बच्चियों ने वैसे भी बहुत झेल लिया और ना जाने और कितना इन्हें झेलना पड़ेगा। ‘आरोपी’ बहुत ही ताकतवर है।
महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि जो लोग हमारे मेडल को 15-15 रुपए का बता रहे थे, वे अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारी जिंदगी दांव पर लगी है, उसके आगे तो नौकरी बहुत ज्यादा छोटी चीज है। साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर साफ कर दिया है कि उन्होंने धरना-प्रदर्शन खत्म नहीं किया है। ये सभी दावे तब से होने शुरू हुए, जब पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर सुमित अवस्थी ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, यही तो कई लोग चाह रहे हैं कि पहलवान बोलें। खुलकर बोलें ताकि उन पर फिर कई और मुकदमे (जैसे मानहानि आदि) लाद दिये जायें। ये मुकदमे ही इन प्रदर्शनकारी पहलवानों के खेल करियर के लिये बहुत बड़ी बाधा हैं।
प्रदर्शनकारी पहलवान (सफाई में) बोलें या न बोलें, ये फैसला पीड़ितों पर ही ‘फिलहाल’ छोड़ देना चाहिये। बच्चियों ने वैसे भी बहुत झेल लिया और ना जाने और कितना इन्हें झेलना पड़ेगा। ‘आरोपी’ बहुत ही ताकतवर है।
भारत के इन शानदार खिलाड़ियों का ‘हौसला’ और ‘हिम्मत’ बनी रहना चाहिये। बीते एक हफ्ते से पूरे सिस्टम से लड़ रहे हैं पहलवान। ब्रजभूषण शरण सिंह से चल रही जंग तो जैसे पीछे छूटती जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार और एंकर सुमित अवस्थी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
यही तो कई लोग चाह रहे हैं कि पहलवान बोलें…. खुलकर बोलें … ताकि उन पर फिर कई और मुकदमे (जैसे मानहानि आदि) लाद दिये जायें! ये मुकदमे ही इन प्रदर्शनकारी पहलवानों के खेल करियर के लिये बहुत बड़ी बाधा हैं!
— Sumit Awasthi (@awasthis) June 6, 2023
प्रदर्शनकारी पहलवान (सफाई में) बोलें या न बोले … ये फैसला पीड़ितों पर ही… https://t.co/OSW7JZRASO
हरियाणा चुनाव, कांग्रेस और आप अलग-अलग मैदान में और बीजेपी को कांग्रेस के वोट बैंक में छेद करने वाले का इंतजार। केजरीवाल को जमानत।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार (13 सितंबर) शाम करीब 6.15 बजे तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। वे 177 दिन बाद जेल से निकले। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI केस में केजरीवाल को जमानत दी थी।
अदालत ने जमानत के लिए वही शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाई गई थीं। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से लिखा, राजनीति में समय बड़ा महत्वपूर्ण होता है।
आज ‘आप’ खुलकर खुशी मना रही है और बीजेपी चुपके-चुपके मना रही होगी। कांग्रेस की नींद उड़ गई होगी। हरियाणा चुनाव, कांग्रेस और आप अलग-अलग मैदान में और बीजेपी को कांग्रेस के वोट बैंक में छेद करने वाले का इंतजार। केजरीवाल को जमानत।
आपको बता दें कि केजरीवाल के खिलाफ 2 जांच एजेंसी (ED और CBI) ने केस दर्ज किया है। ED मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी। AAP ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया है। शराब नीति केस में एन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने उन्हें 21 मार्च को अरेस्ट किया था। बाद में 26 जून को CBI ने उन्हें जेल से हिरासत में लिया था।
राजनीति में समय बड़ा महत्वपूर्ण होता है. आज ‘आप’ खुल कर ख़ुशी मना रही है और बीजेपी चुपके-चुपके मना रही होगी. कांग्रेस की नींद उड़ गई होगी. हरियाणा चुनाव, कांग्रेस और आप अलग-अलग मैदान में और बीजेपी को कांग्रेस के वोट बैंक में छेद करनेवाले का इंतज़ार. केजरीवाल को ज़मानत. https://t.co/iRoTez6UXt
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) September 13, 2024
वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 25 दिन से उनका इलाज चल रहा था। परिवार ने अस्पताल को CPI(M) नेता की बॉडी डोनेट की है।
वे तीन बार पार्टी के महासचिव रहे थे। सीताराम येचुरी के निधन पर पत्रकार और एंकर मारिया शकील ने भी शोक प्रकट किया और एक बड़ा सवाल भी खड़ा किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, अतीत में कई मौकों पर वामपंथी दिग्गजों के साथ कवर करने, साक्षात्कार करने और बातचीत करने का अवसर मिला।
भारत के सबसे मिलनसार और मिलनसार राजनेताओं में से एक, सीताराम येचुरी को हमेशा प्रखर वक्तृत्व और बौद्धिक कठोरता के लिए याद किया जाएगा। भारत के वामपंथी आंदोलन ने एक दिग्गज खो दिया है। इसका भारत की वामपंथी राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
आपको बता दें कि सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया।
Had the opportunity to cover, interview and interact with the left veteran on multiple occasions in the past. One of the most affable and accommodative politicians of India, #sitaramyechuri will always be remembered for sharp oratory and intellectual rigour. India’s Left movement… pic.twitter.com/7Hy11HBt6M
— Marya Shakil (@maryashakil) September 12, 2024
तमाम देश कहा गए जो छोटी-छोटी बातों पर अल्पसंख्यकों के नाम पर भारत को नसीहते देते हैं? हिंदूओं के सामुहिक नरसंहार पर उनकी ये चुप्पी बड़े सवाल खड़े करती है।
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं की हालत खराब हो गई है। पहले उन पर हमले हुए और अब उन्हें धार्मिक स्तर पर भी टारगेट किया जा रहा है। बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार ने कहा कि स्थानीय पूजा समितियों को अजान और नमाज के दौरान लाउडस्पीकरों बजाने से बचने के लिए कहा गया है।
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय से नमाज और अज़ान के दौरान दुर्गा पूजा समारोह में लाउडस्पीकर बजाने से बचने के लिए कहा है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट की और इस फरमान को तालिबानी बताया।
उन्होंने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पुजा को लेकर एक हिंदू विरोधी फ़रमान दिया है। पुजा समितियों से कहा है कि अज़ान शुरू होने के 5 मिनट पहले पुजा बंद हो जानी चाहिए और अज़ान खत्म होने तक किसी भी तरह की आवाज नहीं आनी चाहिए।
यह फ़रमान तालिबानी है। वो तमाम देश कहा गए जो छोटी-छोटी बातों पर अल्पसंख्यकों के नाम पर भारत को नसीहते देते हैं? हिंदूओं के सामुहिक नरसंहार और उत्पीड़न पर उनकी ये चुप्पी बड़े सवाल खड़े करती है। आपको बता दे, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
बांगलादेश सरकार ने दुर्गा पुजा को लेकर एक हिंदू विरोधी फ़रमान दिया है। पुजा समितियों से कहा है कि अज़ान शुरू होने के 5 मिनट पहले पुजा बंद हो जानी चाहिए और अज़ान खत्म होने तक किसी भी तरह की आवाज नहीं आनी चाहिए। यह फ़रमान तालिबानी है, वो तमाम देश कहा गए जो छोटी-छोटी बातों पर…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) September 11, 2024
अब मध्य प्रदेश में फ़ौजी परिवार की महिला के साथ यौन अत्याचार। देश में हो क्या रहा है? शायद ही देश के किसी राज्य में महिलायें सुरक्षित होने का भरोसा कर सकती हों।
मध्य प्रदेश में इंदौर जिले में जाम गेट के पास एक सनसनीखेज घटना में दो ट्रेनी आर्मी अफसर और उनकी महिला मित्रों पर हथियारबंद बदमाशों ने हमला कर दिया। बदमाशों ने एक अधिकारी और युवती को 10 लाख रुपये लाने की धमकी दी, जबकि बाकी दोनों को बंधक बना लिया।
इसके बाद बदमाशों ने युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर इस घटना पर रोष प्रकट किया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से लिखा, अब मध्य प्रदेश में फ़ौजी परिवार की महिला के साथ यौन अत्याचार। देश में हो क्या रहा है?
शायद ही देश के किसी राज्य में महिलायें सुरक्षित होने का भरोसा कर सकती हों। चाहे किसी दल की सरकार हो। रोज़ कहीं न कहीं से महिलाओं पर दरिन्दगी की खबर आ जाती है। क्या अब भी हम सेलेक्टिव विरोध करेंगे?
आपको बता दे, इस मामले पर कांग्रेस ने एमपी की मोहन यादव सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पूर्व सांसद राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मामले पर प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, अब तो बदमाश सैन्य इलाकों में भी घुसपैठ करने लगे। प्रदेश में सेना के रिजर्व इलाके ही जब सुरक्षित नहीं है, तो फिर जनता कैसे निश्चिंत रहेगी।
अब मध्य प्रदेश में फ़ौजी परिवार की महिला के साथ यौन अत्याचार।देश में हो क्या रहा है ?शायद ही देश के किसी राज्य में महिलायें सुरक्षित होने का भरोसा कर सकती हों चाहे किसी दल की सरकार हो।रोज़ कहीं न कहीं से महिलाओं पर दरिन्दगी की खबर आ जाती है।क्या अब भी हम सेलेक्टिव विरोध करेंगे?
— विनोद अग्निहोत्री Vinod Agnihotri (@VinodAgnihotri7) September 12, 2024
राहुल गांधी अपने पीछे बहुत सारे सवाल छोड़ गए। उन्होंने अपने पीछे ही बैठे व्यक्ति से क्यों नहीं पूछा की क्या भारत में सिख को धार्मिक आज़ादी है या नहीं।
कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उनके सिख समुदाय को लेकर दिए गए वक्तव्य पर अब उस व्यक्ति का रिएक्शन सामने आया है जिसने राहुल गांधी से यह सवाल पूछा था।
इस शख्स का नाम भलिंदर सिंह वीरमानी है और वे अमेरिका में एक मीडिया हाउस के सीईओ हैं। इंडिया टीवी की एंकर मीनाक्षी जोशी से बात करते हुए भलिंदर सिंह वीरमानी ने कहा कि राहुल गांधी के बयान में कोई तथ्य नहीं है।
राहुल गांधी अपने पीछे बहुत सारे सवाल छोड़ गए। उन्होंने अपने पीछे ही बैठे व्यक्ति से क्यों नहीं पूछा की क्या भारत में सिख को धार्मिक आज़ादी है या नहीं। उन्होंने बिना किसी रिपोर्ट के एक स्टेटमेंट दे दिया।
भलिंदर सिंह वीरमानी ने कहा है कि मैं पगड़ी और कड़ा पहनकर आराम से भारत आ सकता हूं। भलिंदर सिंह ने कहा, राहुल गांधी ने हमें सवाल पूछने का समय ही नहीं दिया। मैं उनसे पूछना चाहता था कि आखिर आपसे किसने कहा है कि ऐसे पगड़ी पहनने की आजादी नहीं है और न ही कड़ा पहन सकता है कोई सिख।
मैं जानना चाहता था कि आखिर राहुल से किसने ऐसा कहा, क्या वजह कोई खास एजेंसी है या कोई खास लोग हैं, जिन्होंने ये बातें बताई हैं।
"राहुल गांधी अपने पीछे बहुत सारे सवाल छोड़ गए। उन्होंने अपने पीछे ही बैठे व्यक्ति से क्यों नहीं पूछा की क्या भारत में सिख को धार्मिक आज़ादी है या नहीं.... उन्होंने बिना किसी रिपोर्ट के एक स्टेटमेंट दे दिया।"-
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) September 12, 2024
भलिंदर सिंह
(राहुल गांधी के कार्यक्रम में शामिल सिख ) pic.twitter.com/WB4wOOgzio
राहुल गांधी के इस बयान की देश के तमाम सिख नेताओं ने निंदा की है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि इस बात के लिए पार्टी उन्हें कोर्ट में घसीटेगी।
अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने एक शख्स से उसका नाम पूछा और कहा कि भारत में इस बात को लेकर लड़ाई है कि एक सिख को पगड़ी और कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी, उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक सिख गुरुद्वारे जा सकता है?
लेकिन शायद ही कोई भारतीय राहुल गांधी के इस बात से सहमत होगा। राहुल गांधी के इस बयान की देश के तमाम सिख नेताओं ने निंदा की है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि इस बात के लिए पार्टी उन्हें कोर्ट में घसीटेगी।
इसी मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से लिखा, किसी देश की विविधता में एकता को तोड़ने वाले उसकी फाल्ट लाइन विभाजक रेखाएं कुरेदते हैं। अंग्रेजों और फिर जिन्ना ने यही किया था।
यह कहना कि तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम भाषियों को बताया जा रहा है कि उनकी भाषा, संस्कृति, खान- पान हिंदी भाषा भाषियों से कमतर है और सिखों के सामने पगड़ी, कड़ा धारण करने और गुरुद्वारे जाने का संकट आने वाला है। नई- काल्पनिक, किंतु देशघाती विभाजक रेखाएं तैयार करने का विनाशकारी खेल है।
आपको बता दे, देश में सबसे अधिक लोकप्रिय टूरिस्ट प्लेसेज में से एक पंजाब में स्थित गोल्डेल टेंपल है। यह भी आश्चर्य वाही बात है कि यहां पहुंचने वालों में सबसे अधिक प्रतिशत हिंदुओं का होता है।
किसी देश की विविधता में एकता को तोड़ने वाले उसकी Fault lines-विभाजक रेखाएं कुरेदते हैं। अंग्रेजों और फिर जिन्ना ने यही किया था। यह कहना कि तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम....भाषियों को बताया जा रहा है कि उनकी भाषा, संस्कृति, खान- पान हिंदी भाषा भाषियों से कमतर है और सिखों के सामने…
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) September 12, 2024
इल्हान उमर ने कुछ समय पहले पीओके की यात्रा की थी। कश्मीर पर भारत के नियंत्रण की भी आलोचना की थी। इल्हान की पीओके यात्रा पाकिस्तान के द्वारा प्रायोजित थी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान राहुल गांधी की मुलाकात और उनके बयानों को लेकर भाजपा राहुल गांधी पर हमलावर हो गई है। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, राहुल गांधी विपक्ष में हैं, लेकिन भारत विरोध विश्व में संलग्नन हैं।
वो पहले नेता प्रतिपक्ष हैं जो घोषित भारत विरोध सांसद से मुलाकात कर रहे हैं। अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से मुलाकात कर उन्होंने इसका प्रमाण दिया है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, यह दिलचस्प है कि अमेरिका में राहुल गांधी द्वारा बोले गए हर शब्द को कैसे तूल दिया जाता है और वह अपने देश में एक राजनीतिक विवाद और गरमागरम बहस का विषय बन जाता है। दोस्तों, वह केवल विपक्ष के नेता हैं, प्रधानमंत्री नहीं। अभी तक नहीं।
आपको बता दे, इल्हान उमर ने कुछ समय पहले पीओके की यात्रा की थी। साथ ही उन्होंने कश्मीर पर भारत के नियंत्रण की भी आलोचना की थी। ऐसा माना जाता है कि इल्हान की पीओके यात्रा पाकिस्तान के द्वारा प्रायोजित थी। इतना ही नहीं, इल्हान पर आरोप है कि उन्होंने झूठी खबर फैलाई कि 20 करोड़ मुसलमान नरसंहार के कगार पर हैं।
Intriguing how every word uttered by Rahul Gandhi in the US is latched on and becomes a political controversy and subject of a heated debate back home . Folks, he is ONLY the leader of the opposition, NOT the PM! Not yet!?
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 11, 2024
सिख समुदाय पर दिए गए राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी उग्र प्रदर्शन में उतर गई है। कांग्रेस सांसद के आवास के बाहर बीजेपी नेताओं ने जमकर हल्ला बोला।
वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं ? या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं? उनके इस बयान पर पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने भी अपने विचार व्यक्त किए और राहुल गांधी को झूठा बताया।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट करते हुए लिखा, इस देश में मौजूद करोड़ों सिख भाइयों में से कोई एक सरदार आगे आए और कहे कि मुझे भारत की इस धरती पर अपनी पगड़ी और कड़ा पहनने में डर लगता है ! या कह दे कि मैं पब्लिक में अपनी पहचान छुपाता हूं। हद है झूठ बोलने की भी।
आपको बात दे कि, सिख समुदाय पर दिए गए राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी उग्र प्रदर्शन में उतर गई है। कांग्रेस सांसद के आवास के बाहर बीजेपी नेताओं ने जमकर हल्ला बोला। दिल्ली पुलिस ने भाजपा नेता आरपी सिंह और अन्य सिख नेताओं को हिरासत में लिया।
इस देश में मौजूद करोड़ों सिख भाइयों में से कोई एक सरदार आगे आए और कहे कि मुझे भारत की इस धरती पर अपनी पगड़ी और कड़ा पहनने में डर लगता है! या कह दे कि मैं पब्लिक में अपनी पहचान छुपाता हूँ! हद है झूठ बोलने की भी!
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) September 11, 2024
सुरक्षा एजेंसियों को इस दृष्टिकोण से भी जांच करनी चाहिए। रेल पटरियों को सुरक्षित रखने के लिए आगामी कुछ समय तक कठोर सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उत्पन्न हो चुकी है।
इंडियन रेल करोड़ों भारतीयों की लाइफ लाइन है। हर दिन करोड़ों लोग अलग-अलग ट्रेनों से सफर करते हैं। कानपुर से लेकर अजमेर तक में ट्रेन को बेपटरी करने की बड़ी साजिश सामने आई है। कानपुर में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर मिलने के बाद अब राजस्थान के अजमेर जिले में रेलवे ट्रैक पर अलग-अलग जगहों पर करीब एक क्विंटल के सीमेंट ब्लॉक मिले हैं।
दिल्ली-हावड़ा रेल खंड को ही सबसे अधिक टारगेट किया जा रहा है। पिछले 6 दिनों में 2 पत्थरबाज़ी की घटनाएं और 3 रेलवे ट्रैक को डिरेल करने की कोशिशें हुई हैं। इस पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना होगा।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, हाल में पाकिस्तानी आतंकवादी फस्तुला गौरी ने एक ऑडियो जारी किया था जिसमें उसने अपने स्लीपर सेलों को रेल गाड़ियों को पलटने को कहा था। हाल में हमारे यहां की रेल दुर्घटनाओं में जिस तरह की साजिशें सामने आ रहीं हैं उसमें उसका यह आदेश महत्वपूर्ण हो जाता है।
सुरक्षा एजेंसियों को इस दृष्टिकोण से भी जांच करनी चाहिए। रेल पटरियों को सुरक्षित रखने के लिए आगामी कुछ समय तक कठोर सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उत्पन्न हो चुकी है।
आपको बता दे,रेलवे में इस साल ऐसे कई हादसे हुए हैं, जहां ट्रैक पर कुछ रखे होने की वजह से ड्राइवर को इमरजेंसी ब्रेक लगानी पड़ी है या फिर कई बार ट्रेन बेपटरी हुई है। केवल राजस्थान में एक महीने में तीसरी बार ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश हुई है।
हाल में पाकिस्तानी आतंकवादी फस्तुला गौरी ने एक ऑडियो जारी किया था जिसमें उसने अपने स्लीपर सेलों को रेल गाड़ियों को पलटने को कहा था। हाल में हमारे यहां की रेल दुर्घटनाओं में जिस तरह की साजिशें सामने आ रहीं हैं उसमें उसका यह आदेश महत्वपूर्ण हो जाता है। सुरक्षा एजेंसियों को इस…
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) September 10, 2024
उस समय कांग्रेस के दंगाई नेताओं से बचने के लिए सिखों ने अपने केश कटवा दिए थे, पगड़ी पहनननी बंद कर दी थी और कड़ा उतार दिया था।
अमेरिका दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं और अपनी बात रख रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत में सिखों के अधिकारों और उनकी स्थिति पर टिप्पणी की है, जिसको लेकर विवाद हो गया है।
राहुल ने कहा, लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या एक सिख गुरुद्वारे में जा सकता है ? लड़ाई इस बात को लेकर है और यह सभी धर्मों के लिए है। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपने विचार व्यक्त किए।
अशोक श्रीवास्तव ने अपने एक्स हैंडल से लिखा, भारत से लेकर कनाडा और अमेरिका तक सिखों को खालिस्तान के नाम पर भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है और राहुल गांधी इस आग में केरोसिन डालने का काम कर रहे हैं। अमेरिका में वो सिखों से कह रहे हैं कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि सिख पगड़ी पहन सकते हैं,या नहीं, कड़ा पहन सकते हैं या नहीं।
भारत में सिख शान से पगड़ी और कड़ा पहन कर घूमते हैं, इस बात को लेकर कहीं कोई विवाद नहीं। सिखों के पगड़ी और कड़ा पहनने पर सिर्फ एक बार लड़ाई हुई थी और वो साल 1984 था जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस के नेताओं ने पगड़ी पहने, कड़ा पहने सिखों के गले में टायर डाल कर उन्हें जिंदा जला दिया था।
उस समय कांग्रेस के दंगाई नेताओं से बचने के लिए सिखों ने अपने केश कटवा दिए थे, पगड़ी पहनननी बंद कर दी थी और कड़ा उतार दिया था। इससे पहले और इसके बाद आज तक भारत में सिखों के पगड़ी और कड़ा पहनने पर विवाद नहीं हुआ। सैम पित्रोदा ने सही कहा राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं। वो केरोसिन मैन हैं।
भारत से लेकर कनाडा और अमेरिका तक सिखों को खालिस्तान के नाम पर भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है और राहुल गांधी इस आग में केरोसिन डालने का काम कर रहे हैं। अमेरिका में वो सिखों से कह रहे हैं कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि सिख पगड़ी पहन सकते हैं,या नहीं, कड़ा पहन सकते हैं या नहीं।… pic.twitter.com/BT6wxdRwRx
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) September 10, 2024