टीवी टुडे नेटवर्क (TVTN) के न्यूज डायरेक्टर व बिजनेस टुडे के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राहुल कंवल ने इंडिया टुडे ग्रुप से विदा लेने का फैसला किया है
टीवी टुडे नेटवर्क (TVTN) के न्यूज डायरेक्टर व बिजनेस टुडे के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राहुल कंवल ने इंडिया टुडे ग्रुप से विदा लेने का फैसला किया है। वह अब नए अवसरों की तलाश में आगे बढ़ेंगे।
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन व एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने एक इंटरनल नोट में कहा, "राहुल हमारी लीडरशिप टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। उन्होंने अपनी गहरी राजनीतिक समझ, चुनावी कवरेज और खोजी पत्रकारिता के जरिए टेलीविजन न्यूज को एक नई दिशा दी। एक जुनूनी पत्रकार से लेकर न्यूज डायरेक्टर तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा है और हमारी टीम के लिए एक मिसाल है।"
नोट में आगे लिखा गया, "राहुल की कहानी इंडिया टुडे ग्रुप की मूल भावना को दर्शाती है—एक ऐसा सफर, जो पूरी तरह योग्यता और मेहनत पर आधारित रहा। बीते 12 वर्षों में हमने साथ मिलकर मजबूत टीमें बनाईं, प्रभावशाली एडिटोरियल प्रॉपर्टी तैयार कीं और देश के हर कोने तक पहुंचे। यह सफर हमारे लिए यादगार रहेगा।"
"परिवर्तन कभी आसान नहीं होता, लेकिन पत्रकारिता का मूल तत्व ही बदलाव है। आज जब AI एक नए युग का द्वार खोल रहा है, यह कंटेंट क्रिएटर्स के लिए रोमांचक मोड़ है," नोट में आगे कहा गया।
राहुल कंवल ने अपने कार्यकाल में इंडिया टुडे ग्रुप की न्यूज गैदरिंग और ऑपरेशंस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। वह इंडिया टुडे के प्रमुख प्राइमटाइम शो ‘न्यूजट्रैक’ का चेहरा रहे और उनका वीकेंड इंटरव्यू शो ‘जब वी मेट’ भी बेहद लोकप्रिय रहा।
14 सितंबर 1980 को महाराष्ट्र के देवलाली में जन्मे राहुल कंवल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की। वह चिवनिंग स्कॉलर हैं और उन्होंने कार्डिफ यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म का कोर्स किया है। इसके अलावा, उन्हें रोरी पेक ट्रस्ट ग्रांट भी मिला था, जिसके तहत उन्होंने Hostile Environment Journalism की ट्रेनिंग ली।
राहुल कंवल ने पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण योगदान Anti-Fake News War Room (AFWA) की स्थापना के रूप में दिया, जो फेक न्यूज और दुष्प्रचार को रोकने के लिए बनाया गया था। इसके अलावा, उन्होंने Open Source Intelligence Desk (OSINT) की भी नींव रखी, जो डेटा आधारित पत्रकारिता को मजबूती देने का काम करता है।
उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। इंडिया टुडे ग्रुप से उनकी विदाई एक युग के अंत की तरह है, लेकिन जल्द ही वह NDTV में एक नई भूमिका में नजर आएंगे, जहां उनके करियर का नया अध्याय शुरू होगा।
सैयद सुहेल ‘रिपब्लिक भारत’ के लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘ये भारत की बात है’ (Yeh Bharat Ki Baat Hai) को होस्ट करते थे।
वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर सैयद सुहेल ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) को बाय बोल दिया है। वह इस नेटवर्क के साथ बतौर सीनियर एडिटर और एंकर करीब साढ़े छह साल से जुड़े हुए थे और इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक भारत’ के लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘ये भारत की बात है’ (Yeh Bharat Ki Baat Hai) को होस्ट करते थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में सैयद सुहेल ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि यह शो पिछले तीन साल से रात 9 बजे के स्लॉट में नंबर-1 था। हालांकि, अपने नए सफर के बारे में फिलहाल उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार किया है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, वह जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर शामिल हो सकते हैं और उन्हें रात नौ बजे के शो की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर फिलहाल इस खबर की पुष्टि नहीं हो सकी है।
मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सैयद सुहेल को मीडिया में काम करने का करीब 19 साल का अनुभव है। मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘जैन टीवी’ से की थी। इसके बाद वह ‘न्यूज 24’ (News 24) और ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
गौरतलब है कि समाचार4मीडिया ने विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से कुछ दिन पहले ही खबर दी थी कि सुबोध सिंह जल्द ही ‘एनडीटीवी’ की टीम में शामिल हो सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार सुबोध सिंह ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो गए हैं। उन्हें ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गौरतलब है कि समाचार4मीडिया ने विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से कुछ दिन पहले ही खबर दी थी कि सुबोध सिंह जल्द ही ‘एनडीटीवी’ की टीम में शामिल हो सकते हैं।
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बता दें कि सुबोध सिंह ने कुछ समय पहले ही ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) में आउटपुट हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्हें पिछले साल ही इस पद पर प्रमोट किया गया था। इससे पहले वह करीब दो साल से यहां सीनियर एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। यह इस मीडिया समूह के साथ उनकी तीसरी पारी थी।
मूल रूप से देवरिया (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले सुबोध सिंह को मीडिया में काम करने का करीब 26 साल का अनुभव है। वह कई न्यूज चैनल्स की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे हैं।
सुबोध सिंह ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1999 में ‘जी न्यूज’ से ही की थी। इसके बाद वह यहां से अलविदा बोलकर ‘सहारा’ से जुड़ गए और उसकी लॉन्चिंग टीम में शामिल रहे। इसके बाद यहां से वह ‘आजतक’ चले गए और करीब 17 साल तक वहां अपनी जिम्मेदारी निभाई।
बाद में वर्ष 2019 में ‘आजतक’ से अलग होकर वह दोबारा ‘जी न्यूज’ आ गए और करीब दो साल तक यहां कार्यरत रहे। फिर वह टाइम्स समूह में चले गए और ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे और एक साल बाद फिर ‘जी न्यूज’ आ गए। ‘जी न्यूज’ के साथ उनकी यह तीसरी पारी थी, जहां से उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था और अब ‘एनडीटीवी’ के साथ अपना नया सफर शुरू किया है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो सुबोध सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली स्थित ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
भारत में ब्रैंड रणनीतियों में कनेक्टेड टीवी (CTV) का महत्व पहले सिर्फ किनारे या सहायक भूमिका में था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे मार्केटिंग चर्चाओं के मुख्य केंद्र में आ रहा है।
भारत में ब्रैंड रणनीतियों में कनेक्टेड टीवी (CTV) का महत्व पहले सिर्फ किनारे या सहायक भूमिका में था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे मार्केटिंग चर्चाओं के मुख्य केंद्र में आ रहा है। हाल ही में बेंगलुरु में हुए e4m और Teads कस्टम राउंडटेबल (CRT) में यह बदलाव साफ दिखाई दिया, जहां देश के बड़े मार्केटर्स और मीडिया प्रोफेशनल्स ने एक साथ बैठकर चर्चा की कि CTV कैसे दर्शकों से जुड़ने के तरीकों, ब्रैंड बनाने की प्रक्रिया और विज्ञापन कैंपेंस की सफलता को मापने के तरीकों को बदल रहा है और इसे पूरी क्षमता तक पहुंचाने के लिए क्या करना होगा।
“Navigating the Digital Tide: How CTV is Reshaping Media” शीर्षक वाले इस सत्र में इंटरएक्टिव एवेन्यूज की एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट अपर्णा तडिकोंडा, Teads इंडिया की डायरेक्टर (एंटरप्राइज सॉल्यूशंस) ऋद्धि पिमपुटकर, थॉटवर्क्स की ग्लोबल लीड- पेड मीडिया और डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग अनुश्री तापुरिया, अजीओ के ब्रैंड मार्केटिंग हेड अभिनव नारायण, आईटीसी के मीडिया बायर दीपक कुमार, टाइटन में मीडिया व पीआर के ग्रुप मैनेजर सौरभ त्यागी, होमसेंटर-लाइफस्टाइल की एवीपी (HOM) शिखा मजूमदार, निसिन फूड्स के मार्केटिंग हेड वरुण ओबेरॉय और मुथूट फिनकॉर्प वन की एजीएम और लीड (ग्रोथ) आयुषी सिंह शामिल रहे।
चर्चा में शुरुआती मुद्दों में से एक पारंपरिक टीवी और CTV के बदलते रिश्ते पर केंद्रित था। मार्केटर्स का मानना था कि भले ही लीनियर टीवी अभी भी बड़े पैमाने पर रीच (दर्शकों तक पहुंच) देता है, लेकिन दर्शक तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर बढ़ रहे हैं। असली चुनौती है कि सीमित बजट को कहां लगाया जाए- टीवी की व्यापक लेकिन घटती रीच में या CTV के छोटे, प्रीमियम और अधिक जुड़ाव वाले दर्शक वर्ग में।
प्रतिभागियों ने माना कि CTV पारंपरिक टीवी की तुलना में कई फायदे देता है- जैसे सटीक टार्गेटिंग, इमर्सिव स्टोरीटेलिंग फॉर्मेट और मीजरमेंट एंगेजमेंट। खासकर उन कैटेगरीज में, जो बहुत चुनिंदा (niche) या उच्च मूल्य वाले (high-value) ग्राहकों को टार्गेट करती हैं, वहां CTV के जरिए ब्रैंड को दर्शकों के मन में याद रखने की क्षमता और खरीद में बदलने की दर पहले ही पारंपरिक टीवी से बेहतर हो गई है।
फिर भी अपनाने में सावधानी बरती जा रही है। अधिकांश मार्केटर्स CTV को टीवी का पूरक मानते हैं, न कि विकल्प। निर्णय अक्सर ऑडियंस के आकार और कैंपेन उद्देश्यों पर निर्भर करता है। जो ब्रैंड लाखों टार्गेटेड उपभोक्ताओं तक पहुंचना चाहते हैं, उनके लिए CTV अधिक कुशल है, जबकि करोड़ों लोगों तक पहुंच के लिए टीवी अभी भी लागत-प्रभावी माध्यम है। मौसम, उत्पाद प्रकार और खरीदारी में उपभोक्ता की संलिप्तता भी मिश्रण तय करते हैं। एक प्रतिभागी के अनुसार, प्लेटफॉर्म का चुनाव हमेशा सीधा विकल्प नहीं होता- टीवी मास अवेयरनेस बना सकता है, जबकि CTV पर्सनलाइजेशन और गहरे जुड़ाव के साथ बेहतर परफॉर्मेंस मीट्रिक्स देता है।
राउंडटेबल में एक और अहम मुद्दा था क्रॉस-प्लेटफॉर्म एकरूपता। अब उपभोक्ता केवल एक डिवाइस तक सीमित नहीं हैं, वे CTV, मोबाइल, डेस्कटॉप और पारंपरिक मीडिया के बीच आसानी से स्विच करते हैं। यह जुड़ा हुआ व्यवहार मांग करता है कि मार्केटर्स सभी टचपॉइंट्स पर एक समान ब्रैंड संदेश बनाए रखें।
वक्ताओं ने एक सामान्य फुल-फनल अप्रोच का जिक्र किया, टॉप-ऑफ-फनल स्टोरीटेलिंग के लिए CTV, मोबाइल पर रीटार्गेटिंग, मिड-फनल एंगेजमेंट के लिए इन्फ्लुएंसर्स/क्रिएटर्स, और अंत में उपभोक्ताओं को मार्केटप्लेस या ब्रैंड वेबसाइट की ओर ले जाना। इस तरह, हर चैनल उपभोक्ता को जागरूकता से खरीद तक ले जाने में अपनी भूमिका निभाता है। CTV का प्रीमियम और लीन-बैक अनुभव ब्रैंड अफिनिटी बनाने में असरदार है, जबकि मोबाइल ऑफर और कॉल-टू-एक्शन के जरिए अंतिम रूप से कन्वर्जन सुनिश्चित कर सकता है।
जैसे-जैसे अधिक ब्रैंड CTV अपना रहे हैं, दर्शकों का ध्यान खींचने की प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। प्रतिभागियों ने माना कि इस माहौल में रचनात्मक नवाचार अनिवार्य होगा। उदाहरण के तौर पर, CTV विज्ञापनों में स्टैटिक QR कोड डालकर ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) अनुभव शुरू करने के प्रयोग साझा किए गए, जिससे निष्क्रिय दर्शक सक्रिय प्रतिभागी बन गए। शुरुआती नतीजों में ऐसे विज्ञापनों से 10–15% अधिक एंगेजमेंट दर्ज हुआ।
सुझाव दिया गया कि रचनात्मक कंटेंट को फनल के अलग-अलग चरणों के अनुसार ढाला जाए- टॉप-ऑफ-फनल पर भावनात्मक और प्रेरणादायक कहानियां, मिड-फनल में उत्पाद फीचर्स, और लोअर-फनल पर समय-सीमित ऑफर या प्रोत्साहन। इस तरह की क्रिएटिव सीक्वेंसिंग CTV में भी दर्शकों को प्रभावी तरीके से कन्वर्जन की ओर ले जा सकती है।
निकट भविष्य में टीवी पूरी तरह खत्म होने की संभावना नहीं है, लेकिन इसकी भूमिका बदल रही है। कुछ कैटेगरीज में, जहां मास अवेयरनेस अभी भी अहम है, टीवी जरूरी रहेगा। लेकिन बदलते दर्शक व्यवहार के साथ, CTV टीवी की पहुंच को डिजिटल की सटीकता और इंटरैक्टिविटी के साथ जोड़ते हुए एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रहा है। फिलहाल, कई ब्रैंड टीवी को व्यापक कवरेज के लिए और CTV को टार्गेटेड, डेटा-ड्रिवन एंगेजमेंट के लिए अपना रहे हैं।
राउंडटेबल में सर्वसम्मति थी कि जो ब्रैंड अभी CTV की क्षमताओं में महारत हासिल करेंगे, वे भविष्य में इसका सबसे अधिक लाभ उठा पाएंगे। डिजिटल लहर तेज हो रही है, और आने वाले वर्षों में CTV भारतीय मीडिया के भविष्य को आकार देने वाली प्रमुख ताकत बन सकता है।
CTV की टार्गेटिंग क्षमता भले ही आकर्षक हो, लेकिन इसके मापन और एट्रिब्यूशन मॉडल अभी विकसित हो रहे हैं। पारंपरिक टीवी के पैनल-आधारित मेट्रिक्स के विपरीत, CTV में विज्ञापन एक्सपोजर और नतीजों के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए उन्नत ट्रैकिंग की जरूरत है।
कई मार्केटर्स ने बताया कि CTV पर डायरेक्ट क्लिक-थ्रू रेट कम होते हैं, और QR स्कैन अभी सीमित व्यवहार है। इसके बजाय, वे अप्रत्यक्ष संकेतों को ट्रैक कर रहे हैं- जैसे डायरेक्ट ट्रैफिक में वृद्धि, प्रीमियम यूजर अधिग्रहण या मोबाइल रीटार्गेटिंग कैंपेन का प्रदर्शन। UTM पैरामीटर और मोबाइल विज्ञापनों की उच्च CTR दरें इसमें मददगार साबित हो रही हैं।
प्रतिभागियों का मानना था कि क्लीन रूम टेक्नोलॉजी इसमें बड़ा बदलाव ला सकती है, जहां ब्रैंड का फर्स्ट-पार्टी डेटा और प्लेटफॉर्म डेटा सुरक्षित रूप से मिलकर खरीद व्यवहार पर CTV विज्ञापन का प्रभाव दिखा सकेगा। कुछ प्लेटफॉर्म हाउसहोल्ड टार्गेटिंग और रीमार्केटिंग के साथ प्रयोग कर रहे हैं। जब यह एट्रिब्यूशन मॉडल मजबूत और व्यापक रूप से स्वीकार्य हो जाएगा, तब CTV को बड़े बजट मिलने की संभावना है।
चर्चा में पर्सनलाइजेशन भी प्रमुख रहा। AI-आधारित क्रिएटिव ऑप्टिमाइजेशन के जरिए ब्रैंड CTV पर हाइपर-टार्गेटेड अनुभव दे रहे हैं, जिसमें मैसेजिंग, विजुअल्स और उत्पाद सिफारिशें लोकेशन, डेमोग्राफिक्स या व्यूइंग हिस्ट्री के आधार पर बदलती हैं।
मिड-फनल रणनीतियों में इन्फ्लुएंसर और यूजर-जनरेटेड कंटेंट को CTV कैंपेन में शामिल किया जा रहा है। पहले यह केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स तक सीमित था, लेकिन अब यह बड़े पर्दे पर भी आ रहा है, जिससे इन्फ्लुएंसर की प्रामाणिकता और CTV की प्रोडक्शन क्वालिटी का मेल हो रहा है।
कई प्रतिभागियों के लिए सबसे चौंकाने वाली प्रवृत्ति थी टियर-3 मार्केट्स में CTV की बढ़ती पहुंच। जहां मेट्रो और टियर-1 शहरों में यह पहले से मजबूत है, वहीं अब छोटे शहरों में भी उपभोक्ता मार्केटिंग, एम्प्लॉयर ब्रैंडिंग और कैटेगरी एजुकेशन में अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। इंटरनेट पैठ और स्मार्ट टीवी की सुलभता बढ़ने के साथ, ब्रैंड क्षेत्रीय और ग्रामीण टार्गेटिंग में निवेश बढ़ा रहे हैं।
राउंडटेबल का समापन भविष्य पर केंद्रित चर्चा के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने भविष्यवाणी की कि भारत में CTV फॉर्मेट्स, टार्गेटिंग और कॉमर्स में बड़ा नवाचार देखने को मिलेगा। इंटरैक्टिव विज्ञापन, शॉपेबल वीडियो, गेमिफाइड कैंपेन, AI-आधारित हाइपर-पर्सनलाइजेशन और क्रॉस-डिवाइस स्टोरीटेलिंग मुख्यधारा बन सकते हैं।
वर्चुअल ट्राय-ऑन और AR इंटीग्रेशन जैसी तकनीकें भी एंगेजमेंट को बदल सकती हैं- जैसे CTV विज्ञापन के दौरान QR कोड स्कैन कर मोबाइल पर उत्पाद का इमर्सिव ट्रायल अनुभव लेना। टीवी इंटरफेस से सीधे खरीदारी करने की सुविधा भी बड़े अवसर के रूप में उभर रही है।
अगले साल तक स्मार्ट टीवी का प्रसार 8.5–9 करोड़ घरों तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे CTV का दर्शक वर्ग तेजी से बढ़ेगा। मापदंड, क्रिएटिव फॉर्मेट और टार्गेटिंग में प्रगति के साथ, यह वृद्धि CTV को प्रयोगात्मक चैनल से भारतीय मीडिया मिक्स का मुख्य स्तंभ बना सकती है।
मृदुल शर्मा पहले भी इस शो को होस्ट कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने ‘रिपब्लिक भारत’ के शो ‘न्यूज का एक्स-रे’ (News Ka X Ray) के जरिये भी दर्शकों का दिल जीता है।
हिंदी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक भारत’ के लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘ये भारत की बात है’ (Yeh Bharat Ki Baat Hai) को अब सीनियर न्यूज एंकर मृदुल शर्मा होस्ट करेंगे।
अपने राष्ट्रवादी रुख और पैनी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाले मृदुल शर्मा पहले भी इस शो को होस्ट कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने ‘रिपब्लिक भारत’ के शो ‘न्यूज का एक्स-रे’ (News Ka X Ray) के जरिये भी दर्शकों का दिल जीता है।
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) के अनुसार, रिपब्लिक भारत की कोर एडिटोरियल टीम द्वारा तैयार और संचालित यह शो अपने 100 प्रतिशत न्यूज फ़ॉर्मेट और लगातार नंबर-1 रेटिंग के कारण बेहद लोकप्रिय है। चाहे बड़ी खबरों का खुलासा करना हो या छोटे कस्बों से निकलकर राष्ट्रीय पटल पर आने वाली स्टोरीज को आवाज देना—यह शो असली भारत की झलक दिखाता है।
अपनी नई भूमिका के बारे में मृदुल शर्मा, का कहना है, ‘ यह मेरे लिए बेहद रोमांचक मौका है और मैं आभारी हूं कि मुझे यह शो होस्ट करने का अवसर मिला, जिसे रिपब्लिक भारत की कोर टीम ने शुरुआत से बनाया और संभाला है। मेरा वादा साफ है-भारत की कहानी, जैसी है वैसी, हर रात सीधे हमारे दर्शकों तक पहुंचाना।’
वहीं, ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी का कहना है, ‘यह शो रिपब्लिक भारत की आत्मा है। यह निर्भीक, गहरा और जनता से सीधा जुड़ा हुआ है। मृदुल इस शो को वहां तक ले जाने की ऊर्जा और विश्वसनीयता रखते हैं, जहां इसे होना चाहिए।’
देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव रखने वाली पद्मजा जोशी ने विभिन्न फॉर्मेट, भाषाओं और प्लेटफॉर्म्स पर काम किया है।
वरिष्ठ पत्रकार पद्मजा जोशी ने NDTV 24x7 में मैनेजिंग एडिटर और प्राइमटाइम एंकर के तौर पर नई भूमिका संभाल ली है। देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव रखने वाली पद्मजा ने विभिन्न फॉर्मेट, भाषाओं और प्लेटफॉर्म्स पर काम किया है।
NDTV से पहले वह TV9 नेटवर्क में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर थीं, जहां उन्होंने News9 चैनल पर ‘इन योर इंटरेस्ट’ जैसे लॉन्ग-फॉर्म शो और TV9 भारतवर्ष पर 'परवाह देश की’ जैसे इनोवेटिव कार्यक्रमों का नेतृत्व किया।
पद्मजा जोशी ने कई प्रतिष्ठित संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया है और कई लोकप्रिय प्राइमटाइम न्यूज शोज की एंकरिंग की है। इंडिया टुडे ग्रुप में रहते हुए वह 'पीपुल्स कोर्ट' की एंकर थीं और साथ ही पूरे दिन की एडिटोरियल आउटपुट की जिम्मेदारी भी संभालती थीं। टाइम्स नाउ पर उन्होंने 'न्यूजआवर एजेंडा' और 'इंडिया अपफ्रंट' जैसे चर्चित प्राइमटाइम शोज की एंकरिंग की, जो उनके कार्यकाल में नेटवर्क के प्रमुख शो बन गए थे।
उन्होंने दिल्ली दंगे, पश्चिम बंगाल और बिहार विधानसभा चुनावों से लेकर लोकसभा चुनावों तक की बड़ी घटनाओं की लाइव कवरेज का भी सफलतापूर्वक संचालन किया है।
पद्मजा जोशी ने कुछ दिनों पूर्व ही‘टीवी9 नेटवर्क’ में अपनी पारी को विराम दे दिया था। उस समय विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से समाचार4मीडिया ने बताया था कि वह ‘एनडीटीवी’ में शामिल हो सकती हैं।
जानी-मानी न्यूज एंकर और वरिष्ठ टीवी पत्रकार पद्मजा जोशी ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) के साथ अपनी नई पारी का आगाज कर दिया है। उन्होंने यहां पर बतौर मैनेजिंग एडिटर जॉइन किया है। इसके साथ ही वह NDTV 24*7 में प्राइम टाइम एंकरिंग की जिम्मेदारी भी संभालेंगी।
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बता दें कि पद्मजा जोशी ने हाल ही में ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। उन्होंने इस नेटवर्क में करीब एक साल पहले बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन किया था। यहां वह ‘टीवी9’ और ‘न्यूज9’ दोनों में अपनी अहम भूमिका निभा रही थीं।
उस समय विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से समाचार4मीडिया ने बताया था कि वह ‘एनडीटीवी’ में शामिल हो सकती हैं। पद्मजा जोशी ‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर अपनी भूमिका निभा रही थीं।
अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाने वाली पद्मजा जोशी की गिनती तेज तर्रार पत्रकारों में होती है। अपने करीब डेढ़ दशक के पत्रकारीय करियर में वह रिपोर्टर, प्रड्यूसर और कमेंटेटर के साथ-साथ प्राइम टाइम न्यूज एंकर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। उन्होंने स्टार न्यूज (अब एबीपी न्यूज), हेडलाइंस टुडे, टाइम्स नाउ और ‘टीवी9 नेटवर्क’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अंग्रेजी और हिंदी दोनों की कमान संभाल चुकी हैं।
वरिष्ठ पत्रकार सुबोध सिंह ने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) में आउटपुट हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार सुबोध सिंह ने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) में आउटपुट हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्हें पिछले साल ही इस पद पर प्रमोट किया गया था। इससे पहले वह करीब दो साल से यहां सीनियर एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। यह इस मीडिया समूह के साथ उनकी तीसरी पारी थी।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, सुबोध सिंह अब ‘एनडीटीवी’ (NDTV) के साथ अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि वह यहां जल्द ही जॉइन करेंगे और उन्हें आउटपुट में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, फिलहाल इस बारे में न तो एनडीटीवी और न ही सुबोध सिंह की ओर से पुष्टि हो पाई है।
बता दें कि मूल रूप से देवरिया (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले सुबोध सिंह को मीडिया में काम करने का करीब 26 साल का अनुभव है। वह कई न्यूज चैनल्स की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे हैं।
सुबोध सिंह ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1999 में ‘जी न्यूज’ से ही की थी। इसके बाद वह यहां से अलविदा बोलकर ‘सहारा’ से जुड़ गए और उसकी लॉन्चिंग टीम में शामिल रहे। इसके बाद यहां से वह ‘आजतक’ चले गए और करीब 17 साल तक वहां अपनी जिम्मेदारी निभाई।
बाद में वर्ष 2019 में ‘आजतक’ से अलग होकर वह दोबारा ‘जी न्यूज’ आ गए और करीब दो साल तक यहां कार्यरत रहे। फिर वह टाइम्स समूह में चले गए और ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे और एक साल बाद फिर ‘जी न्यूज’ आ गए। ‘जी न्यूज’ के साथ उनकी यह तीसरी पारी थी, जहां से उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो सुबोध सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली स्थित ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
एनडीटीवी ने अनुभवी मीडिया प्रोफेशनल अनुपम श्रीवास्तव को NDTV इंडिया और उसके रीजनल चैनल्स के लिए चीफ एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर नियुक्त किया है।
एनडीटीवी (NDTV) ने अनुभवी मीडिया प्रोफेशनल अनुपम श्रीवास्तव को NDTV इंडिया और उसके रीजनल चैनल्स के लिए चीफ एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर नियुक्त किया है। अनुपम को ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म, फैक्ट-आधारित लॉन्ग-फॉर्म स्टोरीटेलिंग और चैनल ऑपरेशंस में दो दशकों से भी अधिक का गहन अनुभव है।
अनुपम लाइव न्यूज की तीव्रता और नैरेटिव की गहराई को बखूबी समझते हैं। उन्होंने Times Now, Times Now Navbharat और Times Chronicles जैसे प्लेटफॉर्म्स पर 26/11 मुंबई हमले से लेकर अहम चुनावों तक जैसी कई राष्ट्रीय घटनाओं की कवरेज का नेतृत्व किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ दो दुर्लभ और एक्सक्लूसिव इंटरव्यू भी किए हैं।
लॉन्ग-फॉर्म कंटेंट की बात करें तो उनका पोर्टफोलियो Discovery+ के Love Kills, National Geographic India के Tiranga, 1971: Birth of a Nation, Tales of Valour, Kashmir: The Story और Gallantry of Galwan जैसे प्रशंसित शोज से सुसज्जित है। इन प्रोजेक्ट्स में उनकी रिसर्च की गहराई, सिनेमैटिक विजुअल डिजाइन और डिसिप्लिन्ड नैरेटिव स्ट्रक्चर को कई NT अवॉर्ड्स व enba अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।
एडिटोरियल कार्य के अलावा अनुपम ने चैनल्स की विजुअल और ऑपरेशनल आइडेंटिटी गढ़ने में भी अहम भूमिका निभाई है- चाहे वह SD से HD में ट्रांजिशन हो, चैनल का पूरा स्थानांतरण, ब्रैंड-डिफाइनिंग डिजाइन प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व हो या फिर वैश्विक OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए ओरिजिनल प्रोग्रामिंग की कमिशनिंग। उनके पास आर्काइव फ़ुटेज को नई, असरदार कहानियों में बदलने की खास क्षमता है, जिसके जरिए वे अलग-अलग बजट्स पर प्रीमियम कंटेंट डिलीवर कर चुके हैं।
अपने नए रोल में अनुपम न सिर्फ NDTV इंडिया के फ्लैगशिप प्रोग्रामिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे, बल्कि रीजनल चैनल्स की कंटेंट स्ट्रैटेजी, एडिटोरियल डायरेक्शन और ब्रैंड पोजिशनिंग को भी दिशा देंगे। उनके कार्यक्षेत्र में स्थानीय स्तर पर दर्शकों से जुड़ाव बढ़ाना, रीजनल कहानियों को सशक्त बनाना और हर बाजार की भाषाई-सांस्कृतिक विविधता को कवरेज में प्रतिबिंबित करना शामिल है।
अपनी नियुक्ति पर अनुपम श्रीवास्तव ने कहा, “NDTV की सबसे बड़ी ताकत है विश्वसनीय और खूबसूरती से बुनी गई कहानियां। मेरा फोकस इसी ताकत को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर और निखारने पर रहेगा, ताकि हर कहानी दर्शकों से एक गहरा जुड़ाव बना सके।”
NDTV के CEO और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, “अनुपम अपने साथ वह समझदारी, अनुभव और क्रिएटिव फोकस लेकर आ रहे हैं जो NDTV के प्रीमियम कंटेंट को एक नई ऊंचाई दे सकते हैं। एडिटोरियल विजन को प्रभावशाली क्रियान्वयन में बदलने की उनकी क्षमता उन्हें हमारी टीम का बहुमूल्य हिस्सा बनाती है।”
अनुपम श्रीवास्तव की इस नियुक्ति के साथ NDTV इंडिया और उसके क्षेत्रीय चैनल ऐसी कहानियां पेश करेंगे जो स्पष्टता के साथ सुनाई जाएं, उद्देश्य के साथ गढ़ी गई हों और एक नए भारत की ऊर्जा और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करें।
भारतीय ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के जरिए देश के प्रमुख टेलीविजन ब्रॉडकास्टर्स ने TRAI से घरेलू और कमर्शियल यूजर्स के लिए अलग-अलग टैरिफ स्ट्रक्चर फिर से लागू करने की मांग की है।
भारतीय ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के जरिए देश के प्रमुख टेलीविजन ब्रॉडकास्टर्स ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से घरेलू और कमर्शियल यूजर्स के लिए अलग-अलग टैरिफ स्ट्रक्चर फिर से लागू करने की मांग की है। इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा मूल्य निर्धारण प्रणाली को लेकर ब्रॉडकास्टर्स के बीच लगातार असंतोष बढ़ रहा है।
ब्रॉडकास्टर्स का तर्क है कि वर्तमान ढांचा रेस्तरां, होटल और बार जैसे कमर्शियल प्रतिष्ठानों को घरेलू दर्शकों के लिए तय दरों पर टेलीविजन कंटेंट उपलब्ध कराता है, जो उन्हें अनुचित लगता है। इसके अलावा, वे कमर्शियल यूजर्स के साथ अलग से दरें तय करने और डायरेक्टर डील करने की स्वतंत्रता भी मांग रहे हैं, ताकि समान मूल्य निर्धारण नियमों से बंधे न रहना पड़े।
गौरतलब है कि पहले TRAI ने कमर्शियल और रिटेल यूजर्स के लिए अलग-अलग दरों की अनुमति दी थी। लेकिन 2015 में इस अंतर को समाप्त कर दिया गया और ब्रॉडकास्टर्स, डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स और कमर्शियल यूजर्स के बीच त्रिपक्षीय व्यवस्था लागू की गई। ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि इस बदलाव से उनकी लचीलापन खत्म हो गया है और यह अन्य इंडस्ट्रीज की तुलना में असंगत है, जहां कमर्शियल यूजर्स से आम उपभोक्ताओं की तुलना में अलग दरें वसूली जाती हैं।
TRAI को दिए गए अपने प्रस्तुतीकरण में IBDF ने मौजूदा रेगुलेटरी ढांचे को पुराना और अप्रासंगिक बताया है, खासकर पारंपरिक टीवी व्युअरशिप में लगातार आ रही गिरावट को देखते हुए। इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार, 2022 में जहां पारंपरिक टीवी की पहुंच लगभग 12 करोड़ घरों तक थी, वहीं अब यह घटकर लगभग 9 करोड़ तक रह गई है, क्योंकि दर्शक तेजी से डिजिटल और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं।
उम्मीद की जा रही है कि ब्रॉडकास्टर्स आगामी बैठकों में TRAI के साथ इस मुद्दे पर और जोरदार पैरवी करेंगे। यह कवायद ऐसे समय हो रही है जब TRAI टीवी प्राइसिंग नियमों की समीक्षा के लिए प्री-कंसल्टेशन पेपर तैयार कर रहा है, ताकि मीडिया खपत के बदलते तरीकों के अनुरूप नीतियों में बदलाव किया जा सके।
TRAI अधिकारियों के अनुसार, यह परामर्श प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है। अब तक DTH ऑपरेटर्स, केबल प्रोवाइडर्स और टाटा प्ले तथा डिश टीवी जैसे प्लेटफॉर्म्स समेत कई पक्षों से इनपुट मिल चुके हैं। इंडस्ट्री संगठनों में NBDA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन) और AIDCF (ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन) भी इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं।
ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि यह मुद्दा इसलिए भी ज्यादा जरूरी हो गया है क्योंकि हाल के वर्षों में सब्सक्रिप्शन आधारित कमाई ठहर गई है या उसमें गिरावट दर्ज की गई है।
सूत्रों के अनुसार, IBDF ने मौजूदा रेगुलेटरी सिस्टम को अत्यधिक प्रतिबंधात्मक बताया है, खासकर मूल्य निर्धारण की लचीलापन और चैनलों की बंडलिंग के संदर्भ में।
जानी-मानी न्यूज एंकर और तेजतर्रार पत्रकार अंजना ओम कश्यप को ‘आजतक’ में एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जानी-मानी न्यूज एंकर और तेजतर्रार पत्रकार अंजना ओम कश्यप को ‘आजतक’ में एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। AT2 की सीनियर मैनेजिंग एडिटर के रूप में अहम भूमिका निभा रहीं अंजना को अब आजतक एचडी का भी प्रभारी बना दिया गया है। यह प्रमोशन न केवल उनके नेतृत्व कौशल की स्वीकारोक्ति है, बल्कि चैनल की संपादकीय दिशा में उनके बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है।
अंजना इस समय ‘आजतक’ के सबसे चर्चित प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ की एंकर हैं, जो विश्लेषण, ग्राउंड रिपोर्टिंग और दर्शकों से सीधे संवाद का अनोखा मेल है। इस शो में उनका AI अवतार ‘अंजना-2’ भी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय है, जो तकनीक और पत्रकारिता के सम्मिलन का नया उदाहरण बना है।
करीब दो दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय अंजना ओम कश्यप ने रिपोर्टिंग से लेकर डिबेट तक, हर मोर्चे पर खुद को साबित किया है। निर्भीक सवालों, जन-सरोकार से जुड़े मुद्दों और स्पष्ट दृष्टिकोण के लिए जानी जाने वाली अंजना, आज ‘आजतक’ की सबसे भरोसेमंद आवाज बन चुकी हैं।
उनकी नई भूमिका दर्शाती है कि संस्थान न केवल उनके काम पर भरोसा करता है, बल्कि उन्हें आगे की रणनीतिक दिशा का हिस्सा भी बनाना चाहता है। आजतक एचडी की कमान मिलने के बाद उनके कंधों पर अब और बड़ी जिम्मेदारियां होंगी। इस नई जिम्मेदारी के लिए मीडिया इंडस्ट्री में उन्हें बधाईयां मिल रही हैं और माना जा रहा है कि अंजना अपने अनुभव और ऊर्जा से आजतक एचडी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।