इंडिया टुडे में सीनियर एंकर के तौर पर कार्यरत नबिला जमाल ने पांच वर्षों के बाद संगठन को अलविदा कह दिया है।
इंडिया टुडे में सीनियर एंकर के तौर पर कार्यरत नबिला जमाल ने पांच वर्षों के बाद संगठन को अलविदा कह दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, अब वह न्यूज9 (TV9 नेटवर्क का हिस्सा) में एग्जिक्यूटिव एडिटर और एंकर की नई भूमिका निभाती नजर आएंगी।
'न्यूज9' भारत का पहला पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर केंद्रित अंग्रेजी न्यूज ब्रैंड है।
TV9 नेटवर्क के साथ नबिला जमाल का यह दूसरा कार्यकाल होगा।
न्यूज9, अपनी अत्याधुनिक डिजिटल पत्रकारिता के लिए जाना जाता है, कई प्लेटॉर्म्स के माध्यम से काम करता है, जिसमें प्रकाशन प्लेटफॉर्म www.news9live.com ओटीटी प्लेटफॉर्म News9 Plus और 24 घंटे की वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस शामिल है, जो कनेक्टेड टीवी और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। यह कदम नबिला जमाल के गतिशील करियर को रेखांकित करता है, क्योंकि वह भारत के बदलते डिजिटल न्यूज क्षेत्र में एक प्रमुख नेतृत्व भूमिका निभाने जा रही हैं।
नबिला जमाल को पत्रकारिता में एक दशक से अधिक का व्यापक अनुभव है, जिसमें उन्होंने अपराध, राजनीति और पर्यावरणीय मुद्दों पर गहरी और प्रभावशाली कवरेज के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की है।
वह सेंट जोसेफ कॉलेज, बेंगलुरु की पूर्व छात्रा हैं और अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में स्नातक डिग्री तथा मास कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री रखती हैं।
बार्क की 20वें सप्ताह की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, HSM (अर्बन + रूरल) NCCS 2+ में दर्शकों के बीच जहां कई चैनल्स ने अपनी स्थिति को बरकरार रखा, वहीं कुछ बड़े उलटफेर ने टॉप रैंकिंग की तस्वीर बदल दी।
हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स की रैंकिंग में इस हफ्ते दिलचस्प बदलाव देखने को मिले। बार्क की 20वें सप्ताह की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदी स्पीकिंग मार्केट यानी HSM (अर्बन + रूरल) NCCS 2+ में दर्शकों के बीच जहां कई चैनल्स ने अपनी स्थिति को बरकरार रखा, वहीं कुछ बड़े उलटफेर ने टॉप रैंकिंग की तस्वीर बदल दी।
इस सप्ताह की सबसे बड़ी खबर रही STAR उत्सव का अप्रत्याशित उभार। चैनल की व्युअरशिप 114.96 इम्प्रेशन से बढ़कर 128.26 हो गई, जिससे उसने STAR प्लस को पीछे छोड़ते हुए नंबर वन की कुर्सी हासिल कर ली। STAR प्लस की व्युअरशिप 112.56 से घटकर 111.05 पर आ गई और अब वह दूसरे स्थान पर है। STAR उत्सव की यह चढ़ाई साफ दर्शाती है कि उसका कंटेंट विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी दर्शकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
उधर, लगातार टॉप-3 में रहने वाला SONY SAB इस बार 105.36 से गिरकर 98.51 पर आ गया और तीसरे पायदान पर खिसक गया। डंगल की व्युअरशिप भी 85.84 से घटकर 78.48 पर आ गई, जिससे यह संकेत मिला कि या तो दर्शकों की रुचि में बदलाव आया है या फिर अन्य चैनल्स से मिल रही प्रतिस्पर्धा ने असर डाला है।
Colors चैनल ने स्थिर प्रदर्शन करते हुए मामूली बढ़त के साथ 76.47 से 76.98 का आंकड़ा छुआ और मिड-रेंज में बना रहा। Sony Pal (73.05) और Zee TV (64.38) ने हल्के उतार-चढ़ाव के साथ अपनी स्थिति लगभग बरकरार रखी।
मध्यम प्रदर्शन वाले चैनल्स में Colors Rishtey ने 51.52 से 56.32 तक की छलांग लगाई, जबकि Zee Anmol 44.15 से बढ़कर 44.47 पर पहुंचा। इसके विपरीत Manoranjan TV, Chumbak TV और Shemaroo TV की व्युअरशिप में गिरावट दर्ज की गई, जो या तो दर्शकों की बदलती पसंद को दर्शाता है या चैनल के टाइम-बैंड में बदलाव का असर हो सकता है।
लोअर-टियर चैनल्स में Unique TV, Dangal 2 और Manoranjan Grand ने मध्यम ग्रोथ दर्ज की। लेकिन Ishara TV ने 1.12 से बढ़कर 1.73 तक की उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई, हालांकि यह अभी भी कुल व्युअरशिप में निचले स्तर पर बना हुआ है। वहीं The Q की व्युअरशिप 19.66 से घटकर 16.63 हो गई, जो इसके हालिया प्रदर्शन में गिरावट की ओर इशारा करती है।
एचडी चैनल्स की बात करें तो उनकी कुल व्युअरशिप अब भी एसडी चैनल्स से पीछे है। Colors HD, STAR Plus HD और Zee TV HD—तीनों का आंकड़ा 8 इम्प्रेशन से कम रहा, जो दर्शाता है कि भारत के बड़े दर्शक वर्ग में अभी भी एसडी कंटेंट का वर्चस्व कायम है। Sony Entertainment Television HD, SONY SAB HD और \&TV HD की व्युअरशिप में भी मामूली गिरावट देखी गई। \&flix HD को इस हफ्ते भी शून्य व्युअरशिप ही मिली।
सार्वजनिक प्रसारक डीडी नेशनल ने 4.60 से हल्की गिरावट के साथ 4.56 पर आकर अपनी स्थिर मौजूदगी बनाए रखी।
exchange4media ने वीक 20 के लिए Pay, Free और संयुक्त प्लेटफॉर्म पर GEC प्रदर्शन का विश्लेषण किया, जिसमें HSM (Urban + Rural) क्षेत्र में 15+ पुरुष-महिला दर्शकों की भागीदारी को ध्यान में रखा गया।
Pay श्रेणी में STAR Plus ने जबरदस्त दबदबा दिखाया और टॉप-10 में से पांच स्लॉट्स पर कब्जा जमाया। ‘Advocate Anjali Awasthi’ शो ने मामूली गिरावट के बावजूद 1.46 के स्कोर के साथ अपनी टॉप पोजिशन बनाए रखी (पिछले सप्ताह 1.54)। ‘Jaadu Teri Nazar’ 1.39 से गिरकर 1.27 और ‘Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin’ 1.11 से घटकर 1.07 पर आ गया, जो धीरे-धीरे दर्शकों की रुचि में कमी का संकेत देता है।
Colors चैनल ने भी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें ‘Shiv Shakti Tap Tyaag Tandav’, ‘Mannat Har Khushi Paane Ki’ और ‘Ram Bhavan’ शामिल रहे। हालांकि ‘Shiv Shakti...’ 1.09 से घटकर 0.97 और ‘Ram Bhavan’ 0.99 से गिरकर 0.85 पर आ गया।
Zee TV के ‘Kumkum Bhagya’ और ‘Jaane Anjaane Hum Mile’ ने अपेक्षाकृत स्थिर प्रदर्शन किया। ‘Jaane Anjaane...’ 0.73 पर बना रहा।
Free-to-air सेगमेंट में Dangal ने अपना दबदबा कायम रखा। ‘Gehna Zevar Ya Zanjeer / Lekar Hum Deewana Dil’ के 1 घंटे के महासंगम एपिसोड की बदौलत व्युअरशिप 1.61 से बढ़कर 2.71 हो गई—यह इस सप्ताह की सबसे बड़ी छलांग रही।
STAR Utsav ने ‘Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin’ के जरिए FTA सेगमेंट में भी दूसरी पोजिशन पाई, जो 1.50 से बढ़कर 1.74 पर पहुंचा।
Dangal के अन्य शोज़ जैसे ‘Mann Sundar’, ‘AE Dil Jee Le Zara’, और ‘Pati Brahmachari’ ने भी स्थिर या हल्के सुधार वाले आंकड़े दर्ज किए। ‘Mann Atisundar’ की व्युअरशिप पिछले गिरावट के बाद इस हफ्ते 0.93 तक सुधरी।
कुल डेटा पर नज़र डालें तो STAR Plus का ‘Advocate Anjali Awasthi’ 1.04 के स्कोर के साथ अब भी टॉप पर है, हालांकि इसके ठीक पीछे Dangal का ‘Gehna Zevar Ya Zanjeer / Lekar Hum Deewana Dil’ आ गया है, जिसकी रेटिंग 1.10 से 0.93 पर दर्ज की गई। (ध्यान रहे: महासंगम का पूरा असर फ्री-ओनली चार्ट्स में और अधिक स्पष्ट दिख सकता है।)
‘Jaadu Teri Nazar’ और ‘Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin’ क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहे, हालांकि दोनों की व्युअरशिप में गिरावट आई और ये 0.91 और 0.76 तक पहुंच गए।
Colors के तीन शोज़—‘Shiv Shakti...’, ‘Mannat...’, और ‘Ram Bhavan’ टॉप-10 में बने रहे, हालांकि इनमें भी हल्की गिरावट दर्ज हुई।
FTA वर्ज़न के STAR Utsav पर आने वाला ‘Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin’ 0.56 से बढ़कर 0.63 हो गया, जो शो की व्यापक लोकप्रियता को दर्शाता है।
Zee TV का ‘Kumkum Bhagya’ भी 0.59 की रेटिंग के साथ सूची में बना रहा।
यह रिपोर्ट दर्शकों की बदलती प्राथमिकताओं और प्लेटफॉर्म्स की प्रतिस्पर्धा की एक गहन तस्वीर पेश करती है, जो आने वाले हफ्तों में हिंदी टीवी चैनल्स के कंटेंट रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
गौरतलब है कि समाचार4मीडिया ने कुछ दिनों पूर्व ही विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि मलिका मल्होत्रा जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में शामिल होने जा रही हैं।
जानी-मानी और लोकप्रिय न्यूज एंकर मलिका मल्होत्रा ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) जॉइन कर लिया है। समाचार4मीडिया ने कुछ दिनों पूर्व ही विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि मलिका मल्होत्रा जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में शामिल होने जा रही हैं। ‘एनडीटीवी’ ने अब इस खबर की पुष्टि कर दी है। नेटवर्क के अनुसार, ‘NDTV इंडिया पर मलिका जल्द ही एक नया शो लेकर आएंगी, जिसकी जानकारी जल्द साझा की जाएगी। यह शो विचारशील और संवेदनशील अंदाज में भारत की असली कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाएगा।’
मलिका मल्होत्रा अभी तक ‘जी न्यूज’ (Zee News) से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने करीब ढाई साल पहले ‘आजतक’ को बाय बोलकर यहां जॉइन किया था। यहां वह दोपहर एक बजे का बुलेटिन करने के साथ-साथ शाम का शो और रात साढ़े दस बजे का स्लॉट संभालती थीं।
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‘एनडीटीवी’ से जुड़ने पर मलिका ने कहा, ‘NDTV हमेशा एक ऐसा प्लेटफॉर्म रहा है जो शांति, स्पष्टता और जुड़ाव को महत्व देता है। मेरे लिए पत्रकारिता शोर का हिस्सा बनने की बजाय उन बातों के करीब पहुंचने का माध्यम है जो वाकई मायने रखती हैं। आज के दर्शक सिर्फ खबरें नहीं, बल्कि समझदारी, ईमानदारी और अपनी बात कहने वाली आवाज चाहते हैं। NDTV ने यह भरोसा लगातार बनाया है और मुझे इसका हिस्सा बनकर गर्व हो रहा है।’
वहीं, ‘एनडीटीवी’ के ग्रुप सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, ‘हम मलिका का NDTV परिवार में स्वागत करते हुए बेहद खुश हैं। वो पत्रकारिता के उस स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसमें ईमानदारी, ज़मीन से जुड़ाव और आम लोगों की कहानी अहम होती है। उनकी मौजूदगी हमारे संपादकीय दृष्टिकोण को और मजबूत करेगी।’
मलिका मल्होत्रा आज के दौर के उन सधे हुए एंकर्स में एक हैं, जिन्होंने लीग से हटकर अपनी छवि बनाई है। एंकरिंग के साथ ही साथ फील्ड रिपोर्टिंग में अपने अलग अंदाज के लिए भी मलिका जानी जाती हैं। मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली मलिका ने देश को जमीन पर उतर कर देखा है और पत्रकारिता इतिहास की कईं महत्वपूर्ण घटनाओं को आप दर्शकों तक पहुंचाया है।
इनकी पत्रकारिता की शुरुआत ट्रेनी एंकर के तौर पर पी7 न्यूज से हुई। उसके बाद सफर ने रफ्तार पकड़ी और ‘जी हिन्दुस्तान’ से होते हुए मलिका ने ‘एबीपी न्यूज’ में भी अपनी एंकरिंग और रिपोर्टिंग से दर्शकों का विश्वास जीता।
यूनाइटेड किंगडम (UK) की कार्डिफ यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल जर्नलिज्म कोर्स में परास्नातक मलिका ‘आजतक’ के मॉर्निंग बैंड का प्रमुख चेहरा थीं। वह यहां एंकर के साथ-साथ एसोसिएट सीनियर प्रड्यूसर की भूमिका निभा रहीं थीं। साथ ही वह बुलेट रिपोर्टर की भूमिका भी ‘आजतक’ में निभा चुकी हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से मलिका मल्होत्रा को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पूर्व में Sony Pictures Networks India) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दूरसंचार विवाद निपटान व अपीलीय प्राधिकरण (TDSAT) के उस आदेश को चुनौती दी है
कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पूर्व में Sony Pictures Networks India) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दूरसंचार विवाद निपटान व अपीलीय प्राधिकरण (TDSAT) के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कंपनी को DTH ऑपरेटर 'टाटा प्ले' (Tata Play) के खिलाफ जारी डिस्कनेक्शन नोटिस पर कार्रवाई से रोक दिया गया था। अब यह मामला 16 जून को हाई कोर्ट में सुना जाएगा।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नील गोकले की डिवीजन बेंच ने मंगलवार को TDSAT और Tata Play को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
Sony Pictures Networks India, जो कानूनी रूप से Culver Max Entertainment के नाम से रजिस्टर्ड है और Sony Group Corp के स्वामित्व में है, भारत में 27 टेलीविजन चैनल्स का संचालन करती है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब देश का सबसे बड़े DTH ऑपरेटर्स में शुमार Tata Play ने SPNI के चैनलों को अपने कंज्यूमर पैक्स से हटाने का फैसला किया। दोनों कंपनियों के बीच वार्षिक सब्सक्रिप्शन एग्रीमेंट के नवीनीकरण को लेकर शर्तों पर सहमति नहीं बन पाई।
इसके जवाब में SPNI ने Tata Play को डिस्कनेक्शन नोटिस जारी किया। हालांकि, 27 मई को TDSAT ने इस नोटिस पर रोक लगाते हुए Tata Play को अंतरिम राहत के तौर पर दो सप्ताह के भीतर SPNI को ₹40 करोड़ भुगतान करने का निर्देश दिया। यह रकम ₹128 करोड़ के कुल दावे में से आंशिक भुगतान के रूप में तय की गई है। TDSAT ने स्पष्ट किया था कि अंतिम दायित्व तय होने पर इस राशि का समायोजन किया जाएगा।
SPNI की ओर से इस विवाद में सब्सक्रिप्शन शुल्क बढ़ाने की मांग की गई है, जिसे Tata Play ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि SPNI के चैनलों की व्युअरशिप में गिरावट आई है।
TDSAT ने अपने आदेश में कहा कि डिस्कनेक्शन पर रोक न लगाई गई तो Tata Play को "अपूरणीय क्षति" हो सकती है। साथ ही ट्रिब्यूनल ने दोनों पक्षों से आपसी अकाउंट रीकंसिलिएशन सहित समाधान की दिशा में काम करने को कहा है।
इस बीच SPNI भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली सभी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज, जिसमें टेस्ट, वनडे और T20 मुकाबले शामिल हैं, के लिए भारत में टीवी ब्रॉडकास्टिंग राइट्स बरकरार रखेगा। वहीं स्ट्रीमिंग राइट्स JioStar के पास होंगे, जो अपने JioHotstar प्लेटफॉर्म के जरिए इन मैचों का डिजिटल प्रसारण करेगा।
यह एग्रीमेंट भारत के इंग्लैंड दौरे के 2025 और 2026 सत्रों को कवर करता है। अगली टेस्ट सीरीज की शुरुआत 20 जून 2025 से होनी है।
'जी कन्नड़' ने अपनी नई ब्रैंड पहचान और भावनात्मक संदेश ‘Sadaa Nimmondige Nimma Zee Kannada’ के साथ एक भावनात्मक कैंपेन लॉन्च किया है, जो कन्नड़ संस्कृति से उसके गहरे जुड़ाव को और मजबूत करता है।
'जी कन्नड़' (Zee Kannada) ने अपनी नई ब्रैंड पहचान और भावनात्मक संदेश ‘Sadaa Nimmondige Nimma Zee Kannada’ (हमेशा आपके साथ, आपका Zee Kannada) के साथ एक भावनात्मक कैंपेन लॉन्च किया है, जो कन्नड़ संस्कृति से उसके गहरे जुड़ाव को और मजबूत करता है। चैनल ने इस कैंपेन के जरिए सामूहिकता, अपनापन और रोज़मर्रा की भावनात्मक सच्चाइयों का जश्न मनाया है।
इस कैंपेन की मूल भावना एक सरल लेकिन गहरे असर वाली कहावत में समाहित है- ‘Koodi Baalidare Swarga Sukha’ (मिलजुल कर जिएं तो स्वर्ग समान सुख)। यही विचार इस फिल्म के हर फ्रेम में महसूस होता है- साथ रहने से उम्मीद पैदा होती है, समर्थन बनता है और एकजुटता हमें हर चुनौती से पार पाने की ताकत देती है।
ब्रैंड फिल्म की कहानी एक सेना में तैनात पिता के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे अपनी बेटी की शादी से ठीक पहले ड्यूटी पर बुला लिया जाता है। उनकी अनुपस्थिति में पूरा गांव एक परिवार की तरह खड़ा होता है, और हर छोटी-बड़ी जिम्मेदारी को निभाते हुए शादी को उसी उल्लास और अपनत्व से संपन्न कराता है। जब पिता शादी के दिन लौटते हैं और सबकुछ सुंदर तरीके से सजा-संवरा देखते हैं, तो उनकी पत्नी मुस्कराकर कहती हैं- “Ishtu dodda parivaara jothegidda mele yochisodu enide” (इतना बड़ा परिवार साथ हो तो चिंता की क्या बात?) यह सुनकर वह भावुक हो उठते हैं।
मंड्या की पृष्ठभूमि में फिल्माई गई इस ब्रैंड फिल्म में पारंपरिक कन्नड़ शादी के रंग बिखेरे गए हैं- छप्परा, रंगोली डिजाइन, प्राचीन मंदिर और अर्शिना शास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विवाह संस्कार इसकी खूबसूरती बढ़ाते हैं। यह फिल्म न केवल एक कहानी है, बल्कि कर्नाटक के दर्शकों को यह अहसास भी कराती है कि ये उनकी अपनी ही भावनाओं, रिश्तों और संस्कारों का उत्सव है।
इस कैंपेन को 23वें Zee Cine Awards 2025 के प्रसारण के दौरान लॉन्च किया गया, जहां Zee के सभी सात भाषायी चैनलों पर एक साथ सात अलग-अलग कहानियों वाली फिल्में दिखाई गईं- हर एक अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक धड़कनों और सामाजिक सच्चाइयों से जुड़ी।
ZEE एंटरटेनमेंट के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर कार्तिक महादेव ने कहा, “आपका अपना ZEE’ एक ऐसा कैंपेन है जो यह दिखाता है कि भारत कैसे एक-दूसरे के लिए खड़ा होता है। यह हमारी सांस्कृतिक विविधता और भावनात्मक सच्चाइयों का प्रतिबिंब है। यह फिल्में ZEE को एक ऐसा साथी बनाती हैं, जिसे देखा नहीं, अपनाया जाता है।”
Zee Kannada के बिज़नेस हेड दीपक श्रीरामुलु ने कहा, 'Sadaa Nimmondige Nimma Zee Kannada' सिर्फ एक कैंपेन नहीं, बल्कि हर कन्नड़भाषी के दिल को छूने वाली एक भावना है। ‘Koodi Baalidare Swarga Sukha’ हमारे कर्नाटक की संस्कृति की असली आत्मा है, जिसे हम हर रोज जीते हैं और यही Zee Kannada की पहचान है।
इस भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कैंपेन के जरिए Zee Kannada ने दर्शकों से अपने रिश्ते को और भी गहराई दी है- एक ऐसा रिश्ता, जो अब सिर्फ दर्शक और चैनल के बीच नहीं, बल्कि परिवार और अपनेपन का बन गया है।
Ernst & Young (EY) और ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) ने मिलकर पहली बार एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि केबल डिस्ट्रीब्यूशन बिज़नेस में आमदनी लगातार घट रही है
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
भारत में केबल टीवी इंडस्ट्री गंभीर संकट से गुजर रही है। Ernst & Young (EY) और ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) ने मिलकर पहली बार इतने बड़े स्तर पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि केबल डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस में आमदनी लगातार घट रही है, ग्राहक कम हो रहे हैं, मुनाफा गिर रहा है और सबसे चिंताजनक बात ये है कि इस सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियां जा रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोकल केबल ऑपरेटर्स (LCOs) से सर्वे किया गया, उनमें से 93% ने माना कि 2018 के मुकाबले उनकी मासिक कमाई घट गई है। वहीं, 79% LCOs ने कहा कि उनकी आय 20% से भी ज्यादा गिर गई है। यह सर्वे पूरे देश में 28,100 LCOs पर आधारित था, जो अपने आप में इस इंडस्ट्री पर हुआ अब तक का सबसे बड़ा रिसर्च है।
इस रिपोर्ट का सबसे गंभीर पहलू यह है कि इसमें केबल डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े रोजगार में भारी गिरावट सामने आई है। AIDCF के प्रेजिडेंट और डेन नेटवर्क्स के सीईओ एस. एन. शर्मा ने बताया कि इस सेक्टर में करीब 5.77 लाख नौकरियां जा चुकी हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। उनके मुताबिक, इस सर्वे में शामिल 28,000 LCOs में काम करने वाले लोग 2018 में जहां 1.2 लाख थे, अब घटकर 80,000 रह गए हैं, यानी 31% की कमी आई है। यदि इसे पूरे देश के 1.6 लाख LCOs पर नजर डालें, तो करीब 1.95 लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है।
केबल इंडस्ट्री में नौकरी छूटने की असली तस्वीर तब सामने आती है जब उन लोकल केबल ऑपरेटर्स (LCOs) को भी गिना जाता है जो पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। GTPL हैथवे के चेयरमैन अजय सिंह ने बताया कि पिछले छह वर्षों में AIDCF से जुड़े करीब 76,000 LCOs बंद हो गए हैं। यदि हर एक LCO में औसतन तीन लोग भी काम करते थे, तो इसका मतलब है कि लगभग 2.28 लाख और नौकरियां चली गईं।
इसके अलावा, जो LCOs AIDCF से नहीं जुड़े हैं और स्वतंत्र मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (MSOs) हैं, उनमें से भी कई बाजार से बाहर हो चुके हैं, जिससे अनुमानित 1.5 लाख और लोगों की नौकरियां गई हैं। वहीं छोटे MSOs के बंद होने से यदि हर एक में औसतन पांच कर्मचारी मानें, तो लगभग 5,000 से 6,000 और रोजगार खत्म हो गए हैं।
AIDCF के प्रेजिडेंट एस.एन. शर्मा ने कहा कि ये आंकड़े सिर्फ अंदाजे नहीं हैं, बल्कि असली लोग और उनकी आजीविका हैं, जो देश के छोटे शहरों और कस्बों में प्रभावित हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस गिनती में उन नौकरियों को शामिल नहीं किया गया है जो कंपनियों के अंदर लागत कम करने के चलते गई हैं।
इस भारी गिरावट के पीछे दो बड़ी वजहें बताई गई हैं। पहली वजह 2019 में लागू किया गया नया रेगुलेटरी सिस्टम है, जिसने केबल ऑपरेटर्स से यह आजादी छीन ली कि वे अपने दर्शकों के लिए स्थानीय जरूरतों के हिसाब से चैनल पैकेज बना सकें। अब ब्रॉडकास्टर्स तय करते हैं कि किस पैकेज में क्या होगा, भले ही उपभोक्ता वह कंटेंट न देखना चाहता हो।
दूसरी बड़ी वजह है कीमतों और affordability की समस्या। शर्मा ने कहा कि केबल सेवा हमेशा एक बड़ी संख्या में आम लोगों को ध्यान में रखकर दी जाती थी यानी कम कीमत में ज्यादा कंटेंट। लेकिन पिछले छह सालों में कीमतें तेजी से बढ़ीं, और कई ऑपरेटर अपने ग्राहकों पर यह बोझ नहीं डाल पाए। नतीजतन, उन्होंने खुद ही लागत झेली, जिससे उनका मुनाफा घटा और कई को कारोबार बंद करना पड़ा।
केबल ऑपरेटर आज सिर्फ तकनीकी बदलाव से नहीं, बल्कि असमान नियमों के कारण सबसे अधिक परेशान हैं। ऑपरेटर्स का कहना है कि वे तकनीक से डरते नहीं—न DTH से, न OTT से। असली समस्या यह है कि नियम सबके लिए एक जैसे नहीं हैं। जबकि केबल कंपनियों को कीमतों, कंटेंट और विज्ञापन को लेकर कई कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है, OTT प्लेटफॉर्म इन नियमों से लगभग मुक्त हैं। इससे निष्पक्ष मुकाबले की जगह बाजार में असंतुलन पैदा हो गया है, जिसे ऑपरेटर 'कैनिबलाइजेशन' यानी एक तरह से खुद का ही खत्म किया जाना बता रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि पे-टीवी (वह टीवी सेवाएं जिनके लिए सब्सक्रिप्शन फीस ली जाती है) घरों की संख्या लगातार घट रही है- 2017 में जहां यह 15.2 करोड़ थी, 2025 तक यह घटकर 11.1 करोड़ रह गई है। यानी करीब 4 करोड़ घरों ने केबल या डीटीएच सब्सक्रिप्शन छोड़ दिया है, जो पूरे बाजार का 25-30% है। इसके उलट, उन घरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जो टीवी नहीं देख रहे या केवल फ्री कंटेंट देख रहे हैं, जिन्हें “TV-dark homes” कहा जा रहा है। EY के आशीष फेरवानी ने कहा कि 14 करोड़ ऐसे घर अब भारत में हैं और यह एक गंभीर चिंता का विषय है।
सर्वे में यह भी सामने आया कि 28,000 लोकल केबल ऑपरेटर्स में से 10,000 से ज्यादा ने बताया कि उनके सब्सक्राइबर 2018 के बाद से 40% तक घट चुके हैं। कई लोगों ने बताया कि पहले जहां एक घर में दो या तीन टीवी के लिए केबल कनेक्शन होता था, अब लोग एक ही कनेक्शन रख रहे हैं। बाकी टीवी को ब्रॉडबैंड या स्मार्ट टीवी से जोड़ रहे हैं। साथ ही YouTube जैसे फ्री प्लेटफॉर्म या OTT की बेहतर स्टोरीटेलिंग की ओर लोगों की रुचि भी बढ़ी है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सिर्फ छोटे ऑपरेटर ही नहीं, बल्कि बड़े DTH और MSO (मल्टी सिस्टम ऑपरेटर) भी राजस्व और मुनाफे में गिरावट झेल रहे हैं। EY के फेरवानी ने कहा कि यह केवल ग्राहकों की संख्या का मसला नहीं है, बल्कि पूरी इंडस्ट्री की प्रणाली एक संकट में है।
EY और AIDCF की रिपोर्ट ने केबल इंडस्ट्री में जारी गिरावट को रोकने के लिए पांच बेहद जरूरी कदम सुझाए हैं। सबसे पहले, रिपोर्ट कहती है कि ब्रॉडकास्टर्स को पे-टीवी को फिर से आकर्षक बनाने के लिए कंटेंट और मार्केटिंग में दोबारा निवेश करना होगा। दूसरा, देशभर में पड़े लगभग 2 करोड़ बंद पड़े सेट टॉप बॉक्स को फिर से एक्टिव करने के लिए एक समन्वित प्रयास होना चाहिए, इसके लिए प्रोत्साहनों और साझेदारियों का सहारा लिया जा सकता है।
तीसरा, रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि सभी प्लेटफॉर्म्स, जैसे- केबल, DTH और OTT के लिए नियम बराबर होने चाहिए। कीमतें, विज्ञापन और कंटेंट से जुड़े नियम एक जैसे हों। EY के अशिष फेरवानी ने कहा, "एक ही कंटेंट यदि एक प्लेटफॉर्म पर फ्री में दिया जा रहा है और दूसरे पर बेचा जा रहा है, तो यह असंतुलन है।" इसीलिए समान मानकों की जरूरत है।
चौथा, रिपोर्ट कहती है कि कंटेंट रिलीज को लेकर एक रणनीति होनी चाहिए, जैसे- फिल्मों के लिए पहले थिएटर, फिर OTT का सिलसिला होता है, वैसे ही टीवी पर भी कंटेंट को कुछ समय तक एक्सक्लूसिव रखा जाना चाहिए, ताकि उसकी वैल्यू बनी रहे।
आखिर में, रिपोर्ट ने पाइरेसी को एक बड़े संकट के रूप में चिह्नित किया है। EY की एक दूसरी रिपोर्ट The Rob Report के मुताबिक भारत की मीडिया इंडस्ट्री को पाइरेसी से हर साल करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है- चाहे वह डिजिटल कंटेंट हो या पारंपरिक टीवी कंटेंट।
रिपोर्ट के निष्कर्ष में फेरवानी ने कहा, "यह रिपोर्ट सिर्फ गिरते राजस्व की बात नहीं कर रही, बल्कि एक पूरी इंडस्ट्री की बुनियाद हिल रही है, जो लाखों लोगों को रोजगार देती है। यदि हमने अभी मिलकर, ठोस और तेजी से कार्रवाई नहीं की, तो यह नुकसान स्थायी हो सकता है।"
ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEE) ने कंटेंट और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप बुलेट (Bullet) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है।
ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Z) ने कंटेंट और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप बुलेट (Bullet) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। Bullet की स्थापना अनुभवी उद्यमी अजीम लालानी और सौरभ कुशवाह ने की है। यह भारत का पहला माइक्रो-ड्रामा ऐप है जो तेज रफ्तार, क्रिएटर-आधारित शॉर्ट-फॉर्म वीडियो कंटेंट पर केंद्रित है और खासतौर पर युवा दर्शकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
'Z' ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि Bullet में निवेश या हिस्सेदारी खरीद के माध्यम से यह साझेदारी की गई है, जो कंपनी की कंटेंट और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मेशन की रणनीति के अनुरूप है।
Bullet को ZEE5 के ईकोसिस्टम के भीतर लॉन्च किया जाएगा, जिससे इस ऐप को ZEE5 के व्यापक यूजर बेस का फायदा मिलेगा। यह प्लेटफॉर्म शॉर्ट बर्स्ट में बिंज-वॉचिंग के लिए तैयार की गई देसी कहानियों को ग्लोबल फ्लेवर के साथ पेश करेगा। ऐप को कई भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा और इसमें 'Z' की समृद्ध कंटेंट लाइब्रेरी का भरपूर उपयोग होगा।
Bullet की सबसे बड़ी ताकत इसके कंटेंट मॉडल में है। यह क्रिएटर-नेतृत्व वाले शॉर्ट वीडियो, गेमिफाइड एक्सपीरियंस, और AI-पावर्ड पर्सनलाइजेशन और प्राइसिंग के जरिए भारतीय शॉर्ट-फॉर्म एंटरटेनमेंट को पूरी तरह से नया आकार देगा। प्लेटफॉर्म मोबाइल-फर्स्ट यूजर्स के लिए तैयार किया गया है, जो तेज और इमर्सिव अनुभव की तलाश में रहते हैं। इसमें AI की मदद से कंटेंट की वैल्यू, प्रदर्शन और वितरण को मापने की प्रणाली शामिल होगी। साथ ही रिवॉर्ड-बेस्ड गेमिफिकेशन और क्रिएटर-जेनरेटेड कंटेंट पाइपलाइन से इंडिपेंडेंट क्रिएटर्स और स्टूडियो को कमाई और ग्रोथ के नए अवसर मिलेंगे।
'Z' के प्रवक्ता ने कहा, “डिजिटल ईकोसिस्टम के तेजी से बढ़ने के साथ हम ऐसे नए फॉर्मैट्स की तलाश में हैं जो स्केल ला सकें। Bullet के साथ हमारी साझेदारी भविष्य की डिजिटल रणनीति को मजबूती देने के साथ युवा दर्शकों से गहराई से जुड़ने का एक अहम जरिया बनेगी। माइक्रो-ड्रामा जैसे फॉर्मैट हमें शॉर्ट-फॉर्म स्टोरीटेलिंग के जरिए नई पीढ़ी से संवाद का सशक्त माध्यम उपलब्ध कराते हैं।”
Bullet को ZEE5 की टेक्नोलॉजी, कंटेंट एनालिटिक्स और बड़े यूजर बेस से सीधा लाभ मिलेगा। ZEE5 के पास यूजर बिहेवियर, कंटेंट परफॉर्मेंस और स्केलेबल टेक स्टैक की गहरी समझ है, जो Bullet को एक प्रभावी प्लेटफॉर्म बनाएगी।
Bullet के को-फाउंडर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अजीम लालानी ने कहा, “हमने पिछले दो दशकों में कई कंटेंट क्रांतियों को देखा है और अब एक और बड़े बदलाव का समय है। शॉर्ट फॉर्म कंटेंट की खपत में आई तेज बढ़ोतरी ने यह साफ कर दिया है कि दर्शक अब तेज, सटीक और भावनात्मक कहानियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। 'Z' की कंटेंट विरासत और Bullet के टेक फॉर्मैट मिलकर इस स्पेस को बदलने के लिए तैयार हैं।”
Bullet के को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी व प्रोडक्ट ऑफिसर सौरभ कुशवाह ने कहा, “क्रिएटर्स, टेक्नोलॉजी और स्टोरीटेलिंग का मिलन डिजिटल एंटरटेनमेंट को नई दिशा दे रहा है। Bullet सिर्फ एंटरटेन नहीं करेगा, बल्कि नए टैलेंट को सशक्त भी करेगा। गेमिफाइड लेयर्स, AI-बेस्ड ऑपरेशंस और क्रिएटर-फर्स्ट इकोसिस्टम के साथ हम भारत में माइक्रो-ड्रामा का भविष्य गढ़ रहे हैं।”
यह साझेदारी 'Z' की डिजिटल कंटेंट के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के स्टोरीटेलिंग फॉर्मैट्स को अपनाने की प्रतिबद्धता को और मजबूती देती है। 'Z' की जोखिम लेने की प्रवृत्ति और भारतीय कंटेंट बनाने की विरासत इसे माइक्रो-ड्रामा जैसी नई कैटेगरी को स्केलेबल रूप में लीड करने के लिए एकदम उपयुक्त बनाती है।
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
भारत में टेलीविजन विज्ञापनदाता आज जिस मीडिया परिदृश्य में काम कर रहे हैं, उसमें उन्हें दर्शकों की जानकारी बहुत सीमित रूप में मिल रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि BARC (Broadcast Audience Research Council India) की बेसलाइन स्टडी, जो यह बताने के लिए अहम होती है कि कितने टीवी घर हैं और दर्शक क्या देख रहे हैं। 2018 के बाद से यह अपडेट नहीं हुई है।
हालांकि यह स्टडी हर दो साल में होनी थी, लेकिन आखिरी बार Broadcast India (BI) Survey 2018 में हुआ था। 2021 में BARC ने "TV Universe Estimates 2020" ज़रूर जारी किए थे, लेकिन वो पुराने डेटा पर आधारित अनुमान थे, कोई नया सर्वे नहीं।
तब से अब तक कोई नया डेटा जारी नहीं हुआ है, जबकि इस दौरान Connected TV (CTV) का चलन बढ़ा है और डिजिटल कंटेंट की खपत, खासकर कोविड के बाद, बहुत तेजी से बदली है। ऐसे में पुराने डेटा के आधार पर काम करना अब मुश्किल होता जा रहा है।
इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगों ने 'एक्सचेंज4मीडिया' को बताया कि BARC ने इस साल की शुरुआत में नया BI सर्वे शुरू किया था, जिसमें नई मार्केट रियलिटी को ध्यान में रखते हुए मेथडोलॉजी में बदलाव भी किए जा रहे थे। लेकिन सूत्रों का कहना है कि ब्रॉडकास्टर्स जैसे स्टेकहोल्डर ग्रुप्स की चिंताओं की वजह से यह काम फिलहाल धीमा पड़ गया है।
इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF), जो टीवी और डिजिटल ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री का बड़ा प्रतिनिधि संगठन है, ने BARC के डेटा सर्वे से जुड़ी मौजूदा प्रक्रियाओं में बदलाव को लेकर आपत्ति जताई। इस वजह से दो एजेंसियों द्वारा शुरू की गई नई बेसलाइन स्टडी बीच में ही रोक दी गई।
एक विशेषज्ञ ने बताया कि कुछ ब्रॉडकास्टर्स इसलिए सतर्क हैं क्योंकि उन्हें डर है कि नई स्टडी में शहरी क्षेत्रों में टीवी की पहुंच में गिरावट (reach trends) सामने आ सकती है, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है।
चूंकि कई सालों से नया डेटा नहीं आया है, इसलिए टीवी और डिजिटल मीडिया की तुलना को लेकर बहस बढ़ गई है। कई मीडिया प्लानर्स का मानना है कि जब तक कोई ठोस, थर्ड-पार्टी द्वारा वेरिफाइड डेटा नहीं होगा, टीवी विज्ञापन धीरे-धीरे सीमित हो सकते हैं, सिर्फ़ बड़े इम्पैक्ट वाले स्लॉट्स तक सीमित रह जाएंगे, और बाकी बजट डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर शिफ्ट हो सकता है क्योंकि वहां पर ज्यादा सटीक माप उपलब्ध है।
एक वरिष्ठ मीडिया एग्जिक्युटिव के मुताबिक, जब विज्ञापनदाताओं के पास ताज़ा और भरोसेमंद डेटा नहीं होता, तो वे अपने बजट को लेकर ज्यादा सतर्क हो जाते हैं या मीडिया हाउस से ज्यादा छूट की मांग करते हैं। यही ट्रेंड पहले भी देखा गया था जब Indian Readership Survey (IRS) का डेटा कई सालों तक नहीं आया।
2025 के Pitch Madison Annual Report (PMAR) के अनुसार, डिजिटल मीडिया अब भारत के कुल विज्ञापन बाजार में 50% से ज्यादा हिस्सा ले चुका है (₹49,250 करोड़), जबकि टीवी का हिस्सा 2022 के 34% से गिरकर 2024 में सिर्फ़ 30% से थोड़ा कम (₹34,500 करोड़) रह गया है। वहीं, TV पर 2023 में 11,127 विज्ञापनदाता थे, जो 2024 में घटकर 8,653 रह गए यानी करीब 23% की गिरावट।
पिछले कुछ वर्षों में बड़े स्क्रीन पर कंटेंट देखने का अनुभव काफी बदल गया है। एक अग्रणी एफएमसीजी कंपनी के सीनियर मीडिया प्लानर के अनुसार अब बहुत-से घरों में पारंपरिक टेलीविजन के साथ-साथ कनेक्टेड प्लेटफॉर्म्स (जैसे स्मार्ट टीवी या ओटीटी डिवाइसेज) का मिश्रण देखने को मिल रहा है। ऐसे हाइब्रिड व्यूअरशिप वाले घरों की वजह से पहले के पुराने अनुमान अब आज की वास्तविकता को पूरी तरह नहीं दर्शाते। इसके अलावा पे-टीवी यानी सब्सक्रिप्शन वाले टीवी कनेक्शनों की संख्या में भी गिरावट आई है।
इस बदलाव का असर ब्रैंड्स के मीडिया प्लानिंग के तरीकों पर भी पड़ रहा है। एक ऑटोमोबाइल कंपनी के सीनियर मार्केटर ने बताया कि उनके आंतरिक अनुमानों के मुताबिक अब भारत में टीवी घरों की संख्या 22.5 करोड़ से ज्यादा है और इनमें से बड़ी संख्या में घर CTV (कनेक्टेड टीवी) सक्षम हैं। यह सीधे तौर पर इस बात को प्रभावित करता है कि कंपनियां अपने विज्ञापन बजट को किस तरह विभाजित करें।
कुछ ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि जो भी नया BI (ब्रॉडकास्ट इंडिया) सर्वे किया जाएगा, उसे भारत की 2011 की जनगणना पर ही आधारित करना होगा क्योंकि नई जनगणना की प्रक्रिया में देरी हुई है। लेकिन विज्ञापनदाताओं का मानना है कि डेटा मॉडल्स और आंकड़ों के अनुमान में बीच-बीच में कुछ अपडेट करके इस अंतर को पाटा जा सकता है।
एक प्रमुख कंज्यूमर टेक कंपनी के मीडिया प्रमुख ने कहा कि जनगणना संबंधी अड़चन को समझा जा सकता है, लेकिन इससे डेटा अपडेट की संभावनाओं को पूरी तरह रोकना जरूरी नहीं है। अगर टीवी की पहुंच नए क्षेत्रों या नए फॉर्मेट्स में बढ़ रही है, तो हमें ऐसे तरीके अपनाने होंगे जो इस बदलाव को माप सकें।
BARC इंडिया के सीईओ नकुल चोपड़ा ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और IBDF के चेयरमैन केविन वज ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी।
BARC के यह आंकड़े मेगा सिटीज (बड़े शहरों) में रहने वाले 22 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुष दर्शकों पर आधारित हैं, जो सोशियो-इकोनॉमिक वर्ग A और B में आते हैं।
देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था 'ब्रॉडकास्टर ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) की इस साल के 21वें हफ्ते की रेटिंग्स के अनुसार, ‘इंडिया टुडे’ (India Today) के प्रमुख प्राइम टाइम शो ‘डेमोक्रेटिक न्यूजरूम’ (Democratic Newsroom) ने रात 8 बजे और 9 बजे दोनों स्लॉट्स में नंबर-1 पोजिशन हासिल की है।
यह आंकड़े मेगा सिटीज (बड़े शहरों) में रहने वाले 22 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुष दर्शकों पर आधारित हैं, जो सोशियो-इकोनॉमिक वर्ग A और B में आते हैं। सूत्रों के अनुसार, रात 8 बजे के स्लॉट में यह शो गौरव सावंत के नेतृत्व में प्रसारित होता है, जबकि 9 बजे का संस्करण राजदीप सरदेसाई द्वारा होस्ट किया जाता है।
दोनों टाइम स्लॉट में इस शो ने लगातार सबसे ज्यादा दर्शकों को जोड़ने का सिलसिला बनाए रखा है। BARC के व्यूअरशिप डेटा के आधार पर यह लीडरशिप दिखाती है कि इंडिया टुडे टीवी ने प्राइम-टाइम पर अंग्रेजी न्यूज चैनल्स के बीच एक मजबूत पकड़ बना ली है, खासकर सप्ताह के दिनों में।
इंडिया टुडे टीवी ने यह शो 23 सितंबर 2022 को लॉन्च किया था। इसका मकसद एक ऐसा मंच प्रदान करना था, जहां न्यूज एंकर्स एक ही मुद्दे पर बिना किसी रोकटोक के अलग-अलग दृष्टिकोण रख सकें।
'भारत एक्सप्रेस' के विशेष संवाददाता देवनाथ एक बार फिर अपने धारदार पत्रकारिता अंदाज में बड़े पर्दाफाश के साथ हाजिर हैं
'भारत एक्सप्रेस' के विशेष संवाददाता देवनाथ एक बार फिर अपने धारदार पत्रकारिता अंदाज में बड़े पर्दाफाश के साथ हाजिर हैं। आज रात 9:30 बजे प्रसारित होने जा रहा है उनका नया स्टिंग ऑपरेशन– ‘रूम नम्बर 420’, जो न जो न केवल चौंकाने वाला है बल्कि एक पूरे शहर से जुड़े गहरे और गंदे खेल का भंडाफोड़ करता है।
भारत एक्सप्रेस पर शुरुआत से ही बेबाक और खोजपरक रिपोर्टिंग करने वाले देवनाथ ने इससे पहले ऑपरेशन सत्य, ऑपरेशन यमराज, ऑपरेशन रक्त रंजित, ऑपरेशन पाताल लोक और ऑपरेशन काला पानी जैसे स्टिंग्स के जरिए पत्रकारिता को नई धार दी है। हर एक स्टिंग ने न केवल दर्शकों को झकझोरा, बल्कि शासन-प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर किया।
अब ‘रूम नम्बर 420’ के जरिए देवनाथ और 'भारत एक्सप्रेस' एक बार फिर सच्चाई की उस परत को उधेड़ने जा रहे हैं, जो अब तक पर्दे के पीछे थी। यह स्टिंग ऑपरेशन एक नामी बिजनेसमैन के डर्टी गेम का खुलासा करता है, जिससे 34 लाख की आबादी वाला एक शहर गुमराह होता रहा।
चौंकाने वाली इस रिपोर्ट में रिसेप्शन से लेकर होटल रूम के अंदर तक की हर चालाकी, हर धोखा कैमरे में कैद है। इस बारे में बात करते हुए देवनाथ कहते हैं, “भारत एक्सप्रेस पर हमें पूरी स्वतंत्रता के साथ काम करने का मौका मिलता है। उपेंद्र राय सर के नेतृत्व में पत्रकारिता सिर्फ नौकरी नहीं, एक मिशन बन जाती है। ‘रूम नम्बर 420’ आपके होश उड़ा देगा।”
क्या है इस रूम का रहस्य? कौन हैं वो चेहरे जो अब तक छुपे रहे? और कैसे हुआ पूरे शहर के साथ छल? जानिए आज रात 9:30 बजे सिर्फ भारत एक्सप्रेस पर देवनाथ के विशेष स्टिंग ऑपरेशन ‘रूम नम्बर 420’ में।
इस शो का प्रसारण प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 9:00 बजे डीडी न्यूज पर किया जाता है। यह दर्शकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहराई से, निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है।
देश के पब्लिक ब्रॉडकास्टर ‘डीडी न्यूज’ (DD News) ने अपने प्रमुख न्यूज कार्यक्रम 'डिकोड विद सुधीर चौधरी' (Decode with Sudhir Chaudhary) की सफल लॉन्चिंग के बाद व्युअरशिप यानी दर्शकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर सुधीर चौधरी द्वारा होस्ट किया जाने वाला यह शो ‘डीडी न्यूज’ के प्राइम टाइम शेड्यूल का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है, जो एक व्यापक दर्शक वर्ग को आकर्षित कर रहा है।
पब्लिक ब्रॉडकास्टर के अनुसार, 'डिकोड विद सुधीर चौधरी' ने डीडी न्यूज पर न्यूज देखने के तौर-तरीकों को पूरी तरह बदल दिया है। कार्यक्रम की गहरी विश्लेषणात्मक शैली और प्रभावशाली चर्चाओं ने दर्शकों को काफी आकर्षित किया, जिसके परिणामस्वरूप पहले ही सप्ताह में टीआरपी (TRP) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी देखी गई। इस शो की शानदार कहानी कहने की शैली ने व्युअरशिप में नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिससे डीडी न्यूज का सोमवार से शुक्रवार रात 9 से 10 बजे का स्लॉट अभूतपूर्व लोकप्रियता पर पहुंच गया।
यह कार्यक्रम केवल टेलीविजन तक ही सीमित नहीं रहा। 'डिकोड' ने डीडी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मई 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। इसके पहले ही एपिसोड को अब तक लगभग 26 लाख (2.6 मिलियन) व्यूज मिले हैं, जो डीडी न्यूज की यूट्यूब के न्यूज जॉनर में एक नया रिकॉर्ड है।
इस शो की शुरुआत 15 मई 2025 को हुई थी और महीने के अंत तक इसने कुल 2.39 करोड़ (23.9 मिलियन) व्यूज हासिल किए, जो डीडी न्यूज के पूरे महीने के 4.92 करोड़ (49.2 मिलियन) व्यूज का लगभग 48.58% है। इसके साथ ही, 'डिकोड' ने 148 मिलियन इम्प्रेशन्स भी जनरेट किए, जो मई महीने में डीडी न्यूज के कुल 218 मिलियन इम्प्रेशन्स का लगभग 67.89% है। इतना ही नहीं, इसी अवधि में चैनल ने 4.53 लाख नए सब्सक्राइबर्स भी जोड़े।
यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि 'डिकोड' ने डीडी न्यूज के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यूज, इम्प्रेशन्स और ऑडियंस एंगेजमेंट में बड़ी भूमिका निभाई। बता दें कि इस शो का प्रसारण प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 9:00 बजे सिर्फ डीडी न्यूज पर किया जाता है। यह कार्यक्रम दर्शकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहराई से, निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है।