब्लैकआउट झेल लेती थी, क्योंकि लोगों के पास विकल्प कम थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। YouTube TV अमेरिका की सबसे बड़ी लाइव टीवी स्ट्रीमिंग सर्विस बन चुकी है, जिसके 90 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं। यानी अब ताकत कंटेंट कंपनियों से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर्स के हाथ में दिख रही है।

इस विवाद का वक्त भी डिज्नी के लिए बेहद खराब साबित हो रहा है। ESPN इस वक्त NFL, NBA, कॉलेज फुटबॉल और हॉकी सीजन के चरम पर है। चैनल बंद रहने से विज्ञापनदाताओं की पहुंच घट रही है। उधर, ABC चैनल का भी फॉल सीजन चल रहा है, जिससे उसे भी प्राइमटाइम स्लॉट के विज्ञापनों में बड़ा नुकसान हो रहा है।

बताया जा रहा है कि यदि यह विवाद अगले हफ्ते तक खिंच गया तो डिज्नी को कुल मिलाकर 60 मिलियन डॉलर से ज्यादा का घाटा झेलना पड़ सकता है।

Google की स्थिति कुछ मजबूत मानी जा रही है। उसने प्रभावित ग्राहकों को $20 का क्रेडिट देने की घोषणा की है, जो डिज्नी की मांगों को मानने से कहीं सस्ता विकल्प है। हालांकि कुछ यूजर्स ने इस क्रेडिट को छिपाने और क्लेम करने में मुश्किलें होने की शिकायत की है। फिर भी Google का दांव यह है कि दर्शक कुछ मैच मिस कर लेंगे, लेकिन बढ़े हुए मासिक चार्ज नहीं झेलेंगे।

डिज्नी के लिए यह विवाद उसके सीईओ बॉब आइगर के लिए एक और सिरदर्द बन गया है। पहले से ही कंपनी स्ट्रीमिंग बिजनेस में प्रॉफिट, री-स्ट्रक्चरिंग की लागत और ESPN के स्वतंत्र ऐप या साझेदारी मॉडल जैसे मुद्दों से जूझ रही है। YouTube TV पर अपने चैनल खोने से डिज्नी का असर कमजोर पड़ा है और हर बीतता दिन उसके विज्ञापन और कमाई दोनों को नुकसान पहुंचा रहा है।

ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद जल्दी सुलझ जाएगा, क्योंकि दोनों ही पक्ष इसे लंबा नहीं खींचना चाहते, खासकर जब फुटबॉल सीजन जोरों पर है। लेकिन जब भी चैनल दोबारा शुरू होंगे, एक बात साफ रहेगी, अब टीवी की दुनिया में शो भले कंटेंट हो, लेकिन रिमोट अब डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स के हाथ में है।

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अब इस मीडिया संस्थान से जुड़ीं पत्रकार कुमुद अहलावत, मिली डिजिटल की कमान

समाचार4मीडिया से बातचीत में कुमुद अहलावत ने बताया कि ‘जनतंत्र टीवी’ में जिम्मेदारी निभाने के साथ ही वह अपना मीडिया वेंचर भी संभालती

Last Modified:
Wednesday, 12 November, 2025
Kumud Ahlawat

टीवी पत्रकार कुमुद अहलावत ने अब हिंदी न्यूज चैनल ‘जनतंत्र टीवी’ (Jantantra TV) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने इस चैनल की डिजिटल टीम में बतौर एडिटर जॉइन किया है।

कुमुद अहलावत इससे पहले ‘लल्लनटॉप’ (Lallantop) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही थीं, जहां से उन्होंने इसी साल मई में इस्तीफा देकर अपना मीडिया वेंचर शुरू किया था। समाचार4मीडिया से बातचीत में कुमुद अहलावत ने बताया कि ‘जनतंत्र टीवी’ में जिम्मेदारी निभाने के साथ ही वह अपने वेंचर का कामकाज भी संभालती रहेंगी।  

कुमुद अहलावत को लगभग दो दशक तक देश के कई बड़े न्यूज नेटवर्क्स के साथ काम करने का अनुभव है। वर्ष 2007 से टीवी न्यूज़ इंडस्ट्री में सक्रिय कुमुद ने ‘जी न्यूज’ (Zee News), ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) और ‘आजतक’ (AajTak) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।

कुमुद अहलावत का सबसे लंबा और निर्णायक कार्यकाल ‘Zee News’ में रहा, जहां उन्होंने ट्रेनी से लेकर प्रोडक्शन हेड तक का सफर तय किया। ‘Zee’ की अपनी पारी के दौरान कुमुद ने वरिष्ठ टीवी संपादक सुधीर चौधरी के साथ ‘DNA’ जैसे शो का प्रोडक्शन संभाला। ‘DNA’ उस समय का सबसे चर्चित प्राइम टाइम शो रहा, जिसने राजनीतिक नैरेटिव गढ़ने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा 'RJ रौनक का शो' और 'भाई vs भाई' (पूनावाला भाइयों की डिबेट सीरीज) जैसे फॉर्मेट भी इन्हीं के निर्देशन में तैयार हुए। ‘Zee’ के बाद इन्होंने ‘Times Now Navbharat’ में करीब 13 महीने काम किया, जहां 'सवाल पब्लिक का' जैसे डिबेट शो के प्रोडक्शन को संभाला, जो वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार द्वारा होस्ट किया जाता था।

‘टाइम्स नेटवर्क’ के बाद कुमुद ने ‘आजतक’ जॉइन किया और सुधीर चौधरी के साथ दोबारा काम करते हुए प्राइम टाइम शो 'Black and White' की पूरी प्रोडक्शन जिम्मेदारी संभाली। कुमुद वर्ष 2024 में ‘Lallantop’ से जुड़ीं, जहां उन्होंने न केवल कंटेंट और शो का प्रोडक्शन लीड किया, बल्कि एंकरिंग से लेकर शिफ्ट लीड और इनपुट आउटपुट तालमेल तक की पूरी जिम्मेदारी निभाई। डिजिटल मीडिया में इस अनुभव ने उनके विज़न को और स्पष्ट किया। यहां से मई में उन्होंने बाय बोल दिया था और तब से अपने मीडिया वेंचर पर फोकस कर रही थीं।

समाचार4मीडिया की ओर से कुमुद अहलावत को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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बालाजी टेलीफिल्म्स ने लॉन्च किया प्रीमियम ज्योतिष ऐप ‘AstroVani by Balaji’

एंटरटेनमेंट की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड अब एक नए क्षेत्र में कदम रख रही है।

Last Modified:
Tuesday, 11 November, 2025
BalajiTelefilms7598

एंटरटेनमेंट की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड अब एक नए क्षेत्र में कदम रख रही है। कंपनी ने ‘AstroVani by Balaji’ नाम से भारत का पहला प्रीमियम ज्योतिष ऐप लॉन्च किया है, जो आधुनिक अंदाज में ज्योतिष को लोगों के बेहद करीब लाने का प्रयास है।

कंपनी का कहना है कि यह ऐप परंपरा और तकनीक का मेल है, जो यूजर्स को व्यक्तिगत और भरोसेमंद अनुभव देता है। इसमें दैनिक राशिफल, जीवन से जुड़ी सलाह और अनुभवी ज्योतिषियों, न्यूमरोलॉजिस्ट्स और हस्तरेखाविदों से लाइव एक-टू-वन कंसल्टेशन की सुविधा उपलब्ध है। चाहे बात करियर की हो, रिश्तों की, सेहत की या परिवार की-  AstroVani by Balaji हर सवाल का समाधान भरोसेमंद विशेषज्ञों से दिलाने का वादा करता है।

आज की युवा पीढ़ी के लिए डिजाइन किया गया यह ऐप पूरी तरह ऐड-फ्री है और इसकी सबसे बड़ी खूबी है यूजर की प्राइवेसी और ट्रस्ट पर इसका फोकस। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि यह आधुनिक जीवनशैली में सहजता से फिट हो जाए- भरोसेमंद, सुंदर और उपयोग में आसान।

लॉन्च के मौके पर बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड की फाउंडर और जॉइंट एमडी एकता आर. कपूर ने कहा, “मैं हमेशा ज्योतिष की शक्ति में विश्वास रखती आई हूं। इसने मुझे जीवन के हर पड़ाव पर दिशा और दृष्टिकोण दिया है। AstroVani by Balaji मेरे दिल के बहुत करीब एक पहल है, जिसका मकसद है लोगों को भारत भर के बेहतरीन ज्योतिषियों से जोड़ना ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सही मार्गदर्शन पा सकें। मेरी इच्छा है कि यह ऐप हर उस व्यक्ति का साथी बने जो अपने जीवन में स्पष्टता और आत्मविश्वास की तलाश में है।”

बालाजी टेलीफिल्म्स के ग्रुप सीईओ और सीएफओ संजय द्विवेदी ने कहा, “AstroVani by Balaji के साथ हम अपने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के सफर को आगे बढ़ा रहे हैं। यह लॉन्च भारत की सांस्कृतिक गहराई को आधुनिक तकनीक की सुविधा से जोड़ता है। हमारा लक्ष्य है ऐसे डिजिटल प्रॉडक्ट्स तैयार करना जो सिर्फ मनोरंजन ही नहीं बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में भी उपयोगी साबित हों।”

बालाजी टेलीफिल्म्स के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर धवल शेट ने कहा, “हमारा विजन है भारत की सबसे भरोसेमंद परंपराओं में से एक ज्योतिष को एक आधुनिक, टेक-ड्रिवन तरीके से लोगों तक पहुँचाना। ऐप के हर हिस्से, चाहे वह डिजाइन हो या एक्सपर्ट ऑनबोर्डिंग, में भरोसे, सरलता और प्रासंगिकता का ध्यान रखा गया है। जैसे-जैसे हम ‘स्पिरिचुअलिटी-टेक’ के इस नए क्षेत्र में कदम बढ़ा रहे हैं, हमारा फोकस रहेगा कि AstroVani by Balaji एक ऐसा प्लेटफॉर्म बने जो परंपरा और आधुनिकता दोनों को संतुलित रखे।”

यह ऐप फिलहाल Android पर उपलब्ध है और जल्द ही iOS यूजर्स के लिए भी लॉन्च किया जाएगा। कंपनी चाहती है कि लोग इस ऐप के जरिए अपने आत्म-ज्ञान और संतुलन की नई यात्रा की शुरुआत करें।

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धोखाधड़ी रोकने के लिए SEBI का एक्शन प्लान, सोशल मीडिया व सर्च इंजन साइट्स से मांगा सहयोग

सेबी (SEBI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंटरनेट सर्च इंजन साइट्स से कहा है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स पर निवेश से जुड़ी फर्जी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करें।

Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
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बाजार नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंटरनेट सर्च इंजन साइट्स से कहा है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स पर निवेश से जुड़ी फर्जी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करें।

सेबी ने सभी बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को औपचारिक तौर पर लिखा है कि वे ऐसे विज्ञापनों की पहचान और जांच की प्रक्रिया को तेज करें। नियामक ने कहा है कि सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े किसी भी उत्पाद या सेवा का प्रचार सिर्फ उन्हीं लोगों को करने की अनुमति होनी चाहिए जो सेबी में पंजीकृत (SEBI-registered) हैं।

सेबी ने सुझाव दिया है कि पंजीकृत निवेश सलाहकारों (रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर) और बिचौलियों के लिए एक अलग तरह का वेरिफिकेशन लेबल (विशेष निशान) जारी किया जाए, ताकि आम निवेशक आसानी से पहचान सकें कि कौन-सी ऐप या संस्था असली है और कौन-सी फर्जी।

सेबी ने निवेशकों से भी अपील की है कि वे किसी भी संस्था या ऐप के साथ लेन-देन करने से पहले उसका पंजीकरण अवश्य जांचें और केवल मान्यता प्राप्त ट्रेडिंग ऐप्स तथा सत्यापित UPI हैंडल्स के माध्यम से ही निवेश करें।

नियामक ने कहा कि यह कदम निवेशकों को ऑनलाइन ठगी से बचाने और वित्तीय बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जरूरी है।

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'आजतक' का नया प्रयोग, लॉन्च किया अपना ई-पेपर

देश के प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' ने अपने पाठकों के लिए ई-पेपर के रूप में नया प्रयोग शुरू किया है।

Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
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देश के प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' ने अपने पाठकों के लिए ई-पेपर के रूप में नया प्रयोग शुरू किया है। अब पाठक हर दिन देश-दुनिया की बड़ी और महत्वपूर्ण खबरें सीधे अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते हैं। यह ई-पेपर पूरी तरह डिजिटल है और इसका कोई मुद्रित संस्करण प्रकाशित नहीं किया जाएगा।

'आजतक' ई-पेपर में शामिल खबरें सीधे aajtak.in से संकलित की गई हैं, ताकि पाठकों को सबसे ताजा, भरोसेमंद और सटीक जानकारी एक ही जगह मिल सके। इसका उद्देश्य पाठकों को दिनभर की महत्वपूर्ण खबरें व्यवस्थित तरीके से उपलब्ध कराना है।

डिस्क्लेमर में स्पष्ट किया गया है कि ई-पेपर का प्रकाशन, प्रसारण या डिस्ट्रीब्यूशन किसी भी अन्य मकसद के लिए कठोर रूप से प्रतिबंधित है। यह डिजिटल प्रोडक्ट सिर्फ खबरों की जानकारी देने के लिए बनाया गया है।

ई-पेपर की शुरुआत के साथ 'आजतक' अपने डिजिटल विस्तार को और मजबूत कर रहा है। अब पाठक चाहे कहीं भी हों, वे आसानी से और समय पर खबरों तक पहुंच सकते हैं। इस कदम से 'आजतक' ने दर्शकों को डिजिटल दुनिया में सटीक और विश्वसनीय खबरों का नया अनुभव देने का रास्ता खोल दिया है।

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NCLAT का फैसला: WhatsApp को डेटा शेयरिंग में राहत, जुर्माना बरकररार

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मेटा प्लेटफॉर्म (Meta Platforms Inc.) और उसकी सहायक कंपनी वॉट्सऐप (WhatsApp) को आंशिक राहत दी है।

Last Modified:
Tuesday, 04 November, 2025
Meta785

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मेटा प्लेटफॉर्म (Meta Platforms Inc.) और उसकी सहायक कंपनी वॉट्सऐप (WhatsApp) को आंशिक राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें WhatsApp को अपनी पैरेंट कंपनी Meta के साथ विज्ञापन के लिए यूजर डेटा साझा करने से रोका गया था।

हालांकि, NCLAT की बेंच जिसमें जस्टिस (सेवानिवृत्त) अशोक भूषण और बरुण मित्रा शामिल थे, ने यह माना कि WhatsApp की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी ‘डॉमिनेंट पोजीशन का दुरुपयोग’ थी। इसलिए, CCI द्वारा नवंबर 2024 में लगाया गया ₹213.14 करोड़ का जुर्माना ट्रिब्यूनल ने बरकरार रखा है।

CCI ने पहले कहा था कि WhatsApp की 2021 की नीति “ले लो या छोड़ दो” जैसी शर्तें थोपती है, जिससे यूजर्स की आजादी और विकल्प सीमित हो जाते हैं। CCI ने अपने आदेश में WhatsApp को पांच साल तक Meta के साथ यूजर डेटा साझा न करने और हर डेटा कैटेगरी के उपयोग को स्पष्ट रूप से बताने का निर्देश दिया था।

बाद में Meta और WhatsApp ने इस आदेश को NCLAT में चुनौती दी थी। जनवरी 2025 में ट्रिब्यूनल ने दोनों आदेशों- जुर्माना और डेटा शेयरिंग बैन पर अस्थायी रोक लगा दी थी, यह कहते हुए कि इससे WhatsApp के बिजनेस मॉडल पर असर पड़ सकता है।

अब आए अंतिम फैसले में NCLAT ने डेटा शेयरिंग पर लगी रोक को हटा दिया है, लेकिन ₹213 करोड़ का जुर्माना बरकरार रखा है।

यह फैसला भारत में डेटा प्राइवेसी, डिजिटल गवर्नेंस और बड़ी टेक कंपनियों की ताकत पर चल रही बहस में एक अहम मोड़ साबित हुआ है। इससे यह भी साफ हुआ है कि भारत में काम कर रही ग्लोबल टेक कंपनियों पर अब नियामक संस्थाएं और ज्यादा सख्त निगरानी रख रही हैं।

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