भारत में ब्रैंड रणनीतियों में कनेक्टेड टीवी (CTV) का महत्व पहले सिर्फ किनारे या सहायक भूमिका में था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे मार्केटिंग चर्चाओं के मुख्य केंद्र में आ रहा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारत में ब्रैंड रणनीतियों में कनेक्टेड टीवी (CTV) का महत्व पहले सिर्फ किनारे या सहायक भूमिका में था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे मार्केटिंग चर्चाओं के मुख्य केंद्र में आ रहा है। हाल ही में बेंगलुरु में हुए e4m और Teads कस्टम राउंडटेबल (CRT) में यह बदलाव साफ दिखाई दिया, जहां देश के बड़े मार्केटर्स और मीडिया प्रोफेशनल्स ने एक साथ बैठकर चर्चा की कि CTV कैसे दर्शकों से जुड़ने के तरीकों, ब्रैंड बनाने की प्रक्रिया और विज्ञापन कैंपेंस की सफलता को मापने के तरीकों को बदल रहा है और इसे पूरी क्षमता तक पहुंचाने के लिए क्या करना होगा।
“Navigating the Digital Tide: How CTV is Reshaping Media” शीर्षक वाले इस सत्र में इंटरएक्टिव एवेन्यूज की एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट अपर्णा तडिकोंडा, Teads इंडिया की डायरेक्टर (एंटरप्राइज सॉल्यूशंस) ऋद्धि पिमपुटकर, थॉटवर्क्स की ग्लोबल लीड- पेड मीडिया और डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग अनुश्री तापुरिया, अजीओ के ब्रैंड मार्केटिंग हेड अभिनव नारायण, आईटीसी के मीडिया बायर दीपक कुमार, टाइटन में मीडिया व पीआर के ग्रुप मैनेजर सौरभ त्यागी, होमसेंटर-लाइफस्टाइल की एवीपी (HOM) शिखा मजूमदार, निसिन फूड्स के मार्केटिंग हेड वरुण ओबेरॉय और मुथूट फिनकॉर्प वन की एजीएम और लीड (ग्रोथ) आयुषी सिंह शामिल रहे।
चर्चा में शुरुआती मुद्दों में से एक पारंपरिक टीवी और CTV के बदलते रिश्ते पर केंद्रित था। मार्केटर्स का मानना था कि भले ही लीनियर टीवी अभी भी बड़े पैमाने पर रीच (दर्शकों तक पहुंच) देता है, लेकिन दर्शक तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर बढ़ रहे हैं। असली चुनौती है कि सीमित बजट को कहां लगाया जाए- टीवी की व्यापक लेकिन घटती रीच में या CTV के छोटे, प्रीमियम और अधिक जुड़ाव वाले दर्शक वर्ग में।
प्रतिभागियों ने माना कि CTV पारंपरिक टीवी की तुलना में कई फायदे देता है- जैसे सटीक टार्गेटिंग, इमर्सिव स्टोरीटेलिंग फॉर्मेट और मीजरमेंट एंगेजमेंट। खासकर उन कैटेगरीज में, जो बहुत चुनिंदा (niche) या उच्च मूल्य वाले (high-value) ग्राहकों को टार्गेट करती हैं, वहां CTV के जरिए ब्रैंड को दर्शकों के मन में याद रखने की क्षमता और खरीद में बदलने की दर पहले ही पारंपरिक टीवी से बेहतर हो गई है।
फिर भी अपनाने में सावधानी बरती जा रही है। अधिकांश मार्केटर्स CTV को टीवी का पूरक मानते हैं, न कि विकल्प। निर्णय अक्सर ऑडियंस के आकार और कैंपेन उद्देश्यों पर निर्भर करता है। जो ब्रैंड लाखों टार्गेटेड उपभोक्ताओं तक पहुंचना चाहते हैं, उनके लिए CTV अधिक कुशल है, जबकि करोड़ों लोगों तक पहुंच के लिए टीवी अभी भी लागत-प्रभावी माध्यम है। मौसम, उत्पाद प्रकार और खरीदारी में उपभोक्ता की संलिप्तता भी मिश्रण तय करते हैं। एक प्रतिभागी के अनुसार, प्लेटफॉर्म का चुनाव हमेशा सीधा विकल्प नहीं होता- टीवी मास अवेयरनेस बना सकता है, जबकि CTV पर्सनलाइजेशन और गहरे जुड़ाव के साथ बेहतर परफॉर्मेंस मीट्रिक्स देता है।
राउंडटेबल में एक और अहम मुद्दा था क्रॉस-प्लेटफॉर्म एकरूपता। अब उपभोक्ता केवल एक डिवाइस तक सीमित नहीं हैं, वे CTV, मोबाइल, डेस्कटॉप और पारंपरिक मीडिया के बीच आसानी से स्विच करते हैं। यह जुड़ा हुआ व्यवहार मांग करता है कि मार्केटर्स सभी टचपॉइंट्स पर एक समान ब्रैंड संदेश बनाए रखें।
वक्ताओं ने एक सामान्य फुल-फनल अप्रोच का जिक्र किया, टॉप-ऑफ-फनल स्टोरीटेलिंग के लिए CTV, मोबाइल पर रीटार्गेटिंग, मिड-फनल एंगेजमेंट के लिए इन्फ्लुएंसर्स/क्रिएटर्स, और अंत में उपभोक्ताओं को मार्केटप्लेस या ब्रैंड वेबसाइट की ओर ले जाना। इस तरह, हर चैनल उपभोक्ता को जागरूकता से खरीद तक ले जाने में अपनी भूमिका निभाता है। CTV का प्रीमियम और लीन-बैक अनुभव ब्रैंड अफिनिटी बनाने में असरदार है, जबकि मोबाइल ऑफर और कॉल-टू-एक्शन के जरिए अंतिम रूप से कन्वर्जन सुनिश्चित कर सकता है।
जैसे-जैसे अधिक ब्रैंड CTV अपना रहे हैं, दर्शकों का ध्यान खींचने की प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। प्रतिभागियों ने माना कि इस माहौल में रचनात्मक नवाचार अनिवार्य होगा। उदाहरण के तौर पर, CTV विज्ञापनों में स्टैटिक QR कोड डालकर ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) अनुभव शुरू करने के प्रयोग साझा किए गए, जिससे निष्क्रिय दर्शक सक्रिय प्रतिभागी बन गए। शुरुआती नतीजों में ऐसे विज्ञापनों से 10–15% अधिक एंगेजमेंट दर्ज हुआ।
सुझाव दिया गया कि रचनात्मक कंटेंट को फनल के अलग-अलग चरणों के अनुसार ढाला जाए- टॉप-ऑफ-फनल पर भावनात्मक और प्रेरणादायक कहानियां, मिड-फनल में उत्पाद फीचर्स, और लोअर-फनल पर समय-सीमित ऑफर या प्रोत्साहन। इस तरह की क्रिएटिव सीक्वेंसिंग CTV में भी दर्शकों को प्रभावी तरीके से कन्वर्जन की ओर ले जा सकती है।
निकट भविष्य में टीवी पूरी तरह खत्म होने की संभावना नहीं है, लेकिन इसकी भूमिका बदल रही है। कुछ कैटेगरीज में, जहां मास अवेयरनेस अभी भी अहम है, टीवी जरूरी रहेगा। लेकिन बदलते दर्शक व्यवहार के साथ, CTV टीवी की पहुंच को डिजिटल की सटीकता और इंटरैक्टिविटी के साथ जोड़ते हुए एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रहा है। फिलहाल, कई ब्रैंड टीवी को व्यापक कवरेज के लिए और CTV को टार्गेटेड, डेटा-ड्रिवन एंगेजमेंट के लिए अपना रहे हैं।
राउंडटेबल में सर्वसम्मति थी कि जो ब्रैंड अभी CTV की क्षमताओं में महारत हासिल करेंगे, वे भविष्य में इसका सबसे अधिक लाभ उठा पाएंगे। डिजिटल लहर तेज हो रही है, और आने वाले वर्षों में CTV भारतीय मीडिया के भविष्य को आकार देने वाली प्रमुख ताकत बन सकता है।
CTV की टार्गेटिंग क्षमता भले ही आकर्षक हो, लेकिन इसके मापन और एट्रिब्यूशन मॉडल अभी विकसित हो रहे हैं। पारंपरिक टीवी के पैनल-आधारित मेट्रिक्स के विपरीत, CTV में विज्ञापन एक्सपोजर और नतीजों के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए उन्नत ट्रैकिंग की जरूरत है।
कई मार्केटर्स ने बताया कि CTV पर डायरेक्ट क्लिक-थ्रू रेट कम होते हैं, और QR स्कैन अभी सीमित व्यवहार है। इसके बजाय, वे अप्रत्यक्ष संकेतों को ट्रैक कर रहे हैं- जैसे डायरेक्ट ट्रैफिक में वृद्धि, प्रीमियम यूजर अधिग्रहण या मोबाइल रीटार्गेटिंग कैंपेन का प्रदर्शन। UTM पैरामीटर और मोबाइल विज्ञापनों की उच्च CTR दरें इसमें मददगार साबित हो रही हैं।
प्रतिभागियों का मानना था कि क्लीन रूम टेक्नोलॉजी इसमें बड़ा बदलाव ला सकती है, जहां ब्रैंड का फर्स्ट-पार्टी डेटा और प्लेटफॉर्म डेटा सुरक्षित रूप से मिलकर खरीद व्यवहार पर CTV विज्ञापन का प्रभाव दिखा सकेगा। कुछ प्लेटफॉर्म हाउसहोल्ड टार्गेटिंग और रीमार्केटिंग के साथ प्रयोग कर रहे हैं। जब यह एट्रिब्यूशन मॉडल मजबूत और व्यापक रूप से स्वीकार्य हो जाएगा, तब CTV को बड़े बजट मिलने की संभावना है।
चर्चा में पर्सनलाइजेशन भी प्रमुख रहा। AI-आधारित क्रिएटिव ऑप्टिमाइजेशन के जरिए ब्रैंड CTV पर हाइपर-टार्गेटेड अनुभव दे रहे हैं, जिसमें मैसेजिंग, विजुअल्स और उत्पाद सिफारिशें लोकेशन, डेमोग्राफिक्स या व्यूइंग हिस्ट्री के आधार पर बदलती हैं।
मिड-फनल रणनीतियों में इन्फ्लुएंसर और यूजर-जनरेटेड कंटेंट को CTV कैंपेन में शामिल किया जा रहा है। पहले यह केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स तक सीमित था, लेकिन अब यह बड़े पर्दे पर भी आ रहा है, जिससे इन्फ्लुएंसर की प्रामाणिकता और CTV की प्रोडक्शन क्वालिटी का मेल हो रहा है।
कई प्रतिभागियों के लिए सबसे चौंकाने वाली प्रवृत्ति थी टियर-3 मार्केट्स में CTV की बढ़ती पहुंच। जहां मेट्रो और टियर-1 शहरों में यह पहले से मजबूत है, वहीं अब छोटे शहरों में भी उपभोक्ता मार्केटिंग, एम्प्लॉयर ब्रैंडिंग और कैटेगरी एजुकेशन में अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। इंटरनेट पैठ और स्मार्ट टीवी की सुलभता बढ़ने के साथ, ब्रैंड क्षेत्रीय और ग्रामीण टार्गेटिंग में निवेश बढ़ा रहे हैं।
राउंडटेबल का समापन भविष्य पर केंद्रित चर्चा के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने भविष्यवाणी की कि भारत में CTV फॉर्मेट्स, टार्गेटिंग और कॉमर्स में बड़ा नवाचार देखने को मिलेगा। इंटरैक्टिव विज्ञापन, शॉपेबल वीडियो, गेमिफाइड कैंपेन, AI-आधारित हाइपर-पर्सनलाइजेशन और क्रॉस-डिवाइस स्टोरीटेलिंग मुख्यधारा बन सकते हैं।
वर्चुअल ट्राय-ऑन और AR इंटीग्रेशन जैसी तकनीकें भी एंगेजमेंट को बदल सकती हैं- जैसे CTV विज्ञापन के दौरान QR कोड स्कैन कर मोबाइल पर उत्पाद का इमर्सिव ट्रायल अनुभव लेना। टीवी इंटरफेस से सीधे खरीदारी करने की सुविधा भी बड़े अवसर के रूप में उभर रही है।
अगले साल तक स्मार्ट टीवी का प्रसार 8.5–9 करोड़ घरों तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे CTV का दर्शक वर्ग तेजी से बढ़ेगा। मापदंड, क्रिएटिव फॉर्मेट और टार्गेटिंग में प्रगति के साथ, यह वृद्धि CTV को प्रयोगात्मक चैनल से भारतीय मीडिया मिक्स का मुख्य स्तंभ बना सकती है।
NDTV ने स्ट्रैटजी व इनोवेशन का नेतृत्व करने के लिए कोरील लाहिरी को चुना है। उनके पास एशिया के कंटेंट और कैपिटल मार्केट में 25 साल से अधिक का अनुभव है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
NDTV ने स्ट्रैटजी व इनोवेशन का नेतृत्व करने के लिए कोरील लाहिरी को चुना है। उनके पास एशिया के कंटेंट और कैपिटल मार्केट में 25 साल से अधिक का अनुभव है। उन्हें रणनीति बनाने और बदलते मीडिया परिदृश्य को समझने में महारत हासिल है।
कोरील लाहिरी ने अपने करियर में कई बड़े पद संभाले हैं। उन्होंने Bloomberg TV India और CNBC TV18 में फाइनेंशियल हेड के प्रमुख के रूप में काम किया। इसके अलावा, उन्होंने The Times Group में कॉर्पोरेट रणनीति (corporate strategy) संभाली और MDIF में एशिया क्षेत्र के इन्वेस्टमेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया। उनका अनुभव मीडिया, क्रिएटर प्लेटफॉर्म्स, एडटेक, सिविक टेक और SaaS जैसे क्षेत्रों तक फैला हुआ है। खास बात यह है कि वे Gen Z और Alpha यानी नई पीढ़ी के यूजर्स को जोड़ने और उनके साथ जुड़ाव बनाने पर विशेष ध्यान देते हैं।
उन्होंने 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश का प्रबंधन किया है। उन्होंने एशिया पर केंद्रित छोटे फंड (micro funds) भी जुटाए और कंटेंट और टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए उनके राजस्व और मूल्य (valuation) में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी करने में मदद की।
सिर्फ निवेश ही नहीं, उन्होंने डिजिटल-फर्स्ट कंपनियों को सलाह दी और मार्गदर्शन किया है, जैसे InMobi (Glance) और YourStory।
इसके अलावा, वे वैश्विक मंचों (global forums) में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हैं, जैसे Google News Startups Lab और Columbia University, और वहां अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करते हैं।
NDTV के CEO व एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, 'जैसे-जैसे NDTV डिजिटल प्लेटफॉर्म, क्रिएटर इकोसिस्टम और ग्लोबल बिजनेस अनुभव में विस्तार कर रहा है, हम ऐसे लीडर्स को शामिल करने पर ध्यान दे रहे हैं जो संपादकीय गहराई के साथ रणनीतिक दृष्टिकोण भी रखते हों। कोरील का अनुभव और कंटेंट इनोवेशन में उनकी विशेषज्ञता उन्हें NDTV के अगले विकास चरण के लिए अनूठा बनाती है।'
कोरील लाहिरी ने अपनी नियुक्ति पर कहा, 'आज मीडिया इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन और इम्पैक्ट का मिलन स्थल पर है। NDTV की स्पष्ट दृष्टि और प्रभाव के प्रति प्रतिबद्धता इसे नई कहानियों और स्थायी मूल्य निर्माण के लिए आदर्श प्लेटफॉर्म बनाती है। मैं इस रोमांचक यात्रा में योगदान देने के लिए उत्साहित हूं।'
क्या मैं वह बना दूँ?
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (‘Z’) ने पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस यानी ESG में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Z) ने पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस यानी ESG में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी को S&P ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (CSA) 2025 में 100 में से 51 अंक मिले हैं। इस स्कोर के साथ जी दुनिया भर में मीडिया, मूवी और एंटरटेनमेंट सेक्टर की टॉप 5% कंपनियों में शामिल हो गई है।
पिछले एक साल में कंपनी ने ESG के हर पहलू में अपने कामकाज को बेहतर करने पर जोर दिया है। जी ने खास तौर पर कॉर्पोरेट गवर्नेंस, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, क्लाइमेट गवर्नेंस और ह्यूमन कैपिटल मैनेजमेंट पर मजबूत काम किया है। इसके साथ ही कंपनी ने स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट, डबल मटेरियलिटी असेसमेंट, पॉलिसी इंफ्लुएंस, प्राइवेसी प्रोटेक्शन, साइबर सिक्योरिटी, कार्बन अकाउंटिंग, एनर्जी मैनेजमेंट और कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी कई कदम उठाए हैं।
इन पहलों की वजह से कंपनी का ESG स्कोर 96वें पर्सेंटाइल तक पहुंच गया है। पारदर्शिता से जुड़ी रिपोर्टिंग में कंपनी ने 100 पर्सेंटाइल का परफेक्ट स्कोर हासिल किया। जोखिम प्रबंधन, सप्लाई चेन, टैक्स स्ट्रैटेजी, पानी, मानव अधिकार, मानव संसाधन प्रबंधन और कस्टमर रिलेशन जैसे कई क्षेत्रों में भी जी ने 95वें पर्सेंटाइल से ऊपर प्रदर्शन किया। वहीं, पूरी इंडस्ट्री का औसत स्कोर सिर्फ 22 रहा।
जी एंटरटेनमेंट के CEO पुनीत गोयनका ने कहा कि ESG में मिला यह स्कोर कंपनी की लगातार की जा रही कोशिशों की पहचान है। उन्होंने कहा कि जी ने पिछले वर्ष में अपने वैल्यू चेन के हर हिस्से में स्थिरता को और मजबूत किया है, फिर चाहे वह मजबूत गवर्नेंस हो, पारदर्शिता से जुड़ी रिपोर्टिंग हो या स्टेकहोल्डर्स के साथ बेहतर जुड़ाव। उन्होंने कहा कि दुनिया की टॉप 5% मीडिया कंपनियों में शामिल होना जी को और बेहतर काम करने की प्रेरणा देता है।
S&P ग्लोबल का यह स्कोर बताता है कि कंपनी अपने सेक्टर की दूसरी कंपनियों की तुलना में ESG जोखिमों, अवसरों और प्रभावों को कितनी अच्छी तरह संभालती है। यह मूल्यांकन कंपनी के खुलासों और उसके वर्तमान व पिछले प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
इस साल जी ने डेटा प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी पर बड़े कदम उठाए, जिसकी वजह से कोई भी डेटा ब्रीच नहीं हुआ। कंपनी ने कार्बन अकाउंटिंग, ऊर्जा की बचत, कचरा कम करने और रीसाइक्लिंग पर भी अच्छा काम किया है। आगे भी कंपनी अपने ESG प्रयासों को और मजबूत करने की दिशा में काम करती रहेगी ताकि व्यवसायिक विकास के साथ-साथ समाज पर सकारात्मक असर भी पड़े।
गौरतलब है कि की जी एक प्रमुख कंटेंट और टेक्नोलॉजी कंपनी है जिसकी पहुंच 190 से ज्यादा देशों में है और जिसे दुनिया भर के 1.3 बिलियन से अधिक लोग देखते हैं। टीवी, डिजिटल, फिल्म और म्यूजिक जैसे कई माध्यमों पर विभिन्न भाषाओं में कंटेंट पेश करते हुए कंपनी दुनिया भर के दर्शकों तक अपनी कहानियां पहुंचाती है। एक भारतीय ब्रांड के रूप में, जी दुनिया में उम्मीद और एकजुटता का संदेश फैलाने के लिए लगातार काम कर रही है।
मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से की थी। इस मीडिया संस्थान के साथ अपने करीब दो दशक के सफर में उन्होंने विभिन्न अहम जिम्मेदारियां निभाईं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
हिंदी न्यूज चैनल ‘जनतंत्र टीवी’ (Jantantra TV) ने वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र शर्मा को एडिटर-इन-चीफ के पद पर नियुक्त किया है। जितेंद्र शर्मा इससे पहले ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
मूल रूप से हिसार (हरियाणा) के रहने वाले जितेंद्र शर्मा को मीडिया में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से की थी।
इस मीडिया संस्थान के साथ अपने करीब दो दशक के सफर में उन्होंने विभिन्न अहम जिम्मेदारियां निभाईं। वर्ष 2024 में उन्होंने यहां से अपनी पारी को विराम देकर ‘आईटीवी नेटवर्क’ जॉइन कर लिया था। उस समय जितेंद्र शर्मा ‘जी न्यूज’ में एडिटर दिल्ली ब्यूरो और क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो डिफेंस स्टडीज में ग्रेजुएट जितेंद्र शर्मा ने हिसार स्थित ‘गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी’ से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से जितेंद्र शर्मा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
NDTV ने अपने ऑटो सेक्शन की कमान सिद्धार्थ शर्मा को सौंपी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
NDTV ने अपने ऑटो सेक्शन की कमान सिद्धार्थ शर्मा को सौंपी है। सिद्धार्थ के पास 14 साल से अधिक का अनुभव है, जिसमें पत्रकारिता, क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी का मिश्रण शामिल है।
सिद्धार्थ शर्मा एक क्रिएटर, एंकर और स्ट्रैटेजिस्ट हैं। ET Now के Technoholik, TV Today के Gadgets & Gizmos और Good News Today में उन्होंने दर्शकों के लिए जानकारी और इनसाइट से भरी कहानियां तैयार की हैं।
नेटवर्क18 में उन्होंने भारत का पहला डिजिटल-फर्स्ट ऑटो और टेक शो CNN-News18 पर लॉन्च किया, जिससे दर्शक तकनीकी नवाचार और ऑटोमोबाइल के साथ बेहतर जुड़ सके। The Quint में उन्होंने VR रिव्यू, मोबाइल-फर्स्ट फॉर्मेट और सेल्फी इंटरव्यू जैसी नई तकनीक अपनाई।
जागरण न्यू मीडिया में उन्होंने Apple, Hyundai, Porsche, BMW, Samsung और Ford के लिए कुछ सबसे बड़े ब्रांडेड स्टोरीटेलिंग प्रोजेक्ट्स लीड किए। कनाडा में उनके ग्लोबल अनुभव ने उन्हें डिजिटल स्ट्रैटेजी, क्लाइंट डेवलपमेंट और क्रॉस-कल्चरल इनसाइट का अनुभव भी दिया।
NDTV के CEO और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, 'सिद्धार्थ सिर्फ कारों की समीक्षा नहीं करते, बल्कि नवाचार के पीछे की संस्कृति, डिजाइन और भावना को भी सामने लाते हैं। उनकी कहानियां ताजा नजरिया और उद्देश्य देती हैं।'
सिद्धार्थ शर्मा ने कहा, 'NDTV ऑटो में शामिल होना रोमांचक है, खासकर जब मोबिलिटी टेक्नोलॉजी, डिजाइन और सस्टेनेबिलिटी के जरिए फिर से परिभाषित हो रही है। मैं इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हूं।'
NDTV में सिद्धार्थ का लक्ष्य NDTV ऑटो को एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना है जो मशीनों की तरह ही स्मार्ट और इन्ट्यूटिव हो और मोबिलिटी, सस्टेनेबिलिटी, डिजाइन और खोज की कहानियों को ईमानदारी और कल्पना के साथ पेश करे।
उनकी नियुक्ति से NDTV ऑटो की दिशा सिर्फ परफॉर्मेंस और पॉवर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह समझेगा कि नवाचार और डिजाइन नई भारत की सोच, चलने-फिरने और आकांक्षाओं को कैसे आकार देते हैं।
जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि कंपनी के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) राजेश सरीन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि कंपनी के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) राजेश सरीन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 10 नवंबर 2025 के कारोबारी घंटे समाप्त होने के बाद से प्रभावी हो गया है।
कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है। राजेश सरीन वरिष्ठ प्रबंधन टीम का हिस्सा थे और लंबे समय से कंपनी की राजस्व रणनीति और विकास से जुड़े प्रमुख जिम्मेदार पद पर कार्यरत थे।
अपने इस्तीफे में राजेश सरीन ने लिखा कि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था क्योंकि जी मीडिया के साथ उनका कार्यकाल बेहद सीख देने वाला और संतोषजनक रहा। उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत कारणों से पद छोड़ रहे हैं और इसके अलावा कोई अन्य वजह नहीं है। उन्होंने कंपनी और सहयोगियों का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें संगठन का हिस्सा बनने और इसके विकास में योगदान देने का अवसर मिला, यह उनके लिए गर्व की बात रही।
राजेश सरीन ने जी मीडिया के भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे कंपनी की आगे की सफलता की कामना करते हैं।
बता दें कि समाचार4मीडिया ने 22 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट में पहले ही यह खुलासा कर दिया था कि राजेश सरीन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिस पर अब आधिकारिक मुहर लग गई है। अब कंपनी से राजेश सरीन की राहें जुदा हो गई हैं।
यहां पढ़ें: ‘जी मीडिया’ में इस बड़े पद से राजेश सरीन ने दिया इस्तीफा
इस शो का प्रसारण दस नवंबर से ‘एनडीटीवी इंडिया’ पर रात आठ बजे से किया जाएगा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर सुचरिता कुकरेती ‘एनडीटीवी’ (NDTV) पर जल्द ही एक नया शो लेकर आ रही हैं। इस शो का नाम है ‘माइक ON है’ और इसका प्रसारण दस नवंबर से ‘एनडीटीवी इंडिया’ पर रात आठ बजे से किया जाएगा। हाल ही में एनडीटीवी इंडिया ने सोशल मीडिया पर इस शो का प्रोमो भी जारी किया है।
माइक ON है... 10 नवंबर से रात 8 बजे @sucherita_k के साथ NDTV इंडिया पर pic.twitter.com/zz2rkxQHXY
— NDTV India (@ndtvindia) November 7, 2025
बता दें कि सुचरिता कुकरेती ने कुछ दिनों पूर्व ही ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर और प्राइम टाइम एंकर के पद पर जॉइन किया है।
सुचेता कुकरेती की हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर काफी अच्छी पकड़ है। उन्हें टेलीविजन पत्रकारिता में दो दशक से ज्यादा का अनुभव है।
इस दौरान उन्होंने कई लोकप्रिय हिंदी डिबेट और अंग्रेजी प्राइम टाइम शो होस्ट किए हैं। अपनी स्पष्टता, प्रभावशाली प्रस्तुति और गंभीर मुद्दों को संतुलित ढंग से उठाने की क्षमता के कारण उन्हें व्यापक पहचान मिली है।
‘एनडीटीवी’ से पहले शुभम तिवारी ‘इंडिया टुडे समूह’, ‘एएनआई’ और ‘टाइम ऑफ इंडिया’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में विभिन्न भूमिकाओं में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
युवा पत्रकार शुभम तिवारी ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने यहां पर बतौर प्रिंसिपल करेसपॉन्डेंट (Open Source Intelligence and Data) जॉइन किया है।
अपनी इस भूमिका में वह रक्षा, साइबर सिक्योरिटी, फेक न्यूज, प्राकृतिक आपदाओं और अंतर्राष्ट्रीय विकास से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्ट करेंगे। इसके साथ ही वह डाटा स्टोरीटैलिंग में भी अपना योगदान देंगे।
मूल रूप से गोंडा (यूपी) के रहने वाले शुभम लंबे समय से दिल्ली में रह रहे हैं। शुभम को डिजिटल और टीवी मीडिया में काम करने का आठ साल से ज्यादा का अनुभव है।
शुभम तिवारी ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2017 में गूगल के Hotevents प्रोजेक्ट से की थी। ‘एनडीटीवी’ से पहले शुभम तिवारी ‘इंडिया टुडे समूह’, ‘एएनआई’ और ‘टाइम ऑफ इंडिया’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में विभिन्न भूमिकाओं में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
‘इंडिया टुडे’ समूह में शुभम ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम का हिस्सा थे और उन्होंने कुछ प्रभावशाली स्टोरीज कीं, जो राष्ट्रीय सुर्खियाँ बनीं। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो शुभम तिवारी ने भोपाल स्थित ‘माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी’ से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से शुभम तिवारी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (NBF) ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें टीवी ऑडियंस माप में लैंडिंग-पेज व्यूज को शामिल न करने पर विचार किया जा रहा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (NBF) ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें टीवी ऑडियंस माप में लैंडिंग-पेज व्यूज को शामिल न करने पर विचार किया जा रहा है। फेडरेशन का कहना है कि यह कदम उन गलत प्रथाओं को रोकने में अहम होगा, जिनमें चैनल लैंडिंग पेज का इस्तेमाल दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए करते थे।
मंत्रालय ने साफ किया है कि अब लैंडिंग पेज से आने वाले व्यूज ऑडियंस माप में शामिल नहीं होंगे। लैंडिंग पेज को केवल मार्केटिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
NBF ने बयान में कहा कि कुछ चैनलों ने लैंडिंग पेज का इस्तेमाल एक रणनीति के तौर पर किया ताकि विज्ञापनदाताओं को गुमराह किया जा सके और दुर्भाग्यवश BARC अब तक इसे रोकने में असफल रहा है। NBF के प्रेजिडेंट व रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी ने कहा, “MIB का यह कदम स्वागत योग्य है। यह लंबे समय से चली आ रही गलत प्रथा को खत्म करेगा। हमें उम्मीद है कि वे ब्रॉडकास्टर जो इस टूल का इस्तेमाल नकली तरीके से रेटिंग बढ़ाने के लिए करते हैं, अब ऐसा करना बंद करेंगे। NBF पूरे देश के स्वतंत्र न्यूज ब्रॉडकास्टर्स के साथ खड़ा है।”
वैसे बता दें कि लंबे समय से विज्ञापनदाताओं की BARC से मांग थी कि कि लैंडिंग-पेज डेटा को वास्तविक व्यूअरशिप से अलग किया जाए, क्योंकि कई व्यूअरशिप स्पाइक नकली होते हैं।
विज्ञापनदाताओं ने लंबे समय से यह मांग की है कि BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) को ‘लैंडिंग-पेज डेटा’ और रियल आंकड़ों (स्वेच्छा से टीवी देखने वाले दर्शकों) के आंकड़ों को अलग करना चाहिए, क्योंकि कई बार चैनल लैंडिंग पेज का इस्तेमाल करके दर्शकों की संख्या बढ़ा-चढ़ा कर दिखाते हैं, जिससे रेटिंग्स असली नहीं रहती।
विज्ञापनदाता चाहते हैं कि केवल वास्तविक लोग जो खुद टीवी देख रहे हैं, वही TRP में गिने जाएं, नकली व्यूज (artificial spikes) को नहीं।
BARC ने भी माना कि लैंडिंग पेज व्यूज वास्तविक आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाते हैं।
MIB के संशोधित मसौदे के अनुसार, सिर्फ भारत में कंपनियों के तहत पंजीकृत संस्थाएँ ही रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकेंगी। बोर्ड के सदस्य और प्रमोटर किसी भी ब्रॉडकास्टर से बिजनेस संबंध नहीं रख सकते, और क्रॉस-होल्डिंग्स 20% तक सीमित होंगी। हालांकि, स्व-नियामक संस्थाओं जैसे BARC पर ये नियम लागू नहीं होंगे।
MIB का कदम यह संकेत देता है कि अब रेटिंग्स की गणना में पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी। लैंडिंग-पेज व्यूज हटने के बाद चैनलों को सिर्फ वास्तविक दर्शकों की भागीदारी पर भरोसा करना होगा, न कि किसी पोजिशनल लाभ पर। इससे TRP माप में अधिक ईमानदारी और भरोसेमंद डेटा सुनिश्चित होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने टीवी ऑडियंस मीजरमेंट सिस्टम में बदलाव करने के लिए नए मसौदे में पैनल साइज बढ़ाने और हित संघर्ष पर कड़े नियम पेश किए हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने टीवी ऑडियंस मीजरमेंट सिस्टम में बदलाव करने के लिए नए मसौदे में पैनल साइज बढ़ाने और हित संघर्ष (Conflict of Interest) पर कड़े नियम पेश किए हैं। मंत्रालय ने पहले जुलाई में टीवी रेटिंग एजेंसीज के लिए संशोधित दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया था।
मंत्रालय ने कहा है कि रेटिंग एजेंसीज को पंजीकरण के 18 महीनों के भीतर कम से कम 80,000 पीपल मीटर्स पर काम करना होगा। इसके बाद हर साल 10,000 घरों की बढ़ोतरी करनी होगी, जब तक कि पैनल 1,20,000 घरों तक न पहुंच जाए।
वर्तमान में केवल 58,000 पीपल मीटर्स मौजूद हैं। नए नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों और दर्शकों की विविधता सही तरीके से मापी जा सके। पीपल मीटर्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं, जो दर्शकों की मीडिया देखने की आदतें रिकॉर्ड करते हैं।
नए मसौदे में यह भी कहा गया है कि लैंडिंग पेज व्यूज को TRP माप में शामिल नहीं किया जाएगा। लैंडिंग पेज का इस्तेमाल सिर्फ मार्केटिंग टूल के रूप में किया जा सकता है।
मसौदे में यह भी स्पष्ट किया गया है कि TRP एजेंसी में आवेदन करने वाली संस्था का किसी भी ब्रॉडकास्टर के साथ हित संघर्ष नहीं होना चाहिए। बोर्ड के किसी भी सदस्य को ब्रॉडकास्टिंग या विज्ञापन एजेंसी के कारोबार में शामिल नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा क्रॉस-होल्डिंग नियम को भी फिर से पेश किया गया है। नए मसौदे के अनुसार, कोई भी कंपनी या कानूनी इकाई 20% या उससे अधिक हिस्सेदारी के साथ रेटिंग एजेंसी और ब्रॉडकास्टर दोनों में हिस्सेदारी नहीं रख सकती। हालांकि, यह नियम स्व-नियामक संस्थाओं जैसे BARC पर लागू नहीं होंगे।
मंत्रालय ने कहा है कि इन बदलावों का मकसद है समान प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, अधिक सटीक डेटा जुटाना और दर्शकों की बदलती आदतों को सही रूप से TRP में शामिल करना।
मंत्रालय ने इस मसौदे पर 30 दिनों के भीतर मीडिया इंडस्ट्री और अन्य हितधारकों से सुझाव मांगे हैं।
राज टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड ने अपने बोर्ड में दो नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दिलाने के लिए ई-वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राज टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड ने अपने बोर्ड में दो नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दिलाने के लिए ई-वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी ने इसके लिए पोस्टल बैलेट नोटिस जारी किया है।
ई-वोटिंग की तारीखें और प्रक्रिया
कंपनी की ओर से बताया गया है कि ई-वोटिंग की सुविधा 5 नवंबर 2025, बुधवार सुबह 9 बजे से शुरू होगी और 4 दिसंबर 2025, गुरुवार शाम 5 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान कंपनी के सदस्य ऑनलाइन वोटिंग के जरिए अपने मत दे सकेंगे। यह पूरी प्रक्रिया सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) के माध्यम से कराई जा रही है।
इन प्रस्तावों पर होगा मतदान
पोस्टल बैलेट में दो प्रस्ताव रखे गए हैं-
पहला — पेचिमुथु उदयकुमार को कंपनी का नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया जाना।
दूसरा — कृष्णा सिंह बालाजी सिंह को भी नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया जाना।
कंपनी ने दी जानकारी
कंपनी ने कहा है कि पोस्टल बैलेट नोटिस केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उन सभी सदस्यों को भेजा गया है, जिनका ईमेल पता कंपनी, रजिस्ट्रार या डिपॉजिटरी एजेंसी के साथ पंजीकृत है। जो सदस्य ईमेल अपडेट नहीं कर पाए हैं, उन्हें जल्द ही अपनी जानकारी अपडेट करने की सलाह दी गई है ताकि वे भविष्य की प्रक्रियाओं में भाग ले सकें।
पेचिमुथु उदयकुमार
पेचिमुथु उदयकुमार NSIC लिमिटेड और NSIC वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। उनके पास MSME, पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर और वित्तीय क्षेत्रों में 35 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह IIM बैंगलोर और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, गिंडी (अन्ना यूनिवर्सिटी) के पूर्व छात्र हैं। उन्हें 2022 में ‘एलुमनी अचीवर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था। उन्होंने MSME नीति निर्माण और वित्तीय रणनीति पर कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर काम किया है।
कृष्णा सिंह बालाजी सिंह
कृष्णा सिंह एक प्रसिद्ध सर्जन और अकादमिक लीडर हैं। वे श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, चेन्नई के डीन और सर्जरी विभाग के प्रोफेसर हैं। उन्हें तीन दशकों से अधिक का अनुभव है और वे एडवांस लैप्रोस्कोपिक व कोलोरेक्टल सर्जरी में विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने अब तक 1600 से ज्यादा मिनिमली इनवेसिव सर्जरी की हैं और कई मेडिकल शोधपत्र प्रकाशित किए हैं। उन्हें तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा मेडिकल एक्सिलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
दोनों नियुक्तियां पांच साल के कार्यकाल के लिए
कंपनी ने बताया कि दोनों निदेशकों की नियुक्ति 18 अक्टूबर 2025 से 17 अक्टूबर 2030 तक के लिए प्रस्तावित है। दोनों ही निदेशक बोर्ड के किसी अन्य सदस्य या कंपनी के मुख्य प्रबंधन कर्मियों से संबंधित नहीं हैं।
परिणामों की घोषणा
ई-वोटिंग पूरी होने के बाद मतगणना की रिपोर्ट कंपनी के चेयरमैन या उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति को सौंपी जाएगी। परिणाम दो कार्य दिवसों के भीतर घोषित किए जाएंगे और इन्हें BSE, NSE और कंपनी की वेबसाइट www.rajtvnet.in पर देखा जा सकेगा।