कमला हैरिस की अस्पष्ट नीतियों में कोई ख़ास उम्मीद नहीं थी: अखिलेश शर्मा

78 वर्षीय ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं। दो बार महाभियोग का सामना कर चुके ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें आपराधिक रूप से दोषी पाया गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 07 November, 2024
Last Modified:
Thursday, 07 November, 2024
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस हार स्वीकार कर चुकी हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता सौंपने की बात कही है। मंगलवार को संपन्न हुए मुकाबले में ट्रंप ने हैरिस को मात दे दी है। वहीं वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की है।

उन्होंने लिखा, ट्रंप की जीत कई मायने में ऐतिहासिक है। एक शताब्दी के बाद किसी राष्ट्रपति को चार साल के अंतराल के बाद फिर राष्ट्रपति बनने का मौका मिला है। 78 वर्षीय ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं। दो बार महाभियोग का सामना कर चुके ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें आपराधिक रूप से दोषी पाया गया।

ट्रंप की जीत के जितने चर्चे हैं उतने ही चर्चे कमला हैरिस की हार के भी हैं। आखिर क्या कारण है कि डेमोक्रेट्स ने चार साल में ही सत्ता गंवा दी? राजनीतिक विश्लेषक कमला हैरिस की हार के तीन कारण मानते है। ख़राब अर्थव्यवस्था। महंगाई। अवैध अप्रवासी। 

दुनिया में अमेरिका की स्थिति में गिरावट ट्रंप को लोग भले ही उनके तंग, कट्टरपंथी नज़रिए के लिए कोसते हों, उन्होंने इन तीनों मुद्दों पर माहौल बनाया। ट्रंप ने आज कहा भी कि उन्होंने 900 सभाओं को संबोधित किया। डेमोक्रेटिक पार्टी और कमला हैरिस बार-बार कह रही थीं कि इस चुनाव में लोकतंत्र दाँव पर है, लेकिन यह मुद्दा मतदाताओं को लुभा नहीं पाया।

रॉयटर्स के मुताबिक एक्जिट पोल में तीन चौथाई मतदाता मानते हैं कि अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में है। हैरिस कहती रहीं कि ट्रंप जीते तो अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा। लेकिन लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जैसा कि विश्लेषक डेविड अर्बन ने कहा, घर नहीं चल पा रहा है, तो लोकतंत्र एक विलासिता ही है।

ट्रंप ने अलग-अलग नस्ली समूहों का एक गठबंधन सा बनाया। गोरे मतदाताओं के अलावा लैटिन अमेरिकी मतदाताओं ने भी उनका साथ दिया क्योंकि सुरक्षा और महंगाई जैसे मुद्दों पर वे भी परेशान हैं। अंतिम बात। बाइडेन का पिछले चार सालों में जैसा प्रदर्शन रहा, लोगों ने उसे खारिज किया। साथ ही, कमला हैरिस की अस्पष्ट नीतियों ने भी युवा मतदाताओं में कोई ख़ास उम्मीद नहीं जगाई।

 

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कट्टरपंथी इस्लामी आतंक एक वैश्विक चुनौती : गौरव सावंत

अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, खान को पिछले साल अमेरिका-कनाडा बॉर्डर के पास से गिरफ्तार किया गया था और उसे इस हफ्ते न्यूयॉर्क लाया गया।

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Published - Thursday, 12 June, 2025
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Thursday, 12 June, 2025
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पाकिस्तान के एक नागरिक को ब्रुकलिन के यहूदी सेंटर पर गोलाबारी की साजिश रचने के आरोप में कनाडा से अमेरिका डिपोर्ट किया गया है। मोहम्मद शाहजेब खान नाम के इस पाकिस्तानी की प्लानिंग 7 और 11 अक्टूबर को हमास स्टाइल में हमला करने की थी। इसके साथ ही वह कनाडा में शरणार्थी का दर्जा भी चाहता था।

इस मामले पर वरिष्ठ रक्षा पत्रकार गौरव सावंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, वर्तमान में पाकिस्तान राज्य प्रायोजित कट्टरपंथी इस्लामी आतंक एक वैश्विक चुनौती है। पाकिस्तान के शाहजेब खान को हाल ही में एफबीआई को सौंप दिया गया है। न्यूयॉर्क में यहूदियों को मारने की साजिश रचने के आरोप में कनाडा से प्रत्यर्पित किया गया। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में पाक मिलिट्री अकादमी के पास रह रहा था। यह एक लंबी सूची है।

आपको बता दें,अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, खान को पिछले साल अमेरिका-कनाडा बॉर्डर के पास से गिरफ्तार किया गया था और उसे इस हफ्ते न्यूयॉर्क लाया गया। खान ने यहूदी सेंटर पर AR-स्टाइल राइफल और चाकुओं से हमला करने की प्लानिंग की थी।

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विपक्ष के लिए पीएम मोदी को समझना नामुमकिन : समीर चौगांवकर

11 साल बाद भी ब्रांड मोदी उस तरह वोटरों की थकान या ऊब का शिकार नहीं हो सका, जैसे सियासी शख्सियते अक्सर हो जाती है। विपक्ष के लिए पीएम मोदी को समझना नामुमकिन हैं।

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Published - Thursday, 12 June, 2025
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Thursday, 12 June, 2025
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देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को 11 साल पूरे हो गए हैं। बीजेपी के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है। वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने भी अपने विचार एक्स पर साझा किये। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में 11 साल पूरे कर लिए है। मोदी ने अपने पहले कार्यकाल (2014-2019) में पूर्व सरकार के खोदे गए गड्डों को भरा।

दूसरे कार्यकाल (2019-2024) में नए भारत की नींव रखी और अब तीसरे कार्यकाल (2024-2029) में विकसित भारत और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। 11 साल में मोदी सरकार 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाल चुकी है। मोदी ने कहा था, गरीबों का कल्याण, राष्ट्र का कल्याण है।

गरीबों को सरकार ने साधन, संसाधन और सम्मान दिया है। गरीब लोगों को गरीबी से मुक्ति दिलाना मोदी सरकार के लक्ष्यों में से एक प्रमुख लक्ष्य है। 11 साल बाद भी ब्रांड मोदी उस तरह वोटरों की थकान या ऊब का शिकार नहीं हो सका, जैसे सियासी शख्सियते अक्सर हो जाती है।

मोदी उस दुनिया से बिल्कुल नहीं आते है, जहां राजनैतिक ब्रांड नाशवान होते हैं और नई पीढियों तथा नए विचारों के आगे ढह जाते है। मोदी की देश के मतदाताओं पर मनोवैज्ञानिक पकड़ लाजवाब है। राष्ट्रीय मंच पर दशक भर से ज़्यादा लंबा डग भरने के बाद भी वे विराट व्यक्तित्व की तरह कदम बढ़ा रहे है।

बतौर प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी किसी एक खांचे में फिट नहीं हो पाते हैं और लगातार 11 वे साल पद पर होने के बावजूद वे विपक्ष के लिए एक किस्म की पहेली बने हुए हैं। विपक्ष के लिए मोदी को समझना 'मुमकिन ही नहीं,नामुमकिन है' इसलिए लोग कहते है 'मोदी है तो मुमकिन है।'

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सरकार की इस घोषणा पर बोले हर्षवर्धन त्रिपाठी : सही मायने में बढ़िया निवेश

झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 7 जिलों से होकर गुजरने वाली इस परियोजना से भारतीय रेलवे के नेटवर्क में 318 किलोमीटर और जुड़ जाएंगे। CO2 उत्सर्जन कम होगा।

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Published - Thursday, 12 June, 2025
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Thursday, 12 June, 2025
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केंद्र सरकार ने झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के करीब 1408 गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए दो रेल लाइनों के दोहरीकरण को मंजूरी दी है। इनमें पहली रेललाइन करीब 133 किमी लंबी है जबकि दूसरी करीब 185 किमी लंबी होगी। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने सरकार के इस कदम की सराहना की है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, भारत का बुनियादी ढांचा विश्व के किसी देश के मुकाबले खड़ा हो रहा है। इसी कड़ी में कैबिनेट ने दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। सही मायने में विकसित भारत के लिए मजबूती से आगे बढ़ने के लिए यह निर्णय लिए जा रहे हैं।

झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 7 जिलों से होकर गुजरने वाली इस परियोजना से भारतीय रेलवे के नेटवर्क में 318 किलोमीटर और जुड़ जाएंगे। CO2 उत्सर्जन कम होगा। कुछ 6,405 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे। यह खर्च सही मायने में बढ़िया निवेश है।

आपको बता दें, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन दोनों प्रोजेक्टों में झारंखड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिले शामिल होंगे। साथ ही इसका लाभ इन सातों जिलों के 1408 गांवों की 28.19 लाख आबादी को मिलेगा।

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अमेरिकी समर्थन के लिए लालायित न हो भारत : राहुल शिवशंकर

भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए 7 मई को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे।

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Published - Thursday, 12 June, 2025
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Thursday, 12 June, 2025
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अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ शानदार साझेदार बताया है। जनरल कुरिल्ला ने अमेरिका से भारत और पाकिस्तान, दोनों के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखने की वकालत की।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर का कहना है कि भारत को अब अमेरिकी समर्थन के लिए लालायित नहीं होना चाहिए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, केवल कायर सेना ही अपनी लड़ाई को आउटसोर्स करती है। अमेरिका को पाक की आवश्यकता क्यों है, इस अमेरिकी शीर्ष जनरल की यह स्वीकारोक्ति कितनी शर्मनाक है।

पूरी ईमानदारी से कहें तो शीर्ष अमेरिकी जनरल की इस टिप्पणी के बाद भारत को अमेरिकी समर्थन के लिए लालायित नहीं होना चाहिए। आपको बता दें, भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए 7 मई को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे।

ये सैन्य कार्रवाई 10 मई को उस वक्त रुकी जब पाकिस्तान की अपील पर दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच समझौता हुआ।

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20°C से नीचे नहीं जाएगा AC : अखिलेश शर्मा ने भी कही मन की बात

अगर सरकार इस प्रस्ताव को लागू कर देती है तो एसी निर्माता कंपनियों को ही अपने उत्पादों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बदलाव के जरिए इस रेंज तक सीमित रखने के लिए कहा जा सकता है।

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Published - Thursday, 12 June, 2025
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Thursday, 12 June, 2025
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बिजली बचत के लिए देश में अब आगे बिकने वाले एयर कंडीशनर (एसी) में तापमान की सीमाएं तय की जा सकती हैं। ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि भारत में सभी तरह के एसी में न्यूनतम तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सकता है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट अपनी राय दी।

उन्होंने एक्स पर लिखा, आप यह जान कर हैरान होंगे कि भारत में अब एसी की सबसे अधिक मांग कहां है? महानगरों और बड़े शहरों के बजाए अब छोटे शहरों, क़स्बों और यहाँ तक कि गाँवों में भी एसी की मांग बढ़ रही है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का लक्षण तो है लेकिन बदलते मौसम, बढ़ते तापमान, बदलती आदतें और बिजली आपूर्ति में सुधार को भी बताता है।

ऐसे में एसी का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री करना बिजली की बचत बढ़ाएगा। आपको बता दें, अगर सरकार इस प्रस्ताव को लागू कर देती है तो एसी निर्माता कंपनियों को ही अपने उत्पादों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बदलाव के जरिए इस रेंज तक सीमित रखने के लिए कहा जा सकता है।

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डोनाल्ड ट्रम्प अब देश और दुनिया के लिए एक परेशानी : समीर चौगांवकर

सत्ता का नशा ही ऐसा है, दो घूंट गले के नीचे उतरी नहीं कि पूरा ब्रह्मांड अपनी मुट्ठी में नजर आता है। सनक जब सरकार पर हावी होती है तो ट्रम्प जैसा नेता दुनिया के सामने आता है।

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Published - Tuesday, 10 June, 2025
Last Modified:
Tuesday, 10 June, 2025
donaldtrump

कैलिफोर्निया सरकार ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने लॉस एंजेलिस में बिना राज्यपाल की अनुमति के 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती को लेकर आधिकारिक मुकदमा दर्ज किया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन छापों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प अब देश और दुनिया के लिए एक परेशानी बन गए है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, सर्वोच्च पद पर पहुंचना, सर्वथा योग्य होने की निशानी नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने आचरण और तुनक मिज़ाज से इसे साबित किया है।

ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की गरिमा को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे आगमन को दुनिया भर में अनिश्चित भविष्य के बिना मुहर लगे वीजा के तौर पर देखा जा सकता है। सत्ता का नशा ही ऐसा है, दो घूंट गले के नीचे उतरी नहीं कि पूरा ब्रह्मांड अपनी मुट्ठी में नजर आता है।

सनक जब समझ और सरकार पर हावी होती है तो ट्रम्प जैसा नेता दुनिया के सामने अवतरित होता है। दुनिया में लगी आग को बुझाने का दावा करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प अब अपने ही देश को झुलसता देख रहे है। ट्रम्प, देश और दुनिया के लिए एक पहेली, परेशानी और पजल है।

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राजा रघुवंशी हत्याकांड पर बोलीं रुबिका लियाकत : ये कैसा समाज बना रहे हैं हम?

जैसे ही शिलांग की घटना का ज़िक्र होता ,इस लड़की सोनम के लिए फ़िक्रमंद हो जाती कि कहाँ होगी? किस हाल में होगी? कौन लोग होंगे जो इसे किडनैप कर ले गए होंगे?

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Published - Tuesday, 10 June, 2025
Last Modified:
Tuesday, 10 June, 2025
rubika

मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले 30 वर्षीय कारोबारी राजा रघुवंशी ने जब सोनम के साथ सात फेरे लिए, तो सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वो जिसे अपनी दुल्हन बनाकर घर ला रहा है, वही उसकी मौत की सबसे बड़ी साजिशकर्ता निकलेगी। इस मामले पर पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर कहा कि हम लोग ये कैसा समाज बनाते जा रहे है।

उन्होने लिखा, जैसे ही शिलांग की घटना का ज़िक्र होता ,इस लड़की सोनम के लिए फ़िक्रमंद हो जाती कि कहाँ होगी? किस हाल में होगी? कौन लोग होंगे जो इसे किडनैप कर ले गए होंगे? और अब से जानकर हतप्रभ हूँ कि अपने पति की हत्या के आरोप में इसे गिरफ़्तार किया गया है। ये कैसा समाज बना रहे हैं हम?

मत करो यार शादी, और दबाव बनाया जा रहा है तो बता दो उस लड़के को, उसके माँ-बाप को। किसी माँ के लाल को इसलिए मार देना कि वो तुम्हें पसंद नहीं? वहशीपन की हद है। शिलांग की बदनामी अलग कर गई ये घटना। ये क्या नया बिमारी शुरू हो गई है महिलाओं में? आपको बता दें, राजा की हत्या के आरोप में सोनम की गिरफ्तारी ने सबको हिलाकर रख दिया है।

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बेंगलुरु हादसे पर बोलीं मीनाक्षी कंडवाल : हम सिर्फ़ मौत को नंबर मानने वाले देश

ना तो ये आईसीसी टूर्नामेंट था और ना आईपीएल की हैसियत किसी वर्ल्ड कप जैसी थी। ना ये कोई सरकारी चैंपियनशिप थी और ना ही भारत सरकार आयोजित कर रही थी।

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Published - Thursday, 05 June, 2025
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Thursday, 05 June, 2025
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आरसीबी के पहले आईपीएल खिताब का जश्न मातम में बदल गया। बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर टीम की झलक पाने के लिए उमड़े जनसैलाब के कारण भगदड़ मच गई। हादसे में 11 लोगों की जान चली गई जबकि 30 से ज्यादा जख्मी हो गए। इस मामले पर पत्रकार और एंकर मीनाक्षी कंडवाल का कहना है कि हम हादसों से सबक लेने वाले देश नहीं, हम सिर्फ़ मौत को नंबर मानने वाले देश हैं।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, बेंगलुरु हादसे में जो बच्चे बेहोश और तड़पती हुई हालत में दिखे, सड़क पर ही लोग सीपीआर देते रहे, अगर इन तस्वीरों को देख कर भी आप ये कह रहे हैं कि “इन लोगो को अक्ल नहीं कि बच्चों को लेकर आ गए” तो क्या कहूं। हाँ आ गए, क्योंकि आम आदमी ने सोचा चलो अपने बच्चे को विराट की एक झलक, ट्रॉफी दिखा दूँगा। गुनाह हो गया उसने ऐसा सोचा क्योंकि उसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की नहीं। सरकार की ज़िम्मेदारी तो सिर्फ़ जश्न मनाने की थी।

ना तो ये ICC टूर्नामेंट था, ना आईपीएल की हैसियत किसी वर्ल्ड कप जैसी थी, ना ये कोई सरकारी चैंपियनशिप थी और ना ही भारत सरकार आयोजित कर रही थी। पैसा फेंक, तमाशा देख वाले खेल में “स्टेट प्राइड” की बात कहाँ से आ गई। फैन्स की फीलिंग अपनी जगह है लेकिन सरकार को तो “फोटो-ऑप” मोमेंट की जगह क्राउड मैनेजमेंट को प्राथमिकता में लाना चाहिए था। लेकिन अब होगा कुछ नहीं, क्योंकि हम हादसों से सबक लेने वाले देश नहीं, हम सिर्फ़ मौत को नंबर मानने वाले देश हैं। जान की कोई क़ीमत नहीं यहाँ।

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तैयारियों की पूर्ण कमी से हुई बेंगलुरु भगदड़: बरखा दत्त

कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में टीम की एक झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर बड़ी संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े, जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं रख सकी।

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Published - Thursday, 05 June, 2025
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Thursday, 05 June, 2025
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आरसीबी द्वारा पहली बार आइपीएल का खिताब जीतने के जश्न में शामिल होने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में प्रशंसकों के उमड़ने के बाद मची भगदड़ में 11 लोग मारे गए और 33 अन्य घायल हो गए। हालांकि, स्टेडियम के भीतर जीत का जश्न जारी रहा। वरिष्ठ पत्रकार और एंकर बरखा दत्त ने इसे असाधारण संवेदनहीनता बताया।

उन्होंने एक्स पर लिखा, बेंगलुरु भगदड़ तैयारियों की पूर्ण कमी को दर्शाता है। जब क्रिकेटरों का जश्न मनाने आए लोगों को कुचलकर मार डाला जा रहा था, तब जश्न मनाया जाता रहा। यह असाधारण संवेदनहीनता को दर्शाता है। मृतकों में एक छोटा बच्चा भी शामिल है। तस्वीर रोंगटे खड़े कर देने वाली है।

आपको बता दें, कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में टीम की एक झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर बड़ी संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े, जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं रख सकी। इसके लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। ये प्रशंसक स्टेडियम के भीतर घुसने की कोशिश में प्रवेश द्वार के बाहर ही भगदड़ का शिकार हो गए।

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पाकिस्तान को UNSC में बड़ी जिम्मेदारी, राजदीप सरदेसाई ने उठाया ये बड़ा सवाल

पाकिस्तान अब तालिबान प्रतिबंध समिति से जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता करेगा, सिफारिशें तैयार करेगा और सदस्यों के बीच सहमति बनाने में मदद करेगा।

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Published - Thursday, 05 June, 2025
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Thursday, 05 June, 2025
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पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। तालिबान प्रतिबंध समिति को 1988 समिति के तौर पर भी जाना जाता है। गुयाना और रूस इस समिति के उपाध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर इस निर्णय को हैरान कर देने वाला बताया।

उन्होंने एक्स पर लिखा, पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष और तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह आतंक को जड़ से ख़त्म करने की संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता के बारे में या स्पष्ट रूप से वैश्विक मंचों पर हमारी विदेश नीति के दबदबे के बारे में क्या कहता है?

कूटनीतिक कार्रवाई के तहत पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस लाना चाहिए। अन्यथा यह बहुत सारी बातें और बहुत कम कार्रवाई का मामला है। आपको बता दें, पाकिस्तान अब तालिबान प्रतिबंध समिति से जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता करेगा, सिफारिशें तैयार करेगा और सदस्यों के बीच सहमति बनाने में मदद करेगा।

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