महामारी बन चुके कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में अफरा-तफरी मचा दी है। हाल ये है कि ग्लोबल स्तर पर प्रिंट मीडिया भी इसके खौफ से अछूता नहीं रहा है
कोरोना वायरस का मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र पर भारी असर हुआ है। यह बात उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएसडीसीसीआई) की एक रिपोर्ट में सामने आई है
पिछले दिनों 'मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल' (MRUC) द्वारा ‘इंडियन रीडरशिप सर्वे 2019’ की चौथी तिमाही (IRS 2019 Q4) के डाटा जारी किए गए हैं।
बीसीसीएल की एग्जिक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन बोले, अधिकतर लोग अखबार के प्रिंट संस्करण को देते हैं प्राथमिकता, जबकि ई-पेपर अंतरिम विकल्प है
विज्ञापन की बात करें तो कई सारी कंपनियों की गतिविधियां बंद होने के चलते विज्ञापन के दरवाजे अभी बंद हैं। ऐसे में प्रिंट हो, टीवी हो या डिजिटल, सब जगह विज्ञापन की स्थिति कमोबेश एक जैसी ही है।
शुक्रवार से यह नई व्यवस्था लागू की गई है और कुछ ही घंटों में सैकड़ों लोगों ने इस सर्विस के लिए साइनअप (signing up) भी कर लिया
एक अखबार ने सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व को समझाने के लिए एक अलग तरह का विज्ञापन प्रकाशित किया है
दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए कई देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहे हैं। लिहाजा इसकी वजह से कई देशों आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरा देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने अखबार प्रकाशकों को राहत दी है।
प्रिंट इंडस्ट्री कोरोना वायरस के प्रकोप के साथ ही विज्ञापन राजस्व में कमी और न्यूज प्रिंट पर कस्टम ड्यूटी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रही है