TV न्यूज के दिग्गजों ने बताया, इंडस्ट्री के लिए कैसा रहा 2020

कोरोनावायस (कोविड-19) और इसका संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन का तमाम उद्योग धंधों के साथ मीडिया पर भी काफी विपरीत असर पड़ा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 30 December, 2020
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Wednesday, 30 December, 2020
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कोरोनावायस (कोविड-19) और इसका संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन का तमाम उद्योग धंधों के साथ मीडिया पर भी काफी विपरीत असर पड़ा। इस दौरान तमाम अखबारों का सर्कुलेशन कम हो गया, जबकि कई अखबार और मैगजींस के बंद होने की खबरें भी आईं। हालांकि, इस दौरान टीवी न्यूज की व्युअरशिप काफी बढ़ गई, लेकिन टीवी चैनल्स को मिलने वाले विज्ञापनों में कमी आई और रेवेन्यू के लिहाज से यह साल तमाम चैनल्स के लिए ज्यादा अच्छा नहीं रहा। अब सभी लोगों की निगाहें आने वाले साल पर लगी हुई हैं। ऐसे में टीवी न्यूज इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2020 कैसा रहा और वर्ष 2021 में इस सेक्टर को क्या चुनौतियां मिल सकती हैं अथवा नए साल से क्या उम्मीदें हैं, इन सब बातों को लेकर समाचार4मीडिया ने टीवी न्यूज की दुनिया के दिग्गजों से बात की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश:   

हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया टीवी’ में कंसल्टिंग एडिटर अजय कुमार का कहना है- टीवी न्यूज इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2020 काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। कोरोना से जूझना और उसके साथ-साथ लोगों तक खबरें पहुंचाना अपने आप में एक ऐसी चुनौती थी, जिसका अनुभव टीवी में कम से कम किसी के पास अभी तक नहीं था। लेकिन टीवी इंडस्ट्री और इससे जुड़े हर उस एम्प्लॉयीज की दाद देनी पड़ेगी, जिसे हम खबरनवीस कहते हैं कि उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर खबरों के इस चक्र को कभी रुकने नहीं दिया और जिनकी वजह से हम लोग लगातार दर्शकों से जुड़े हुए हैं और दर्शकों का विश्वास भी न्यूज चैनल्स के साथ बना हुआ है।

इसी साल टीवी न्यूज इंडस्ट्री ने एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय भी देखा, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में हुई कवरेज ने दर्शकों का भरोसा टीवी और टीवी न्यूज को लेकर कई सवालों के घेरे में खड़ा हुआ। हालांकि, उससे उबरकर और आगे निकलकर टीवी न्यूज इंडस्ट्री ने यह साबित किया कि अगर आपको खबर देखनी है, खबर समझनी है और खबर की बारीकियों के बारे में जानना है तो उसके लिए टीवी से बेहतर माध्यम नहीं है। यदि अगले साल की बात करें तो हम सभी को बहुत उम्मीदें हैं कि वर्ष 2021 न सिर्फ हिंदुस्तान के लिए बल्कि भारतीय न्यूज टेलिविजन इंडस्ट्री के लिए एक बहुत ही उन्नत साल होगा। सिर्फ इसलिए नहीं कि विज्ञापन बहुत अच्छा मिलने की उम्मीद है बल्कि अब आपको टेलिविजन कवरेज के नए आयाम भी देखने को मिलेंगे।

कोरोना ने यह साबित कर दिया है कि टीवी को यदि और आगे बढ़कर लोगों तक पहुंचना है तो आवश्यक है कि वह सोशल मीडिया को साथ लेकर चले न कि उससे लड़ाई करके। जिस तरह से सोशल मीडिया लगातार न्यूज कवरेज के तरीकों को बदल रहा है, मुझे लगता है कि भारतीय टीवी न्यूज इंडस्ट्री भी अपने आपको एक नए कलेवर/अवतार में पेश करेगी और जनता का भरोसा इस इंडस्ट्री पर वैसे ही बना रहेगा।

कोरोना काल में जो कुछ हुआ, वह अपने आप में एक आपदा से कम नहीं था। इस महामारी से जुड़ी खबरों के बारे में जानने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता थी। इस वजह से उस दौरान टीवी की व्युअरशिप बहुत ज्यादा बढ़ी। अब टीवी न्यूज की व्युअरशिप औसत स्तर पर होने वाली व्युअरशिप से आगे बढ़ रही है। मुझे नहीं लगता कि वर्ष 2021 में इसमें ज्यादा इजाफा होगा, क्योंकि अब जैसे-जैसे जीवन पटरी पर वापस लौटेगा, वैसे-वैसे लोगों की न्यूज के उपभोग (Consumption) की आदत भी कम होगी। मेरा मानना है कि अनिश्चितता की वजह से हमेशा न्यूज की खपत बढ़ती है, अनिश्चितता जैसे-जैसे कम होती है और जीवन सुचारु होता है, न्यूज का उपभोग घटता है।

हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज नेशन' के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया का कहना है- मेरे ख्याल से टीवी न्यूज इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2020 खट्टा और मीठा दोनों रहा है। एक तरफ कोरोना के कारण पूरे देश-दुनिया को परेशान होना पड़ा। दूसरी तरफ इस दौरान भी टीवी ने कई ऐसी पहल की हैं, जिसे जनसरोकार की पत्रकारिता कह सकते हैं। लोगों को शिक्षित करने में, उन्हें कोरोना के बारे में जागरूक करने में टीवी न्यूज मीडिया ने काफी अहम भूमिका निभाई है और घर-घर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह टीवी न्यूज मीडिया के लिए पॉजिटव है और यदि निगेटिव की बात करें तो इस साल कई तरह के विवाद भी टीवी न्यूज इंडस्ट्री के साथ जुड़े। लेकिन, फिर भी मेरा मानना है कि इससे टीवी न्यूज इंडस्ट्री समग्र रूप से और मैच्योर हुई है।

मेरा मानना है कि जब भी कोई बड़ी घटना होती है जैसे संसद पर हमले की घटना हो अथवा अन्य कोई बड़ी घटना, उस समय न्यूज की व्युअरशिप हमेशा बढ़ जाती है। मुझे लगता है कि आगे भी ऐसा ही बना रहेगा। कोरोना तो अपने आप में ऐतिहासिक घटना थी। ऐसे में न्यूज की व्युअरशिप बढ़नी स्वभाविक थी। अब लोगों के पास तमाम तरह के विकल्प भी हैं और तमाम न्यूज चैनल्स है। आप जो चाहे देख सकते हैं। इसके लिए आप टीवी, वेबसाइट्स, सोशल मीडिया, पब्लिक प्लेटफॉर्म्स और तमाम ऐप्स को चुन सकते हैं। मेरा मानना है कि भारत में बड़ी खबरों की कभी कमी नहीं होगी और बड़ी खबर/घटना के साथ टीवी न्यूज की व्युअरशिप भी बढ़ेगी। लोगों के अंदर चीजों को जानने और समझने की जिज्ञासा है। इसके साथ ही वे अपना नजरिया भी सामने रखना चाहते हैं, फिर चाहे वह सोशल मीडिया हो अथवा कोई अन्य प्लेटफॉर्म। नए साल में टीवी न्यूज इंडस्ट्री की चुनौती की जहां तक बात है तो इस इंडस्ट्री को अपने आप को इसी तरह बनाए रखना होगा, यह सबसे बड़ी चुनौती होगी। न्यूज को नए तरीके से पेश करने के तरीके भी बदले हैं और अन्य चीजें भी बदली हैं, वह भी एक चुनौती होगी। सबसे बड़ी चुनौती मैं ये मानता हूं कि न्यूज को एक लाभकारी बिजनेस बनाए रखना भी (क्योंकि उसी से यहां काम करने वालों की सैलरी और अन्य खर्चे निकलते हैं।) मैनेजमेंट के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।     

वरिष्ठ टीवी पत्रकार और न्यूज18 (हिंदी) के मैनेजिंग एडिटर अमिश देवगन का कहना है- मुझे लगता है कि वर्ष 2020 न्यूज इंडस्ट्री के लिए काफी मुश्किलों भरा रहा है। फिर चाहे वह महामारी का दौर हो या अन्य घटनाएं। लेकिन कहते हैं न कि उम्मीद पर दुनिया कायम है और मैं तो काफी सकारात्मक सोचता हूं। मुझे लगता है कि वर्ष 2021 में हमें अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही तलाशना पड़ेगा। मेरा मानना है कि टीवी न्यूज की देश के जनमानस के बीच काफी ज्यादा पहुंच है और काफी क्रेडिबिलिटी है। उसे इक्का-दुक्का लोग नष्ट नहीं कर सकते हैं, क्योंकि लोगों का न्यूज चैनल्स के ऊपर भरोसा रहता है। इस साल न्यूज इंडस्ट्री के भी तमाम लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए, इसके बावजूद इन लोगों ने काफी बहादुरी से अपने कर्तव्य को अंजाम दिया है। इस दौरान देश में तमाम बड़ी-बड़ी घटनाएं भी हुई हैं और सभी घटनाओं की बेहतर कवरेज हुई है।

‘इंडिया न्यूज नेटवर्क’ (India News Network) के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत का कहना है- दुनिया में खबरों के हर माध्यम (टीवी, अखबार व डिजिटल) के लिए यह साल एक सदी के जैसे बराबर रहा है और कोरोना से लड़ता-जूझता रहा है। इस दौरान दुनिया के साथ-साथ हिंदुस्तान भी इससे जूझता रहा। खबरों की दुनिया में इस बार सबसे बड़ा चैलेंज जो मैंने देखा, वो यह था कि जब आप ड्यूटी पर निकलते हैं तो आपको सड़कों पर  कोरोना वॉरियर्स (पुलिस, पत्रकार, डॉक्टर, नर्स व मेडिकल स्टाफ आदि) के अलावा आम लोग नजर नहीं आते हैं। इस दौरान सड़कें सूनी थीं और लोग अपने घरों में थे, ऐसे में खबर की कवरेज करना अपने आप में एक नई तरह की चुनौती थी। सभी लोगों को कोरोना की आशंका से डर लगा रहता था और आज भी लगभग कुछ ऐसा ही है। एक कमरे में अपने आप को सिमटकर रखना और परिवार को दूर रखना यह सब कुछ पहली बार हमने देखा और महसूस किया। ये एक डरावना अनुभव रहा लेकिन इस दौरान एक अनुभव यह हुआ कि ऑफिस का काम घर से ‘वर्क फ्रॉम होम’ करने का विकल्प अपनाना पड़ा, क्योंकि चैनल को चलाना और खबरों की दुनिया का जिंदा रहना जरूरी था। हालांकि घर से टीवी चैनल काम करना एक चुनौती था, लेकिन फिर भी यह हुआ और लोगों ने वर्क फॉम होम में  काफी बेहतर काम किया। टीवी इंडस्ट्री के लिए डिबेट कराना काफी खर्चीला है, सामान्य स्थिति में यह सब होता है, लेकिन कोरोना काल में कहीं आने-जाने की मनाही थी, ऐसे में विभिन्न ऐप्स के जरिये अलग-अलग बैठे लोगों को जोड़ने का विकल्प निकला। यानी डिबेट को डिजिटली कराए जाने का विकल्प निकला और बहुत ही कामयाब रहा।

मेरा मानना है कि कोविड-19 के दौर ने देश को बहुत ही एकनिष्ठ देखा। लोग बहुत अनुशासित दिखे। हिंदुस्तान के लोगों ने घरों में रहकर बहुत मजबूती से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी, इसमें न्यूज इंडस्ट्री खासकर टीवी चैनल्स की भूमिका काफी अहम रही। टीवी न्यूज की दुनिया से जुड़े लोग लगातार लोगों को जागरूक कर रहे थे व अपडेट्स दे रहे थे। ऐसा पहले हमने नहीं देखा था। न्यूज इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने तमाम खतरों के बावजूद लोगों को खबरें देना और जागरूक करना जारी रखा। मुझे उम्मीद है कि अगला साल में यह दुनिया नए सिरे से, नए सपनों, नई चुनौतियों और नए संकल्पों के साथ चलेगी, क्योंकि कोरोना ने दुनिया में बहुत कुछ बदल दिया है। इस साल कोरोना की वजह से बहुत कुछ टूटा है और बहुत कुछ बदला है। इसने सिखाया है कि जिस तरह से मनुष्य ने प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया है और तरक्की के रास्ते में आने वाली चीजों को रौंदा है, उसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। इसलिए जीने का सलीका सीखना बहुत जरूरी है। इस बार लोगों ने जिस तरीके से सबक सीखा है और जीने का रास्ता अख्तियार किया है, उसका असर नए साल पर दिखाई पड़ेगा।

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'सन टीवी' ने तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स को फिर किया नियुक्त

'सन टीवी' (Sun TV) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशक मंडल) ने अपने तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशकों) को फिर से नियुक्त किया है।

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Friday, 29 March, 2024
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'सन टीवी' (Sun TV) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशक मंडल) ने अपने तीन ,  (स्वतंत्र निदेशकों) को फिर से नियुक्त किया है। दरअसल, इन तीनों डायरेक्टर्स का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है।

बोर्ड ने नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति (nomination and remuneration committee) की सिफारिश पर श्रीधर वेंकटेश (Sridhar Venkatesh), डेसमंड हेमंथ थियोडोर (Desmond Hemanth Theodore) और मथिपूराना रामकृष्णन (Mathipoorana Ramakrishnan) को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के रूप में फिर से नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।

श्रीधर वेंकटेश और डेसमंड थियोडोर की नियुक्ति 1 अप्रैल से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगी, जबकि मथिपूराना रामकृष्णन की नियुक्ति 21 जून से प्रभावी होगी क्योंकि उनका पांच साल का कार्यकाल 20 जून को समाप्त हो रहा है।

नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति की सिफारिश के आधार पर, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 1 अप्रैल 2024 से पांच साल की अवधि के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर श्रीधर वेंकटेश की पुन: नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है।

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'टाइम्स नाउ' के मंच से अमिताभ कांत का ऐलान, 2047 में विकसित राष्ट्र बनेगा भारत

टाइम्स नाउ समिट-इंडिया अनस्टॉपेबल के मंच पर जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने उम्मीद जताई है कि भारत जब अपनी आजादी के सौ साल पूरे करेगा, तब वह विकसित देश बन सकता है।

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Friday, 29 March, 2024
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टाइम्स नाउ समिट-इंडिया अनस्टॉपेबल के मंच पर जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने उम्मीद जताई है कि भारत जब अपनी आजादी के सौ साल पूरे करेगा, तब वह विकसित देश बन सकता है। अमिताभ कांत ने कहा कि, 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनाने पर देश के लोगों की आय 6 गुनी हो जाएगी। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सपना साकार हुआ तो प्रति व्यक्ति आय 3000 डॉलर से बढ़ाकर 18000 डॉलर हो जाएगी।

हर भारतीय अमीर हो जाएगा। हम अब पांचवीं बड़ी इकोनॉमी हैं। तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहे हैं। जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ने वाले हैं। साथ उन्होंने मोदी सरकार के विजन को बताते हुए कहा कि अगर भारत साल दर साल तीन दशक तक 9 से 10 प्रतिशत की दर से विकास करता है तो लोगों की आय 18000 डॉलर से अधिक हो जाएगी।

जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर इस देश में रहने वाले लोगों की आय कैसे बढ़ने वाली है तो उन्होंने कहा, चुनाव के बाद ग्रोथ में तेजी आएगी। भारत तेजी से आगे बढ़ेगा। निर्यात बढ़ेगा। शहरीकरण में तेजी आएगी। कृषि प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। सभी बेसिक सेक्टर में तेजी आएगी। अमृतकाल में आप आगे बढ़ेंगे।

हमारा लक्ष्य 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का है। अगले कुछ सालों में कई बड़े रिफॉर्म होंगे। केंद्र सरकार के रिफॉर्म के बाद राज्य सरकार रिफॉर्म करेंगी।

आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।

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'टाइम्स नाउ समिट 2024' में बोले अनुराग ठाकुर, अहंकार और घमंड से भरा 'इंडी एलायंस'

अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह इंडिया एलायंस नहीं इंडी एलायंस है जो अहंकार और घमंड से भरा है, अगर वो इतने पाक साफ होते तो नाम क्यों बदलते काम तो वही है केवल नाम बदला है।

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Friday, 29 March, 2024
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सूचना प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'टाइम्स नाउ समिट 2024' कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा, कि पीएम मोदी ने जो कहा वो किया उन्होंने देश को आगे बढ़ाने का काम किया है।

'टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ' नाविका कुमार के साथ बातचीत में केंद्रीय सूचना प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं 4 बार सांसद रहा हूं, पीएम मोदी और पार्टी ने पांचवीं बार मौका दिया है,जरूर सफलता मिलेगी वहीं उन्होंने बड़े आत्मविश्वास से कहा कि अबकी बार 400 के पार होंगे।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह इंडिया एलायंस नहीं इंडी एलायंस है जो अहंकार और घमंड से भरा है, अगर वो इतने पाक साफ होते तो नाम क्यों बदलते? काम तो वही है केवल नाम बदला है। उस वक्त घोटाले में घोटाले था ना जाने कितने घोटाले थे। इसलिए यूपीए नाम बदलकर इंडी एलायंस रख लिया है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीजेपी हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के पक्षधर रही है, उन्होंने दर्शकों से पूछा क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? अगर कार्रवाई होनी चाहिए तो टाइमिंग क्या है, मनीष सिसोदिया जब जेल गए तो क्या चुनाव था?

 

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अजय कुमार की 'भारत 24' में वापसी, लेकर आए नया शो 'Mr. Analyzer'

1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर रिपोर्टर, एडिटर और एंकर देश कि राजनीति को समझने और पहचाने का मौक़ा मिला।

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Friday, 29 March, 2024
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वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार की एक बार फिर हिंदी न्यूज़ चैनल 'भारत 24' में वापसी हो गई है। इससे पहले वह इस चैनल की लॉन्च करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर 'भारत 24' और अजय कुमार एक साथ आए हैं।

अब दर्शकों को एक बार फिर राजनीति और उससे जुड़ी खबरों का धारदार विश्लेषण देखने को मिलेगा जिसके लिए अजय कुमार जाने जाते हैं। उन्होंने इस बाबत अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर ऐलान भी किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, कुछ संबंध इतने गहरे और गाढ़े होते हैं कि दूर हो कर भी फासले, दिलों के बीच नहीं आते।

15 August 2022 को 'भारत 24' के साथ शुरू हुआ सफ़र, एक बार फिर, चुनावों के महापर्व में, हमसफ़र बन गया। 1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर रिपोर्टर, एडिटर और एंकर देश कि राजनीति को समझने और पहचाने का मौक़ा मिला।

इस रास्ते में यह आठवा लोकसभा चुनाव है। और यकीन मानिए, यह उन सभी लोकसभा चुनावों का शिखर होगा, जिन्हें मैंने कवर किया है। चुनावों के हर पहलू और देश कि महत्वपूर्ण खबरों के साथ देखियेगा Mr. Analyzer रात 8 बजे 'भारत 24' पर।'

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'Times Now' के मंच पर वित्त मंत्री ने बताया, आखिर क्यों नहीं लड़ रहीं वह लोकसभा चुनाव

निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।

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Thursday, 28 March, 2024
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'टाइम्स नाउ समिट' 2024 के मंच पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उपस्थिति दर्ज कराई। टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हूं।' साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष ने मुझसे चुनाव लड़ने के बारे में चर्चा की थी और उन्होंने कहा था कि आप जहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं, वहां से लड़ सकती हैं। लेकिन मैंने मना कर दिया और उन्होंने मेरा सम्मान रखा।

कंगना रनौत पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के बयान पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह माइंडसेट की समस्या है। मैं जब भी ऐसी चीजें सुनती हूं तो खुद बहुत असहज महसूस करती हूं। आप जब राजनीति में होते हैं, तो लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। इस बारे में उन्हें सोचना चाहिए। क्योंकि जो लोग आपको फॉलो करते हैं उनपर इसका असर पड़ता है। ऐसे बयान पर बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।

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भारत के विकास की अबाध यात्रा का साक्षी है टाइम्स नाउ: एमके आनंद

समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद ने टाइम्स नाउ समिट-2024 के अपने संबोधन भाषण में कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसे में मीडिया की भूमिका बहुत अहम हो गई है। समाज के हित में चीजों को कैसे पेश करना है, यह तय करना मीडिया की जिम्मेदारी है।

इसके साथ ही उनका कहना था कि बीते दो दशकों से टाइम्स नाउ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका जिम्मेदारी पूर्वक निभाता आ रहा है। दर्शकों को सशक्त बनाते हुए अपने प्रति उनके भरोसे को मजबूत बनाया है। समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।

अर्थव्यवस्था, कृषि, अंतरिक्ष, रक्षा हर क्षेत्र में भारत तरक्की कर रहा है। भारत की यह यात्रा ऐसी है जिसमें अब कोई ठहराव नहीं है। इसे आगे बढ़ते ही जाना है। भारत की इस तरक्की की राह में टाइम्स नाउ सहभागी रहा है। न्यूज मीडिया के रूप में इसने शानदार काम किया है। बदलते और चुनौतीपूर्ण दौर में दर्शकों का भरोसा कायम रखना एक बड़ी चुनौती है लेकिन इस भरोसे पर टाइम्स नाउ हमेशा खरा उतरा है।

टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद के इस सम्बोधन को आप यहां सुन सकते हैं।

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टाइम्स नाउ समिट 2024 में बोले बिल गेट्स, तेजी से ग्रोथ कर रहा है भारत

टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट समेत कई अहम मुद्दों पर तमाम सवालों के जवाब दिए।

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ बिल गेट्स ने टाइम्स नाउ समिट 2024 में कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं। जिस तरह भारत ने 8% ग्रोथ की है यदि 8% या 6% ग्रोथ को दशक तक बनाएं रखा जाता है तो यह बड़ी बात होगी। लेकिन ऐसा करने के लिए एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और हेल्थ केयर पर काफी काम करना होगा।

टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट पर कई सवालों के जवाब दिए। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के फाउंडर बिल गेट्स ने नाविका कुमार के साथ बातचीत में कहा कि भारत में तकनीक बहुत तेजी से बढ़ रही है। चाइना में सर्विस काफी बड़े लेवल पर काम करती हैं। लेकिन भारत में यह अलग तरह से काम करता है।

बिल गेट्स ने कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सरकार की मदद से भारत के कई क्षेत्रों जैसे बिहार और झारखंड में काम कर रहा है। हमने हेल्थ केयर और किसानों को सशक्त बनाने के लिए भी काम किया है और कर भी रहे हैं। इस क्षेत्र में अभी और काम होना बाकी है।

आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।

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‘Times Now’ समिट में जुटेंगे तमाम दिग्गज, देश के भविष्य से जुड़े अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

दिल्ली में 27 मार्च से होगा दो दिवसीय आयोजन, इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा।

Last Modified:
Tuesday, 26 March, 2024
Times Now Summit

देश के भविष्य को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले तमाम मुद्दों पर चर्चाओं के लिए ‘टाइम्स नाउ’ समिट 2024 का मंच सजने के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली में 27 मार्च से इस दो दिवसीय समिट का आयोजन किया जाएगा।

गतिशील सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में आयोजित होने वाले इस समिट में विभिन्न नेताओं, नीति निर्माताओं, इंडस्ट्री लीडर्स और प्रभावशाली लोगों की भागीदारी रहेगी। वह इन मुद्दों पर अपने विचारों से रूबरू कराएंगे, जो देश की प्रगति व समृद्धि की दिशा में एक रास्ता तय करेंगे।

इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा। इस समिट का उद्देश्य देश के विकास की कहानी को चलाने वाले और इसकी वैश्विक स्थिति को आकार देने वाले कारकों पर समग्र परिप्रेक्ष्य प्रदान करना है।

इस समिट के एजेंडे में टेक्नोलॉजी और डिजिटलीकरण, सतत विकास, स्वास्थ्य देखभाल और समावेशी विकास सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जो देश की आकांक्षाओं की बहुमुखी प्रकृति को दर्शाती है।

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मानक गुप्ता से बोले मनोज बाजपेयी, कंगना रनौत की एक्टिंग का दीवाना हूं

बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।

Last Modified:
Saturday, 23 March, 2024
manakgupta

बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी 'न्यूज24' (News 24) चैनल के स्पेशल संवाद और विश्लेषण कार्यक्रम ‘मंथन’ में पहुंचे। यहां एक्टर ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में बात की। न्यूज एंकर मानक गुप्ता के साथ बातचीत करते हुए मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के बारे में भी बात की।

उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि कंगना रनौत एक बहुत ही सुपरलेटिव एक्ट्रेस हैं। वह कमाल की हैं। मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं। मैंने जब उन्हें पहली बार गैंगस्टर में देखा और फिर लम्हे में उनकी एक्टिंग स्किल देखी तो हैरान रह गया कि कोई इतनी शानदार, इतनी कमाल एक्टिंग कैसे कर सकता है। वह बहुत ही अच्छी अभिनेत्री हैं।'

बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।

उन्होंने कहा, 'मैंने कहीं पढ़ा था कि कंगना चुनाव लड़ सकती हैं। वह बहुत ही शानदार अभिनेत्री हैं, इसलिए जब मुझे उनके चुनाव लड़ने की खबरों का पता चला तो मुझे दुख भी हुआ।' मनोज बाजपेयी ने रैपिड फायर सेशन के दौरान बॉलीवुड के पसंदीदा स्टार्स के बारे में बात की।

एक्टर से जब पूछा गया कि वह बॉलीवुड के किस एक्टर को बेस्ट मानते हैं? इसका जवाब देते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा,’वह इंडस्ट्री में नसीरुद्दीन शाह से ज्यादा बेस्ट किसी एक्टर को नहीं मानते हैं। मानक गुप्ता के साथ एक्टर मनोज बाजपेयी की इस बातचीत का पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

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'न्यूज18 राइजिंग भारत समिट' में बोले अमित शाह, 1600 करोड़ का हिसाब दें राहुल गांधी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'राइजिंग भारत समिट' 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।

Last Modified:
Thursday, 21 March, 2024
amitshah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राइजिंग भारत समिट 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। राहुल गांधी के हफ्ता वसूली वाले बयान पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने फिर 1600 करोड़ का हफ्ता क्यों वसूला? उसका हिसाब देना चाहिए। 1600 करोड़ रुपए उनको भी मिला है। हमें 6000 करोड़ मिला है तो घमंडिया INDI गठबंधन को भी 6000 करोड़ मिला है। एक पैसा कम नहीं मिला है।

शाह ने कहा कि राहुल गांधी सबसे पहले हिसाब दें कि वे कहां से इतना हफ्ता वसूल लाए? हम तो कहते हैं कि भाजपा को मिले चंदे में ए​​क पैसा भी हफ्ता नहीं है, यह शुद्ध रूप से पारदर्शी तरीके से लाया गया चंदा है। राहुल गांधी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था हफ्ता वसूली है तो उनको 6000 करोड़ रुपए का हिसाब देना चाहिए। वे, टीएमसी, एनसीपी कहां से लाई?

अमित शाह ने बताया कि 2014 में भाजपा को जो भी चंदा आता था, उसमें से 81 फीसदी चंदा कैश के माध्यम से आता था। जिसमें किसी का नाम नहीं होता था।  20-20 हजार रुपए करके जमा करते थे। 2018 में ये चंदा 81 फीसदी से 17 फीसदी हुआ। 2023 में कम होकर यह 3 फीसदी पर आ गया। हमारी पार्टी ने इस पर पारदर्शिता अपनाई थी।

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